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दोस्तो आप सब का इस स्टोरी को इतना प्यार देने के लिए बहुत धन्यवाद जिसके चलते हमने 1 लाख views के Milestone को Achieve कर लिया है,अब आगे के अपडेट्स में विशाल दोनों को हर एक गर्मा गरम तरीके से चोदकर मां बेटे के इस रिश्ते को नए मुकाम पर पहुंचाने वाला है इसलिए जल्द ही एक अपडेट के साथ लौटूंगा तब तक मेरे साथ बने रहिए और बताइए आपको कौनसी मॉम ज्यादा पसंद है।
शॉवर से गिरते पानी की आवाज़ सुनकर मैं उसके कमरे से निकल गया,मेरे बाहर जाते ही डोर बंध होने की आवाज़ बाथरूम के डोर के पीछे खड़ी हुई रुचि के कानों में पड़ी,उसकी सांसे इस वक्त तेज चल रही थी,उसका पूरा बदन इस वक्त गर्म हो चुका था जिस पर ऊपर से ठंडे पानी की बूंदे पड़ रही थी,पता नहीं वो कौनसा एहसास था जिसकी वजह से वो खुद को विशाल से दूर नहीं रख पा रही थी,इसके opposite वो खिंचाव ओर बढ़ता जा रहा था,अभी थोड़ी देर पहले विशाल से साथ बीते कुछ लम्हों के बारे में सोचकर उसके निप्पल सख्त हो चुके थे,उसने अपनी चूत पर हाथ रखा तो वो पूरी पानी-पानी हो चुकी थी,
अपने शरीर में जल रही उस हवस की आग में वो धीरे-धीरे मदहोश होने लगी थी,उसे पता था यह सब गलत है,जिस रिश्ते को समाज में नाम नहीं दे सकती ,जिसे वो खुद चाहकर भी इस रिश्ते को पूरा नहीं कर सकती उसे आगे बढ़ाना ठीक नहीं है पर जब विशाल उसके साथ होता था तब वो सब कुछ भूलकर उसका दिल यह सब हरकते करने पर मजबूर हो जाता था,उसने साबुन लिया और अपने पूरे शरीर पर मलना शुरू किया,अपने बड़े बूब्स कर साबुन देते वक्त उसके दिमाग़ में अपने भाई का चेहरा घूम रहा था कि काश वो इसे अपने मुंह में लेकर चूसे अपने उन फौलादी हाथों से इसे वो मसल कर रख दे।
आज सुबह विशाल का उससे गले मिलना,उसकी चूत को रगड़ना और विशाल के बड़े लंड के बार में सोचकर उसकी चूत से किसी नल की तरह पानी बह रही थी।
रुचि वैसे तो Masturbate नहीं करती थी पर उसके पापा के जाने के बाद वो अक्सर घर पर अकेली रहा करती थी,जब इंसान मन से टूटा हुआ होता है तब उसे किसी इंसान की सबसे ज्यादा जरूरत महसूस होती है,उसे कोई चाहिए जिससे वो अपनी मन की बात कह सके और अपने दिल का बोझ हल्का कर सके पर रुचि की life में अब तक ऐसा कोई लड़का नहीं आया था इसलिए धीरे-धीरे Internet, Videos और Books के through उसे पता चला की सही टाइम पर Limited Masturbation करने से stress और Depression से छुटकारा मिलता है, शुरुआत में तो उसे यह गलत लगता था पर एक दिन अपने हालात से तंग आकर उसने यह ट्राई किया,जैसे वो इसे करती गई उसका stress काफ़ी कम हो गया,अब जब भी वो थकी हुई होती या उसके शरीर को किसी मर्द की कमी महसूस होती तो वो Masturbate कर लेती थी, इसके बारे में ज्यादा जानने के बाद उसने Vibrator और Dildo का भी इंतेजाम कर लिया था।रुचि को Badminton बहुत शोख था इसलिए उसने अपनी बॉडी को Exercise के through fit रखा था जिसकी वजह से उसका stamina काफी अच्छा था,उसे पहले से पता था कि कोई फिट और तगड़ा मर्द ही उसकी इस जवानी की प्यास को संतुष्ट कर सकता है और विशाल बिल्कुल वैसा ही था।
उसने साबुन लिया और अपनी चूत पर रगड़ना शुरू किया,पानी निकलने की वजह से उसकी चूत पहले से ही बहुत गीली थी और अब उस पर साबुन लगाने की वजह से वो पूरी चिपचिपी हो चुकी थी, सेक्स का नशा अब उसके आंखों मै चढ़ने लगा था जिससे उसकी आँखें बंद होने लगी थी,उसने कल बाथरूम में छुपाया अपना 8 इंच लंबा डिल्डो निकला और अपनी चूत पर फिरना शुरू कर दिया,उसने पहले कभी मास्टरबेट नहीं किया था इसलिए उसमें sex की तलब भी बहुत ज्यादा थी,जब भी अब वो Masturbate करती वो पूरी wild हो जाती थी।
अब बाथरूम के अंदर का पूरा माहौल रुचि के शरीर की गर्मी से गर्म हो चुका था,उसने डिल्डो को अपने दोनों हाथों से पकड़ा और एक एक ही झटके में अपनी चूत के अन्दर डाल दिया,उसके मन में अब भी विशाल के ही ख्याल आ रहे थे,’आआहहह....... you're so Deep.......Yesss Vishal Fuck Me baby...... जितना मन चाहे छोड़ो विशाल Come On.....' यह बोलते हुए वो उसे तेजी से अंदर बाहर कर रही थी,
उसके कमरे का डोर बंद था और बाथरूम में चल रहे शॉवर के आवाज़ की वजह से उसकी सिसकियां बाहर नहीं जा रही थी।उसने बाएं हाथ से Hand Shower On किया और उसकी चूत पर रख दिया,शॉवर से निकलते पानी की बूंदे उसकी चूत को अंदर तक भिगो रही थी,उसने दूसरे हाथ से डिल्डो को ओर तेजी से चलाने लगी,कुछ देर तक ये सिलसिला चलता रहा फिर उसने डिल्डो को जमीन पर रखा और उस पर अपनी बॉडी का जोर लगाते हुए उछलने लगी,'ऊऊहह......आआहहह.....Yesss Do it Harder More Wilder......ओओहहहह......Yeahhh....' करीब 20 मिनिट बाद उसकी चूत पानी छोड़ते हुए जड़ने लगी।
रुचि अपनी आंखे बंद किए फर्श पर लेती थी,अब पूरे कमरे मै शांति छा चुकी थी वो रुचि की आग कम होने का सबूत से रही थी।कुछ देर बाद उसे होश आया तो पता चला बहुत देर हो चुकी है इसलिए वो जल्दी से फ्रेश होकर बाथरूम से निकली,उसने घड़ी में टाइम देखा तो 8:30 बज रहे थे।
मै नीचे डाइनिंग टेबल पर मेरे मम्मी पापा के साथ बैठा था तभी मम्मी ने मेरी ओर देखकर पूछा,’ये रुचि अभी तक नीचे क्यों नहीं आई? तूने उसे जगाया तो था ना?’
’हां मां, मै उसे उठाकर ही आ रहा हूं पर पता नहीं क्यूं उसे इतनी देर लग रही है?’ मैने अभी इतना ही कहा था की सामने से रुचि सीढ़ियां उतरकर नीचे आती हुई दिखाई दी, उसने व्हाइट कलर की टॉप और नीचे blue कलर की लेगिस पहनी हुई थी,उसके काले बालों से निकलती एक लट उसके आंखों तक आ रही थी,होठों पर हलकी गुलाबी लिपस्टिक और चेहरे पर मुस्कान लिए वो मेरी ओर ही देख रही थी।
उसने चेयर पर बैठते हुए कहा, ’Good Morning अंकल-आंटी’
मम्मी ने उसकी और देखकर कहा,’Very Good Morning बेटा पर नीचे आने मै इतनी देर क्यों लग गई? Any Problem' दरअसल मेरे अंकल के गुजरने के बाद सब लोग रुचि ये प्रति काफी Protective हो गए थे।
'नहीं आंटी ऐसी कोई बात नहीं है पर वो शॉवर में पहले कम पानी आ रहा था शायद कुछ problem हो गई होगी इसलिए इतनी देर लग गई।’
मैने उसकी बात सुनकर धीरे से फुसफुसाया,’झूठी कही की’ हम दोनों मै ऐसी नोक जोक कॉमन बात थी इसलिए उसने मेरी ओर देखकर कहा,’अब सब लोग तुम्हारी तरह सिर्फ कपड़े बदलकर नीचे आए तो देरी कैसे होगी,जरा देखो अपने आप को किस ऐंगल से लग रहा है तुम नहाकर बैठे हो,स्कूल जाकर यह सिखाओगे बच्चों को?’
’क्यों इस टीशर्ट और शॉर्ट्स मै क्या बुराई है? मुझे जो कंफर्टेबल लगता है वो मैं पहनता हूं’ हम दोनों की नोक-जोक को बीच में रोके हुए पापा ने कहा,'अब बस तुम दोनों सुबह-सुबह शुरू मत हो जाओ प्लीज, अभी पूरा दिन पड़ा है जी भर कर लड़ लेना पर पहले नाश्ता कर लो।'
'Drama Queen'
'अकडू कही का' हम दोनों एक दूसरे को देखकर बड़बड़ाए।
'वैसे बेटा रुचि आज तुम्हे कुछ समान लें बाजार जाना था?' मम्मी ने रुचि की ओर देखकर कहा।
'हां आंटी आज sunday है और ऊपर से आज ऑफिस मै छुट्टी है तो सोचा की आज दोपहर होने से पहले ही सारी चीजें ले आऊं।'
'बहुत अच्छे बेटा पर अकेले आने से अच्छा है तुम विशाल को भी अपने साथ ले जाओ,तुम्हे भी कंपनी मिल जाएंगी।' मम्मी की बात सुनकर मैने अकड़ते हुए कहा,' मै क्यों इसके साथ जाऊं? मै क्या इतना खाली बैठा हूं कभी तो मुझे मेरी छुटिया शांति से enjoy करने दो।' मेरी बात सुनकर मां ने मेरा कान पकड़ते हुए कहा,'स्कूल खुलने मै अभी बहुत दिन बाकी है और तुम्हारे पास आराम करने के लिए पूरा महीना पड़ा है इसलिए चुपचाप चले जाओ वो क्या इतनी दूर अकेली जाएगी?'
'Oouch मां.....ठीक है......ठीक है मां.......उसे मै ले जाऊंगा अब तो मेरा कान छोड़ो' मेरी बात सुनकर सब लोग हंसने लगे,पापा का Breakfast हो चुका था इसलिए वो फोन पर बात करने के लिए अपने कमर में चले गए, मां भी कुछ काम होने की वजह से किचन में चली गई,रुचि देर से आई थी इसलिए वो अपना नाश्ता खत्म कर रही थी और मै अपनी Diet की वजह से Sprouts, मग दाल और फ्रूट्स से mix सलाद खत्म कर रहा था,मैं और रुचि अकेले बैठे हुए थे उसे फिर शरारत सूजी तो उसने अपना दुपट्टा टेबल की साइड पर रख दिया और टॉप के ऊपर का एक बटन खोल दिया जिससे उसकी Clevage ज्यादा deep हो गई थी,उसने ब्रेड पर लगाने के लिए बटर लिया जो हल्का सा फिसलकर उसके बूब्स पर लग गया,जो पिघलते हुए उसके मम्मो को ओर भी ज्यादा चमका रहा था,उसे अचानक क्या सूजी की उसने उस ब्रेड को अपने clevage मै फंसा दिया और अपने बूब्स को टॉप के ऊपर से पकड़कर ब्रेड खाने लगी।यह नजारा देखकर मेरा बुरा हाल हो गया था।
आज सुबह से रुचि ने मुझे जितना तन किया था उसका बदला लेने का इससे अच्छा मौका मुझे नहीं मिल सकता था।हमारी फैमिली मै कम लोग होने की वजह से डाइनिंग टेबल की छोटा था,इसी मौके का फायदा उठाते हुए,मैने अपना पैर रुचि की कुर्सी की तरफ बढ़ाया और उसकी Thigh (जांघ) के पास रख दिया,मेरे अचानक छुने की वजह से वो हड़बड़ा गई और मेरी ओर नकली गुस्से भरी नजरों से देखने लगी,वो अपनी आँखें दिखाकर यह करने से मना कर रही थी क्योंकि उसे मेरी मोम का डर था पर इस बात से मुझे पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा था।अब मैने आगे बढ़कर उसकी चूत के पास अपना पैर रख दिया,धीरे-धीरे Toe / BigToe ( पैर के अंगूठे ) की मदद से मै उसकी चूत पर अपना Toe घुमाए जा रहा था,पहले तो उसने अपना हाथ बीच मै रखकर मना किया पर अब उसे भी मज़ा आने लगा था,उसने पतली लेगिस पानी हुई थी इसलिए मैने Toe और उंगली की मदद से ग्रिप बनाकर लेगिस को रुचि की चूत तक नीचे कर दिया,मेरा ध्यान ऊपर था पर जैसे मैने अपना पैर उसकी चूत पर रखा तो दंग रह गया उसने नीचे पेंटी नहीं पहनीं थी और उसकी गीली चूत पर मै अपना Toe घुमाए जा रहा था,उसके पूरे शरीर में चल रही Excitement की वजह से उसका पूरा चेहरा लाल पड़ गया था,उसने टेबल के ऊपर अपना सर रख दिया था, वो तेज चल रही सांसों के साथ अपना नाश्ता खत्म करने की कोशिश कर रही थी पर मैने उसे सताने के लिए एक धक्का मारा और Toe उसकी चूत मे चला गया,मेरे ऐसा करने की वजह से उसके मुंह से ’आआहहह.......’ निकल गई जिसे उसने बहुत मुश्किल से कंट्रोल किया।
मै अपना Toe उसकी चूत मै पूरा घुमाने लगा था, उसने अपने दोनों हाथों से अपना मुंह दबा रख था,कुछ देर यही खेल चलता रहा,उसकी चूत से निकलता पानी उसकी लेगिस को गिला कर दिया था तभी मैने देखा तो मोम कुछ चीज़ लेने इसी ओर बढ़ रही थी इसलिए मैने तुरंत अपना पैर वापस खींच लिया,मैने नीचे देखा तो चूत के पानी की वजह से मेरा पूरा पैर गिला और चिपचिपा हो गया था,मैने एक नजर उसके ऊपर डाली तो वो गुस्से में दिख रही थी इसलिए मैने जल्दी से अपना breakfast खत्म किया और ऊपर की ओर चल पड़ा।
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रुचि के साथ समागम के बाद उसकी बाहों में कब वो सुहानी रात बीत गई पता ही नहीं चला,मेरे रूटिंग के मुताबिक सुबह 6 बजे मेरी आंख खुली तो हम दोनों बीच में कोई भी कपड़े का आवरण पहने बिना एक दूसरे की बाहों में समाकर इस नींद का लुफ्त उठा रहे थे,इसके साथ ही मुझे एहसास हुआ कि एयरकंडिशनर की ठंडी हवा के साथ एक मीठी सी भीनी खुश्बू मेरे कमरे में फैली हुईं थी जो बाहर गिरती ओस का एहसास दिला रही थी,मैने हम दोनों के शरीर को गर्म रखने के लिए कंबल ओढ़ा हुआ था जो हमारे शरीर के घर्षण से उठती गर्मी को अंदर रख रहा था मैने एक नजर रुचि की तरफ की तो वो मेरे सीने पर अपना सर रखकर सो रही थी,उसने अपने हाथ और पैर को मेरे जिस्म से ऐसे लपेट रखा था जैसे कोई सांप चंदन की लकड़ी से लिपटता है।हम दोनों के सांसों से मिलती गर्मी के साथ उसके स्तन मेरी छाती में दबे हुए थे जो उसके हर सांस के साथ हिल रहे थे,इस ठंडे मौसम में रुचि के शरीर के स्पर्श मखमल के कपड़ो के समान था। उसके सांस,बालों और जिस्म से निकलती खुशबू के साथ उसके चूत से आ रही उसके कामरस की महक मेरे मन को जैसे संमोहित कर रही थी,मैने रात को सोने से पहले अपने लिंग को उसकी चूत मे उतारकर पूर्ण सहवास के सुख का आनंद देना चाहता था हर सुबह पुरुष के शरीर में टेस्टोस्टेरोन का प्रवाह ज्यादा होता है,जिसका असर मेरे लंड पर दिख रहा था,वो रुचि की चूत में ही धीरे-धीरे बड़ा हो रहा था,हम दोनों के प्रजनांग मिलने से बढ़ती गर्मी मेरे लिंग को काफी आराम दे रही थी,इन सब बातों से अंजान वो अपनी आंखे बंद करके इस सहवास का मजा ले रही थी,उसके चेहरे पर एक अलग ही शांति थी जो किसी ठहरे पानी जैसे लग रही थी,मैने थोड़ा कंबल हटाकर उसके काममय शरीर को देखा तो ध्यान गया की इन बीते 3 दिनों में मैने उसकी चूत,मुंह और गांड़ में कई बार वीर्यपात किया था पर उसकी चूत या योनि उसे बाहर निकालने की बजाय उस रस को अपने अंदर सोख रहा था जिसकी वजह से उसके शरीर में निखार आने लगा था,उसके शरीर में उभार के साथ उसकी सुडोलता और सुंदरता भी काफी बढ़ गई थी,जैसे कोई सुहागन पहली रात के बाद निखरती है,साथ ही उसके शरीर से कामरस की एक महक आ रही थी जो किसी कस्तूरी के अतर समान लग रही थी।
मैने अपने ऊपर से कंबल हटाया,हम दोनों के प्यार की गर्मी और भिनाश (Wet) अभी हम दोनों के शरीर में बनी हुई थी जिसकी वजह से उसकी गीली चूत से मैने धीरे से अपना लिंग बाहर निकाल लिया, बाहर आते ही उसका गुलाबी टोपा अपने उभार में खड़ा था,साथ ही वो हम दोनों के कामरस से सना हुआ था,मेरे लंड के टोपे पर वीर्य की एक बूंद चमक रही थी जो मेरी उत्तेजना की वजह से बाहर निकल आई थी इसलिए मैने बिना कोई आवाज किए का टोपा उसके कोमल होठों पर रख दिया और उसे किसी लिपस्टिक के जैसे उसके होठों पर घुमाने लगा उसके भीगे होठों की चमक, कोमलता और सांसों से आती गर्मी मेरी उत्तेजना को बढ़ाए जा रही थी,जिससे मेरे अंदर का लावा लंड से बाहर आने वाला था इसलिए मैने थोड़ा धक्का लगाकर टोपे का आगे का हिस्सा उसके मुंह के अंदर डाल दिया,उसके मुंह के अंदर जाते ही मेरा लंड जड़ गया और मेरा रस उसके दांत के साथ होठों पर भी लगा गया,मेरे वीर्य के कुछ हिस्से उसके मुंह से बाहर भी लगे हुए थे,जिसकी गर्माहट मैने उसके अंदर छोड़ दी थी।
मेरा वीर्यपतन होने के बाद वो करवट बदल कर सो गई, मैं सावधानी से बेड पर से नीचे उतरा और उसे कंबल ओढ़ा दिया,उसके नींद की यह गहराई उसके तीन दिनों के थकावट को जाहिर कर रही थी, मैं कमरे से निकलकर छत पर आ गया।छत पर आते ही सुबह की ओस को मेरे पैरो ने महसूस किया,कमरे के AC की उन कृत्रिम हवाओं से बाहर आते ही ऐसा लगा मानो मौसम की शीतलता ने मुझे अपनी बाहों में समा लिया हो,आज में अपने बदन पर बिना कोई कपड़ा ढंके इस क़ुदरत के सामने खड़ा था,चारों तरफ अभी भी अंधेरा छाया हुआ था पर दूर उन पहाड़ियों के पीछे से हल्की रोशनी लिए एक नया संवेरा हमारा इंतजार कर रहा था जो आसमान में अपनी लालिमा बिखेर रहा था।जन्म और मौत के समय हम बिना कपड़ों के नग्न अवस्था में इस दुनिया में आते है और जाते है ताकि कुदरत हमारे शरीर को निखार सके अपने उस कोमल स्पर्श का एहसास करा सके इसलिए मैं उसका ही एक हिस्सा हूं यह मानकर बिना कपड़ों के छत पर खड़ा था। इन सब ख्यालों को मन में लिए मैने अपनी रूटीन एक्सरसाइज के साथ दंड,पुश-अप करना स्टार्ट कर दिया,करीब 20-25 मिनट के Continue Work Out के बाद मेरा पूरा शरीर पसीने से भीग चुका था,जिसमें घुलती ओस हवाओं की ठंडी लहरों के साथ मेरे चेहरे,छाती,लिंग और पैरों को निखार रही थी और सुबह की यही महक मेरे रोम-रोम में एक अलग ही ताजगी पहुंचा रही थी।
दूसरी तरफ नीचे मेरे कमरे में नींद की आगोश से बाहर निकलकर अंगड़ाइयां लेते हुए रुचि उठती है,उसने अपने आसपास देखा तो मैं कमरे मे नहीं था तभी उसे अपने मुंह में कुछ गाढ़ापन महसूस हुआ,उसके मुंह में क्या है यह समझने में उसे ज्यादा देर नहीं लगी,एक प्यारी मुस्कान के साथ उसने मेरे वीर्य को गले के नीचे उतार दिया उसने नीचे अपनी चूत पर देखा जो अभी भी पानी छोड़ रही थी,उसके कंबल दूसरी तरफ रख दिया और कमरे की ठंड को अपने पूरे बदन पर महसूस करने लगी,रात को Private Parts को खुला रखने से रात का शीतल और हवा के वहन से अंगों का निखार बढ़ता है,इन बीते दिनों में वो अपना कौमार्य अपने भाई को सौंप दिया था,जिसमें उसने अपने प्यार का रस मिलाकर उसे काफी संवारा था,वो बेड पर अपनी टांगें फैलाए इन हवाओं को महसूस कर रही थी उसके स्तनों की गोलाई,कमर की लचक और गांड के उभार में बढ़ोतरी हुई थी,जो उसके शरीर को निखार रही थी।
कुछ देर आराम करने के बाद उसने घड़ी देखी,जिसमें 7:30 बज रहे थे इसलिए उसने AC बंध किया और उठकर बाथरूम में नहाने चली गई,बाथरूम में उसने आसपास चेक किया तो Shower Jel नहीं मिल रहा था,वो आसपास ढूंढ ही रही थी तभी बाथरूम का Door खुला और सामने देखा तो विशाल Shower Jel लिए उसके सामने खड़ा था,पसीने से तरबतर उसका कसा हुआ शरीर,चौड़ी छाती, भरावदार दोनों बाजू और उसका लिंग जो मेरे पुरुषत्व में बढ़ोतरी कर रहे थे मैं अंदर आ गया और हाथ में Jel निकालते हुए कहा,"सब रिश्तों नातों से दूर जितना वक्त हमारे पास बचा है उसे में तुम्हारे साथ बिताना चाहता हूं और मैं नहीं चाहता ये संवेरा तुम्हारी इन हसीन बाहों से दूर गुजारूं।" मेरी बात सुनकर उसने अपने हाथ मेरे कंधो पर रखते हुए कहा,"आपकी यही बात मुझे सबसे अच्छी लगती है,अपने दिल की बात कहने से आप कभी पीछे नहीं हटते" विशाल बिल्कुल उसके पास खड़ा था जिससे उसके पसीने की खुशबू रुचि की सांसों में समा रही थी,हाथों में लगे Jel को मैने रुचि के गर्दन,पेट,गांड़ की दरार,चूत और स्तन पर लगाते हुए उसके बूब्स को मसलने लगा विशाल के फौलादी बाजुओं के स्पर्श से रुचि आंखे बंद करके इस मधुर एहसास का आनंद लेने लगी,विशाल ने रुचि के पूरे बदन पर Jel लगा दिया था,जिससे उसका शरीर नागिन जैसा चमक रहा था,उसके बाद रुचि ने विशाल के पूरे शरीर पर Jel लगाकर उसके लंड को दोनों कोमल हाथों से पकड़कर मालिश करने लगी। बाथरूम की इस खामोशी में चप......चप की आवाज गूंज रही थी,मैने रुचि को पीछे घुमाया और एक धक्के में मेरा चिकना लंड उसकी गांड़ मे उतार दिया,मैने ऊपर से Shower On किया और ठंडे पानी की बूंदे के साथ हमारे सुहाने दिन की शुरूआत हो गई,मेरे लंड के साथ शरीर पर लगे Jel की वजह से हमारा शरीर पर झाग से भर गया मैं अपने दोनों हाथ से उसके मुलायम जिस्म पर घुमाते हुए उसे मसल रहा था,साथ ही मेरा लंड उसके गांड में अंदर तक साफ कर रहा था मैने उसका सर पकड़कर पीछे घुमाया और उसके मीठे गुलाबी होठों का रसपान करने लगा,कुछ पल तक हमारी मादक आवाजें इन बाथरूम की दीवारों पर टकराती रही फिर मैने अपने वीर्य उसकी गांड़ में डालने के बाद उसके कामरस को गले से नीचे उतारकर अपने आप को तृप्त किया उसके बाद हमारे जिस्मों के पानी से साफ करने के बाद में बेड पर आकर लेट गया,मेरे बाहर आने के कुछ देर बाद रुचि बाहर आई तो मेरी नजर उस काम की प्रतिमा पर थम गई,रुचि पिंक ब्रा और पेंटी पहने मेरे सामने खड़ी थी,जिसमें उसकी नशीली आंखे,गुलाबी होंठ,नाभि की गहराई, उसके बूब्स और चूत को समेटकर एक आकार प्रदान कर रही थी,उसका अंग-अंग उसके श्वेत वर्ण शरीर को काममय बना रहा था मुझे इस तरह देखकर वो मुस्कुराने लगी,मैने अपने आप को संभालते हुए कहा,"रुचि प्लीज कुछ नाश्ते के लिए बना दो बहुत भूख लगी है।" उसने अपने बालों को संवारते हुए कहा,"ठीक है आप तैयार होकर नीचे आ जाओ,तब तक मै कुछ बनाकर तैयार रखूंगी।"
आगे के पार्ट्स में कहानी जारी रहेगी तब तक अपना अमूल्य प्रतिभाव देना ना भूले।
दोस्तो Story के Plot के Regarding मैं कुछ नई चीजें add कर रहा हूं,मेरे बहुत सारे Readers ने इस Story को मां के साथ शारीरिक संबंध बनानें पर Focus करने के लिए कहा इसलिए मैं अब इसको मां-बेटे के संभोग की तरफ ले जाऊंगा तो मेरे साथ बने रहिए और पढ़ते रहिए बदन को गर्म कर देनेवाली मां बेटे के चुदाई की कहानी।
अपडेट - 2 (Additional Story)
मैने नीचे आकर देखा तो मेरी मां डाइनिंग टेबल पर Breakfast रखकर हम सब का इंतज़ार करते हुए बैठी थी, डेड अपने रूम में शॉवर रहे थे,मेरी मां अश्विनी एक Housewife है,जिनकी उम्र 37 साल पर देखने में अभी भी 28 साल की जवान लड़की के उम्र की तरह लगती थी,उनका रंग थोड़ा सांवला था पर उसका उनके सुंदरता पर कोई असर नहीं पड़ता था। गठीला बदन,हिरनी जैसी कमर,भरावदार नितंब और किसी मर्द को लालायित करने के लिए दो बड़े बूब्स,उन्होंने योगा से अपने शरीर को Maintain करके रखा था जिसका असर उनके बदन पर दिख भी रहा था क्योंकि इस उमर में भी चेहरे पर झुरिया पड़ने की बजाय एक अलग ही चमक बनी हुई थी, Housewife होने के बावजूद मेरी मॉम काफी खुले ख्यालों वाली औरत थी जिसका असर उनके कपड़ो पर दिख रहा था इस वक्त वो एक Deep Neck का ब्लाउज पहने जिसमें उनके आधे से ज्यादा बूब्स बाहर निकल रहे थे, उम्र के साथ जब में जवान हुआ तब मेरी मां को देखकर ही मेरे लिंग में आते हुए परिवर्तन को देखकर Sex के बारे में जानना शुरू किया।उनको काम करते वक्त कई बार उनके स्तन का उभार तो कभी उनकी गांड़ की कसावट देखकर मेरे लिंग में उत्तेजना बढ़ने लगती थी इसलिए अपने कमरे में अक्सर उन्हें अपने ख्यालों में चोदकर मूठ मारने लगा था।
शरीर में बढ़ती उत्तेजना की वजह से मेरा लिंग खड़ा होने लगा इसलिए मैं नीचे आकर उनके पास गया,अपनी भावनाओं के सहज में उनके गाल पर एक Morning Kiss करने के लिए आगे बढ़ा पर तभी उन्होंने भी कुछ कहने के लिए चेहरा घुमाया जिससे मेरे होठ उनके मुलायम होठों से जाकर मिल गए,जैसे ही हम दोनों को इस बात एहसास हुआ हम तुरंत पीछे हट गए, मैं उनसे दूर हटकर उन्हें सोरी कहने लगा क्योंकि मुझे इस बात का डर था कि कही वो कुछ ओर ना समझने लगे पर मेरी सोच के Opposite कुछ अलग ही हुआ उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा,"Notty Boy, ऐसा कोई करता है भला!! पहले Hug उसके बाद किस करना होता है" उनकी बात सुनकर मैं यह देखता ही रह गया वो टेबल पर नाश्ते की प्लेट्स लगा रही थी इसलिए मैने उन्हें पीछे से लिपटते हुए कहा,"You're the best Mom In the World" मैने अपना दाहिना हाथ उन्हें बूब्स पर रख दिया था, जिसके आकर का मैं अनुमान लगा रहा था,मैने अपने होठ उनकी गर्दन पर रख दिए और अपनी सांसों में उसके बूब्स के बीच और बालों से आती भीनी सी खुशबू को महसूस करने लगा। हस्तमैथुन से मेरी उत्तेजना शांत हो जाती थी पर मन में उन्हें चोदने की तलब बढ़ती ही जा रही थी,इसी तड़प से वशीभूत होकर मैंने उन्हें पीछे से जकड़ लिया तब से मैं अक्सर ऐसे ही अकेले में अपनी मां से लिपटकर उन्हें जिस्म का आनंद लेने लगता जिस पर मां ने भी कभी कोई आपत्ति नहीं जताई थी पर आज सुबह रुचि के साथ हुए उस खेल ने मेरी वासना को भड़का दिया था इसलिए मैं अब अपने दोनों हाथों से उनके बूब्स हल्के-हल्के दबाएं जा रहा था,उन्होंने मेरी ये बात नोटिस की पर उन्होंने कुछ नहीं कहा,मै धीरे-धीरे उनके स्तन पर दबाव बढ़ाए जा रहा था,वो भी अपने बेटे के स्पर्श से मदहोश होने लगी थी,आज वासना के आवेश में आकर अपनी हद को भूलकर मैं उनके जिस्म के साथ खेल रहा था। उनकी गर्दन पर अपनी गर्म सांस छोड़ने के बाद मैं उनके होठों के पास बढ़ने लगा,वो अपनी आंखे बंद करके लंबी आहे भर रही थी 'आआआहह्इ....... उउममहहह्' ईसलिए उनके गालों को चूमते हुए मैंने अपने दांतों से उनके नीचे के होठ को हल्का सा काट लिया जिससे वो सिहर गई,मैने एक हाथ को नीचे लाकर उनके चूत पर रख दिया जिससे मुझे उनके चूत की गर्माहट महसूस होने लगी।
मेरे ऐसा करने से सीधे खड़ी हो गई और दौड़कर किचन में चली गई पर आज में सिर्फ अपने जिस्म की आवाज सुन रहा था इसलिए मैं भी उनके पीछे किचन में चला गया, वहां पहुंचकर देखा तो वो प्लेटफॉर्म की तरफ मुंह करके लंबी सांसे ले रही थी,मैने सीधे जाकर एक हाथ उनके बूब्स पर रखा और दूसरा हाथ उनके लहंगे में डालकर उनकी चूत पर रख दिया जो गीली हो चुकी थी,मै अपनी दो उंगलियों से उनके चूत के दाने को मसल रहा था।
'ये तुम क्या??!!...... उउफफफफ्......आआहह....आआ....हाआआ.....हाहहअअ्......हम ऐसा नहीं कर......सकतेएए.......' वो अपना विरोध जता रही थी पर उसके साथ ही मैंने अपनी उंगलिया उनकी चूत मे डाल दी थी। अब उनके चूत और बूब्स को मसलते हुए मैने अपने होठ उनके होठों के पास ले गया और उनके मुंह को थोड़ा घुमाकर उसके होठों का रसपान करने लगा,मैने उनके होठों को चूसकर उनकी जीभ को चूस रहा था थोड़ी देर स्त्री लज्जा से लड़ने के बाद एक अब मेरा साथ देने लगी थी मतलब उनके मन पर भी वासना ने अपना पर्दा डाल दिया थाअपने बदन को झटके देते हुए मुझसे किस कर रही थी। इसके साथ ही मैने उंगलियों रफ्तार तेज कर दी जिससे उनकी सिसकिया मेरे मुंह में ही समा गई,"उउममअअ्...... उउममहहह्......" दोनों की मिलती जीभ से उसका रस मेरे मुंह में घुलने लगा, मैं बारी-बारी से उनके दोनों होठों को चूस रहा था। हमारे होठों के मिलन से काफी सारा थूक उत्पन्न हो रहा था जिसे जीभ के जरिए मैं उनके मुंह में पहुंचा रहा था,वो काफी सारा गले से नीचे उतारकर उसे पी चुकी थी,इस लंबे रसपान के बाद में उनसे अलग हुआ और उन्हें मेरी तरफ घुमा दिया,हमारे अलग होने के बाद भी उस रस के कुछ अंश हमारे होठ पर लगे थे, उनसे अलग होते ही मैने उनका चेहरा देखा जो लाल पड़ चुका था,मेरा एक हाथ अभी भी उनकी चूत मे था।
उनके चेहरे पर डर और ग्लानि के भाव साफ नज़र आ रहे थे,"प्लीज बेटा Stop this, ये गलत है मैं तुम्हारी मां........ आआआहहाआआआ......." उन्होंने इतना कहा था की तभी मैने दोनों उंगलियां उनकी चूत मे पूरी डालकर एक झटके से बाहर निकाल दी,उनकी चूत बुरी तरह से पनिया गई थी जिससे उनकी पेंटी के साथ साड़ी भी भीगने लगी थी,उनका चेहरा मेरे सामने थोड़ा झुका हुआ था जिससे उनके बाल चेहरे पर आते थे,मैने अपना हाथ देखा तो उनके चूत के पानी से भीग चुका था,मैने उनका चेहरा थोड़ा उपर किया और दो उंगलियां उनके मुंह में घुसाकर उनके पानी के स्वाद से अभिभूत करने लगा,वो थोड़ी देर तो मेरे चेहरे को देखती रही पर उसके बाद दोनों उंगलियों पर अपनी जीभ घुमाने लगी,इस रस के चिकने पन और मादक खुशबू से उनका मन बहकने लगा,अब वो मेरे पूरे हाथ को अपनी जीभ से चाटकर उसे साफ कर रही थी,उनकी इस क्रीड़ा को देखकर मैने उनसे कहा,"देखा मां आपके चूत का ये पानी गवाह हैं की इन समाज के रिश्तों से बढ़कर हम दोनों एक स्त्री और पुरुष है जिसे विजातीय पात्र के प्रति आकर्षण महसूस होता है इसलिए इस काम भाव को ईश्वर का आशीर्वाद मानकर बिना किसी संकोच के इसका भोग कीजिए।"
मॉम और डेड के बीच 6 महीनों से संबंध ठीक नहीं चल रहे थे,उनके बेडरूम बंध कमरों में दोनों की कई बार बहस होती थी और पिछले दो महीनों से उनकी लड़ाई भी होने लगी थी,दरअसल मॉम को शक था कि पापा का बाहर किसी ओर स्त्री के साथ गैर संबंध चल रहा है और इन्हीं लड़ाईयों की वजह से उन्हें शारीरिक सुख नहीं मिल रहा था,मन में आस लिए वो इस आग में तड़पती रहती थी।जब भी मैं उन्हें छुता था तो अक्सर ये भावनाएं भड़क जाती थीं और आज ये सब इसी का परिणाम था।
वो मेरे हाथ को पकड़कर कुछ सोच रही थी तभी मैंने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा,"अगर आपको अभी भी शक है तो इसका दूसरा सबूत मैं अभी दे देता हूं।"
इतना कहकर मैने दोनों हाथों से उनके ब्लाउज को पकड़ा और उनके दोनों बूब्स को बाहर निकाल दिया,मेरे ऐसा करते ही उनके स्तन उछलकर बाहर आ गए उन उरोजो की गोलाई, स्थितिस्थापकता,कोमलता और कसाव अभी भी जवान लड़कियों की टक्कर दे सकता था,मेरे ऐसा करने से उन्होंने दोनों हाथों से उसको ढकने का प्रयास करने लगी,मैने धीरे से उनके हाथों को पकड़ा और उनके गर्दन पर अपनी जीभ और होठ घुमाते हुए कहा,"मॉम आप क्यों नहीं समझ रही आपका ये जिस्म किसी पुरुष के साथ सहवास के लिए तड़प रहा है,जिसकी गवाही आपके तने हुए Brown निपल्स दे रहे हैं।" मैं अपने होठ गर्दन से घुमाते हुए नीचे उनके बूब्स तक ले जा रहा था,अब उनकी पकड़ ढीली हो चुकी थी इसलिए मैने उनके हाथों को हटाकर उनकी मुलायमता को महसूस करने लगा,मैने धीरे से उस हल्का दबाया और उसके निप्पल को हल्का काटकर उसका रसपान करने लगा।
"घर में इतनी हरी भरी बीवी होने के बावजूद बाहर मुंह मारता पड़े कोई इतना बड़ा चूतियाँ कैसे हो सकता है?" मै उनके निप्पलों को चूसते हुए बोल रहा था।
"आआहाहाआ...... उममहहह्..... आहह्...... आआहाहाआआ.......मत बोलो ऐसा...... ओओहहहह्"
वो प्लेटफॉर्म पर बैठकर अपने दोनों हाथों से मेरा सर उनकी छाती में दबाए इस उत्तेजना का आनंद ले रही थी,उनकी आँखें बंद थी और उन्होंने के हाथ से अपने मुंह को दबाकर रखा था ताकि उनकी आवाज बाहर ना जाएं फिर भी उनकी मादक आवाजें मेरे कानों में पड़ रही थी,"ओओउउकक्........उमम....उउममह्......उममहहईईई....... हां बेटा करो.....काटो इसे सीईईईई.......जोर से चूसो आआहहह्........" मै बारी बारी से उनके दोनों बूब्स के निपल्स पर अपनी जीभ घुमाता,उसे चूसता और उस पर काटकर मसलने लगता,हमारे इस खेल से उनकी साड़ी लगभग निकला गई थीं,"आआआहह्ह् हमने कभी सपने में भी नही सोच था कि हवस में अंधे होकर मैं अपने बेटे के साथ ही......ऊऊहहह्......" मॉम की इस आवाज से मै फिर उन्हें किस करने लगा,उन्हें अभी भी ये गलत लग रहा था पर शारीरिक सुख में अब वो मदहोश होने लगी थी,किस करते हुए उन्होंने मेरा शॉर्ट्स पकड़ा और नीचे कर दिया,उनके ऐसा करते ही मेरा 9 इंच लंबा लंड सीधा बाहर निकल आया जो अकड़ने की वजह से झटके खा रहा था,मेरे लंड की लंबाई देखकर उनका हाथ सीने पर चला गया,"Ohh God......I can't Believe This......इसकी लंबाई तो तुम्हारे पापा से भी कही ज्यादा बड़ा......." यह कहकर वो नीचे मेरे पैर के पास बैठ गईं और दोनों हाथों से उसको हिलाते हुए कहा,"हम कितने खुशनसीब है जो हमें घर में ही इतना बड़ा......" इतना बोलकर वो शर्मा गई,उन्होंने अपना मुंह खोला और सुपाड़े पर अपनी जीभ घुमाने लगी,मेरे लंड से कुछ वीर्य बाहर छलक आया था जिसे उन्होंने चाटकर साफ कर दिया,उन्होंने धीरे से मेरे लंड के अपने मुंह के अन्दर उतारकर उसकी गर्माहट को महसूस करने लगी तभी उनके बेडरूम से पापा की आवाज आई,"अश्विनी जरा अंदर आना मेरा शर्ट नहीं मिल रहा है।" पापा की आवाज सुनकर वो हड़बड़ाकर खड़ी हो गई,उन्होंने जल्दी से अपनी साड़ी पहनी और बेडरूम में चली गई, मैं उन्हें जाते हुए देखता रहा, मैंने अपना शॉट उप किया और डाइनिंग टेबल पर बैठकर उनका इंतेज़ार करने लगा,कुछ देर बाद वो बाहर आई तो उनका चेहरा उतरा हुआ था उन्होंने एक पल मेरी तरफ देखा और फ्रिज से जूस निकालकर मेरे पास बैठ गई,वो अपनी नजरे मुझसे चूरा रही थी,उनकी इस परेशानी को देखकर मैने उनका हाथ पकड़कर पूछा,"मॉम Any Problem?"
"हा बेटा हमारे बीच जो कुछ हुआ उसे एक सपना समझकर भूल जाओ,मै तुम्हारी मां हूँ इसलिए हम दोनों के इस रिश्ते को यही रोक अपनी मर्यादा को समझना चाहिए।"
"मॉम ये अचानक आपको क्या हो गया? क्या आपको मेरी किसी बात का बुरा लगा है?"इतना कहकर मैं उठकर उनके पास गया और उनको पीछे से हग कर लिया,"मॉम आप मेरी जान है,आप नहीं जानती कि मैं आपसे जितना प्यार करता हूँ उतना शायद ही कोई कर पाए,आपकी ये खामोशी और एकेले दर्द में घुटना मुझे अंदर से तोड़ के रख देता है इसीलिए प्लीज......." कहते हुए मेरी आँखें छलक आई जिसका भीगापन उसको कंधे पर महसूस हुआ।
"नहीं बेटा मुझे इतना मजबूर मत करो......" बोलते हुए वो रुक गई उनके अंदर चल रहा भावनाओं का भूचाल उमड़ने लगा और वो सीधे खड़ी होकर मुझे लिपट गई, मैं उनकी लचीली गर्दन चूमने का कोई मौका नहीं छोड़ता था उनके गर्दन को चूमकर फिर उनके बूब्स मसलने लगा, उन्होंने मेरा चेहरा पकड़कर मेरी आंखों में एक उम्मीद से देखा।
मैने उनका हाथ पकड़ा और सीढ़ियां चढ़कर ऊपर की तरफ ले जाने लगा,वो मेरी साथ खींची हुई चले जा रही थी ऊपर चढ़ते हुए मैंने पापा से कहा,"डेड मेरे Wardrobe में कुछ प्रॉब्लेम हो गई है इसलिए मॉम को मदद के लिए ले जा रहा हूँ और आपका Breakfast टेबल पर रखा है।"
"Okay Son,No Problem" इतना कहकर वो दोनों विशाल के कमरे में आ गए,रुचि का कमरा अभी भी लॉक था मतलब वो नहा रही थी,हम दोनों मेरे कमरे में आते ही मैने उसे लोक कर दिया,कमरे को लॉक होते ही मैं अपने सारे कपड़े उतारकर उनके सामने नंगा खाद हो गया,मेरा लंबा लंड उनके सामने तनकर खड़ा था इसलिए उन्होंने अपनी नजर घुमाकर दूसरी तरफ कर ली, मैं उनके पास जाकर उनके कान के नीचे हिस्से को चूसते हुए कहा,"मॉम क्या हम सही गलत मां बेटे के रिश्तों से बढ़कर हमारे जिस्मों में उठ रहे इस तूफ़ान को शांत कर सकते है?" इतना बोलकर मैं उनकी नाभि के अन्दर जीभ घुमाने लगा,अब वो इस वासना के भंवर में खो रही थी इसलिए उन्होंने मेरा चेहरा पकड़कर मेरी आंखों में देखते हुए कहा,"ठीक है......सिर्फ आखरी बार" यह सुनते ही मैने उनकी साड़ी का पल्लू खींचा और एक ही झटके में उसे उनके जिस्म से अलग कर दिया,उन्होंने भी अपने ब्लाउज को उतारकर अपने ब्रा का हुक खोलकर अपने उरोजो को आजाद कर दिया,वो अपने हाथों से बूब्स को ढककर नंगी खड़ी थी। उसके बाद घुटनों के बल मेरे लंड के पास बैठ गई,उन्होंने उसे हाथ में लेकर उस मूसल की लंबाई और मोटाई को महसूस करने लगी,उन्होंने अपनी जुबान निकालकर लंड के चारों तरफ घुमाने लगी,हम दोनों के पास बहुत कम वक्त था जिसमें हम दोनों एक दूसरे को चरम सुख देना चाहते थे वो मेरा लंड धीरे-धीरे उनके मुंह में डालने की कोशिश कर रही थी पर मैने उनका सर पकड़कर एक ही बारी में पूरा अंदर उतार दिया जिससे लंड उनके गर्दन तक चला गया,"घोओओककक्......उउम्......उउममहह्..ओओकक्......ओओककक्.....घोओपप्.....उउममहहहहह्......." इतना लंबा लंड सीधा उनके मुंह में घुसाने से उनके आंसू निकल आए थे,मुंह से थूक लगातार बह रहा था पर इसके साथ ही वो अपनी जीभ मेरे सुपाड़े पर गोल-गोल घुमा रही थी जिससे उसका चिकनपन बढ़ते ही जा रहा था,"आआआहह्.......मां आपके मुंह का जवाब नहीं, सीधी-सादी घर में साड़ी पहनकर मर्यादा में रहनेवाली औरत से बड़ी रंडी कोई नहीं उउफफफ्.......इतना लंबा लंड तुम ऐसे चूस लोगी किसने सोचा था"
घर की रंडी मेरी अश्विनी थोड़ी देर तक उनके मुख मैथुन करवाने के बाद वो खांसने लगी थी,मैने उनके पास बैठते हुए कहा,"मॉम क्या आप ठीक है?"
उन्होंने अपनी सांसे संभालकर हंसते हुए कहा,"अचानक इतना बड़ा लंड मेरे मुंह में डालकर तुमने तो मेरी जान ही निकाल दी थी"यह सुनकर मुझे कुछ राहत महसूस हुई
जो थोड़ी देर पहले लंड बोलने में शर्मा रही थी वो अब खुलकर बात करने लगी थी,"मतलब तुम्हे भी Wild Sex पसंद है"
"तुम्हे भी से आपका क्या मतलब है?"
"कुछ नहीं पहले तुम इस पर ध्यान दो" कहकर उन्होंने बात टाल दी,मैने उनको गोदी में उठाया और बेड पर पटक दिया।
उनका नंगा बदन सफेद सेज पर चमक रहा था, मेरे समाने उनको जो रसीले स्तन थे जो मुझे उसका रस पीने के लिए लालायित कर रहे थे, मैं सीधा जाकर उनकी दोनों निपल्स पर पागलों की तरह काटने लगा।
लंड की प्यासी मेरी मॉम उसका रसपान करने लगा और उनके बदन के हर हिस्से होठ,गर्दन,नाभि,स्तन के सभी भागों को खूब चूसकर निचोड़ लिया,मैने उनको पीछे घुमाया और उनकी गोल गांड़ पर जोर से 2 थप्पड़ मार दिए,जिससे उनकी गांड़ लाल हो गई।
इसके बाद मैने उनकी टांगे उठाकर सीधे उनकी चूत मे अपनी जीभ डालकर अंदर तेजी से घुमाने लगा इसके साथ ही मैंने दो उंगलियां उनकी गांड़ में घुसा,मेरा रूम Soundproof होने की वजह से वो खुलकर इसका आनंद लेने लगी,"आआआहह्.......Yessss Just Lick it Come Onnnhhh........ ओओहहहह्........ निकाल दो मेरे चूत की सारी गर्मी......निचोड़ लो इस बदन को आआह.....आआहाहाआ........Fuck......Fuck...... और जोर से उउममहहह्......."
कहते हुए वो मेरा सर उनकी चूत मे दबाने लगी, मैंने अंदर के हिस्से को चटाकर बाहर अपनी जीभ घुमाने लगा इसके साथ मैने उनके चूत के दाने हल्का दबाने से उन्होंने पैरों के बीच मेरा सर दबा दिया और चीखते हुए झड़ने लगी,"आआआहह्ह्.......मुझसे बड़ी छिनाल कोई नहीं हो सकती जो अपने बेटे से चुद रही है..... आआहहह्.......इईससस्......." उनके चूत का पानी पिचकारी छोड़ते हुए मेरे मुंह को भिगो रहा था,उसके बाद उनका शरीर अकड़ा और सारा वीर्य मेरे मुंह में समा गया,"I'm Cumming...... आआआहहाहह्.........आहह्......उउहहह्" उसके साथ ही मॉम निढाल होकर बेड पर पड़ी हुई थी मैने अपने कामरस को इतनी देर रोक रखा था उसे मॉम के मुंह में लंड डालकर थोड़ी देर हिलाने से ज्यादातर उसमें निकाल दिया और उसे बाहर निकालकर उनकी मांग में थोड़ा रस भर दिया। उन्होंने मुझे अपनी तरफ खींचकर हमारे होठ मिला दिए,मुंह में वीर्य के प्रदान से उनके मुंह की ग्रंथियां पानी छोड़ने लगी जैसे वो यह स्वाद भूल ही गई हो, हम दोनों के वीर्य आपस में मिलकर उसका रसपान करने लगे,मै उनके स्तनों के बीच अपना सर रखकर सोया हुआ था। वो मेरे बालों में अपना हाथ घूमते हुए कहा,"जन्म देनेवाली मां से बड़ा ऋण किसी का नहीं होता आज तुमने अपने वीर्य का रसपान करवा कर मेरी वासना को तृप्त किया है, मेरी योनि को वो एहसास दिलाया है जिसके लिए मैं इतने महीनों से तरस रही हूं।" इतना कहकर हमने होठ मिलाकर थोड़ी देर प्रेमालाप का आनंद लिया और कपड़े पहनकर नीचे आ गए,नीचे आकर देखा तो डेड ने अभी अभी नाश्ता शुरू किया था, उन्होंने मॉम की तरफ देखा तो पसीने से भीगी हुई थी,"क्या प्रॉब्लम थी Wardrobe में?"
"उसका एक साइड का डोर अटक गया था,बड़ी मुश्किल से निकला है" कहकर मॉम मेरी ओर देखने लगी।
"अरे आप तो ठंडी कॉफ़ी रुकिए मैं इसे गर्म करके ले आती हूँ" इतना कहकर वो किचन में चली गई।मैने टेबल पर देखकर कहा,"मॉम मेरे Sprouts और मिल्क कहा है?"
"सोरी बेटा मै जल्दबाजी में भूल गई क्या तुम यह आकर ले सकते हो?" उनकी बात सुनकर मैं उनके पीछे किचन में चला गया,मेरे किचन में पहुंचते ही वो मेरी ओर देखकर मुस्कुराने लगी, मैंने उनके पीछे खड़े होकर खड़े होकर उनका लहंगा उठाया और उनकी चूत जो जोरो से रगड़ने लगा,"आआऊंउचच........उमममफफ्........मत करो मेरा यूरिन निकल जाएगा......सीईईइइ......." वो अपने मुंह पर हाथ रखकर बोल रही थी।
"यही तो मैं चाहता हूं" कहकर मैंने एक उंगली अंदर डालकर उनकी फुद्दी को पूरा रगड़ दिया जिससे उनका यूरिन निकलने लगा जिसके नीचे मैने Bowl रखकर सब उसमें भर लिया साथ ही उनके वीर्य की कुछ बूंदे भी निकल आई।यह काम खत्म होते ही मैने उनका लहंगा ऊपर कर दिया,उसके बाद मैने अपना लंड निकालकर उसमें अपना यूरिन डालने लगा,मॉम मुझे यह सब करते हुए देख रही थी,"बेटा तुम ये क्या कर रहे हो?"
"मैं आज आपके लिए Special Drink तैयार कर रहा हूं" मेरा यूरिन उसमें डालते ही मैं अपना लंड हिलाने लगा, कुछ पल की जतोजहत के बाद मैने अपना वीर्य उसमें डाल दिया,अब मैंने एक ग्लास में उस mixture को लिया और उसमें दो Ice Cube डालकर वैनिला सीरम डाल दिया।
"बेटा यह भी कोई पीता है क्या Iwww......" उन्होंने बुरा सा मुंह बनाते हुए कहा यह सुनकर मैने उसका एक घूट मुंह में रखा,बालों से पकड़कर उनका चेहरा घुमाया और उनके होठों पर अपना मुंह रखकर उन्हें पिलाने लगा,यूरिन का नमकीन पन,वैनिला की मिठास और वीर्य का चिकनापन उनके मुंह में जाने लगा "सीईईइइपप्.....उऊपप्....उमम्..... उउममममहहह्......." जिसे देखकर उन्हें कुछ देर पहले घिन आ रही अब उसका स्वाद उनको अच्छा लगने लगा था।
मेरी यह सब Kinky और Wildness को देखकर उन्होंने कहा,"बेटा तुम्हे अब एक गर्लफ्रेंड बना लेनी चाहिए जो तुम्हारी हर जरूरत पूरी करे,अगर ऐसा भी चलता रहा तो तुम मेरा दम ही निकाल दोगे।"
मैने उन्हें कमरे से पकड़कर खींचते हुए कहा,"जब घर में ही ऐसी स्वर्ग की अप्सरा हो तो कोई बाहर क्यों ही ढूंढेगा।"
अप्सरा जैसी मेरी गड़राई मॉम मेरी बात सुनकर हम दोनों हंसने लगे और सब चीजें लेकर टेबल पर जाकर बैठ गए,हम सब नाश्ता कर रहे थे,मॉम हाथ में वो ठंडा ड्रिंक लेकर अभी भी कुछ सोच रही थी कि मैं हमारा यूरिन कैसे की सकती हूं? उनके मन में अभी भी थोड़ी हिचकिचाहट बची हुई थी पर तभी उन्हें थोड़ी देर पहले का एहसास याद आया और उनके मुंह में जैसे शहद घुलने लगा,उन्होंने एक सीप लिया तो यह उनको तरोताजा कर रही थी,यूरिन के नमकीन स्वाद के साथ वैनिला वीर्य के साथ मिलकर एक अलग ही स्वाद दे रहा था,हर एक सीप के साथ मां उस कामुकता को महसूस कर रही थी,गिलास पे लगते उनके गुलाबी होठ और उसको छूकर मुंह में जाता वो वीर्य एक मनमोहक दृश्य रच रहा था।
डेड अखबार पढ़ रहे थे तभी उन्होंने मेरा दूध का ग्लास लिए और एक घूट लेकर अपने मुंह से उसमें मिला दिया,अब मैं भी इस द्रव्य का सेवन करके इसका स्वाद ले रहा था,कुछ पल बाद जब डेड की नजर पड़ी तो उन्होंने पूछा,"अरे तुम ये क्या पी रही हो इसके अंदर ये व्हाइट लिक्विड कौनसा है?"
उन्होंने बड़ी मादकता से इसका जवाब दिया,"आज ये Special Drink मेरे बेटे ने
बनाया है और इसे टेस्टी बनाने के लिए ये एक्सट्रा Serum भी Add किया है।"
"Wow बेटा आजकल तुम भी काफी नई चीजें सीखने लगे हो" यह सुनकर मैने मॉम की तरफ देखा जो तिरछी नजरों से मेरी ओर देखकर मुस्कुरा रही थी।आज मैने इतने महीने बाद उन्हें इतना खुलकर हंसते हुए देखा था और इसके साथ ही मैने हमारे एक नए रिश्ते की नींव रख दी थी और अब सिर्फ रिश्तों के बंधनों को हटाना बाकी था।
क्या मेरा मेरी मां के साथ शुरू हुए यह संबंध आगे बढ़ पाएगा?क्या अश्विनी इस रिश्ते को आगे बढ़ाएगी और वो दोनों एक हो पाएंगे यह जानने के लिए मेरे साथ बने रहिए और पढ़ते रहिए 'मां के प्यास को दास्तान'
शॉवर से गिरते पानी की आवाज़ सुनकर मैं उसके कमरे से निकल गया,मेरे बाहर जाते ही डोर बंध होने की आवाज़ बाथरूम के डोर के पीछे खड़ी हुई रुचि के कानों में पड़ी,उसकी सांसे इस वक्त तेज चल रही थी,उसका पूरा बदन इस वक्त गर्म हो चुका था जिस पर ऊपर से ठंडे पानी की बूंदे पड़ रही थी,पता नहीं वो कौनसा एहसास था जिसकी वजह से वो खुद को विशाल से दूर नहीं रख पा रही थी,इसके opposite वो खिंचाव ओर बढ़ता जा रहा था,अभी थोड़ी देर पहले विशाल से साथ बीते कुछ लम्हों के बारे में सोचकर उसके निप्पल सख्त हो चुके थे,उसने अपनी चूत पर हाथ रखा तो वो पूरी पानी-पानी हो चुकी थी,
अपने शरीर में जल रही उस हवस की आग में वो धीरे-धीरे मदहोश होने लगी थी,उसे पता था यह सब गलत है,जिस रिश्ते को समाज में नाम नहीं दे सकती ,जिसे वो खुद चाहकर भी इस रिश्ते को पूरा नहीं कर सकती उसे आगे बढ़ाना ठीक नहीं है पर जब विशाल उसके साथ होता था तब वो सब कुछ भूलकर उसका दिल यह सब हरकते करने पर मजबूर हो जाता था,उसने साबुन लिया और अपने पूरे शरीर पर मलना शुरू किया,अपने बड़े बूब्स कर साबुन देते वक्त उसके दिमाग़ में अपने भाई का चेहरा घूम रहा था कि काश वो इसे अपने मुंह में लेकर चूसे अपने उन फौलादी हाथों से इसे वो मसल कर रख दे।
आज सुबह विशाल का उससे गले मिलना,उसकी चूत को रगड़ना और विशाल के बड़े लंड के बार में सोचकर उसकी चूत से किसी नल की तरह पानी बह रही थी।
रुचि वैसे तो Masturbate नहीं करती थी पर उसके पापा के जाने के बाद वो अक्सर घर पर अकेली रहा करती थी,जब इंसान मन से टूटा हुआ होता है तब उसे किसी इंसान की सबसे ज्यादा जरूरत महसूस होती है,उसे कोई चाहिए जिससे वो अपनी मन की बात कह सके और अपने दिल का बोझ हल्का कर सके पर रुचि की life में अब तक ऐसा कोई लड़का नहीं आया था इसलिए धीरे-धीरे Internet, Videos और Books के through उसे पता चला की सही टाइम पर Limited Masturbation करने से stress और Depression से छुटकारा मिलता है, शुरुआत में तो उसे यह गलत लगता था पर एक दिन अपने हालात से तंग आकर उसने यह ट्राई किया,जैसे वो इसे करती गई उसका stress काफ़ी कम हो गया,अब जब भी वो थकी हुई होती या उसके शरीर को किसी मर्द की कमी महसूस होती तो वो Masturbate कर लेती थी, इसके बारे में ज्यादा जानने के बाद उसने Vibrator और Dildo का भी इंतेजाम कर लिया था।रुचि को Badminton बहुत शोख था इसलिए उसने अपनी बॉडी को Exercise के through fit रखा था जिसकी वजह से उसका stamina काफी अच्छा था,उसे पहले से पता था कि कोई फिट और तगड़ा मर्द ही उसकी इस जवानी की प्यास को संतुष्ट कर सकता है और विशाल बिल्कुल वैसा ही था। उसने साबुन लिया और अपनी चूत पर रगड़ना शुरू किया,पानी निकलने की वजह से उसकी चूत पहले से ही बहुत गीली थी और अब उस पर साबुन लगाने की वजह से वो पूरी चिपचिपी हो चुकी थी, सेक्स का नशा अब उसके आंखों मै चढ़ने लगा था जिससे उसकी आँखें बंद होने लगी थी,उसने कल बाथरूम में छुपाया अपना 8 इंच लंबा डिल्डो निकला और अपनी चूत पर फिरना शुरू कर दिया,उसने पहले कभी मास्टरबेट नहीं किया था इसलिए उसमें sex की तलब भी बहुत ज्यादा थी,जब भी अब वो Masturbate करती वो पूरी wild हो जाती थी। अब बाथरूम के अंदर का पूरा माहौल रुचि के शरीर की गर्मी से गर्म हो चुका था,उसने डिल्डो को अपने दोनों हाथों से पकड़ा और एक एक ही झटके में अपनी चूत के अन्दर डाल दिया,उसके मन में अब भी विशाल के ही ख्याल आ रहे थे,’आआहहह....... you're so Deep.......Yesss Vishal Fuck Me baby...... जितना मन चाहे छोड़ो विशाल Come On.....' यह बोलते हुए वो उसे तेजी से अंदर बाहर कर रही थी,
उसके कमरे का डोर बंद था और बाथरूम में चल रहे शॉवर के आवाज़ की वजह से उसकी सिसकियां बाहर नहीं जा रही थी।उसने बाएं हाथ से Hand Shower On किया और उसकी चूत पर रख दिया,शॉवर से निकलते पानी की बूंदे उसकी चूत को अंदर तक भिगो रही थी,उसने दूसरे हाथ से डिल्डो को ओर तेजी से चलाने लगी,कुछ देर तक ये सिलसिला चलता रहा फिर उसने डिल्डो को जमीन पर रखा और उस पर अपनी बॉडी का जोर लगाते हुए उछलने लगी,'ऊऊहह......आआहहह.....Yesss Do it Harder More Wilder......ओओहहहह......Yeahhh....' करीब 20 मिनिट बाद उसकी चूत पानी छोड़ते हुए जड़ने लगी। रुचि अपनी आंखे बंद किए फर्श पर लेती थी,अब पूरे कमरे मै शांति छा चुकी थी वो रुचि की आग कम होने का सबूत से रही थी।कुछ देर बाद उसे होश आया तो पता चला बहुत देर हो चुकी है इसलिए वो जल्दी से फ्रेश होकर बाथरूम से निकली,उसने घड़ी में टाइम देखा तो 8:30 बज रहे थे।
रुचि के कमरे से निकलकर मैं जल्दी से तैयार होकर नीचे पहुंच गया,मैने नीचे आकर देखा तो मेरी मॉम डाइनिंग टेबल पर Breakfast रखकर हम सब का इंतज़ार करते हुए बैठी थी, डेड अभी भी अपने कमर में तैयार हो रहे थे,मेरी मां अश्विनी एक Housewife है,जिनकी उम्र 37 साल पर देखने में अभी भी 28 साल की जवान लड़की के उम्र की तरह लगती थी,उनका रंग थोड़ा सांवला था पर उसका उनके सुंदरता पर कोई असर नहीं पड़ता था। गठीला बदन,हिरनी जैसी कमर,भरावदार नितंब और किसी मर्द को लालायित करने के लिए दो बड़े बूब्स,उन्होंने योगा से अपने शरीर को Maintain करके रखा था जिसका असर उनके बदन पर दिख भी रहा था क्योंकि इस उमर में भी चेहरे पर झुरिया पड़ने की बजाय एक अलग ही चमक बनी हुई थी, Housewife होने के बावजूद मेरी मॉम काफी खुले ख्यालों वाली औरत थी जिसका असर उनके कपड़ो पर दिख रहा था इस वक्त वो एक Deep Neck का ब्लाउज पहने जिसमें उनके आधे से ज्यादा बूब्स बाहर निकल रहे थे, उम्र के साथ जब में जवान हुआ तब मेरी मां को देखकर ही मेरे लिंग में आते हुए परिवर्तन को देखकर Sex के बारे में जानना शुरू किया। शरीर में बढ़ती उत्तेजना की वजह से मेरा लिंग खड़ा होने लगा इसलिए मैं नीचे आकर उनके पास गया,अपनी भावनाओं के सहज में उनके गाल पर एक Morning Kiss करने के लिए आगे बढ़ा पर तभी उन्होंने भी कुछ कहने के लिए चेहरा घुमाया जिससे मेरे होठ उनके मुलायम होठों से जाकर मिल गए,जैसे ही हम दोनों को इस बात एहसास हुआ हम तुरंत पीछे हट गए, मैं उनसे दूर हटकर उन्हें सोरी कहने लगा क्योंकि मुझे इस बात का डर था कि कही वो कुछ ओर ना समझने लगे पर मेरी सोच के Opposite कुछ अलग ही हुआ उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा,"Notty Boy, ऐसा कोई करता है भला!! पहले Hug उसके बाद किस करना होता है" उनकी बात सुनकर मैं यह देखता ही रह गया वो टेबल पर नाश्ते की प्लेट्स लगा रही थी इसलिए मैने उन्हें पीछे से लिपटते हुए कहा,"You're the best Mom In the World" मैने अपना दाहिना हाथ उन्हें बूब्स पर रख दिया था, जिसके आकर का मैं अनुमान लगा रहा था,मैने अपने होठ उनकी गर्दन पर रख दिए और अपनी सांसों में उसके बूब्स के बीच और बालों से आती भीनी सी खुशबू को महसूस करने लगा। जब से मुझे Sex का Knowledge हुआ तब से मैं अक्सर ऐसे ही अपनी मां से लिपटकर उन्हें जिस्म का आनंद लेने लगता जिस पर मां ने भी कभी कोई आपत्ति नहीं जताई थी पर आज सुबह रुचि के साथ हुए उस खेल ने मेरी वासना को भड़का दिया था इसलिए मैं अब अपने दोनों हाथों से उनके बूब्स हल्के-हल्के दबाएं जा रहा था,वो भी अपने बेटे के स्पर्श से मदहोश होने लगी थी,उनकी गर्दन पर अपनी गर्म सांस छोड़ने के बाद मैं उनके होठों के पास बढ़ने लगा,वो अपनी आंखे बंद करके लंबी आहे भर रही थी इसलिए उनके गालों को चुनते हुए मैंने अपने दांतों से उनके नीचे के होठ को हल्का सा काट लिया मेरे ऐसा करते ही वो तुरंत खड़ी हो गई और लंबी सांसे लेने लगी,मुझे अपनी गलती का एहसास हुआ की शायद आज मैने कुछ ज्यादा ही कर दिया इसलिए मैने माफी मांगते हुए कहा,"I'm Sorry Mom मेरा इरादा आपका दिल दुखाने का नहीं था" मेरी बात सुनकर उन्होंने मेरे पास आकर मुस्कुराते हुए कहा,"इसमें तुम्हारी कोई गलती है,यह उम्र ही ऐसी है इस उम्र मैं अक्सर ऐसी गलतियां हो जाती है।"
उनकी बात सुनकर मुझे राहत महसूस हुई इसीलिए मैने कहा,"मतलब आप मुझसे नाराज नहीं है?"
"बिल्कुल नहीं" उनकी बात सुनकर में उनके गले लग गया जिससे उनके स्तन मेरी छाती में दब गए थोड़ी देर बाद अलग होते हुए उन्होंने मुझसे कहा,"वैसे अब तुम्हे एक गर्लफ्रेंड बना लेनी चाहिए कब तक अपनी मॉम को यूं ही परेशान करते रहोगे" कहते हुए उनका ध्यान मेरे लंड पर गया जो बड़ा तंबू बनाकर खड़ था,यह देखकर मैने अपने हाथों से उसे छुपा दिया,"क्या मॉम आप भी......" मेरे इतना कहने के बाद हम दोनों हंसने लगे,उसके कुछ पल बाद डेड कमरे से बाहर आए और हम दोनों अपनी जगह पर बैठ गए,मॉम तिरछी नजरों से मेरी ओर देखकर मुस्कुरा रही थी।दरअसल मॉम-डेड के बीच पिछले कुछ महीनों से अनबन चल रही थी पर आज मैने उन्हें इतना खुलकर हंसते हुए देखा था।
मै नीचे डाइनिंग टेबल पर मेरे मम्मी पापा के साथ बैठा था तभी मम्मी ने मेरी ओर देखकर पूछा,’ये रुचि अभी तक नीचे क्यों नहीं आई? तूने उसे जगाया तो था ना?’
’हां मां, मै उसे उठाकर ही आ रहा हूं पर पता नहीं क्यूं उसे इतनी देर लग रही है?’ मैने अभी इतना ही कहा था की सामने से रुचि सीढ़ियां उतरकर नीचे आती हुई दिखाई दी, उसने व्हाइट कलर की टॉप और नीचे blue कलर की लेगिस पहनी हुई थी,उसके काले बालों से निकलती एक लट उसके आंखों तक आ रही थी,होठों पर हलकी गुलाबी लिपस्टिक और चेहरे पर मुस्कान लिए वो मेरी ओर ही देख रही थी।
उसने चेयर पर बैठते हुए कहा, ’Good Morning अंकल-आंटी’
मम्मी ने उसकी और देखकर कहा,’Very Good Morning बेटा पर नीचे आने मै इतनी देर क्यों लग गई? Any Problem' दरअसल मेरे अंकल के गुजरने के बाद सब लोग रुचि ये प्रति काफी Protective हो गए थे।
'नहीं आंटी ऐसी कोई बात नहीं है पर वो शॉवर में पहले कम पानी आ रहा था शायद कुछ problem हो गई होगी इसलिए इतनी देर लग गई।’
मैने उसकी बात सुनकर धीरे से फुसफुसाया,’झूठी कही की’ हम दोनों मै ऐसी नोक जोक कॉमन बात थी इसलिए उसने मेरी ओर देखकर कहा,’अब सब लोग तुम्हारी तरह सिर्फ कपड़े बदलकर नीचे आए तो देरी कैसे होगी,जरा देखो अपने आप को किस ऐंगल से लग रहा है तुम नहाकर बैठे हो,स्कूल जाकर यह सिखाओगे बच्चों को?’
’क्यों इस टीशर्ट और शॉर्ट्स मै क्या बुराई है? मुझे जो कंफर्टेबल लगता है वो मैं पहनता हूं’ हम दोनों की नोक-जोक को बीच में रोके हुए पापा ने कहा,'अब बस तुम दोनों सुबह-सुबह शुरू मत हो जाओ प्लीज, अभी पूरा दिन पड़ा है जी भर कर लड़ लेना पर पहले नाश्ता कर लो।'
'Drama Queen'
'अकडू कही का' हम दोनों एक दूसरे को देखकर बड़बड़ाए।
'वैसे बेटा रुचि आज तुम्हे कुछ समान लें बाजार जाना था?' मम्मी ने रुचि की ओर देखकर कहा।
'हां आंटी आज sunday है और ऊपर से आज ऑफिस मै छुट्टी है तो सोचा की आज दोपहर होने से पहले ही सारी चीजें ले आऊं।'
'बहुत अच्छे बेटा पर अकेले आने से अच्छा है तुम विशाल को भी अपने साथ ले जाओ,तुम्हे भी कंपनी मिल जाएंगी।' मम्मी की बात सुनकर मैने अकड़ते हुए कहा,' मै क्यों इसके साथ जाऊं? मै क्या इतना खाली बैठा हूं कभी तो मुझे मेरी छुटिया शांति से enjoy करने दो।' मेरी बात सुनकर मां ने मेरा कान पकड़ते हुए कहा,'स्कूल खुलने मै अभी बहुत दिन बाकी है और तुम्हारे पास आराम करने के लिए पूरा महीना पड़ा है इसलिए चुपचाप चले जाओ वो क्या इतनी दूर अकेली जाएगी?'
'Oouch मां.....ठीक है......ठीक है मां.......उसे मै ले जाऊंगा अब तो मेरा कान छोड़ो' मेरी बात सुनकर सब लोग हंसने लगे,पापा का Breakfast हो चुका था इसलिए वो फोन पर बात करने के लिए अपने कमर में चले गए, मां भी कुछ काम होने की वजह से किचन में चली गई,रुचि देर से आई थी इसलिए वो अपना नाश्ता खत्म कर रही थी और मै अपनी Diet की वजह से Sprouts, मग दाल और फ्रूट्स से mix सलाद खत्म कर रहा था,मैं और रुचि अकेले बैठे हुए थे उसे फिर शरारत सूजी तो उसने अपना दुपट्टा टेबल की साइड पर रख दिया और टॉप के ऊपर का एक बटन खोल दिया जिससे उसकी Clevage ज्यादा deep हो गई थी,उसने ब्रेड पर लगाने के लिए बटर लिया जो हल्का सा फिसलकर उसके बूब्स पर लग गया,जो पिघलते हुए उसके मम्मो को ओर भी ज्यादा चमका रहा था,उसे अचानक क्या सूजी की उसने उस ब्रेड को अपने clevage मै फंसा दिया और अपने बूब्स को टॉप के ऊपर से पकड़कर ब्रेड खाने लगी।यह नजारा देखकर मेरा बुरा हाल हो गया था। आज सुबह से रुचि ने मुझे जितना तन किया था उसका बदला लेने का इससे अच्छा मौका मुझे नहीं मिल सकता था।हमारी फैमिली मै कम लोग होने की वजह से डाइनिंग टेबल की छोटा था,इसी मौके का फायदा उठाते हुए,मैने अपना पैर रुचि की कुर्सी की तरफ बढ़ाया और उसकी Thigh (जांघ) के पास रख दिया,मेरे अचानक छुने की वजह से वो हड़बड़ा गई और मेरी ओर नकली गुस्से भरी नजरों से देखने लगी,वो अपनी आँखें दिखाकर यह करने से मना कर रही थी क्योंकि उसे मेरी मोम का डर था पर इस बात से मुझे पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा था।अब मैने आगे बढ़कर उसकी चूत के पास अपना पैर रख दिया धीरे-धीरे Toe / BigToe ( पैर के अंगूठे ) की मदद से मै उसकी चूत पर अपना Toe घुमाए जा रहा था,पहले तो उसने अपना हाथ बीच मै रखकर मना किया पर अब उसे भी मज़ा आने लगा था,उसने पतली लेगिस पानी हुई थी इसलिए मैने Toe और उंगली की मदद से ग्रिप बनाकर लेगिस को रुचि की चूत तक नीचे कर दिया,मेरा ध्यान ऊपर था पर जैसे मैने अपना पैर उसकी चूत पर रखा तो दंग रह गया उसने नीचे पेंटी नहीं पहनीं थी और उसकी गीली चूत पर मै अपना Toe घुमाए जा रहा था,उसके पूरे शरीर में चल रही Excitement की वजह से उसका पूरा चेहरा लाल पड़ गया था,उसने टेबल के ऊपर अपना सर रख दिया था, वो तेज चल रही सांसों के साथ अपना नाश्ता खत्म करने की कोशिश कर रही थी पर मैने उसे सताने के लिए एक धक्का मारा और Toe उसकी चूत मे चला गया,मेरे ऐसा करने की वजह से उसके मुंह से ’आआहहह.......’ निकल गई जिसे उसने बहुत मुश्किल से कंट्रोल किया। मै अपना Toe उसकी चूत मै पूरा घुमाने लगा था, उसने अपने दोनों हाथों से अपना मुंह दबा रख था,कुछ देर यही खेल चलता रहा,उसकी चूत से निकलता पानी उसकी लेगिस को गिला कर दिया था तभी मैने देखा तो मोम कुछ चीज़ लेने इसी ओर बढ़ रही थी इसलिए मैने तुरंत अपना पैर वापस खींच लिया,मैने नीचे देखा तो चूत के पानी की वजह से मेरा पूरा पैर गिला और चिपचिपा हो गया था,मैने एक नजर उसके ऊपर डाली तो वो गुस्से में दिख रही थी इसलिए मैने जल्दी से अपना breakfast खत्म किया और ऊपर की ओर चल पड़ा।
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