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Incest तू लौट के आजा मेरे लाल

Naik

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chapter 5

जिन लोगो को नही पता बता दु एक दिन छोर रात 9 से 10 के बीच मे update देता हु यही मेरा टाइम है फिक्स



( पास्ट ) विनय के सादी के 15 दिन बाद

विनय दिशा को लेकर ससुराल जाता है पूजा अपनी बेहन को देख बहोत खुश हो जाती है और जाके गले मिलती है विनय अपनी सासु मा के पैर छु आशीर्वाद लेता है फिर फिर अंदर जाते है


विनय अपनी सासु मा के साथ बातें करने लगता है तो वही पूजा दिशा एक कमरे मे बैठ बातें करने मे लग जाते है दोनों आमने सामने बैठे हुवे थे

पूजा दिशा को देख
पूजा - दीदी आप कैसी है जीजा जी घर वाले सब कैसे है किया आपका वहा दिल लग तो रहा है ना आप वहा खुश तो है ना
दिशा अपनी बेहन की बात सुन पूजा को देख
दिशा - तुम्हारे जीजा बहोत अच्छे है और बहोत प्यार भी करते है मुझे सासु मा तो मुझे अपनी बेटी की तरह प्यार करती है ननद जी भी बहोत अच्छी है कहु तो सभी दिल के अच्छे और साफ है मुझे तो वहा सब के साथ रेह कर सुकून मिलता मे अपनी खुश किस्मती मानती हु की मे उनके घर की बहु बनी

अपनी दीदी की बात सुन पूजा दिशा को देख
पूजा - आपकी बातो से समझ आ रहा है सब बहोत अच्छे है मे आपके लिये बहोत खुश हु दीदी
दिशा पूजा को देख थोरा दुखी आवाज मे
दिशा - बस एक इंसान की कमी मुझे या सब को खलती है देवर जी का अगर वो होते तो घर और भी खुशहाल होता
पूजा को पता था अभय के बारे मे
पूजा - दीदी मुझे पता है अगर वो होते तो यकीन से केहती हु आपका प्यारा लाडला देख देवर होता और आपके आगे पीछे घूमता रेहता

पूजा ये केह हसने लगती है
दिशा पूजा की बात सुन हस देती है फिर पूजा को देख मुस्कुराते हुवे

दिशा - तुमने सही कहा मेरा लाडला देवर होता और मेरे आगे पीछे घूमता तो मुझे भी अच्छा लगता

पूजा दिशा देख मुस्कुराते हुवे
पूजा - अगर आपका लाडला आपके पीछे किसी और चीज को लेने के लिये परता तो आप किया करती हा

पूजा ये केह दिशा को मुस्कुराते हुवे देखने लगती है

दिशा पूजा को देख पूजा की बातो को समझने लगती है और जब दिशा को समझ मे आता है पूजा के केहने का मतलब तो दिशा पूजा के कान पकरते हुवे दिखावे वाले गुस्से मे पूजा को देख

दिशा - 18 की भी नही हुई है और तेरे दिमाग मे ये सब चलता है हा बोल लगता है तु भूल गई है मे तेरी बरी बेहन हु

पूजा दिशा के हाथ पकर अपनी कान को चुराते हुवे आह करते हुवे

पूजा - दीदी दीदी प्लेस दर्द हो रहा है छोर दीजिये ना मेने तो थोरी मस्ती की बस

दिशा पूजा के कान छोर देती है पूजा अपने कान को सेहलाते हुवे

पूजा - इतना जोर से कोन कान पकरता है
दिशा - गलत बोलेगी तो सजा तो मिलेगी ही

तभी कमरे मे विनय आता है तो दिशा पूजा विनय कि तरफ देखते है

विनय को को देखता है

विनय - लगता है दोनों बहनो मे बातें हो रही है
पूजा विनय को देख
पूजा - सही कहा जीजा जी आप बताइये आपकी बात हो गई मा से
विनय - हा हो गई अब आप बताइये साली जी आप कैसी है
विनय फिर जाके दिशा के पास बैठे जाता है
पूजा विनय को देख मुस्कुराते हुवे
पूजा - मस्त हु आपके सामने हु आप बताइये
विनय थोरा दुखी आवाज मे दिशा को देख
विनय - एक अच्छी खूबसूरत बीवी मिली जो मेने सोचा नही था लाइफ मे जो है जो मिला उसी मे बहोत खुश हु लेकिन फिर भी अभय के बिना हर खुशी हर पल फीकी पर जाती है

विनय की बात सुन दिशा पूजा भी दुखी हो जाते है
दिशा विनय के कंधे पे हाथ रखी है तो तो विनय होस मे आता है और दोनों को देख
विनय - माफ करना मे हर अच्छा पल बर्बाद कर देता हु
दिशा - आप ऐसा मत बोलिये हमे भी उनकी कमी खलती है

विनय सभी से बहोत सारी बातें करता है गाव घूमता है

( रात - 10 )

कमरे मे दिशा विनय बिस्तर पे लेते हुवे थे विनय दिशा को बहो मे लिये हुवे था दोनों के फेस आमने सामने थी दोनों एक दूसरे को देख बातें कर रहे थे

20 मिनट बाद

विनय दिशा को पूरा नँगा कर देता है और फिर खुद नँगा हो जाता है और दिशा के ऊपर आ जाता है विनय फिर दिशा के चुत मे लंड दाल देता है दिशा आह करती है विनय धक्के पे धक्का मारने लगता है

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दिशा मजे से लेती सिसकिया लेने लगती है चुदाई का फूल मजा उठाने लगती है कमरे मे फच् फच् आह उह्ह् की आवाज गुज रही थी 9 मिनट बाद दोनों एक साथ झर जाते है

फिर दोनों एक दूसरे कि बहो मे सिमट कर सो जाते है

विनय 2 दिन अपने ससुराल रेहता है फिर दिशा और पूजा को लेके घर आ जाता है
असल मे पूजा आना चाहती थी तो दिशा न सिर्फ न दिन के लिये मानी कियुंकी दिशा नही चाहती थी मा अकेली रहे तो पूजा एक दिन रेह विनय छोर आयेगा

अपनी दीदी के ससुराल आने के बाद पूजा सब से मिलती है बातें करती है और पूजा को भी समझ मे आ जाता है सभी दिल के कितने अच्छे है

पूजा अदिति दोनों की बहोत बनने लगती है दोनों एक दूसरे से बहोत बातें करते है

दिन महीने गुजरने लगते है


( 3 महीने बाद )

घर मे फिर से मातम छाया हुवा था विनय अब इस दुनिया को अपनी मा बेहन बीवी सब को छोर उपर वाले के पास चला जाता है

( असल मे विनय को साप ने काट लिया था जब विनय हल्फा होने गया था होस्पिटल ले जाते जाते विनय दम तोर देता है और अपनो को इस दुनिया को छोर चला जाता है )

बता नही उपर वाला किया चाहता था आसा की लाइफ मे सुरु से खुसिया सायद लिखी ही नही थी पेहले अभय फिर विनय आसा ने अपने दोनों लाल को खो दिया तो जोकि आसा के किये ये बहोत बरा सदमा था

आँगन मे विनय की लास परी हुई थी और सीमा विनय के सीने पे सर रख फुट फुट कर रोये जा रही थी

दिशा विनय के लास पे पास घुटनों पे बैठी अपनी चुरिया हाथो को जमीन पे पटक तोरे जा रही और रोये जा रही थी

अदिति का हाल अपनी मा की तरह ही बहोत बुरा था अदिति अपने भाई की लास के पास बैठे फुट फुट कर रोये जा रही थी

आसा विनय के सीने पे हाथ रख विनय की लास को हिलाते हुवे

आसा - रोते हुवे विनय बेटा उठ ना देख मा से मजाक मत कर तु मुझे छोर कर कैसे जा सकता है मेने अभय को खोया है अब तु भी अपनी मा को छोर कर जायेगा हा बोल ना मेरे लाल तु सुन रहा है ना उठ जा ना अपनी मा की बात नही मानेगा

अदिति विनय के सीने से लिपट कर रोते हुवे

अदिति - भाई ऐसा मत कीजिये प्लेस अगर आप भी अपनी गुरिया को छोर कर चले जायेंगे तो मे किसको अपना भाई कहूगी मे किसके हाथ मस्ती करुगी कोन मुझे खतरों से बचायेगा मेरा ख्याल रखेगा

अदिति अपने भाई के चेहरे को को पकर देख

भाई प्लेस उठ जाइये ना आपकी गुरिया आप को पुकार रही है किया आप अपनी गुरिया की बात नही मानेंगे अगर आप मेरी बात मान नही उठे तो मे आपसे नाराज हो जाउंगी आपसे कभी बात नही करुगी भाई उठ जाओ ना प्लेस

अदिति विनय के सीने से लिपट फुट फुट कर रोये जा रही थी

दिशा विनय की सर के पास बैठी विनय के सर को सेहलाते हुवे रोते हुवे विनय के चेहरे को देख

दिशा - मेने उपर वाले से जैसा पति मांगा था आप उसने कई अच्छे थे मुझे यकीन नही हो रहा था की मुझे आप जैसा नेक दिल पति मिला मा जैसी सास मिली भी बेहन जैसी ननद मेने इतना मांगा था ऊपर वाले से मुझे उससे कही अधिक मेला मुझे एक अच्छा परिवार मिला लेकिन कियु लेकिन कियु उपर वाले तूने हमारे साथ ऐसा कियु किया घर मे एक यही थे देवर जी के जाने के बाद फिर कियु तुम्हे हमारे उपर तरस नही आता हमे और कितना दर्द दुख देगा उपर वाले जवाब दे मुझे जवाब से मुझे

दिशा भी विनय के सीने पे सर रख रोने लगती है

गाव के पास पास के कई लोग आके अंदर का सीन देख कर जा रहे थे जो भी अंदर का सीन देखता सबकी आखो से आसु निकल आते

पूजा अपनी मा के साथ भागते हुवे आती है और जब अंदर का सीन देखती है तो पूजा के भी पैर काप जाते है

पूजा विनय के पास जाके विनय के सीने का पकर जोर जोर से रोने लगती है तो वही तारा जाके अपनी बेटी दिशा और बाकी सभी को संभालने लगती है

तारा के आखो से भी आसु बहे जा रहे थे तारा बहोत खुश थी ये जान की उसका दामाद और असुरल वाले बहोत अच्छे और दिशा को एक अच्छा परिवार मिला है लेकिन अब सामने का मंजर देख तारा का भी दिल रो रहा था

1 घंटे तक आसा अदिति दिशा विनय को सीने से लगाये रोते रहे लेकिन अंतिम संस्कार तो करना था ना

आसा के परोसी मे से कुछ लोग आगे आके विनय को ले जाते है फिर विनय का अंतिम संस्कार कर दिया जाता है

आज का दिन भी आसा और सभी के लिये काला दिन था

2 दिन तक घर मे रोना धोना होते रेहता है ना को खाना खाना है ना कोई अपने आप पर ध्यान दे रहा था

पूजा तारा भी रुक गई थी घर की सभी की हालत देख

पूजा तारा एक कमरे मे बैठे हुवे थे तारा पूजा को देख

तारा - पूजा बेटी पता नही किस की नजर लग गई है इस घर मे अभी जो हालत है सभी का ऐसे ही चलता रहा तो बहोत बुरा हो सकता है

पूजा आखो मे आसु लिये

पूजा - तो मा हम किया करे बोलिये
तारा - मे जाके दिशा बेटी को समझाती हु तुम जाके अदिति को सांझाओ
पूजा - ठीक है मा मे कोसिस करती हु
तारा - कोसिस नही करना ही होगा नही तो
पूजा - समझ गई मा मे जाती हु

पूजा अदिति के पास तारा दिशा के पास चली जाती है

आसा अपने कमरे मे फुट फुट कर रोये जा रही थी

पूजा अदिति के पास जाती है अदिति बिस्तर पे लेती तकिये को पकरे सीने मे दबाये रोये जा रही थी पूजा अदिति के पास जाते बैठ जाती है

पूजा - अदिति मुझे पता है तुम्हे कितना दर्द हो रहा होगा तुमने अपने दोनों भाई को खो दिया और जो दर्द तुम सेह रही हो उसका अंदाज़ा सायद मुझे भी नही है लेकिन मुझे इतना पता है अपनो के खोने का दर्द बहोत बरा होता है

पूजा अदिति को देखती है जो रोये जा रही थी आसु बहाये जा रही थी

पूजा - देखो अदिति किसी अपने के जाने से जिंदगी जिंदगी जीना मुश्किल हो जाता है लेकिन जीना परता है तुम्हे भी जीना पड़ेगा खुद के लिये और खास कर अपनी मा के लिये अगर तुम ऐसे ही कमजोर परती रही और अपनी मा को नही संभाला तो तुम उन्हें भी खो दोगी

मा के खोने की बात सुन अदिति का रोना एकदम से बंद हो जाता है और अदिति पूजा को देखने लगती है

पूजा अदिति को देख

पूजा - हा अदिति तुम्हे अपनी मा के लिये अपने आप को संभालना होगा और खुद को भी


अदिति को पूजा की बात अच्छे से समझ मे आ जाती है पूजा उसे किया समझाना चाहती हो

तारा भी दिशा को अच्छे से समझा देती है फिर दिशा अदिति आसा को संभालने लगते है


( 1 साल बाद )

पूजा तारा के समझाने की वजह से दिशा अदिति ने समय रेहते आसा को संभाल लिया एक साल हो गये थे

आसा दिशा अदिति सभी की जिंदगी और भी दुखत हो चुकी थी जिंदगी मे कोई रंग नही था बस आसा अदिति के लिये जि रही थी अदिति अपनी मा के लिये और दिशा दोनों के किये

जिंदगी जीना था जी रहे थे पर खुसिया घर से सब से कोसो दूर थी

अदिति विनय के जाने के बाद के एक महीने बाद फिर से अपनी पढाई मे जोरों सोरों से लग जाती है

अदिति के ऊपर एक जिमेदारी आ गई थी अदिति को पता था अब उसके दोनों भाई नही रहे और एक दिन उसकी मा उसकी भी सादी करा देगी लेकिन अदिति चाहती थी की पढ लिख कर कोई नौकरी करे ताकि अपने दम पर वो अपनी मा को थोरा अच्छी लाइफ दे सके

घर मे अदिति दिशा मस्ती मजाक करते रेहते थे लेकिन सिर्फ आसा के लिये ताकि आसा को थोरा अच्छा फिल करा सके लेकिन आसा को भी सच पता था

सच ये था की हर रात सब अपने कमरे मे रोया करते थे

( विनय के जाने के 1 महीने पेहले ) साम 8 बजे

दिशा आँगन मे खाना बनाने मे लगी हुई थी तभी आसा पास मे रखी कटिया पे जाके बैठ जाती है दिशा भी अपनी सासु मा को देखती है
आसा दिशा को देख

आसा - आखो मे आसु लिये मेने अपने दोनों करेजे के टुकरे को खो दिया है उपर वाले न मेरे दोनों लाल को मुझसे छीन लिया लेकिन बहु तुम जवान हो सादी के तीन महीने बाद ही तुम विधवा हो गई अकेले जिंदगी नही जी जाती बहु एक औरत की लाइफ मे एक मर्द का होना बहोत जरूरी है और ये मुझसे अच्छा कोई नही समझ सकता इस लिये तुम अब दूसरी सादी कर लो

दिशा सब्ज़ी काट रही थी आसा की बात सुन दिशा आखो मे आसु लिये आसा को देखती है

दिशा - मम्मी जी आप मुझे जाने के लिये कहेगी तो में चली जाउंगी लेकिन मे जाना नही चाहती मुझे उनसे प्यार था मुझे आप से ननद जी से भी इस घर से भी है तो मे इस घर को छोर कही नही जाउंगी यही मेरा घर है मुझे आप की सेवा करनी है मे जानती हु एक औरत की लाइफ मे एक मर्द का होना बहोत जरूरी है लेकिन मुझे दूसरी सादी नही करनी मुझे आपके साथ रेहना आप का पूरी लाइफ ख्याल रखना है

आसा रोते हुवे आसा को देख

आसा - बेटा लेकिन तुम समझ रही रही हो तुम्हारे पास पूरी जिंदगी परी हुई है

दिशा - रोते हुवे पता है लेकिन मुझे आप के साथ रेहना है इस घर मे रेहना है

बस आसा ने बहोत समझाया लेकिन दिशा नही मानी और दूसरी सादी नही कि ना आसा अदिति घर को छोर कर गई


( अदिति अब 17 साल की हो चुकी थी )

( अभय 18 साल का हो चुका था )


( DP DEVIL 👹 )

3 साल अभय dp devil के कैद मे रेह कर ट्रेनिंग करता रहा आखिर कर आज अभय विजय जीत जीतू की ट्रेनिंग पूरी हो जाती है उसी के साथ सभी टेस्ट पार कर टॉप 1 मे आ जाते है

सीधे सीधे कहु तो वहा कोई नही था जो अभय की टीम को टक्कर दे सके अभय जैसा चाहता था वैसा ही हुवा dp devil की नजर मे अभय आ हि गया


( 4 महीने बाद ) रात 9 बजे

कमरे मे अभय अपने दोस्तो के साथ आमने सामने घेरा बना के बैठे हुवे थे आज सभी बहोत खुश थे कियुंकी अभय की टीम को मिसन मिला था

मिसन था एक अमीर बिजनसमैन को मारना जिसका नाम - पवार सिंह 55 साल का

अभय सभी के बीच उसी बंदे की कुंडली रखी हुई थी और सभी वही देख रहे थे

विजय पवार सिंह की फोटो को देखते हुवे अभय से

विनय - बॉस किया हम सच मे इस बेकसूर हो मारने वाले है
जीत अभय से

जीत - बॉस विनय भाई सही केह रहे है किया हम सच मे अपना हाथ किसी बेकसूर को मार खून से रंगने वाले है
जीतू - किया हम पवार को मार उसके अपने को दर्द देने वाले है

अभय पवार की फाइल पढ़ रहा था साथ मे सभी की बातें भी सुन रहा था अभय सभी को देख

अभय - मुझे ये बताओ हम यहा कियु है हमे ट्रेनिंग कियु दी गई है देखो हम यहा से भागने वाले है लेकिन ऐसा नही होता तो हमे जिंदा रहने के लिये मिसन करना ही परता या हम ना कर खुद को मार देते यही दो रास्ते होते हमारे पास लेकिन हमे यहा नही रेहना है यहा से भाग कर अपने घर अपने लोगो के पास जाना है तो एक रास्ता हमारे पास है

अभय की बात सुन सभी हैरान से अभय को देख एक साथ - वो किया है बॉस

अभय तीनों को देख

अभय - हम पवार को नही मारेगे उसे जिंदा छोर देगे और उसे कहेगे कही दूर चला जाये और गायब हो जाये जब तक dp devil का काम खतम नही हो जाता

जीत हैरानी से अभय को देख

जीत - लेकिन भाई हमे dp devil को सबूत भी तो देना परता है

अभय सभी को देख मुस्कुराते हुवे - उसका भी प्लान है मेरे पास अब सो जाओ सुबह मिसन पे जाना है

जीतू विजय जीत - यस बॉस

फिर सभी अपने अपने बिस्तर पे जाके लेत जाते है अभय बिस्तर पे लेता हुवा अपनी मा बेहन भाई के बारे मे सोच आखे बंद कर देता है

( सुबह 10 बजे ) dp devil के ऑफिस मे

अभय जीतू जीत विनय चारों पूरी तरह से तैयार खरे थे dp devil अपनी कुर्सी पे इसटाइल् मे अपने चेहरे पे मास्क लगाये बैठा अभय और सभी को देखे जा रहा था.

गोपाल आके अभय जीत जीतू विजय के शरीर मे जेहर दाल देता है और गर्दन के पीछे ट्रेक डिवाइस भी अंदर दाल देता है फिर साइड मे जाके खरा हो जाता है

dp devil - अभय की टीम को देख मुस्कुराते हुवे यकीन नही हो रहा नये नये आये तुम बच्चे सभी को पीछे छोर टॉप 1 पे आ गये मे तुम सब से बहोत खुश हुवा

dp devil अभय को देख मुस्कुराते हुवे

dp devil - तुम तुम्हारा नाम अभय है ना

अभय सभी dp devil के सामने सर झुकाये खरे हुवे थे
अभय dp devil की बात सुन नजरे नीचे किये ही
अभय - जी आप ने सही कहा मेरा नाम अभय है
dp devil - मुझे पता है तुम्हारे बारे मे तुम्हारी टीम टॉप 1 पे है लेकिन तुम भी सब से टॉप 1 पे हो मेने देखा तुमने अकेले ही टॉप 5 के लोगो एक साथ अकेले ही हरा दिया मुझे लगता है तुम आराम से अकेले 10 टॉप ट्रेंड असेसन् को हरा सकते हो तुम मे बहोत काबिलियत है बहोत खूब अगर ये मिसन् अच्छे से कर लोगो को तुम सब को बरा इनाम दिया जायेगा और रेहने के लिये अच्छा कमरा खाना पीना सब कुछ और आगे भी मिसन मिलते रहेगे

अभय जीतू विनय जीत एक साथ जोर से - हम जरूर अपना मिसन पूरा कर के आयेगे

dp devil- मुस्कुराते हुवे बहोत खुश

dp devil फिर दो लोगो को बुलाता है दोनों ने भी मास्क पेहना था हाथो मे गन भी थे

dp devil दोनों को देख - इन लोगो को छोर आओ बाहर

दोनों गार्ड अभय सभी को लेकर जाने लगता है दोनों आगे आगे अभय सब पीछे पीछे चल रहे थे

पेहला गेट आता है गार्ड पासवर्ड दाल खोलते है फिर दूसरा फिर तीसरा तब जाके दिपु बाहर आते है अभय जीतू जीत विनय सभी हैरान थे और मन मे यही सोच रहे थे कोई भी इंतनी टाइट सिक्योरेटि से बाहर कभी निकल हि नही सकता है

गार्ड 1 अभय सभी ये आगे बाइक को दिखाते हुवे वो बाइक से तुम दोनों को ये जंगल पार करना है
गार्ड 2 - अभय को रास्ता का नक्सा तो एक छोटे से दिवाइस मे था देते हुवे ये तुम लोगो को रास्ता बतायेगा कैसे इस जंगल से बाहर जाना है

अभय दिवाइस लेते हुवे - जी समझ गया
गार्ड - ठीक है जाओ और अपना मिसन कर के आओ

फिर दोनों गार्ड अंदर चले जाते है

अभय दो कदम आगे जाता है और सामने देखता है तो दूर दूर से बरे बरे जंगल थे अभय फिर पीछे सभी को देख कर

अभय - रेडी हो तुम सब
तीनों - यस बॉस

अभय को बॉस इस लिये जीत जीतू विजय कहते है कियुंकी अभय टीम का कप्तान है नही ब्लकि अभय की वजह से ही आज तीनों टॉप पे आ पाये है अभय ने सब की बहोत मदद कि कई बार दुसरे टीम से भी बचाया अभय दिमाग और ताकत मे सब से आगे था इसी लिये जीत जीतू विजय पुरे दिल से अभय को बॉस मानने लगे

अभय बाइक पे बैठ जाता पीछे विजय दूसरी बाइक पे जीतू और साथ पीछे जीतू बैठ जाते है

अभय पीछे देख विजय को दिवाइस देते हुवे

अभय - विजय तुम मुझे रास्ता बताते रेहना किस तरफ जाना है
विजय - यस बॉस समझ गया

जीत बाइक अभय के सामने रोक देता है अभय जीत जीतू को देख
अभय - तुम दोनों मेरी पीछे साथ मे रेहना और हा रास्ते मे जितने मोर आयेगे वहा मे निसान लगाते जाना समझ गये

जीत जीतू - यस बॉस समझ गये

अभय बाइक चालू करते हुवे आगे देख

अभय - कियुंकी ये जंगल बहोत बरा घना है जब हम मिसन कर आयेगे तो हमसे रास्ते वाला दिवाइस ले लिया जायेगा तो फिर जब हम यहा से भागेगे तो उसके बिना जंगल से बाहर नही निकल पायेंगे लेकिन हम अभी निसान लगा देगे किस मोर पे कहा जाना है तू हम आराम से जंगल से निकल पायेंगे

विजय जीत जीतू - समझ गये बॉस

अभय - चलो फिर

अभय फिर तेजी से जंगल मे पतले रास्ते से उभर खाबर् गढ़े से होते हुवे जाने लगता है अभय के पीछे हि जीतू था और अभय से जैसा कहा था कोई मोर आता जीतू जल्दी से बाइक रोक देता और जीत जाके पेर पे छुपा के ताकि कोई देख ना सके निसान लगा देता

अभय को कैसे भी मिसन पूरा कर के कल साम तक आना था नही तो सब मारे जायेंगे

10 बजे से जंगल मे गये जंगल से बाहर आने मे अभय को साम हो जाती है हा पूरा दिन लग जाता है बिना रुके तक जाके सभी के एंड पे पहुँच पाये थे

अभय बाइक रोक सभी को आराम करने के लिये केहता है बस यहा से सेहर कुछ दूरी पे था कियुंकी बरी बिल्डिंग अभय सभी को साफ दिख रही थी

सभी बैठे हुवे खुले हवा का मजा ले रहे थे सभी को आजादी वाली फीलिंग आ रही थी

विजय अभय को देख
विजय - बॉस वो साला dp devil कमीना उसे पता था हमे जंगल से बाहर आने मे साम हो जायेगी फिर रात को हम मिसन करेगे फिर सुबह ही वापस साम तक लोटेगे साले ने एक दिन भी ज्यादा नही दिया

जीत विजय की बात सुन अभय को देख

जीत - सही कहा विजय ने बॉस वो कमीना बहोत चालाक तेज है

अभय तो बिल्डिंग को देख आजादी वाली फीलिंग ले रहा था और दोनों की बातें सुन दोनों को देख

अभय - अबे पागल कमीनो अगर वो इतना चालाक तेज नही होता तो किया आज तक जो सभी लोगो से बच कर रेह पाता किया आज वो अभी तक इतना बरा धंधा खोल उसका बॉस बना परा है बन पाता कभी दिमाग का भी इस्त्माल कर लिया करो

जीतू अभय की बात सुन हस्ते हुवे

जीतू - आपने सही कहा बॉस इस दोनों के पास कोई दिमाग ही नही है

विजय जीत दोनों घूर के जीतू को देखने लगते ही

अभय बिल्डिंग को देखते हुवे जीतू से - तुम्हारे पास भी कौन सा दिमाग है

अभय की बात सुन जीतू का मुह बन जाता है तो वही विजय जीत जीतू को देख हसने लगते है


( परजेंट )

ट्रेन कुछ मिनट मे अपने आखरी मंजिल पे पहुँचने वाला था और बाकी बच्चे यात्री भी


अभय खरा होके अपना बैग कंधे पे रख गेट के पास आके खरा हो जाता है और बाहर देखते हुवे अपनी मा बेहन भाई के बारे मे सोचने लगता है

अभय - मे आ गया मा भाई गुरिया बस 40 मिनट बाद मे आपके पास आपके आखो की सामने रहुंगा

पायल जो सीट पे बैठी थी अभय को जाते देख लिया था पायल एक नजर मा पापा को देखती है फिर धीरे से खरा होके अभय के पास जाके पीछे खरी हो जाती है

अभय पीछे देखता है तो पायल अपना बतिसी दिखाते हुवे खरी थी

अभय पायल को देख

अभय - तुम मेरा पीछा छोरोगी या नही एकदम जोक की तरह चिपक रही हो यार तुम

पायल अभय से पूरा सत् कर अभय कि आखो मे देख

पायल - मेरे राजा अपने मेरे खजाने को पकरा है मजे लिये है तो कैसे मे आप का पीछा छोर दु सादी तो आपको मुझसे करनी ही होगी

अभय पायल को देख

अभय - मेरा इरादा वैसा कुछ करने का नही था समझी
पायल अभय के और करीब सत् के अपने गुलाबी होठ अभय के होठ के पास लाके

पायल - जो भी है आपने मेरे खजाने को छु कर अंदर की आग को भरका दिया है जिसे आपको ही ठंडा करना होगा समझ गये मेरे राजा


तभी ट्रेन धीमा होता है और अपनी मंजिल पे रुक जाता है

अभय पायल बाहर देखते है

पायल जल्दी से अभय को देख

पायल - जल्दी से मुझे आप अपना मोबाइल दीजिये
अभय - नही दुगा
पायल अभय को देख
पायल - नही देगे तो मे चिल्ला चिल्ला के सब को बता दुगी आपने मेरे खजाने को पकरा था

अभय डर जाता है और जल्दी मोबाइल निकाल पायल को देते हुवे
अभय - तुम सच मे लरकी ही हो ना
पायल अभय का फोन लेते हुवे अपना नंबर डाइल करते हुवे
पायल - कियु आपने मेरा खजाना छूके पकर के भी मुझसे ये पूछ रहे है की मे लरकी नही हु

पायल अभय को फोन देते हुवे अभय को देख
पायल - किया आपको मेरे बरे बरे संतरे दिखाई नही दे रहे या फिर दिखा दु यकीन हो जायेगा

अभय पायल को देख
अभय - तुम लरकी हो लेकिन एक नंबर हि गुण्डी हो

अभय फिर नीचे उतर स्टेशन से बाहर जाने लगता है

पायल अभय को जाते देख
पायल - मे गुण्डी हु तो आप मेरे गुण्डे है मेरे राजा

पायल फिर अभय का नंबर ले लिया था तो पायल मेरा राजा नाम से सेब कर लेती है

पायल - मेरे राजा आप मेरे पास वाले गाव मे ही रेहते है तो मे आपको ढूढ़ ही लुगी बस मेरा इंतज़ार करना

अभय स्टेशन से बाहर आता है तो बहोत सारे रिस्का वाले खरे चिल्ला रहे थे यहा जायेगी ये रिस्का वहा जायेगी

अभय को अपने गाव का नाम सुनाई देता है अभय देखता है एक रिस्का वाला आवाजे लगाये जा रहा था

अभय जाके उस रिस्का मे बैठ जाता है 10 मिनट बाद रिस्का फूल हो जाता है और रिस्का लालपूर निकल परता है

अभय आगे बैठा बाहर देख रहा था अभी अभय बहोत खुश था चेहरे पे खुशी साफ दिख रही थी और खुश भी कियु ना हो आज 4 साल बाद नर्क से अपने आप को बचा के निकल अपने घर अपनी मा भाई बेहन के पास जा रहा था


( पास्ट ) रात 10 बजे

अभय अपने दोस्तो के साथ मिसन कर वापस आ गया था और सभी कमरे मे बैठे बातें कर रहे थे

विजय अभय को देख

विजय - भाई किया दिमाग लगाया है आप ने हमने पवार को मारा भी नही और नकली सबूत लेकर dp devil को दे दिया और उसको पता भी नही चला

जीत - सचमे बॉस आप कमाल हो आप नही होते तो हमारा किया होता बता नही

जीतू - इसी लिये तो अभय भाई हमारे बॉस है

अभय - मुस्कुराते हुवे बस अब हमे एक मिसन और मिल जाये फिर हम यहा से निकल जायेंगे अपने लोगो के पास

असल से अभय ने पवार को नही मारा बल्कि उसको सचाई बता दी और उसे कुछ दिनों महीनों के लिये चुप कर रेहने को कहा

लेकिन उससे पेहले अभय से पवार से इटिंग करवाई अभय पवार को बिस्तर पे लेता कर जानवर का चामरा चिपका देता हो फिर गले पे जानवर का खून दाल देता अब देखने मे लग रहा था पवार मारा गया है अभय फिर फोटो सबूत के लिये खिच देता है

अभय पवार से

अभय - देखिये छुपने से काम नही चलेगा वो कमीना न्यूज़ पे नजर रखता है इस लिये आप अपने कुछ लोगो को केह चारों तरफ झूठा न्यूज़ फैलवा दीजिये की आप मर गये और अपने घर वालो को समझा दीजियेगा कैसे लोगो के सामने नाटक करना है दिखाना है और कोई आपका फेक अंतिम संस्कार जल्दी हि करवा देना नही तो आप तो मरेगे ही हम भी मारे जायेंगे फिर उसके बाद सभी के नजर मे मत आना जब तक वो कमीना मारा नही जाता

पवार अभय को देख

पवार - तुम लोगो से मेरे लिये इतना सब किया ही अपनी जान जोखिम मे दाल के ये एहसास मे कभी नही भुलुगा कभी भी किसी भी चीज या मदद कि जरूरत परे बिना झिझक चले आना

तो यही हुवा था


( 7 महीने बाद ) अब पुरे चार साल बाद

( अभय अब 19 पार कर चुका था )

अभय को मिसन मिल हि जाता है असल मे मिसन बहोत थे लेकिन दूसरे टीम को डे दिया जाता था वो की जायदा खतरा वाला मिसन नही होता था इस लिये अभय की टीम तो नंबर 1 थी तो मिसन भी इतना बरा हि मिलता

अभय मिसन के लिये रेडी था या कहे भागने के लिये रात को ही अभय ने जो पैसा सोना था बराबर बराबर कर बैग मे रखवा लिया था किस्मत भी रही की किसी को सक नही हुवा और सही सलामत बाहर निकल आये

बाहर आते ही अभय तीनों को देखता है तीनों अभय को फिर सभी मुस्कुराते है और बिना देरी किये बाइक पे बैठ तेजी से जंगल से निकल परते है

अभय जीतू जीत विजय थोरी दूर गये ही थे की एक जोर दार धमाका सभी को सुनाई देता है पीछे

अभय सभी जल्दी बाइक रोक पीछे देखते है तो अभय सभी को आसमान मे धुवा ही दिखाई दे रहा था लेकिन अभय समझ जाता है किया हुवा है

अभय की आखो मे आसु आ जाते है बाकी सब की भी

अभय तीनों को देख

अभय - चलो हमे रुकना नही है

अभय फिर तेजी से आगे निकल परता है

असल मे गोपाल ने dp devil के ऑफिस में बहोत पेहले चोरी छुपे रिबोट बम लगा दिया था अभय सभी के बाहर जाते ही गोपाल रिबोट दबा देता है और अपने साथ dp devil को भी लेकर चला जाता है गोपाल जीना नही चाहता था अपने परिवार के पास जा भी नही सकता था तो बस यही एक रास्ता बचा था गोपाल के पास


बाकी जितने बच्चे थे उन्हे कुछ नही हुवा था बस dp devil का ऑफिस मे ही धमाका हुवा था और हर तरफ लोग भागने लगते है


( साम 8 बजे )

अभय सेहर पहुँच फोन बूथ से इंस्पेक्टर नितिका को फोन कर सब बताने लगता है ताकि जितनी जल्दी हो सके dp devil के बचे लोगो को पकर लिया जाये


नितिका - फोन पे - मे तुम्हारी बातो पी कैसे यकीन करू
अभय - आपको यकीन करना होगा मेडम बाकी आप की मर्ज़ी और हा मेरे पास सबूत भी है लेकिन वो मे आगे कुछ दिन बाद आपके पास बहुचवा दुगा यकीन कीजिये

नितिका - ठीक है मे यकीन करती हु

फोन कट

अभय जीतू जीत विजय को देखता है तो तीनों अभय को गले लगा लेते है तीनों अभय की वजह से हि आज dp devil के कैद से आजाद हो पाये थे

जीतू अभय को देख
जीतू - बॉस आप को हम कभी नही भुलेगे आप हमारे बॉस थे रहेगे आप की वजह से आज हम अपने घर जा पायेंगे अपनो से मिल पायेंगे

जीत अभय को देख

जीत - हा बॉस अगर आप नही होते तो सायद हमे मरते दम तक उसी नर्क मे रेहना परता आप का ये एहसास कभी नह भुलेगे

विजय - आप तो मेरे लिये बरे भाई जैसे है और आपने मेरा पूरा ख्याल रखा और आज हमे बाहर भी निकला

जीत जीतू विजय - आप कभी भी हमे याद करेगे एक आवाज मे हम आपके सामने होगे बॉस

अभय तीनों को देख मुस्कुराते हुवे

अभय - तुम तीनों की बिना मे भी कुछ कर नही पाता मेरे दोस्तो खैर हमे कुछ दिन रुक कर किसी ऐसे वक्ति को धुधना होगा जिसको हम सोना बेच सके

जीतू जीत विजय - समझ गये बॉस

10 दिन लगते है अभय को इस सब मे अभय सोने को बेच देता है और सभी अपना खाता atm सब कुछ खुलवा लेते है फिर अभय सभी को अपना हिस्सा दे देता है और अपना उसी के साथ गोपाल का हिस्सा अपने खाते मे जमा करवा लेता है


( 11 वे दिन सुबह ) 9 बजे

अभय सभी घर जाने के लिये रेडी थे अभय ने टिकट निकलवा लिया था अभय जीतू जीत को देख

ठीक है सब हो गया है याद रखना पुलिस को पता लग ही जायेगा फिर वो तुम दोनों को बुला की पूछ ताछ जरूर करेगे लेकिन मेने जितना बताया है उतना ही की केहना है समझ गये तुम दोनों

जीत जीतू एक साथ - समझ गये बॉस आप चिंता मत कीजिये

अभय फिर विजय को देख
अभय - विजय के टकले पे मारते हुवे और तुम बेवकूफ मेरे साथ चलने के लिये कहा था लेकिन तुम्हे मजे करते हुवे बुवा के घर होते हुवे आना है पता भी है जब मे घर पहुँचूगा तो तेरी मा मेरा दिमाग खा जायेगी

विजय - अभय को मस्का मारते हुवे बॉस प्लेस मा को आप संभाल लेना ने अगले ही दिन घर आ जाउंगा

अभय - ठीक है अगले दिन घर नही पहुचा तो तेरी खैर नही समझा
विजय - समझ गया बॉस मा कसम अगले दिन आ जाउंगा
अभय - ठीक है फिर
अभय फिर सभी से गले मिलता है और अभय जीत जीतू को देख

अभय - मे जा रहा हु जैसे ही सारे मामले सांत होगे हम फिर मिलेंगे
जीत जीतू - इंतज़ार रहेगा बॉस उस पल का

अभय - मुस्कुराते हुवे बाय बोल रेलवे स्टेशन की तरफ निकल परता है

जीतू जीत विजय अभय को जाते देख - कसम से बॉस कमाल के बंद है तेज दिमाग उतना की ताकतवर ऐसे हि नहीं हमारे बॉस है

अभय PBA रेलवे स्टेशन प्लेटफार्म नंबर 2 पे ssa जाने वाली ट्रेन मे खिरकी वाली सीट जोकि अभय की थी बैठ जाता है और बाहर की तरफ देखने लगता है

बार बार अनाउसमेंट हो रही थी pba ट्रेन 10 मिनट मे ssa के लिये रवाना होगी 10 मिनट बाद ट्रेन खुल जाती है और ट्रेन अपनी मंजिल की तरफ निकल परता है

( पास्ट ) यही पे खतम होता है

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( परजेंट )


रिस्का अभय की घर के आप आके रुकती है अभय नीचे उतर रिक्से वाले को पैसा देता है और रिस्का वाला चला जाता है

अभय अभी मैन रोड पे खरा था अभय अपने घर की तरफ देखता है तो दिपु को वही जगह दिखाई देती है यहा से उसे किंडनेप कर लिया गया था अभय को वो पल याद आने लगते है

अभय आगे थोरा देखता है तो अभय को अपना घर दिखाई दे रहा था अभय अपना कदम आगे बढ़ाता है और अपने घर जाने लगता है


आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏🙏
Yeh family tow bahot ziada museebat jheli h
Ab dekhte h Abhay ke aane se kia halat hote h or jab Abhay ko APne Bhai ke baare me pata chalega tab uski kia halat Hoti
Baherhal dekhte aage kia hota h
 

Naik

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chapter 6

अभय अपने गाव अपने घर के कुछ हि दूरी पे था

अभय अपना कदम आगे अपने घर की तरफ बढ़ाता है दिल मे बेचैनी हलचल खुशी एक साथ हो रही थी अभय चलते जा रहा था तभी वो रुक जाता है

अभय उस जगह पे रुका था जिस जगह से उसे किंडनैप किया गया था अभय उस जगह को गौर से देखता है फिर आगे बढ़ने लगता हैं

अभय अपने चारों तरफ देखते हुवे चल रहा था अपने गाव परोसी सभी को देख पुरानी यादे ताजा करते हुवे

आखिर कार अभय अपने घर के बाहर खरा था अपने घर को देखने लगता है अभय अपने घर को देख उसके आखो से आसु निकल परते है

अभय - मे आ गया मा भाई गुरिया

अभय अपने आसु साफ कर अंदर जाता है अभय जब आगन मे जाता है तो अभय को कोई दिखाई नही देता

सुबह के 11 बज रहे थे

अभय आगन मे बैग लिये खरा चारों तरफ देखने लगता है सब जैसा का तैसा था अभय को फिर पुरानी यादे आने लगती है

तभी एक कमरे से दिशा बाहर निकल के आती है दिशा की नजर अभय पे जाती है जिसे देख दिशा जहा के ताहा रुक जाती है और अभय को उपर से नीचे तक देखने लगती है दिशा ने घुघट् डाला हुवा था लेकिन फिर भी अभय को साफ देख पा रही थी

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दिशा अभय को देखते हुवे मन मे
दिशा- ये हैंडसम लरका कोन है और बिना किसी के इज़ाज़त के अंदर कैसे आ गया

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अभय की नजर भी दिशा पे जाती है अभय दिशा को नही जानता था ना चेहरा दिखाई दे रहा था अभय दिशा को उपर से नीचे तक देखता है
अभय दिशा को देखते हुवे मन मे
अभय - ये कोन है चेहरा दिख नही रहा लेकिन ये मेरी बेहन तो नही है और मा तो हो ही नही सकती ये तो बहोत जवान खूबसूरत लग रही है
अभय दिशा को देखने लगता है दिशा अभय को

दिशा अभय के पास आके अभय को देख

दिशा - आप कोन है और बिना किसी इज़ाज़त के घर के अंदर कैसे आये

अभय दिशा के चेहरे को देखने की कोसिस कर रहा था लेकिन दिशा ने घुघट् डाला हुवा था तो दिशा अभय को देख पा रही थी लेकिन अभय नही देख पा रहा था अभय दिशा की आवाज सुन मन मे

अभय - कितनी मीठी प्यारी आवाज है कोयल की जैसे
दिशा अभय को सोचते देख
दिशा - मेने पूछा आप कोन है और घर के अंदर कैसे आये
अभय होस मे आते हुवे दिशा को देख

अभय - आपने जो कहा सही कहा कहा किसी के घर मे ऐसे ही बिना पूछे बिना इज़ाज़त के नही जाना चाहिये

दिशा अभय की आवाज सुन अभय को देख मन मे
दिशा - कितनी प्यारी अच्छी आवाज है
तभी अभय दिशा को देख
अभय - लेकिन ये मेरा घर है और मुझे अपने ही घर मे आने के लिये किसी के पर्मीसंन लेने की जरूरत नही है

दिशा के कानों मे अभय की बाते जैसे ही जाती है दिशा हैरानी से अभय को उपर से नीचे गौर से देखने लगती है दिशा के दिल मे हलचल होने लगती है दिमाग कई सारे बाते सोचने लगता दिशा अभय को देख कापते हुवे होठो से
दिशा - किया आप मेरे देवर जी अभय है
अभय दिशा की बात सुन हैरानी से दिशा को देखने लगता है और अपने मन मे
अभय - किया सामने जो है वो मेरी भाभी है क्या भाई ने सादी भी कर ली अरे एक मिनट मे 19 पार कर चुका हु तो समझ गया तभी तो सोचु मेरे घर मे ये नया चेहरा किस का है

वही दिशा का पूरा सरीर काप् रहा था दिल मे हलचल मची हुई थी दिशा के का दिमाग कई सारे सवाल लाये जा रहा था दिशा बैचेनी से अभय को देख अभय के जवाब का इंतज़ार कर रही थी

अभय दिशा को देखता है और आगे जाके दिशा के पैर छुटे हुवे
अभय - हा भाभी मे आपका एक लौटा देवर अभय हु

दिशा ये सुनते ही पथर् की बन जाती है दिशा जैसी खरी थी वैसी हि रेहती है दिशा को यकीन नही हो रहा था उसका देवर चार साल बाद लौट के आया है और अभी उसके सामने है

अभय दिशा को सांत कुछ ना बोलता देख हैरान हो जाता है और सोचने लगता है भाभी को किया हो गया है बोल कियु नही रही है

अभय - भाभी कहा खो गई कुछ तो बोलिये
अभय की आवाज सुन दिशा होस मे आती है और अभय के चेहरे को प्यार से देखने लगती है दिशा के आखो से आसु तप तप कर नीचे गिरने लगते है

अभय की नजर नीचे जाती जहा दिशा के आसु तप तप गिरे जा रहे थे
अभय हैरानी से दिशा को देखते हुवे
अभय - भाभी आप रो कियु रही है

तभी अचानक दिशा तेजी से अभय के गले लग फुट फुट कर रोते हुवे
दिशा - किया आप ही अभय है मेरे देवर आप झुठ तो नही बोल रहे ही ना

अभय हैरान था दिशा को ऐसा रोता करता देख लेकिन अभय को समझ मे आता है 4 साल बाद आया है तो सभी उसे बहोत मिस किये होगे

अभय अपना एक हाथ दिशा के पीट पे धीरे से रख सेहलाते हुवे
अभय - हा भाभी मे अभय ही हु मेरा किंड्नैप 4 साल पेहले हुवा था लेकिन मे वहा से भाग आया आप लोगो के पास अपनो के पास

अभय दिशा को अपने से अलग करता है और घुघट् के अंदर से ही दिशा के आसु साफ करते हुवे दिशा को देख

अभय - भाभी आप रोते हुवे अच्छी नही लगेगी मे अब आ गया हु ना
दिशा रोना बंद कर देती है और अभय को देख
दिशा - देवर जी लेकिन आप कहा थे 4 साल मे किया हुवा कैसे आप वहा से भाग कर आ गये

दिशा को ये बात बेचैन कर रही थी की उसका देवर 4 साल कहा कैसे रहा और कैसे वहा से भाग कर आया और दिशा को ये सब जानना था

अभय दिशा को देख
अभय - भाभी अभी तो आया हु साम को अच्छे से सभी को अपनी कहानी बताऊंगा

दिशा - माफ करना देवर जी मे भी कितनी पागल हु आप घर वापस आ गये यही बहोत बरी बात है बता नही सकती आज मे कितनी खुश हु आप को देख कर और मम्मी जी ननद जी देखेगी तो खुशी के बारे पागल हो जायेगी

अभय घर के चारों तरफ देख
अभय - अरे हा मे तो भूल ही गया था मा भाई गुरिया कहा

भाई ये सुनते ही दिशा सांत पर जाती है दिशा के आखो से फिर आसु गिरने लगते है जिसे अभय फिर देख हैरान हो जाता है

अभय - भाभी आप फिर रोने कियु लगी
दिशा रोते हुवे मन मे
दिशा - हे उपर वाले ये कैसी उलझन मे मुझे डाल दिया है एक भाई 4 साल कैद मे रेह कर वापस अपने मा भाई बेहन के पास आया है लेकिन मे कैसे बताऊं की उसका भाई इस दुनिया मे नही रहा कैसे बताऊं मे लेकिन बताना तो पड़ेगा ही

अभय - बोलिये ना मा भाई गुरिया कहा है
दिशा अभय को देख
दिशा - देवर जी मा खेत मे गई है और ननद जी स्कूल गई है और
दिशा को आगे केहने की हिम्मत नही हो रही थी लेकिन पूरी हिम्मत जुटा के रोते हुवे आपके भाई इस दुनिया मे नही रहे

अभय को ये सुन बहोत बरा धक्का लगता है अभय को अपने कानों पे यकीन नही रहा हो रहा था उसने किया सुना अभय दिशा को देख कापते हुवे होठो से

अभय - भाभी आप इस तरह का मजाक कैसे कर सकती है आपने जो कहा सच नही है ना

अभय का पूरा सरीर काप् रहा था

दिशा रोते हुवे अभय को देख

दिशा - काश ये घटिया मजाक ही होता देवर जी लेकिन ये सच है

दिशा अभय को सुरु से विनय के साथ कैसे कब हुवा सब पता देती है जिसे सुनने के बाद अभय घुटनों पे आ जाता है मुह से कोई शब्द नही निकल रहे थे लेकिन आखो से घर घर के आसु गिरे जा रहे थे अभय अचानक एक जोर दार चीख मारते हुवे रोने लगता है

अभय अपने दोनों हाथो को जमीन प रखे रोते हुवे

अभय - कियु कियु ऐसा कियु हुवा कियु 4 साल बाद मेने दर्द सहा हिम्मत जुटाई उस कैद से भाग कर अपने मा भाई बेहन की पास आने की लिये लेकिन जब मे आया तो आप मुझे छोर कर चले गये कियु भाई कियु आप हम सब को कियु छोर कर चले गये सायद मे यहा होता हो ऐसा कुछ नही होता हा मे होता यहा तो सायद भाई जिंदा होते सब मेरी गलती है मेरी मे उस दिन बाहर नही जाता तो ऐसा नही होता

दिशा अभय के पास जाके अभय के सर पे हाथ रख

दिशा - देवर जी किस्मत के आगे हमारी नही चलती और हा इसमें आप की कोई गलती नही है उसका बुलावा आ गया था वो चले चले एक ना एक दिन हमारा भी बुलावा आयेगा और हम भी इस दुनिया से चले जायेंगे तो अपने आप को दोस मत दीजिये आपको नही पता गुरिया सासु मा ने कितना दर्द सहा है सायद उपर वाले को हमारे उपर थोरी तरस आ गई अब आप ही है जो सासु मा ननद जी को इस घर मे खुसिया ला सकते है उन्हें खुश रख सकते है तो अपने आप को मजबूत रखिये

अभय नीचे जमीन पे झुका हुवा आसु बहा रहा था दिशा की बात सुन अभय मन मे

अभय - 4 साल मे कैद मे रहा लेकिन सच ये है वो कैद मेरे लिये फायेदे मंद रहा वहा मेने फाइटिंग सीखी अपनी बॉडी बनाई वहा से मेने पैसे भी बहोत सारे लेकर आया यानी इस चार साल मे मुझे हर तरफ से फायेदा ही हुवा है अगर मेरा किंडनैप नही हुवा होता तो 25 साल तक पढाई करते रहता फिर कई साल तक नोकरी दुधता कमजोर का कमजोर रेहता आज मेरे पास जीतने पैसे है वो तो पूरी जिंदगी मे कमा नही पाता तो दर्द मे सिर्फ कुछ ही सहा है लेकिन असली दर्द तो मा गुरिया भाभी ने सहे मे रो नही सकता मे घर मे अकेला मर्द हु मुझे सभी को खुश रखना होगा और मे ये करुगा इतनी खुसिया दुगा की सब दर्द खतम हो जाये

अभय अपने आसु साफ करते हुवे दिशा को देख

अभय - सही कहा भाभी आप ने मुझे ही आप सब का ख्याल रखना है और मे आप सब का खयाल रखुंगा इसी लिये तो सब से लर कर आया हु

दिशा - मुस्कुराते हुवे दिपु के गाल को खिच ये हुई ना बात देवर जी
अभय आउच करते हुवे गाल को पकर दिशा को देख
अभय - भाभी दर्द हुवा जोर से
दिशा - हस्ते हुवे अच्छा मेने सुना है मर्द को दर्द नही होता
अभय - मुस्कुराते हुवे होता है भाभी बहोत होता है लेकिन मर्द अपने दर्द को सभी से छुपा के रखते है

अभय खरा होते हुवे
अभय - अब मे नहा लू ट्रेन मे सफर कर मेरा सर घूम रहा है
दिशा खरी होते हुवे अपना सर पकर

दिशा - हा सही कहा मे पानी घर देती हु आप नहा लीजिये
अभय - ठीक है भाभी

दिशा पानी भरने चली जाती है दिपु अपने कमरे मे आता है

अभय अपने कमरे को 4 साल बाद देख इमोसनल हो जाता है अभय चारों तरफ देखते हुवे बेड पे बैठ अपने मुह पे हाथ रख आखो मे आसु लिये

अभय - मुझे रोना नही है मुझे सब को हसाना है खुश रखना है कमजोर नही होना है मे एक मर्द हु हा मे रोयुगा नही लेकिन अकेले मे रो लुगा

अभय थोरी देर बाद नहाने जाता है दिशा बाहर हि खरी थी

दिशा - देवर् जी आप कहे तो आके पीठ साफ कर दु
अभय घबरा जाता है और शर्मा भी जाता है
अभय - हकलाते हुवे नही भाभी मे मे अकेले ही नहा लुगा
दिशा अभय की बात सुन समझ जाती है अभय शर्मा रहा है
दिशा - हस्ते हुवे कियु देवर जी को सर्म आ रही है
अभय नहाते हुवे अपने आप को साफ करते हुवे
अभय - हकलाते हुवे नही ती भाभी मे कियु सर्माउंगा

दिशा मन मे लगता है देवर जी बहोत सर्मिले है कोई ना आज ही आये है धीरे धीरे आदत पर जायेगी दिशा मुस्कुराते हुवे खाना निकालने चली जाती है
अभय नहाते हुवे मन मे बाप रे बच गया मुझे इतनी सर्म अभी कियु आ रही है मुझे तो सर्म नही आती थी मेने तो पायल उस बंदरिया के चुत को बिना सर्माये पकर लिया था

20 मिनट बाद

अभय कमरे मे अपने कमरे बदल रहा था तभी दिशा आते हुवे देवर जी

तभी अभय जल्दी से दरवाजा बंद करते हुवे

अभय - भाभी मे कपड़े बदल कर आता हु बस 2 मिनट
दिशा हैरान दरवाजे को देखती रेह जाती है और हस्ते हुवे
दिशा - ठीक है खाना निकाल दिया है आके खा लीजिये

दिशा फिर अपने कमरे मे आके बैठते हुवे उपर वाले का सुक्रिया अदा करते हुवे उपर वाले आप ने मेरी सुन ली और आपने देवर जि को भेज दिया आपका दिल से सुक्रिया

अभय रेडी होके दिशा के कमरे मे आता है दिशा अभय को देख
दिशा - देवर जी बहोत हैंडसम है आप उपर से बॉडी भी मस्त है लरकिया तो आप को देख आपके पीछे पर जायेगी

अभय बिस्तर पे बैठ दिशा को देख हस्ते हुवे

अभय - आपको ऐसा लगता
दिशा - लगता नही होगा देख लीजियेगा गा

अभय मन मे आपने सही कहा मेने देख लिया है अभय पायल के बारे मे सोच केह रहा था

अभय दिशा को देख भाभी मुझे अपने हाथो से खिलाइये ना

दिशा दिपु की बात सुन हैरान के साथ इमोसनल हो जाती है दिशा को यही चाहिये था एक प्यारा सा देवर

दिशा अपने हाथो से अभय को प्यार से खाना खिलाने लगती है
अभय खाना खाते हुवे दिशा को देख
अभय - भाभी खाना किसने बनाया है
दिशा - मेने बनाया है देवर जी कियु अच्छा नही बना
अभय दिशा के उंगली को मुह मे लेके चाटते हुवे
अभय - अच्छा बहोत अच्छा है
दिशा सर्म से लाल होते हुवे अपने हाथ खीच कर
दिशा - खाना खाइये देवर जी हाथ नही
अभय - हस्ते हुवे समझ गया भाभी
दिशा बस अभय को देखे जा रही थी और खाना खिलाये जा रही थी

10 मिनट बाद

खाना हो जाता है और अभय दिशा के गोद मे सर रख लेट जाता है

दिशा हैरान अभय को अपने गोद मे सर रख लेते देखती है तो दिशा को विनय की याद आ जाती है विनय ऐसे ही हमेसा दिशा के गोद मे सर रख लेट बाते करता था और दिशा विनय के बाल को सेहलाते रेहती

दिशा का हाथ अपने आप अभय के बालों पे चला जाता है और दिशा अभय के बाल को सहलाने लगती है अभय को ये एहसास बहोत अच्छा लगता है अभय को बहोत सुकून मिलता है

अभय - दिशा को देख भाभी अभी तक मेने आपका खूबसूरत चेहरा नही देखा ना आपने मुझे देखाया

दिशा थोरा इमोसनल होते हुवे - देवर जी इस चेहरे की खुशी रंग गायब हो गये है देख कर किया करेगे आपको मेरी सूरत अच्छी नही लगेगी

अभय कर बैठ जाता है और दिशा को देख

अभय आपका चेहरा देखना है भाभी आप जैसी भी है मेरी भाभी है
दिशा को अभय की बात सुन खुशी मिलती है
दिशा ठीक है मे अपने देवर जी को मना कैसे कर सकती हु

अभय खुश होते हुवे दिशा के घुघट् हटा देता है अभय जब दिशा को देखता है तो देखता रेह जाता है

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दिशा अभय को देख - किया हुवा कहा खो गय देवर जी
अभय होस मे आते हुवे दिशा के खूबसूरत चेहरे को देख

अभय - कसम से केह रहा हु भाभी आप बहोत ही खूबसूरत है चाँद की तरह उतनी ही मीठी आवाज भी है भाई की

तभी दिपु इमोसनल होते हुवे हुवे

अभय आप जितनी खूबसूरत है उतनी दिल की अच्छी भी है मे इतने बातो मे हि समझ गया लेकिन उपर वाले ने भाई आप के साथ अच्छा नही किया

दिशा दिपु को देख - देवर जी जो होना था हो गया इसमें उपर वाले कि कोई गलती नही जो आया है उसे एक दिन जाना ही होगा

अभय दिशा को देख - अच्छा भाभी ये बताइये मेरे जाने के बाद किया किया हुवा इतना आप जानती है

दिशा अभय को सारी बाते बताने लगती है जिसे सुन अभय बहोत इमोसनल हो जाता है लेकिन उसी के साथ एक बात को लेकर हैरान भी

अभय दिशा को देख - एक मिनट आप ने कहा गुरिया का एक बॉयफ्रेंड है और गुरिया की सादी मा जल्दी ही कराने वाली है

दिशा अभय को मुस्कुराते हुवे देख - सही सुना एक महीने बाद आते तो आप अपनी गुरिया की सादी नही देख पाते

अभय हैरान होते हुवे - किया अच्छा हुवा मे जल्दी आ गया लेकिन वो लरका कोन है

दिशा - मुझे लगता है आपको खुद गुरिया से पूछ लेना चाहिये गुरिया आपको सब सच बता देती

अभय - ये भी सही मे खुश हु गुरिया ने अपने लिये खुद अपना लाइफ पाटनर ढूढ़ लिया है लेकिन ये बाते आराम से करुगा

दिशा अभय को देख ये भी सही है

अभी आसा अंदर आती है और पीछे जाके घास रख कर आगन मे आती है
दिशा अभय दोनों को पता लग जाता है आसा आ गई है

दिशा अभय को देख - जाइये अपनी मा के पास सासु मा आपको देख बहोत बहोत खुश होगी

अभय इमोसनल होते हुवे दिशा को देखते हुवे - जी भाभी

आसा हाथ पैर मुह धो कर बाथरूम से जैसे हि बाहर आती है सामने अभय को खरा देखती है अभय के पीछे दिशा खुशी के आसु लिये देखे जा रही थी

आसा अभय को देख एक जगह जम जाती है आसा बिना पलके झपकाये अभय को देखे जा रही थी अभय भी आखो मे आसु लिये दर्द भरी आवाज मे

अभय - माँ
आसा अभय को देख कापते होठो से - किया तुम मेरे लाल हो
अभय - रोते हुवे हा मा मे आपका लाल अभय मे वापस आ गया

अभय 4 साल मे बॉडी गोरा हैंडसम और हाईट चेहरा सब बदल गया था लेकिन इतना भी नही की कोई पहचान ना पाये अभय की आवाजे पेहले ही जैसे थी बस थोरी बदली थी

आसा बिना देरी किये तेजी से अभय के पास जाके जोर से अभय को अपने बहो मे भर के जोर जोर से रोते हुवे

आसा - मेरे लाल तु आ गया मुझे पता भी है तेरी मा मुझे कितना याद कर के रोती थी तेरे बिना एक पल कितना मुश्किल से गुजरता था बेटा हम ने तुझे बहोत याद किया बेटा रोज उपर वाले से दुवा मांगती थी मुझे मेरा बेटा लौटा दे आज उपर वाले ने सुन ही और तु आ गया

अभय भी अपनी मा को कस की पकर रोते हुवे

अभय - मा मेने भी आप सब को इस 4 साल मे बहोत मिस किया मे रोज आप सब को बहोत याद करता था मुझे आपके बिना वहा रहा नही जा रहा था बस मेने ठान लिया मे अपनी खूबसूरत प्यारी मा के पास कैसे भी लौट आऊगा और आज मे आ गया मा आपके पास सब के पास अपने घर

आसा अभय के चेहरे को पकर प्यार से देखते हुवे
आसा - अच्छा किया मेरे लाल तु आया गया नही तो जिदगी जैसे हमसे रूठ गई थी मुझे अच्छे से देखने दे तुझे तुम बहोत बरे हो गये हो और बहोत हैंडसम बॉडी भी बना ली है

अभय अपनी मा को देख हस्ते हुवे

अभय - बेटे पे लाइन मार रही है मे नही पटने वाला

अभय की बात सुन आसा दिशा दोनों हैरान अभय को देखते है दोनों कि हसी छुट जाती है
आसा अभय के कान पकर हस्ते हुवे
आसा - अच्छा मे तुझपे लाइन मार रही हु वाह बेटे वैसे ये बता मुझसे कियु नही पटेगा किया मे खूबसूरत नही हु

अभय अपने कान को पकरे हुवे आह करते हुवे दर्द मे
अभय - मा छोरो बहोत दर्द हो रहा है मे तो मजाक कर रहा था आप जैसी खूबसूरत इस कोई नही है मे तो आपसे कब का पट गया हु
( अभय मस्ती मजाक इस लिये करा ताकि आसा को हसा सके)
आसा अभय के कान छोर हस्ते हुवे - अब आया लाइन पे
आसा अभय के गाल पे हाथ रख प्यार से अभय को देख
आसा - अब तुम्हे अपने से दूर कही नही जाने दुगी हमेसा अपने सीने से लगा के रखुंगी
अभय - नही जाउंगा मा उस वक़्त 15 साल का कमजोर लरका था लेकिन अब नही हु अब कोई भी मुझे आप से दूर नही ले जा पायेगा और ना मे आपको छोर कही जाऊंगा

आसा अभय के गाल पे किस करते हुवे जाने भी नही दुगी कियुंकी फिर मुझे तुम दूर गये तो ही नही पाउंगी

अभय आसा को सीने से लगा के - फिर ऐसा नही होगा मा

दिशा - चलो अच्छा है अब अदिति बची है मे तो यही सोच रही हु अदिति आपको देखेगी तो उसका रिएक्सन् कैसा होगा

आसा दिशा को देख - सही कहा बहु अदिति के लिये तो अभय जान है उसका बहोत प्यार करती है अभय को अभय भी दोनों एक की जान बस्ती है एक दूसरे मे जब अदिति अभय को देखेगी तो खुशी से नाचने लगेगी
अभय - मुझसे भी रहा नही जाता मुझे गुरिया से जल्दी मिलना है उसे देखना है

दिशा आसा अभय को देख

दिशा - आप दोनों मा बेटे बात कीजिये कुछ कपड़े धोने है मे चली कपड़े धोने

दिशा कपड़े धोने चली जाती है

अभय आसा के पास जाके आसा को गोदी मे उठा लेता है आसा ये देख हैरानी के साथ डर के अभय को देखते हुवे

आसा - अरे मे गिर गई तो इस उमर मे हड्डी भी नही जुर् पायेगी बेटा
अभय आसा को देख हस्ते हुवे
अभय - मा आप तो अभी भी पूरी जवान है खूबसूरत है रही बात गिरने की तो मे आपको गिरने नही दुगा पेहले मे कमजोर बच्चा था अब नही हु

आसा मुस्कुराते हुवे अभय को देख - हा मे देख रही हु

अभय आसा को कमरे मे लाके बिस्तर पे लेता देता है और खुद आसा के साथ लेत जाता है दोनों मा बेटे एक दूसरे को देखने लगते है

आसा अभय को देख - यकीन नही हो रहा तुम वापस आ गये मेरे लाल अपनी मा के पास
अभय - मुझे भी यकीन नही हो रहा है मा की मे उस कैद से निकल आप के पास आ गया लेकिन ये सच है
आसा - हैरानी से लेकिन बेटा तुम थे कहा 4 साल कोन तुझे उठा के ले गया और कियु 4 साल कैसे रहे वहा कैसे भाग कर आये

अभय - मा सब आराम से बताऊंगा बस अभी इतना समझ लीजिये वहा भी था रोज आप सब को बहोत याद करता था सुबह उठता था तो आप की आवाज आप का खूबसूरत चेहरा देखने के लिये नही मिलता था तो अभय रो परता है

आसा अभय के सीने से सता के - ना बेटा रो मत मुझे भी बहोत याद आती थी मुझे भी तुम्हे सुबह जगाना और तुम जागते थे मुझे देखते थे तो मेरा दिन भी बन जाता था

अभय - मा को देख मुस्कुराते हुवे लेकिन अब रोज आपकी मीठी आवाज आपका खूबसूरत चेहरा देख पऊगा

आसा - हस्ते हुवे हा हा कियु नही तुम मुझे खूबसूरत केहते हो किया सच मे तुंझे मे बहोत खूबसूरत लगती हु
आसा अभय की आखो मे देखने लगती है अभय अपनी मा की आखो मे देख

अभय - हा बहोत बहोत अगर आप जैसी सेम दिखने वाली खूबसूरत लरकी मुझे मिल गई तो मे उसके पैर पे गिर के कहुंगा प्लेस मुझसे सादी कर लो

आसा अभय कि बात सुन शर्मा जाती है
आसा - तुम भी ना बेटा 4 साल मे तुम बहोत बदल गये उसी के साथ अच्छी बाते भी करने लगे हो
अभय हस्ते हुवे - वो तो है लेकिन काश भाई होते तो ये खुशी और बढ़ जाती
आसा - इमोसनल होते हुवे सही कहा मेरी साल
अभय आसा को बहो मे लेके
अभय - मे हु ना मे आप सब का ख्याल रखुंगा मा वादा है मेरा
आसा - अभय जो कस के बहो मे भर मुझे पता है

तभी आसा देखती है अभय बाते करते हुवे सो गया है
आसा अभय के चेहरे को प्यार से देखती हुवे
आसा - कितना हैंडसम हो गया है मेरा लाल किसी की नजर ना लगे
आसा आगे झुक अपने होठ अभय की होठ पे सता के किस कर अभय को देखते हुवे

kiss-gif-1
आसा - लगता है मेरा लाल बहोत थक गया था सफर कर के सो जा अपनी मा के बहो मे ये पल के किये मे कितना तरसी हु
आसा भी सो जाती है आज दोनों मा बेटे सुकून की नींद सोने वाले थे

( नोट - आसा अभय दोनों के बीच मा बेटे का अभी प्यार ही है )


( साम 3 बजे )

आसा की नींद खुल जाती है आसा देखती है अभय आराम से सोया हुवा है आसा अभय के चेहरे को प्यार से देख

आसा - मुझे लगा ये अपना है लेकिन सुकर् है ये सच है मेरा लाल मेरे पास है

आसा फिर अभय के गाल पे किस कर उठने लगती तो अभय आसा के हाथ पकर अपनी तरफ खिचता है आसा सीधा अभय के ऊपर जाके गिरती है अभय आस को देखता है आसा अभय को

अभय - आप अकेले जा रही थी उठ कर
आसा अभय को देख - मुस्कुराते हुवे मुझे लगा तुम सो रहे हो
अभय -मुस्कुराते हुवे - जब आपने मुझे मीठी किस दी गालो पे तभी मे उठ गया
आसा - हस्ते हुवे अच्छा ये बात है
अभय - मुस्कुराते हुवे हा
आसा - अब छोर मुझे नही तो मेरी वजन से दू दब जायेगा
अभय अपनी मा के कमर को पकर आसा को अपने से पूरा सता के
अभय आसा की आखो मे देख - आपका बेटा आपको संभाल सकता है मा
आसा अभय की आखो मे देख - अच्छा लेकिन अभी उठ जा समझे
आसा अभय के ऊपर से उठ सारी सही कर अब चल बाहर
अभय मुस्कुराते हुवे चलो

अभय फ्रेस् होता है फिर आसा भी अभय आसा के पास जाके

अभय - मा मे गुरिया को लेने जा रहा हु
आसा अभय के हाथो को जोर से पकर अभय को डरते हुवे देख नही तुम बाहर नही जाओगे

अभय समझ सकता था अपनी मा की हालत को डर को

अभय आसा के चेहरे को पकर आसा को देख
अभय - मा मुझे पता है आप डरी हुई है और कियु डरी हुई है ये भी जानता हु लेकिन मा ऐसा फिर नही होगा दूसरी जो लोग बच्चो का किडनैप करते थे सब पकरे गये है अब मे भी कोई बच्चा नही रहा और मे हमेसा घर मे नही रेह सकता ना

आसा अभय को देख
आसा - मुझे नही पता लेकिन मुझे डर लग रहा है कही तुम गये और फिर वापस नही आये तो
अभय - आपकी कसम मा कुछ नही होगा

दिशा वहा आते हुवे आसा से
दिशा - सासु मा जाने दीजिये देवर जी को वो सही केह रहे जरा सोचिये खुद कैद से सब से बच भाग के आये है अब वो बचे नही रहे

आसा - ठीक है जा लेकिन जल्दी आना
अभय आसा के माथे पे किस करते हुवे
अभय - थैंक्स मा समझने के लिये एक मा का डर समझ सकता हु लेकिन चिंता मत कीजिये कुछ नही होगा

अभय दिशा को देख

अभय - थैंक्स भाभी मा को समझाने के लिये
दिशा - मुस्कुराते हुवे कोई बात नही अब आप जाइये अदिति की छुट्टी होने वाली होगी

अभय जाते हुवे ठीक है मे जा रहा हुई मा भाभी

आसा अभय को जाते देख
आसा - किया करू डर तो लगेगा ही ना एक बार खो चुकी थी अपने लाल को फिर खो नही सकती
दिशा आसा के कंधे पे हाथ रख
दिशा - समझ सकती हु मे आपका दर्द सासु मा लेकिन इस बार देवर जी के साथ कुछ नही होगा वो सब से लर के भाग के सिर्फ आपके अदिति उनके के ही आये है

आसा दिशा को देख - सही कहा तुम ने बहु


अभय मस्त अपने जेब मे हाथ डाले निकल परता है अभय चलते हुवे जा रहा था लेकिन अभय अदिति के बारे मे ही सोच रहा था

अभय मन मे - मे 19 पार कर चुका हु गुरिया भी 18 पार कर चुकी है यानी गुरिया बरी हो गई है और गाव मे तो लरकियो की 18 होते ही सादी कर दी जाती है अच्छा हुवा जल्दी घर आ गया नही तो कुछ महीने और देर होती तो गुरिया की सादी नही देख पाता

अभय सोच से बाहर आके आगे देखता है तो मेन रोड आ चुका था अभय साइड मे खरा होके रिस्के का इंतज़ार करने लगता है और फिर सोच मे चला जाता है

अभय मन मे - भाभी ने कहा मा ने मंजूरी दे दी है यानी मा उस लरके से मिल चुकी हैं और भाभी भी लेकिन मेरा मिलना बाकी है कसम मेरी मा की अगर मुझे उस लरके मे थोरी सी भी गर्बर् दिखाई दी तो रात मे उसके घर मे जाके उसका गला काट दुगा लेकिन अगर लरका मेरी गुरिया के लायक होगा तो मे खुद दोनों की अच्छे से धूम धाम से सादी कराऊगा

तभी रिस्का आ जाती है अभय सोच से बाहर आके रिक्का मे बैठ जाता है रिक्सा चल परती है

रिस्का मे 4 सवारी और थे एक लरकी भी थी जो अभय को देखते हुवे
लरकी - किया हैंडसम लरका है यार अगर ये मेरा बॉयफ्रेंड बन गया तो मजा ही आ जायेगा

वही अभय बाहर नजरे को देखे जा रहा था अभय पीछे बैठा था और अभय के बगल मे ही लरकी बैठी थी लेकिन अभय लरकी को देख भी नही रहा था

लरकी अभय को देख मन मे - अरे इस लरके हो मे दिखाई नही दे रही हु किया यार बगल मे हु तो बैठी हु लगता है मुझे ही बात करनी पड़ेगी

लरकी अभय से सत् के - सुनिये
अभय पीछे लरकी को देख - हा
लरकी - आप कहा जा रहे है
अभय लरकी को ऊपर से नीचे तक देखते हुवे लरकी तो खूबसूरत है लेकिन मुझे उससे किया

अभय - नाचने जा रहा हु चलेगी किया आप
लरकी अजीब नजरो से दिपु को देखते हुवे लगता है पागल है ये
अभय लरकी को इग्नोर कर देता है


थोरी देर बाद अभय को यहा आना था आ जाता है अभय स्कूल नही बाइक शोरूम मे आया था बाइक लेने पैसे है तो इस्त्माल तो करना पड़ेगा ना दूसरी अपनी गुरिया को पैदल या रिस्का मे कियु ले जाये जब पैसा है बाइक भी अभी आ जायेगी

अभय शोरूम के अंदर जाता है और अभय एक बाइक पसंद करता है N125 देखने मे भी बहोत कमाल की लग रही थी

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अभय बाइक को देखते हुवे - हु अच्छा है काम चल जायेगा आगे की बाद मे सोचेंगे अभय कार्ड से पूरे पैसे पे करता है और बाइक पे बैठ निकल परता है अदिति को लेने


अभय जा ही रहा था की आगे रास्ते मे के साइड मे अभय को रंग बिरंगे फुल बिकते दिखाई देते है अभय फुल वाले के पास बाइक रोक नीचे उतर कर एक गुलाब का फुल लेता है और पैसे देखे फिर बाइक पे बैठ निकल परता है

घर से स्कूल 25 मिनट की दूरी पे थी पैदल अभय कुछ मिनट बाद स्कूल पहुँच जाता है और साइड मे बाइक खरा कर थोरा आगे जाके खरा होकर छुट्टी का इंतज़ार करने लगता है अभय टाइम देखता है तो 4 बजने मे 10 मिनट बाकी थे यानी 10 मिनट बाकी थे छुट्टी होने मे


अभय स्कूल को देख - मेरी तो पढाई छुट गई लेकिन मुझे उसकी परवाह नही पैसों की कमी नही है तो कोई परवाह नही गुरिया तेरे भाई आ गया है और मे तुम्हारा इंतज़ार कर रहा हु तुमने मिलने तुझे देखने के लिये मेरा दिल इतना बेकरार है की ये 10 मिनट मुझे कई घंटे के बराबर लग रहे है




आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏🙏
Bahot badhiya shaandar update
Kafi emotional scene ban gaya tha Ghar ka Lekin Abhay ne masti Mazak bhari bato se Ghar ka mahol badal dia
Ab dekhte h Aditi ka Kaisa reaction hota h or Kon h woh ladka Jo Aditi ne Pasand kia h apna boyfriend banaya h
 

krish1152

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nice update
 

krish1152

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ajay bhai

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( chapter 7 )

अभय अपनी गुरिया अदिति को लेने के लिये स्कूल आ चुका था और स्कूल के गेट के पास खरा अभय एक साइड अपने जीन्स के दोनों पॉकेट मे हाथ डाले अदिति का इंतज़ार कर रहा था बहोत बेसबरी से अभय अपनी गुरिया को देखने के लिये पुरा बेचैन था दिल बेकरार था

तभी अभय की नजर सामने जाती है तो अभय को दो लरके खरे बात करते दिखाई देते है अभय दोनों को गौर से देखता और समझ जाता है दोनों साले टपोरी जरूर किसी लरकी को छेरने के लिये रुके है


तभी छूटी को जाती सभी लरके लरकिया स्कूल से बाहर निकल अपने अपने घर जाने लगते है लेकिन अभय की नजर सिर्फ अपनी गुरिया को ढूढ़ रही थी लेकिन अदिति अभय को आते दिखाई नही दे रही थी

अभय फिर दोनों लरको को देखता है तो दोनों लरके अंदर की तरफ देख किसी के आने का इंतज़ार कर रहे थे सारे स्टूडेंट निकल चुके थे

लेकिन अदिति बाहर नही आई थी अभय भी सोचने लगता है अदिति अभी तक बाहर कियु नही आई

वही दोनों लरको मे से एक लरका अपने दोस्त से

लरका 2 - भाई अभी तक अदिति बाहर नही आई है कर किया रही अंदर मे और आप किया करने वाले हो अदिति के साथ

लरका 1 अपने दोस्त को देख गुस्से से - साली ने मुझे ठुकरा कर किसी और को अपना सईया बना लिया है तो आज उसकी सजा उसे दे कर रहुंगा


अंदर स्कूल के क्लास मे एक लरका अदिति को बाहो मे लेके एक किस करते हुवे अदिति को देख - अब जाओ दीदी बाहर तुम्हारा इंतज़ार कर रही होगी मे थोरी देर मे आता हु


NHEM
अदिति लरके को देख ठीक है अदिति के चेहरे पे जायदा खुशी दिखाई नही दे रही थी लरका ये देख अदिति से - अदिति मुझे पता है तुम्हे अपने भाई की बहोत याद आती है और मे तुम्हारा दुख समझ सकता हु लेकिन वादा है मेरा मे हमेसा हर कदम पे तुम्हारे साथ खरा रहुंगा काश मे कुछ कर पाता अपने साले साहब को दूधने के लिये


अदिति लरके को देख थोरा मुस्कुराते हुवे - भाई मेरी जान है उनके बिना चाह कर भी मे अपनी जिंदगी खुशी से जी नही सकती कियुंकी मेरा एक हिस्सा खो गया है उनके पास है

अदिति जाते हुवे लरके से - ठीक है अमर मे जा रही हु आरोही मेरा इंतज़ार कर रही होगी

अमर - ठीक है अदिति जाओ मे आता हु

अदिति फिर बाहर आती है तो आरोही अदिति का इंतज़ार कर रही होती है अदिति आरोही के पास आके खरी हो जाती है

दोनों अभी स्कूल के अंदर मैदान मे ही थे

( introduction )

अमर सिन्हा - 19 साल - अमर अभी 19 का हुवा है देखने के हैंडसम है बॉडी ठीक है 6 पैक नही है आयेगे कहा से उसके लिये मेहनंत करनी परती है दिल का साफ है अदिति से बहोत प्यार करता है


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अमर की छोटी बेहन - आरोही सिन्हा - 18 साल - अदिति की बेस्टफ्रेंड देखने मे बहोत ही खूबसूरत हॉट है अदिति की तरह स्कूल मे ये दोनों ही टॉप पे है खूबसूरती पढाई मे


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अमर की मा - भारती सिन्हा - 40 साल - बहोत ही खूबसूरत है बॉडी भी कमाल की है आसा से थोरा कम दिल की साफ अपने बेटे बेटी से बहोत प्यार करती है


Gw-Z2z-T5b-EAIvi-F
अमर के पिता - जगमोहन सिन्हा - 42 साल - ये भी बहोत अच्छे दिल के है गरीब है लेकिन सभी दिल के बहोत अच्छे है ( बाकी सब अच्छे से आगे पता चल जायेगा )


आरोही अदिति को देख मुस्कुराते हुवे - भाभी हो गई चुम्मा चाटी

अदिति आरोही को देखते हुवे - मार खायेगी चुप चाप चल देर हो रही है घर जाने के लिये

आरोही अदिति चलते हुवे गेट के बाहर जाने लगते है अदिति गेट के तरफ ही देख रही थी

आरोही अदिति को देख - एक बात मेरे दिल मे है जो मे तुमने पूछना चाहती हु और ये बात सायद तुम्हे दुखी भी कर सकती है लेकिन मे पूछे बगैर रेह भी नही सकती

अदिति आरोही को अजीब नजर से घूर कर देखती है फिर आगे की तरफ देखते हुवे - ठीक है पूछ किया पूछना है

आरोही आगे की तरफ देखते हुवे - मान लो तेरा अभय भाई अचानक कही से वापस आ जाता है और उसे पता चलता है तुम किसी से प्यार करती हो लेकिन तुम्हारा भाई तुम्हे अपने प्यार को छोर देने के लिये केहता है तो तुम किया करोगी

अदिति आरोही की बात सुन चलते रुक जाती है और इमोसनल हो जाती है अदिति को फिर अभय की याद आने लगती है अदिति के आखो से आसु निकल आते है

आरोही भी रुक जाती है और अदिति को देख दुखी होते हुवे - माफ करना अदिति मुझे पता था तुम दुखी हो जाओगी सायद मुझे ऐसा कुछ पूछना नही चाहिये था

अदिति अपने आसु साफ करते हुवे आरोही को देख - कोई बात नही और रही तुम्हारे सवाल की बात तो जवाब है हा मे अपने अभय भाई से बहोत प्यार करती हु उनके एक बार केहने से मे अपने प्यार को किया अपनी जान उनके लिये दे दु अमर मेरी कहानी किया है तुम जानती हो

आरोही अदिति को देख - जानती हु और मे खुश हु तुम मेरी भाभी बनोगी अब हमे चलना चाहिये
अदिति - हा सही कहा

अदिति आरोही फिर गेट की तरफ चल परते है बाहर अभय बेचैनी से अदिति का इंतज़ार किये जा रहा था साथ मे दोनों लरको को भी देखे जा रहा था

तभी अभय गेट की तरफ देखता है तो अंदर से आदिति आरोही गेट से बाहर निकलते है अभय की नजर सिर्फ अदिति पे ठीक जाती है अदिति बहोत खूबसूरत लग रही थी अभय अदिति को देखता ही रेह जाता अदिति इस से अंजान आरोही से बाते किये जा रही थी


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अभय अदिति के खूबसूरत चेहरे को देखते हुवे मन मे - मेरी गुरिया कितनी खूबसूरत बरी हो गई है हाय किसी की नजर ना लगे मेरी गुरिया को और अगर किसी ने बुरी नजर डालने कि कोसिस की तो उसे जान से मार दुगा

भले ही मेने dp devil के कैद मे रेह किसी को नही मारा लेकिन मुझे किसी को मारने से जरा भी दिकत नही होगी

तभी अभय कुछ देखता जिसे देख अभय की आख लाल हो जाती मुठी कस जाती है हाथो के नस फूलने लगते है

असल मे उन दोनों लरको ने अदिति का रास्ता रोक लिया था

अभय गुस्से से पागल होकर आगे अदिति के पास जाने लगता है

वही अदिति आरोही लरके के बीच

लरका 1 अदिति के समाने खरे होकर अदिति का रास्ता रोक अदिति को गुस्से से देख
लरका - अदिति मेने तुम्हे कई बार अपने दिल का हाल बताया लेकिन फिर भी तुमने मुझे रिजेक्ट कर उस कमीने अमर से इस्क लरा रही हो

अदिति गुस्से से लरके को देख - टीनू मेने तुमसे कितनी बार कहा है मेरा पीछा मत किया करो और रही बात मेरी अपनी लाइफ है मे कुछ भी करू उससे तुझे किया

आरोही टीनू को देख गुस्से से - तुम्हे समझ नही आया अदिति तुमने प्यार नही करती मेरे भाई से करती है अच्छा होगा हमारे रास्ते से हट जाओ और हमे जाने दो

टीनू आरोही से गुस्से मे - तुझे और तेरे भाई को मे बाद मे देख लूंगा ( टीनू अदिति को देख) पेहले मे इसको मजा चखाऊगा

अदिति डर जाती है टीनू को गुस्से मे देख टीनू अपना हाथ अदिति के बरे चुचे की तरफ बढ़ाते हुवे - आज अच्छे से तेरे अंग के साथ खेलुगा मे साली मेरे प्यार को ठुकराती है

अदिति डर से कापते हुवे पीछे हटने लगती है टीनू का हाथ अदिति के सीने के पास पहुँचता उसके पेहले कोई टीनू का हाथ पकर रोक देता है अदिति आरोही हैरान उस सक्स को देखते लगते है लेकिन टीनू उस इंसान को देख पूरे गुस्से से लाल हो जाता है हा ये अमर था जिसने टीनू का हाथ पकर रखा था

तो अभय किया कर रहा है हमारा हीरो अमर को आते देख रुक गया था और अब आराम से थोरी दूर खरे होकर देखने मे लग जाता है अभय को पता चल गया था अमर ही अदिति का बॉयफ्रेंड होगा अभय देखना चाहता है अमर किया कर सकता है

वही टीनू बहोत गुस्से मे अमर को देख रहा था टीनू के आखो मे साफ दिख रहा था टीनू अमर को मारना चाहता है ये इस लिये कियुंकी कई बार टीनू ने अदिति के साथ अमर को देखा था जो टीनू को बिल्कुल अच्छा नही लगा था इस लिये टीनू के अंदर अमर के लिये बहोत गुस्सा भरा हवा था जो आज फूटने वाला था

अमर टीनू के हाथ को दूर करते हुवे गुस्से से टीनू को देख - तेरी हिम्मत कैसे हुई मेरी अदिति के साथ गंदी हरकत करने की
टीनू अमर को देख - साले तेरा ही इंतज़ार था तुझे तो मे कब से मारना चाहता था और आज मे ये कर के रहुंगा चाहे जो हो जाये

( नोट - टीनू अमीर बाप को बिगरा लरका है बाप के पास पावर है इस लिये टीनू को किसी का डर नही रेहता )

अमर कुछ समझ पाता तक तक टीनू का जोरदार मुक्का अमर के पेट मे जाके लगता है अमर पेट पकर दर्द से कराह उठता अदिति आरोही जोर से चिल्ला उठती है


लेकिन टीनू अपने दोस्त के साथ मिल अमर को पकर मारने लगते है अमर लराइ मे अच्छा नही था और कमजोर भी था अमर दर्द मे जमीन पे गिर परता है लेकिन टीनू अमर के ऊपर आके मुक्के से मारे जा रहा था

टीनू अमर को मारते हुवे गुस्से से - साले आज तुझे मे जान से मार के रहुंगा अदिति सिर्फ मेरी है और कोई मेरे बीच मे आया समझो मरा

आस पास कुछ लोग खरे तमाशा देख रखे थे वीडियो बना रहे थे लेकिन कोई आगे जाके मदद नही कर रहा था ( आज की करवी सचाई )

अभय अमर को मार खाते देख - कमीना खुद को बचा नही पा रहा खाक मेरी गुरिया को या किसी और को बचा पायेगा साला पेहले मे 15 साल का था किडनैप से पेहले भी मेरे अंदर इतनी ताकत थी 3 या 4 को तो मे अकेला लपेट लेता था लगता है सीधा साधा मानुस है अच्छा है लेकिन अंदर इतनी ताकत होनी भी चाहिये जब जरूरत परे तो अपने आप को किसी को बचाया जा सके

वही अमर की धुलाई टीनू उसका साथी जोरदार तरीके से किये जा रहे थे ये देख अदिति आरोही बहोत डर जाते है और दोनों टीनू उसके दोस्त को अमर से दूर करने कि कोसिस करते है लेकिन लरकी के अंदर मर्द से कम ताकत होती है इस वजह से अदिति आरोही टीनू उसके दोस्त को अमर से दूर नही कर पा रहे थे अदिति आरोही अमर को मार खाते देख दर्द मे चिलाते देख दोनों रोने लगते है लेकिन कोसिस करते रेहते है
अदिति टीनू को पकर पीछे खीचते हुवे आखो मे आसु लिये - टीनू छोर अमर को उसे मत मार प्लेस

लेकिन टीनू किसी की नही सुनता

टीनू फुल गुस्से मे मे था और सारा गुस्सा निकाल रहा था लेकिन बार बार अदिति के पीछे खीचने की वजह से टीनू परेसान हो जाता है और गुस्से से जोर से अदिति को पीछे झटक देता है जिसकी वजह से अदिति लरखराते हुवे पीछे गिरने लगती है

तभी अभय आके अदिति के कमर को पकर गिरने से बचा देता है अदिति हैरानी से देखती है उसे कोन गिरने से बचाया है अदिति जब अभय के चेहरे को देखती तो हैरान हो जाती है कियुंकी अभय ने अपने चेहरे पी मास्क पेहन रखा था ब्लैक कलर का


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अदिति अभय के बाहो मे झूल रही थी अभय मास्क के अंदर से अदिति अपनी गुरिया को देखता हो जिसके आखो मे आशु थे अभय गुस्से से और लाल हो जाता है अभय आराम से अदिति को खरा करता है लेकिन अदिति हैरानी से अभय को हि देख रही थी


अभय प्यार से अदिति को देखता है अभय की आखे आसु बहाना चाहती थी लेकिन अभय अपने आप रोक लेता है अभय फिर अमर के पास जाके पेहले आरोही को जी जान लगा के अपने भाई को बचाने की कोसिस कर रही थी अभय आरोही के हाथ पकर पीछे खिच लेता है आरोही हैरानी से अभय कि तरफ देखती है

अभय अपनी आवाज बदल कर आरोही को देख - तुम पीछे रहो मे देखता हु इस दोनों को

आरोही हैरान परेसान अभय को देखती रेहती है और सोचने लगती है ये मास्क लरका आखिर है कोन

अभय पेहले टीनू के दोस्त के बाल पकर उपर उठाते खरा करता है लरका भी दर्द मे आह करते हुवे अभय को देखता है लेकिन अभय बिना देरी कियु अपनी मुठी बना के जोर दार मुक्का लरके के पेट मे दे मारता है और फिर लरके के बाल को छोर देता है

अभय का मुक्का कोई मामूली मुक्का नही था 4 साल की करी खतरनाक ट्रेनिंग करने के बाद अभय का मुक्का फौलाद का मुक्का था

अभय का मुक्का पेट पे परते ही लरका इतनी तेज चीख मारता है की सभी आस पास लोगो की रूह काप जाती है लरका नीचे जमीन पे गिर पेट पकर तरपने लगता है दर्द से रोने लग जाता है

लरके की चीख सुन टीनू अमर को मारना बंद देता है और हैरान पीछे मूर कर देखता है उसका दोस्त जमीन पे पारा पेट पकर तरप रहा था अमर भी हैरानी से सामने का सीन देखने लगता है

अदिति आरोही तो पूरी हैरान सोक से अभय को तो कभी नीचे परे दर्द मे तरप रहे लरके को देखे जा रहे थे

टीनू की नजर अभय पी जाती है तो टीनू अमर को छोर गुस्से से खरा होकर अभय के पास जाके सीधा अभय पे एक जोरदार मुक्का मारता है लेकिन टीनू हैरान बाकी सब भी हैरान हो जाते है

अभय बरे आराम से टीनू के मुक्के को एक हाथ से रोक रखा था अभय लाल आखो से टीनू को देखता है फिर टीनू कुछ समझ कर पाता अभय का जोर दार मुक्का सीधा टीनू के पेट मे जाके लगता है टीनू की भी पूरी हालत हो जाती है टीनू पेट पकर जोर से चीख मारता है लेकिन अभय रुकता नही अभय टीनू के बाल पकर टीनू की आखो मे देख एक और जोर दार मुक्का पेट मे दे मारता है टीनू की आखो से आसु निकल आते है टीनू दर्द से रोने लगता है

वही अदिति आरोही बहोत हैरान थे अभय को इतनी आसानी से दोनों को पिटते देख अमर भी बहोत हैरान था अमर अपने पेट पकर उठने कि कोसिस करने लगता है तो अदिति आरोही जल्दी से जाके अमर की मदद करते है खरे होने मे

अभय एक हाथ से टीनू के सर के बाल पकरे खरा टीनू कि आखो मे देखे जा रहा था टीनू पेट पकरे आखो मे आसु लिये अभय को देख

टीनू दर्द मे - तुम्हे पता है मे कोन हु मुझे जाने को नही हो तेरे और तेरे अपने के लिये अच्छा नही होगा

अभय टीनू को देख मुस्कुराते हुवे - पता है तो कोन है जरूर किसी अमीर बाप का बेटा होगा जिसकी पहुँच उपर तक होगी तभी को तेरे अंदर मे इतनी हिम्मत आई की तू सरेआम सरक पे लरकी का छेर रहा था और मारपीट कर रहा था

टीनू अभय को देख गुस्से से देख - तो किया तुम्हे डर नही लग रहा सब जानने के बाद भी मेरे पापा की पहुँच कितने उपर तक है

अभय टीनू के कान मे धीरे से - तेरे पापा जैसे मेरे पीछे कोई पावर नही है ना ही मेरी बहुच उपर तक है लेकिन मेरे पास एक आर्मी है एक ऐसी आर्मी जो किसी को भी मिटा सकती है खतम कर सकती है लेकिन बात रही तेरी तेरे पापा की तो उसके लिये मे अकेला ही काफी हु

अभय मन मे - 4 साल कैद मे मेने प्याज नही छिले है मेने वहा रेह कर बहोत कुछ किया है उस कैद मे रेह कर इतना समझ गया था दुनिया बरी जालिम है और इस जालिम दुनिया मे राज सिर्फ अमीर और जिसके पास पावर है उसका ही चलता तो मेने भी एक अर्मी तेयार कर ताकि अगर आगे चल के मुझे किसी पावर फुल लोगो का सामना करना परा तो उनकी नानी याद दिला सकता हु

अभय सोच से बाहर आके टीनू को देख धीरे से - तो मे किसी से नही डरता समझ गया दूसरी तूने मेरी जान गुरिया के साथ गलत करने की कोसिस की तेरी वजह से उसके आखो मे आसु आये उसका हिसाब तुझे तो देना पड़ेगा ना

अभय अपना मुक्का बनाता है और दे दना दन 4 मुक्का टीनू के मुह पे दे मारता है टीनू दर्द से बहोत जोर से चीख मारता है टीनू के दो दात टूट जाते है नाक मुह से खुन आने लगता है टीनू कि बहोत बुरी हालत हो जाती है अभय टीनू को छोर देता है टीनू धराम से जमीन पे गिर कर बेहोस हो जाता है

आस पास खरे यहा तक की अदिति अमर आरोही पूरी तरह से हैरान अभय को देखे जा रहे थे अभय अपने हाथो को देखता जिसपे टीनू का खुन लगा हुवा था अभय ये देख रुमाल निकाल के

अभय रुमाल से खुन को साफ करते हुवे मन मे - साला 4 साल सांती से जी नही पाया फाइट फाइट हर वक़्त फाइट साला बाहर आया तो यहा भी फाइट मुझे कोई चैन से जीने भी देगा की नही


अभय रुमाल से हाथ पे लगे खुन को साफ कर रुमाल को वही फेक देता है और फिर अदिति आरोही अमर को देखता और चलते हुवे तीनों के पास आके खरा हो जाता है

अदिति आरोही अमर बहोत हैरान अभय को देख रहे थे तीनो मे मन मे यही चल रहा था आखिर ये मास्क पेहना लरका है कोन

अभय अमर को देख - तुम ठीक तो हो ना
अमर अभय को देख - जी मे ठीक हु आपका सुक्रिया
आरोही अभय को देख - आप ना होते तो व कमीना मेरे भाई को मार डालता आपका दिल से सुक्रिया

अभय दोनों को देख - इसकी कोई जरूरत नही है मे तो यह अदिति से मिलने आया था लेकिन यहा तो कुछ और चल रहा था अब मे अपने आखो के सामने किसी को मार खाता थोरी ना देख सकता था इस लिये बचा लिया

अभय की एक बात सभी को हैरान और सोचने पे मजबूर कर देती है ( मे यहा अदिति से मिलने आया था)

अदिति भी अभय की कही बात सुन हैरान अभय को देख - सोचने लगती है मे इसे जानती नही कोन है कियु मुझसे मिलने आया है और दूसरी अपने चेहरे पे मास्क कियु पेहन रखा है

अमर अभय को देख हैरानी से - तुम हो कोन और कियु अदिति से मिलने आये हो

आरोही अभय को देख - भाई ने सही कहा हम अच्छे से जानते है अदिति के हमारे अलावा कोई दोस्त नही है तो तुम कोन हो कियु मास्क पेहना है अदिति को कैसे जानते हो

अभय दोनों के सवाल सुन मुस्कुराते हुवे - मे अदिति का दीवाना हु मे यहा अदिति को परपोस् करने आया हु

अभय की बात सुन अदिति आरोही अमर पूरी तरह से सौक हो जाते है

अमर अभय को देख - देखो भाई अदिति मेरी है और हमारी जल्दी सादी होने वाली है तो प्लेस किसी और को ढूढ़ लो कोई ना कोई अच्छी लरकी आप को मिल जायेगी

आरोही अभय को देख - हा अदिति मेरी होने वाली भाभी है तुम किसी और को ढूढ़ लो

अभय अदिति को देख - लेकिन मे अदिति के मुह से सुनना चाहता हु

अदिति अभय के समाने आके - देखिये आप मे अमर की जान बचा कर हम पे एहसास किया हो लेकिन ये सच है अमर मेरे होने वाले पति है तो प्लेस समझिये बात को

अभय अदिति को देख मन मे - कितनी प्यारी बोली हो तुम्हारी और कितनी खूबसूरत के साथ बरी हो गई हो

अभय तीनो को देख - ठीक है एक सर्त् लगाते है अदिति मेरे प्यार को कबूल करेगी उसी के साथ मेरे केहने पे ( अभय अमर को देख) तुझे छोर भी देगी

अभय की ये बात तीनो को और हैरान कर देती है अभय को थोरा गुस्सा आने लगता है

अमर अभय को देख - मे मान नही सकता ऐसा कभी नही होगा
आरोही - हा अदिति मेरे भाई को कभी छोर नही सकती वो भी तुम्हारे लिये तुम बेकार मे कोसिस किये जा रहे हो

अदिति अभय को देख थोरे गुस्से से - देखो आप ने हमारी मदद की उसके लिये दिल से सुक्रिया लेकिन अब आप कुछ जायदा हि बोल रहे है और अपने आप कोई कुछ जायदा ही समझ रहे ही मे अमर को छोर नही सकती

अभय अदिति के आखो मे देख - ठीक है फिर कोसिस करने से किया जाता है अगर मे जीत गया और तुम मेरे प्यार को कबूल कर लेती हो तो ( अभय अपने गालो मे हाथ रख - तुम्हे मेरे गालो मे मीठी किस्सी देनी होगी लेकिन अगर मे हार गया तो तुम सब जो कहोगी वो मे करुगा

अभय की बात सुन फिर सब हैरान हो जाते है और अभय सभी को मुस्कुराते हुवे देखे जा रहा था

अमर अदिति को देख - मुझे यकीन है अदिति मे तुम हारने वाले हो
आरोही - अभय को देख सही कहा भाई ने अदिति को प्यार बहोत मुश्किल मेरी भाभी बनने के लिये तैयार हुई थी अदिति तो प्यार के चक्कर मे परना ही नही चाहती थी वो तो बाद मे मान गई तो तुम जो भी हो हार मान लो अदिति तुम्हे कबूल नही करेगी

अदिति अभय को देख - सही कहा अमन और मेरी दोस्त मे फिर भी यकीन नही होता तो ट्राई कर लॉ लेकिन बाद मे मेने मना किया तो यहा से चुप चाप चले जाओगे

अभय अदिति को देख मुस्कुराते हुवे - ठीक है

अदिति अमर आरोही की नजर अब अभय पे टिक जाती है


अभय उपर वाले जेब से गुलाब का फूल निकाल घुटनों पे बैठ अदिति को देख अदिति की तरफ गुलाब का फूल आगे करते हुवे

अभय - अदिति तुम बहोत खूबसूरत हो चाँद की तरह तुम मेरी जान हो तुम मेरे पास होती हो तो मेरे दिल को चैन सुकून मिलता है नही होती हो तो दिल बेचैन हो जाता है तो अदिति प्लेस मेरे प्यार को अपना लो

अभय ने अदिति को एक गर्लफ्रेंड की तरह परपोस् नही किया है ये बात अभय के परपोस् के तरीके से उसके शब्द से समझ सकते है


अभय के कहे गये शब्द सुन अदिति के दिल मे हलचल पैदा कर देती है अदिति के दिल मे एक मिठा दर्द एक अलग एहसास होता है जिसे अदिति समझ नही पाती

अदिति - अभय को देख माफ करना जैसा मेने कहा था मे आपके प्यार को कबूल नही कर सकती सॉरी

अमर आगे आते हुवे अभय को देख - अब अदिति ने भी केह दिया तो प्लेस यहा तमाशा मत करो

आरोही अभय को देख - मेने पेहले हि कहा था लेकिन तुम माने नही अब तो सुन देख लिया अब तुम जाओ हमे भी जाने दो

अभय सभी को देखते हुवे - रुको एक बार और सायद मेने मास्क नही निकाला इस लिये अदिति मेरा हैंडसम चेहरा नही देख पाई लेकिन इस मार मेरा हैंडसम चेहरा देख जरूर हा करेगी

अभय की इस बात को सुन अदिति आरोही अमर अजीब नजर से अभय को देखने लगते है अब तीनो को अभय एक पागल लरका लगने लगता है

अभय अदिति को देख - प्लेस एक बार मान जाओ कसम से इस बार लास्ट है

अदिति अभय को देख सर पकर के - आप नही समझ रहे प्यार अमीर हैंडसम देख नही किया जाता और जो अमीर हैंडसम देख प्यार करते है वो प्यार नही होता लेकिन आप समझ नही रहे है टिक है आखरी बार है

अभय खुश होते हुवे - ठीक है

अदिति खरी थी सांत अभय गुलाब के फूल आके करते हुवे वही लाइन बोलता है जो अभय ने पेहले कही थी लेकिन इस बार अपनी ओरिजनल आवाज मे

अदिति अभय की ओरिजनल आवाज सुनते ही चौक जाती है अदिति हैरानी से अभय को देखने लगती है अभय फिर अपना मास्क हटा देता है और अदिति के सामने अभय का चेहरा आ जाता है जिसे देख अदिति पूरी तरह से एक जगह पे जम जाती है


( घर पे )

आसा टेंसन मे घर से बाहर आके मेन रोड की तरह देखती है तो अभय आता हुवा दिखाई नही देता है आसा फिर आगन मे आके खटिये पे बैठ जाती है दिशा ये सब देख रही थी

दिशा आसा के पास आके बैठ जाती है और आसा के कंधे पे हाथ रखते हुवे - मम्मी जी बस भी कीजिये देवर जी के जाने के बाद आप अभी तक 10 बार बाहर जाके देख चुकी है मुझे पता है पेहले देवर जी के साथ जो हुवा उसके बाद आपके दिल मे एक डर बैठ गया है लेकिन आपको उस डर को भगाना होगा देवर जी अब बच्चे नही रहे आ जायेंगे मुझे लगता है देवर जी ननद जी 4 साल बाद मिले होगे तो दोनों बाते करते हुवे घूमते हुवे आ रहे होगे

अभय के साथ 4 साला पेहले जो हुवा उसके बाद आसा के दिल मे जो डर था वो होना लाजमी था ऊपर से आसा एक मा थी तो एक मा को अपने बच्चो की चिंता हमेसा लगी ही रेहती है इसी की वजह से अभय के जाने के बाद आसा दस बार बाहर जाके देख चुकी थी

आसा दिशा को देखते हुवे - बहु तुम किया केहना समझाना चाहती हो मे समझ रही हु लेकिन एक मा का दिल नही समझ रहा तो मे किया करू अभय को गये एक घंटे होने वाले है अभी तक तो अभय और अदिति को आ जाना चाहिये था लेकिन दोनों नही आये तो चिंता होगी ना

दिशा आसा को देख - आप सही है लेकिन इतना टेंसन भी मत लीजिये आ जायेंगे दोनों अब ये बताइये आज किया बनेगा खाने मे

आसा दिशा को देख मुस्कुराते हुवे - आज मे खुद अपने लाल के पसंद की सारी डिश बनाने वाली हु

दिशा मुस्कुराते हुवे - जरूर मे आपकी मदद करुगी आज हम देवर जी के पसंद की सारी डिस बनायेगे

( आज के लिये इतना ही ) 🙏🙏🙏🙏
 
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