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Horror किस्से अनहोनियों के

Shetan

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Update 30

स्कूल की छत गिरने से मरे बच्चों की समस्या सॉल्व हो चुकी थी. मणिकर्णिका घाट पर मरे हुए सभी बच्चे, दिन दयाल के दोनों बेटे जिनकी बली दीनदयाल ने दिलवाई थी.

उसके आलावा जिन जिन लोगो ने आत्माओ की चपेट मे आकर आत्मा हत्या करी. वो सारे. और सबसे खास पडितजी की आत्मा की शांति के लिए पूजा करवाई. उसके बाद सारे प्रयागराज त्रिवेणी संगम पर नहाने गए.

कहावत है की प्रयागराज सारे तीर्थं का राजा है. तीन नदियों का संगम गंगा, जमना और सरस्वती नदियों के संगम पर जिन अस्तियों का वित्सर्जन होता है. उनको मुक्ति मिल जाती है. उन सब ने कशी विस्वनाथ के भी दर्शन किए.

काशी की भी एक मान्यता है. वहां विश्वनाथ जी के दर्सन कीजिये गंगा मईया के दर्सन कीजिये. मगर वहां से कुछ लेकर मत जाइये. वरना बहोत बड़े पाप के भोगी बनियेगा.

सारे काम पुरे करने के बाद वापस उसी गांव मे जाने की बारी आई. शाम हो गई थी. सभी बस मे सवार हो गए. सभी थके हुए थे. कइयों को नींद आ रही थी. बस मे अंदर लाइट बंद अंधेरा हो चूका था.

बस की हेडलाइट से काला रोड किसी नागिन के जैसा डरावना लग रहा था. आगे एक शीट पर दाई माँ. उनके पीछे डॉ रुस्तम. और उनके पीछे बलबीर के साथ कोमल बैठी हुई थी.

अपने प्रेमी के कंधो पर सर रखे कोमल ने आंखे बंद कर रखी थी. लेकिन वो सोइ नहीं थी. उसके दिमाग़ मे हर वक्त कोई ना कोई खुरापात चलती ही रहती. कोमल ने अपना सर ऊपर उठाया. और बलबीर की तरफ देखा. बलबीर विंडो पर अपना सर टेके सो रहा था.

सोते हुए उसका मुँह खुला हुआ. और हलके हलके वो खर्राटे भी ले रहा था. उसे ऐसे देख कर कोमल को हसीं आ गई. उसने अपना पर्स खोला. और उसमे से एक चविंगम निकली.

चविंगम का रेपर हटाया. और चविंगम खा गई. बड़ी आहिस्ता से बलबीर की तरफ झूकते हुए कोमल ने चविंगम का रेपर बलबीर के मुँह मे डाल दिया. बलबीर को जैसा खांसी आ रही हो. वो उठा और अपने मुँह से चविंगम का रेपर निकलता है.

अपना फेस थोडा गुस्से वाला किए उसने कोमल की तरफ देखा. उसकी हालत पर बिना आवाज किए. अपने मुँह पर हाथ रख कर कोमल हसने लगी.


बलबीर : अरे यार थोडा सो लेने दो यार.


बोल कर बलबीर फिर विंडो के सहारे आंख बंद कर के सोने लगा. लेकिन कोमल के पिटारे मे तो शारारत का भंडार था. वो दोबारा थोडा बलबीर की तरफ खिसकी. और अपना मुँह बलबीर के कान के पास ले गई.


कोमल : (धीमी आवाज) मै तुम्हारे बच्चे की माँ बन ने वाली हु.


बोल कर कोमल एकदम सीधी होकर बैठ गई. और बलबीर की तरफ देखते उसके रिएक्शन का वेट करने लगी. वही बलबीर एकदम से चौंक गया. उसकी तो एकदम से नींद ही उड़ गई. और वो हैरानी से कोमल की तरफ देखने लगा.

कोमल अपनी हसीं रोके एकदम खामोश थी. पर एक बात कोमल को भी नहीं मालूम थी की उसने कितना धीरे बोला की डॉ रुस्तम और उनकी एक शीट आगे दाई माँ ने भी ये सुन लिया. और वो दो भी बिलकुल पीछे नहीं देखते. बस सामने देख कोमल का मज़ाक सुनकर हस रहे थे.


बलबीर : (सॉक, धीमी आवाज) क्या सच मे???


कोमल अपने आप को रोक नहीं पाई. और वो एकदम से खिल खिलाकर हस पड़ी. पीछे सो रहे सभी की नींद टूट गई. दाई माँ के सिवा बाकि सब ने तुरंत कोमल की तरफ देखा. जब डॉ रुस्तम ने घूम कर स्माइल किए कोमल की तरफ देखा. तब जाकर कोमल शांत हुई.

और चुप चाप बैठ गई. मगर फिर भी उस से अपनी हसीं नहीं रुक रही थी. वो मंद मंद मुस्कुरा ही रही थी. बलबीर की नींद तो अब कोसो दूर भाग चुकी थी. लेकिन बलबीर को अब भी भरोसा नहीं हो रहा था की कोमल सच बोल रही थी.

या फिर वो बस मज़ाक था. वो कोमल की तरफ झूकते उसके कान मे बहोत धीरे से बोला.


बलबीर : (बहोत ही धीमी आवाज मे) क्या सच मे??? देखो मज़ाक मत करना.


कोमल : (धीमी आवाज) अरे यार तुम बड़े फट्टू हो यार. अगर हो गया तो क्या हो जाएगा. डरो नहीं. मै तो बस तुम्हारी टांग खिंच रही थी.


बलबीर : यार मुजे सोने दो यार. तुम माई से मज़ाक करो ना. वो तुम्हे कुछ नहीं करेंगी. क्या पता कुछ सुना दे.


कोमल ने मुँह बनाकर जैसे उसे गुस्सा आ रहा हो. वो बलबीर को घूरने लगी. और सीधा खड़ी होकर दाई माँ की तरफ जाने लगी. दाई माँ को भी पता थी. की कोमल उसके पास आ रही है. कोमल अपनी शीट से उठी और आगे दाई माँ के पास जाकर खड़ी हो गई.


दाई माँ : का ए री?? (क्या है??)


कोमल सीधा तपाक से दाई माँ की बाहो मे जबरदस्ती घुस गई. दाई माँ हलके फुल्के हाथ कोमल को मरने लगी.


दाई माँ : हे.. हट... ठाडी होय... (खड़ी होजा)


पर कोमल कहा मान ने वालों मे से थी. वो तो टेढ़ी होकर दाई माँ की गोद मे ही पसर गई. दाई माँ ने भी विरोध बंद कर दिया. दाई माँ बड़े प्यार से कोमल के बालो को सहलाने लगी. डॉ रुस्तम और कैमरामैन सतीश हसने लगे. सब जानते थे की दाई माँ के आगे किसी की नहीं चलती. पर कोमल तो कोमल थी.

दाई माँ भी कोमल के बालो को साहलाते कोमल के बचपन के दिन याद करने लगी. जब सभी माँ अपने बच्चों को दाई माँ के पास जाने से डरती. बच्चे भी उनके पास आने से डरते तब कोमल ही थी. छोटी सी प्यारी बच्ची. जो फ्रॉक पहने गोरी चिट्टी सुंदर मासूम खिल खिलाती दाई माँ के पास आकर खेलती. अपनी प्यारी आवाज से दाई माँ को पुकारती.


कोमल : (बचपन) दादी माँ...


वो बचपन मे दाई माँ को दादी माँ पुकारती थी. कोमल की माँ जयश्री भी कभी कोमल को नहीं रोकती थी. मगर कोमल जैसे जैसे बड़ी होती गई. वो दाई माँ से नई नई कहानियाँ सुन ने की फरमाइश करने लगी.

और हॉरर स्टोरी कोमल की पसंद कब बनी. ये दोनों मे से किसी को याद नहीं रहा. लेकिन कोमल हॉरर स्टोरी जरूर सुनती. पर वो सारी नार्मल होती. बड़ा होने के बाद कोमल ने हकीकत स्टोरीया जानी.

पर अब कोमल एक बार फिर दाई माँ के पास उनकी गोद मे थी. और वो जब भी आती कुछ सुने बिना नहीं जाती.


कोमल : माँ कुछ बताओ ना.


दाई माँ : री का बताऊ???


कोमल : अममम प्लीज बताओ ना.


दाई माँ हस्ती हुई कोमल के सर पर हाथ घुमाया. डॉ रुस्तम खड़े हुए और दाई माँ के बगल वाली रॉव की शीट पर आ गए. सायद दाई माँ के बिना कहे वो भी समझ जाते की दाई माँ क्या चाहती है. कोमल ने भी डॉ रुस्तम को देखा. पर वो दाई माँ के कंधे पर ही सर रखे उनकी गोद मे ही रही. जैसे वो छोटी बच्ची हो.


डॉ रुस्तम : हम्म तो कोमल तुम पहले ये जान लो की भगवान, भुत,प्रेत, पिशाज ये सब जो भी है. ये सब एनर्जी है. कोई नार्मल एनर्जी है तो कोई पावरफुल एनर्जी. तो कोई तो बिलकुल ही सुप्रीम एनर्जी है.


कोमल : सुप्रीम तो भगवान ही होंगे ना.


डॉ : बिलकुल. फिर चाहे तुम भगवान कहो या गॉड कहो हा फिर अल्लाह. एक ही बात है. ये सुप्रीम है. दूसरे धर्म मज़हब का तो मै प्रोपर नहीं बता सकता. लेकिन भगवान के तीन तरह के रूप होते है. सात्विक, तामशिक, राजशिक.


कोमल : हम्म थोडा बहोत आईडिया है. हम आम जिंदगी मे भगवान को सात्विक तरीके से पूजते है. भक्ति पूजा ये सब.


डॉ : बिलजुल. तामसिक तरीके मे तंत्र मंत्र का इस्तेमाल होता है. वैसे तो वो सब सात्विक मे भी होता है. मगर तामशिक अलग है. बली प्रथा. किसी जीव की और भी बहोत तरीके से सात्विक और तमश मे अंतर किया जा सकता है. मगर भगवान एक और रूप मे भी होते है.


कोमल : तामशिक के बारे मे तो आप पहले भी बता चुके हो. मतलब ब्रह्मांड से सीधा जुड़ना.


डॉ : (स्माइल) वाह... बहोत अच्छे. तुम्हे याद है. मगर मेने कभी राजशिक के बारे मे तुम्हे नहीं बताया.


कोमल : फिर देर क्यों.


डॉ : राजस्य रूप हम इंसानो के लिए तो है ही नहीं. नाही कोई जीवित जीव के लिए. ये मरे हुए लोगो की दुनिया मे भगवान अपना एक अलग ही रूप दिखलाते है. इस बारे मे फिर बाद मे बात करेंगे. अब आते है पावरफुल एनर्जी. ये भी तीन प्रकार की होती है. 1) जिसे भगवान या देवताओं द्वारा बनाया गया हो.


कोमल ये सुनकर सॉक हो गई.


कोमल : क्या??? भगवान और देवताओं के जरिये भी कोई भुत प्रेत हो सकते है???


डॉ : बिलकुल हो सकते है नहीं होते है. यक्षिणी कुछ पिशाज, गंधर्व, अपशरा, किन्नर, निशाचार, जोगिनिया, जिन्न बहोत से है. मगर दूसरा प्रकार जिसमे ये सारी एनर्जी (2) शेतान ने बनाई है.


कोमल : तो ये सारी एनर्जी तो भुत हेना??


डॉ : हा बिलकुल. ये सारे भुत ही है.


कोमल : तो भगवान ने क्यों बनाई है.


कोमल की बात पर डॉ रुस्तम हलका सा मुस्कुराए.


डॉ : क्यों की भगवान सबके ही है. तुमने सुना ही होगा. भगवान की सेवा मे यही भुत पिशाज रहते है. वो सब भी भगवान की ही आराधना करते है.


कोमल : तो दूसरे किसम के कैसे होते है??


डॉ : नंबर (2) वो एनर्जी जिसे शैतान ने बनाया है. शैतान मतलब अलग अलग धर्म, मजहब के लोगो ने उसे अलग अलग नाम दिये है. कोई कलीपुरुष कहता है. तो कोई इब्लिश, तो कोई शेटन, तो कोई लूसीफर. लेकिन है ये एक ही. कुछ लोग इसे हीरो या भगवान, खुदा गॉड भी मानते है. लेकिन शैतान ने भी कुछ ऐसी ब्लैक एनर्जी बनाई है.

जो अगर सही हाथो मे हो तो कइयों का भला हो सकता है. वरना तबाही मचा सकता है. जैसे खाविश, कई पिशाज है. जिनहे शैतान ने बनाया है. कई पाताल की एनर्जी है. जिसे शैतान ने जन्म दिया है. कई प्रकार की चुड़ैले है.


कोमल : बलबीर ने मुजे दो डायन की स्टोरी सुनाई थी. क्या वो भी शैतान ने बनाई है??


डॉ रुस्तम को कोमल का सवाल समझ नहीं आया. बलवीर का नाम आता तो सुनते ही उसने भी अपना सर ऊपर उठाया. डॉ रुस्तम ने हैरानी से दाई माँ की तरफ देखा.


दाई माँ : हे वा इंसानइ होते.


डॉ रुस्तम ने दाई माँ की बात क्लियर की.


डॉ : डायन वो होती है. जो शैतान की पूजा करती है. उसे बली देती है. और वक्त वक्त पर ताकतवर होती जाती है. इसके आलावा कई ऐसी एनर्जी है जो इंसान खुद बनता है. कोई भगवान की मदद से. तो कोई शैतान की मदद से. जैसे की कुछ क्रियाए. मरण क्रिया. मोहन क्रिया.

बहोत सारी तंत्र क्रिया. जिसमे सोल नहीं होती. पर ये एनर्जी होती है. और बहोत भयंकर एनर्जी होती है. इसके आलावा छोटे बच्चे. जो पैदा होते ही मर गए हो. या मर दिया हो. उनसे कच्चे कलुए जैसी बहोत ख़तरनाक एनटीटी मतलब एनर्जी बनाई जा सकती है.


कोमल : मुजे पहले डायनो के बारे मे कुछ बताइये ना.


डॉ : हम्म... ये वक्त के साथ ताकतवर होती जाती है. ये वक्त वक्त पर शैतानो को बली देती है. मुर्गा, बकरा, फिर और कोई जानवर, फिर इंसान, बच्चे, कवारी लड़की या लड़का.


कोमल : तो वो बली के लिए इंसानो को तैयार कैसे करती है.


डॉ : धोखे से. वशीकरण, सम्मोहन, या फिर और कोई धोखा. बहोत प्रकार से इंसानो को धोखे मे रखा जा सकता है. ये सब दुनिया की नजरों से बचाकर किया जाता है.


कोमल : कोई केस बताओ ना. आप ने पहले कोई केस तो देखा होगा??

डॉ रुस्तम मुश्कुराए. वो बस कोमल को ज्ञान देना चाहते थे. पर कोमल तो किस्से भी सुन ना चाहती थी. वो खुश हुए. वो कोमल को अपने साथ इसी काम मे आगे बढ़ाना चाहते थे. डॉ रुस्तम ने मुश्कुराते तुरंत ही घूम कर पीछे की तरफ देखा.

कोमल को पता नहीं चली. पर डॉ रुस्तम उनके कैमरामैन सतीश को देख रहे थे. जो बैठे बैठे गहेरी नींद मे सोया हुआ था.
 

Shetan

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Kingsingh

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Kahani ko ek baar fir se shuru karne par bahut bahut badhayi lekhika ji umeed hai ye wali bhi aapki baaki stories ki tarah superhit jayegi.
Congratulations and welcome back
 
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Congratulations and welcome back
बहोत बहोत धन्यवाद. पर हॉरर स्टोरी हिट नहीं होती. Thankyou very very much.
 

Seen@12

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Kahani ko fir se Shru krne ke liye congratulations
Ab se aapke update mei bone chilling horror l aur Gyan dono hi milega
Waiting for next update
 
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Shetan

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बिलकुल आज ही न्यू अपडेट पोस्ट कर दूंगी. मगर बिना रेव्यू और लाइक्स के एक राइटर आगे नहीं बढ़ सकता. हॉरर लाइवर्स बहोत ही कम होते है.
 

Shetan

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Ab se aapke update mei bone chilling horror l aur Gyan dono hi milega
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अगर सेक्सुअल फैंटासी हॉरर पढ़ना चाहते हो तो मेरी स्टोरी saya 1 पढ़कर देखो. मज़ेदार है.
 
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komaalrani

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Update आ चूका है. कहानी फिर से चालू हो चुकी है. दोस्तों एक बार फिर से मेरा साथ दे. और कहानी को सपोर्ट करें.
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