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Fantasy 'सुप्रीम' एक रहस्यमई सफर

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Dhakad boy

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#116.

त्रिशक्ति: (
12 जनवरी 2002, शनिवार, 13:25, वाशिंगटन डी.सी., अमेरिका)

वेगा अचानक से अपने ऊपर हो रहे हमलों से परेशान हो गया था। वह अपनी बातें अपने भाई युगाका से शेयर भी नहीं कर सकता था, नहीं तो युगाका डरकर उसे अराका द्वीप पर बुला लेता।

वेगा के जन्मदिन को बीते आज 3 दिन हो गये थे। इन तीन दिनों में वेगा ना तो वीनस से मिला था और ना ही कहीं घर से बाहर निकला था। पर वेगा घर में बैठे-बैठे बिल्कुल बोर हो गया था। इसलिये आज उसने घर से निकलने का प्लान कर ही लिया।

वेगा ने आज अपने क्लब जाकर स्वीमिंग करने का प्लान कर लिया।

यह सोच वेगा कार की चाबी ले, घर से बाहर निकल गया, पर वह भैया की दी हुई जोडियाक वॉच पहनना नहीं भूला।

कुछ ही देर में ड्राइव करते हुए वेगा अपने स्वीमिंग क्लब तक पहुंच गया। वेगा ने चेंजिंग रुम में जा कर अपने कपड़े चेन्ज किये और स्वीमिंग पूल के पास पहुंच गया।

स्वीमिंग पूल में सिर्फ 2 लोग ही और स्वीमिंग कर रहे थे। वेगा ने डाइविंग बोर्ड पर खड़े होकर पानी में डाइव मार दी।

नीले रंग के स्वीमिंग पूल का पानी बेहद साफ सुथरा दिख रहा था। स्वीमिंग हमेशा से ही वेगा का फेवरेट शुगल रहा था।

वेगा जब भी पानी में उतरता, वह अपने आप को बहुत फ्रेश महसूस करने लगता था। चूंकि वेगा एक अटलांटियन था, इसलिये उसे पानी में भी साँस लेना आता था, पर वह दुनिया को दिखाने के लिये हर कुछ देर में पानी से बाहर आकर साँस लेने का नाटक करता था।

डाइव लगाने के बाद वेगा पानी के अंदर ही अंदर, स्वीमिंग पूल के एक सिरे से दूसरे सिरे की ओर चल दिया।

तभी वेगा को पानी में एक बहुत छोटी सी मछली दिखाई दी। वह मछली 2 सेमी छोटी थी।

वह मछली बिल्कुल पारदर्शी थी। अगर उसकी आँखें काली ना होतीं तो शायद वेगा उसे देख भी नहीं पाता।

“ये तो ‘टैबियस’ मछली है, यह तो झील के फ्रेश वॉटर में पायी जाती है, यह यहां स्वीमिंग पूल के पानी में कैसे आ गयी? वेगा अभी उस नन्हीं मछली को देख ही रहा था कि तभी वह नन्हीं मछली एक ‘इलेक्ट्रिक ईल मछली’ में बदल गई और इससे पहले कि वेगा अपना बचाव कर पाता, उस ईल मछली ने वेगा को छूकर करंट का एक तेज झटका दिया।

वेगा का पूरा शरीर पानी में झनझना गया। वह करंट कम से कम 600 वॉट का तो जरुर रहा होगा।

वेगा के शरीर का आधा करंट उसकी जोडियाक वॉच ने खींच लिया, नहीं तो वेगा इतने तेज करंट से मर भी
सकता था।

वेगा ने पलटकर ईल मछली को देखा, वह पानी में तैरती हुई फिर उसकी ओर बढ़ रही थी।

वेगा यह देख तेजी से पानी से निकलने के लिये, किनारे की ओर तैरने लगा। तभी पीछे से आकर ईल ने वेगा को फिर एक बार करंट लगा दिया।

वेगा को इस बार पिछले वाले से भी ज्यादा करंट महसूस हुआ। वह समझ गया कि अब अगर एक बार भी ईल ने उसे और करंट मारा, तो वह मर जायेगा।

यह सोच वेगा ने अपनी पूरी शक्ति एक बार फिर एकत्रित की और किनारे की ओर तेजी से तैरने लगा।
इससे पहले कि ईल दोबारा पलट कर आती वेगा स्वीमिंग पूल से बाहर निकल गया।

वेगा अब किनारे पर लेटा हुआ, पानी में घूम रही ईल मछली को देख रहा था।

वेगा के साथ जो कुछ भी हुआ, वह वहां तैर रहे बाकी दोनों लड़को ने नहीं देखा था। वह अभी भी पानी में मस्ती कर रहे थे।

तभी वेगा के देखते ही देखते वह ईल पानी में गायब हो गई।

यह देख वेगा की आँखें कुछ सोचने वाले अंदाज में सिकुड़ गयीं। वेगा क्लब में और कोई हंगामा होते नहीं देखना चाहता था। इसलिये चेंजिंग रुम में जा कर कपड़े बदले और अपनी कार की ओर चल पड़ा।

वेगा की कार आउटडोर खड़ी थी, इसलिये वह बाहर की ओर चल दिया।

रास्ते में एक छोटा सा फव्वारा बना था, जिसमें पानी के फव्वारे चारो ओर पानी छीट रहे थे।

उस फव्वारे के दूसरी साइड एक बड़ी सी किसी अप्सरा की मूर्ति बनी थी, जो एक बड़ी सी मटकी अपने सिर पर रखे हुई थी।

जैसे ही वेगा उस फव्वारे के बगल से निकला, एक 10 फुट लंबा काला नाग उस फव्वारे वाले स्थान से निकलकर वेगा के पैर से लिपट गया।

वेगा यह देखकर हैरान हो गया। उसे क्लब जैसी जगह पर इतने खतरनाक नाग के होने का अंदेशा भी नहीं था।

नाग अपना पूरा फन फैला कर वेगा को काटने चला, पर वेगा का भी पूरा बचपन जंगल में ही बीता था। उसे नाग से बचना अच्छी तरह से आता था।

इससे पहले कि नाग वेगा को कोई नुकसान पहुंचा पाता, वेगा ने नाग के फन को, अपने सीधे हाथ से जोर से पकड़ लिया।

वेगा के द्वारा फन पकड़ लिये जाने पर नाग वेगा को काट नहीं पा रहा था, तभी उसने अपनी पूंछ से वेगा के पैर को जोर से उमेठना शुरु कर दिया।

नाग के ताकत बहुत ज्यादा थी, वेगा बांये हाथ से नाग की पूंछ को अपने पैर से छुड़ाने की कोशिश तो कर रहा था, पर एक हाथ से वह सफल नहीं हो पा रहा था।

इसी प्रयास में वेगा जमीन पर गिर पड़ा, पर गिरने के बाद भी वेगा ने नाग के फन को नहीं छोड़ा था।
तभी वेगा को उस अप्सरा की मूर्ति के नीचे, झाड़ी काटने वाली एक बड़ी सी कैंची दिखाई दी।

अब वेगा जमीन पर सरक कर धीरे-धीरे उस कैंची की ओर बढ़ने लगा।

तभी खतरा देख वेगा की जोडियाक वॉच स्वतः हरकत में आ गयी। उससे निकलकर धरा-कण मूर्ति के सिर पर रखी मटकी में समा गया।

उधर वेगा घिसटता हुआ मूर्ति के नीचे पहुंच गया। वेगा ने जमीन पर पड़ी कैंची की ओर अपना बांया हाथ बढ़ाया।

वेगा को कैंची की ओर हाथ बढ़ाते देख नाग ने पूरी ताकत लगा कर अपना फन वेगा के हाथ से छुड़ा लिया।

अब नाग वेगा के शरीर को छोड़कर उसके सामने आ गया। वेगा अभी भी गिरा पड़ा हुआ था। वेगा अचानक से उस नाग की आक्रामकता देख कर हैरान रह गया।

नाग ने अपना फन जोर से फैलाया और वेगा को काटने चला। वेगा के पास अब स्वयं को बचाने का बिल्कुल भी समय नहीं था।

तभी मूर्ति के सिर पर रखा मटका तेजी से हवा में लहराया और नाग के फन पर आकर जोर से गिरा। इतने भारी मटके के नीचे दबकर नाग मारा गया।

वेगा के देखते ही देखते नाग का शरीर वहां से धुंआ बनकर उड़ गया। वेगा की आँखें एक बार फिर सिकुड़ गयीं।

अब वेगा को पूर्ण विश्वास हो गया था कि उस पर बार-बार हो रहे यह हमले एक इत्तेफाक नहीं थे, इसके पीछे अवश्य ही कोई गहरा राज था? वेगा तुरंत कार में बैठकर अपने घर की ओर चल दिया।

वेगा कार को ड्राइव करके भीड़ भरे रास्ते से अपने घर की ओर जा रहा था, पर अब एक कार उसकी कार का पीछा कर रही थी।

वेगा का पीछा कर रही कार में धरा और मयूर बैठे थे।

“यह तो एक साधारण बालक लग रहा है।” धरा ने मयूर से कहा-“इसके पास हमारी धरा शक्ति कैसे पहुंची?”

“उसने धरा शक्ति के हमारे कण को किसी आधुनिक तरीके से बनी एक घड़ी में डाल रखा है और वह घड़ी राशियों का रुप लेकर इसे बचा रही है।” मयूर ने कहा- “पर एक बात कहूं मुझे लगता है कि इस बालक को भी धरा शक्ति के बारे में कुछ भी पता नहीं है?”

“सही कहा मयूर, पर हमें इस लड़के को अपने अधिकार में लेकर उससे यह तो पूछना ही पड़ेगा कि उसे यह घड़ी किसने दी?”

धरा ने कार को ड्राइव करते हुए कहा- “और हम इस तरह से किसी मनुष्य को इतनी बड़ी धरा शक्ति का अधिकार भी नहीं दे सकते, हमें इससे वह घड़ी छीननी ही पड़ेगी। लेकिन इसके लिये हमें इस लड़के के किसी एकांत जगह में जाने का इंतजार करना होगा क्यों कि हम अपनी शक्तियों का प्रयोग मनुष्यों के सामने नहीं कर सकते।”

तभी वेगा की कार एक ऐसी रोड पर आ गयी, जहां पर ज्यादा भीड़-भाड़ नहीं थी।

वेगा ने एक जगह पर कार को रोका और कार से उतरकर एक फल की दुकान की ओर बढ़ गया।

यह देख मयूर ने धरा को इशारा किया।

धरा ने अपनी कार को वेगा की कार से कुछ दूरी पर रोका और कार से उतरकर वेगा की ओर बढ़ने लगी।

मयूर कार में ही बैठकर धरा को देख रहा था। धरा अब फल खरीद रहे वेगा के बिल्कुल पीछे पहुंच गयी, तभी जाने कहां से एक पागल सांड अनियंत्रित हो कर वेगा की ओर दौड़ पड़ा।

अनियंत्रित सांड अपने रास्ते में आ रही हर चीज को हटाता जा रहा था।

चूंकि धरा और मयूर का ध्यान पूरी तरह से वेगा की ओर था, इसलिये वेगा की ओर तेजी से बढ़ रहा सांड उन्हें भी दिखाई नहीं दिया। और इससे पहले कि धरा वेगा का कुछ भी कर पाती, पागल सांड जा कर तेजी से धरा से जा टकराया।

सांड की टक्कर इतनी प्रभावशाली थी कि धरा उछलकर काफी दूर जा गिरी और उसका सिर एक कंक्रीट की दीवार से टकराने की वजह से, उसकी चेतना भी लुप्त हो गयी।

धरा को टक्कर मारने के बाद सांड वेगा की झपटा, पर वेगा की नजर इस जोरदार आवाज की वजह से सांड पर पड़ गयी थी।

वेगा ने तेजी से अपने शरीर को एक ओर गिरा कर स्वयं को बचा लिया।

सांड अपनी झोंक में वेगा के पीछे मौजूद एक बड़े से पेड़ से जा टकराया। सांड गुस्सा कर पलटा और वेगा को अपनी लाल-लाल आँखों से घूरने लगा।

उधर मयूर ने जैसे ही धरा को गिरते देखा, गुस्साकर कार से बाहर आया और गिरी पड़ी धरा की ओर भागा। मयूर ने धरा को हिलाया, पर धरा बेहोश थी।

गुस्साकर मयूर ने उस सांड की ओर देखा, सांड पेड़ के नीचे खड़ा गुस्से से फुंफकारता हुआ खूनी नजरों से वेगा की ओर देख रहा था।

यह देख मयूर ने गुस्से से जमीन को धीरे से थपथपाया। तभी सांड के पीछे खड़े, उस पेड़ की जड़ों के पास की धरती में कुछ परिवर्तन होना शुरु हो गया।

मयूर के थपथपाते ही पेड़ की जड़ के पास की मिट्टी जमीन में समाने लगी, जिसकी वजह से 1 सेकेण्ड में ही पेड़ की जड़ें मिट्टी के बाहर दिखाई देने लगीं और इससे पहले कि वेगा को कुछ समझ आता, वह पेड़ एक चरचराहट की आवाज के साथ उस सांड के ऊपर आ गिरा।

सांड उस बड़े से पेड़ के नीचे पूरी तरह से दब गया।

वेगा को लगा कि पेड़ सांड की टक्कर की वजह से कमजोर हो गया था, इसलिये ही वह गिर पड़ा।

अब वेगा का ध्यान बेहोश पड़ी धरा की ओर गया, जिसे उसके पास बैठा मयूर हिला कर उठाने की कोशिश कर रहा था। वेगा भागकर धरा के पास पहुंच गया।

“इन्हें तो काफी चोट आयी लगती है, जल्दी चलिये मैं आपको हॉस्पिटल छोड़ देता हूं।” वेगा ने मयूर को देखते हुए कहा।

“नहीं...नहीं...इसे कुछ नहीं हुआ है, बस यह डर की वजह से बेहोश है, यह अपने आप सही हो जायेगी।
हमें हॉस्पिटल जाने की कोई जरुरत नहीं है।” हॉस्पिटल का नाम सुनते ही मयूर थोड़ा डर सा गया।

“पर ये बेहोश हैं और मैंने देखा, उस सांड की सीधी टक्कर इन्हें लगी थी, ऐसे में इन्हें अंदरुनी चोट आयी हो सकती है, हमें इन्हें किसी ना किसी डॉक्टर को दिखाना जरुरी है।” वेगा ने धरा को देखते हुए अपनी सलाह
दी।

“देखिये ये हॉस्पिटल के नाम पर बहुत पैनिक हो जाती हैं, इसलिये मैं इन्हें हॉस्पिटल तो किसी भी कीमत पर नहीं ले जा सकता।” मयूर ने भी बहाना बनाते हुए कहा।

“तो फिर ठीक है, आप इन्हें मेरे घर पर ले चलिये, मैं वहीं पर किसी डॉक्टर को कॉल करके बुला लूंगा।” वेगा ने सॉल्यूशन निकालते हुए कहा- “और मेरा घर भी यहां से बिल्कुल पास में ही है।”

मयूर को वेगा का यह सुझाव बहुत अच्छा लगा, उसने सोचा कि इसी बहाने वेगा के घर का भी पता चल जायेगा।

“ठीक है, हम आपके घर चल सकते हैं।” मयूर ने अपनी स्वीकृति दे दी।

मयूर की बात सुनते ही वेगा अपनी कार की ओर भागा। मयूर ने अपनी कार वहीं खड़ी छोड़ी और धरा को लेकर वेगा की कार की पिछली सीट पर बैठ गया।

मयूर, धरा के लिये ज्यादा चिंतित नहीं था, उसे पता था कि धरा को कैसी भी चोट लगी हो, उसके अंदर मौजूद धरा शक्ति कुछ ही देर में धरा को सही कर देगी।

अंजाने में वेगा, उन्हें ही अपने घर ले जा रहा था, जो कि उसे ही मारने वाशिंगटन डी.सी. आये थे।


जारी रहेगा_______
✍️
Bhut hi badhiya update Bhai
Vega par bar bar janleva and khatarnak musibate aa rahi hai aur har bar vega kinhi na kinhi vajho se bach ja raha hai ya to uski jodiyak watch ki vajah se ya kisi aur vajah se
Lekin ab jab vo kudh apne dushmano ko hi apne ghar ke ja raha hai to dhekte hai vo bach pata hai ya nahi
 

parkas

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#116.

त्रिशक्ति: (
12 जनवरी 2002, शनिवार, 13:25, वाशिंगटन डी.सी., अमेरिका)

वेगा अचानक से अपने ऊपर हो रहे हमलों से परेशान हो गया था। वह अपनी बातें अपने भाई युगाका से शेयर भी नहीं कर सकता था, नहीं तो युगाका डरकर उसे अराका द्वीप पर बुला लेता।

वेगा के जन्मदिन को बीते आज 3 दिन हो गये थे। इन तीन दिनों में वेगा ना तो वीनस से मिला था और ना ही कहीं घर से बाहर निकला था। पर वेगा घर में बैठे-बैठे बिल्कुल बोर हो गया था। इसलिये आज उसने घर से निकलने का प्लान कर ही लिया।

वेगा ने आज अपने क्लब जाकर स्वीमिंग करने का प्लान कर लिया।

यह सोच वेगा कार की चाबी ले, घर से बाहर निकल गया, पर वह भैया की दी हुई जोडियाक वॉच पहनना नहीं भूला।

कुछ ही देर में ड्राइव करते हुए वेगा अपने स्वीमिंग क्लब तक पहुंच गया। वेगा ने चेंजिंग रुम में जा कर अपने कपड़े चेन्ज किये और स्वीमिंग पूल के पास पहुंच गया।

स्वीमिंग पूल में सिर्फ 2 लोग ही और स्वीमिंग कर रहे थे। वेगा ने डाइविंग बोर्ड पर खड़े होकर पानी में डाइव मार दी।

नीले रंग के स्वीमिंग पूल का पानी बेहद साफ सुथरा दिख रहा था। स्वीमिंग हमेशा से ही वेगा का फेवरेट शुगल रहा था।

वेगा जब भी पानी में उतरता, वह अपने आप को बहुत फ्रेश महसूस करने लगता था। चूंकि वेगा एक अटलांटियन था, इसलिये उसे पानी में भी साँस लेना आता था, पर वह दुनिया को दिखाने के लिये हर कुछ देर में पानी से बाहर आकर साँस लेने का नाटक करता था।

डाइव लगाने के बाद वेगा पानी के अंदर ही अंदर, स्वीमिंग पूल के एक सिरे से दूसरे सिरे की ओर चल दिया।

तभी वेगा को पानी में एक बहुत छोटी सी मछली दिखाई दी। वह मछली 2 सेमी छोटी थी।

वह मछली बिल्कुल पारदर्शी थी। अगर उसकी आँखें काली ना होतीं तो शायद वेगा उसे देख भी नहीं पाता।

“ये तो ‘टैबियस’ मछली है, यह तो झील के फ्रेश वॉटर में पायी जाती है, यह यहां स्वीमिंग पूल के पानी में कैसे आ गयी? वेगा अभी उस नन्हीं मछली को देख ही रहा था कि तभी वह नन्हीं मछली एक ‘इलेक्ट्रिक ईल मछली’ में बदल गई और इससे पहले कि वेगा अपना बचाव कर पाता, उस ईल मछली ने वेगा को छूकर करंट का एक तेज झटका दिया।

वेगा का पूरा शरीर पानी में झनझना गया। वह करंट कम से कम 600 वॉट का तो जरुर रहा होगा।

वेगा के शरीर का आधा करंट उसकी जोडियाक वॉच ने खींच लिया, नहीं तो वेगा इतने तेज करंट से मर भी
सकता था।

वेगा ने पलटकर ईल मछली को देखा, वह पानी में तैरती हुई फिर उसकी ओर बढ़ रही थी।

वेगा यह देख तेजी से पानी से निकलने के लिये, किनारे की ओर तैरने लगा। तभी पीछे से आकर ईल ने वेगा को फिर एक बार करंट लगा दिया।

वेगा को इस बार पिछले वाले से भी ज्यादा करंट महसूस हुआ। वह समझ गया कि अब अगर एक बार भी ईल ने उसे और करंट मारा, तो वह मर जायेगा।

यह सोच वेगा ने अपनी पूरी शक्ति एक बार फिर एकत्रित की और किनारे की ओर तेजी से तैरने लगा।
इससे पहले कि ईल दोबारा पलट कर आती वेगा स्वीमिंग पूल से बाहर निकल गया।

वेगा अब किनारे पर लेटा हुआ, पानी में घूम रही ईल मछली को देख रहा था।

वेगा के साथ जो कुछ भी हुआ, वह वहां तैर रहे बाकी दोनों लड़को ने नहीं देखा था। वह अभी भी पानी में मस्ती कर रहे थे।

तभी वेगा के देखते ही देखते वह ईल पानी में गायब हो गई।

यह देख वेगा की आँखें कुछ सोचने वाले अंदाज में सिकुड़ गयीं। वेगा क्लब में और कोई हंगामा होते नहीं देखना चाहता था। इसलिये चेंजिंग रुम में जा कर कपड़े बदले और अपनी कार की ओर चल पड़ा।

वेगा की कार आउटडोर खड़ी थी, इसलिये वह बाहर की ओर चल दिया।

रास्ते में एक छोटा सा फव्वारा बना था, जिसमें पानी के फव्वारे चारो ओर पानी छीट रहे थे।

उस फव्वारे के दूसरी साइड एक बड़ी सी किसी अप्सरा की मूर्ति बनी थी, जो एक बड़ी सी मटकी अपने सिर पर रखे हुई थी।

जैसे ही वेगा उस फव्वारे के बगल से निकला, एक 10 फुट लंबा काला नाग उस फव्वारे वाले स्थान से निकलकर वेगा के पैर से लिपट गया।

वेगा यह देखकर हैरान हो गया। उसे क्लब जैसी जगह पर इतने खतरनाक नाग के होने का अंदेशा भी नहीं था।

नाग अपना पूरा फन फैला कर वेगा को काटने चला, पर वेगा का भी पूरा बचपन जंगल में ही बीता था। उसे नाग से बचना अच्छी तरह से आता था।

इससे पहले कि नाग वेगा को कोई नुकसान पहुंचा पाता, वेगा ने नाग के फन को, अपने सीधे हाथ से जोर से पकड़ लिया।

वेगा के द्वारा फन पकड़ लिये जाने पर नाग वेगा को काट नहीं पा रहा था, तभी उसने अपनी पूंछ से वेगा के पैर को जोर से उमेठना शुरु कर दिया।

नाग के ताकत बहुत ज्यादा थी, वेगा बांये हाथ से नाग की पूंछ को अपने पैर से छुड़ाने की कोशिश तो कर रहा था, पर एक हाथ से वह सफल नहीं हो पा रहा था।

इसी प्रयास में वेगा जमीन पर गिर पड़ा, पर गिरने के बाद भी वेगा ने नाग के फन को नहीं छोड़ा था।
तभी वेगा को उस अप्सरा की मूर्ति के नीचे, झाड़ी काटने वाली एक बड़ी सी कैंची दिखाई दी।

अब वेगा जमीन पर सरक कर धीरे-धीरे उस कैंची की ओर बढ़ने लगा।

तभी खतरा देख वेगा की जोडियाक वॉच स्वतः हरकत में आ गयी। उससे निकलकर धरा-कण मूर्ति के सिर पर रखी मटकी में समा गया।

उधर वेगा घिसटता हुआ मूर्ति के नीचे पहुंच गया। वेगा ने जमीन पर पड़ी कैंची की ओर अपना बांया हाथ बढ़ाया।

वेगा को कैंची की ओर हाथ बढ़ाते देख नाग ने पूरी ताकत लगा कर अपना फन वेगा के हाथ से छुड़ा लिया।

अब नाग वेगा के शरीर को छोड़कर उसके सामने आ गया। वेगा अभी भी गिरा पड़ा हुआ था। वेगा अचानक से उस नाग की आक्रामकता देख कर हैरान रह गया।

नाग ने अपना फन जोर से फैलाया और वेगा को काटने चला। वेगा के पास अब स्वयं को बचाने का बिल्कुल भी समय नहीं था।

तभी मूर्ति के सिर पर रखा मटका तेजी से हवा में लहराया और नाग के फन पर आकर जोर से गिरा। इतने भारी मटके के नीचे दबकर नाग मारा गया।

वेगा के देखते ही देखते नाग का शरीर वहां से धुंआ बनकर उड़ गया। वेगा की आँखें एक बार फिर सिकुड़ गयीं।

अब वेगा को पूर्ण विश्वास हो गया था कि उस पर बार-बार हो रहे यह हमले एक इत्तेफाक नहीं थे, इसके पीछे अवश्य ही कोई गहरा राज था? वेगा तुरंत कार में बैठकर अपने घर की ओर चल दिया।

वेगा कार को ड्राइव करके भीड़ भरे रास्ते से अपने घर की ओर जा रहा था, पर अब एक कार उसकी कार का पीछा कर रही थी।

वेगा का पीछा कर रही कार में धरा और मयूर बैठे थे।

“यह तो एक साधारण बालक लग रहा है।” धरा ने मयूर से कहा-“इसके पास हमारी धरा शक्ति कैसे पहुंची?”

“उसने धरा शक्ति के हमारे कण को किसी आधुनिक तरीके से बनी एक घड़ी में डाल रखा है और वह घड़ी राशियों का रुप लेकर इसे बचा रही है।” मयूर ने कहा- “पर एक बात कहूं मुझे लगता है कि इस बालक को भी धरा शक्ति के बारे में कुछ भी पता नहीं है?”

“सही कहा मयूर, पर हमें इस लड़के को अपने अधिकार में लेकर उससे यह तो पूछना ही पड़ेगा कि उसे यह घड़ी किसने दी?”

धरा ने कार को ड्राइव करते हुए कहा- “और हम इस तरह से किसी मनुष्य को इतनी बड़ी धरा शक्ति का अधिकार भी नहीं दे सकते, हमें इससे वह घड़ी छीननी ही पड़ेगी। लेकिन इसके लिये हमें इस लड़के के किसी एकांत जगह में जाने का इंतजार करना होगा क्यों कि हम अपनी शक्तियों का प्रयोग मनुष्यों के सामने नहीं कर सकते।”

तभी वेगा की कार एक ऐसी रोड पर आ गयी, जहां पर ज्यादा भीड़-भाड़ नहीं थी।

वेगा ने एक जगह पर कार को रोका और कार से उतरकर एक फल की दुकान की ओर बढ़ गया।

यह देख मयूर ने धरा को इशारा किया।

धरा ने अपनी कार को वेगा की कार से कुछ दूरी पर रोका और कार से उतरकर वेगा की ओर बढ़ने लगी।

मयूर कार में ही बैठकर धरा को देख रहा था। धरा अब फल खरीद रहे वेगा के बिल्कुल पीछे पहुंच गयी, तभी जाने कहां से एक पागल सांड अनियंत्रित हो कर वेगा की ओर दौड़ पड़ा।

अनियंत्रित सांड अपने रास्ते में आ रही हर चीज को हटाता जा रहा था।

चूंकि धरा और मयूर का ध्यान पूरी तरह से वेगा की ओर था, इसलिये वेगा की ओर तेजी से बढ़ रहा सांड उन्हें भी दिखाई नहीं दिया। और इससे पहले कि धरा वेगा का कुछ भी कर पाती, पागल सांड जा कर तेजी से धरा से जा टकराया।

सांड की टक्कर इतनी प्रभावशाली थी कि धरा उछलकर काफी दूर जा गिरी और उसका सिर एक कंक्रीट की दीवार से टकराने की वजह से, उसकी चेतना भी लुप्त हो गयी।

धरा को टक्कर मारने के बाद सांड वेगा की झपटा, पर वेगा की नजर इस जोरदार आवाज की वजह से सांड पर पड़ गयी थी।

वेगा ने तेजी से अपने शरीर को एक ओर गिरा कर स्वयं को बचा लिया।

सांड अपनी झोंक में वेगा के पीछे मौजूद एक बड़े से पेड़ से जा टकराया। सांड गुस्सा कर पलटा और वेगा को अपनी लाल-लाल आँखों से घूरने लगा।

उधर मयूर ने जैसे ही धरा को गिरते देखा, गुस्साकर कार से बाहर आया और गिरी पड़ी धरा की ओर भागा। मयूर ने धरा को हिलाया, पर धरा बेहोश थी।

गुस्साकर मयूर ने उस सांड की ओर देखा, सांड पेड़ के नीचे खड़ा गुस्से से फुंफकारता हुआ खूनी नजरों से वेगा की ओर देख रहा था।

यह देख मयूर ने गुस्से से जमीन को धीरे से थपथपाया। तभी सांड के पीछे खड़े, उस पेड़ की जड़ों के पास की धरती में कुछ परिवर्तन होना शुरु हो गया।

मयूर के थपथपाते ही पेड़ की जड़ के पास की मिट्टी जमीन में समाने लगी, जिसकी वजह से 1 सेकेण्ड में ही पेड़ की जड़ें मिट्टी के बाहर दिखाई देने लगीं और इससे पहले कि वेगा को कुछ समझ आता, वह पेड़ एक चरचराहट की आवाज के साथ उस सांड के ऊपर आ गिरा।

सांड उस बड़े से पेड़ के नीचे पूरी तरह से दब गया।

वेगा को लगा कि पेड़ सांड की टक्कर की वजह से कमजोर हो गया था, इसलिये ही वह गिर पड़ा।

अब वेगा का ध्यान बेहोश पड़ी धरा की ओर गया, जिसे उसके पास बैठा मयूर हिला कर उठाने की कोशिश कर रहा था। वेगा भागकर धरा के पास पहुंच गया।

“इन्हें तो काफी चोट आयी लगती है, जल्दी चलिये मैं आपको हॉस्पिटल छोड़ देता हूं।” वेगा ने मयूर को देखते हुए कहा।

“नहीं...नहीं...इसे कुछ नहीं हुआ है, बस यह डर की वजह से बेहोश है, यह अपने आप सही हो जायेगी।
हमें हॉस्पिटल जाने की कोई जरुरत नहीं है।” हॉस्पिटल का नाम सुनते ही मयूर थोड़ा डर सा गया।

“पर ये बेहोश हैं और मैंने देखा, उस सांड की सीधी टक्कर इन्हें लगी थी, ऐसे में इन्हें अंदरुनी चोट आयी हो सकती है, हमें इन्हें किसी ना किसी डॉक्टर को दिखाना जरुरी है।” वेगा ने धरा को देखते हुए अपनी सलाह
दी।

“देखिये ये हॉस्पिटल के नाम पर बहुत पैनिक हो जाती हैं, इसलिये मैं इन्हें हॉस्पिटल तो किसी भी कीमत पर नहीं ले जा सकता।” मयूर ने भी बहाना बनाते हुए कहा।

“तो फिर ठीक है, आप इन्हें मेरे घर पर ले चलिये, मैं वहीं पर किसी डॉक्टर को कॉल करके बुला लूंगा।” वेगा ने सॉल्यूशन निकालते हुए कहा- “और मेरा घर भी यहां से बिल्कुल पास में ही है।”

मयूर को वेगा का यह सुझाव बहुत अच्छा लगा, उसने सोचा कि इसी बहाने वेगा के घर का भी पता चल जायेगा।

“ठीक है, हम आपके घर चल सकते हैं।” मयूर ने अपनी स्वीकृति दे दी।

मयूर की बात सुनते ही वेगा अपनी कार की ओर भागा। मयूर ने अपनी कार वहीं खड़ी छोड़ी और धरा को लेकर वेगा की कार की पिछली सीट पर बैठ गया।

मयूर, धरा के लिये ज्यादा चिंतित नहीं था, उसे पता था कि धरा को कैसी भी चोट लगी हो, उसके अंदर मौजूद धरा शक्ति कुछ ही देर में धरा को सही कर देगी।

अंजाने में वेगा, उन्हें ही अपने घर ले जा रहा था, जो कि उसे ही मारने वाशिंगटन डी.सी. आये थे।


जारी रहेगा_______
✍️
Bahut hi shaandar update diya hai Raj_sharma bhai....
Nice and lovely update....
 

kas1709

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213
#116.

त्रिशक्ति: (
12 जनवरी 2002, शनिवार, 13:25, वाशिंगटन डी.सी., अमेरिका)

वेगा अचानक से अपने ऊपर हो रहे हमलों से परेशान हो गया था। वह अपनी बातें अपने भाई युगाका से शेयर भी नहीं कर सकता था, नहीं तो युगाका डरकर उसे अराका द्वीप पर बुला लेता।

वेगा के जन्मदिन को बीते आज 3 दिन हो गये थे। इन तीन दिनों में वेगा ना तो वीनस से मिला था और ना ही कहीं घर से बाहर निकला था। पर वेगा घर में बैठे-बैठे बिल्कुल बोर हो गया था। इसलिये आज उसने घर से निकलने का प्लान कर ही लिया।

वेगा ने आज अपने क्लब जाकर स्वीमिंग करने का प्लान कर लिया।

यह सोच वेगा कार की चाबी ले, घर से बाहर निकल गया, पर वह भैया की दी हुई जोडियाक वॉच पहनना नहीं भूला।

कुछ ही देर में ड्राइव करते हुए वेगा अपने स्वीमिंग क्लब तक पहुंच गया। वेगा ने चेंजिंग रुम में जा कर अपने कपड़े चेन्ज किये और स्वीमिंग पूल के पास पहुंच गया।

स्वीमिंग पूल में सिर्फ 2 लोग ही और स्वीमिंग कर रहे थे। वेगा ने डाइविंग बोर्ड पर खड़े होकर पानी में डाइव मार दी।

नीले रंग के स्वीमिंग पूल का पानी बेहद साफ सुथरा दिख रहा था। स्वीमिंग हमेशा से ही वेगा का फेवरेट शुगल रहा था।

वेगा जब भी पानी में उतरता, वह अपने आप को बहुत फ्रेश महसूस करने लगता था। चूंकि वेगा एक अटलांटियन था, इसलिये उसे पानी में भी साँस लेना आता था, पर वह दुनिया को दिखाने के लिये हर कुछ देर में पानी से बाहर आकर साँस लेने का नाटक करता था।

डाइव लगाने के बाद वेगा पानी के अंदर ही अंदर, स्वीमिंग पूल के एक सिरे से दूसरे सिरे की ओर चल दिया।

तभी वेगा को पानी में एक बहुत छोटी सी मछली दिखाई दी। वह मछली 2 सेमी छोटी थी।

वह मछली बिल्कुल पारदर्शी थी। अगर उसकी आँखें काली ना होतीं तो शायद वेगा उसे देख भी नहीं पाता।

“ये तो ‘टैबियस’ मछली है, यह तो झील के फ्रेश वॉटर में पायी जाती है, यह यहां स्वीमिंग पूल के पानी में कैसे आ गयी? वेगा अभी उस नन्हीं मछली को देख ही रहा था कि तभी वह नन्हीं मछली एक ‘इलेक्ट्रिक ईल मछली’ में बदल गई और इससे पहले कि वेगा अपना बचाव कर पाता, उस ईल मछली ने वेगा को छूकर करंट का एक तेज झटका दिया।

वेगा का पूरा शरीर पानी में झनझना गया। वह करंट कम से कम 600 वॉट का तो जरुर रहा होगा।

वेगा के शरीर का आधा करंट उसकी जोडियाक वॉच ने खींच लिया, नहीं तो वेगा इतने तेज करंट से मर भी
सकता था।

वेगा ने पलटकर ईल मछली को देखा, वह पानी में तैरती हुई फिर उसकी ओर बढ़ रही थी।

वेगा यह देख तेजी से पानी से निकलने के लिये, किनारे की ओर तैरने लगा। तभी पीछे से आकर ईल ने वेगा को फिर एक बार करंट लगा दिया।

वेगा को इस बार पिछले वाले से भी ज्यादा करंट महसूस हुआ। वह समझ गया कि अब अगर एक बार भी ईल ने उसे और करंट मारा, तो वह मर जायेगा।

यह सोच वेगा ने अपनी पूरी शक्ति एक बार फिर एकत्रित की और किनारे की ओर तेजी से तैरने लगा।
इससे पहले कि ईल दोबारा पलट कर आती वेगा स्वीमिंग पूल से बाहर निकल गया।

वेगा अब किनारे पर लेटा हुआ, पानी में घूम रही ईल मछली को देख रहा था।

वेगा के साथ जो कुछ भी हुआ, वह वहां तैर रहे बाकी दोनों लड़को ने नहीं देखा था। वह अभी भी पानी में मस्ती कर रहे थे।

तभी वेगा के देखते ही देखते वह ईल पानी में गायब हो गई।

यह देख वेगा की आँखें कुछ सोचने वाले अंदाज में सिकुड़ गयीं। वेगा क्लब में और कोई हंगामा होते नहीं देखना चाहता था। इसलिये चेंजिंग रुम में जा कर कपड़े बदले और अपनी कार की ओर चल पड़ा।

वेगा की कार आउटडोर खड़ी थी, इसलिये वह बाहर की ओर चल दिया।

रास्ते में एक छोटा सा फव्वारा बना था, जिसमें पानी के फव्वारे चारो ओर पानी छीट रहे थे।

उस फव्वारे के दूसरी साइड एक बड़ी सी किसी अप्सरा की मूर्ति बनी थी, जो एक बड़ी सी मटकी अपने सिर पर रखे हुई थी।

जैसे ही वेगा उस फव्वारे के बगल से निकला, एक 10 फुट लंबा काला नाग उस फव्वारे वाले स्थान से निकलकर वेगा के पैर से लिपट गया।

वेगा यह देखकर हैरान हो गया। उसे क्लब जैसी जगह पर इतने खतरनाक नाग के होने का अंदेशा भी नहीं था।

नाग अपना पूरा फन फैला कर वेगा को काटने चला, पर वेगा का भी पूरा बचपन जंगल में ही बीता था। उसे नाग से बचना अच्छी तरह से आता था।

इससे पहले कि नाग वेगा को कोई नुकसान पहुंचा पाता, वेगा ने नाग के फन को, अपने सीधे हाथ से जोर से पकड़ लिया।

वेगा के द्वारा फन पकड़ लिये जाने पर नाग वेगा को काट नहीं पा रहा था, तभी उसने अपनी पूंछ से वेगा के पैर को जोर से उमेठना शुरु कर दिया।

नाग के ताकत बहुत ज्यादा थी, वेगा बांये हाथ से नाग की पूंछ को अपने पैर से छुड़ाने की कोशिश तो कर रहा था, पर एक हाथ से वह सफल नहीं हो पा रहा था।

इसी प्रयास में वेगा जमीन पर गिर पड़ा, पर गिरने के बाद भी वेगा ने नाग के फन को नहीं छोड़ा था।
तभी वेगा को उस अप्सरा की मूर्ति के नीचे, झाड़ी काटने वाली एक बड़ी सी कैंची दिखाई दी।

अब वेगा जमीन पर सरक कर धीरे-धीरे उस कैंची की ओर बढ़ने लगा।

तभी खतरा देख वेगा की जोडियाक वॉच स्वतः हरकत में आ गयी। उससे निकलकर धरा-कण मूर्ति के सिर पर रखी मटकी में समा गया।

उधर वेगा घिसटता हुआ मूर्ति के नीचे पहुंच गया। वेगा ने जमीन पर पड़ी कैंची की ओर अपना बांया हाथ बढ़ाया।

वेगा को कैंची की ओर हाथ बढ़ाते देख नाग ने पूरी ताकत लगा कर अपना फन वेगा के हाथ से छुड़ा लिया।

अब नाग वेगा के शरीर को छोड़कर उसके सामने आ गया। वेगा अभी भी गिरा पड़ा हुआ था। वेगा अचानक से उस नाग की आक्रामकता देख कर हैरान रह गया।

नाग ने अपना फन जोर से फैलाया और वेगा को काटने चला। वेगा के पास अब स्वयं को बचाने का बिल्कुल भी समय नहीं था।

तभी मूर्ति के सिर पर रखा मटका तेजी से हवा में लहराया और नाग के फन पर आकर जोर से गिरा। इतने भारी मटके के नीचे दबकर नाग मारा गया।

वेगा के देखते ही देखते नाग का शरीर वहां से धुंआ बनकर उड़ गया। वेगा की आँखें एक बार फिर सिकुड़ गयीं।

अब वेगा को पूर्ण विश्वास हो गया था कि उस पर बार-बार हो रहे यह हमले एक इत्तेफाक नहीं थे, इसके पीछे अवश्य ही कोई गहरा राज था? वेगा तुरंत कार में बैठकर अपने घर की ओर चल दिया।

वेगा कार को ड्राइव करके भीड़ भरे रास्ते से अपने घर की ओर जा रहा था, पर अब एक कार उसकी कार का पीछा कर रही थी।

वेगा का पीछा कर रही कार में धरा और मयूर बैठे थे।

“यह तो एक साधारण बालक लग रहा है।” धरा ने मयूर से कहा-“इसके पास हमारी धरा शक्ति कैसे पहुंची?”

“उसने धरा शक्ति के हमारे कण को किसी आधुनिक तरीके से बनी एक घड़ी में डाल रखा है और वह घड़ी राशियों का रुप लेकर इसे बचा रही है।” मयूर ने कहा- “पर एक बात कहूं मुझे लगता है कि इस बालक को भी धरा शक्ति के बारे में कुछ भी पता नहीं है?”

“सही कहा मयूर, पर हमें इस लड़के को अपने अधिकार में लेकर उससे यह तो पूछना ही पड़ेगा कि उसे यह घड़ी किसने दी?”

धरा ने कार को ड्राइव करते हुए कहा- “और हम इस तरह से किसी मनुष्य को इतनी बड़ी धरा शक्ति का अधिकार भी नहीं दे सकते, हमें इससे वह घड़ी छीननी ही पड़ेगी। लेकिन इसके लिये हमें इस लड़के के किसी एकांत जगह में जाने का इंतजार करना होगा क्यों कि हम अपनी शक्तियों का प्रयोग मनुष्यों के सामने नहीं कर सकते।”

तभी वेगा की कार एक ऐसी रोड पर आ गयी, जहां पर ज्यादा भीड़-भाड़ नहीं थी।

वेगा ने एक जगह पर कार को रोका और कार से उतरकर एक फल की दुकान की ओर बढ़ गया।

यह देख मयूर ने धरा को इशारा किया।

धरा ने अपनी कार को वेगा की कार से कुछ दूरी पर रोका और कार से उतरकर वेगा की ओर बढ़ने लगी।

मयूर कार में ही बैठकर धरा को देख रहा था। धरा अब फल खरीद रहे वेगा के बिल्कुल पीछे पहुंच गयी, तभी जाने कहां से एक पागल सांड अनियंत्रित हो कर वेगा की ओर दौड़ पड़ा।

अनियंत्रित सांड अपने रास्ते में आ रही हर चीज को हटाता जा रहा था।

चूंकि धरा और मयूर का ध्यान पूरी तरह से वेगा की ओर था, इसलिये वेगा की ओर तेजी से बढ़ रहा सांड उन्हें भी दिखाई नहीं दिया। और इससे पहले कि धरा वेगा का कुछ भी कर पाती, पागल सांड जा कर तेजी से धरा से जा टकराया।

सांड की टक्कर इतनी प्रभावशाली थी कि धरा उछलकर काफी दूर जा गिरी और उसका सिर एक कंक्रीट की दीवार से टकराने की वजह से, उसकी चेतना भी लुप्त हो गयी।

धरा को टक्कर मारने के बाद सांड वेगा की झपटा, पर वेगा की नजर इस जोरदार आवाज की वजह से सांड पर पड़ गयी थी।

वेगा ने तेजी से अपने शरीर को एक ओर गिरा कर स्वयं को बचा लिया।

सांड अपनी झोंक में वेगा के पीछे मौजूद एक बड़े से पेड़ से जा टकराया। सांड गुस्सा कर पलटा और वेगा को अपनी लाल-लाल आँखों से घूरने लगा।

उधर मयूर ने जैसे ही धरा को गिरते देखा, गुस्साकर कार से बाहर आया और गिरी पड़ी धरा की ओर भागा। मयूर ने धरा को हिलाया, पर धरा बेहोश थी।

गुस्साकर मयूर ने उस सांड की ओर देखा, सांड पेड़ के नीचे खड़ा गुस्से से फुंफकारता हुआ खूनी नजरों से वेगा की ओर देख रहा था।

यह देख मयूर ने गुस्से से जमीन को धीरे से थपथपाया। तभी सांड के पीछे खड़े, उस पेड़ की जड़ों के पास की धरती में कुछ परिवर्तन होना शुरु हो गया।

मयूर के थपथपाते ही पेड़ की जड़ के पास की मिट्टी जमीन में समाने लगी, जिसकी वजह से 1 सेकेण्ड में ही पेड़ की जड़ें मिट्टी के बाहर दिखाई देने लगीं और इससे पहले कि वेगा को कुछ समझ आता, वह पेड़ एक चरचराहट की आवाज के साथ उस सांड के ऊपर आ गिरा।

सांड उस बड़े से पेड़ के नीचे पूरी तरह से दब गया।

वेगा को लगा कि पेड़ सांड की टक्कर की वजह से कमजोर हो गया था, इसलिये ही वह गिर पड़ा।

अब वेगा का ध्यान बेहोश पड़ी धरा की ओर गया, जिसे उसके पास बैठा मयूर हिला कर उठाने की कोशिश कर रहा था। वेगा भागकर धरा के पास पहुंच गया।

“इन्हें तो काफी चोट आयी लगती है, जल्दी चलिये मैं आपको हॉस्पिटल छोड़ देता हूं।” वेगा ने मयूर को देखते हुए कहा।

“नहीं...नहीं...इसे कुछ नहीं हुआ है, बस यह डर की वजह से बेहोश है, यह अपने आप सही हो जायेगी।
हमें हॉस्पिटल जाने की कोई जरुरत नहीं है।” हॉस्पिटल का नाम सुनते ही मयूर थोड़ा डर सा गया।

“पर ये बेहोश हैं और मैंने देखा, उस सांड की सीधी टक्कर इन्हें लगी थी, ऐसे में इन्हें अंदरुनी चोट आयी हो सकती है, हमें इन्हें किसी ना किसी डॉक्टर को दिखाना जरुरी है।” वेगा ने धरा को देखते हुए अपनी सलाह
दी।

“देखिये ये हॉस्पिटल के नाम पर बहुत पैनिक हो जाती हैं, इसलिये मैं इन्हें हॉस्पिटल तो किसी भी कीमत पर नहीं ले जा सकता।” मयूर ने भी बहाना बनाते हुए कहा।

“तो फिर ठीक है, आप इन्हें मेरे घर पर ले चलिये, मैं वहीं पर किसी डॉक्टर को कॉल करके बुला लूंगा।” वेगा ने सॉल्यूशन निकालते हुए कहा- “और मेरा घर भी यहां से बिल्कुल पास में ही है।”

मयूर को वेगा का यह सुझाव बहुत अच्छा लगा, उसने सोचा कि इसी बहाने वेगा के घर का भी पता चल जायेगा।

“ठीक है, हम आपके घर चल सकते हैं।” मयूर ने अपनी स्वीकृति दे दी।

मयूर की बात सुनते ही वेगा अपनी कार की ओर भागा। मयूर ने अपनी कार वहीं खड़ी छोड़ी और धरा को लेकर वेगा की कार की पिछली सीट पर बैठ गया।

मयूर, धरा के लिये ज्यादा चिंतित नहीं था, उसे पता था कि धरा को कैसी भी चोट लगी हो, उसके अंदर मौजूद धरा शक्ति कुछ ही देर में धरा को सही कर देगी।

अंजाने में वेगा, उन्हें ही अपने घर ले जा रहा था, जो कि उसे ही मारने वाशिंगटन डी.सी. आये थे।


जारी रहेगा_______
✍️
Nice update....
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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Bhut hi badhiya update Bhai
Vega par bar bar janleva and khatarnak musibate aa rahi hai aur har bar vega kinhi na kinhi vajho se bach ja raha hai ya to uski jodiyak watch ki vajah se ya kisi aur vajah se
Lekin ab jab vo kudh apne dushmano ko hi apne ghar ke ja raha hai to dhekte hai vo bach pata hai ya nahi
Bhai Dhara and Mayur uske dushman nahi hain,:nono: Wo to bas use dushman samajh rahe hai, aur aage jo hoga wo entrusting hoga, :declare: Sath bane rahiye, Thank you very much for yourwonderful
review and support bhai :hug:
 

Raj_sharma

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Raj_sharma

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Ajju Landwalia

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#116.

त्रिशक्ति: (
12 जनवरी 2002, शनिवार, 13:25, वाशिंगटन डी.सी., अमेरिका)

वेगा अचानक से अपने ऊपर हो रहे हमलों से परेशान हो गया था। वह अपनी बातें अपने भाई युगाका से शेयर भी नहीं कर सकता था, नहीं तो युगाका डरकर उसे अराका द्वीप पर बुला लेता।

वेगा के जन्मदिन को बीते आज 3 दिन हो गये थे। इन तीन दिनों में वेगा ना तो वीनस से मिला था और ना ही कहीं घर से बाहर निकला था। पर वेगा घर में बैठे-बैठे बिल्कुल बोर हो गया था। इसलिये आज उसने घर से निकलने का प्लान कर ही लिया।

वेगा ने आज अपने क्लब जाकर स्वीमिंग करने का प्लान कर लिया।

यह सोच वेगा कार की चाबी ले, घर से बाहर निकल गया, पर वह भैया की दी हुई जोडियाक वॉच पहनना नहीं भूला।

कुछ ही देर में ड्राइव करते हुए वेगा अपने स्वीमिंग क्लब तक पहुंच गया। वेगा ने चेंजिंग रुम में जा कर अपने कपड़े चेन्ज किये और स्वीमिंग पूल के पास पहुंच गया।

स्वीमिंग पूल में सिर्फ 2 लोग ही और स्वीमिंग कर रहे थे। वेगा ने डाइविंग बोर्ड पर खड़े होकर पानी में डाइव मार दी।

नीले रंग के स्वीमिंग पूल का पानी बेहद साफ सुथरा दिख रहा था। स्वीमिंग हमेशा से ही वेगा का फेवरेट शुगल रहा था।

वेगा जब भी पानी में उतरता, वह अपने आप को बहुत फ्रेश महसूस करने लगता था। चूंकि वेगा एक अटलांटियन था, इसलिये उसे पानी में भी साँस लेना आता था, पर वह दुनिया को दिखाने के लिये हर कुछ देर में पानी से बाहर आकर साँस लेने का नाटक करता था।

डाइव लगाने के बाद वेगा पानी के अंदर ही अंदर, स्वीमिंग पूल के एक सिरे से दूसरे सिरे की ओर चल दिया।

तभी वेगा को पानी में एक बहुत छोटी सी मछली दिखाई दी। वह मछली 2 सेमी छोटी थी।

वह मछली बिल्कुल पारदर्शी थी। अगर उसकी आँखें काली ना होतीं तो शायद वेगा उसे देख भी नहीं पाता।

“ये तो ‘टैबियस’ मछली है, यह तो झील के फ्रेश वॉटर में पायी जाती है, यह यहां स्वीमिंग पूल के पानी में कैसे आ गयी? वेगा अभी उस नन्हीं मछली को देख ही रहा था कि तभी वह नन्हीं मछली एक ‘इलेक्ट्रिक ईल मछली’ में बदल गई और इससे पहले कि वेगा अपना बचाव कर पाता, उस ईल मछली ने वेगा को छूकर करंट का एक तेज झटका दिया।

वेगा का पूरा शरीर पानी में झनझना गया। वह करंट कम से कम 600 वॉट का तो जरुर रहा होगा।

वेगा के शरीर का आधा करंट उसकी जोडियाक वॉच ने खींच लिया, नहीं तो वेगा इतने तेज करंट से मर भी
सकता था।

वेगा ने पलटकर ईल मछली को देखा, वह पानी में तैरती हुई फिर उसकी ओर बढ़ रही थी।

वेगा यह देख तेजी से पानी से निकलने के लिये, किनारे की ओर तैरने लगा। तभी पीछे से आकर ईल ने वेगा को फिर एक बार करंट लगा दिया।

वेगा को इस बार पिछले वाले से भी ज्यादा करंट महसूस हुआ। वह समझ गया कि अब अगर एक बार भी ईल ने उसे और करंट मारा, तो वह मर जायेगा।

यह सोच वेगा ने अपनी पूरी शक्ति एक बार फिर एकत्रित की और किनारे की ओर तेजी से तैरने लगा।
इससे पहले कि ईल दोबारा पलट कर आती वेगा स्वीमिंग पूल से बाहर निकल गया।

वेगा अब किनारे पर लेटा हुआ, पानी में घूम रही ईल मछली को देख रहा था।

वेगा के साथ जो कुछ भी हुआ, वह वहां तैर रहे बाकी दोनों लड़को ने नहीं देखा था। वह अभी भी पानी में मस्ती कर रहे थे।

तभी वेगा के देखते ही देखते वह ईल पानी में गायब हो गई।

यह देख वेगा की आँखें कुछ सोचने वाले अंदाज में सिकुड़ गयीं। वेगा क्लब में और कोई हंगामा होते नहीं देखना चाहता था। इसलिये चेंजिंग रुम में जा कर कपड़े बदले और अपनी कार की ओर चल पड़ा।

वेगा की कार आउटडोर खड़ी थी, इसलिये वह बाहर की ओर चल दिया।

रास्ते में एक छोटा सा फव्वारा बना था, जिसमें पानी के फव्वारे चारो ओर पानी छीट रहे थे।

उस फव्वारे के दूसरी साइड एक बड़ी सी किसी अप्सरा की मूर्ति बनी थी, जो एक बड़ी सी मटकी अपने सिर पर रखे हुई थी।

जैसे ही वेगा उस फव्वारे के बगल से निकला, एक 10 फुट लंबा काला नाग उस फव्वारे वाले स्थान से निकलकर वेगा के पैर से लिपट गया।

वेगा यह देखकर हैरान हो गया। उसे क्लब जैसी जगह पर इतने खतरनाक नाग के होने का अंदेशा भी नहीं था।

नाग अपना पूरा फन फैला कर वेगा को काटने चला, पर वेगा का भी पूरा बचपन जंगल में ही बीता था। उसे नाग से बचना अच्छी तरह से आता था।

इससे पहले कि नाग वेगा को कोई नुकसान पहुंचा पाता, वेगा ने नाग के फन को, अपने सीधे हाथ से जोर से पकड़ लिया।

वेगा के द्वारा फन पकड़ लिये जाने पर नाग वेगा को काट नहीं पा रहा था, तभी उसने अपनी पूंछ से वेगा के पैर को जोर से उमेठना शुरु कर दिया।

नाग के ताकत बहुत ज्यादा थी, वेगा बांये हाथ से नाग की पूंछ को अपने पैर से छुड़ाने की कोशिश तो कर रहा था, पर एक हाथ से वह सफल नहीं हो पा रहा था।

इसी प्रयास में वेगा जमीन पर गिर पड़ा, पर गिरने के बाद भी वेगा ने नाग के फन को नहीं छोड़ा था।
तभी वेगा को उस अप्सरा की मूर्ति के नीचे, झाड़ी काटने वाली एक बड़ी सी कैंची दिखाई दी।

अब वेगा जमीन पर सरक कर धीरे-धीरे उस कैंची की ओर बढ़ने लगा।

तभी खतरा देख वेगा की जोडियाक वॉच स्वतः हरकत में आ गयी। उससे निकलकर धरा-कण मूर्ति के सिर पर रखी मटकी में समा गया।

उधर वेगा घिसटता हुआ मूर्ति के नीचे पहुंच गया। वेगा ने जमीन पर पड़ी कैंची की ओर अपना बांया हाथ बढ़ाया।

वेगा को कैंची की ओर हाथ बढ़ाते देख नाग ने पूरी ताकत लगा कर अपना फन वेगा के हाथ से छुड़ा लिया।

अब नाग वेगा के शरीर को छोड़कर उसके सामने आ गया। वेगा अभी भी गिरा पड़ा हुआ था। वेगा अचानक से उस नाग की आक्रामकता देख कर हैरान रह गया।

नाग ने अपना फन जोर से फैलाया और वेगा को काटने चला। वेगा के पास अब स्वयं को बचाने का बिल्कुल भी समय नहीं था।

तभी मूर्ति के सिर पर रखा मटका तेजी से हवा में लहराया और नाग के फन पर आकर जोर से गिरा। इतने भारी मटके के नीचे दबकर नाग मारा गया।

वेगा के देखते ही देखते नाग का शरीर वहां से धुंआ बनकर उड़ गया। वेगा की आँखें एक बार फिर सिकुड़ गयीं।

अब वेगा को पूर्ण विश्वास हो गया था कि उस पर बार-बार हो रहे यह हमले एक इत्तेफाक नहीं थे, इसके पीछे अवश्य ही कोई गहरा राज था? वेगा तुरंत कार में बैठकर अपने घर की ओर चल दिया।

वेगा कार को ड्राइव करके भीड़ भरे रास्ते से अपने घर की ओर जा रहा था, पर अब एक कार उसकी कार का पीछा कर रही थी।

वेगा का पीछा कर रही कार में धरा और मयूर बैठे थे।

“यह तो एक साधारण बालक लग रहा है।” धरा ने मयूर से कहा-“इसके पास हमारी धरा शक्ति कैसे पहुंची?”

“उसने धरा शक्ति के हमारे कण को किसी आधुनिक तरीके से बनी एक घड़ी में डाल रखा है और वह घड़ी राशियों का रुप लेकर इसे बचा रही है।” मयूर ने कहा- “पर एक बात कहूं मुझे लगता है कि इस बालक को भी धरा शक्ति के बारे में कुछ भी पता नहीं है?”

“सही कहा मयूर, पर हमें इस लड़के को अपने अधिकार में लेकर उससे यह तो पूछना ही पड़ेगा कि उसे यह घड़ी किसने दी?”

धरा ने कार को ड्राइव करते हुए कहा- “और हम इस तरह से किसी मनुष्य को इतनी बड़ी धरा शक्ति का अधिकार भी नहीं दे सकते, हमें इससे वह घड़ी छीननी ही पड़ेगी। लेकिन इसके लिये हमें इस लड़के के किसी एकांत जगह में जाने का इंतजार करना होगा क्यों कि हम अपनी शक्तियों का प्रयोग मनुष्यों के सामने नहीं कर सकते।”

तभी वेगा की कार एक ऐसी रोड पर आ गयी, जहां पर ज्यादा भीड़-भाड़ नहीं थी।

वेगा ने एक जगह पर कार को रोका और कार से उतरकर एक फल की दुकान की ओर बढ़ गया।

यह देख मयूर ने धरा को इशारा किया।

धरा ने अपनी कार को वेगा की कार से कुछ दूरी पर रोका और कार से उतरकर वेगा की ओर बढ़ने लगी।

मयूर कार में ही बैठकर धरा को देख रहा था। धरा अब फल खरीद रहे वेगा के बिल्कुल पीछे पहुंच गयी, तभी जाने कहां से एक पागल सांड अनियंत्रित हो कर वेगा की ओर दौड़ पड़ा।

अनियंत्रित सांड अपने रास्ते में आ रही हर चीज को हटाता जा रहा था।

चूंकि धरा और मयूर का ध्यान पूरी तरह से वेगा की ओर था, इसलिये वेगा की ओर तेजी से बढ़ रहा सांड उन्हें भी दिखाई नहीं दिया। और इससे पहले कि धरा वेगा का कुछ भी कर पाती, पागल सांड जा कर तेजी से धरा से जा टकराया।

सांड की टक्कर इतनी प्रभावशाली थी कि धरा उछलकर काफी दूर जा गिरी और उसका सिर एक कंक्रीट की दीवार से टकराने की वजह से, उसकी चेतना भी लुप्त हो गयी।

धरा को टक्कर मारने के बाद सांड वेगा की झपटा, पर वेगा की नजर इस जोरदार आवाज की वजह से सांड पर पड़ गयी थी।

वेगा ने तेजी से अपने शरीर को एक ओर गिरा कर स्वयं को बचा लिया।

सांड अपनी झोंक में वेगा के पीछे मौजूद एक बड़े से पेड़ से जा टकराया। सांड गुस्सा कर पलटा और वेगा को अपनी लाल-लाल आँखों से घूरने लगा।

उधर मयूर ने जैसे ही धरा को गिरते देखा, गुस्साकर कार से बाहर आया और गिरी पड़ी धरा की ओर भागा। मयूर ने धरा को हिलाया, पर धरा बेहोश थी।

गुस्साकर मयूर ने उस सांड की ओर देखा, सांड पेड़ के नीचे खड़ा गुस्से से फुंफकारता हुआ खूनी नजरों से वेगा की ओर देख रहा था।

यह देख मयूर ने गुस्से से जमीन को धीरे से थपथपाया। तभी सांड के पीछे खड़े, उस पेड़ की जड़ों के पास की धरती में कुछ परिवर्तन होना शुरु हो गया।

मयूर के थपथपाते ही पेड़ की जड़ के पास की मिट्टी जमीन में समाने लगी, जिसकी वजह से 1 सेकेण्ड में ही पेड़ की जड़ें मिट्टी के बाहर दिखाई देने लगीं और इससे पहले कि वेगा को कुछ समझ आता, वह पेड़ एक चरचराहट की आवाज के साथ उस सांड के ऊपर आ गिरा।

सांड उस बड़े से पेड़ के नीचे पूरी तरह से दब गया।

वेगा को लगा कि पेड़ सांड की टक्कर की वजह से कमजोर हो गया था, इसलिये ही वह गिर पड़ा।

अब वेगा का ध्यान बेहोश पड़ी धरा की ओर गया, जिसे उसके पास बैठा मयूर हिला कर उठाने की कोशिश कर रहा था। वेगा भागकर धरा के पास पहुंच गया।

“इन्हें तो काफी चोट आयी लगती है, जल्दी चलिये मैं आपको हॉस्पिटल छोड़ देता हूं।” वेगा ने मयूर को देखते हुए कहा।

“नहीं...नहीं...इसे कुछ नहीं हुआ है, बस यह डर की वजह से बेहोश है, यह अपने आप सही हो जायेगी।
हमें हॉस्पिटल जाने की कोई जरुरत नहीं है।” हॉस्पिटल का नाम सुनते ही मयूर थोड़ा डर सा गया।

“पर ये बेहोश हैं और मैंने देखा, उस सांड की सीधी टक्कर इन्हें लगी थी, ऐसे में इन्हें अंदरुनी चोट आयी हो सकती है, हमें इन्हें किसी ना किसी डॉक्टर को दिखाना जरुरी है।” वेगा ने धरा को देखते हुए अपनी सलाह
दी।

“देखिये ये हॉस्पिटल के नाम पर बहुत पैनिक हो जाती हैं, इसलिये मैं इन्हें हॉस्पिटल तो किसी भी कीमत पर नहीं ले जा सकता।” मयूर ने भी बहाना बनाते हुए कहा।

“तो फिर ठीक है, आप इन्हें मेरे घर पर ले चलिये, मैं वहीं पर किसी डॉक्टर को कॉल करके बुला लूंगा।” वेगा ने सॉल्यूशन निकालते हुए कहा- “और मेरा घर भी यहां से बिल्कुल पास में ही है।”

मयूर को वेगा का यह सुझाव बहुत अच्छा लगा, उसने सोचा कि इसी बहाने वेगा के घर का भी पता चल जायेगा।

“ठीक है, हम आपके घर चल सकते हैं।” मयूर ने अपनी स्वीकृति दे दी।

मयूर की बात सुनते ही वेगा अपनी कार की ओर भागा। मयूर ने अपनी कार वहीं खड़ी छोड़ी और धरा को लेकर वेगा की कार की पिछली सीट पर बैठ गया।

मयूर, धरा के लिये ज्यादा चिंतित नहीं था, उसे पता था कि धरा को कैसी भी चोट लगी हो, उसके अंदर मौजूद धरा शक्ति कुछ ही देर में धरा को सही कर देगी।

अंजाने में वेगा, उन्हें ही अपने घर ले जा रहा था, जो कि उसे ही मारने वाशिंगटन डी.सी. आये थे।


जारी रहेगा_______
✍️

Bahut hi jabardast update he Raj_sharma Bhai,

Vega par hamlo ki raftar rukne ka naam hi nahi le rahi he..........

Kaun he is sabke peeche jo vega ko jinda nahi dekhna chahta........

Mayur aur dhara ko vega apne ghar to leke ja rahe he.........

Ab dekhna ye hi ki in dono se kaise bachta he vega........

Keep rocking Bro
 

Tri2010

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#116.

त्रिशक्ति: (
12 जनवरी 2002, शनिवार, 13:25, वाशिंगटन डी.सी., अमेरिका)

वेगा अचानक से अपने ऊपर हो रहे हमलों से परेशान हो गया था। वह अपनी बातें अपने भाई युगाका से शेयर भी नहीं कर सकता था, नहीं तो युगाका डरकर उसे अराका द्वीप पर बुला लेता।

वेगा के जन्मदिन को बीते आज 3 दिन हो गये थे। इन तीन दिनों में वेगा ना तो वीनस से मिला था और ना ही कहीं घर से बाहर निकला था। पर वेगा घर में बैठे-बैठे बिल्कुल बोर हो गया था। इसलिये आज उसने घर से निकलने का प्लान कर ही लिया।

वेगा ने आज अपने क्लब जाकर स्वीमिंग करने का प्लान कर लिया।

यह सोच वेगा कार की चाबी ले, घर से बाहर निकल गया, पर वह भैया की दी हुई जोडियाक वॉच पहनना नहीं भूला।

कुछ ही देर में ड्राइव करते हुए वेगा अपने स्वीमिंग क्लब तक पहुंच गया। वेगा ने चेंजिंग रुम में जा कर अपने कपड़े चेन्ज किये और स्वीमिंग पूल के पास पहुंच गया।

स्वीमिंग पूल में सिर्फ 2 लोग ही और स्वीमिंग कर रहे थे। वेगा ने डाइविंग बोर्ड पर खड़े होकर पानी में डाइव मार दी।

नीले रंग के स्वीमिंग पूल का पानी बेहद साफ सुथरा दिख रहा था। स्वीमिंग हमेशा से ही वेगा का फेवरेट शुगल रहा था।

वेगा जब भी पानी में उतरता, वह अपने आप को बहुत फ्रेश महसूस करने लगता था। चूंकि वेगा एक अटलांटियन था, इसलिये उसे पानी में भी साँस लेना आता था, पर वह दुनिया को दिखाने के लिये हर कुछ देर में पानी से बाहर आकर साँस लेने का नाटक करता था।

डाइव लगाने के बाद वेगा पानी के अंदर ही अंदर, स्वीमिंग पूल के एक सिरे से दूसरे सिरे की ओर चल दिया।

तभी वेगा को पानी में एक बहुत छोटी सी मछली दिखाई दी। वह मछली 2 सेमी छोटी थी।

वह मछली बिल्कुल पारदर्शी थी। अगर उसकी आँखें काली ना होतीं तो शायद वेगा उसे देख भी नहीं पाता।

“ये तो ‘टैबियस’ मछली है, यह तो झील के फ्रेश वॉटर में पायी जाती है, यह यहां स्वीमिंग पूल के पानी में कैसे आ गयी? वेगा अभी उस नन्हीं मछली को देख ही रहा था कि तभी वह नन्हीं मछली एक ‘इलेक्ट्रिक ईल मछली’ में बदल गई और इससे पहले कि वेगा अपना बचाव कर पाता, उस ईल मछली ने वेगा को छूकर करंट का एक तेज झटका दिया।

वेगा का पूरा शरीर पानी में झनझना गया। वह करंट कम से कम 600 वॉट का तो जरुर रहा होगा।

वेगा के शरीर का आधा करंट उसकी जोडियाक वॉच ने खींच लिया, नहीं तो वेगा इतने तेज करंट से मर भी
सकता था।

वेगा ने पलटकर ईल मछली को देखा, वह पानी में तैरती हुई फिर उसकी ओर बढ़ रही थी।

वेगा यह देख तेजी से पानी से निकलने के लिये, किनारे की ओर तैरने लगा। तभी पीछे से आकर ईल ने वेगा को फिर एक बार करंट लगा दिया।

वेगा को इस बार पिछले वाले से भी ज्यादा करंट महसूस हुआ। वह समझ गया कि अब अगर एक बार भी ईल ने उसे और करंट मारा, तो वह मर जायेगा।

यह सोच वेगा ने अपनी पूरी शक्ति एक बार फिर एकत्रित की और किनारे की ओर तेजी से तैरने लगा।
इससे पहले कि ईल दोबारा पलट कर आती वेगा स्वीमिंग पूल से बाहर निकल गया।

वेगा अब किनारे पर लेटा हुआ, पानी में घूम रही ईल मछली को देख रहा था।

वेगा के साथ जो कुछ भी हुआ, वह वहां तैर रहे बाकी दोनों लड़को ने नहीं देखा था। वह अभी भी पानी में मस्ती कर रहे थे।

तभी वेगा के देखते ही देखते वह ईल पानी में गायब हो गई।

यह देख वेगा की आँखें कुछ सोचने वाले अंदाज में सिकुड़ गयीं। वेगा क्लब में और कोई हंगामा होते नहीं देखना चाहता था। इसलिये चेंजिंग रुम में जा कर कपड़े बदले और अपनी कार की ओर चल पड़ा।

वेगा की कार आउटडोर खड़ी थी, इसलिये वह बाहर की ओर चल दिया।

रास्ते में एक छोटा सा फव्वारा बना था, जिसमें पानी के फव्वारे चारो ओर पानी छीट रहे थे।

उस फव्वारे के दूसरी साइड एक बड़ी सी किसी अप्सरा की मूर्ति बनी थी, जो एक बड़ी सी मटकी अपने सिर पर रखे हुई थी।

जैसे ही वेगा उस फव्वारे के बगल से निकला, एक 10 फुट लंबा काला नाग उस फव्वारे वाले स्थान से निकलकर वेगा के पैर से लिपट गया।

वेगा यह देखकर हैरान हो गया। उसे क्लब जैसी जगह पर इतने खतरनाक नाग के होने का अंदेशा भी नहीं था।

नाग अपना पूरा फन फैला कर वेगा को काटने चला, पर वेगा का भी पूरा बचपन जंगल में ही बीता था। उसे नाग से बचना अच्छी तरह से आता था।

इससे पहले कि नाग वेगा को कोई नुकसान पहुंचा पाता, वेगा ने नाग के फन को, अपने सीधे हाथ से जोर से पकड़ लिया।

वेगा के द्वारा फन पकड़ लिये जाने पर नाग वेगा को काट नहीं पा रहा था, तभी उसने अपनी पूंछ से वेगा के पैर को जोर से उमेठना शुरु कर दिया।

नाग के ताकत बहुत ज्यादा थी, वेगा बांये हाथ से नाग की पूंछ को अपने पैर से छुड़ाने की कोशिश तो कर रहा था, पर एक हाथ से वह सफल नहीं हो पा रहा था।

इसी प्रयास में वेगा जमीन पर गिर पड़ा, पर गिरने के बाद भी वेगा ने नाग के फन को नहीं छोड़ा था।
तभी वेगा को उस अप्सरा की मूर्ति के नीचे, झाड़ी काटने वाली एक बड़ी सी कैंची दिखाई दी।

अब वेगा जमीन पर सरक कर धीरे-धीरे उस कैंची की ओर बढ़ने लगा।

तभी खतरा देख वेगा की जोडियाक वॉच स्वतः हरकत में आ गयी। उससे निकलकर धरा-कण मूर्ति के सिर पर रखी मटकी में समा गया।

उधर वेगा घिसटता हुआ मूर्ति के नीचे पहुंच गया। वेगा ने जमीन पर पड़ी कैंची की ओर अपना बांया हाथ बढ़ाया।

वेगा को कैंची की ओर हाथ बढ़ाते देख नाग ने पूरी ताकत लगा कर अपना फन वेगा के हाथ से छुड़ा लिया।

अब नाग वेगा के शरीर को छोड़कर उसके सामने आ गया। वेगा अभी भी गिरा पड़ा हुआ था। वेगा अचानक से उस नाग की आक्रामकता देख कर हैरान रह गया।

नाग ने अपना फन जोर से फैलाया और वेगा को काटने चला। वेगा के पास अब स्वयं को बचाने का बिल्कुल भी समय नहीं था।

तभी मूर्ति के सिर पर रखा मटका तेजी से हवा में लहराया और नाग के फन पर आकर जोर से गिरा। इतने भारी मटके के नीचे दबकर नाग मारा गया।

वेगा के देखते ही देखते नाग का शरीर वहां से धुंआ बनकर उड़ गया। वेगा की आँखें एक बार फिर सिकुड़ गयीं।

अब वेगा को पूर्ण विश्वास हो गया था कि उस पर बार-बार हो रहे यह हमले एक इत्तेफाक नहीं थे, इसके पीछे अवश्य ही कोई गहरा राज था? वेगा तुरंत कार में बैठकर अपने घर की ओर चल दिया।

वेगा कार को ड्राइव करके भीड़ भरे रास्ते से अपने घर की ओर जा रहा था, पर अब एक कार उसकी कार का पीछा कर रही थी।

वेगा का पीछा कर रही कार में धरा और मयूर बैठे थे।

“यह तो एक साधारण बालक लग रहा है।” धरा ने मयूर से कहा-“इसके पास हमारी धरा शक्ति कैसे पहुंची?”

“उसने धरा शक्ति के हमारे कण को किसी आधुनिक तरीके से बनी एक घड़ी में डाल रखा है और वह घड़ी राशियों का रुप लेकर इसे बचा रही है।” मयूर ने कहा- “पर एक बात कहूं मुझे लगता है कि इस बालक को भी धरा शक्ति के बारे में कुछ भी पता नहीं है?”

“सही कहा मयूर, पर हमें इस लड़के को अपने अधिकार में लेकर उससे यह तो पूछना ही पड़ेगा कि उसे यह घड़ी किसने दी?”

धरा ने कार को ड्राइव करते हुए कहा- “और हम इस तरह से किसी मनुष्य को इतनी बड़ी धरा शक्ति का अधिकार भी नहीं दे सकते, हमें इससे वह घड़ी छीननी ही पड़ेगी। लेकिन इसके लिये हमें इस लड़के के किसी एकांत जगह में जाने का इंतजार करना होगा क्यों कि हम अपनी शक्तियों का प्रयोग मनुष्यों के सामने नहीं कर सकते।”

तभी वेगा की कार एक ऐसी रोड पर आ गयी, जहां पर ज्यादा भीड़-भाड़ नहीं थी।

वेगा ने एक जगह पर कार को रोका और कार से उतरकर एक फल की दुकान की ओर बढ़ गया।

यह देख मयूर ने धरा को इशारा किया।

धरा ने अपनी कार को वेगा की कार से कुछ दूरी पर रोका और कार से उतरकर वेगा की ओर बढ़ने लगी।

मयूर कार में ही बैठकर धरा को देख रहा था। धरा अब फल खरीद रहे वेगा के बिल्कुल पीछे पहुंच गयी, तभी जाने कहां से एक पागल सांड अनियंत्रित हो कर वेगा की ओर दौड़ पड़ा।

अनियंत्रित सांड अपने रास्ते में आ रही हर चीज को हटाता जा रहा था।

चूंकि धरा और मयूर का ध्यान पूरी तरह से वेगा की ओर था, इसलिये वेगा की ओर तेजी से बढ़ रहा सांड उन्हें भी दिखाई नहीं दिया। और इससे पहले कि धरा वेगा का कुछ भी कर पाती, पागल सांड जा कर तेजी से धरा से जा टकराया।

सांड की टक्कर इतनी प्रभावशाली थी कि धरा उछलकर काफी दूर जा गिरी और उसका सिर एक कंक्रीट की दीवार से टकराने की वजह से, उसकी चेतना भी लुप्त हो गयी।

धरा को टक्कर मारने के बाद सांड वेगा की झपटा, पर वेगा की नजर इस जोरदार आवाज की वजह से सांड पर पड़ गयी थी।

वेगा ने तेजी से अपने शरीर को एक ओर गिरा कर स्वयं को बचा लिया।

सांड अपनी झोंक में वेगा के पीछे मौजूद एक बड़े से पेड़ से जा टकराया। सांड गुस्सा कर पलटा और वेगा को अपनी लाल-लाल आँखों से घूरने लगा।

उधर मयूर ने जैसे ही धरा को गिरते देखा, गुस्साकर कार से बाहर आया और गिरी पड़ी धरा की ओर भागा। मयूर ने धरा को हिलाया, पर धरा बेहोश थी।

गुस्साकर मयूर ने उस सांड की ओर देखा, सांड पेड़ के नीचे खड़ा गुस्से से फुंफकारता हुआ खूनी नजरों से वेगा की ओर देख रहा था।

यह देख मयूर ने गुस्से से जमीन को धीरे से थपथपाया। तभी सांड के पीछे खड़े, उस पेड़ की जड़ों के पास की धरती में कुछ परिवर्तन होना शुरु हो गया।

मयूर के थपथपाते ही पेड़ की जड़ के पास की मिट्टी जमीन में समाने लगी, जिसकी वजह से 1 सेकेण्ड में ही पेड़ की जड़ें मिट्टी के बाहर दिखाई देने लगीं और इससे पहले कि वेगा को कुछ समझ आता, वह पेड़ एक चरचराहट की आवाज के साथ उस सांड के ऊपर आ गिरा।

सांड उस बड़े से पेड़ के नीचे पूरी तरह से दब गया।

वेगा को लगा कि पेड़ सांड की टक्कर की वजह से कमजोर हो गया था, इसलिये ही वह गिर पड़ा।

अब वेगा का ध्यान बेहोश पड़ी धरा की ओर गया, जिसे उसके पास बैठा मयूर हिला कर उठाने की कोशिश कर रहा था। वेगा भागकर धरा के पास पहुंच गया।

“इन्हें तो काफी चोट आयी लगती है, जल्दी चलिये मैं आपको हॉस्पिटल छोड़ देता हूं।” वेगा ने मयूर को देखते हुए कहा।

“नहीं...नहीं...इसे कुछ नहीं हुआ है, बस यह डर की वजह से बेहोश है, यह अपने आप सही हो जायेगी।
हमें हॉस्पिटल जाने की कोई जरुरत नहीं है।” हॉस्पिटल का नाम सुनते ही मयूर थोड़ा डर सा गया।

“पर ये बेहोश हैं और मैंने देखा, उस सांड की सीधी टक्कर इन्हें लगी थी, ऐसे में इन्हें अंदरुनी चोट आयी हो सकती है, हमें इन्हें किसी ना किसी डॉक्टर को दिखाना जरुरी है।” वेगा ने धरा को देखते हुए अपनी सलाह
दी।

“देखिये ये हॉस्पिटल के नाम पर बहुत पैनिक हो जाती हैं, इसलिये मैं इन्हें हॉस्पिटल तो किसी भी कीमत पर नहीं ले जा सकता।” मयूर ने भी बहाना बनाते हुए कहा।

“तो फिर ठीक है, आप इन्हें मेरे घर पर ले चलिये, मैं वहीं पर किसी डॉक्टर को कॉल करके बुला लूंगा।” वेगा ने सॉल्यूशन निकालते हुए कहा- “और मेरा घर भी यहां से बिल्कुल पास में ही है।”

मयूर को वेगा का यह सुझाव बहुत अच्छा लगा, उसने सोचा कि इसी बहाने वेगा के घर का भी पता चल जायेगा।

“ठीक है, हम आपके घर चल सकते हैं।” मयूर ने अपनी स्वीकृति दे दी।

मयूर की बात सुनते ही वेगा अपनी कार की ओर भागा। मयूर ने अपनी कार वहीं खड़ी छोड़ी और धरा को लेकर वेगा की कार की पिछली सीट पर बैठ गया।

मयूर, धरा के लिये ज्यादा चिंतित नहीं था, उसे पता था कि धरा को कैसी भी चोट लगी हो, उसके अंदर मौजूद धरा शक्ति कुछ ही देर में धरा को सही कर देगी।

अंजाने में वेगा, उन्हें ही अपने घर ले जा रहा था, जो कि उसे ही मारने वाशिंगटन डी.सी. आये थे।


जारी रहेगा_______
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Nice update
 
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