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Fantasy 'सुप्रीम' एक रहस्यमई सफर

Dhakad boy

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#139.

चैपटर-13
पुनर्जन्म रहस्य:
(14 जनवरी 2002, सोमवार, 18:30, मायावन, अराका द्वीप)

तौफीक ने एक स्थान पर आग जला दी थी। सुयश सहित बाकी सभी उसी आग के चारो ओर गोला बना कर बैठे थे।

“पिछले कुछ दिनों से हमने इस जंगल की प्रत्येक मुसीबत को सफलता पूर्वक पार किया है।” सुयश ने कहा- “अब देखते हैं कि यह तिलिस्मा क्या बला है?”

“मैं तो यही सोचकर परेशान हूं कैप्टेन, कि स्पाइनोसोरस, टेरोसोर, ड्रैगन, रेत मानव, ज्वालामुखी, झरना सब तो देख लिया, फिर भला तिलिस्मा में इससे बढ़कर क्या परेशानियां हो सकती हैं?” क्रिस्टी ने कहा।

तभी एक अंजानी आवाज ने सभी को आश्चर्य में डाल दिया- “यह बात मैं बताता हूं।”

सभी की दृष्टि आवाज की दिशा में घूम गई। उन्हें एक पेड़ की ओर से चलकर आता हुआ युगाका दिखाई दिया।

“पहले तो देर से आने के लिये क्षमा चाहता हूं दोस्तो.....दरअसल मेरी बहन की शादी फाइनल हो गयी थी, इसलिये मेरे ऊपर काम का बोझ कुछ ज्यादा ही पड़ गया था।” युगाका ने कहा।

“अरे वाह! तुमने तो पहले बताया नहीं था कि तुम्हारी कोई बहन भी है?” जेनिथ ने कहा।

“मेरी बहन से आप पहले ही मिल चुकी हो, याद करिये उस तालाब के पास की घटना, जब आप को रात में दूसरी क्रिस्टी दिखाई दी थी, अरे वही तो मेरी बहन थी।”

“अच्छा तो आप की बहन भी रुप बदल लेती है।” जेनिथ ने युगाका को घूरते हुए कहा।

“हां, हम दोनों भाई-बहनों को रुप बदलना आता है।” युगाका ने कहा - “मगर उस समय हमें आप लोगों के बारे में पता थोड़े ही था।”

जेनिथ का फिलहाल युगाका से अब दुश्मनी करने का कोई मन नहीं था, इसलिये वह चुप रही।

"वैसे आज तो हर तरफ से खुशियों की ही खबर आ रही है।” शैफाली ने टॉपिक को चेन्ज करने के उद्देश्य से कहा।

“और किसने दी खुशियों की खबर?” युगाका ने हैरानी से शैफाली को देखते हुए कहा।

“आपकी देवी शलाका ने।” शैफाली ने मुस्कुराते हुए कहा।

“देवी शलाका!” शलाका का नाम सुन युगाका आश्चर्य से भर उठा- “क्या तुम लोगों ने उन्हें देखा?”

“देखा भी...और रिश्ता भी जोड़ लिया।” क्रिस्टी ने हंसते हुए कहा।

“कैसा रिश्ता?” युगाका के लिये हर एक समाचार किसी भूकंप से कम नहीं था।

आखिरकार सुयश से आज्ञा लेकर शैफाली ने युगाका को आर्यन और वेदालय की पूरी कहानी सुना दी।

पूरी कहानी सुनकर युगाका खुशी से भर उठा।

“लगता है अब सब कुछ अच्छा होने वाला है। एक-एक कर रहस्य के सारे पर्दे खुल रहे हैं।” युगाका ने कहा।

“अरे दोस्त, सारे पर्दे खुल गये हों तो मेरा एक छोटा सा दोस्त जो तुम्हारी वजह से पता नहीं कहां गायब हो गया, अब उसे भी ढूंढ दो।” क्रिस्टी ने मुंह बिचकाते हुए कहा- “देवी शलाका भी उसे नहीं ढूंढ पायी, पता नहीं पृथ्वी के कौन से कोने में चला गया?”

जिस भी कोने में था, बस हर पल तुम्हें ही याद कर रहा था।”

यह आवाज शत-प्रतिशत ऐलेक्स की थी।

यह आवाज सुनते ही क्रिस्टी की आँखों से खुशी के मारे आँसू निकलने लगे।

“ऐलेक्स....क्या यह तुम ही हो?.. ..और तुम दिखाई क्यों नहीं दे रहे?” क्रिस्टी ने पागलों के समान चारो ओर देखते हुए कहा।

तभी सबके सामने ऐलेक्स प्रकट हो गया।

ऐलेक्स को सुरक्षित देख क्रिस्टी भागकर ऐलेक्स के गले लग गई।

वह अब जोर-जोर से ऐलेक्स का चेहरा चूमने लगी- “माफ कर दो ऐलेक्स...अब कभी भी नहीं लड़ूंगी तुमसे, पर अब तुम मुझे छोड़कर कहीं नहीं जाना।”

क्रिस्टी अपने भावों को बिल्कुल कंट्रोल नहीं कर पा रही थी।...... इसलिये सभी अपनी बारी आने का इंतजार कर रहे थे।

युगाका भी ऐलेक्स को देखकर खुश हो गया क्यों कि अब उसके सिर पर लगा एक दाग हट गया था।

कुछ देर तक इसी हालत में रहने के बाद क्रिस्टी थोड़ा नार्मल हुई और ऐलेक्स से अलग हो गई।

अब शैफाली जाकर ऐलेक्स के गले लग गयी- “अच्छा हुआ आप मिल गये।”

तभी ऐलेक्स की नजर सामने बैठे युगाका की ओर गई, वह युगाका को देख भड़क उठा- “यह इंसान यहां क्या कर रहा है? इसी की वजह से तो मैं मुसीबत में फंस गया था।”

इससे पहले कि ऐलेक्स युगाका पर कोई प्रहार कर पाता, सुयश ने बीच में ही उसे रोक लिया और ऐलेक्स को युगाका की सारी कहानी सुना दी। तब जाकर ऐलेक्स कहीं शांत हुआ।

ऐलेक्स ने भी अपनी पूरी कहानी शुरु से अंत तक सभी को सुना दी।

ऐलेक्स की पूरी कहानी सुन सभी हैरानी से एक-दूसरे का मुंह देख रहे थे। सबसे ज्यादा झटका शैफाली को लगा था।

“तो स्थेनो कहां है?” शैफाली ने ऐलेक्स से पूछा।

“वह अदृश्य रुप में यहीं पर हैं, पर वह प्रकट नहीं हो सकतीं, क्यों कि मेरे और शैफाली के सिवा अगर किसी ने उनकी आँखों में देख लिया, तो वह पत्थर का बन जायेगा।”

ऐलेक्स के बताने पर शैफाली चलकर स्थेनो के पास पहुंच गई और बोली- “मुझे समझ नहीं आ रहा कि मैं आपको क्या कहूं? पर मैं आपके गले लगना चाहती हूं।”

स्थेनो ने शैफाली को गले से लगाते हुए कहा- “अभी जिंदगी बहुत बड़ी है, हमारी बातें तो होतीं ही रहेंगी, पर पहले तुम्हारी स्मृतियों का वापस लाना बहुत जरुरी है।”

यह कहकर स्थेनो ने ऐलेक्स को बोतल खोलने का इशारा किया।

ऐलेक्स ने एक झटके से बोतल के मुंह पर लगा ढक्कन हटा दिया।

ढक्कन के हटाते ही आसमान में एक जोर की बिजली कड़की और बोतल का सारा धुंआ निकलकर शैफाली के सिर पर नाचने लगा।

अब वह धुंआ धीरे-धीरे शैफाली के दिमाग में प्रवेश करता जा रहा था और इसी के साथ शैफाली के चेहरे के भाव भी बदलते जा रहे थे।

शैफाली के चेहरे के भाव को देखकर साफ लग रहा था कि उसे इस समय एक पीड़ादायक अहसास से गुजरना पड़ रहा है।

कुछ देर में पूरा का पूरा धुंआ शैफाली के दिमाग में समा गया और शैफाली जमीन पर बेहोश होकर गिर पड़ी।

क्रिस्टी ने तुरंत शैफाली के मुंह पर पानी का छिड़काव किया तो शैफाली को होश आ गया।

उसने सबसे पहले एक बार पास में खड़े सभी लोगों को ध्यान से देखा और फिर मुस्कुरा दी। उसकी मुस्कुराहट इस बात का सबूत थी कि अब वह बिल्कुल ठीक है।

शैफाली की स्मृतियां आ जाने के बाद भी वह शैफाली के जैसे ही व्यवहार कर रही थी, और यही बात सभी को भा गयी थी।

कुछ देर तक बात करने के बाद स्थेनो वहां से चली गयी।

“शैफाली, आपका पंचशूल अब किसी और को प्राप्त हो गया है।” युगाका ने कहा।

“कोई बात नहीं, अब तो कुछ दिनों के बाद काला मोती मेरे पास होगा, फिर मुझे पंचशूल की कोई आवश्यकता नहीं रहेगी और हां कैप्टेन अंकल उस खरगोश की मदद के लिये धन्यवाद, क्यों कि उसने आपको वही ‘अटलांटिस की रिंग’ दी है, जिसे पहनकर मेरी माँ ने अटलांटिस का निर्माण किया था।

"इस अंगूठी की तलाश में हजारों लोगों ने अपनी जान गंवा दी, पर किसी को इस अंगूठी के बारे में पता नहीं चला। चूंकि यह अंगूठी कोई देवकन्या ही पहन सकती थी, इसलिये यह आपकी उंगली में फिट नहीं हो पा रही थी और...और वह ज्वालामुखी में मिला ड्रैगन का सोने का सिर मेरे पिता का था, जिसे मैंने ही मैग्ना के रुप में वहां छिपाया था।” शैफाली ने कहा।

“एक बात पूंछू शैफाली।” क्रिस्टी ने कहा- “अब अगर तुम्हें सबकुछ याद आ ही गया है, तो तुम कैस्पर से कह के बिना तिलिस्मा को तोड़े ही काला मोती क्यों नहीं प्राप्त कर लेती? एक झटके से सारी समस्या ही
खत्म हो जायेगी।”

“ऐसा अब सम्भव नहीं है, कैस्पर ने पूरे तिलिस्मा का कंट्रोल एक स्वयं की बनाई हुई मशीन को दे दिया है। अब कैस्पर तिलिस्मा के कंट्रोल रुम में बैठकर सबकुछ देख तो सकता है, पर मेरी कोई मदद नहीं कर सकता और मुझे लग रहा है कि वह इस समय, मुझसे 5000 किलोमीटर से भी ज्यादा दूर है, इसलिये उसे मेरे आने का पता भी नहीं चला है। अगर वह कहीं भी पास में होता, तो तिलिस्मा में प्रवेश करने से पहले मुझसे मिलने जरुर आता।” शैफाली ने कहा।

“अच्छा अब मुझे भी जाने की आज्ञा दीजिये, अब आप लोगों से तिलिस्मा के टूटने के बाद ही मुलाकात होगी।” युगाका ने कहा।

सुयश ने सिर हिलाकर युगाका को भी जाने का इशारा कर दिया।

सुयश का इशारा पाकर युगाका भी वहां से चला गया, पर अब युगाका को पूरा विश्वास हो गया था कि तिलिस्मा अब टूटने ही वाला है और यह सारी बातें वह जल्द से जल्द कलाट को बताना चाहता था।

युगाका के जाने के बाद सभी फिर से बातें करने लगे।

“अच्छा एक बात बताओ शैफाली।” सुयश ने शैफाली से कहा- “मायावन में घुसते समय उस नीले फल वाले वृक्ष ने तुम्हें वह सारे फल क्यों दे दि ये थे?”

“वह सभी पेड़ मुझे पहचान गये थे।” शैफाली ने उत्तर दिया- “पेड़ों में बहुत सी ऐसी शक्तियां भी होती हैं, जिसे साधारण इंसान कभी जान ही नहीं पाता।”

“और वह मगरमच्छ मानव भी तुम्हें पहचान गया था क्या? जिसने जेनिथ पर आक्रमण किया था।” क्रिस्टी ने पूछा।

“जब मैंने जलोथा पुकारा, तब वह मुझे पहचान गया। मैंने ही उसे शक्तियां प्रदान कर वन के सुरक्षा के लिये झील में रखा था।” शैफाली ने कहा।

“और वह जमीन पर मिलने वाले पत्थर भविष्य कैसे बता लेते थे?” जेनिथ ने पूछा।

“मेरी माँ माया भविष्य देख लेती हैं, उन्होने ही मुझे वो सारे पत्थर दिये थे और कहा था कि इसे वन के किसी कोने में लगा देना, यह भविष्य में तुम लोगों का मार्गदर्शन करेगे।”

शैफाली ने माया को याद करते हुए कहा- “और मुझे अच्छा लगा कि वो आज भी मुझे देख रहीं हैं, तभी तो उन्होंने ऐलेक्स भैया को शक्तियां देकर मेरी स्मृति लाने नागलोक भेजा था।”

यह कहकर शैफाली ने हवा में अपनी माँ के नाम पर ‘फ्लांइग किस’ उछाल दिया।

“शक्तियों से याद आया। ऐलेक्स भैया क्या वह शक्तियां अभी भी आपके पास हैं?” शैफाली ने ऐलेक्स की ओर देखते हुए कहा।

“अभी तक तो हैं, पर जितना मैंने सुना, यह सभी शक्तियां तिलिस्मा में काम नहीं आने वालीं। वहां पर सिर्फ अपना दिमाग चलेगा।”

ऐलेक्स ने स्टाइल मारते हुए कहा- “और हां, मैं सबके मन की बातें भी सुन सकता हूं, इसलिये जरा ध्यान से मेरे बारे में सोचना।”

ऐलेक्स ने आखिरी के शब्द क्रिस्टी की ओर देखते हुए कहा।

“अच्छा तो बताओ कि मेरे मन में अभी क्या चल रहा है ऐलेक्स?” क्रिस्टी ने इठलाते हुए पूछा।

“तुम्हारे मन में चल रहा है कि..... कि....।” पर ऐलेक्स उन बातों को बोल नहीं पाया, क्यों कि क्रिस्टी उसे सबके सामने किस करने के बारे में सोच रही थी।

“क्या हुआ ऐलेक्स कि...कि....के बाद तुम्हारी ट्रेन पटरी से क्यों उतर गई?” क्रिस्टी ने पूरा मजा लेते हुए कहा।

ऐलेक्स ने क्रिस्टी को घूरकर देखा, पर कुछ कहा नहीं।

“चलो अब सभी लोग सो जाओ, रात काफी हो गई है।” सुयश ने सोने का ऐलान कर दिया।

सभी छोटे-छोटे ग्रुप बना कर आस-पास सो गये।

जो भी हो, आज का दिन वास्तव में खुशियों का दिन था, पर अगला दिन उनकी जिंदगी में क्या बदलाव करने वाला था? यह किसी को नहीं पता था? वह सभी तो बस आज को जी रहे थे।


जारी रहेगा_______✍️
Bhut hi badhiya update Bhai
Kristi ko uska alex vapis mil gaya hai aur shaifali ko bhi uski sari yaddasht vapis mil gayi hai
Aur vah ring ring of Atlantis hai
Dhekte hai ab aage kya hota hai
 

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तौफीक ने एक स्थान पर आग जला दी थी। सुयश सहित बाकी सभी उसी आग के चारो ओर गोला बना कर बैठे थे।

“पिछले कुछ दिनों से हमने इस जंगल की प्रत्येक मुसीबत को सफलता पूर्वक पार किया है।” सुयश ने कहा- “अब देखते हैं कि यह तिलिस्मा क्या बला है?”

“मैं तो यही सोचकर परेशान हूं कैप्टेन, कि स्पाइनोसोरस, टेरोसोर, ड्रैगन, रेत मानव, ज्वालामुखी, झरना सब तो देख लिया, फिर भला तिलिस्मा में इससे बढ़कर क्या परेशानियां हो सकती हैं?” क्रिस्टी ने कहा।

तभी एक अंजानी आवाज ने सभी को आश्चर्य में डाल दिया- “यह बात मैं बताता हूं।”

सभी की दृष्टि आवाज की दिशा में घूम गई। उन्हें एक पेड़ की ओर से चलकर आता हुआ युगाका दिखाई दिया।

“पहले तो देर से आने के लिये क्षमा चाहता हूं दोस्तो.....दरअसल मेरी बहन की शादी फाइनल हो गयी थी, इसलिये मेरे ऊपर काम का बोझ कुछ ज्यादा ही पड़ गया था।” युगाका ने कहा।

“अरे वाह! तुमने तो पहले बताया नहीं था कि तुम्हारी कोई बहन भी है?” जेनिथ ने कहा।

“मेरी बहन से आप पहले ही मिल चुकी हो, याद करिये उस तालाब के पास की घटना, जब आप को रात में दूसरी क्रिस्टी दिखाई दी थी, अरे वही तो मेरी बहन थी।”

“अच्छा तो आप की बहन भी रुप बदल लेती है।” जेनिथ ने युगाका को घूरते हुए कहा।

“हां, हम दोनों भाई-बहनों को रुप बदलना आता है।” युगाका ने कहा - “मगर उस समय हमें आप लोगों के बारे में पता थोड़े ही था।”

जेनिथ का फिलहाल युगाका से अब दुश्मनी करने का कोई मन नहीं था, इसलिये वह चुप रही।

"वैसे आज तो हर तरफ से खुशियों की ही खबर आ रही है।” शैफाली ने टॉपिक को चेन्ज करने के उद्देश्य से कहा।

“और किसने दी खुशियों की खबर?” युगाका ने हैरानी से शैफाली को देखते हुए कहा।

“आपकी देवी शलाका ने।” शैफाली ने मुस्कुराते हुए कहा।

“देवी शलाका!” शलाका का नाम सुन युगाका आश्चर्य से भर उठा- “क्या तुम लोगों ने उन्हें देखा?”

“देखा भी...और रिश्ता भी जोड़ लिया।” क्रिस्टी ने हंसते हुए कहा।

“कैसा रिश्ता?” युगाका के लिये हर एक समाचार किसी भूकंप से कम नहीं था।

आखिरकार सुयश से आज्ञा लेकर शैफाली ने युगाका को आर्यन और वेदालय की पूरी कहानी सुना दी।

पूरी कहानी सुनकर युगाका खुशी से भर उठा।

“लगता है अब सब कुछ अच्छा होने वाला है। एक-एक कर रहस्य के सारे पर्दे खुल रहे हैं।” युगाका ने कहा।

“अरे दोस्त, सारे पर्दे खुल गये हों तो मेरा एक छोटा सा दोस्त जो तुम्हारी वजह से पता नहीं कहां गायब हो गया, अब उसे भी ढूंढ दो।” क्रिस्टी ने मुंह बिचकाते हुए कहा- “देवी शलाका भी उसे नहीं ढूंढ पायी, पता नहीं पृथ्वी के कौन से कोने में चला गया?”

जिस भी कोने में था, बस हर पल तुम्हें ही याद कर रहा था।”

यह आवाज शत-प्रतिशत ऐलेक्स की थी।

यह आवाज सुनते ही क्रिस्टी की आँखों से खुशी के मारे आँसू निकलने लगे।

“ऐलेक्स....क्या यह तुम ही हो?.. ..और तुम दिखाई क्यों नहीं दे रहे?” क्रिस्टी ने पागलों के समान चारो ओर देखते हुए कहा।

तभी सबके सामने ऐलेक्स प्रकट हो गया।

ऐलेक्स को सुरक्षित देख क्रिस्टी भागकर ऐलेक्स के गले लग गई।

वह अब जोर-जोर से ऐलेक्स का चेहरा चूमने लगी- “माफ कर दो ऐलेक्स...अब कभी भी नहीं लड़ूंगी तुमसे, पर अब तुम मुझे छोड़कर कहीं नहीं जाना।”

क्रिस्टी अपने भावों को बिल्कुल कंट्रोल नहीं कर पा रही थी।...... इसलिये सभी अपनी बारी आने का इंतजार कर रहे थे।

युगाका भी ऐलेक्स को देखकर खुश हो गया क्यों कि अब उसके सिर पर लगा एक दाग हट गया था।

कुछ देर तक इसी हालत में रहने के बाद क्रिस्टी थोड़ा नार्मल हुई और ऐलेक्स से अलग हो गई।

अब शैफाली जाकर ऐलेक्स के गले लग गयी- “अच्छा हुआ आप मिल गये।”

तभी ऐलेक्स की नजर सामने बैठे युगाका की ओर गई, वह युगाका को देख भड़क उठा- “यह इंसान यहां क्या कर रहा है? इसी की वजह से तो मैं मुसीबत में फंस गया था।”

इससे पहले कि ऐलेक्स युगाका पर कोई प्रहार कर पाता, सुयश ने बीच में ही उसे रोक लिया और ऐलेक्स को युगाका की सारी कहानी सुना दी। तब जाकर ऐलेक्स कहीं शांत हुआ।

ऐलेक्स ने भी अपनी पूरी कहानी शुरु से अंत तक सभी को सुना दी।

ऐलेक्स की पूरी कहानी सुन सभी हैरानी से एक-दूसरे का मुंह देख रहे थे। सबसे ज्यादा झटका शैफाली को लगा था।

“तो स्थेनो कहां है?” शैफाली ने ऐलेक्स से पूछा।

“वह अदृश्य रुप में यहीं पर हैं, पर वह प्रकट नहीं हो सकतीं, क्यों कि मेरे और शैफाली के सिवा अगर किसी ने उनकी आँखों में देख लिया, तो वह पत्थर का बन जायेगा।”

ऐलेक्स के बताने पर शैफाली चलकर स्थेनो के पास पहुंच गई और बोली- “मुझे समझ नहीं आ रहा कि मैं आपको क्या कहूं? पर मैं आपके गले लगना चाहती हूं।”

स्थेनो ने शैफाली को गले से लगाते हुए कहा- “अभी जिंदगी बहुत बड़ी है, हमारी बातें तो होतीं ही रहेंगी, पर पहले तुम्हारी स्मृतियों का वापस लाना बहुत जरुरी है।”

यह कहकर स्थेनो ने ऐलेक्स को बोतल खोलने का इशारा किया।

ऐलेक्स ने एक झटके से बोतल के मुंह पर लगा ढक्कन हटा दिया।

ढक्कन के हटाते ही आसमान में एक जोर की बिजली कड़की और बोतल का सारा धुंआ निकलकर शैफाली के सिर पर नाचने लगा।

अब वह धुंआ धीरे-धीरे शैफाली के दिमाग में प्रवेश करता जा रहा था और इसी के साथ शैफाली के चेहरे के भाव भी बदलते जा रहे थे।

शैफाली के चेहरे के भाव को देखकर साफ लग रहा था कि उसे इस समय एक पीड़ादायक अहसास से गुजरना पड़ रहा है।

कुछ देर में पूरा का पूरा धुंआ शैफाली के दिमाग में समा गया और शैफाली जमीन पर बेहोश होकर गिर पड़ी।

क्रिस्टी ने तुरंत शैफाली के मुंह पर पानी का छिड़काव किया तो शैफाली को होश आ गया।

उसने सबसे पहले एक बार पास में खड़े सभी लोगों को ध्यान से देखा और फिर मुस्कुरा दी। उसकी मुस्कुराहट इस बात का सबूत थी कि अब वह बिल्कुल ठीक है।

शैफाली की स्मृतियां आ जाने के बाद भी वह शैफाली के जैसे ही व्यवहार कर रही थी, और यही बात सभी को भा गयी थी।

कुछ देर तक बात करने के बाद स्थेनो वहां से चली गयी।

“शैफाली, आपका पंचशूल अब किसी और को प्राप्त हो गया है।” युगाका ने कहा।

“कोई बात नहीं, अब तो कुछ दिनों के बाद काला मोती मेरे पास होगा, फिर मुझे पंचशूल की कोई आवश्यकता नहीं रहेगी और हां कैप्टेन अंकल उस खरगोश की मदद के लिये धन्यवाद, क्यों कि उसने आपको वही ‘अटलांटिस की रिंग’ दी है, जिसे पहनकर मेरी माँ ने अटलांटिस का निर्माण किया था।

"इस अंगूठी की तलाश में हजारों लोगों ने अपनी जान गंवा दी, पर किसी को इस अंगूठी के बारे में पता नहीं चला। चूंकि यह अंगूठी कोई देवकन्या ही पहन सकती थी, इसलिये यह आपकी उंगली में फिट नहीं हो पा रही थी और...और वह ज्वालामुखी में मिला ड्रैगन का सोने का सिर मेरे पिता का था, जिसे मैंने ही मैग्ना के रुप में वहां छिपाया था।” शैफाली ने कहा।

“एक बात पूंछू शैफाली।” क्रिस्टी ने कहा- “अब अगर तुम्हें सबकुछ याद आ ही गया है, तो तुम कैस्पर से कह के बिना तिलिस्मा को तोड़े ही काला मोती क्यों नहीं प्राप्त कर लेती? एक झटके से सारी समस्या ही
खत्म हो जायेगी।”

“ऐसा अब सम्भव नहीं है, कैस्पर ने पूरे तिलिस्मा का कंट्रोल एक स्वयं की बनाई हुई मशीन को दे दिया है। अब कैस्पर तिलिस्मा के कंट्रोल रुम में बैठकर सबकुछ देख तो सकता है, पर मेरी कोई मदद नहीं कर सकता और मुझे लग रहा है कि वह इस समय, मुझसे 5000 किलोमीटर से भी ज्यादा दूर है, इसलिये उसे मेरे आने का पता भी नहीं चला है। अगर वह कहीं भी पास में होता, तो तिलिस्मा में प्रवेश करने से पहले मुझसे मिलने जरुर आता।” शैफाली ने कहा।

“अच्छा अब मुझे भी जाने की आज्ञा दीजिये, अब आप लोगों से तिलिस्मा के टूटने के बाद ही मुलाकात होगी।” युगाका ने कहा।

सुयश ने सिर हिलाकर युगाका को भी जाने का इशारा कर दिया।

सुयश का इशारा पाकर युगाका भी वहां से चला गया, पर अब युगाका को पूरा विश्वास हो गया था कि तिलिस्मा अब टूटने ही वाला है और यह सारी बातें वह जल्द से जल्द कलाट को बताना चाहता था।

युगाका के जाने के बाद सभी फिर से बातें करने लगे।

“अच्छा एक बात बताओ शैफाली।” सुयश ने शैफाली से कहा- “मायावन में घुसते समय उस नीले फल वाले वृक्ष ने तुम्हें वह सारे फल क्यों दे दि ये थे?”

“वह सभी पेड़ मुझे पहचान गये थे।” शैफाली ने उत्तर दिया- “पेड़ों में बहुत सी ऐसी शक्तियां भी होती हैं, जिसे साधारण इंसान कभी जान ही नहीं पाता।”

“और वह मगरमच्छ मानव भी तुम्हें पहचान गया था क्या? जिसने जेनिथ पर आक्रमण किया था।” क्रिस्टी ने पूछा।

“जब मैंने जलोथा पुकारा, तब वह मुझे पहचान गया। मैंने ही उसे शक्तियां प्रदान कर वन के सुरक्षा के लिये झील में रखा था।” शैफाली ने कहा।

“और वह जमीन पर मिलने वाले पत्थर भविष्य कैसे बता लेते थे?” जेनिथ ने पूछा।

“मेरी माँ माया भविष्य देख लेती हैं, उन्होने ही मुझे वो सारे पत्थर दिये थे और कहा था कि इसे वन के किसी कोने में लगा देना, यह भविष्य में तुम लोगों का मार्गदर्शन करेगे।”

शैफाली ने माया को याद करते हुए कहा- “और मुझे अच्छा लगा कि वो आज भी मुझे देख रहीं हैं, तभी तो उन्होंने ऐलेक्स भैया को शक्तियां देकर मेरी स्मृति लाने नागलोक भेजा था।”

यह कहकर शैफाली ने हवा में अपनी माँ के नाम पर ‘फ्लांइग किस’ उछाल दिया।

“शक्तियों से याद आया। ऐलेक्स भैया क्या वह शक्तियां अभी भी आपके पास हैं?” शैफाली ने ऐलेक्स की ओर देखते हुए कहा।

“अभी तक तो हैं, पर जितना मैंने सुना, यह सभी शक्तियां तिलिस्मा में काम नहीं आने वालीं। वहां पर सिर्फ अपना दिमाग चलेगा।”

ऐलेक्स ने स्टाइल मारते हुए कहा- “और हां, मैं सबके मन की बातें भी सुन सकता हूं, इसलिये जरा ध्यान से मेरे बारे में सोचना।”

ऐलेक्स ने आखिरी के शब्द क्रिस्टी की ओर देखते हुए कहा।

“अच्छा तो बताओ कि मेरे मन में अभी क्या चल रहा है ऐलेक्स?” क्रिस्टी ने इठलाते हुए पूछा।

“तुम्हारे मन में चल रहा है कि..... कि....।” पर ऐलेक्स उन बातों को बोल नहीं पाया, क्यों कि क्रिस्टी उसे सबके सामने किस करने के बारे में सोच रही थी।

“क्या हुआ ऐलेक्स कि...कि....के बाद तुम्हारी ट्रेन पटरी से क्यों उतर गई?” क्रिस्टी ने पूरा मजा लेते हुए कहा।

ऐलेक्स ने क्रिस्टी को घूरकर देखा, पर कुछ कहा नहीं।

“चलो अब सभी लोग सो जाओ, रात काफी हो गई है।” सुयश ने सोने का ऐलान कर दिया।

सभी छोटे-छोटे ग्रुप बना कर आस-पास सो गये।

जो भी हो, आज का दिन वास्तव में खुशियों का दिन था, पर अगला दिन उनकी जिंदगी में क्या बदलाव करने वाला था? यह किसी को नहीं पता था? वह सभी तो बस आज को जी रहे थे।


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तौफीक ने एक स्थान पर आग जला दी थी। सुयश सहित बाकी सभी उसी आग के चारो ओर गोला बना कर बैठे थे।

“पिछले कुछ दिनों से हमने इस जंगल की प्रत्येक मुसीबत को सफलता पूर्वक पार किया है।” सुयश ने कहा- “अब देखते हैं कि यह तिलिस्मा क्या बला है?”

“मैं तो यही सोचकर परेशान हूं कैप्टेन, कि स्पाइनोसोरस, टेरोसोर, ड्रैगन, रेत मानव, ज्वालामुखी, झरना सब तो देख लिया, फिर भला तिलिस्मा में इससे बढ़कर क्या परेशानियां हो सकती हैं?” क्रिस्टी ने कहा।

तभी एक अंजानी आवाज ने सभी को आश्चर्य में डाल दिया- “यह बात मैं बताता हूं।”

सभी की दृष्टि आवाज की दिशा में घूम गई। उन्हें एक पेड़ की ओर से चलकर आता हुआ युगाका दिखाई दिया।

“पहले तो देर से आने के लिये क्षमा चाहता हूं दोस्तो.....दरअसल मेरी बहन की शादी फाइनल हो गयी थी, इसलिये मेरे ऊपर काम का बोझ कुछ ज्यादा ही पड़ गया था।” युगाका ने कहा।

“अरे वाह! तुमने तो पहले बताया नहीं था कि तुम्हारी कोई बहन भी है?” जेनिथ ने कहा।

“मेरी बहन से आप पहले ही मिल चुकी हो, याद करिये उस तालाब के पास की घटना, जब आप को रात में दूसरी क्रिस्टी दिखाई दी थी, अरे वही तो मेरी बहन थी।”

“अच्छा तो आप की बहन भी रुप बदल लेती है।” जेनिथ ने युगाका को घूरते हुए कहा।

“हां, हम दोनों भाई-बहनों को रुप बदलना आता है।” युगाका ने कहा - “मगर उस समय हमें आप लोगों के बारे में पता थोड़े ही था।”

जेनिथ का फिलहाल युगाका से अब दुश्मनी करने का कोई मन नहीं था, इसलिये वह चुप रही।

"वैसे आज तो हर तरफ से खुशियों की ही खबर आ रही है।” शैफाली ने टॉपिक को चेन्ज करने के उद्देश्य से कहा।

“और किसने दी खुशियों की खबर?” युगाका ने हैरानी से शैफाली को देखते हुए कहा।

“आपकी देवी शलाका ने।” शैफाली ने मुस्कुराते हुए कहा।

“देवी शलाका!” शलाका का नाम सुन युगाका आश्चर्य से भर उठा- “क्या तुम लोगों ने उन्हें देखा?”

“देखा भी...और रिश्ता भी जोड़ लिया।” क्रिस्टी ने हंसते हुए कहा।

“कैसा रिश्ता?” युगाका के लिये हर एक समाचार किसी भूकंप से कम नहीं था।

आखिरकार सुयश से आज्ञा लेकर शैफाली ने युगाका को आर्यन और वेदालय की पूरी कहानी सुना दी।

पूरी कहानी सुनकर युगाका खुशी से भर उठा।

“लगता है अब सब कुछ अच्छा होने वाला है। एक-एक कर रहस्य के सारे पर्दे खुल रहे हैं।” युगाका ने कहा।

“अरे दोस्त, सारे पर्दे खुल गये हों तो मेरा एक छोटा सा दोस्त जो तुम्हारी वजह से पता नहीं कहां गायब हो गया, अब उसे भी ढूंढ दो।” क्रिस्टी ने मुंह बिचकाते हुए कहा- “देवी शलाका भी उसे नहीं ढूंढ पायी, पता नहीं पृथ्वी के कौन से कोने में चला गया?”

जिस भी कोने में था, बस हर पल तुम्हें ही याद कर रहा था।”

यह आवाज शत-प्रतिशत ऐलेक्स की थी।

यह आवाज सुनते ही क्रिस्टी की आँखों से खुशी के मारे आँसू निकलने लगे।

“ऐलेक्स....क्या यह तुम ही हो?.. ..और तुम दिखाई क्यों नहीं दे रहे?” क्रिस्टी ने पागलों के समान चारो ओर देखते हुए कहा।

तभी सबके सामने ऐलेक्स प्रकट हो गया।

ऐलेक्स को सुरक्षित देख क्रिस्टी भागकर ऐलेक्स के गले लग गई।

वह अब जोर-जोर से ऐलेक्स का चेहरा चूमने लगी- “माफ कर दो ऐलेक्स...अब कभी भी नहीं लड़ूंगी तुमसे, पर अब तुम मुझे छोड़कर कहीं नहीं जाना।”

क्रिस्टी अपने भावों को बिल्कुल कंट्रोल नहीं कर पा रही थी।...... इसलिये सभी अपनी बारी आने का इंतजार कर रहे थे।

युगाका भी ऐलेक्स को देखकर खुश हो गया क्यों कि अब उसके सिर पर लगा एक दाग हट गया था।

कुछ देर तक इसी हालत में रहने के बाद क्रिस्टी थोड़ा नार्मल हुई और ऐलेक्स से अलग हो गई।

अब शैफाली जाकर ऐलेक्स के गले लग गयी- “अच्छा हुआ आप मिल गये।”

तभी ऐलेक्स की नजर सामने बैठे युगाका की ओर गई, वह युगाका को देख भड़क उठा- “यह इंसान यहां क्या कर रहा है? इसी की वजह से तो मैं मुसीबत में फंस गया था।”

इससे पहले कि ऐलेक्स युगाका पर कोई प्रहार कर पाता, सुयश ने बीच में ही उसे रोक लिया और ऐलेक्स को युगाका की सारी कहानी सुना दी। तब जाकर ऐलेक्स कहीं शांत हुआ।

ऐलेक्स ने भी अपनी पूरी कहानी शुरु से अंत तक सभी को सुना दी।

ऐलेक्स की पूरी कहानी सुन सभी हैरानी से एक-दूसरे का मुंह देख रहे थे। सबसे ज्यादा झटका शैफाली को लगा था।

“तो स्थेनो कहां है?” शैफाली ने ऐलेक्स से पूछा।

“वह अदृश्य रुप में यहीं पर हैं, पर वह प्रकट नहीं हो सकतीं, क्यों कि मेरे और शैफाली के सिवा अगर किसी ने उनकी आँखों में देख लिया, तो वह पत्थर का बन जायेगा।”

ऐलेक्स के बताने पर शैफाली चलकर स्थेनो के पास पहुंच गई और बोली- “मुझे समझ नहीं आ रहा कि मैं आपको क्या कहूं? पर मैं आपके गले लगना चाहती हूं।”

स्थेनो ने शैफाली को गले से लगाते हुए कहा- “अभी जिंदगी बहुत बड़ी है, हमारी बातें तो होतीं ही रहेंगी, पर पहले तुम्हारी स्मृतियों का वापस लाना बहुत जरुरी है।”

यह कहकर स्थेनो ने ऐलेक्स को बोतल खोलने का इशारा किया।

ऐलेक्स ने एक झटके से बोतल के मुंह पर लगा ढक्कन हटा दिया।

ढक्कन के हटाते ही आसमान में एक जोर की बिजली कड़की और बोतल का सारा धुंआ निकलकर शैफाली के सिर पर नाचने लगा।

अब वह धुंआ धीरे-धीरे शैफाली के दिमाग में प्रवेश करता जा रहा था और इसी के साथ शैफाली के चेहरे के भाव भी बदलते जा रहे थे।

शैफाली के चेहरे के भाव को देखकर साफ लग रहा था कि उसे इस समय एक पीड़ादायक अहसास से गुजरना पड़ रहा है।

कुछ देर में पूरा का पूरा धुंआ शैफाली के दिमाग में समा गया और शैफाली जमीन पर बेहोश होकर गिर पड़ी।

क्रिस्टी ने तुरंत शैफाली के मुंह पर पानी का छिड़काव किया तो शैफाली को होश आ गया।

उसने सबसे पहले एक बार पास में खड़े सभी लोगों को ध्यान से देखा और फिर मुस्कुरा दी। उसकी मुस्कुराहट इस बात का सबूत थी कि अब वह बिल्कुल ठीक है।

शैफाली की स्मृतियां आ जाने के बाद भी वह शैफाली के जैसे ही व्यवहार कर रही थी, और यही बात सभी को भा गयी थी।

कुछ देर तक बात करने के बाद स्थेनो वहां से चली गयी।

“शैफाली, आपका पंचशूल अब किसी और को प्राप्त हो गया है।” युगाका ने कहा।

“कोई बात नहीं, अब तो कुछ दिनों के बाद काला मोती मेरे पास होगा, फिर मुझे पंचशूल की कोई आवश्यकता नहीं रहेगी और हां कैप्टेन अंकल उस खरगोश की मदद के लिये धन्यवाद, क्यों कि उसने आपको वही ‘अटलांटिस की रिंग’ दी है, जिसे पहनकर मेरी माँ ने अटलांटिस का निर्माण किया था।

"इस अंगूठी की तलाश में हजारों लोगों ने अपनी जान गंवा दी, पर किसी को इस अंगूठी के बारे में पता नहीं चला। चूंकि यह अंगूठी कोई देवकन्या ही पहन सकती थी, इसलिये यह आपकी उंगली में फिट नहीं हो पा रही थी और...और वह ज्वालामुखी में मिला ड्रैगन का सोने का सिर मेरे पिता का था, जिसे मैंने ही मैग्ना के रुप में वहां छिपाया था।” शैफाली ने कहा।

“एक बात पूंछू शैफाली।” क्रिस्टी ने कहा- “अब अगर तुम्हें सबकुछ याद आ ही गया है, तो तुम कैस्पर से कह के बिना तिलिस्मा को तोड़े ही काला मोती क्यों नहीं प्राप्त कर लेती? एक झटके से सारी समस्या ही
खत्म हो जायेगी।”

“ऐसा अब सम्भव नहीं है, कैस्पर ने पूरे तिलिस्मा का कंट्रोल एक स्वयं की बनाई हुई मशीन को दे दिया है। अब कैस्पर तिलिस्मा के कंट्रोल रुम में बैठकर सबकुछ देख तो सकता है, पर मेरी कोई मदद नहीं कर सकता और मुझे लग रहा है कि वह इस समय, मुझसे 5000 किलोमीटर से भी ज्यादा दूर है, इसलिये उसे मेरे आने का पता भी नहीं चला है। अगर वह कहीं भी पास में होता, तो तिलिस्मा में प्रवेश करने से पहले मुझसे मिलने जरुर आता।” शैफाली ने कहा।

“अच्छा अब मुझे भी जाने की आज्ञा दीजिये, अब आप लोगों से तिलिस्मा के टूटने के बाद ही मुलाकात होगी।” युगाका ने कहा।

सुयश ने सिर हिलाकर युगाका को भी जाने का इशारा कर दिया।

सुयश का इशारा पाकर युगाका भी वहां से चला गया, पर अब युगाका को पूरा विश्वास हो गया था कि तिलिस्मा अब टूटने ही वाला है और यह सारी बातें वह जल्द से जल्द कलाट को बताना चाहता था।

युगाका के जाने के बाद सभी फिर से बातें करने लगे।

“अच्छा एक बात बताओ शैफाली।” सुयश ने शैफाली से कहा- “मायावन में घुसते समय उस नीले फल वाले वृक्ष ने तुम्हें वह सारे फल क्यों दे दि ये थे?”

“वह सभी पेड़ मुझे पहचान गये थे।” शैफाली ने उत्तर दिया- “पेड़ों में बहुत सी ऐसी शक्तियां भी होती हैं, जिसे साधारण इंसान कभी जान ही नहीं पाता।”

“और वह मगरमच्छ मानव भी तुम्हें पहचान गया था क्या? जिसने जेनिथ पर आक्रमण किया था।” क्रिस्टी ने पूछा।

“जब मैंने जलोथा पुकारा, तब वह मुझे पहचान गया। मैंने ही उसे शक्तियां प्रदान कर वन के सुरक्षा के लिये झील में रखा था।” शैफाली ने कहा।

“और वह जमीन पर मिलने वाले पत्थर भविष्य कैसे बता लेते थे?” जेनिथ ने पूछा।

“मेरी माँ माया भविष्य देख लेती हैं, उन्होने ही मुझे वो सारे पत्थर दिये थे और कहा था कि इसे वन के किसी कोने में लगा देना, यह भविष्य में तुम लोगों का मार्गदर्शन करेगे।”

शैफाली ने माया को याद करते हुए कहा- “और मुझे अच्छा लगा कि वो आज भी मुझे देख रहीं हैं, तभी तो उन्होंने ऐलेक्स भैया को शक्तियां देकर मेरी स्मृति लाने नागलोक भेजा था।”

यह कहकर शैफाली ने हवा में अपनी माँ के नाम पर ‘फ्लांइग किस’ उछाल दिया।

“शक्तियों से याद आया। ऐलेक्स भैया क्या वह शक्तियां अभी भी आपके पास हैं?” शैफाली ने ऐलेक्स की ओर देखते हुए कहा।

“अभी तक तो हैं, पर जितना मैंने सुना, यह सभी शक्तियां तिलिस्मा में काम नहीं आने वालीं। वहां पर सिर्फ अपना दिमाग चलेगा।”

ऐलेक्स ने स्टाइल मारते हुए कहा- “और हां, मैं सबके मन की बातें भी सुन सकता हूं, इसलिये जरा ध्यान से मेरे बारे में सोचना।”

ऐलेक्स ने आखिरी के शब्द क्रिस्टी की ओर देखते हुए कहा।

“अच्छा तो बताओ कि मेरे मन में अभी क्या चल रहा है ऐलेक्स?” क्रिस्टी ने इठलाते हुए पूछा।

“तुम्हारे मन में चल रहा है कि..... कि....।” पर ऐलेक्स उन बातों को बोल नहीं पाया, क्यों कि क्रिस्टी उसे सबके सामने किस करने के बारे में सोच रही थी।

“क्या हुआ ऐलेक्स कि...कि....के बाद तुम्हारी ट्रेन पटरी से क्यों उतर गई?” क्रिस्टी ने पूरा मजा लेते हुए कहा।

ऐलेक्स ने क्रिस्टी को घूरकर देखा, पर कुछ कहा नहीं।

“चलो अब सभी लोग सो जाओ, रात काफी हो गई है।” सुयश ने सोने का ऐलान कर दिया।

सभी छोटे-छोटे ग्रुप बना कर आस-पास सो गये।

जो भी हो, आज का दिन वास्तव में खुशियों का दिन था, पर अगला दिन उनकी जिंदगी में क्या बदलाव करने वाला था? यह किसी को नहीं पता था? वह सभी तो बस आज को जी रहे थे।


जारी रहेगा_______✍️
Nice update....
 
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Ajju Landwalia

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#139.

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पुनर्जन्म रहस्य:
(14 जनवरी 2002, सोमवार, 18:30, मायावन, अराका द्वीप)

तौफीक ने एक स्थान पर आग जला दी थी। सुयश सहित बाकी सभी उसी आग के चारो ओर गोला बना कर बैठे थे।

“पिछले कुछ दिनों से हमने इस जंगल की प्रत्येक मुसीबत को सफलता पूर्वक पार किया है।” सुयश ने कहा- “अब देखते हैं कि यह तिलिस्मा क्या बला है?”

“मैं तो यही सोचकर परेशान हूं कैप्टेन, कि स्पाइनोसोरस, टेरोसोर, ड्रैगन, रेत मानव, ज्वालामुखी, झरना सब तो देख लिया, फिर भला तिलिस्मा में इससे बढ़कर क्या परेशानियां हो सकती हैं?” क्रिस्टी ने कहा।

तभी एक अंजानी आवाज ने सभी को आश्चर्य में डाल दिया- “यह बात मैं बताता हूं।”

सभी की दृष्टि आवाज की दिशा में घूम गई। उन्हें एक पेड़ की ओर से चलकर आता हुआ युगाका दिखाई दिया।

“पहले तो देर से आने के लिये क्षमा चाहता हूं दोस्तो.....दरअसल मेरी बहन की शादी फाइनल हो गयी थी, इसलिये मेरे ऊपर काम का बोझ कुछ ज्यादा ही पड़ गया था।” युगाका ने कहा।

“अरे वाह! तुमने तो पहले बताया नहीं था कि तुम्हारी कोई बहन भी है?” जेनिथ ने कहा।

“मेरी बहन से आप पहले ही मिल चुकी हो, याद करिये उस तालाब के पास की घटना, जब आप को रात में दूसरी क्रिस्टी दिखाई दी थी, अरे वही तो मेरी बहन थी।”

“अच्छा तो आप की बहन भी रुप बदल लेती है।” जेनिथ ने युगाका को घूरते हुए कहा।

“हां, हम दोनों भाई-बहनों को रुप बदलना आता है।” युगाका ने कहा - “मगर उस समय हमें आप लोगों के बारे में पता थोड़े ही था।”

जेनिथ का फिलहाल युगाका से अब दुश्मनी करने का कोई मन नहीं था, इसलिये वह चुप रही।

"वैसे आज तो हर तरफ से खुशियों की ही खबर आ रही है।” शैफाली ने टॉपिक को चेन्ज करने के उद्देश्य से कहा।

“और किसने दी खुशियों की खबर?” युगाका ने हैरानी से शैफाली को देखते हुए कहा।

“आपकी देवी शलाका ने।” शैफाली ने मुस्कुराते हुए कहा।

“देवी शलाका!” शलाका का नाम सुन युगाका आश्चर्य से भर उठा- “क्या तुम लोगों ने उन्हें देखा?”

“देखा भी...और रिश्ता भी जोड़ लिया।” क्रिस्टी ने हंसते हुए कहा।

“कैसा रिश्ता?” युगाका के लिये हर एक समाचार किसी भूकंप से कम नहीं था।

आखिरकार सुयश से आज्ञा लेकर शैफाली ने युगाका को आर्यन और वेदालय की पूरी कहानी सुना दी।

पूरी कहानी सुनकर युगाका खुशी से भर उठा।

“लगता है अब सब कुछ अच्छा होने वाला है। एक-एक कर रहस्य के सारे पर्दे खुल रहे हैं।” युगाका ने कहा।

“अरे दोस्त, सारे पर्दे खुल गये हों तो मेरा एक छोटा सा दोस्त जो तुम्हारी वजह से पता नहीं कहां गायब हो गया, अब उसे भी ढूंढ दो।” क्रिस्टी ने मुंह बिचकाते हुए कहा- “देवी शलाका भी उसे नहीं ढूंढ पायी, पता नहीं पृथ्वी के कौन से कोने में चला गया?”

जिस भी कोने में था, बस हर पल तुम्हें ही याद कर रहा था।”

यह आवाज शत-प्रतिशत ऐलेक्स की थी।

यह आवाज सुनते ही क्रिस्टी की आँखों से खुशी के मारे आँसू निकलने लगे।

“ऐलेक्स....क्या यह तुम ही हो?.. ..और तुम दिखाई क्यों नहीं दे रहे?” क्रिस्टी ने पागलों के समान चारो ओर देखते हुए कहा।

तभी सबके सामने ऐलेक्स प्रकट हो गया।

ऐलेक्स को सुरक्षित देख क्रिस्टी भागकर ऐलेक्स के गले लग गई।

वह अब जोर-जोर से ऐलेक्स का चेहरा चूमने लगी- “माफ कर दो ऐलेक्स...अब कभी भी नहीं लड़ूंगी तुमसे, पर अब तुम मुझे छोड़कर कहीं नहीं जाना।”

क्रिस्टी अपने भावों को बिल्कुल कंट्रोल नहीं कर पा रही थी।...... इसलिये सभी अपनी बारी आने का इंतजार कर रहे थे।

युगाका भी ऐलेक्स को देखकर खुश हो गया क्यों कि अब उसके सिर पर लगा एक दाग हट गया था।

कुछ देर तक इसी हालत में रहने के बाद क्रिस्टी थोड़ा नार्मल हुई और ऐलेक्स से अलग हो गई।

अब शैफाली जाकर ऐलेक्स के गले लग गयी- “अच्छा हुआ आप मिल गये।”

तभी ऐलेक्स की नजर सामने बैठे युगाका की ओर गई, वह युगाका को देख भड़क उठा- “यह इंसान यहां क्या कर रहा है? इसी की वजह से तो मैं मुसीबत में फंस गया था।”

इससे पहले कि ऐलेक्स युगाका पर कोई प्रहार कर पाता, सुयश ने बीच में ही उसे रोक लिया और ऐलेक्स को युगाका की सारी कहानी सुना दी। तब जाकर ऐलेक्स कहीं शांत हुआ।

ऐलेक्स ने भी अपनी पूरी कहानी शुरु से अंत तक सभी को सुना दी।

ऐलेक्स की पूरी कहानी सुन सभी हैरानी से एक-दूसरे का मुंह देख रहे थे। सबसे ज्यादा झटका शैफाली को लगा था।

“तो स्थेनो कहां है?” शैफाली ने ऐलेक्स से पूछा।

“वह अदृश्य रुप में यहीं पर हैं, पर वह प्रकट नहीं हो सकतीं, क्यों कि मेरे और शैफाली के सिवा अगर किसी ने उनकी आँखों में देख लिया, तो वह पत्थर का बन जायेगा।”

ऐलेक्स के बताने पर शैफाली चलकर स्थेनो के पास पहुंच गई और बोली- “मुझे समझ नहीं आ रहा कि मैं आपको क्या कहूं? पर मैं आपके गले लगना चाहती हूं।”

स्थेनो ने शैफाली को गले से लगाते हुए कहा- “अभी जिंदगी बहुत बड़ी है, हमारी बातें तो होतीं ही रहेंगी, पर पहले तुम्हारी स्मृतियों का वापस लाना बहुत जरुरी है।”

यह कहकर स्थेनो ने ऐलेक्स को बोतल खोलने का इशारा किया।

ऐलेक्स ने एक झटके से बोतल के मुंह पर लगा ढक्कन हटा दिया।

ढक्कन के हटाते ही आसमान में एक जोर की बिजली कड़की और बोतल का सारा धुंआ निकलकर शैफाली के सिर पर नाचने लगा।

अब वह धुंआ धीरे-धीरे शैफाली के दिमाग में प्रवेश करता जा रहा था और इसी के साथ शैफाली के चेहरे के भाव भी बदलते जा रहे थे।

शैफाली के चेहरे के भाव को देखकर साफ लग रहा था कि उसे इस समय एक पीड़ादायक अहसास से गुजरना पड़ रहा है।

कुछ देर में पूरा का पूरा धुंआ शैफाली के दिमाग में समा गया और शैफाली जमीन पर बेहोश होकर गिर पड़ी।

क्रिस्टी ने तुरंत शैफाली के मुंह पर पानी का छिड़काव किया तो शैफाली को होश आ गया।

उसने सबसे पहले एक बार पास में खड़े सभी लोगों को ध्यान से देखा और फिर मुस्कुरा दी। उसकी मुस्कुराहट इस बात का सबूत थी कि अब वह बिल्कुल ठीक है।

शैफाली की स्मृतियां आ जाने के बाद भी वह शैफाली के जैसे ही व्यवहार कर रही थी, और यही बात सभी को भा गयी थी।

कुछ देर तक बात करने के बाद स्थेनो वहां से चली गयी।

“शैफाली, आपका पंचशूल अब किसी और को प्राप्त हो गया है।” युगाका ने कहा।

“कोई बात नहीं, अब तो कुछ दिनों के बाद काला मोती मेरे पास होगा, फिर मुझे पंचशूल की कोई आवश्यकता नहीं रहेगी और हां कैप्टेन अंकल उस खरगोश की मदद के लिये धन्यवाद, क्यों कि उसने आपको वही ‘अटलांटिस की रिंग’ दी है, जिसे पहनकर मेरी माँ ने अटलांटिस का निर्माण किया था।

"इस अंगूठी की तलाश में हजारों लोगों ने अपनी जान गंवा दी, पर किसी को इस अंगूठी के बारे में पता नहीं चला। चूंकि यह अंगूठी कोई देवकन्या ही पहन सकती थी, इसलिये यह आपकी उंगली में फिट नहीं हो पा रही थी और...और वह ज्वालामुखी में मिला ड्रैगन का सोने का सिर मेरे पिता का था, जिसे मैंने ही मैग्ना के रुप में वहां छिपाया था।” शैफाली ने कहा।

“एक बात पूंछू शैफाली।” क्रिस्टी ने कहा- “अब अगर तुम्हें सबकुछ याद आ ही गया है, तो तुम कैस्पर से कह के बिना तिलिस्मा को तोड़े ही काला मोती क्यों नहीं प्राप्त कर लेती? एक झटके से सारी समस्या ही
खत्म हो जायेगी।”

“ऐसा अब सम्भव नहीं है, कैस्पर ने पूरे तिलिस्मा का कंट्रोल एक स्वयं की बनाई हुई मशीन को दे दिया है। अब कैस्पर तिलिस्मा के कंट्रोल रुम में बैठकर सबकुछ देख तो सकता है, पर मेरी कोई मदद नहीं कर सकता और मुझे लग रहा है कि वह इस समय, मुझसे 5000 किलोमीटर से भी ज्यादा दूर है, इसलिये उसे मेरे आने का पता भी नहीं चला है। अगर वह कहीं भी पास में होता, तो तिलिस्मा में प्रवेश करने से पहले मुझसे मिलने जरुर आता।” शैफाली ने कहा।

“अच्छा अब मुझे भी जाने की आज्ञा दीजिये, अब आप लोगों से तिलिस्मा के टूटने के बाद ही मुलाकात होगी।” युगाका ने कहा।

सुयश ने सिर हिलाकर युगाका को भी जाने का इशारा कर दिया।

सुयश का इशारा पाकर युगाका भी वहां से चला गया, पर अब युगाका को पूरा विश्वास हो गया था कि तिलिस्मा अब टूटने ही वाला है और यह सारी बातें वह जल्द से जल्द कलाट को बताना चाहता था।

युगाका के जाने के बाद सभी फिर से बातें करने लगे।

“अच्छा एक बात बताओ शैफाली।” सुयश ने शैफाली से कहा- “मायावन में घुसते समय उस नीले फल वाले वृक्ष ने तुम्हें वह सारे फल क्यों दे दि ये थे?”

“वह सभी पेड़ मुझे पहचान गये थे।” शैफाली ने उत्तर दिया- “पेड़ों में बहुत सी ऐसी शक्तियां भी होती हैं, जिसे साधारण इंसान कभी जान ही नहीं पाता।”

“और वह मगरमच्छ मानव भी तुम्हें पहचान गया था क्या? जिसने जेनिथ पर आक्रमण किया था।” क्रिस्टी ने पूछा।

“जब मैंने जलोथा पुकारा, तब वह मुझे पहचान गया। मैंने ही उसे शक्तियां प्रदान कर वन के सुरक्षा के लिये झील में रखा था।” शैफाली ने कहा।

“और वह जमीन पर मिलने वाले पत्थर भविष्य कैसे बता लेते थे?” जेनिथ ने पूछा।

“मेरी माँ माया भविष्य देख लेती हैं, उन्होने ही मुझे वो सारे पत्थर दिये थे और कहा था कि इसे वन के किसी कोने में लगा देना, यह भविष्य में तुम लोगों का मार्गदर्शन करेगे।”

शैफाली ने माया को याद करते हुए कहा- “और मुझे अच्छा लगा कि वो आज भी मुझे देख रहीं हैं, तभी तो उन्होंने ऐलेक्स भैया को शक्तियां देकर मेरी स्मृति लाने नागलोक भेजा था।”

यह कहकर शैफाली ने हवा में अपनी माँ के नाम पर ‘फ्लांइग किस’ उछाल दिया।

“शक्तियों से याद आया। ऐलेक्स भैया क्या वह शक्तियां अभी भी आपके पास हैं?” शैफाली ने ऐलेक्स की ओर देखते हुए कहा।

“अभी तक तो हैं, पर जितना मैंने सुना, यह सभी शक्तियां तिलिस्मा में काम नहीं आने वालीं। वहां पर सिर्फ अपना दिमाग चलेगा।”

ऐलेक्स ने स्टाइल मारते हुए कहा- “और हां, मैं सबके मन की बातें भी सुन सकता हूं, इसलिये जरा ध्यान से मेरे बारे में सोचना।”

ऐलेक्स ने आखिरी के शब्द क्रिस्टी की ओर देखते हुए कहा।

“अच्छा तो बताओ कि मेरे मन में अभी क्या चल रहा है ऐलेक्स?” क्रिस्टी ने इठलाते हुए पूछा।

“तुम्हारे मन में चल रहा है कि..... कि....।” पर ऐलेक्स उन बातों को बोल नहीं पाया, क्यों कि क्रिस्टी उसे सबके सामने किस करने के बारे में सोच रही थी।

“क्या हुआ ऐलेक्स कि...कि....के बाद तुम्हारी ट्रेन पटरी से क्यों उतर गई?” क्रिस्टी ने पूरा मजा लेते हुए कहा।

ऐलेक्स ने क्रिस्टी को घूरकर देखा, पर कुछ कहा नहीं।

“चलो अब सभी लोग सो जाओ, रात काफी हो गई है।” सुयश ने सोने का ऐलान कर दिया।

सभी छोटे-छोटे ग्रुप बना कर आस-पास सो गये।

जो भी हो, आज का दिन वास्तव में खुशियों का दिन था, पर अगला दिन उनकी जिंदगी में क्या बदलाव करने वाला था? यह किसी को नहीं पता था? वह सभी तो बस आज को जी रहे थे।


जारी रहेगा_______✍️

Bahut hi khubsurat update he Raj_sharma Bhai,

Shaifali ki sari yaade wapis laane me aakhirkar Alex kamyab ho hi gaya.....

Christie aur Alex ka punarmilan ho gaya..........

Ab dekhna he shaifali kaise Tilisma ko todne me sabki madad karti he.........

Keep rocking Bro
 

parkas

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#139.

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पुनर्जन्म रहस्य:
(14 जनवरी 2002, सोमवार, 18:30, मायावन, अराका द्वीप)

तौफीक ने एक स्थान पर आग जला दी थी। सुयश सहित बाकी सभी उसी आग के चारो ओर गोला बना कर बैठे थे।

“पिछले कुछ दिनों से हमने इस जंगल की प्रत्येक मुसीबत को सफलता पूर्वक पार किया है।” सुयश ने कहा- “अब देखते हैं कि यह तिलिस्मा क्या बला है?”

“मैं तो यही सोचकर परेशान हूं कैप्टेन, कि स्पाइनोसोरस, टेरोसोर, ड्रैगन, रेत मानव, ज्वालामुखी, झरना सब तो देख लिया, फिर भला तिलिस्मा में इससे बढ़कर क्या परेशानियां हो सकती हैं?” क्रिस्टी ने कहा।

तभी एक अंजानी आवाज ने सभी को आश्चर्य में डाल दिया- “यह बात मैं बताता हूं।”

सभी की दृष्टि आवाज की दिशा में घूम गई। उन्हें एक पेड़ की ओर से चलकर आता हुआ युगाका दिखाई दिया।

“पहले तो देर से आने के लिये क्षमा चाहता हूं दोस्तो.....दरअसल मेरी बहन की शादी फाइनल हो गयी थी, इसलिये मेरे ऊपर काम का बोझ कुछ ज्यादा ही पड़ गया था।” युगाका ने कहा।

“अरे वाह! तुमने तो पहले बताया नहीं था कि तुम्हारी कोई बहन भी है?” जेनिथ ने कहा।

“मेरी बहन से आप पहले ही मिल चुकी हो, याद करिये उस तालाब के पास की घटना, जब आप को रात में दूसरी क्रिस्टी दिखाई दी थी, अरे वही तो मेरी बहन थी।”

“अच्छा तो आप की बहन भी रुप बदल लेती है।” जेनिथ ने युगाका को घूरते हुए कहा।

“हां, हम दोनों भाई-बहनों को रुप बदलना आता है।” युगाका ने कहा - “मगर उस समय हमें आप लोगों के बारे में पता थोड़े ही था।”

जेनिथ का फिलहाल युगाका से अब दुश्मनी करने का कोई मन नहीं था, इसलिये वह चुप रही।

"वैसे आज तो हर तरफ से खुशियों की ही खबर आ रही है।” शैफाली ने टॉपिक को चेन्ज करने के उद्देश्य से कहा।

“और किसने दी खुशियों की खबर?” युगाका ने हैरानी से शैफाली को देखते हुए कहा।

“आपकी देवी शलाका ने।” शैफाली ने मुस्कुराते हुए कहा।

“देवी शलाका!” शलाका का नाम सुन युगाका आश्चर्य से भर उठा- “क्या तुम लोगों ने उन्हें देखा?”

“देखा भी...और रिश्ता भी जोड़ लिया।” क्रिस्टी ने हंसते हुए कहा।

“कैसा रिश्ता?” युगाका के लिये हर एक समाचार किसी भूकंप से कम नहीं था।

आखिरकार सुयश से आज्ञा लेकर शैफाली ने युगाका को आर्यन और वेदालय की पूरी कहानी सुना दी।

पूरी कहानी सुनकर युगाका खुशी से भर उठा।

“लगता है अब सब कुछ अच्छा होने वाला है। एक-एक कर रहस्य के सारे पर्दे खुल रहे हैं।” युगाका ने कहा।

“अरे दोस्त, सारे पर्दे खुल गये हों तो मेरा एक छोटा सा दोस्त जो तुम्हारी वजह से पता नहीं कहां गायब हो गया, अब उसे भी ढूंढ दो।” क्रिस्टी ने मुंह बिचकाते हुए कहा- “देवी शलाका भी उसे नहीं ढूंढ पायी, पता नहीं पृथ्वी के कौन से कोने में चला गया?”

जिस भी कोने में था, बस हर पल तुम्हें ही याद कर रहा था।”

यह आवाज शत-प्रतिशत ऐलेक्स की थी।

यह आवाज सुनते ही क्रिस्टी की आँखों से खुशी के मारे आँसू निकलने लगे।

“ऐलेक्स....क्या यह तुम ही हो?.. ..और तुम दिखाई क्यों नहीं दे रहे?” क्रिस्टी ने पागलों के समान चारो ओर देखते हुए कहा।

तभी सबके सामने ऐलेक्स प्रकट हो गया।

ऐलेक्स को सुरक्षित देख क्रिस्टी भागकर ऐलेक्स के गले लग गई।

वह अब जोर-जोर से ऐलेक्स का चेहरा चूमने लगी- “माफ कर दो ऐलेक्स...अब कभी भी नहीं लड़ूंगी तुमसे, पर अब तुम मुझे छोड़कर कहीं नहीं जाना।”

क्रिस्टी अपने भावों को बिल्कुल कंट्रोल नहीं कर पा रही थी।...... इसलिये सभी अपनी बारी आने का इंतजार कर रहे थे।

युगाका भी ऐलेक्स को देखकर खुश हो गया क्यों कि अब उसके सिर पर लगा एक दाग हट गया था।

कुछ देर तक इसी हालत में रहने के बाद क्रिस्टी थोड़ा नार्मल हुई और ऐलेक्स से अलग हो गई।

अब शैफाली जाकर ऐलेक्स के गले लग गयी- “अच्छा हुआ आप मिल गये।”

तभी ऐलेक्स की नजर सामने बैठे युगाका की ओर गई, वह युगाका को देख भड़क उठा- “यह इंसान यहां क्या कर रहा है? इसी की वजह से तो मैं मुसीबत में फंस गया था।”

इससे पहले कि ऐलेक्स युगाका पर कोई प्रहार कर पाता, सुयश ने बीच में ही उसे रोक लिया और ऐलेक्स को युगाका की सारी कहानी सुना दी। तब जाकर ऐलेक्स कहीं शांत हुआ।

ऐलेक्स ने भी अपनी पूरी कहानी शुरु से अंत तक सभी को सुना दी।

ऐलेक्स की पूरी कहानी सुन सभी हैरानी से एक-दूसरे का मुंह देख रहे थे। सबसे ज्यादा झटका शैफाली को लगा था।

“तो स्थेनो कहां है?” शैफाली ने ऐलेक्स से पूछा।

“वह अदृश्य रुप में यहीं पर हैं, पर वह प्रकट नहीं हो सकतीं, क्यों कि मेरे और शैफाली के सिवा अगर किसी ने उनकी आँखों में देख लिया, तो वह पत्थर का बन जायेगा।”

ऐलेक्स के बताने पर शैफाली चलकर स्थेनो के पास पहुंच गई और बोली- “मुझे समझ नहीं आ रहा कि मैं आपको क्या कहूं? पर मैं आपके गले लगना चाहती हूं।”

स्थेनो ने शैफाली को गले से लगाते हुए कहा- “अभी जिंदगी बहुत बड़ी है, हमारी बातें तो होतीं ही रहेंगी, पर पहले तुम्हारी स्मृतियों का वापस लाना बहुत जरुरी है।”

यह कहकर स्थेनो ने ऐलेक्स को बोतल खोलने का इशारा किया।

ऐलेक्स ने एक झटके से बोतल के मुंह पर लगा ढक्कन हटा दिया।

ढक्कन के हटाते ही आसमान में एक जोर की बिजली कड़की और बोतल का सारा धुंआ निकलकर शैफाली के सिर पर नाचने लगा।

अब वह धुंआ धीरे-धीरे शैफाली के दिमाग में प्रवेश करता जा रहा था और इसी के साथ शैफाली के चेहरे के भाव भी बदलते जा रहे थे।

शैफाली के चेहरे के भाव को देखकर साफ लग रहा था कि उसे इस समय एक पीड़ादायक अहसास से गुजरना पड़ रहा है।

कुछ देर में पूरा का पूरा धुंआ शैफाली के दिमाग में समा गया और शैफाली जमीन पर बेहोश होकर गिर पड़ी।

क्रिस्टी ने तुरंत शैफाली के मुंह पर पानी का छिड़काव किया तो शैफाली को होश आ गया।

उसने सबसे पहले एक बार पास में खड़े सभी लोगों को ध्यान से देखा और फिर मुस्कुरा दी। उसकी मुस्कुराहट इस बात का सबूत थी कि अब वह बिल्कुल ठीक है।

शैफाली की स्मृतियां आ जाने के बाद भी वह शैफाली के जैसे ही व्यवहार कर रही थी, और यही बात सभी को भा गयी थी।

कुछ देर तक बात करने के बाद स्थेनो वहां से चली गयी।

“शैफाली, आपका पंचशूल अब किसी और को प्राप्त हो गया है।” युगाका ने कहा।

“कोई बात नहीं, अब तो कुछ दिनों के बाद काला मोती मेरे पास होगा, फिर मुझे पंचशूल की कोई आवश्यकता नहीं रहेगी और हां कैप्टेन अंकल उस खरगोश की मदद के लिये धन्यवाद, क्यों कि उसने आपको वही ‘अटलांटिस की रिंग’ दी है, जिसे पहनकर मेरी माँ ने अटलांटिस का निर्माण किया था।

"इस अंगूठी की तलाश में हजारों लोगों ने अपनी जान गंवा दी, पर किसी को इस अंगूठी के बारे में पता नहीं चला। चूंकि यह अंगूठी कोई देवकन्या ही पहन सकती थी, इसलिये यह आपकी उंगली में फिट नहीं हो पा रही थी और...और वह ज्वालामुखी में मिला ड्रैगन का सोने का सिर मेरे पिता का था, जिसे मैंने ही मैग्ना के रुप में वहां छिपाया था।” शैफाली ने कहा।

“एक बात पूंछू शैफाली।” क्रिस्टी ने कहा- “अब अगर तुम्हें सबकुछ याद आ ही गया है, तो तुम कैस्पर से कह के बिना तिलिस्मा को तोड़े ही काला मोती क्यों नहीं प्राप्त कर लेती? एक झटके से सारी समस्या ही
खत्म हो जायेगी।”

“ऐसा अब सम्भव नहीं है, कैस्पर ने पूरे तिलिस्मा का कंट्रोल एक स्वयं की बनाई हुई मशीन को दे दिया है। अब कैस्पर तिलिस्मा के कंट्रोल रुम में बैठकर सबकुछ देख तो सकता है, पर मेरी कोई मदद नहीं कर सकता और मुझे लग रहा है कि वह इस समय, मुझसे 5000 किलोमीटर से भी ज्यादा दूर है, इसलिये उसे मेरे आने का पता भी नहीं चला है। अगर वह कहीं भी पास में होता, तो तिलिस्मा में प्रवेश करने से पहले मुझसे मिलने जरुर आता।” शैफाली ने कहा।

“अच्छा अब मुझे भी जाने की आज्ञा दीजिये, अब आप लोगों से तिलिस्मा के टूटने के बाद ही मुलाकात होगी।” युगाका ने कहा।

सुयश ने सिर हिलाकर युगाका को भी जाने का इशारा कर दिया।

सुयश का इशारा पाकर युगाका भी वहां से चला गया, पर अब युगाका को पूरा विश्वास हो गया था कि तिलिस्मा अब टूटने ही वाला है और यह सारी बातें वह जल्द से जल्द कलाट को बताना चाहता था।

युगाका के जाने के बाद सभी फिर से बातें करने लगे।

“अच्छा एक बात बताओ शैफाली।” सुयश ने शैफाली से कहा- “मायावन में घुसते समय उस नीले फल वाले वृक्ष ने तुम्हें वह सारे फल क्यों दे दि ये थे?”

“वह सभी पेड़ मुझे पहचान गये थे।” शैफाली ने उत्तर दिया- “पेड़ों में बहुत सी ऐसी शक्तियां भी होती हैं, जिसे साधारण इंसान कभी जान ही नहीं पाता।”

“और वह मगरमच्छ मानव भी तुम्हें पहचान गया था क्या? जिसने जेनिथ पर आक्रमण किया था।” क्रिस्टी ने पूछा।

“जब मैंने जलोथा पुकारा, तब वह मुझे पहचान गया। मैंने ही उसे शक्तियां प्रदान कर वन के सुरक्षा के लिये झील में रखा था।” शैफाली ने कहा।

“और वह जमीन पर मिलने वाले पत्थर भविष्य कैसे बता लेते थे?” जेनिथ ने पूछा।

“मेरी माँ माया भविष्य देख लेती हैं, उन्होने ही मुझे वो सारे पत्थर दिये थे और कहा था कि इसे वन के किसी कोने में लगा देना, यह भविष्य में तुम लोगों का मार्गदर्शन करेगे।”

शैफाली ने माया को याद करते हुए कहा- “और मुझे अच्छा लगा कि वो आज भी मुझे देख रहीं हैं, तभी तो उन्होंने ऐलेक्स भैया को शक्तियां देकर मेरी स्मृति लाने नागलोक भेजा था।”

यह कहकर शैफाली ने हवा में अपनी माँ के नाम पर ‘फ्लांइग किस’ उछाल दिया।

“शक्तियों से याद आया। ऐलेक्स भैया क्या वह शक्तियां अभी भी आपके पास हैं?” शैफाली ने ऐलेक्स की ओर देखते हुए कहा।

“अभी तक तो हैं, पर जितना मैंने सुना, यह सभी शक्तियां तिलिस्मा में काम नहीं आने वालीं। वहां पर सिर्फ अपना दिमाग चलेगा।”

ऐलेक्स ने स्टाइल मारते हुए कहा- “और हां, मैं सबके मन की बातें भी सुन सकता हूं, इसलिये जरा ध्यान से मेरे बारे में सोचना।”

ऐलेक्स ने आखिरी के शब्द क्रिस्टी की ओर देखते हुए कहा।

“अच्छा तो बताओ कि मेरे मन में अभी क्या चल रहा है ऐलेक्स?” क्रिस्टी ने इठलाते हुए पूछा।

“तुम्हारे मन में चल रहा है कि..... कि....।” पर ऐलेक्स उन बातों को बोल नहीं पाया, क्यों कि क्रिस्टी उसे सबके सामने किस करने के बारे में सोच रही थी।

“क्या हुआ ऐलेक्स कि...कि....के बाद तुम्हारी ट्रेन पटरी से क्यों उतर गई?” क्रिस्टी ने पूरा मजा लेते हुए कहा।

ऐलेक्स ने क्रिस्टी को घूरकर देखा, पर कुछ कहा नहीं।

“चलो अब सभी लोग सो जाओ, रात काफी हो गई है।” सुयश ने सोने का ऐलान कर दिया।

सभी छोटे-छोटे ग्रुप बना कर आस-पास सो गये।

जो भी हो, आज का दिन वास्तव में खुशियों का दिन था, पर अगला दिन उनकी जिंदगी में क्या बदलाव करने वाला था? यह किसी को नहीं पता था? वह सभी तो बस आज को जी रहे थे।


जारी रहेगा_______✍️
Bahut hi badhiya update diya hai Raj_sharma bhai....
Nice and beautiful update....
 

dhparikh

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चैपटर-13
पुनर्जन्म रहस्य:
(14 जनवरी 2002, सोमवार, 18:30, मायावन, अराका द्वीप)

तौफीक ने एक स्थान पर आग जला दी थी। सुयश सहित बाकी सभी उसी आग के चारो ओर गोला बना कर बैठे थे।

“पिछले कुछ दिनों से हमने इस जंगल की प्रत्येक मुसीबत को सफलता पूर्वक पार किया है।” सुयश ने कहा- “अब देखते हैं कि यह तिलिस्मा क्या बला है?”

“मैं तो यही सोचकर परेशान हूं कैप्टेन, कि स्पाइनोसोरस, टेरोसोर, ड्रैगन, रेत मानव, ज्वालामुखी, झरना सब तो देख लिया, फिर भला तिलिस्मा में इससे बढ़कर क्या परेशानियां हो सकती हैं?” क्रिस्टी ने कहा।

तभी एक अंजानी आवाज ने सभी को आश्चर्य में डाल दिया- “यह बात मैं बताता हूं।”

सभी की दृष्टि आवाज की दिशा में घूम गई। उन्हें एक पेड़ की ओर से चलकर आता हुआ युगाका दिखाई दिया।

“पहले तो देर से आने के लिये क्षमा चाहता हूं दोस्तो.....दरअसल मेरी बहन की शादी फाइनल हो गयी थी, इसलिये मेरे ऊपर काम का बोझ कुछ ज्यादा ही पड़ गया था।” युगाका ने कहा।

“अरे वाह! तुमने तो पहले बताया नहीं था कि तुम्हारी कोई बहन भी है?” जेनिथ ने कहा।

“मेरी बहन से आप पहले ही मिल चुकी हो, याद करिये उस तालाब के पास की घटना, जब आप को रात में दूसरी क्रिस्टी दिखाई दी थी, अरे वही तो मेरी बहन थी।”

“अच्छा तो आप की बहन भी रुप बदल लेती है।” जेनिथ ने युगाका को घूरते हुए कहा।

“हां, हम दोनों भाई-बहनों को रुप बदलना आता है।” युगाका ने कहा - “मगर उस समय हमें आप लोगों के बारे में पता थोड़े ही था।”

जेनिथ का फिलहाल युगाका से अब दुश्मनी करने का कोई मन नहीं था, इसलिये वह चुप रही।

"वैसे आज तो हर तरफ से खुशियों की ही खबर आ रही है।” शैफाली ने टॉपिक को चेन्ज करने के उद्देश्य से कहा।

“और किसने दी खुशियों की खबर?” युगाका ने हैरानी से शैफाली को देखते हुए कहा।

“आपकी देवी शलाका ने।” शैफाली ने मुस्कुराते हुए कहा।

“देवी शलाका!” शलाका का नाम सुन युगाका आश्चर्य से भर उठा- “क्या तुम लोगों ने उन्हें देखा?”

“देखा भी...और रिश्ता भी जोड़ लिया।” क्रिस्टी ने हंसते हुए कहा।

“कैसा रिश्ता?” युगाका के लिये हर एक समाचार किसी भूकंप से कम नहीं था।

आखिरकार सुयश से आज्ञा लेकर शैफाली ने युगाका को आर्यन और वेदालय की पूरी कहानी सुना दी।

पूरी कहानी सुनकर युगाका खुशी से भर उठा।

“लगता है अब सब कुछ अच्छा होने वाला है। एक-एक कर रहस्य के सारे पर्दे खुल रहे हैं।” युगाका ने कहा।

“अरे दोस्त, सारे पर्दे खुल गये हों तो मेरा एक छोटा सा दोस्त जो तुम्हारी वजह से पता नहीं कहां गायब हो गया, अब उसे भी ढूंढ दो।” क्रिस्टी ने मुंह बिचकाते हुए कहा- “देवी शलाका भी उसे नहीं ढूंढ पायी, पता नहीं पृथ्वी के कौन से कोने में चला गया?”

जिस भी कोने में था, बस हर पल तुम्हें ही याद कर रहा था।”

यह आवाज शत-प्रतिशत ऐलेक्स की थी।

यह आवाज सुनते ही क्रिस्टी की आँखों से खुशी के मारे आँसू निकलने लगे।

“ऐलेक्स....क्या यह तुम ही हो?.. ..और तुम दिखाई क्यों नहीं दे रहे?” क्रिस्टी ने पागलों के समान चारो ओर देखते हुए कहा।

तभी सबके सामने ऐलेक्स प्रकट हो गया।

ऐलेक्स को सुरक्षित देख क्रिस्टी भागकर ऐलेक्स के गले लग गई।

वह अब जोर-जोर से ऐलेक्स का चेहरा चूमने लगी- “माफ कर दो ऐलेक्स...अब कभी भी नहीं लड़ूंगी तुमसे, पर अब तुम मुझे छोड़कर कहीं नहीं जाना।”

क्रिस्टी अपने भावों को बिल्कुल कंट्रोल नहीं कर पा रही थी।...... इसलिये सभी अपनी बारी आने का इंतजार कर रहे थे।

युगाका भी ऐलेक्स को देखकर खुश हो गया क्यों कि अब उसके सिर पर लगा एक दाग हट गया था।

कुछ देर तक इसी हालत में रहने के बाद क्रिस्टी थोड़ा नार्मल हुई और ऐलेक्स से अलग हो गई।

अब शैफाली जाकर ऐलेक्स के गले लग गयी- “अच्छा हुआ आप मिल गये।”

तभी ऐलेक्स की नजर सामने बैठे युगाका की ओर गई, वह युगाका को देख भड़क उठा- “यह इंसान यहां क्या कर रहा है? इसी की वजह से तो मैं मुसीबत में फंस गया था।”

इससे पहले कि ऐलेक्स युगाका पर कोई प्रहार कर पाता, सुयश ने बीच में ही उसे रोक लिया और ऐलेक्स को युगाका की सारी कहानी सुना दी। तब जाकर ऐलेक्स कहीं शांत हुआ।

ऐलेक्स ने भी अपनी पूरी कहानी शुरु से अंत तक सभी को सुना दी।

ऐलेक्स की पूरी कहानी सुन सभी हैरानी से एक-दूसरे का मुंह देख रहे थे। सबसे ज्यादा झटका शैफाली को लगा था।

“तो स्थेनो कहां है?” शैफाली ने ऐलेक्स से पूछा।

“वह अदृश्य रुप में यहीं पर हैं, पर वह प्रकट नहीं हो सकतीं, क्यों कि मेरे और शैफाली के सिवा अगर किसी ने उनकी आँखों में देख लिया, तो वह पत्थर का बन जायेगा।”

ऐलेक्स के बताने पर शैफाली चलकर स्थेनो के पास पहुंच गई और बोली- “मुझे समझ नहीं आ रहा कि मैं आपको क्या कहूं? पर मैं आपके गले लगना चाहती हूं।”

स्थेनो ने शैफाली को गले से लगाते हुए कहा- “अभी जिंदगी बहुत बड़ी है, हमारी बातें तो होतीं ही रहेंगी, पर पहले तुम्हारी स्मृतियों का वापस लाना बहुत जरुरी है।”

यह कहकर स्थेनो ने ऐलेक्स को बोतल खोलने का इशारा किया।

ऐलेक्स ने एक झटके से बोतल के मुंह पर लगा ढक्कन हटा दिया।

ढक्कन के हटाते ही आसमान में एक जोर की बिजली कड़की और बोतल का सारा धुंआ निकलकर शैफाली के सिर पर नाचने लगा।

अब वह धुंआ धीरे-धीरे शैफाली के दिमाग में प्रवेश करता जा रहा था और इसी के साथ शैफाली के चेहरे के भाव भी बदलते जा रहे थे।

शैफाली के चेहरे के भाव को देखकर साफ लग रहा था कि उसे इस समय एक पीड़ादायक अहसास से गुजरना पड़ रहा है।

कुछ देर में पूरा का पूरा धुंआ शैफाली के दिमाग में समा गया और शैफाली जमीन पर बेहोश होकर गिर पड़ी।

क्रिस्टी ने तुरंत शैफाली के मुंह पर पानी का छिड़काव किया तो शैफाली को होश आ गया।

उसने सबसे पहले एक बार पास में खड़े सभी लोगों को ध्यान से देखा और फिर मुस्कुरा दी। उसकी मुस्कुराहट इस बात का सबूत थी कि अब वह बिल्कुल ठीक है।

शैफाली की स्मृतियां आ जाने के बाद भी वह शैफाली के जैसे ही व्यवहार कर रही थी, और यही बात सभी को भा गयी थी।

कुछ देर तक बात करने के बाद स्थेनो वहां से चली गयी।

“शैफाली, आपका पंचशूल अब किसी और को प्राप्त हो गया है।” युगाका ने कहा।

“कोई बात नहीं, अब तो कुछ दिनों के बाद काला मोती मेरे पास होगा, फिर मुझे पंचशूल की कोई आवश्यकता नहीं रहेगी और हां कैप्टेन अंकल उस खरगोश की मदद के लिये धन्यवाद, क्यों कि उसने आपको वही ‘अटलांटिस की रिंग’ दी है, जिसे पहनकर मेरी माँ ने अटलांटिस का निर्माण किया था।

"इस अंगूठी की तलाश में हजारों लोगों ने अपनी जान गंवा दी, पर किसी को इस अंगूठी के बारे में पता नहीं चला। चूंकि यह अंगूठी कोई देवकन्या ही पहन सकती थी, इसलिये यह आपकी उंगली में फिट नहीं हो पा रही थी और...और वह ज्वालामुखी में मिला ड्रैगन का सोने का सिर मेरे पिता का था, जिसे मैंने ही मैग्ना के रुप में वहां छिपाया था।” शैफाली ने कहा।

“एक बात पूंछू शैफाली।” क्रिस्टी ने कहा- “अब अगर तुम्हें सबकुछ याद आ ही गया है, तो तुम कैस्पर से कह के बिना तिलिस्मा को तोड़े ही काला मोती क्यों नहीं प्राप्त कर लेती? एक झटके से सारी समस्या ही
खत्म हो जायेगी।”

“ऐसा अब सम्भव नहीं है, कैस्पर ने पूरे तिलिस्मा का कंट्रोल एक स्वयं की बनाई हुई मशीन को दे दिया है। अब कैस्पर तिलिस्मा के कंट्रोल रुम में बैठकर सबकुछ देख तो सकता है, पर मेरी कोई मदद नहीं कर सकता और मुझे लग रहा है कि वह इस समय, मुझसे 5000 किलोमीटर से भी ज्यादा दूर है, इसलिये उसे मेरे आने का पता भी नहीं चला है। अगर वह कहीं भी पास में होता, तो तिलिस्मा में प्रवेश करने से पहले मुझसे मिलने जरुर आता।” शैफाली ने कहा।

“अच्छा अब मुझे भी जाने की आज्ञा दीजिये, अब आप लोगों से तिलिस्मा के टूटने के बाद ही मुलाकात होगी।” युगाका ने कहा।

सुयश ने सिर हिलाकर युगाका को भी जाने का इशारा कर दिया।

सुयश का इशारा पाकर युगाका भी वहां से चला गया, पर अब युगाका को पूरा विश्वास हो गया था कि तिलिस्मा अब टूटने ही वाला है और यह सारी बातें वह जल्द से जल्द कलाट को बताना चाहता था।

युगाका के जाने के बाद सभी फिर से बातें करने लगे।

“अच्छा एक बात बताओ शैफाली।” सुयश ने शैफाली से कहा- “मायावन में घुसते समय उस नीले फल वाले वृक्ष ने तुम्हें वह सारे फल क्यों दे दि ये थे?”

“वह सभी पेड़ मुझे पहचान गये थे।” शैफाली ने उत्तर दिया- “पेड़ों में बहुत सी ऐसी शक्तियां भी होती हैं, जिसे साधारण इंसान कभी जान ही नहीं पाता।”

“और वह मगरमच्छ मानव भी तुम्हें पहचान गया था क्या? जिसने जेनिथ पर आक्रमण किया था।” क्रिस्टी ने पूछा।

“जब मैंने जलोथा पुकारा, तब वह मुझे पहचान गया। मैंने ही उसे शक्तियां प्रदान कर वन के सुरक्षा के लिये झील में रखा था।” शैफाली ने कहा।

“और वह जमीन पर मिलने वाले पत्थर भविष्य कैसे बता लेते थे?” जेनिथ ने पूछा।

“मेरी माँ माया भविष्य देख लेती हैं, उन्होने ही मुझे वो सारे पत्थर दिये थे और कहा था कि इसे वन के किसी कोने में लगा देना, यह भविष्य में तुम लोगों का मार्गदर्शन करेगे।”

शैफाली ने माया को याद करते हुए कहा- “और मुझे अच्छा लगा कि वो आज भी मुझे देख रहीं हैं, तभी तो उन्होंने ऐलेक्स भैया को शक्तियां देकर मेरी स्मृति लाने नागलोक भेजा था।”

यह कहकर शैफाली ने हवा में अपनी माँ के नाम पर ‘फ्लांइग किस’ उछाल दिया।

“शक्तियों से याद आया। ऐलेक्स भैया क्या वह शक्तियां अभी भी आपके पास हैं?” शैफाली ने ऐलेक्स की ओर देखते हुए कहा।

“अभी तक तो हैं, पर जितना मैंने सुना, यह सभी शक्तियां तिलिस्मा में काम नहीं आने वालीं। वहां पर सिर्फ अपना दिमाग चलेगा।”

ऐलेक्स ने स्टाइल मारते हुए कहा- “और हां, मैं सबके मन की बातें भी सुन सकता हूं, इसलिये जरा ध्यान से मेरे बारे में सोचना।”

ऐलेक्स ने आखिरी के शब्द क्रिस्टी की ओर देखते हुए कहा।

“अच्छा तो बताओ कि मेरे मन में अभी क्या चल रहा है ऐलेक्स?” क्रिस्टी ने इठलाते हुए पूछा।

“तुम्हारे मन में चल रहा है कि..... कि....।” पर ऐलेक्स उन बातों को बोल नहीं पाया, क्यों कि क्रिस्टी उसे सबके सामने किस करने के बारे में सोच रही थी।

“क्या हुआ ऐलेक्स कि...कि....के बाद तुम्हारी ट्रेन पटरी से क्यों उतर गई?” क्रिस्टी ने पूरा मजा लेते हुए कहा।

ऐलेक्स ने क्रिस्टी को घूरकर देखा, पर कुछ कहा नहीं।

“चलो अब सभी लोग सो जाओ, रात काफी हो गई है।” सुयश ने सोने का ऐलान कर दिया।

सभी छोटे-छोटे ग्रुप बना कर आस-पास सो गये।

जो भी हो, आज का दिन वास्तव में खुशियों का दिन था, पर अगला दिन उनकी जिंदगी में क्या बदलाव करने वाला था? यह किसी को नहीं पता था? वह सभी तो बस आज को जी रहे थे।


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Nice update....
 
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Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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Alex ko Cristy mil gayi, Shefali ko uski Magna ki yaddashth mil gayi sab kuchh achha chal raha hai matlab khatre se pahle ki shanti hai ye.
Wonderful update brother.
Tufaan se pahle shanti hi hoti hai mitra☺️ inko jab se araka dweep me ghuse hain, tab se do pal sukoon ke na mile, ab jakar thodi rahat mili hai, to aage aur bhi haalat kharaab hone wali hai :dazed:
Thank you very much for your valuable review and support bhai :thanx:
 

Raj_sharma

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