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Incest आंधी (नफ़रत और इन्तकाम की)

NightHunter

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UPDATE 17


शाम का वक्त सेमेंथा मंदिर आई थी कि तभी उसे जगन्नाथ बाबा मिले उन्हें देखते ही सेमेंथा उनके पास तेजी से गई और जाते ही...

सेमेंथा – बाबा वो बाबा वो...

जगन्नाथ बाबा – (हल्का मुस्कुरा के) पुत्री शांत करो अपने मन को हम जानते है तुम क्या कहना चाहती हो परन्तु पुत्री तुम्हे भी इतना गुस्सा करने की जरूरत नहीं थी और ना ही वो सब करने की...

सेमेंथा – लेकिन बाबा वो कैसे...

जगन्नाथ बाबा – (बीच में) पुत्री (एक तरफ इशारा करके) उस देवी को देख रही हो....

सेमेंथा – हा बाबा वर्षों से मै मा को देख रही हूँ शिव जी की आराधना करते हुए....

जगन्नाथ बाबा – पुत्री इतने वर्षों से वो देवी तपस्या कर रही है सिर्फ अपने बेटे के लिए इस इंतजार में की उसका पुत्र एक दिन यहां आएगा और उस दिन इस देवी की तपस्या पूरी होगी , पुत्री सिर्फ अपने बेटे के लिए वो कितने वर्षों से तप कर रही है सोचो क्या तुम्हे लगता है तुम्हारी बेचैनी उस देवी की बेचैनी से ज्यादा बड़ी है....

सेमेंथा – नहीं बाबा...

जगन्नाथ बाबा – हम्ममम इसलिए संयम रखो पुत्री जल्द बाजी में ऐसा काम ना करो जिससे इस देवी की वर्षों की तपस्या भंग हो जाय....

सेमेंथा – मै समझ गई बाबा मै ध्यान रखूंगी इस बात का....

जगन्नाथ बाबा – हम्ममम अब जाओ उस देवी से भी मिल आओ तुम्हारी प्रतीक्षा कर रही है वो....

सेमेंथा – जी बाबा...

बोल के सेमेंथा मंदिर के अन्दर चली गई सुनंदा के पास जो शिव की मूर्ति के सामने आंख बंद करके बैठी थी और सेमेंथा उसके पीछे से आ रही थी तभी....

सुनंदा – (बिना पलटे) तू आ गई पुत्री...

सेमेंथा – (मुस्कुरा के सुनंदा के पास आके) मां आपको कैसे पता चला कि ये मै हूँ...

सुनंदा – (हल्का मुस्कुरा के) जब तू छोटी सी थी तब से पाल रही हूँ तुझे कैसे नहीं पहचानूंगी मेरी बच्ची....

सेमेंथा – (मुस्कुरा के) आप ही के कारण मै सम्भल पाई हूँ मां वर्ना जाने क्या होता मेरा...

सुनंदा – ऐसा कुछ भी सोचने की जरूरत नहीं है तुझे मेरी बच्ची खेर ये बता आज तू इतनी खुश क्यों है...

सेमेंथा – (खुश होके अपने हाथ में लगी मेंहदी दिखा के) मा ये उन्होंने लगाई है मुझे खुद और आज वो मुझे सबसे मिलवाने वाले है...

सुनंदा – (मुस्कुरा के) तू खुश है ना अब...

सेमेंथा – हा मा आज मै सच में बहुत खुश हूँ बस जल्दी...

सुनंदा – (मुस्कुरा के बीच में सेमेंथा से) हर चीज का एक वक्त होता है मेरी बच्ची जल्दी ही वो वक्त भी आएगा चल अब जा तुझे देर नहीं हो रही इंतजार कर रहा होगा वो तेरा और एक बात ध्यान रखना सेमेंथा वो जो बोले करने को वो करना...

सेमेंथा – (शर्म के साथ मुस्कुरा के) जी मां...

बोल के सेमेंथा चली गई वहां से जबकि इस तरफ आज धीरेन्द्र की हवेली रोशनी से जगमगा रही थी क्योंकि कल दिन में धीरेन्द्र की बेटी निधि की शादी होने वाली थी और आज सगाई साथ में एक पार्टी होने थी जिसकी तैयारी पूरी हो चुकी थी इस वक्त धीरेन्द्र का परिवार और मेहमान तैयार होने में लगे थे इस बीच कमल जो पहले तैयार होके निकल आया था दादी के पास....

कमल – दादी सारी तैयारी हो चुकी है बस जब मै आपको इशारा करू तब आप साहिल को बोल देना गाने के लिए...

दादी – (मुस्कुरा के) ठीक है मै बोल दूंगी....

जबकि इस तरफ जैसे ही साहिल तैयार होके कमरे से बाहर आया तभी सामने से किसी से टकरा गया इससे पहले वो गिरता साहिल ने उसे पकड़ लिया गिरने वाला कोई और नहीं कविता थी साहिल की बहन अचानक से हुई टक्कर से दोनों कुछ समझ न पाए तभी साहिल ने कविता की कमर में हाथ डाल उसे गिरने से बचा लिया लेकिन जैसे ही साहिल की नजर पड़ी कविता पर जो..



Kavita


इस रूप में कयामत ढा रही थी बेचारा साहिल क्या करता अब कविता को इस रूप में देख उसे देखता रह गया सब कुछ भूल के जैसे उसमें खो गया हो यही हाल कुछ कविता का भी था दोनों एक दूसरे को देखने में इतना खो गए थे जैसे दोनों भाई बहन ना होके बिछड़े प्रेमी हो तभी कमरे से तैयार होके निकली शिवानी ने आवाज लगाई कविता को...

शिवानी – कविता मेरा चुन्नी कहा है कितने देर लगाएगी लाने में...

तभी साहिल और कविता जैसे होश के आए दोनों अलग हो गए तब...

कविता – (हड़बड़ा के) गलती से टकरा गई sorry...

बोल के कविता चली गई जबकि...

साहिल – (मन में – ये मै क्या कर रहा था कविता को इस तरह से क्यों देख रहा था मै अपनी ही बहन को इस तरह से देखना नहीं नहीं शायद अचानक से टक्कर होने से ऐसा हुआ हो)...

अपने दिमाग से ये बात हटा के साहिल चला गया हवेली के बाहर जहां पार्टी शुरू होने वाली थी जबकि इस तरफ...

कविता –(अपने मन में – साहिल भाई आज कितने हैंडसम लग रहे है कितना अच्छा लग रहा था जब वो मुझे पकड़े हुए थे लग रहा था के वक्त बस यही थम जाए , ये मै क्या सोच रही हूँ वो मेरा भाई है उनके बारे में इस तरह सोचना नहीं नहीं लेकिन आज सुबह सपने में भी तो देखा था मैने उनको मै दुल्हन बनी मंडप में बैठी थी तब साहिल दूल्हे के रूप में आ रहे थे वो क्या था फिर , लगता है मै कुछ ज्यादा ही सोच रही हूँ इस बारे में)....

ये सब बाते सोचते हुए कविता भी निकल गई सबके साथ पार्टी की तरफ जबकि इस तरफ पार्टी में परिवार की सभी लड़कियों और औरते...

सुमन


Suman

सुनैना Sunaina

सुनीता Sunita

अमृता Amrita

शिवानी

Shivani

सुरभि Surbhi

शबनम
Shabanam

पायल Payal

सोनम Sonam

पूनम Poonam

खुशी Khushi

रचना Avni

अवनी images-7


आज कुछ इस तैयार होके आई थी उन्हें देख ऐसा लगता था कि वो दुलहन की भतीजी , नंनद , भांजी ना होके उनकी बहन हो पार्टी में आए कुछ ही मेहमान ने देखा था क्योंकि पार्टी में ज्यादा तर गांव के लोग थे उनके लिए हवेली की महिलाओं को इस तरह तैयार देखना नया था जिस वजह से वो हवेली की औरतों को इस अवतार में देखते रह गए थे जहां एक तरफ सभी औरते और लड़कियां एक साथ खड़ी थी पूरे परिवार के साथ वही उनसे अलग थोड़ी दूरी पर साहिल और कमल एक साथ खड़े थे जैसे किसी की राह देख रहे हो तब...

कमल – (साहिल से) अबे और कितना इंतजार करना पड़ेगा यार कब आएगी वो जिसके बारे में बताया था तूने...

साहिल – आती होगी यार उसने बोला था वक्त पे आ जाएगी वो...

कमल – अबे एक बात बता तूने आज के लिए बोल था या कल के लिए क्योंकि शादी कल है समझा...

साहिल – नहीं बे आज और कल दोनों के लिए बोल है मैने उसे....

कमल – जाने कितना इंतजार करना पड़ेगा यार...

तभी कमल दूसरी तरफ देखता है जहां पर परिवार की सभी औरते खड़ी होती है उसमें अवनी को देख के...

कमल – wow क्या बात है...

साहिल – क्या wow बे किसे बोल रहा है तू...

कमल – (एक तरफ इशारा करके) उधर देख...

कमल की बात सुन जब साहिल देखता है जहां सभी औरते खड़ी थी परिवार की उनको देखता रह जाता है और जब कविता पे नजर जाती है तो साहिल को कुछ देर पहले जो हुआ वो नजारा याद आ जाता है उसे तब अपना सिर झटक के...

साहिल – छोड़ बे जिसके लिए यहां खड़े है वो जाने कहा रह गई है...

ये लोग आपस में बात कर रहे होते है तभी दादी इनके पास आती है....

दादी – (दोनों से) तुम दोनों यहां क्या कर रहे हो...

साहिल – (पलट के दादी को देखता है तब) wow दादी आप तो कमाल के लग रहे हो आज...



Dadi

दादी – (मुस्कुरा के) चुप कर ज्यादा न बोल...

कमल – अरे हा दादी कसम से इन कपड़ों में आज आप बहुत सुंदर दिख रहे हो आज तो पार्टी में हर कोई सिर्फ आपको देखता रह जाएगा...

दादी – चुप कर बदमाश तू भी शुरू हो गया अब चल ये बता क्या कर रहे हो तुम दोनों यहां पर...

साहिल – अरे कुछ नहीं दादी बस ऐसे ही खड़े है यहां पर आप बताओ कोई काम था आपको....

दादी – मुझे कोई काम नहीं चलो तुम दोनों उस तरफ पार्टी वहां पर है और तुम दोनों यहां अकेले खड़े हो चलो...

बोल के दादी अपने साथ दोनों को लेके निकल गई...

कमल – (धीरे से साहिल से) अबे दादी को बताया क्यों नहीं बे...

साहिल – (धीरे से) चुप कर मै सरप्राइस देना चाहता हूँ दादी को...

कमल – (मुस्कुरा के) ठीक है...

आगे जाके दादी दोनों को सभी के पास ले आई तब कमल की नजर जैसे ही अवनी पर पड़ी...

कमल –(इशारे से अवनी को बोला) कमाल की लग रही हो...

अवनी – (कमल के इशारे को समझ हल्का मुस्कुरा के) थैंक यूं....

जबकि साहिल चुप चाप खड़ा देख रहा था ईन दोनों को जबकि परिवार की सभी लड़कियों ने आज की पार्टी के लिए गाने पे नाचने की पहले से प्रैक्टिस की थी तब DJ पर शिवानी और शबनम गई दोनों एक गाने पर नाचने लगी...

SONG...


कलाइयां कलाइयां...तू लेया दे मेनू गोल्डन झुमके...मैं कन्ना विच पावां चुम चुम के...मन जा वे मैनु शॉपिंग करा दे....मन जा वे रोमांटिक पिक्चर दिखा दे...रिक्विस्टाँ पाईआं वे....चिटीयां कलाइयां वे...ओह बेबी मेरी चिट्ठियां कलाइयां वे...चिटीयां कलाइयां वे...ओ बेबी मेरी वाइट कलाइयां वे...चिटीयां कलाइयां वे...ओ बेबी मेरी तेरी हिस्से आईआं वे...चिटीयां कलाइयां वे...ओह बेबी मेरी चिटीयां कलाइयां वे...ओह मैनु चढिया है रंग रंग...मैं ख्वाबां दे संग संग आज उडदी फिरां...मैं सारी रात उडदी फिरां...ओह बदले जिंदड़ी दे रंग ढंग...मेरी नींदें भी तंग तंग आज उडदी फिरां...मैं सारी रात उडदी फिरां....मन जा वे गुलाबी चुन्नी दिवा दे...मन जा वे कलरफुल चूड़ी पवा दे...रिक्विस्टाँ पाईआं वे....चिटीयां कलाइयां वे...ओ बेबी मेरी चिटीयां कलाइयां वे....चिटीयां कलाइयां वे...ओ बेबी मेरी वाइट कलाइयां वे....चिटीयां कलाइयां वे...ओ बेबी मेरी तेरी हिस्से आईआं वे....चिटीयां कलाइयां वे....ओह बेबी मेरी चिटीयां कलाइयां वे....घुमड़े फिरदे सारे सीटियां मिल्कियाँ....चिटीयां कलाइयां वे कलाइयां वे ...तेरे हाथां नु चुमदा रेह्न्दा...फब तू ले लियां, ओह चिटीयां वे....ओह चिटीयां वे....मन जा वे मैनु शॉपिंग करा दे...मन जा वे रोमांटिक पिक्चर दिखा दे...रिक्विस्टाँ पाईआं वे...चिटीयां कलाइयां वे...ओह बेबी मेरी चिटीयां कलाइयां वे...चिटीयां कलाइयां वे...ओ बेबी मेरी वाइट कलाइयां वे...चिटीयां कलाइयां वे...ओ बेबी मेरी तेरी हिस्से आईआं वे...चिटीयां कलाइयां वे...ओह बेबी मेरी चिटीयां कलाइयां वे


उनके नाचने के बाद सभी ने जोर से तालिया बजाई जिसके बाद पायल और सुरभि की बारी आई नाचने की दोनों DJ पर गई नाचने....

SONG....


दिलबर, दिलबर..हाँ, दिलबर, दिलबर...दिलबर, दिलबर..हाँ, दिलबर, दिलबर...होश ना ख़बर है, ये कैसा असर है?...होश ना ख़बर है, ये कैसा असर है?...तुम से मिलने के बाद, दिलबर...तुम से मिलने के बाद, दिलबर...दर्द है, चुभन है, क्या दीवानापन है?...दर्द है, चुभन है, क्या दीवानापन है?...तुम से मिलने के बाद, दिलबर...हाँ, तुम से मिलने के बाद,...दिलबर..दिलबर, दिलबर...हाँ, दिलबर, दिलबर...दिलबर, दिलबर....हाँ, दिलबर, दिलबर...तू मेरा ख़्वाब है, तू मेरे दिल का क़रार...तू मेरा ख़्वाब है, तू मेरे दिल का क़रार...देख ले, जान-ए-मन, देख ले बस एक बार...चूम ले जिस्म को, हमनशीं, पास आ...चैन खो गया है, कुछ तो हो गया है...चैन खो गया है, कुछ तो हो गया है...तुम से मिलने के बाद, दिलबर...हाँ, तुम से मिलने के बाद, दिलबर...दिलबर, दिलबर...हाँ, दिलबर, दिलबर...दिलबर, दिलबर..हाँ, दिलबर, दिलबर...इश्क़ बेताब है, हुस्न की महकी बहार...इश्क़ बेताब है, हुस्न की महकी बहार...दूरियाँ किस लिए? किस लिए अब इंतज़ार?...टूटता है बदन, क्या हुआ? क्या पता...प्यास में ढली हूँ, रात-दिन जली हूँ...प्यास में ढली हूँ, रात-दिन जली हूँ...तुम से मिलने के बाद, दिलबर...हाँ, तुम से मिलने के बाद, दिलबर...होश ना ख़बर है, ये कैसा असर है?..होश ना ख़बर है, ये कैसा असर है?...तुम से मिलने के बाद, दिलबर...हाँ, तुम से मिलने के बाद, दिलबर...दर्द है, चुभन है, क्या दीवानापन है?...दर्द है, चुभन है, क्या दीवानापन है?...तुम से मिलने के बाद, दिलबर...हाँ, तुम से मिलने के बाद, दिलबर


जिसके बाद सभी ने उनके लिए भी तालिया बजाई अब बारी आई राघव और रागिनी की बेटी की वो भी नाचने गई DJ की गाने में...

SONG...



उसके नाचने के बाद सभी ने जोर दार ताली बजाई अब अगली बारी के लिए कोई जाता तभी DJ वाले ने बोला...

DJ – माफ करिएगा पता नहीं क्या बता है DJ का Music System काम नहीं कर रहा है कुछ खराबी आ गई है...

ये बात सुन कई लोगों का मूड खराब हो गया तभी कमल ने दादी को धीरे से इशारा किया जिसे समझ के....

दादी – (साहिल से) बेटा शायद DJ में कोई खराबी आ गई है अब उसके बिना सब बोर हो जाएंगे...

साहिल – हा दादी लगता है सारी मेहनत बेकार गई हमारी कल से लगे थे इस काम के लिए और आज ये भी धोखा दे गया...

दादी – (मुस्कुरा के) एक काम कर तू जाके गाना सुना सबको अपना...

साहिल – क्या नहीं दादी मै नहीं सबके सामने मै नहीं कर पाऊंगा....

दादी – क्यों क्या हुआ वैसे तो तू गाना गाता रहता है आज मेरे कहने पर नहीं गाएगा गाना....

साहिल – लेकिन दादी सबके सामने मै कैसे गऊ गाना...

दादी – मतलब मेरी बात नहीं मानेगा आज तू मुझे मना कर रहा है किसी चीज के लिए...

साहिल – (जिसने कभी अपनी दादी को किसी बात के लिए मना नहीं किया और दादी की ये बात सुन के) अच्छा ठीक है दादी लेकिन आपको मेरे साथ नाचना पड़ेगा...

दादी – पागल है मै कैसे नाचूंगी...

साहिल – (मुस्कुरा के) उसकी आप चिंता मत करो मै आपको ब्रेकडांस थोड़ी ना करने को बोल रहा हूँ....

दादी – (मुस्कुरा के) चल ठीक है अब जा शुरू हो जा पहले....

जैसे ही साहिल DJ पे गया वहां जाके पहले DJ वाले से कुछ बात की उसके बाद माइक और गिटार लेके वापस आया कुछ बोलने को हुआ था तभी साहिल की नजर पड़ी एक तरफ जहां उसने सेमेंथा को आते देखा...

सेमेंथा



Semaintha

जो आज बहुत खूबसूरत लग ही थी उसे देखते ही जाने क्या आया साहिल के दिल में तभी....

Song


Whoa, whoa, oh...Whoa, whoa, oh...Whoa, whoa, oh...Whoa, whoa, oh...
मैंने जानी इश्क़ की गली...बस तेरी आहटें मिली....मैंने चाहा चाहूँ ना तुझे....पर मेरी एक ना चली...
इश्क़ में निगाहों को मिलती हैं बारिशें...फिर भी क्यूँ कर रहा दिल तेरी ख़्वाहिशें?...
दिल मेरी ना सुने...दिल की मैं ना सुनूँ...दिल मेरी ना सुने...दिल का मैं क्या करूँ?....
लाया कहाँ मुझको ये मोह तेरा?....रातें ना अब मेरी, ना मेरा सवेरा....जान लेगा मेरी ये इश्क़ मेरा....
इश्क़ में निगाहों को मिलती हैं बारिशें....फिर भी क्यूँ कर रहा दिल तेरी ख़्वाहिशें?...
दिल मेरी ना सुने....दिल की मैं ना सुनूँ....दिल मेरी ना सुने....दिल का मैं क्या करूँ?....
दिल तो है दिल का क्या? गुस्ताख़ है ये....डरता नहीं पागल, बेबाक है ये....है रक़ीब ख़ुद का ही, इत्तिफ़ाक़ है ये....
इश्क़ में निगाहों को मिलती हैं बारिशें...फिर भी क्यूँ कर रहा दिल तेरी ख़्वाहिशें?....
दिल मेरी ना सुने...दिल की मैं ना सुनूँ...दिल मेरी ना सुने...दिल का मैं क्या करूँ?...
दिल मेरी ना सुने...दिल की मैं ना सुनूँ...दिल मेरी ना सुने...दिल का मैं क्या करूँ?


गाना गाने लगा इस बीच साहिल सेमेंथा के चारों तरफ घूम के गाना गा रहा था जिसे देख सेमेंथा खुश हो रही थी तभी गाना खत्म हुआ जबकि सब तालिया बजा रहे थे लेकिन कविता को जाने कैसी जलन सी हो रही थी सेमेंथा से क्यों कि साहिल गाना गाते वक्त सेमेंथा के चारों तरफ घूमते देख रहा था उसे इस वजह से जबकि कविता के साथ सुमन गौर से देख रही थी सेमेंथा को जाने क्यों सुमन को सेमेंथा का साहिल के साथ देख इसे अजीब बेचैनी सी लग रही थी जबकि दादी को साहिल का सेमेंथा साथ देख कुछ समझ नहीं आ रहा था कि ये लड़की कौन है जिसे साहिल देख इतना खुश हो रहा है जबकि परिवार के लगभग कई लोग हैरान थे सेमेंथा को देख के क्योंकि सेमेंथा देखने में बिल्कुल भी गांव की नहीं लग रही थी और न ही परिवार में उसे कोई जनता था , इन सब बातों से बेखबर साहिल बहुत खुश नजर आ रहा था आज सेमेंथा के वहां होने से साहिल की ये खुशी दादी के साथ कमल से छुपी नहीं थी लेकिन दादी अंजान थी अभी भी सेमेंथा से जबकि कमल समझ गया था सेमेंथा को देख के की साहिल इसी का इंतजार कर रहा था तब साहिल DJ से उतर के जाने लगा था तभी...

कमल – अबे कहा जा रहा है बे अभी तो मजा आने लगा है पार्टी में और तू भागे जा रहा है (दादी की तरफ इशारा करके) दादी इशारे से तेरे को गाना गाने के लिए बोल रही है...

साहिल – अबे अभी गाया तो गाना यार अब क्या मै DJ बन जाऊं....

कमल – ठीक है जा तेरी मर्जी वैसे भी ये पहली बार है जब तू दादी की बात नहीं मान रहा है....

इससे पहले साहिल कुछ बोलता कमल को तभी कमल पलट के चला गया DJ से मुस्कुराते हुए जिसका मतलब था कि साहिल को गाना गाने के लिए मजबूर कर दिया कमल ने दादी का बहाना बना के जिसका नतीजा ये कि साहिल वापस DJ पर गया उससे कुछ बोल के आया तभी एक धुन बजने लगी जिसमें साहिल ने गाना गाया....

SONG

मैं वहाँ जहाँ पे तू है...मेरा इश्क़ तो जुनूँ है...ओ जाना...हर वक्त तू ही तू है...हर सिम्त तू ही तू है....ओ जाना...तू साथ मेरे हरदम...चाहे कहीं भी हूँ....ओ जाना....मैं वहाँ जहाँ पे तू है...मेरा इश्क़ तो जुनूँ है...ओ जाना...ला ला ला ला ला ला....दिन-रात सोचता हूँ....तुझे इतना प्यार मैं दूँ....जो कभी उतर ना पाए....तुझे वो खुमार मैं दूँ....मुझे ऐसे तू कुछ मिला है...जैसे की कोई दुआ है....तुझपे कोई आँच आए....तो मैं खुद को भी जला लूँ....हर दिन मुझी में तू है....हर शब मुझी में तू है...हर दिन मुझी में तू है...हर शब मुझी में तू है...ओ जाना....मैं वहाँ जहाँ पे तू है....मेरा इश्क़ तो जुनूँ है...ओ जाना...ओ जाना...हर पल तुझे संभालूँ....तेरे सारे गम उठा लूँ...मेरा दिल तो ये ही चाहे...तुझे रूह में सजा लूँ...तेरा अक्स नूर सा है...तू एक सुरूर सा है...दिलकश तेरी अदा का....हर लम्हा मैं चुरा लूँ....हरदम खुदी में तू है...मेरी बेखुदी में तू है...हरदम खुदी में तू है...मेरी बेखुदी में तू है...ओ जाना...मैं वहाँ जहाँ पे तू है...मेरा इश्क़ तो जुनूँ है...ओ ओ ओ ओ...ओ जाना


गाना गाते वक्त साहिल की नजर सेमेंथा पर जमी हुई थी जबकि इस गाने पर कमल , खुशी , अवनी , शबनम , शिवानी , सुरभि और पायल एक साथ नाच रहे थे साथ में कविता को भी ये लोग लेके आए DJ पर नाचने के लिए लेकिन कविता साथ में आके पीछे हट गई क्योंकि गाना गाते वक्त साहिल मुस्कुराते हुए सिर्फ सेमेंथा को देख रहा था और ये बात कविता को चुभ रही थी दिल पे काटे की तरह जबकि गाना खत्म होते ही कमल ने जोर से सीटी बजाई साथ में सभी ने जोर दार ताली बजाई तभी कमल ने साहिल से माइक लेके एनाउंस कर दिया...

कमल – (माइक लेके एनाउंस करते हुए सबको) हा तो मजा आया सबको गाने में बोलने की जरूरत नहीं अच्छे से जनता हूँ सबको बहुत मजा आया है...

कमल की बात सुन सभी मेहमान जोर से हंसने लगे तब...

कमल – तो आप सब जानते है कि आज हमारी निधि बुआ की सगाई है इस खुशी के मौके पर निधि बुआ अपने होने वाले पति देव के साथ एक डांस करेगी साहिल के गाने पर इतना बोलते ही पार्टी में सभी लोग तालिया बजाने लगे जबकि साहिल गुस्से में कमल को देखते हुए पास जाके धीरे से...

साहिल – (धीरे से कमल को) क्यों बे मेरे नाम की सुपारी लेके आया है क्या तू जो बार बार मुझे फंसा रहा है गाना गाने के लिए....

कमल – (हस्ते हुए धीरे से) मै नहीं दादी अब तेरी मर्जी भले मत गा गाना ज्यादा से ज्यादा दादी यही कहेगी कि अब तो तू इतना बड़ा हो गया कि मेरी बात को मना करने लगा है...

बोल के कमल चला गया मुस्कुराते हुए जबकि साहिल बेचारा कमल की बात पर गुस्से में अपने दात पिसते रह गया DJ पर खड़ा इसके बाद DJ वाले को गाने का समझा के फिर गाना गाने लगा साहिल....

Song

मेरा चाँद मुझे आया है नज़र..ए रात ज़रा थम थम के गुजर...छाया है नशा मेरी आँखो पर...ए रात ज़रा थम थम के गुजर मेरा चाँद मुझे आया है नज़र...मेरे दिल में है अरमा कई कई मेरी चाहत है अभी नयी नयी रह जाये न प्यासा प्यार मेरा मेरी बाहों में भर दे यार मेरा इतना सा करम तू कर मुझ पर ए रात ज़रा थम थम के गुजर मेरा चाँद मुझे आया है नज़र अभी लबों को लबों ने छुआ नहीं अरमा कोई पूरा हुआ नहीं अभी आस का गुलशन खिलना है अभी दो जिस्मों को मिलना है देखूगा अभी मैं वो मंजर ए रात ज़रा थम थम के गुजर मेरा चाँद मुझे आया है नज़र आया है नज़र


इस गाने पर निधि और उसका होने वाला पति एक साथ (Couple Dance) नाच रहे थे जिसे वहां हर कोई मुस्कुराते हुए देख रहा था गाना खत्म होते ही एक बार फिर से तालिया बजने लगी जबकि इस तरफ मेहमानों में लाला भी आया था अपने परिवार के साथ जिसमें उसका बेटा विजय उसकी बीवी राधिका और दोनों बच्चे आनंद और सिमी , नाच गाने वाले इस प्रोग्राम को देख...

लाला – (अपने बेटे विजय से) देख रहे हो बेटा रनवीर की बीवी को इसकी वजह से ही रनवीर ने हमारे साथ...

विजय – (अपने पिता लाला के कंधे पर हाथ रख के) सब कुछ याद है मुझे पिता जी कुछ नहीं भूला हूँ मै लेकिन इस बार किस्मत को भी हमारा साथ देना होगा क्योंकि इस बार वो अकेली नहीं उसकी बेटी भी साथ है (एक तरफ इशारा करके) वो देखो बिल्कुल अपनी मां की तरह लगती है और रनवीर का सपोला भी बस कल की बात और है पिता जी उसके बाद की सारी तैयारी मैने कर ली है...

लाला – हा इस बार हम वो करेंगे जो उस रात नहीं हुआ था और रनवीर सपने में भी नहीं जान पाएगा इस बारे में...

विजय – एक बात तो बताए पिता जी मैने सुना है रनवीर की बीवी के बारे में कहते है कि वो देवकन्या है...

लाला – (मुस्कुराते हुए) उससे हमे क्या फर्क पड़ेगा बेटा वैसे भी अगर वो देवकन्या है तो और भी अच्छा है दोनों मा बेटी को अच्छे से स्वर्ग की सैर कराएंगे हम...

बात बोल दोनों मुस्कुराने लगे जबकि दूसरी तरफ विजय का बेटा आनंद जो गांव के अपने आवारा 5 दोस्तों के साथ अलग खड़ा होके बात कर रहा था....

दोस्त 1 – यार यहां तो जैसे अप्सराओं का मेला लगा हुआ है यार क्या तो एक से बढ़कर आइटम है यहां पर...

दोस्त 2 – शहर में रहना का असर यही होता है रे....

दोस्त 3 – यार आनंद तेरे तो मजे ही मजे है तू तो ज्यादा तर शहर में रहता है...

दोस्त 4 – छोड़ यार इन बातों को (आनंद से) यार आनंद कुछ तो इंतजाम कर यार इन आइटमों को देख के मन कर रहा है साली को कूतीया बना के मजा लेने का....

आनन्द – चुप करो बे ज्यादा ब्रेक डांस मत करो तुम लोग जानते हो ना किसके हवेली में खड़े हो इस वक्त सालों जैसे भी है मेहमान है वो सब और धीरेन्द्र दादा है मेरे , मेरी मां (राधिका) पिता की तरह मानती है उनको और तुम लोग एसी बाते कर रहे हो....

दोस्त 5 – यार तू तो ऐसी बाते कर रहा है जैसे तेरे लिए सब पुराना है ये सब....

आनंद – पागल है क्या तू मजा तो मुझे बहुत आ रहा है (सेमेंथा को देख के) वैसे ये है कौन बड़ा मस्त मॉल लग रहा है यार....

दोस्त 2 – होगी इनके परिवार से कोई यार...

आनंद – हम्ममम जाने दे बे दादा (धीरेन्द्र) के मेहमान है सब फालतू की सिर दर्द नहीं लेने का....

दोस्त 5 – (मुस्कुरा के) यार तू तो बड़ा शरीफ बन रहा है....

आनंद – साला तुम सबका कुछ नहीं हो सकता है फालतू की कोई हरकत मत करना समझा बस आंखों से बलात्कार करते रहो तुम सब...

बोल के आनंद निकल गया वहां से जबकि उसके बाकी दोस्त सब हंसने लगे आनंद की बात पर लेकिन इस तरफ साहिल DJ से उतरने लगा तभी कमल उसके पास आके...

कमल – अबे कहा जा रहा है बे तू...

साहिल – चल बे अब बहुत हो गया अब नहीं गाने वाला मै...

कमल – (धीरे से) अबे हरामखोर बात सुन मेरी अभी तक तूने दादी के कहें पे गाना गया फिर लेकिन दादी को नचाया नहीं अबे अब एक ऐसा गाना गा दादी के लिए देख कब से बैठी हुई है बेचारी सिर्फ तुझे गाना गाता देख रही है समझा कुछ...

साहिल – (मुस्कुरा के) समझ गया बे अब देख तू...

जिसके बाद कमल निकल गया तभी साहिल ने DJ वाले से कुछ कहा और वापस DJ में आके खड़ा हो गया के तभी सारी लाइट बंद हो गई जिस वजह से सब हैरान होके बाते करने लगे तभी एक लाइट शुरू हुई जो दादी पर पड़ रही थी फिर एक और लाइट शुरू हुई जो साहिल पर पड़ रही थी तब साहिल चलते हुए दादी के पास आया उसके साथ लाइट भी चलती रही दादी के पास आके अपना हाथ आगे कर मुस्कुरा के दादी का हाथ अपने हाथ में लेके उन्हें अपने साथ DJ पर लेके जाने लगा उसके साथ लाइट भी जा रही थी तब DJ पर आते ही गिटार के धुन बजने लगी तब साहिल ने गाना गाना शुरू किया...

SONG

जब कोई बात बिगड़ जाए...जब कोई मुश्क़िल पड़ जाए...तुम देना साथ मेरा, ओ हमनवा....ना कोई है, ना कोई था, ज़िंदगी में तुम्हारे सिवा...तुम देना साथ मेरा, ओ हमनवा....तुम देना साथ मेरा, ओ हमनवा...
)....

गाने के बीच में दादी इशारे से कविता को अपनी जगह बुलाती है लेकिन जैसे ही दादी साहिल का हाथ छोड़ कविता को देने वाली होती है तभी...

Song

साहिल – हो, चाँदनी जब तक रात, देता है हर कोई साथ....तुम अगर अँधेरों में न छोड़ना मेरा हाथ...जब कोई बात बिगड़ जाए...जब कोई मुश्क़िल पड़ जाए...तुम देना साथ मेरा ओ हमनवा....ना कोई है, ना कोई था, ज़िंदगी में तुम्हारे सिवा...तुम देना साथ मेरा, ओ हमनवा..


उसीवक्त कमल अपने साथ सेमेंथा को साथ लेके DJ में आया आते ही उसके साथ नाचने लगा तभी दादी कमल के पास आके नाचने लगी और सेमेंथा , साहिल के साथ तब...

Song
सेमेंथा – वफ़ादारी की वो रश्में, निभाऐंगे हम-तुम क़समें...एक भी साँस ज़िंदगी की, जब तक हो अपने बस में...जब कोई बात बिगड़ जाए...जब कोई मुश्क़िल पड़ जाए...तुम देना साथ मेरा, ओ हमनवा...ना कोई है, ना कोई था, ज़िंदगी में तुम्हारे सिवा...तुम देना साथ मेरा, ओ हमनवा....

साहिल – दिल को मेरे हुआ यक़ीं, हम पहले भी मिले कहीं...सिलसिला ये सदियों का, कोई आज की बात नहीं...दिल को मेरे हुआ यक़ीं, हम पहले भी मिले कहीं सिलसिला ये सदियों का, कोई आज की बात नहीं...जब कोई बात बिगड़ जाए...जब कोई मुश्क़िल पड़ जाए...तुम देना साथ मेरा, ओ हमनवा...ना कोई है, ना कोई था, ज़िंदगी में तुम्हारे सिवा...तुम देना साथ मेरा, ओ हमनवा...तुम देना साथ मेरा, ओ हमनवा


गाना खत्म होते ही सभी तालिया बजाने लगे तब सेमेंथा मुस्कुराते हुए आगे चली गई उसके पीछे साहिल भी निकल गया साथ में कमल भी पहुंच गए दादी के पास साहिल , कमल और सेमेंथा उसी जगह बैठे बाते कर रहे थे जहां साहिल ने सेमेंथा को मिलाया कमल से साथ में दादी से कुछ देर बात करने के बाद परिवार की सभी औरते दादी के पास आ गई थी लेकिन तब तक साहिल और सेमेंथा वहां से दूसरी जगह चले गए टहलते हुए तब...

दादी – (कमल से) तेरे काम का क्या हुआ...

कमल – कुछ समझ नहीं आ रहा है दादी क्या करू कैसे करूं मै....

दादी – क्यों क्या हो गया जैसा तूने कहा था वैसा ही हुआ ना सब कुछ....

कमल – हा दादी लेकिन आज साहिल को सालों के बाद मैने इतना खुश देखा है आज से पहले साहिल खुश था लेकिन ऐसे लगता था जैसे दिखावा कर रहा हो लेकिन आज उसे देख के कोई भी कह सकता है कि साहिल आज बहुत खुश है बस डर इस बात है कि कही माफी वाली बात से फिर से साहिल का मन ना खराब हो जाएं....

दादी – (मुस्कुरा के) ऐसा क्यों सोचता है पगले अच्छा सोचेगा तो अच्छा ही होगा बेटा यकीन कर अपने आप पर अगर सफलता हासिल करनी है तो....

कमल – हा दादी....

जबकि इधर लड़कियों की तरफ....

कविता – (गुस्से में शिवानी , सुरभि, शबनम , रचना और पायल से) कौन है ये देख रही हूँ जब से ये (सेमेंथा) यहां आई है तब से साहिल भाई का ध्यान उसपे ही है....

रचना – पता नहीं मैने तो इसे आज पहली बार देखा है गांव में...

शिवानी – मानना पड़ेगा है तो ये बहुत खुबसूरत शायद इसने अपनी खूबसूरती और मीठी बातों के जाल में फंसाया होगा साहिल को तभी तो साहिल गाना गाते वक्त इसपर ज्यादा ध्यान दे रहा था...

कविता – (गुस्से में) अभी जाके पता करती हु कौन है ये चुड़ैल...

बोल के कविता गुस्से में साहिल की तरफ जाने लगी जबकि इस तरफ जब साहिल और सेमेंथा ये दोनों दादी के बगल से उठ के दूसरी तरफ जा रहे थे


Semaintha-4

तब परिवार की बाकी औरते दादी के पास आई थी लेकिन उसमें सुमन नहीं थी वो साहिल को वहां से जाता देख जो लड़की का हाथ अपने हाथ में पकड़े जा रहा था उसके पास चली गई थी तब...

सुमन – (साहिल से) सुनो...

साहिल – (अपने पीछे सुमन को देख) बोलिए कोई काम था...

सुमन – (क्या बोले बात कुछ समझ ना आते हुए हड़बड़ी में) वो मै ये कह रही थी कि खाना खा लो....

साहिल – बाद में खा लूंगा मै...

बोल के साहिल आगे जाने लगा सेमेंथा के साथ तब...

सुमन – (साहिल से) ये कौन है मुझसे नहीं मिलवाओगे....

साहिल – (बिना किसी रिएक्शन से) सेमेंथा इनसे मिलो इनका नाम मिस सुमन है जिस घर में मै परसो जा रहा हूँ वो इनका घर है बस 2 से 3 साल के लिए रहना पड़ेगा इनके घर में मुझे....

सुमन – (मुस्कुरा के) घर सिर्फ मेरा नहीं हम सबका है और दादी ने तो हमेशा के लिए...

साहिल – (बीच में) जब तक मेरी पढ़ाई चल रही है तब तक के लिए बस (सुमन से) आपको कोई काम था मुझसे...

सुमन – (साहिल के इस तरह बोलें से हड़बड़ाहट में) मै आपको खाने के लिए बुलाने आई थी...

साहिल – अभी मेरी इच्छा नहीं है बाद में....

बोल के साहिल आगे निकल गया सेमेंथा के साथ तभी जब ये हो रहा था तब कविता आ गई जिसे सुमन ने रोक लिया तब...

सुमन – कहा जा रही है तू....

कविता – बात करने जा रही हूँ मै इस चुडैल से है कौन है ये जब से आई है पार्टी में तब से देख रही हूँ इसे साहिल भाई पर जाने क्या जादू कर दिया है इस चुडैल ने...

सुमन – ये तू क्या बोले जा रही है होश में तो है ना तू...

सुमन की बात सुन कविता तो तब समझ आया कि वो गुस्से में क्या करने जा रही थी तब अपने मन को शांत कर सुमन से बोली...

कविता – ये है कौन मां....

सुमन – पता नहीं कौन है ये लड़की जब से मै भी देख रही हूँ इसको पार्टी में आई है तब से साहिल के ध्यान इसपर ही है वही जानने आई थी मै लेकिन यहां तो साहिल दूसरी बात बोलने लगा....

कविता – दूसरी कौन सी बात मा....

सुमन – यही की जब तक साहिल की पढ़ाई चल रही है तब तक रहेगा साहिल घर में....

कविता – ऐसा नहीं हो सकता मां दादी ने तो कहा था हमेशा के लिए घर आयेंगे भाई फिर ये बात क्यों बोली उन्होंने....

सुमन – मुझे खुद समझ नहीं आ रही ये बात फिलहाल इन सब बातों के लिए अभी बहुत वक्त है कविता मै जी जान लगा दूंगी लेकिन साहिल को कही जाने नहीं दूंगी....

कविता – मै साथ हूँ मा कही नहीं जाने देगे हम भाई को चाहे कुछ भी करना पड़े....

साहिल की तरफ...

सेमेंथा – तुमने ऐसा क्यों कहा उनसे की पढ़ाई के बाद चले जाओगे वापस...

साहिल – क्या करूंगा वहा पर यार वैसे भी मै सिर्फ दादी के लिए जा रहा हूं 2 से 3 साल बाद कही दूसरी जगह एडमिशन लेलुंगा क्योंकि वहां पे भी ये लोग ज्यादा दिन रहने थोड़ी देगे मुझे....

सेमेंथा – ऐसा नहीं है साहिल लोग बदलते भी है भले कोई मुझे देख नहीं सकता था आज से पहले तक लेकिन इतने वक्त पे मैने देखा है ये सब....

साहिल – जाने दो इन बातों को यार कल के लिए हम आज क्यों सोचे कल की कल देखेंगे....

सेमेंथा – हम्ममम सही कहा तुमने चलो अब मै चलती हूं खाने का वक्त हो गया है सबका तुम भी जाओ...

साहिल – कहा जाओगी तुम...

सेमेंथा – (मुस्कुरा के) जाना कहा है मुझे रहूंगी यहीं बस तुम्हारे इलावा कोई देख नहीं पाएगा मुझे....

साहिल – (मुस्कुरा के) ठीक है जल्दी मिलता हूँ फिर बाते करेंगे...

बोल के सेमेंथा हवेली से बाहर चली गई बाहर आते ही चारों तरफ देख सेमेंथा गायब हो गई वहां से इधर साहिल निकल गया सबके पास खाने के लिए जबकि अभी भी काफी मेहमान थे वहां पर धीरेन्द्र और राघव उनके साथ लगे हुए थे तभी दादी ने साहिल को अपने पास बुलाया तब...

दादी – (साहिल से) वो कौन थी...

साहिल – (मुस्कुरा के) दोस्त थी दादी...

दादी – अच्छा कैसी दोस्त थी वो और कब बनी तेरी दोस्त मुझे बताया नहीं तूने...

साहिल – वो दादी जब गांव आए थे हम तब मै मिला था उससे बहुत अच्छी लड़की है वो...

दादी – (मुस्कुरा के) हम्ममम देखा मैने कैसे तू बाते कर रहा था उससे...

दादी की बात से साहिल शर्मा गया तब....

दादी – तूने मिला तो दिया लेकिन अच्छे से बात ही नहीं कर पाई उससे हा उसका नाम बड़ा प्यार है , फिर कब मिलवा रहा है सेमेंथा से...

साहिल – जब शहर चलेंगे तब वो भी एडमिशन लेने वाली है उसी कॉलेज में जहां पर मै लूंगा...

दादी – ओह हो तो बात यहां तक आ गई है हम्ममम...

साहिल –(शर्मा के) दादी आप भी न...

दादी – चल चलके खाना खाते है बहुत थक गए है आज सब चल जल्दी से सोते है कल भी जल्दी उठना है कल दिन में शादी है...

बोल के दोनों चले गए खाना खाने सबके साथ तब...

कमल – (खाना खाते वक्त साहिल से) क्यों बे तूने बताया सेमेंथा को कल शादी के बाद हम सब जाने वाले है यहां से शहर में...

साहिल – हा बता दिया उसे और वो भी शहर में आएगी पड़ने हमारे साथ कॉलेज....

कमल – अबे साला तूने पहले से तैयारी कर ली बे और मुझे कब बताने वाला था तू....

साहिल – बताया तो बे अभी तुझे ये सब छोड़ ये बता अकेले खाना खा रहा है अवनी नहीं खा रही तेरे साथ खाना...

कमल – हा यार खाने के साथ जब तक भेजा ना खाने को मिले मेरा पेट कहा भरता है....

साहिल – अच्छा मेरा भेजा खा के ही पेट भरता है तेरा....

कमल – क्या करू तूने आदत बिगाड़ दी है मेरी...

साहिल – कमीना साला...

बोल के हंसने लगे तभी सबका खाना हो गया था तब सब हवेली के अन्दर जाने लगे अपने कमरे की तरफ सोने के लिए कमल और साहिल एक साथ जा रहे थे सबसे आखिर में हवेली के अन्दर तब पीछे से एक लड़की ने साहिल हाथ पकड़ लिया....

लड़की – (साहिल का हाथ पकड़ के) साहिल सुनो...

साहिल – (पलट के अपने सामने रचना को देख) हा बोलिए....

साहिल का इतना बोलना था कि रचना तुरंत गले लग गई साहिल के....

साहिल – (रचना को इस तरह देख) अरे ये क्या आप ऐसे दूर रहिए आप मुझसे कही बदबू ना आने लगे आपसे...

इसके बाद भी रचना अलग न हुई तब....

साहिल –(थोड़ा रुक के) परेशानी क्या है आपकी अगर दिक्कत हो रही मेरे यहां होने से तो चला जाता हु मै....

रचना – (साहिल से अलग हो उसका कॉलर पकड़ के) क्यों जाओगे तुम यहां से जिसको जाना चाहिए था उसे जाने से रोक दिया तुमने जिसने गलत किया उसे तुमने कोई सजा नहीं दी फिर हमे क्यों सजा दे रहे हो तुम...

साहिल – भला मै कौन होता हूँ किसी को सजा देने वाला मैने तो कुछ कहा नहीं किसी को भी (कमल से) क्यों कमल क्या मैने किसी से कुछ बोला है अभी तक...

रचना – (आंख में आंसू लिए) तो क्यों सजा दे रहा है हमें मानती हूँ गलती हुईं है मुझसे अनजाने में....

साहिल – (मुस्कुरा के रचना के आंसू को अपने हाथ से पोछ के) सच कहा आपने 12 सालों से अनजाने में ही गलती हो रही है सबसे और पिछले 12 सालों से अनजाने में ही तो एक बच्चे ने परिवार के होते हुए भी उनके बिना सजा काट रहा है और जब भी उस बच्चे को कोई याद करता है तो सिर्फ गालियों में या कातिल के नाम से और ये सब अनजाने में ही तो हो रहा है लेकिन आपकी क्या गलती इसमें आपने थोड़े कुछ किया मेरे साथ बस गटर छाप ही कहा था आपने कोई बात नहीं जानता हूँ अनजाने में बोला था आपने ठीक है माफ किया मैने आपको जाइए आराम कीजिए अब...

बोल के साहिल जाने लगा जबकि साहिल द्वारा रचना को कही ये बात दूसरी तरफ खड़ी शिवानी , सुरभि , पायल और शबनम चारों ने सुन ली जिसके बाद किसी की हिम्मत नहीं हुई आगे आके साहिल से बात करने की जबकि साहिल की कही बात से रचना रोने के सिवा कुछ नहीं कर पाई तब चारों रचना के पास आके उसे चुप करा के कमरे में ले गए इस तरफ साहिल और कमल अपने कमरे में आके गैलरी में खड़े होके सिगरेट पीने लगे थे तब...

कमल – तू ठीक है....

साहिल – हा मुझे क्या होगा बे...

कमल – रचना बुआ से बात कर रहा था तभी पूछा तेरे से....

साहिल – तो तू क्या चाहता है क्या करू मै , अच्छे से जनता है कल के बाद जरूरी नहीं के हम सब मिले कभी दोबारा और वैसे भी जब इतने सालों में नहीं सोचा किसी ने की मै जिंदा हूँ या मर गया तो आज किस लिए और क्यों पड़े है मेरे पीछे इस तरह से , क्या मैं इंसान नहीं हूँ मेरी कोई फीलिंग्स नहीं है , क्या इन 12 सालों में मुझे तकलीफ नहीं हुई , इस बात से की मेरे अपने होते हुए भी किसी ने भी मुझसे मिलने की कोशिश नहीं की क्या मै नहीं चाहता था कि मेरा जन्मदिन धूम धाम से मने पूरे परिवार के साथ क्या मै नहीं चाहता था कि मै भी सबकी तरह अपने परिवार के साथ घूमूं और कहा थे उस वक्त ये लोग जब हर साल ये लोग पूरे परिवार के साथ पिकनिक मनाने जाते थे अलग अलग शहरों में और विदेश में कौन था मेरे साथ इन सब में से , कौन था मेरे साथ इन सब में जब मुझे अटैक आते थे कोई नहीं था कमल कोई नहीं सिर्फ दादी थी और तू था हर वक्त साथ मेरे और कोई नहीं...

कमल – छोड़ तू गुस्सा मत हो यार जाने दे ये सब....

साहिल – नहीं यार मै गुस्सा नहीं हूँ इस वक्त किसी से भी बस आज मैं इन लोगों में एक तड़प देख रहा हूँ वही तड़प जो 12 साल पहले मेरे अन्दर थी मै तो धीरे धीरे सम्भल गया था क्योंकि मेरे साथ तू है दादी है और इनके साथ तो पूरा परिवार है (हंसके) मुझे नहीं लगता इनको 12 दिन भी लगेगे संभलने में देखना भूल जाएंगे जल्दी ये लोग सब कुछ क्योंकि अभी कुछ दिन बाद फिर से ये इनका पूरा परिवार जा रहा है घूमने...

बोल के हंसने लगा साहिल जिसे कमल सिर्फ देख रहा था चुप चाप...

कमल – हम्ममम चल सोते है यार....

बोल के दोनों सोने चले गए बेड में जहां साहिल बेड में लेटते आंख बंद कर ली थी उसने दूसरी तरफ कमल सिर्फ गौर से देख रहा था साहिल को काफी देर तक देखता रहा तब...

कमल – (साहिल को हिलाते हुए) साहिल ओह साहिल...

लेकिन साहिल गहरी नींद में सो गया था तब कमल बेड से उठ के बाल्कनी में चला गया बाहर आते ही कमल सीधा गया निधि वाले कमरे की तरफ जहां सुमन अभी भी बाल्कनी में खड़ी थी तब से जब साहिल और कमल सिगरेट पी रहे थे तब कमल ने देख लिया था सुमन को जो बाल्कनी में एक तरफ खड़ी थी साहिल को देख रही थी तब कमल गया सुमन के पास जाके...

कमल – (सुमन से) आप सोए नहीं अभी तक...

सुमन – (हल्का मुस्कुरा के) बस जा रही थी सोने और तुम सोए क्यों नहीं अभी तक...

कमल – ऐसे ही नींद नहीं आ रही थी मुझे और मै जनता हूँ की आप हम दोनों को देख रही थी क्योंकि मैने आपको देख लिया था इसीलिए आपके पास आ गया...

सुमन – साहिल सो गया...

कमल – हा सो गया साहिल मुझे आपसे एक बात कहनी है....

सुमन – हा बोलो ना...

कमल – मै जनता हूँ आपने हमारी सारी बाते सुनी है मै बस ये कहने आया हूं कि साहिल का दिल बेचैन है इस वक्त , वो अभी कुछ भी समझ नहीं पा रहा है इन सब बातों को , वो चाहे कुछ भी बोल दे लेकिन सच ये है वो कभी भूला ही नहीं अपने परिवार को बस इस बात को एक्सेप्ट नहीं कर पा रहा है साहिल , आप समझ रही है ना बात मेरी इस वक्त साहिल के लिए ये सिर्फ एक सपने जैसा है उसे लगता है जब वो जागेगा तो ये सपना टूट जाएगा शायद इसीलिए वो ये सब कर रहा है....

सुमन – कमल मुझसे बेहतर तुम जानते हो साहिल को तुम्ही कुछ बताओ ऐसा क्या करू मै साहिल के लिए जिससे उसे यकीन हो कि ये सच है सपना नहीं....

कमल – अगर आप साहिल के लिए कुछ करना चाहते हो तो उसे जो करना है करने दीजियेगा न उसे रोकिए न टोकिये क्योंकि साहिल चाहे जैसा भी है वो किसी को दर्द में नहीं देख सकता है कभी , बाकी अब सब आपके ऊपर है आप कैसे उसे हैंडल करते हो....

बोल के कमल जाने लगा कमरे में...

जबकि इस तरफ जब कमल कमरे से गया था सुमन से मिलने तब उसके जाते ही रचना , शिवानी , पायल , शबनम और सुरभि आ गए साहिल के कमरे में जहां साहिल बेड में आंख बंद करके सो रहा था तब रचना साहिल के पास आके उसके सिर पे हाथ फेर रही थी तब उसकी आंख से आंसू निकल गिर गया साहिल के चेहरे पर तभी साहिल की नींद खुल गई अपने सामने सभी लड़कियों को देख उठने जा रहा था तभी....

रचना – (साहिल के सिर पे रथ रख के) लेटा रह चुप चाप कुछ मत बोलना बस सिर्फ एक बार सुन ले बात मेरी...

जिसके बाद साहिल कुछ नहीं बोलता बस चुप रहता है तब...

रचना – जब तू छोटा सा था तब भाभी अक्सर यहां आती थी उस वक्त मै तुझे अपनी गोद में लेके पूरी हवेली घुमाया करती थी उस वक्त तू बहुत शरारती था हर वक्त बस मेरी गोद में रहता था जब भी भाभी की गोद में जाता तो रोने लगता था जनता है उस वक्त तेरे दादा मुझे बहुत प्यार करते थे अपनी बेटी की तरह बिल्कुल जब कभी मेरे पिता से मै किसी चीज के लिए जिद करती वो नहीं दिलाते तो तेरे दादा जी मुझे दिलाते थे वो सब मै भी उनसे बहुत प्यार करती थी अपने पिता से भी ज्यादा जब वो यहां आते मै हर वक्त उनके साथ रहती खाना खाती गांव घूमती थी सब कुछ अच्छा चल रहा था फिर एक दिन की बात है रात के वक्त फोन आया हमारे घर में उस वक्त मैंने फोन उठाया तब पता चला मुझे बाबू जी के बारे में हम फौरन निकल गए शहर के लिए वहां जाते ही मैने बाबू जी...

बोल के रोने लगी रचना जिसे देख जाने साहिल को क्या हुआ उसने अपना हाथ आगे कर उसके आसू पोछे जिसे देख रचना ने साहिल का हाथ पकड़ के चूमने लगी साथ रोने लगी....

साहिल – फिर क्या हुआ....

रचना – (रोते हुए) बाबू जी जा चुके थे हमें छोड़ के...

MINI FLASH BACK

उसके बाद सारा क्रिया कर्म होने के बाद एक दिन सभी की बाते हो रही थी तब घर में पुलिस आई तब तेरे पापा (रनवीर) उनसे कुछ बोलने जा रहे थे तभी तेरे बड़े पाप (राजेश) ने बीच में आ गए और पुलिस वालो को अलग ले जाके बात करने लगे उसके बाद पुलिस चली गई तब तेरे बड़े पापा हम सबके पास आए तब...

रनवीर – (राजेश से) आपने मुझे क्यों रोका भइया बात करने देते मुझे पुलिस से उनको भी पता चलता किसने किया ये सब....

राजेश – दिमाग खराब है क्या तुम्हारा जानते भी हो इसके बाद क्या होता कितनी बदनामी होती हमारी और किस किस को सफाई देते फिरते हम....

रनवीर – तो आप क्या चाहते है ये जानते हुए भी कि किसने मारा है पिता जी को उसे छोड़ दे....

राजेश – होश में आओ रनवीर भूलो मत वो तुम्हारा बेटा है हमारे घर का बच्चा है वो...

रनवीर – मर गया मेरे लिए वो कोई नहीं है मेरा बेटा मेरी सिर्फ एक बेटी है कोई बेटा नहीं है मेरा...

साहिल को देख जो अपनी दादी के साथ बैठा था गुमसुम उसके पास जाके एक खींच के चाटा मारा उसे तब राजेश कुछ बोलने जा रहा था के अचानक से दादी गुस्से में अपनी जगह से खड़ी होके....

दादी – (गुस्से में रनवीर से) बहुत हो गया तेरा तमाशा रनवीर अब अगर मेरे बच्चे पे हाथ उठाया या एक शब्द भी किसी ने बोला साहिल के लिए तो मै भूल जाऊंगी तुम सब कौन हो , रही बात साहिल की नहीं जरूरत है इसे किसी की , मेरे बच्चे को मै पालूंगी नहीं जरूरत है मुझे किसी के सहारे की प्रताप सिंह की बीवी हूँ मै आज से साहिल मेरा पोता नहीं मेरा बेटा है प्रताप सिंह का बेटा समझे...

इतना बोल दादी ने तुरंत साहिल का हाथ पकड़ के उसे अपने साथ अपने कमरे में ले जाने लगी तभी बीच में रुक...

दादी – (सबको देख के) और एक बात कान खोल के सुन लो सब अगर कभी गलती से भी मेरे बच्चे की तरफ आंख उठा के देखा या उसे हाथ भी लगाया तुममें से किसी ने तो ढूंढ लेना अपने लिए एक नया घर समझे...

FLASH BACK END

रचना – इतना बोल के दादी तुझे कमरे में ले गई और दरवाजा बंद कर दिया उसके बाद सभी आपस में बात करने लगे तभी सभी को पता चला कि तूने मारा बाबूजी को...

बोल के रचना कुछ सेकंड चुप रही फिर....

रचना – उसके बाद से आज इतने सालों बाद मै मिली सभी से जब मेरी शादी हुई थी तब तेरे परिवार से कोई नहीं आया था सिर्फ (शिवानी , सुरभि , पायल और शबनम को तरफ इशारा करके) ये लोग आए थे अपनी फैमिली के साथ और दादी तब पता चला मुझे की बाकी के लोग फैमिली टूर पर गए है ये उनका हर साल का था प्रोग्राम सिर्फ दादी को छोड़ के क्यों की जब सब चले जाते थे तब दादी तेरे पास आ जाती थी मेरी शादी जल्द बाजी में हुई थी तब किसी को पता नहीं था इस बात का सिर्फ दादी आई थी तब मेरी शादी में (अपने छोटे बच्चे को शिवानी से अपनी गोद में लेके) साहिल मै अपने बच्चे के सिर पर हाथ रख के कसम खाती हूँ मानती हूँ मैने तुझसे या किसी से उस दिन के बाद संपर्क नहीं किया मानती हूँ मै तुझसे भी नहीं मिली लेकिन मैने सपने में भी कभी तुझे गलत नहीं बोला हा जब तू उस दिन मिला मुझे तब मुझे बाबू जी की याद आगई बस इसलिए मैं बिना बात किए चली गई वहां से तुझसे कुछ बोले ये भी मानती हूँ उस दिन गलती से मेरे मू से तेरे लिए वो सब निकल गया लेकिन मैने कभी तुझसे नफरत नहीं की साहिल कभी नहीं...

बोल के रोने लगी रचना तब साहिल बेड से उठ के रचना के बेटे को अपनी गोद में लेके...

साहिल – (छोटे बच्चे को देख जो सो रहा था मुस्कुरा के) बहुत प्यार है आपका बेटा बुआ बिल्कुल आप पर गया है...

इतना सुन रचना ने साहिल को गले लगा लिया....

रचना – माफ कर दे मुझे साहिल अकल की आंधी थी मै इतने सालों से तुझसे दूर रही इतना कुछ तेरे साथ हुआ उसके बाद भी तुझे अपनी नफरत एक तरफ करके पहले परिवार के बच्चों के बारे में सोचा तू सच में बहुत अच्छा है साहिल तेरे सामने हम सब बेकार है गटर छाप है हम तू नहीं तू बिल्कुल सही है साहिल....

साहिल – बस करो रो मत देखो आपका बेटा उठा जाएगा ऐसे तो मत रो आप प्लीज मै नाराज नहीं हूं आपसे बुआ सालों बाद तो मुझे पता चला कि परिवार क्या होता है कैसा होता है उसका प्यार अगर दादा जी मुझे यहां नहीं लाते तो मै कभी ना जान पता इस बात को , आपने कोई गलती नहीं की बुआ भूल जाओ उसे एक बुरा सपना समझ के....

रचना – तू भी बिल्कुल अपने दादा की तरह है साहिल वो भी पहले दूसरों के बारे में सोचते थे और तू भी (चुप होके) साहिल मेरी तरह ये चारों भी बहुत प्यार करते है तुझसे कसम खा के कहती हूँ साहिल इनके दिल में कोई नफरत नहीं है तेरे लिए अगर सच में तूने मुझे माफ कर दिया तो प्लीज अपनी इस बुआ के लिए इन्हें भी माफ कर दे...

साहिल – बुआ मेरे दिल में आपके और इनके लिए कभी कुछ था ही नहीं तो नफरत कैसी उल्टा मै आपसे और इनसे पहली बार मिला हूँ बुआ मेरे दिल में इनके लिए कभी कोई मैल था ही नहीं...

इतना सुनना था कि चारों लड़कियां रोते हुए साहिल के गले लग गई एक साथ...

शिवानी – मेरा इतना प्यार करने वाला प्यारा भाई है मुझे पता नहीं था वर्ना मैं कब का तुझे अपने पास रख लेती मेरे भाई....

पायल – साहिल भाई मै कसम खाती हूँ अपने भाई का साथ मरते दम तक निभाऊंगी चाहे कोई कुछ बोले...

सुरभि – हा भाई हम आपका साथ कभी नहीं छोड़ेंगे....

साहिल – चलिए ठीक है अब आप सब आराम करिए रात बहुत हो गई है कल सुबह जल्दी उठना है शादी है दिन की....

रचना – हा ठीक है , साहिल एक बात बोलूं....

साहिल – हा बोलो ना बुआ....

रचना – मुझे पता है कल शादी के बाद तू सबके साथ शहर जा रहा है अगर तेरा मन ना लगे वहां तो तू मेरे पास आ जाना और इस बारे में कुछ भी बोलने की जरूरत नहीं अगर सच में बुआ मानता है मुझे तो मान जाना मेरी बात...

साहिल – (मुस्कुरा के) ठीक है बुआ अगर ऐसा हुआ तो आपके पास आ जाऊंगा....

बोल के सभी मुस्कुराते हुए जाने लगे थे तभी सबकी नजर कमल पर पड़ी जो बाल्कनी में खड़ा सबको देख रहा था मुस्कुराते हुए तब...

रचना – (कमल के गले लग के) थैंक यूं कमल...

बोल के अलग हो गई मुस्कुराते हुए...

कमल – कोई बात नहीं बुआ...

जिसके बाद बाकी चारों भी कमल के गले लग के उसका शुक्रिया अदा किया तब....

पायल – (कमल से) मैने एक भाई मंगा था ऊपर वाले से उसने मुझे आज दो भाई दे दिए थैंक यूं कमल...

बोल के सभी चले गए अपने कमरे में आराम करने तब....

साहिल – क्यों बे तू इस वक्त कहा चला गया था अपनी गांड़ मराने के लिए कही अवनी के पास...

कमल – (मुस्कुरा के) अबे नहीं बे इंतजाम करने गया तेरी गाड़ की खुजली दूर करने के लिए...

साहिल – क्या मतलब है बे...

कमल – मै कही नहीं गया नींद नहीं आ रही थी इसीलिए बाल्कनी में आया था तभी देखा ये सब आ रही है तेरे पास तो मै एक जगह छुप गया था बे ये सब छोड़ अब बता क्या बाते हो रही थी...

फिर साहिल सारी बात बताता है कमल को...

कमल – अच्छी बात है यार अच्छा लगा मुझे तेरे लिए तू खुश तो है ना...

साहिल – हम्ममम खुश हूँ यार....

कमल – (साहिल के इस जवाब को समझ के) देख अभी से आगे के बारे में मत सोच जो है उसमें खुश रह तू बस आगे का आगे देखेंगे हम दोनों ठीक है...

साहिल – ठीक है...बोल के दोनों सो गए....
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जारी रहेगा✍️✍️
Fabulous update outstanding great job done
 

DEVIL MAXIMUM

"सर्वेभ्यः सर्वभावेभ्यः सर्वात्मना नमः।"
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UPDATE 18



एक मंदिर जहा शिव जी की एक बड़ी सी सुंदर प्रतिमा थी उसी के नीचे 15 से 20 सीढ़ियां बनी थी जो सीधे शिव जी की प्रतिमा पर खत्म होती है उसी प्रतिमा के नीचे खड़ी सुमन और कविता हाथ जोड़ के उनका आशीर्वाद ले रही थी जबकि साहिल सीडीओ के नीचे खड़ा था वो दोनों के पास आके...


साहिल – (सुमन और कविता से) चले देर हो रही है मौसम बिगड़ रहा है बरसात होने को है...


सुमन – हा चलते है...


बोल के सुमन देखती है कि साहिल के पीछे एक आदमी आता है और अचानक से साहिल की पीठ पे चाकू घोप देता है जिस देख सुमन जोर से चिल्लाती है....


सुमन – (चिल्ला के) साहिल...


अचानक से नींद से जाग के चिल्लाने से बगल में सो रही कविता और निधि जाग जाते है दोनों देखते है सुमन नींद से डर और घबराहट से जागी हुई लंबी लंबी सास ले रही है तभी...


निधि – क्या हुआ भाभी क्या बात है आप डरी डरी सी क्यों हो...


कविता – क्या हुआ मा आप चिल्लाई क्यों...


सुमन – (अपने चारों तरफ देख जहा वो कमरे में है तब) मैने एक बहुत बुरा सपना देखा , मैने देखा किसी ने साहिल को पीठ पे चाकू मारा...


निधि – भाभी शायद आपने बुरा सपना देखा होगा साहिल तो अपने कमरे में सो रहा होगा....


सुमन बिना बात सुने तुरंत गैलरी से होते हुए साहिल के कमरे की तरफ जाती है उसके पीछे निधि और कविता भी जहा सुमन देखती है साहिल और कमल कमरे में सो रहे है तब...


कविता – मा देखो भईया सो रहे है आप घबराओ मत आपने बुरा सपना देखा होगा और कुछ नहीं...


सुमन – ऐसा लगा जैसे सपना ना हो सच हो वो सब...


निधि – कोई बात नहीं भाभी सपने देखते वक्त ऐसा लगता है अक्सर आप चलो आराम करो देखो कितने आराम से सो रहे है साहिल और कमल हमारी आवाज सुन कही उनकी नींद ना टूट जाए...


जिसके बाद तीनों चले जाते है कमरे में आराम करने कुछ देर बाद सुमन को नींद आ जाती है खेर आज का दिन है शादी का निधि की साथ ही धीरेन्द्र की हवेली में आखिरी दिन सभी मेहमानों का अगले दिन सभी वापस जाने वाले थे लेकिन फिलहाल हम आज की बात करते है आज की सुबह लगभग सभी जल्दी उठ गए क्योंकि शादी आज दिन की थी उठते ही सभी तैयारी में लग गए कल की तरह आज भी हवेली को सभी औरते बन ठन के तैयार होके हवेली के बाहर मंडप में आ गई जहां पर आज निधि शादी के लाल जोड़े में दुल्हन के रूप में मंडप में बैठी अपने होने वाले दूल्हे के साथ जहां बगल में निधि के ससुराल वाले साथ में निधि के पिता जी और साथ में भाई राघव और रागिनी बैठे थे जिसे धीरेन्द्र ने ही कहा था तभी रागिनी आई थी जबकि एक तरफ पंडित जी बैठ के मंत्र पढ़ रहे थे जबकि दूसरी तरफ आज साहिल सिर्फ कमल के साथ नहीं था क्योंकि आज उसके साथ शिवानी , रचना , सुरभि , पायल और शबनम साथ में बैठी एक दूसरे से हस के बाते कर रही थी सब जिसे दादी मुस्कुराते देख रही थी साथ में बाकी के परिवार वाले भी उन्हें देख के खुश थे इस बात से की आज साहिल सभी लड़कियों से बाते कर रहा है साथ में सुमन सुबह के सपने वाली बात को भूल कर साहिल इतना खुश देख उसे सबसे ज्यादा खुशी हो रही थी आज सुमन को लग रहा था कि जल्द ही ऐसा वक्त आयेगा जब साहिल इस तरह उसके साथ बाते करेगा हस के जबकि कविता , अवनी और खुशी ये देख थोड़ी हैरान थी कि आज साहिल उनकी बुआ की चारों बेटियों के साथ बैठ बाते कर रहा है हस के लेकिन उन्हें सुमन की तरह ये उम्मीद हो गई थी आगे के लिए जबकि दूसरी तरफ इन सब के बीच पूनम और सोनम अपनी मां रीना के साथ अकेले बैठी थी ऐसा नहीं था कि सोनम और पूनम से कोई बात नहीं कर रहा था लेकिन उस हादसे के बाद उनकी मां किसी से बात नहीं कर रही थी जिस वजह से अपनी मां को अकेला छोड़ना उन्हें अच्छा नहीं लगा सो अपनी मां के साथ बैठी थी अकेले जबकि इस तरफ सेमेंथा मुस्कुराते हुए साहिल के पास खड़ी देख रही थी साहिल को किस तरफ उसकी सभी बहनों ने उसे घेर के रखा है उसे कही जाने तक नहीं दे रही थी बेचारा साहिल को एक पल का मौका नहीं मिल पा रहा था सेमेंथा से बात करने का जिस वजह से सेमेंथा मुस्कुराते हुए साहिल को आज बहुत खुश देख रही थी वो चाहती तो साहिल सबसे अलग हो सकता था लेकिन सेमेंथा को साहिल को इस तरह से खुश देखे उसके मन को खुशी हो रही थी इन सब से अलग एक परिवार और भी था जिसकी 2 औरते धीरेन्द्र के परिवार के साथ मंडप के बगल में बैठी थी वो था लाला का परिवार की राधिका और उसकी बेटी सिमी जो सबसे बाते में लगी थी...


जबकि लाला उसका बेटा विजय एक तरफ अपने मुनीम के साथ खड़े थे शादी होते देखते हुए तभी उनके पीछे से कोई उनसे बात करता है....


आदमी – कैसे हो लाला...


लाला और विजय पीछे मूड के अपने सामने रनवीर को देख के...


लाला – अच्छा हूँ रनवीर तुम बताओ....


रनवीर – देख रहा हूँ कल से तुम दोनों बाप बेटे कल भी अलग खड़े थे सबसे और आज भी....


विजय – हम बस धीरेन्द्र दादा के खातिर उनकी बेटी की शादी में शरीक होने आए है रनवीर , आशीर्वाद देके चले जाएंगे...


रनवीर – (मुस्कुराते हुए) हम्ममम वो तो मै कल से देख रहा हूँ तुम दोनों की नजरों को की क्या करने आए हो यहां पर...


लाला – देखो रनवीर हम सिर्फ शादी में आय है बस इसके इलावा कुछ नहीं वैसे मै मिला था तुम्हारे बेटे से बिल्कुल तुमपे गया है वही अंदाज वही घमंड उसमें भी है जो तुममें है...


रनवीर – मै यहां किसी और की नहीं बल्कि तुम्हारी नजरों की बात करने आया हु लाला जरा सम्भल के लाला कही उस रात की तरह आगे कुछ ना हो....


विजय – रनवीर अगर हमारे यहां आने से तुम्हे दिक्कत हो रही है तो हम चले जाते है लेकिन मै फिर भी यही कहूंगा हम सिर्फ शादी में निधि को आशीर्वाद देने आए है बस....


रनवीर – अच्छा है अगर ऐसा हो क्योंकि तुम दोनों बाप बेटो की नजर मैने कल देख ली थी कैसे मेरे परिवार की लड़की और औरतों को देख रहे थे सोचा याद दिल दूं तुम दोनों को के इस बार तुम दोनों वो गलती मत करना जो (विजय से) तेरे बड़े भाई ने की थी (लाला से) और तेरे बड़े भाई और उसके दोनों बेटो ने की थी कही ऐसा न हो तेरा वंश ही ना बचे...


बोल के जाने लगा रनवीर तभी वापस आके...


रनवीर – (लाला से) अपने पोते को भी सम्भाल लेना लाला तेरी तरह उसकी नजरे भी कुछ ज्यादा ही तेज चल रही थी कल समझे चलता हूँ और हा आशीर्वाद देके जरूर जाना वर्ना धीरेन्द्र मामा को अच्छा नहीं लगेगा...


बोल के रनवीर निकल जाता है वहां से उसके जाते ही...


लाला – (विजय से) आनंद को जाके समझा दो विजय ऐसी वैसी कोई हरकत न करे मै नहीं चाहता कि रनवीर की नजर में आ जाए आनंद...


विजय – आनंद को मै समझा दूंगा पिता जी लेकिन रनवीर आज इतना क्यों उछल रहा है...


लाला – पहले रनवीर अकेला था आज उसका बेटा जो है साथ में इसीलिए हमे अपना घमंड दिखाने आया था , खेर तुम जाके पहले आनंद से बात कर लो बाकी रनवीर को बाद में देखेंगे पहले उसके सपोले फिर उसकी मां बेटी की कल खेर नहीं कल अपने भाई उसके बेटे और अपने बेटे का बदला लूंगा तब रनवीर को पता चलेगा हमसे टकराने का अंजाम क्या होता है...


इधर विजय अपने बेटे आनंद के पास जाता है जो अपने दोस्तों के साथ बात कर रहा था वहां आते ही...


विजय – (देखता है उसका बेटा आनंद रनवीर की परिवार की लड़कियों को देख अपने दोस्तो से बाते कर रहा था तब) आनंद तुझे समझाया था ना फिर भी तू अपने दोस्तो के साथ ये सब कर रहा है...


आनंद – (अचानक अपने बाप को सामने देख) नहीं पिता जी मै तो बस अपने दोस्तो से बाते कर रहा था...


विजय – अच्छे से जनता हूँ तू क्या बाते कर रहा है अपने दोस्तो से और किसके लिए , मै तुझे समझा दे रहा हूँ आनंद अगर गलती से भी तूने या तेरे दोस्तों में किसी ने भी कुछ भी ऐसी वैसी हरकत की तो याद रखना तेरे दादा और मै तुझे छोड़ेंगे नहीं समझा...


इन बातों के बीच राधिका आ जाती है आनंद के पास तब...


आनंद – मुझे समझ नहीं आता आप इतना घबरा क्यों रहे है भला हमें किसी से क्या डर कौन हमारा क्या बिगाड़ लेगा यहां अगर कुछ कर भी दिया तो...


विजय – (अपनी बीवी राधिका को पास में देख ज्यादा कुछ न बोलते हुए) जितना कहा वो समझ जा बस बाकी तुझे बता दिया मैने...


बोल के विजय चला जाता है जबकि...


राधिका – (अपने बेटे आनंद को उसके दोस्तों से अलग ले जाके) क्या बोल रहे थे वो तुझे...


आनंद – कुछ नहीं मा तुम परेशान मत हो तुम जाओ बाकी औरते के साथ बाते करो....


राधिका – और कर भी क्या सकती हूँ मै घर में जैसे तेरे दादा है वैसे पिता भी बस एक तू था जो कम से कम बात तो करता था पूछता था अपनी मां को लेकिन अब तू भी अपने बाप की तरह बन गया है जिसे अपना घर छोड़ के बाकी सबके लिए फुर्सत है...


आनंद – मा देखो तुम फिर से शुरू मत हो जाओ...


राधिका – तो क्या करू सिर्फ तेरे और सिमी के खातिर रुकी हूँ मै हवेली में वर्ना कब का छोड़ के चली जाती मै...


आनंद – तुम्हारी परेशानी क्या है मां जो हर बार तुम इस तरह से बाते करती हो ऊपर से पिता जी वो अलग सुना के चले गए बाते...


राधिका – तेरे पिता ने क्या कहा मुझे नहीं पता मुझे सिर्फ तेरी ही चिंता है बेटा जाने कहा खो गया मेरा वो बेटा जो हर वक्त अपनी मां का हाथ थामे रहता था मैने खाना खाया या नहीं खाया उसकी चिंता उसे लगी रहती थी जब तक मै नहीं खाती खाना तब मेरा बेटा छूता तक नहीं था खाने को और आज मा भूखी सो जाएं लेकिन बेटा पूछता तक नहीं अपनी मां को एक बार भी...


आनंद – दूर भी तुमने किया था मुझे मा मै नहीं हुआ था...


राधिका – दूर किया था इसीलिए ताकि अपने पैरों पर खड़ा हो सके सम्भल सके अपने आप को ताकि कल को मुझे कुछ हो गया कम से कम तू सम्भाल लेगा अपनी बहन को लेकिन अब लगता है कल को मुझे कुछ होगया जाने तेरी बहन का क्या होगा कब कौन उसे अपना शिकार बना ले....


आनंद – अब तुम ज्यादा सोच रही हो मां ऐसी बेकार की बाते मत कर तू....


राधिका – तो तू वापस आजा छोड़ दे ये सब , कुछ नहीं चाहिए मुझे तू मै सिमी हम कही और चले जाएंगे दूर यहां से एक कमरे में रहेगी लेकिन खुश रहूंगी मै तुम दोनों के साथ....


आनंद – आखिर बात क्या है क्यों ऐसी बाते करती हो बार बार परेशानी क्या है पिता जी और दादा जी से आपको...


राधिका कुछ बोलने को हुई तभी आनंद को उसके दोस्तों ने आवाज लगाई तब...


आनंद – (अपने दोस्तो को) आता हूँ (राधिका से) मै सब कुछ छोड़ दूंगा जहां कहेगी वहां चलूंगा लेकिन जब तक तुम बताती नहीं वो बात तब तक बिल्कुल भी नहीं....


बोल के आनंद चला जाता है अपने दोस्तो के पास और राधिका चली जाती है धीरेन्द्र के परिवार के पास बैठ जाती है मंडप के पास अपनी बेटी के साथ तब...


सिमी – क्या हुआ मां तुम्हारा चेहरा क्यों उतरा हुआ है फिर से आनंद से कोई बात हुई क्या....


राधिका – मैने सोच लिया है सिमी आज मै आनंद को सब बता दूंगी...


सिमी – और उसके बाद आपको लगता है आनंद चुप बैठेगा....


राधिका – अगर वो समझ गया बात तो शायद हम तीनों दूर चले जाएंगे यहां से बस बहुत हो गया अब मै और नहीं झेल सकती इन बाप बेटो के कमीने पन को....


सिमी – तो आप धीरेन्द्र दादा को बता दो सारी बात वो मदद करेंगे हमारी....


राधिका – हम्ममम शादी के बाद मै बात करूंगी धीरेंद्र जी से...


खेर निधि की शादी हो जाती है अब आता है विदाई का वक्त विदाई के वक्त धीरेन्द्र का पूरा परिवार एक साथ निधि को विदाई कर रहा था तब निधि सबसे मिल रही थी आंख में आंसू लिए एक एक करके सबसे गले लग रही थी फिर राघव की बेटी से गले लग के और जोर से रोने लगी थी जिसे सभी समझ रहे थे कि निधि घर से विदा होंने की वजह से रो रही है लेकिन असल में राघव की बेटी से गले लगते वक्त उसे दुख हो रहा था इस बात का की उसके जाने के बाद जाने घर में क्या होगा कैसे रह पाएगी उसकी छोटी सी भतीजी फिर बच्ची से अलग होके निधि की नजरे किसी को ढूंढने लगी जो सबसे पीछे खड़ा होके निधि को देख रहा था वो था साहिल जो निधि को घर से विदा होते देख न उसके चेहरे पर अजीब सी उदासी थी साहिल को देख निधि सबके बीच से होते हुए साहिल के पास जाके उसके गले लग के रोने लगी साहिल के गले लगते ही जाने क्यों लेकिन साहिल के आंख में अपने आप आसू आ गए तब...


निधि – (रोते हुए) मैने तुझसे कुछ नहीं मांगा साहिल आज तक , प्लीज आज मेरे ऊपर एक एहसान कर दे...


साहिल – आप जो बोलो वो करूंगा आपके लिए बस एहसान का नाम दो इसे...


निधि – साहिल प्लीज राघव भइया के लिए कुछ कर दे वर्ना मेरी प्रिंसेस का क्या होगा मुझे डर लग रहा है उसके लिए मै नहीं चाहती कि तेरे जैसा उसके साथ कुछ हो साहिल प्लीज मेरे लिए इतना कर दे....


साहिल – बुआ आप रो मत कुछ नहीं होगा ऐसा , सब ठीक होगा मै हूँ ना अब बेफिक्र रहो बुआ...


निधि – मुझे बस तुझपे भरोसा है साहिल सम्भाल ले तू सब तेरे हाथ में है...


साहिल – (हल्का मुस्कुरा के) हा बुआ...


जिसके बाद साहिल खुद निधि को अपने साथ ले जाके कार में बैठता है सबके साथ हर किसी की आंख में आंसू थे निधि की विदाई के लिए धीरे धीरे कार आगे जाने लगती है हर कोई हाथ हिला के (Bye) करते है देखते देखते कार और आगे चली जाती है धीरे धीरे कार सबकी आंखों से ओझल हो जाती है तब हर कोई हवेली के अन्दर जाने लगते है साथ में लाला , विजय , राधिका , आनंद और सिमी भी सबसे विदा लेके जाने लगते है तभी....


राधिका – (धीरेन्द्र से चुपके से) बाबू जी मुझे आपकी मदद चाहिए....


धीरेन्द्र – हा राधिका बोलो क्या बात है....


फिर राधिका कुछ बोलती है जिसे सुन के....


धीरेन्द्र – ठीक है तुम बेफिक्र रहो राधिका जब तुम्हारी तैयारी हो जाय मुझे इकतलाह कर देना बाकी मै सम्भाल लूंगा....


जिसके बाद राधिका अपने परिवार के पास चली गई गाड़ी में बैठ के रस्ते में....


लाला – (अपने बेटे विजय से) कल की तैयारी कर देना विजय ऐसे सुनहरे मौके हाथ से जाना नहीं चाहिए...


विजय – (मुस्कुरा के) हा पिता जी सारी तैयारी मैने पहले से कर दी है बस कल का इंतजार है....


राधिका – (बात को न समझ के) किस बात की तैयारी करने की बात हो रही है...


विजय – तुम इस चक्कर में मत पड़ो राधिका मर्दों का काम मर्दों को शोभा देता है तुम सिर्फ चूल्हा पर ध्यान दो....


राधिका – इतने सालों से यही तो कर रही हूँ मै चूल्हा देखना और आपकी बाते सुनना...


विजय – (गुस्से में) ज्यादा जुबान मत चला समझी हद में रह के बात कर ज्यादा चू चे की तो घर के जगह कोठे में बैठा दूंगा तुझे...


विजय की बात सुन उसके बेटे आनंद को गुस्सा आ गया....


आनंद – (गुस्से में चिल्ला के) बस बहुत हो गया पिता जी अब एक शब्द नहीं मा है वो मेरी आपकी हिम्मत कैसे हुईं मेरी मां से इस तरह से बोलने की...


विजय – अरे बेटा तू क्यों इतना नाराज हो रहा है मैने तुझे क्या समझाया था कि औरतों को ज्यादा सिर पे चढ़ाना नहीं चाहिए अगर इनको अपनी उंगली पकड़ाओगे तो ये गर्दन पकड़ लेगी इसीलिए ऐसा बोला मैने...


आनंद – आपको क्या लगता है क्या नहीं वो आप समझो मेरी मां से इस तरीके से कोई बात करे मुझे पसंद नहीं है बस...


बोल के आनंद अपनी मां राधिका के हाथ पकड़ लेता है जिसे देख राधिका को दिल ही दिल में बहुत खुशी होती है साथ उसकी बड़ी बहन को भी भले आनंद जैसा था लेकिन अपनी मां और बहन से शुरू से बहुत प्यार करता था वजह ये थी कुछ साल पहले आनंद भोला भाला था और हर वक्त अपनी मां के पल्लू में बंधा रहता था , अपनी बड़ी बहन के साथ हंसता खेलता बाते करता था लेकिन बचपन से ही ज्यादा भोलापन को देख राधिका को लगा कि वो आनंद के साथ उसका हर वक्त रहने से आनंद अकेला कोई काम खुद नहीं करता है इसीलिए राधिका ने आनंद को थोड़ी ढिलाई दे दी ज्यादा तर काम के लिए आनंद को घर के बाहर अकेले भेजती थी ताकि आनंद का दिमाग खुले उसे घर के बाहर की दुनिया समझ में आए और राधिका की इस बात का फायदा विजय ने उठाया वो धीरे धीरे आनंद को अलग अलग तरीके के नए नए शौक देता रहा कुछ समय की दिक्कत के बाद आनंद भी अपने बाप विजय के रंग में रंगने लगा था लेकिन चाहे जैसा भी था अपनी मां और बहन से प्यार उतना ही करता था बस पहले की तरह दिखाता नहीं था लेकिन आज धीरेन्द्र की हवेली पर निधि के शादी के बीच जो हुआ उसके बाद आनंद का पहले से अपनी मां की बात को लेके उसी सोच में था जो उसे समझ नहीं आ रहा था लेकिन अभी जो हुआ उसके बाद आनंद का गुस्सा बढ़ गया जिस वजह से आनंद ने आज काफी समय के बाद मा के पक्ष में जो बोला उससे राधिका दिल फूला नहीं समा रहा था कुछ समय में लाला अपने परिवार के साथ घर आ गया घर में आते ही....


विजय – (अपने बेटे आनंद से) आनंद तुम कल कही मत जाना घर में रहना (मुस्कुरा के) तेरे लिए एक तोहफा लाने वाला हूँ कल....


आनंद – कौन सा तोहफा मै कुछ समझा नहीं....


विजय – वही जिसके लिए तू कल से बेचैन है समझा चल जा जो बोला वो करना...


अपने पिता की बात को ना समझ आनंद जाने लगा कमरे में तभी....


विजय – (राधिका से) सुन रस्ते में तो कुछ नहीं बोला मैने लेकिन आज के बाद अगर तूने जुबान लड़ाई मुझसे तो जो बोला है वही करूंगा मै....


राधिका अपने पति को बात सुन डरते हुए कमरे में चली गई अपनी बेटी सिमी के साथ...


जबकि इस तरफ धीरेन्द्र की हवेली में....


राघव – (धीरेन्द्र से) पिता जी मै चलता हूँ खेत में कुछ काम है मुझे...


धीरेन्द्र – वो सब ठीक है बेटा खाना खा के चले जाना तुम....


खाने की बात सुन रागिनी तुरंत रसोई में जाने लगती है राघव के लिए खाना लेने को तभी....


राघव – नहीं पिता जी मै खेत में सबके साथ खान खा लूंगा....


बोल के राघव जाने लगता है जबकि परिवार ज्यादा तर लोग कमरे जा चुके थे फ्रेश होने के लिए इस वक्त हवेली के हाल में दादी , धीरेन्द्र , साहिल , सुमन , राघव और रागिनी होते है जबकि राघव की ये बात सुन रागिनी के आंख में आंसू आ जाते है और राघव जैसे ही हवेली के बाहर जाता है तब पीछे से साहिल आके राघव का हाथ पकड़ रोक के....


साहिल – आखिर कब तक आप अपने आप को सजा देते रहोगे चाचा मानता हूँ रागिनी चाची ने जो किया गलत था लेकिन आपने ये भी सोचा चाचा कितने साल हो गए आपकी शादी को चाची से क्या इतने सालों में कभी आपको लगा कि चाची ने ऐसा कुछ किया हो आपके पीठ पीछे , नहीं ना तो फिर क्यों चाची के साथ खुद को सजा देना....


राघव – साहिल उसने जो तेरे साथ किया उसके लिए कैसे माफ कर दूं मै उसे....


साहिल – उन्होंने जो किया मेरे साथ किया उसके बाद भी मै यहां रुका हूँ ना चाचा तो बस अब आप सब भूल जाओ ये समझो ऐसा कुछ हुआ ही नहीं बस मेरे खातिर आपने बात करना छोड़ा चाची से तो आज मेरे खातिर उन्हें माफ कर दो आप...


राघव – लेकिन साहिल...


साहिल – (बीच में राघव की बात रोक के) अगर आप सच में मुझे अपना मानते हो तो प्लीज भूल जाओ सब आप....


राघव – ठीक है साहिल सिर्फ तेरे खातिर मै ये कर रहा हूँ....


साहिल – (मुस्कुरा के) तो अब खेत जाने का बहाना छोड़ो चाचा जाओ चाची के पास बात करो उनसे तरस रही है चाची आपसे बात करने के लिए....


साहिल की बात सुन राघव मुस्कुरा के रागिनी के पास जाने लगा जबकि जब राघव हवेली के बाहर जा रहा था तो उसके पीछे साहिल जाने लगा तभी सुमन भी पीछे आने लगी तब सुमन ने दोनों की सारी बाते सुन ली हवेली के दरवाजे के पीछे से जिसे सुन सुमन आंख में आंसू के साथ चेहरे पे मुस्कुराहट आ गई तब राघव के अंदर आते ही वो रसोई में जाने लगा तब साहिल भी हवेली के अन्दर आया तभी...


सुमन – (साहिल का हाथ पकड़ हल्का मुस्कुरा के) थैंक यूं...


साहिल – (अपना हाथ छुड़ा के) मैने जो किया सिर्फ उस छोटी बच्ची के लिए कही उसका बचपन भी मेरी तरह ना हो जाय बिन मा बाप के...


सुमन – (मुस्कुरा के) लेकिन अच्छा किया....


सुमन को मुस्कुराते हुए जवाब देते देख साहिल ने एक पल सुमन को देखा...


साहिल – (हल्का मुस्कुरा के) हम्ममम काश यही सोच आपकी भी होती....


बोल के साहिल निकल गया जबकि साहिल के इस जवाब से सुमन की मुस्कुराहट रुक सी गई तभी दादी सुमन के पास आके....


दादी – मैने कहा था ना उसकी नफरत का सामना करना आसान नहीं है...


सुमन – हा मा याद है मुझे और मैने भी आपसे कहा था सब कुछ हस्ते हुए सहन करूगी मै...


बोल के सुमन चली गई तभी...


रनवीर – (सुमन को बुलाते हुए) अरे सुमन सुनो तुमसे एक बात करनी है....


सुमन – (बिना रनवीर को देखे) हा बोलो...


रनवीर – (सुमन के इस अंदाज में बोलने से अजीब लगा जिसके बाद) यहां नहीं कमरे में आओ....


सुमन – अभी मेरे पास टाइम नहीं है जो बोलना है यही बोल दो...


रनवीर – क्या बात है सुमन आज तुम इस तरह से बात क्यों कर रही हो....


सुमन – कोई काम है तो वो बताओ बस....


रनवीर – अकेले में बात करनी है तुमसे....


सुमन – ठीक है फुर्सत मिलते ही बात करूंगी....


रनवीर – फुर्सत लेकिन अभी तुम खाली तो हो अब क्या काम बचा है....


सुमन – अभी मै थक गई हु आराम करके बाद में बात करती हु...


बोल के सुमन चली गई सीढ़ियों से कमरे की तरफ पीछे रनवीर अपनी ही सोच में रह गया उसे समझ नहीं आ रहा था कि आखिर सुमन उससे इस तरह से क्यों बात कर रही है जबकि इधर दादी सब कुछ देख के मुस्कुराने लगी अब इस तरफ देख लेते है जहां राघव रसोई में गए थे अपनी बीवी रागिनी के पास जहां रागिनी रसोई में काम करने में लगी हुई थी उसे पता तक नहीं था की उसके पीछे राघव खड़ा है तभी...


राघव – (रागिनी की कमर में हाथ रख उसे अपनी तरफ खींच के) बहुत बिजी हो तुम तो...


अचानक हुए इस हमले से रागिनी डर गई लेकिन जब राघव की आवाज सुनी उसने तब...


रागिनी – आप यहां....


राघव – क्यों मै यहां नहीं आ सकता हूँ क्या...


रागिनी – मैने ऐसा कब कहा....


राघव – (रागिनी को अपनी तरफ घुमा उसका माथा चूम के) जल्दी से खाना लगा दो बहुत भूख लगी है यार...


रागिनी – (हैरानी से राघव को देखते हुए अपने आप मू से) जी अभी लगाती हूँ....


राघव – हम्ममम जब खाली हो जाओ बता देना तुम्हारा सारा सामान अपने कमरे में रखने में मदद कर दूंगा....


रागिनी – (हैरानी से राघव को देख) जी मेरा सामान....


राघव – (मुस्कुरा के) हा तुम्हारा सामान और हा कल सब चले जाएंगे उसके बाद हम कही घूमने चलेंगे साथ में , चलोगी ना....


रागिनी –(आंख में आंसू लिए राघव के गले लग के) हम्ममम मुझे माफ कर दीजिए मै....


राघव – (रागिनी के मू पे उंगली रख) बस अब कुछ नहीं भूल जाओ जो हुआ एक बुरा सपना समझ के उसे ठीक है अब रोना मत चलो खाना लगाओ जल्दी से फिर तुम बताना कहा घूमने चलना है...


राघव की बात सुन रागिनी मुस्कुरा के हा में सिर हिल दिया जिसके बाद राघव बाहर चला गया जहा सबके साथ बैठ के खाना खाने लगे थोड़ी देर बाद सब अपने कमरे में चले गए आराम करने शादी से हर कोई खाली हो गया था ऊपर से थकावट जिस वजह से सब कमरे में आराम करने लगे शाम के वक्त हर कोई हॉल में बैठा एक दूसरे से बाते कर रहे थे तब....


रनवीर – (सुमन से) सुमन तुमसे एक जरूरी बात करनी है....


सुमन – बोलो....


रनवीर – मेरे साथ चलो....


सुमन – आपको जो बोलना है यही बोलो....


रनवीर – मुझे तुमसे अकेले में जरूरी बात करनी है सुमन....


सुमन – मुझे कहीं नहीं जाना जो बोलना है यही बोल दो....


रनवीर – (सुमन का हाथ जबरदस्ती पकड़ के) चलो मेरे साथ अभी....


सुमन – (अपना हाथ छुड़ा के) ये क्या तरीका है बात करने का मैने कहा ना जो बोलना है यही बोलो बस मै कही नहीं जाने वाली...


तब बीच में....


राजेश – (रनवीर से) क्या बात है रनवीर बात क्या है आखिर....


रनवीर – मुझे सुमन से जरूरी बात करनी है भईया इसीलिए बोल रहा हूँ अकेले बात करने को...


राजेश – देखो रनवीर तुम जानते हो ना आज शादी निपटी है और सब एक साथ बैठ के बाते कर रहे है तुम्हे जो भी बात करनी हो कल कर लेना तुम वैसे भी कल हम सब वापस चल रहे है अपने घर...


रनवीर – ठीक है भइया (सुमन से) कल वापसी में मेरे साथ चलना तुम हम रस्ते में बात करेंगे...


सुमन – कल की कल देखेंगे...


जबकि इस तरफ एक कमरे में सभी लड़किया बैठी थी एक साथ बाते कर रही थी तब....


खुशी – (सोनम और पूनम से) क्या बात है यार तुम दोनों इस तरह चुप क्यों बैठो हो पार्टी में भी किसी से बात नहीं कर रही थी और शादी में भी....


सोनम – तो तू बता क्या करे हम तुम सब खुद भी कौन सा बात करने आए हमसे बस उस कल के लड़के के आगे पीछे दुम हिलाते घूम रही हो जिसे कल से पहले सब कोई गालियां देते थे और आज....


अवनी – आपकी प्रॉब्लम क्या है दीदी किस लिए साहिल भाई के बारे में आप ऐसा बोल रहे हो....


पूनम – वाह अवनी बहुत बड़ी बाते करने लगी है तू भूल गई तुम और खुशी सबसे ज्यादा गाली देते थे साहिल को और अब ऐसे बोल रही हो जैसे सारी गलती हमारी है तुम सबने कुछ किया ही ना हो....


कविता – दीदी हम सब गलत फेमी का शिकार थे तब लेकिन अब नहीं....


सोनम – हा सही बोल रही है तू कविता और बोले भी क्यों नहीं आखिर तेरा सगा भाई जो है , तेरे उसी भाई कि वजह से ही हमें ये दिन देखने पड़ रहे है....


खुशी – दीदी आप एक बात भूल रही हो साहिल भाई का कुछ भी किया धरा नहीं था उसमें और ये बात हम सब जानते है किसका किया धारा था उसमें....


पूनम – हा सही बोल रही है तू और बोले भी क्यों ना कल तक जो हमारे साथ साहिल को खूब गाली देते थे आज उसी के लिए एक बात बर्दाश तक नहीं कर पा रहे हो क्यों...


अवनी – हा तो क्यों करे बर्दाश हम दीदी क्या किया है साहिल भाई ने आखिर , अगर बड़ी मां ने शुरू से सबको साहिल भाई के लिए भड़काया ना होता तो बुआ की चारों बेटियों के साथ आज साहिल भाई हमसे भी बात करते...


सोनम – हा बोलो तुम लोग भी मेरी मां के बारे में सबको अपना दिख रहा है मेरी मां तो दिख कहा रही है सबको अब....


पूनम – जाने दे सोनम जैसी भी है हमारी मां को हम सम्भाल लेगे जरूरत ही है किसी की हमे....


कविता – पूनम दीदी आप ऐसा क्यों बोल रहे हो हमारी भी बड़ी मां है वो कोई गैर नहीं हमें भी अच्छा नहीं लग रहा बड़ी मां के लिए लेकिन इसका मतलब ये नहीं हम बड़ी मां का साथ छोड़ दे और साहिल भी तो भाई है हमारा उसे कैसे छोड़ दे हम सोचो आप दीदी कितने साल उन्होंने बिन परिवार के बिताए है कैसे सहा होगा ये दुख उन्होंने जब मा बाप के होते हुए भी एक बच्चे को 12 साल अकेले रहना पड़े और इन 12 सालों में एक बार भी हममें में किसी ने भी उनके बारे में नहीं सोचा बस याद किया तो सिर्फ गालियों में ये भी नहीं सोचा कि हम उन्हें क्यों गालियां दे रहे है क्या गलती है उनकी और अगर सच में उन्होंने कुछ ऐसा किया होता तो क्या दादी इतने सालों तक क्यों साथ दे रही है साहिल भाई का जबकि पूरा परिवार खिलाफ था उनके...


पूनम – तो तू बता कविता क्या करे हम अपनी मां को ऐसी हालत में देख हमपे क्या बीत रही है....


अवनी – दीदी कल हम सब वापस जा रहे है घर पर देखना सब ठीक होगा जल्द ही आप परेशान मत हो बड़ी मां के लिए हम सब साथ है उनके...


सोनम – और साहिल का , क्या वो बात कर रहा है सबसे...


खुशी – नहीं दीदी लेकिन देखना एक दिन वो भी हमें माफ जरूर कर देंगे और बात भी करेंगे....


कविता – चलो चल के तैयारी करते है कल निकलना भी है घर वापस...


जिसके बाद सब निकल गए कमरे में अपनी पैकिंग करने के लिए रात के वक्त सब एक साथ खाना खा रहे थे तब...


रनवीर – (राजेश से) भईया कल मुझे जल्दी ऑफिस जाना है जरूरी काम है तो मै सुमन और कविता के साथ निकल जाऊंगा जल्द ही सुबह....


राजेश – हम्ममम ठीक है रनवीर वैसे भी हम सब कल दिन में निकलेंगे घर को....


सुमन – (राजेश से) भइया मै भी आप सब के साथ चलूंगी दिन में सुबह जल्दी चल के क्या फायदा होगा....


राजेश – हा ये भी सही है वैसे भी रनवीर को ऑफिस जाना है वो तो रात में आएगा घर सीधा....


रनवीर – (सुमन से) अरे तो क्या हुआ सुबह मै तुम्हे और कविता को घर छोड़ के निकल जाऊंगा ऑफिस तुम घर में आराम कर लेना....


सुमन – रहने दीजिए मै सबके साथ आराम से निकलूंगी घर को...


रनवीर – लेकिन सुमन....


राजेश – रहने दो रनवीर क्या फर्क पड़ता है वैसे भी तुम तो सिक्योरिटी के साथ जाओगे....


सुमन की बात पर रनवीर को जाने क्यों गुस्सा आने लगा लेकिन गुस्से को काबू करके...


रनवीर – ठीक है कुछ सिक्योरिटी वाले आप सबके साथ रहेंगे घर तक...


राजेश – चलो ठीक है वैसे भी हमें जरूरत नहीं लेकिन तुम कह रहे हो इसीलिए कोई बात नहीं...


इसी बीच में कमल बोला....


कमल – (दादी से) वो दादी मै कल साथ में नहीं चल सकता हूँ....


साहिल – (चौक के) क्यों ऐसा क्यों बोल रहा है तू....


दादी – (सब कुछ जान के अंजान बन के) क्यों क्या हुआ कमल....


कमल – वो असल में बात ये है कि आज दिन में मुझे स्कूल से कॉल आया था मेरे सर्टिफिकेट कुछ प्रॉब्लम उसके लिए स्कूल वाले ने बुलाया है मुझे वहां से सर्टिफिकेट सही करवा के मै वापस आ जाऊंगा जल्द ही....


साहिल – ये क्या बात हुई अब तू ये बात पहले नहीं बता सकता था मुझे....


कमल – वो यार शादी के चक्कर में मुझे ध्यान से उतर गया था बताना तुझे तू चिंता मत कर मै 1ने 2 दिन में आजाऊगा वापस....


साहिल – कोइ नहीं मै चलता हूँ तेरे साथ....


कमल – अरे नहीं यार तू परेशान मत हो मै मैनेज कर लूंगा...


साहिल – अबे तो वहां रहेगा कहा पे तू और मैनेज कैसे करेगा...


सुनीता – तुम परेशान मत हो साहिल मेरा घर भी सिटी में है कमल हमारे घर में रह लेगा वैसे भी 3 से 4 दिन बाद मै आ रही हूँ घर पर....


सुनीता की बात सुन साहिल गुस्से में कमल को देखने लगा तब...


कमल – गुस्सा मत हो यार जल्दी ही आ जाऊंगा मैं फिर साथ में एडमिशन लेगे कॉलेज में तब तक तू शहर घूम लेना फिर मुझे भी घूमा देना शहर ठीक है अब गुस्सा मत हो चल खाना खा ले...


इन दोनों की बातों के बीच सुमन , सुनीता , अमृता और दादी मुस्कुरा रहे थे थोड़ी देर में खाना होने के बाद सब कमरे में जाने लगे सोने के लिए तभी दादी ने साहिल को रोका...


दादी – साहिल वो कल हम चल रहे है घर मुझे ये कहना था कि देख एक गाड़ी में रनवीर तो सुबह जल्दी चला जाएगा अब 2 गाड़ी बचेगी तो तू ऐसा करना हम सब पहले निकल जाएंगे घर तू यही रुकना 2 से 3 घंटे में गाड़ी आ जाएगी वापस तो तू उसमें आ जाना सुमन और कविता के साथ 2 गाड़ी में इतने लोग नहीं आ पाएंगे तुझे कोई परेशानी तो नहीं होगी ना....



साहिल – नहीं दादी मुझे कोई परेशानी नहीं होगी...



दादी – (मुस्कुरा के) ठीक है चल जाके आराम कर ले....


दादी की बात मान के साहिल चला गया कमरे में जबकि सुमन दूसरी तरफ चुपके दादी की सारी बात सुन के मुस्कुरा रही थी लेकिन इस तरफ जब साहिल और दादी बात कर रहे थे उस बीच कविता अपने कमरे की गैलरी से होते हुए जल्दी से साहिल के कमरे में गई वहां जाके उसे कमल दिखा तब....


कमल – (कविता को देख) तुम यहां पर...


कविता – (जहां साहिल सोता था उस तरफ जाके एक कार्ड रखती है साथ में एक ब्रेसलेट) ये साहिल भाई के लिए प्लीज कमल कुछ कहना मत तुम....


कमल – ठीक है लेकिन तुम जानती हो ना क्या कर रही हो....


कविता – हम्ममम बस एक कोशिश...



जिसके बाद कविता निकल गई अपने कमरे की तरफ लेकिन कविता जब तक जाती तभी साहिल कमरे में आ गया और उसने कविता को गैलरी से जाते हुए देख लिया तब कमल को देख के....


साहिल – ये यहां क्या करने आई थीं....

कमल – पता नहीं मै तो बाथरूम गया था जैसे बाहर आया तो जाते हुए देख मैने कविता को....


तभी साहिल बेड की तरफ जाके देखता है वहां पर कार्ड और ब्रेसलेट रखा होता है कार्ड को खोल के देखता है जिसमें SORRY लिखा था और देने वाले का नाम साथ में सोने का ब्रेसलेट में जिसमें SORRY लिखा था उसे गुस्से में देख....


साहिल – (गुस्से में कार्ड को फाड़ते हुए) मादरचोद इसकी इतनी हिम्मत...


बोल के साहिल गैलरी से होते कविता के कमरे में जाता है जहां कविता , अवनी , खुशी आपस में बाते कर रही होती है तभी साहिल गुस्से में कमरे मे आके....


साहिल – (कविता की तरफ कार्ड को फेक के) क्या है ये , तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे ये देने की , समझती क्या हो अपने आप को तुम किस बात की माफी मांग रही थी तुम....


साहिल के इस तरह से कमरे में आके गुस्से मो बोलने के कारण कविता , अवनी और खुशी साहिल के गुस्से को देख डर से पीछे हट गए थे...


कविता – (डरते हुए) मै बस मैं बस आपसे माफी मांगना चाहती....


साहिल – (गुस्से में) हा यही पूछ रहा हूँ मै किस बात की माफी मांग रही हो तुम बोलो....


अवनी – (डरते हुए बीच में) हमसे बहुत बड़ी गलती हुई भई....


साहिल – (गुस्से में बीच में चिल्ला के) SSSSHHHUUUUTTTTAAPPPP इसके आगे एक शब्द नहीं बोलना समझी तुम....


कविता – लेकिन आपने तो बुआ की बेटी को माफ कर दिया तो हमें....


साहिल – (गुस्से में) उनको अपने आप से कंपेयर मत करो उन्होंने तो कुछ नहीं किया जो तुम लोगो ने किया था मेरे साथ क्यों भूल गई क्या इतनी जल्दी तुम क्या किया था उस दिन अपने उन आवारा दोस्तो के साथ (खुशी और अवनी से) और तुम दोनों भी भूल गई क्या किया था तुम दोनों स्कूल में मेरे साथ अपने दोस्तो के सामने , भूल गई इतनी जल्दी सब कुछ , दात देनी पड़ेगी तुम तीनों की बड़ी हिम्मत है तुममें जो इतना कुछ करने के बाद माफी मांगने आ गए मेरे पास...


ये सारी आवाजें सुन सुमन बाथरूम से निकल के बाहर आती है सामने साहिल को देख के....


सुमन – क्या हुआ साहिल क्यों चिल्ला रहे हो....


तभी...


खुशी – इसमें हमारी गलती नहीं है उस वक्त घर वालो ने हमें जो बताया हम बस वही कर रहे थे हमें नहीं पता था सच के बारे में....


कविता – हमारा विश्वास कीजिए खुशी सच बोल रही है भई....


साहिल – अबे चुप इससे आगे एक शब्द नहीं समझी अच्छा किया तुमने बता दिया आज मुझे की ये सब तुम्हे तुम्हारे घर वालों ने सिखाया है वाह शुक्र है कि दादी ने सही वक्त पर मुझे उस घर से कही और भेज दिया और मैं चूतीया था जो हर वक्त बस ये सोचता था दूसरे बच्चों को उनके मा बाप के साथ खुश देखता था जब दादी मुझे बताती थी कि कैसे तुम सब पूरे परिवार के साथ हर साल नए नए शहर और विदेशों में घूम रहे हो हर बार यही सोचता था कि काश मैं भी साथ होता अपने परिवार के साथ काश जैसा वो सबको प्यार करते है काश मुझे भी करते मै भी साथ घूमता लेकिन नहीं आज मुझे खुशी है इस बात की अच्छा हुआ जो नहीं था तुम लोगो के साथ वर्ना मैं भी तुमलोगो की तरह बन जाता कसम से तुम तीनों भी अपने परिवार के लोगों की तरह गिरे हुए हो और सबसे ज्यादा तो तुम दोनों (कविता और अवनी) हो क्यों (अवनी से) मुझसे माफी मांगे के लिए ही तुम मेरे दोस्त कमल से प्यार का नाटक कर रही हो है ना तुम्हे क्या लगा मुझे समझ नहीं आएगा तुम्हारा ये नाटक और तुम (कविता) तो कलंक हो बहन के नाम पर , मै अच्छे से जानता हूँ तुमको , यही प्लान बनाया है ना फिर से ताकि अपने घर में मेरे साथ वही खेल खेल सको ताकि शर्म से कभी वापस ही ना आऊ तुम्हारे घर में लेकिन याद रखना तुम लोग एक बात मै सिर्फ दादी के लिए आ रहा हूँ उस घर में किसी और के लिए नहीं तो दूर रहना मुझसे इसी में भलाई होगी तुम सब की (सुमन से) अपनी बेटी और भतीजियों को समझा लो मिस सुमन अपना घिनौना खेल खेलना बंद कर दे मेरे साथ और अगर ज्यादा दिक्कत है मुझसे तो बोल देना दादी को मुझे घर में ना लेके आए...


बोल के गुस्से में साहिल निकल गया अपने कमरे को तरफ पीछे से कमल जो गैलरी में खड़ा सारी बाते सुन रहा था वो भी साहिल के पीछे चला गया कमरे में बेड में आते ही गुस्से में साहिल लंबी लंबी सांसे ले रहा था इधर सेमेंथा ये सब देख साहिल के पास जा रही थी कि तभी कमल ने साहिल के कंधे पर हाथ रखा कुछ बोलने जा रहा था तभी साहिल बेड में गिर गया जिसे देख कमल को समझते देर नहीं लगी कि साहिल को अटैक आया है इतना गुस्सा करने की वजह से जिस वजह से कमल को भी काफी गुस्सा आया वो तुरंत सुमन के कमरे की तरफ चला गया जबकि इस तरफ सेमेंथा फिर से साहिल की ये हालत देख उसकी आंख से आंसू निकल आया इधर कमल कमरे में आते ही....


कमल – (गुस्से में कविता से) आखिर क्या जरूरत थी तुम्हे ये सब करने की कविता (सुमन से) मैने कहा था आपको साहिल के बारे में फिर भी आपको भी समझ नहीं आई मेरी बात....


सुमन – आखिर बात क्या हुई कमल...


कमल – कविता की बेवकूफी की वजह से आज फिर से साहिल को अटैक आ गया है लेटा है कमरे में अभी...


सुमन – (चौक के) क्या मै देखती हु उसे...


कमल – (सुमन को रोक के) रहने दीजिए आप , जागते ही कही आप लोगो को सामने देख जाने क्या रिएक्शन होगा उसका बस आप समझा दीजिए इन्हें अच्छे से वर्ना मजबूरन मुझे दादी को मना करना पड़ेगा साहिल को घर ले जाने के लिए....


कविता – (कमल की बात सुन उसके पैर पकड़ के) ऐसा मत करना कमल मै वादा करती हु आगे से ऐसा कुछ नहीं होगा मै ध्यान रखूंगी प्लीज तुम ऐसा मत करना कमल....


कमल – मेरे पैर पकड़ने से कुछ नहीं होगा कविता गलती तुमने की ऐसी है जिसे भूलना चाहे तो भूल नहीं सकता है कोई...


बोल के कमल चला गया कमरे में साहिल के पास जबकि कमल के जाते ही...


सुमन – (कविता , खुशी और अवनी से) हुआ क्या है यहाँ अभी और क्या किया तुम लोगो ने ऐसा जिस वजह से साहिल को गुस्से में फिर अटैक आ गया....


अवनी कुछ बोलने को हुई थी कि तभी सुमन बिना ध्यान दिए चली गई गैलरी से होते हुए साहिल के कमरे की तरफ जहां बेड में लेटा साहिल था और उसके बगल में कमल था जो साहिल का पैर पकड़ के बेड में रख रहा था तभी सुमन कमरे में आई आते ही उसने साहिल के जूते मौजे उतारे बगल में आके साहिल के पास बैठ गई तब....


कमल – (सुमन से) प्लीज आप चले जाओ यहां से कही होश में आते ही साहिल...


सुमन – (बीच में रोते हुए) नहीं कमल अब मै नहीं छोड़ सकती साहिल को किसी कीमत पर जो गलती एक बार हुईं उसे दोहराना नहीं चाहती हूँ , मै वादा करती हु मै कुछ नहीं होने दूंगी साहिल को...


जिसके बाद कमल कुछ बोल नहीं पाया 10 मिनिट बाद जैसे ही साहिल जागा तभी साहिल वही बोलने लगा अपने दादा के बारे में लेकिन इससे पहले साहिल कुछ समझ पाता तभी सुमन ने साहिल को गले से लगा लिया जबकि साहिल डर और घबराहट से अपने दादा के बारे में बोले जा रहा था लेकिन कुछ ही देर में साहिल भी गले लगा रहा सुमन के , इस बात से अंजान इस वक्त किसके गले लगा हुआ है जिसके बाद धीरे धीरे साहिल को नींद आ गई और साहिल गहरी नींद में सो गया तभी कमल ने साहिल को देख समझ गया कि उसे नींद आ गई है तब कमल ने साहिल को सुमन से अलग कर उसे बेड में अच्छे से लेटाता है तभी सुमन बगल में बैठ के साहिल के सिर को अपनी गोद में रख लेती है लेकिन साहिल का एक हाथ बेड में लटक रहा होता है उसे अपने हाथ से पकड़ जैसे ही बेड में रखने को हुई थी सुमन तभी साहिल ने नींद में ही सुमन का हाथ पकड़ लिया ये बात कमल से छुपी नहीं तब कमल एक हल्की सी मुस्कान के साथ बस...


कमल – (सुमन से) आप यही रुक जाओ बाद में चली जाना आप...


कमल की बात सुन सुमन हा में सिर हिला देती है और अपनी गोद में सो रहे साहिल को मुस्कुरा के देख उसके सिर पर हाथ फेरती रहती है जिसे कमल मुस्कुरा के देख रहा था लेकिन इस बीच सेमेंथा ये सब देख रही थी तभी उसने भी उसी वक्त साहिल के सिर पर हाथ रखा जब सुमन का हाथ वही था के तभी दोनों का हाथ एक जगह आने से ना जाने कैसा झटका लगा सेमेंथा और सुमन को एक साथ जबकि सेमेंथा ने ये देख लिया लेकिन उसे समझ नहीं आया ये सब जबकि सुमन को झटका लगने के बाद वो इधर उधर देखने लगी जैसे उसे लगा हो कि कमरे में और भी कोई है , इस बात से बेखबर गैलरी के बाहर खड़े ये नजारा अवनी , खुशी और कविता देख रही थी तभी कमल की नजर उनपे जाती है तो कमल उनके पास आके...


कमल – आराम करो आप सब साहिल ठीक है अभी , इस वक्त गहरी नींद में सो रहा है वो...


जिसके बाद तीनों चली जाती है कमरे में सोने....
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जारी रहेगा ✍️✍️
 
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