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शायरी और गजल™
आप सभी दोस्तों का इस थ्रीड में तहे दिल से स्वागत है। इस थ्रीड में आप सभी अपनी मन पसंद गजलें अथवा शायरी पोस्ट करके हम सभी के दिलों को मंत्र मुग्ध कर देने वाले एहसास से रूबरू कराइये।
!! धन्यवाद !!
Waaah kya baat, bahut hi umda bhai,,,,,,ज़ख्म कुछ भरे नहीं,आंखें फिर नम हो गई,
खुली पलके राह में,तुझे बिन निहारे सो गई।
मेरे आंसू की वर्षा में,कब बदन गीला हुआ,
तुझे पाने की आरजू़ में, कब सुबह हो गई।
इबा़दत करते हम उनसे,गश़ में स्याई ठहरी,
जाने कब कलम,शायरी के शिकार हो गई।
साहिल दरिया का तू,कीमत न तूने समझी,
आंसू उलझते हैं,क्या मुझसे ख़फा हो गई।
इख्लास से धूत ,फिर पुतली आंसुओं से भरी,
महोब्ब़त खेल मे, हर पीड़ा बदनाम हो गई।
पल-पल यू बहे मोती,खुशी आज गम में हैं,
चांदी आज सोने से ज्यादा मशहूर हो गई।
बैठे इराशद में उनके, आंचल लिए हुए,
खंजर सीने में,कब्र में सोने की उम्र हो गई...
होश वालों को खबर क्या बेखुदी क्या चीज है,
इश्क कीजे फिर समझिये, जिन्दगी क्या चीज है।
उनसे नजरें क्या मिली, रोशन फिजायें हो गयी,
आज जाना प्यार की जादूगरी क्या चीज है।
खुलती जुल्फों ने सिखाई, मौसमो को शायरी,
झुकती आँखों ने बताया, मयकशी क्या चीज है।
हम लबों से कह ना पाए, उन से हाल-ए-दिल कभी,
और वो समझे नहीं, ये खामोशी क्या चीज है।
Waahh Aakash. bhai what a shayri________ज़ख्म कुछ भरे नहीं,आंखें फिर नम हो गई,
खुली पलके राह में,तुझे बिन निहारे सो गई।
मेरे आंसू की वर्षा में,कब बदन गीला हुआ,
तुझे पाने की आरजू़ में, कब सुबह हो गई।
इबा़दत करते हम उनसे,गश़ में स्याई ठहरी,
जाने कब कलम,शायरी के शिकार हो गई।
साहिल दरिया का तू,कीमत न तूने समझी,
आंसू उलझते हैं,क्या मुझसे ख़फा हो गई।
इख्लास से धूत ,फिर पुतली आंसुओं से भरी,
महोब्ब़त खेल मे, हर पीड़ा बदनाम हो गई।
पल-पल यू बहे मोती,खुशी आज गम में हैं,
चांदी आज सोने से ज्यादा मशहूर हो गई।
बैठे इराशद में उनके, आंचल लिए हुए,
खंजर सीने में,कब्र में सोने की उम्र हो गई...