विक्रम - छोटे राजा जी का कौन सा काम...
भैरव सिंह - (पहले विक्रम को देखता है, फिर पिनाक की ओर देख कर) छोटे राजा जी... क्या अभी तक आपने... युवराज को बताया नहीं...
पिनाक - वह... हाँ.. हाँ... कल ही सारी जानकारी... सारी बातें... युवराज को हमने बताये थे...
अरे भाई! कैसा awkward moment है ये!
विक्रम - किस किमत पर... अपने ही भाई की दिल को ठेस पहुँचा कर... उसका दिल तोड़ कर... हमने भी दिल लगाया था... हो सकता है... अपने ज़माने में आपने भी लगाया होगा...
भैरव सिंह - नहीं... जहां आपने दिल लगाया... हमने वहाँ अपना दिमाग लगाया... जिस रिश्ते से क्षेत्रपाल परिवार की नाक ऊंची हो... हम वहाँ समझौता कर सकते हैं...
पहली बार... शायद पहली बार विक्रम ने अपने बाप से तर्क वितर्क किया हो!
अभी तक तो वो जी हुज़ूर वाले mode में था!
विक्रम - मतलब कभी भी... अनु का...
पिनाक - कभी भी नहीं... आज शाम तक हमें शायद खबर मिल जाएगी....
इतना जानने पर भी अगर वो अनु को बचाने की कोशिश न करे, तो एक तरह से वो खूनी ही है।
जान-बूझ कर किसी निर्दोष की हत्या होने देना, ख़ास कर तब जब आप हत्या को रोकने में सक्षम हैं, महापाप है।
शायद यहीं से वो भैरव से दूर होने की कोशिश करे?
अनु - (थोड़ी उदासी भरी लहजे में) राजकुमार जी... माँ जी ने मुझे स्वीकारा... आपके भाई... भाभी... बहन ने भी मुझे स्वीकारा... हाँ मैं आपकी जिंदगी की हिस्सा हूँ.. पर... जिनके स्वीकारने पर... मैं आपके परिवार की हिस्सा बन पाती... उनकी स्वीकृति अभी तक नहीं मिली है ना...
सोचो - जिनके घर आना चाहती है, जिनकी स्वीकृति चाहती है, वो उसकी हत्या करना चाहते हैं।
अनु बचेगी कैसे, यह देखने वाली बात रहेगी।
रुप - (खीज कर, खड़ी हो जाती है) आआआह्ह्ह... मतलब... प्यार में... मुझे बेशरम होना पड़ेगा...
विश्व - (डर कर खड़ा हो जाता है) नहीं मेरा मतलब है...
"
डर कर खड़ा हो जाता है"
पढ़ते ही मन में शैतानी विचार आ गए!
रुप अब झपट्टा मारती है, विश्व के उपर पहले की तरह गिरती है l विश्व के बालों को पकड़ कर चेहरे को सीधा करती है और धीरे धीरे झुकती है, अंत में विश्व की नाक पर काटती है l
स्साला है बड़ा फ़ट्टू! ये बात तो नकचढ़ी ने सही समझी है।
सुहागरात में वो ही इसका घूँघट उठाएगी - इतना तय है!
बल्लभ - उसी हाउसिंग प्रोजेक्ट के सामने वाली जमीन पर... जो कि ना तो सरकारी है.. ना ही निजी... उसी जमीन पर निर्मल सामल अपना एक डुप्लेक्स सोसाइटी का मेगा प्रोजेक्ट ला रहे हैं... वह भी जोडार ग्रुप्स के आधे दाम में...
रोणा - ओ... इस तरह से... जोडार ग्रुप के घर... अनसोल्ड रह जाएंगे... इससे कंपनी डूब जाएगी...
बल्लभ - और विश्वा का विष दांत भी गिर जाएंगे... वह ऐसा सांप बन कर रह जाएगा... जिसका फन तो होगा... पर दांत नहीं होगा... और ऐसे सांपों को कुचलने में तुझे बड़ा मजा आता है ना...
लगता है इसी प्रोजेक्ट में पहली बड़ी चोट लगेगी खेत्रपालों को!
धन की चोट सबसे गहरी होती है।
बल्लभ - तेरा कौनसा काम...
रोणा - मैं अपने एक बंदे को खबर कर दूँगा... वह तुझे एक पार्सल देगा... मेरे लिए... तुझे वह पार्सल लाना है...
बल्लभ - पार्सल... क्या होगा उसमें...
रोणा - तकदीर...
ये बड़ी रहस्य वाली बात हो गई! किसकी तक़दीर?
ऐसा तो हो ही नहीं सकता कि भैरव को रोणा की बार बार की नाकामी दिखाई न दी हो! क्या पता, रोणा की ही तक़दीर का फ़ैसला हो जाए!
ये बल्लभ बड़ा सालार हो सकता है भैरव की सेना का!
वीर यह सब सुन कर स्तब्ध हो जाता है, उसे बहुत जोर का शॉक लगा था l उसके मन में कहीं ना कहीं विश्व की बात बैठ जाता है l
विश्व - है... है वीर... देखो हो सकता है... वह इनोसेंट हो... यह मेरा अनुमान सिर्फ है... एक बार उससे बात करवा दो... फिर शायद हम कोई कंक्लुजन लें...
वीर - पर मैं उसे कहाँ ढूंढु... वह हस्पताल से ऐसे गायब हुआ कि... उसका फोन नंबर भी तभी से आउट ऑफ सर्विस आ रहा है..
ये सब तो ठीक है, लेकिन लगता ही नहीं कि अनु को बचाने को ले कर कोई urgency है वीर में!
वो विश्व को पूरी बात ही नहीं बता रहा है। और तो और, उसको अनु के ऊपर घर से ही होने वाले हमले का कोई ज्ञान ही नहीं है।
शायद विक्रम उसको बताएगा। मामला बड़ा रोचक हुआ जा रहा है दादा!
दारूण दारूण!