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awesomeUPDATE 015
मै घर वापस आ गया था , पूरे मुहल्ले में चुप्पी थी , डीजे की आवाज जो चौराहे से आ रही थी वो भी अब हल्की पड़ गई थी , दूसरी गली में सर्द रात में कुत्तों के भौंकने की आवाजें आ रही थी ।
मैने चैनल वाले गेट से अंदर हाथ डाल कर ताला खोला और हौले से चैनल खोलकर अंदर आ गया और वापस ताला लगा कर चाबी रखने के लिए बरामदे के दरवाजे से अंदर गया
अंदर भी गुप अंधेरा था , मैने मोबाइल स्क्रीन की रोशनी में चाबी हाल में मम्मी के कमरे के बाहर दरवाजे के पास एक वाल हैंगर में टांगी और बेचैन मन और हड़बड़ाते पेट के साथ मै छत पर जाने को बेताब था , रह रह कर दिल में यही प्रार्थना उठ रही थी कि काश दीदी ने दरवाजा बंद न किया हो, बस एक झलक भर मिला जाए तो लाइफ बन गए
मै अभी अपने कदम पीछे कर वापस जा रहा था कि मम्मी के कमरे से आती एक सिसकी ने मेरे कान खड़े कर दिए और मेरे पाव जस के तस जम गए ।
" सीईईई धत्त काट ही लोगी क्या उन्ह्ह्ह आराम से चूस न मना थोड़ी कर रही हूं सीई हाय दैय्या कुसुम तेरे होठ तो .... "
कमरे से आती बुआ की सिसकी ने मेरे पेंट में टाइटनेस बढ़ने लगी और फिर से मेरे जहन में दीदी का ख्याल आया । मै समझ रहा था कि मम्मी बुआ की तंग करती है उनकी आदत है लेकिन बबली दीदी उनको बार बार नंगी देखने का और उनका bf के साथ मस्ती भरे पल का अनुभव लेने का मौका बार बार नहीं आएगा । मै आगे बढ़ा ही था कि फिर वो आवाज आई
" सीईईई अब बस कर न अह्ह्ह्ह्ह दूसरा वाला ओह्ह्ह्ह कितनी उतावली है तू कुसुम उम्मम इतना तो बबली के पापा ओह्ह्ह्ह सीईईई बस हो गया न,, छोड़ अब "
बुआ की बातें सुनकर मेरे जहन तमाम ऊंट पटांग ख्याल उमड़ रहे थे और लंड पूरा फौलादी हुआ जा रहा था ।
" ठीक है छोड़ दिया... लेकिन अब अपने भइया को मत तरसाओ , अरे इतने रसीले जोबन का क्या अचार डालोगी , कल होली है थोड़ा लाल पीला करवा लेना कुछ नहीं होता "
ये मम्मी की आवाज थी और वो खिलखिलाई
: अब तू छोड़ मुझे , पहले दिन ही एक बटन चटका दिए तूने , नई नाइटी थी
: शुक्र मनाओ मै हूं , आपके भइया रहते तो अबतक फाड़ चुके होते हीहीहीही
: धत्त बड़ी बेशर्म है तू , सो जा अब ,हा नहीं तो
मै उसकी शरारतें सुनकर मुस्कुराया लेकिन अब बहुत हो गया था मैने तेजी से अपने कदम आगे बढ़ाए और हाल का दरवाजा लगा कर बिल्लियों जैसे दबे पाव सरपट ऊपर आया
जीने का दरवाजा खुला था और मैं ऊपर के बरामदे में
फिंगर क्रास काश कि कमरे का दरवाजा खुला हो
मै दबे पाव हाल वाले दरवाजे के पास गया , उम्मीद कार्यक्रम अभी शुरू हुए ज्यादा देरी नहीं हुई थी
" यू वांट इट उम्मम कम बेबी यस कम लिक माय निप्सी उम्ममम सीईईई ओह्ह्ह बेबी ओह्ह्ह्ह यशस्स ओह्ह्ह्ह आप ऐसे चूसते हो कि पागल हो जाती हूं "
एक पल को दीदी की बातें सुनकर ऐसा लगा कि कही उनका bf वीडियो कॉल पर नहीं सच में अंदर कमरे में उनके ऊपर चढ़ कर उनके निप्पल चूस रहा हो। मन में शंका उठी थी तो निवारण करना आवश्यक हो ही जाता है और मैने अपना लंड भींच कर पेंट के ऊपर से हौले से कमरे के दरवाजे पर जोर दिया और वो हल्का सा खुल गया
" यश यश यश " , ये मेरे मन की जीत थी मैने चियरअप किया मन ही मन
अब दरवाजे और गेट के महीन करीब एक से डेढ़ इंच के गैप से मैने एक आंख बंद कर दूसरी आंख का फोकस बढ़ा कर अंदर बरामदे में नजर घुमाई और मेरी दोनों आंखे खुल गई
सामने देखा तो दीदी ऊपर से पूरी टॉपलेस और कम्बल पेट तक ओढ़े हुए सामने कम्बल पर ही किसी तरह मोबाइल खड़ी कर वीडियो कॉल पर अपने बॉयफ्रेंड के सामने अपनी बाई नर्म रसीली चुची को कस कर मिज़ रही थी और उनकी दूसरी चुची नंगी जिसके गुलाबी निप्पल पूरे तने हुए मानो मुझे ही देख रहे हो
जीभ के साथ साथ अब तो लंड ने भी लार छोड़नी शुरू कर दी ।
उफ्फ ऐसे नजारे मेरी सोना क्यों नहीं दिखाती , कितना तरसती है मुझे ऐसे मोमेंट के लिए अह्ह्ह्ह ना जाने उसके निप्पल कैसे होने उफ्फ दीदी आपके गुलाबी निप्पल उम्मम जैसे कोई रसियन के हो सीईईई मुंह में लार घुल रही थी और दूसरी ओर दीदी अपनी चूचियां घुला रही थी
: ओह्ह्ह्ह बेबी ये वाला भी लो न मुंह उम्ममम अह्ह्ह्ह सीईईई अह्ह्ह्ह सक इट बेबी ओह्ह्ह्ह यशस्स अह्ह्ह्ह्ह मुझे भी आपके निप्पल चाटने है उसको बाइट करना है उम्मम आपके हेयरी चेस्ट को किस्स करना है मेरी जान ओह्ह्ह्ह आजाओ न उम्ममम
दीदी पूरी फैल गई बिस्तर पर और मोबाइल लेकर लेट गई , अभी भी उनके फ्रंट कैमरे का फोकस उनकी रसदार गुलाबी चूचियां थी लेकिन उनका दूसरा हाथ अब नीचे उनकी पैंटी में था
"हम्ममम हो रही है खुजली तो क्या करूं सीईईई आओ चाट लो न फिर आपकी जीभ से गिला होगा तो दूर हो जायेगी खुजली "
उफ्फ कितनी गर्म है दीदी यार सीईईई गर्लफ्रेंड के असली मजे तो दीदी का bf उठा रहा है , यहां मेरी वाली क्लीवेज दिखाने के लिए भी इतना तड़पाती है उफ्फफ दीदीइइ
" निकाल रही हूं मेरी जान उम्मम रुको न थोड़ा ...बस हो गया हा निकाल दी ... उम्हू नहीं पहले आप दिखाओ मेरे छोटू बेबी को हीही दिखाओ न उम्मम अह्ह्ह्ह्ह प्लीज न "
अंदर का नजारा बदल चुका था दीदी अब पूरी नंगी थी और कम्बल के बाहर भी , मोबाइल स्क्रीन को देखते हुए इस ख्याल से बहुत दूर कि उनका भाई कमरे के दरवाजे के बाहर से उनके पतीले जैसे चूतड़ों को नंगा देख रहा है
उफ्फ मम्मी क्या माल है यार बबली दीदी सीईईई माल में उस योगा पैंट के उनकी गाड़ देख कर ऐसा लगा था कि मानो जन्नत देख लिया हो लेकिन अब नंगी देखने के बाद मेरे लंड की हालत बिगड़ने लगी
रहा नहीं गया मुझसे और मैने अपना लंड बाहर निकाल लिया ओह्ह्ह्ह कितनी राहत मिली , मैने हौले से अपने टाइट सुपाड़े के ऊपर से चमड़ी पीछे की और ओह्ह्ह्ह जल रहा था ससुरा जैसे चूल्हे पर टमाटर रखा हो लाल होकर तना हुआ
" उम्मन बेबी कितना हार्ड है सीईईई ओह्ह्ह... हा जान सक करूंगी न येस बेबी उम्मम देखो ओपन है ... "
दीदी ने मोबाइल का फ्रंट कैमरा हाथ पीछे ले जा कर अपने बबल जैसे चूतड़ों को हिलाते हुए दिखाया
" सीईईई नॉटी हो आप हीही धत् पिछली बार तो केक वाली क्रीम लगाया था ... हा तो .... नहीं मै नहीं लाऊंगी चॉको सिरप उम्हू आप लाना ... कहा लगा के चाटोगे.... सीईईई ओह्ह्ह सच में उफ्फफ बेबी सीई दिखा रही हूं मेरी जान सीई रुको न "
इधर दीदी मोबाइल सेट करने लगी वापस से कम्बल को फोल्ड करके और वही मेरे दिमाग में दीदी की बातें नाच रही थी कि कितनी पागल कर देने वाली फैंटेसी है दीदी के बॉयफ्रेंड की , साले ने दीदी की गाड़ को केक क्रीम लगा कर चाटा है , उफ्फफ कैसी लगती होगी ओह्ह्ह गॉड मेरा तो लंड ही फट जाएगा उफ्फफ मुझे तो chocolate पसंद है मै अपनी जान के चूत पर चॉकलेट लगा कर चाटूंगा ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह ओह्ह्ह गॉड दीदी फक्क यू कितनी सेक्सी हो आप और आपकी गाड़ सीईईई ओह कितनी बड़ी है और गोल है
अंदर दीदी मोबाइल सेट कर उसके सामने अपने बड़े बड़े चूतड़ हिलाने लगी उनके बबले जैसे चूतड़ों को देख कर मेरा सुपाड़ा लार छोड़ने लगा
" यू वना ईट बेबी कॉमन सक माय पूसी एंड ऐस ओह्ह्ह्ह चाट लो ओह्ह्ह्ह मेरी जान "
एकदम से दीदी ने अपनी गाड़ को हवा में उठा कर चूत और गाड़ के छेद को मोबाइल के कैमरे की ओर ले गई
ईईईस साला क्या नजारा होगा यार दीदी के फांकों की झलक उफ्फफ
" ओह्ह्ह्ह मेरी जान फक्क मीईई ओह्ह्ह्ह यशस्स चाटो और उम्मम आपकी जीभ मुझे पागल कर देती है हा बेबी बहुत मजा आता है चटवाने में आपसे ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् मीईईईई ओह, ऐसे आजाओ
वो एकदम से घूम गई और कैमरे के आगे अपनी जांघो को खोलकर बैठ गई उफ्फ कितनी लाल हुई जा रही थी उनकी गुलाबी फांके , दीदी उन्हें उंगलियों से छेड़ रही थी और सहला कर अपने bf से बात कर रही थी
" येस बेबी डाल दो न ओह्ह्ह्ह लो खोल दिया घुसाओ न , उफ्फफ ओह्ह्ह्ह यशस्स फक्क मीईई बेबी ओह्ह्ह्ह यशस्स फक्क"
मै तेजी से अपना लंड मसल रहा था मेरे चेहरे के भाव अजीब थे और अंदर दीदी तेजी से अपनी बुर में उंगली पेलने लगी थी उसकी सिसकिया अब चीखे बन चुकी थी
फिर उन्होंने ऐसा कुछ किया जिसकी मुझे उम्मीद नहीं थी उन्होंने मेरा तकिया जिसे लेकर मै कल सोया उसे उठा कर अपनी जांघो के नीचे रखा और बैठ गई और उस तकिए से कॉर्नर से अपने बुर के फांके को रगड़ने लगी : ओह्ह्ह्ह बेबी ओह्ह्ह्ह यशस्स अह्ह्ह्ह्ह सीईईई फक्क मीईई इस बार आऊंगी तो ऐसे ही बैठ कर लूंगी .... अह्ह्ह्ह हा जान पूरा घुस जाता है अंदर तक ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह सीईईई अह्ह्ह्ह मम्मीइई उफ्फ फक्क्क् मीईईईई सीईईई ओह्ह्ह गॉड फक्क्क् यस जानु आयेगा ओह्ह्ह
दीदी पूरी पागल हो गई उनकी हालत देखकर मै पूरे जोश में था और लंड एकदम लाल हो गया था गर्म होकर नसे मानो खुद से ही सांस के रही थी सुपाड़ा पूरा मुंह खोले था
तभी अंदर देखा तो दीदी तकिए को पकड़ कर पूरी बिस्तर पर लेट गई उन्हें अब शायद वीडियो पर अपने bf का ध्यान नहीं था पूरी तेजी से कमर हिलाती हुई वो अपनी बुर को तकिए के रगड़ रही थी और कांप रही थी
" उन्ह्ह्ह फक्क मीईई ओह्ह्ह्ह यशस्स अह्ह्ह्ह्ह सीईईई हम्ममम बेबी आ गया हा झड़ गई उफ्फ "
क्या इतनी जल्दी अभी मेरा हुआ नहीं , अरे यार अब क्या करूं , मेरी हालत हो और खराब हो गई , दीदी का प्रोग्राम खत्म हो गया और अब मै क्या करूं , किसे सोच कर हिलाऊं। वैसे तो अमूमन मुझे हिलाना पसंद नहीं था लेकिन ऐसा नजारा बार बार थोड़ी आता था लेकिन ये भी अधूरा छोड़ गई , अधूरी रह गई मेरी हसरत
अंदर दीदी हाफ रही थी मुस्कुरा रही थी : धत्त गंदे हो आप , नहीं अब और नहीं यार थक जाती हूं मै हीही.... यार मुझे वाश करने जाना पड़ेगा ... नहीं नहीं अभी एक घंटे बाद आयेगा वो ... नहीं अब और नहीं । रुको ऐसे रहो वॉयस कॉल पर , अरे मुझे ऊपर जाना पड़ेगा बाथरूम ऊपर है बाबू । नहीं मै कुछ नहीं पहनूंगी लग जाएगा तो खराब हो जायेगा .... नहीं चुन्नी है वही लपेट कर । हा जैसे सब लोग आपके जैसे जागते है जो मुझे देख लेंगे ।
अरे ये क्या दीदी बाहर आ रही है , अब मै कहा जाऊ
एकदम से मुझे ऊपर के बरामदे में एक कोना दिखा दिवाल के पास जहां घुप अंधेरा था मैं वही दिवाल से चिपक गया और थोड़ी ही देर दीदी कमरे से बाहर आई एक सफेद चुन्नी लपेटे हुए , जिसमें उनका दूधिया बदन साफ झलक रहा था कमरे से निकलती रोशनी में ।
" हा बाबू जा रही हूं , आप ऐसे रहो "
दीदी धीरे धीरे चुपके से बड़ी बेफिक्र लेकिन सतर्क होकर जीने से ऊपर चली गई "
अब मै क्या करूं , मेरा मजा तो दीदी ने अधूरा छोड़ दिया और अब न जाने क्यों मुझे सर्दी लग रही थी । अब बारी थी दीदी को थोड़ा चौंकाने की
लपक कर मै कमरे आ गया और कम्बल के बैठ गया
मेरी नजर बिस्तर पर पड़ी हुई उनकी ब्रा पैंटी पर गई सीई ओह्ह्ह्ह अभी भी उनकी पैंटी गीली थी
गीले पैंटी को छूते ही मुझे उस तकिए का ख्याल आया और मैने हाथ फिराया तो सारी मलाई मेरे हाथों में तकिया पूरा गिला हो गया था । अजीब सी गिनगिनाहट हुई बदन में फिर मैने उसे उठा कर नथुने पर लगाया ओह्ह्ह्ह कितनी मादक गंध थी दीदी के रस की
तभी मुझे जीने पर हलचल होती महसूस हुई माने झटपट सारी चीजें छोड़ कर दीदी की ब्रा पैंटी कम्बल में छिपा दी और वो गिला तकिया अपने पीछे लगा कर मोबाइल चलाने लगा
दीदी अपने और में मस्त अपने bf से बात करती हुई खिलखिलाती हुई एकदम से दरवाजा खोल कर कमरे में आई और बर्फ की तरह जम गई जैसे ही उनकी नजर मुझपर गई
" रोहन "
" दीदी !!! , आप ऐसे ? "
पल भर की झलक मिली दीदी के सामने से उनकी दूधिया चूचों की जो उस सफेद चुन्नी से आरपार मुझे ही देख रहे थे , कसम ऐसा लगा मानो लंड फट ही जाएगा और चीजें जब पर्दे में हो तो साली और भी कयामत लगती है वहीं हाल था
झट से उन्होंने अपने bf का काल काटा और वही पास में दिवाल पर लगे स्विच बोर्ड से कमरे की बत्ती बुझा दी
पूरा घुप्प अंधेरा हो गया कमरे में
" अरे दीदी क्या हुआ "
" क्या हुआ के बच्चे , बोला क्यों नहीं तू आ गया है " , दीदी भड़की हुई थी
" मै तो बोला न एक दो घंटे में आ जाऊंगा लेकिन आप ऐसे क्यों ? "
मेरे सवाल सुनते ही दीदी की सांसे अटक गई मानो , तभी फिर से उनका ब्वॉयफ्रेंड फोन करने लगा और उन्होंने तुरंत काट दिया फोन और मोबाइल स्क्रीन ऑफ कर दिया ताकि मै कुछ देख न पाऊं
मैने भी शरारत में अपने मोबाइल की टॉर्च ऑन कर दी
: पागल बंद कर उसे ( दीदी गुस्से में तेज आवाज में बोली )
: स सॉरी सॉरी ..
फिर एकदम से चुप हो गई वो फिर उनके आने की आहट होने लगी और मै सतर्क हो गया , धीरे धीरे बिस्तर में कुछ हरकते हुए और फिर उनके देह की महक ने मुझे घेर लिया
दीदी आज पूरे होशो हवास में मेरे सामने नंगी थी मेरे बिस्तर में ये सोच कर ही लंड पंप हो रहा था ,
" उन्ह्ह्ह कहा गया "
" क्या खोज रहे हो दीदी "
" बक्क यार मेरा टॉप नहीं मिल रहा है "
" मै आंख बंद कर ले रहा हूं आप टॉर्च जला कर देख लो "
मैने पूरी ईमानदारी बरती और कुछ देर बाद
: मिला ?
: उन्हूं नहीं , छोड़ सुबह देखूंगी
मिलता कैसे, वो टॉप जो दीदी खोज रही थी वो मेरे तकिए के नीचे था मेरी पीठ के पास , मै भी मौके का फायदा लेनें में कसर नहीं छोड़ी
फिर वो बिस्तर में घुस गई , उनके बदन की हरकते बता रही थी कब कौन सा हिस्सा कम्बल में किधर पांव पसार रहा है और मै भी सरक कर नीचे हुआ
थोड़ी सी नाक मैने सुबकाई: क्या महक रहा है ?
एकदम से दीदी चुप्प मै समझ रहा था कि उन्हें याद आ गया होगा कि जिस तकिए पर वो झड़ी थी वो मेरे सर के नीचे है
: आपको नहीं आ रही है
: उन्हूं नहीं तो
: पता नहीं कुछ अजीब सा है लेकिन अच्छा महक रहा है उम्मम ( मैने जानबूझ कर दीदी के रस की खुशबू को अपने नथुनों में भरा और बहुत हल्की सी उनके हंसी की खनक बस एक ही बार मुझे मिली । मै समझ गया कि दीदी को हंसी आ रही है लेकिन वो रिएक्ट करने से हिचक रही है ।
: तू इतना जल्दी क्यों आया
: अरे वहा सब शराबी थे मुझे जबरन नचा रहे थे तो भाग आया , मम्मी सही कहती थी कि नहीं जाना चाहिए वहा
: तूने फोन क्यों नहीं किया आ रहा है तू
: मुझे लगा आप सो गई होंगी , रूम में आया तो आप नहीं थी । फिर आपके कपड़े देखे बिस्तर पर और फिर आप आई ऐसे
एकदम से चुप्पी , मैने मेरी सफाई पेश कर दी थी अब बारी थी दीदी की
: हम्ममम
: क्या हम्ममम , आप ऐसे क्यों घूम रहे थे वो बताओ न
: पागल है ? सो जा चुपचाप ( दीदी थोड़ा उखड़ी )
: और अगर किसी ने देख लिया होता तो , पता है बगल वाले शर्मा अंकल देर रात तक छत पर टहलते है
: क्या ?
: हम्ममम , और आप इतनी रात में कौन सी बहादुरी दिखाने निकल गई बिना कपड़ो के सर्दी में वो भी ।
: अरे यार वो मै वाशरूम गई थी ,
: बिना कपड़ो के ऐसे ही !!!
वो थोड़ा हंसी और फिर : जब तेरी gf बन जाएगी तो तू भी समझ जाएगा
: अरे इसमें मेरी gf कहा से आई
: अब तू इतना भी बुद्धू नहीं है कि तुझे कुछ भी पता नहीं हो , तेरे जीजा से बात कर रही थी और क्या ? खुश सुन लिया जो चाहता था । ( दीदी अभी भी भड़क रही थी )
कुछ देर चुप रहने के बाद मैने फिर बात बढ़ाने की सोची , थोड़ी नैतिकता के साथ
: लेकिन शादी से पहले ? कही वो मुकर गया शादी से तो ?
: तुझे बड़ा पता है उनके बारे में , कि शादी करेंगे या नहीं । प्यार करते है करेंगे क्यों नहीं ?
: देखो दीदी ऐसी बात नहीं है ,आपको भरोसा है ठीक है लेकिन अंधा भरोसा मत करना । फूफा का स्टेट्स क्या है जानते हो आप , अगर मान लो फूफा ही नहीं माने इस शादी को और वो आपको ब्लैकमेल करने लगे आगे जाकर तो ?
दीदी थोड़ा चुप रही और फिर बोली : ऐसा कुछ नहीं , वो बहुत अच्छे है
: अच्छे होते तो ऐसे कपड़े थोड़ी उतरवाते
: यार तू तो पीछे ही पड़ गया , मेरी देह है जिसे चाहे दिखाऊं, जिससे चाहे सेक्स करु तुझे क्या ? तू अब मेरा बाप मत बन समझा
मै एकदम से चुप हो गया , हालांकि इस तरह से रिएक्शन की उम्मीद नहीं थी मुझे और मन में दुख भी हुआ कि ले दे कर आखिर मैने उसके हित की ही बात छेड़ी थी फिर भी
मै एकदम चुप हो गया और उसकी ओर पीठ कर करवट हो गया
करीब 5 6 मिनट बाद
: सॉरी
: हम्म्म ठीक है ( मैने भी रुखा सा जवाब दिया )
: जानती हूं तुझे मेरी फिकर है , लेकिन वो सच मुझे अपनी जान से ज्यादा चाहते है , तू सुन न ( उन्होंने मेरे कंधे हिलाए )
: हा सुन रहा हूं ( फिर से उखड़े हुए लहजे में मै बोला )
: अरे इधर मुंह कर न मेरी ओर, भाई प्लीज
: नहीं आप नंगे हो ,मै नहीं देखूंगा उधर हीही
: धत्त बदमाश , मारूंगी अभी , मस्ती मत कर और अंधेरा है कुछ नहीं दिखेगा ( वो थोड़ी शर्माई )
मै भी करवट लेकर उनकी ओर घूम गया
: हम्मम बोलो
: वो मै कह रही थी , कि तू ये किसी से कहेगा नहीं न ( आवाज के साथ साथ उनकी गर्म सांसे भी मुझे मेरे ऊपर महसूस हो रही थी )
: हा कहूंगा हीही
: भक्क बोल न , मस्ती नहीं
: यार ये सब पूछने वाली बात है , मै किससे कहने जाऊंगा
: होगी तेरी कोई gf उससे बताएगा ये सब और क्या , हो ही नहीं सकता कि तेरी gf न हो
: अब क्या सीना चीर के दिखाऊं हाहाहाहा
: सच में नहीं है ? ( दीदी ने पूछा )
: नहीं बाबा
: तेरा मन नहीं करता ?
: क्या ? वो सब करने का ?
: धत्त गंदा , वो नहीं , मतलब gf बनाने का ? ( वो थोड़ा शरमाई और हंसी)
: पापा को जानते हो न , पता चला तो टांगे तोड़ देंगे
: अरे यार लखनऊ में बना ले कोई , बताना क्यों है ?
: हा लेकिन शादी करने के लिए बताना पड़ेगा न ? ( मैने अपनी उलझन बताई )
: क्यों शादी करने के लिए ही बनाते है क्या gf ?
: तो क्या शादी नहीं करोगे जीजू से ( मैंने सारा खेल उनकी ओर पलट दिया )
: क्यों नहीं करुंगी , अरे मतलब कुछ फ्रेंडशिप होती है वो फ्रेंड विथ बेनिफिट वाली... वैसी ?
: साफ साफ कहो न आप मुझे sex करने के लिए पार्टनर खोजने को कह रहे हो , वो तो वैसे ही मिल जाती है चौक और अमीनाबाद में , इतना झंझट क्यों ?
: पागल है तू , वो अब रिस्ट्रिक्टेड एरिया है , मत जाया कर वहां !! पुलिस पकड़ लेती है ।
: अरे मै थोड़ी जाता हूं ,ऑफिस के कई लोगों से सुना है बस
: हम्म्म तो तूने कभी नहीं किया ?
: क्या ? ( मैं भी जिज्ञासु होकर सवाल किया )
: से.. सेक्स!!
दीदी ने ऐसा सवाल किया कि मेरे लंड के कम्बल के अंदर झटके देने लगा और मैने गहरी सांस ली
: क्या हुआ बोल न ( दीदी ने सवाल दोहराया )
: हीही , क्यों पूछ रहे हो gf दिलाओगे क्या मुझे लखनऊ में हाहा
: देख रोहन , सबकी अपनी अपनी जरूरत होती है और मामी जी तो साफ कहती है कि दो तीन साल तेरी शादी नहीं होगी । अकेले रहना अच्छा है लेकिन कोई दोस्त रहे तो लाइफ आसान हो जाती है ।
: हम्म्म , लेकिन मुझसे दोस्ती करेगा कौन ?
: अरे आस पास देख ,कोई हो जिसे तू बात करने में कंफर्टेबल हो , तेरे पसंद की हो , तुझे अच्छी लगती हो , तुझे समझती हो ।
: हीही , सच कहूं तो आज तक मैने आपके सिवा किसी लकड़ी से इतनी बात तक नहीं की है हाहाहाहा और ये सब गुण जो आप बता रहे हो वो सब मुझे आपके अंदर दिख रहे है
: क्या ? ( वो चौकी और मैं लपेटना शुरू किया )
: हा आपसे कितना कंफर्टेबल हु बात चीत करने में , आप सुन्दर भी हो और मुझे अच्छी भी लगती हो और सबसे बढ़ कर मुझे समझती भी हो ।
: भक्क पागल , लेकिन मै तेरी बहन भी हूं
: हा तो क्या हुआ , बहन दोस्त नहीं हो सकती है
: पगलू , लेकिन ...
: क्या लेकिन ?
: कुछ नहीं
: टेंशन मत लो , मै आपको फ्रेंड विथ बेनिफिट नहीं बनाऊंगा हीही
: छीइई गंदा
और वो मुझे मारने लगी और मैने उनके हाथ रोकने लगा कि एकदम से मेरा एक पंजा इस झड़प में आगे जाकर उलटे तरफ से दीदी के नंगी गुदाज चुची पर जा लगा और कलाई के पास मुझे उनके तने हुए निप्पल का अहसास हुआ
: सॉरी ( झट से मैने हाथ पीछे कर लिए )
दीदी कुछ नहीं बोली , मै उनकी ओर देख रहा था अंधेरे में कि कुछ तो प्रतिक्रिया हो , लेकिन आगे कुछ ऐसा होने वाला था जिसका अंदाजा तो हम दोनो को नहीं था
दीदी ने अपना मोबाइल हम दोनो के बीच ही रखा था और जिसका स्क्रीन साइड ऊपर ही ओर था
एकदम से दीदी का मोबाइल बजने लगा , उनके बॉयफ्रेंड ने काल किया था और जैसे ही मोबाइल स्क्रीन की लाइट जली, मेरी सतर्क निगाहों ने फुल ब्राइटनेस वाले स्क्रीन की रोशनी में दीदी की ग़ुलाबी चूचों को घूरना शुरू कर दिया , उनके गुलाबी निप्पल पूरे तने हुए मुझे ही देख रहे थे
एकदम से दीदी हड़बड़ाई और मोबाइल की स्क्रीन पलट दी , कुछ देर में काल खुद से बंद हो गई
हम दोनो अभी जो हुआ उसके शौक में थे , दोनो में से किसी को भी इस तरह की घटना की उम्मीद नहीं थी और मेरा लंड वो ससुरा फूला नहीं समा रहा था ।
एक बार फिर दीदी का मोबाइल बजने लगा
: उठा लो दीदी ( ये कहकर मै घूम गया )
फिर दीदी ने फोन उठाया और इस बार उनका इयरफोन कनेक्ट नहीं था तो रात के सन्नाटे में दूसरी तरफ की आवाज भी साफ साफ आ रही थी
: रोहन आ गया क्या ( उधर से आवाज आई )
: हम्ममम
: पास में है क्या ?
: हा , सोया है , बोलो आप ( दीदी ने रिप्लाई किया )
: बात करोगे ?
: उन्हूं नहीं, सो जाओ आप भी
: ओक लव यू जान
: हम्ममम ठीक है
: अरे , बोलो न ऐसे तड़पाओ मत और कल होली है तो स्पेशल सेल्फी भेजना
: कैसी स्पेशल ( दीदी ने पूछा और दिलचस्पी मेरी भी थी उस स्पेशल में )
: अरे मेरी जान अपने चूचों को रंग कर एक फोटो भेजना सेक्सी सा
अरे बेटीचोद साला इसकी भी फैंटेसी सेम मेरी तरह , हाहाहा लड़कों में ठरक एक जैसी ही होती है , उनकी सोच ऐसी ही रंगीली होती है आज समझ आ गया था । वही दीदी ने शर्मा कर रिप्लाई किया
: बक्क पागल हो , सो जाओ चुपचाप हा नहीं तो , बाय
: अच्छा लव यू तो बोलो
: ओके लव यू ... ( दीदी थोड़ा असहज हो रही थी )
: और चुम्मी
: उम्माह
: बस एक ही ( उसकी फरमाइस सुनकर मुझे हसी आ रही थी )
: हा एक ही अब रखो बाय
दीदी ने फोन काट दिया और मेरी हंसी रुक भी रही थी
: बड़ी मस्ती सूझ रही है तुझे उम्मम
: यार अब मैने क्या किया
: पागल , सुना न कितना प्यार करते है मुझसे , बिना रोमांटिक गुड बाय के सो नहीं पाते वो बेचारे
: हा सुना मैने , फरमाइश भी कम नहीं है उनकी हीही
दीदी समझ गई कि मै उनके चूचे रंगने वाली बात पर बोल रहा था
: हा तो मुझसे नहीं करेंगे तो किससे करेंगे , उनको पसंद है तो क्या बुराई है
: तो भेजोगे आप ?
: तुझसे मतलब ?
: हीहीही
: बोल न हस क्यों रहा है ? मै जान रही हूं तू कुछ उल्टा ही सोच रहा होगा
: हीही नहीं कुछ नहीं
: अरे बता न
: नहीं वो मै कहने वाला था कि फोटो किससे निकलाओगी हाहाहाहाहा
: हट दुष्ट कही का ( वो फिर से हाथ चलाने लगी और मैं खिलखिलाने लगा )
: अच्छा ठीक मै ही निकाल दूंगा , खुश ( मै उनकी ओर वापस घूमता हुआ बोला )
: भक्क गंदा , मै नहीं निकलवाउंगी पागल है क्या तू
: अरे यार दोस्ती में इतना तो चलता है न और जीजू को भी अच्छी क्वालिटी में फोटो मिल जायेंगे
: रोहन!!!!! के बच्चे बताती हूं तुझे , बहुत बिगड़ गया है तू
वो उठ कर चढ़ आई और बिना ये सोचे कि उसके नंगे चूचे हवा में झूल रहे होंगे मैने अंधेरे में उसके हाथ फिर से रोकने लगा और हाथापाई में इस बार उसकी एक चुची पूरी की पूरी मेरी हथेली में
सीईईई मम्मीइई
वो सिसकी और मैने भी थोड़ा टटोला नीचे लंड अकड़ गया , साला इतना सॉफ्ट होता है क्या ये उफ्फ कितनी गर्म और मुलायम चीज थी जैसे मलाई का गोला हो लंड एकदम फड़फड़ाने लगा था अंदर
: छोड़ न पागल
: सॉरी सॉरी दीदी
: हट अब दूर होकर सो मुझसे ,
: अच्छा सॉरी न गलती से टच हो गया
: गलती से टच हुआ तो दबा क्यों रहा था तू
मेरा हलक सूखने लगा , अभी अभी तो दोस्ती हुई थी और अब ये नया ड्रामा , साला सुकून लिखा ही नहीं मेरी लाइफ में
: सॉरी वो मै चेक कर रहा था कि इतना सॉफ्ट क्या था , मुझे मालूम नहीं चला अंधेरे में , कसम से दीदी सच्ची में
वो कुछ देर चुप रही
: तू सच में किसी से वो सब नहीं किया है
: अभी भी आपको यकीन नहीं है क्या ( मुझे मामला थोड़ा सही होता दिखा ) मुझे तो पता भी नहीं था कि वो इतना ज्यादा सॉफ्ट होता है , कितना गर्म भी था वो ।
: धत्त गंदा चुप कर अब ( दीदी थोड़ी शर्मा रही थी और मुझे कुछ उम्मीद नजर आ रही थी )
: दीदी एक बात पूछूं
: हम्म्म बोल
: सबका इतना सॉफ्ट और गर्म होता होगा न , मतलब सारी लड़कियों का
: मुझे क्या पता, मै कौन सा सबके छूने जा रही हूं हीहीही
: अच्छा कुछ लड़कियों के छोटे क्यों होते हैं
: हा दुबली लड़कियों के ऐसे ही होते है
: तो आप कहा मोटी हो फिर भी आपके बड़े ....! ( बोलते हुए रुक गया मै )
: भक्क पागल , इतना बड़ा भी नहीं है मेरा हीही
: लेकिन मेरे तो हाथ में ही नहीं आ रहा था पूरा और भारी भी था थोड़ा
: छीइई पागल , क्या बाते कर रहा है ये सब, सो जा अब , गंदा लड़का
( दीदी को हंसी आ रही थी और वो ये सब इंजॉय कर रही थी ये भी जान रहा था लेकिन खुल कर वो कह नहीं रही थी )
कुछ देर चुप रहने के बाद
: दीदी
: अब क्या है रोहन !!
: कुछ नहीं , गुड नाइट
: अच्छा अब बोल भी दे भाई , मै नाराज नहीं हूं तुझसे
: अच्छा क्या दूसरा वाला भी ऐसे ही सॉफ्ट होता है
दीदी चुप रही और उन्होंने बिस्तर पर कुछ टटोला और एकदम से उनका हाथ मेरे पंजे को पकड़ा और सीधा अपने नंगे चूचे पर रख दिया
उफ्फ पूरी हथेली तपने लगी और उनके कड़क निप्पल की नोख मानो मेरे हथेली में छेद कर देगी
: सीई ओह्ह्ह दीदी कितना सॉफ्ट है ( मैने भी मौके का फायदा लेकर उसको घुलाया)
: उम्ममम बस कर चेक कर लिया न , रोहन छोड़ अब
: बस थोड़ा सा अच्छा लग रहा है सीईईई कितना सॉफ्टी और गर्म है ( मैने पूरी हथेली उनके चूचे पर फिराई जैसे आटे की लोई को घुमाते है चौके पर दीदी पूरी अकड़ गई )
: बस कर रुक जा ( वो मेरी कलाई पकड़ ली और मैने उनके चूचे पंजे में कस लिए
: अह्ह्ह्ह इतना कस के नहीं पागल हल्के से पकड़ते है दर्द होता है
: ओह सॉरी ( मैने अपनी पकड़ ढीली की और हौले हौले उनकी मुलायम चुची को घुलाने लगा और मौका देख कर हाथ आगे सरका कर दूसरी तरफ वाली चूची को छूने लगा
: सीईईई क्या कर रहा है पागल , अभी उसे छुआ था न
: हा लेकिन अच्छा लग रहा है दीदी बहुत सॉफ्ट है
: पागल है तू , बस अब हो गया हटा हाथ ( दीदी ने परेशान हो कर हाथ हटा दिया और यहां मेरा लंड पूरा फौलादी हुआ जा रहा था )
दीदी की हालत भी कम खराब नहीं थी , चूचे मिजवा कर वो भी परेशान ही गई थी ,
मै थोड़ा खुद को रिलेक्स करने लगा था कि अब शायद बात आगे न बढ़े और सोना ही सही रहेगा
लेकिन आज ही रात जैसे किस्मत मेहरबान थी । दीदी के तरफ बिस्तर में हलचल हो रही थी पैरो के पास और ऊपर उनकी सांसे भी बेचैन थी
मै चुप हो गया था करीब 5 6 मिनट बाद वो बोली
: रोहन
: हा दीदी
: जाग रहा है
: हम्ममम क्या हुआ ?
: एक काम करेगा !!
: क्या ? ( मेरा दिल धड़कने लगा जोरो से सांसे चढ़ने लगी , कुछ अंदेशा सा होने लगा )
: प्रोमिस कर किसी से कहेगा नहीं कभी
: आपकी कसम नहीं कहूंगा प्रोमिस ( मै भी अन्दर से बेचैन हो गया) बोलो न
: दूध पियेगा मेरा
उफ्फ कोई पागल ही होगा जो ये ऑफर ठुकराया लेकिन सवाल तो कुछ लाजमी था जो मेरे जहन में था
: आपको आता है क्या ?
: नहीं पागल , ऐसे ही , बोल पियेगा ?
हलक सूखा जा रहा और जवान अटक रही थी
: हा
: आ फिर मेरे पास
मै सरका गया और हाथ से वापस उनके दूध टटोलने लगा और दीदी ने फिर से मेरे पंजे पकड़ कर अपने चूचे पर रख दिए जो मेरी तरफ था
मैने वापस से उनकी चुची को सहलाना घुलाना शुरू कर दिया और दीदी सिसकने लगी
: उम्ममम सीईईई ओह्ह्ह पी न रोहन निप्पल पर मुंह लगा कर
मै आगे झुका कर जीभ निकाल कर उनके नंगे रसीले मम्में पर निप्पल खोजने लगा और जीभ की टिप ने जैसे ही उनके निप्पल को छुआ वो छटपटा पड़ी : सीईईई ओह्ह्ह वही है .... उम्ममम सीईईई ओह्ह्ह यस्स अह्ह्ह्ह्ह
मैने अपने होठों में उनके निप्पल भर लिए और जितना हो सका उनके मम्मे को मुंह में भर कर चूसने लगा : ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह सीईईई मम्मीइई अह्ह्ह्ह रोहन उम्ममम चूस और सीई अह्ह्ह्ह
दीदी की सिसकिया मेरे कानो में गुंज रही थी और मैने दूसरे हाथ से उनकी दूसरी चुची पकड़ ली और उसको सहलाने लगा
दीदी का हाथ नीचे था और वो तेजी से हिल रहा था , मै समझ गया था कि दीदी अपनी बुर सहला रही थी
: ओह्ह्ह यस्स बेटा उम्मम ओह्ह्ह पी के उम्मम सीईईई उफ्फ मम्मा उम्ममम सीईईई ओह्ह्ह यस्स यस्स
मैने निप्पल बदल दिए और दीदी के दूसरी चुची को मुंह में ले लिया और दीदी की तड़प और बढ़ गई वो तेजी ने अपने बुर में उंगली चलाने लगी
: क्या हुआ दीदी क्या कर रहे हो आप
: कुछ नहीं भाई , तू चूस न बस चूसता रह ओह्ह्ह्ह मेरा निकल रहा है अह्ह्ह्ह सीईईईईई ओह्ह्ह्ह मम्मीईइई ओह मम्मीईईईई ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह फक्क मीईई ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् फक्क मीईई ओह्ह्ह्ह यशस्स
फिर एकदम से दीदी अपनी गाड़ हवा में उछालने लगी और झटके खाने लगी , मैने इस दौरान एक बार भी उनका निपल्स मुंह से नहीं निकाला बस उनको झड़ने में मदद करता रहा और फिर थक कर सुस्त पड़ गई और मै भी उठ कर बगल में लेट गया ।
हम दोनो चुप रहे और फिर मैने हौले से कम्बल में अपना लंड निकाल दिया बाहर , कबसे अकड़ कर रॉड हुआ जा रहा था ।
लेकिन अभी भी नीद हमारी आंखों से बहुत दूर थी।
जारी रहेगी
( बबली के बबले वाले इस अपडेट को पढ़ने के बाद लाइक और कमेंट जरूर करें , आपके विचारों को पढ़ कर अच्छा लगता है ... धन्यवाद )
Babli ke bablon ne to lund kadak kar diyaUPDATE 015
मै घर वापस आ गया था , पूरे मुहल्ले में चुप्पी थी , डीजे की आवाज जो चौराहे से आ रही थी वो भी अब हल्की पड़ गई थी , दूसरी गली में सर्द रात में कुत्तों के भौंकने की आवाजें आ रही थी ।
मैने चैनल वाले गेट से अंदर हाथ डाल कर ताला खोला और हौले से चैनल खोलकर अंदर आ गया और वापस ताला लगा कर चाबी रखने के लिए बरामदे के दरवाजे से अंदर गया
अंदर भी गुप अंधेरा था , मैने मोबाइल स्क्रीन की रोशनी में चाबी हाल में मम्मी के कमरे के बाहर दरवाजे के पास एक वाल हैंगर में टांगी और बेचैन मन और हड़बड़ाते पेट के साथ मै छत पर जाने को बेताब था , रह रह कर दिल में यही प्रार्थना उठ रही थी कि काश दीदी ने दरवाजा बंद न किया हो, बस एक झलक भर मिला जाए तो लाइफ बन गए
मै अभी अपने कदम पीछे कर वापस जा रहा था कि मम्मी के कमरे से आती एक सिसकी ने मेरे कान खड़े कर दिए और मेरे पाव जस के तस जम गए ।
" सीईईई धत्त काट ही लोगी क्या उन्ह्ह्ह आराम से चूस न मना थोड़ी कर रही हूं सीई हाय दैय्या कुसुम तेरे होठ तो .... "
कमरे से आती बुआ की सिसकी ने मेरे पेंट में टाइटनेस बढ़ने लगी और फिर से मेरे जहन में दीदी का ख्याल आया । मै समझ रहा था कि मम्मी बुआ की तंग करती है उनकी आदत है लेकिन बबली दीदी उनको बार बार नंगी देखने का और उनका bf के साथ मस्ती भरे पल का अनुभव लेने का मौका बार बार नहीं आएगा । मै आगे बढ़ा ही था कि फिर वो आवाज आई
" सीईईई अब बस कर न अह्ह्ह्ह्ह दूसरा वाला ओह्ह्ह्ह कितनी उतावली है तू कुसुम उम्मम इतना तो बबली के पापा ओह्ह्ह्ह सीईईई बस हो गया न,, छोड़ अब "
बुआ की बातें सुनकर मेरे जहन तमाम ऊंट पटांग ख्याल उमड़ रहे थे और लंड पूरा फौलादी हुआ जा रहा था ।
" ठीक है छोड़ दिया... लेकिन अब अपने भइया को मत तरसाओ , अरे इतने रसीले जोबन का क्या अचार डालोगी , कल होली है थोड़ा लाल पीला करवा लेना कुछ नहीं होता "
ये मम्मी की आवाज थी और वो खिलखिलाई
: अब तू छोड़ मुझे , पहले दिन ही एक बटन चटका दिए तूने , नई नाइटी थी
: शुक्र मनाओ मै हूं , आपके भइया रहते तो अबतक फाड़ चुके होते हीहीहीही
: धत्त बड़ी बेशर्म है तू , सो जा अब ,हा नहीं तो
मै उसकी शरारतें सुनकर मुस्कुराया लेकिन अब बहुत हो गया था मैने तेजी से अपने कदम आगे बढ़ाए और हाल का दरवाजा लगा कर बिल्लियों जैसे दबे पाव सरपट ऊपर आया
जीने का दरवाजा खुला था और मैं ऊपर के बरामदे में
फिंगर क्रास काश कि कमरे का दरवाजा खुला हो
मै दबे पाव हाल वाले दरवाजे के पास गया , उम्मीद कार्यक्रम अभी शुरू हुए ज्यादा देरी नहीं हुई थी
" यू वांट इट उम्मम कम बेबी यस कम लिक माय निप्सी उम्ममम सीईईई ओह्ह्ह बेबी ओह्ह्ह्ह यशस्स ओह्ह्ह्ह आप ऐसे चूसते हो कि पागल हो जाती हूं "
एक पल को दीदी की बातें सुनकर ऐसा लगा कि कही उनका bf वीडियो कॉल पर नहीं सच में अंदर कमरे में उनके ऊपर चढ़ कर उनके निप्पल चूस रहा हो। मन में शंका उठी थी तो निवारण करना आवश्यक हो ही जाता है और मैने अपना लंड भींच कर पेंट के ऊपर से हौले से कमरे के दरवाजे पर जोर दिया और वो हल्का सा खुल गया
" यश यश यश " , ये मेरे मन की जीत थी मैने चियरअप किया मन ही मन
अब दरवाजे और गेट के महीन करीब एक से डेढ़ इंच के गैप से मैने एक आंख बंद कर दूसरी आंख का फोकस बढ़ा कर अंदर बरामदे में नजर घुमाई और मेरी दोनों आंखे खुल गई
सामने देखा तो दीदी ऊपर से पूरी टॉपलेस और कम्बल पेट तक ओढ़े हुए सामने कम्बल पर ही किसी तरह मोबाइल खड़ी कर वीडियो कॉल पर अपने बॉयफ्रेंड के सामने अपनी बाई नर्म रसीली चुची को कस कर मिज़ रही थी और उनकी दूसरी चुची नंगी जिसके गुलाबी निप्पल पूरे तने हुए मानो मुझे ही देख रहे हो
जीभ के साथ साथ अब तो लंड ने भी लार छोड़नी शुरू कर दी ।
उफ्फ ऐसे नजारे मेरी सोना क्यों नहीं दिखाती , कितना तरसती है मुझे ऐसे मोमेंट के लिए अह्ह्ह्ह ना जाने उसके निप्पल कैसे होने उफ्फ दीदी आपके गुलाबी निप्पल उम्मम जैसे कोई रसियन के हो सीईईई मुंह में लार घुल रही थी और दूसरी ओर दीदी अपनी चूचियां घुला रही थी
: ओह्ह्ह्ह बेबी ये वाला भी लो न मुंह उम्ममम अह्ह्ह्ह सीईईई अह्ह्ह्ह सक इट बेबी ओह्ह्ह्ह यशस्स अह्ह्ह्ह्ह मुझे भी आपके निप्पल चाटने है उसको बाइट करना है उम्मम आपके हेयरी चेस्ट को किस्स करना है मेरी जान ओह्ह्ह्ह आजाओ न उम्ममम
दीदी पूरी फैल गई बिस्तर पर और मोबाइल लेकर लेट गई , अभी भी उनके फ्रंट कैमरे का फोकस उनकी रसदार गुलाबी चूचियां थी लेकिन उनका दूसरा हाथ अब नीचे उनकी पैंटी में था
"हम्ममम हो रही है खुजली तो क्या करूं सीईईई आओ चाट लो न फिर आपकी जीभ से गिला होगा तो दूर हो जायेगी खुजली "
उफ्फ कितनी गर्म है दीदी यार सीईईई गर्लफ्रेंड के असली मजे तो दीदी का bf उठा रहा है , यहां मेरी वाली क्लीवेज दिखाने के लिए भी इतना तड़पाती है उफ्फफ दीदीइइ
" निकाल रही हूं मेरी जान उम्मम रुको न थोड़ा ...बस हो गया हा निकाल दी ... उम्हू नहीं पहले आप दिखाओ मेरे छोटू बेबी को हीही दिखाओ न उम्मम अह्ह्ह्ह्ह प्लीज न "
अंदर का नजारा बदल चुका था दीदी अब पूरी नंगी थी और कम्बल के बाहर भी , मोबाइल स्क्रीन को देखते हुए इस ख्याल से बहुत दूर कि उनका भाई कमरे के दरवाजे के बाहर से उनके पतीले जैसे चूतड़ों को नंगा देख रहा है
उफ्फ मम्मी क्या माल है यार बबली दीदी सीईईई माल में उस योगा पैंट के उनकी गाड़ देख कर ऐसा लगा था कि मानो जन्नत देख लिया हो लेकिन अब नंगी देखने के बाद मेरे लंड की हालत बिगड़ने लगी
रहा नहीं गया मुझसे और मैने अपना लंड बाहर निकाल लिया ओह्ह्ह्ह कितनी राहत मिली , मैने हौले से अपने टाइट सुपाड़े के ऊपर से चमड़ी पीछे की और ओह्ह्ह्ह जल रहा था ससुरा जैसे चूल्हे पर टमाटर रखा हो लाल होकर तना हुआ
" उम्मन बेबी कितना हार्ड है सीईईई ओह्ह्ह... हा जान सक करूंगी न येस बेबी उम्मम देखो ओपन है ... "
दीदी ने मोबाइल का फ्रंट कैमरा हाथ पीछे ले जा कर अपने बबल जैसे चूतड़ों को हिलाते हुए दिखाया
" सीईईई नॉटी हो आप हीही धत् पिछली बार तो केक वाली क्रीम लगाया था ... हा तो .... नहीं मै नहीं लाऊंगी चॉको सिरप उम्हू आप लाना ... कहा लगा के चाटोगे.... सीईईई ओह्ह्ह सच में उफ्फफ बेबी सीई दिखा रही हूं मेरी जान सीई रुको न "
इधर दीदी मोबाइल सेट करने लगी वापस से कम्बल को फोल्ड करके और वही मेरे दिमाग में दीदी की बातें नाच रही थी कि कितनी पागल कर देने वाली फैंटेसी है दीदी के बॉयफ्रेंड की , साले ने दीदी की गाड़ को केक क्रीम लगा कर चाटा है , उफ्फफ कैसी लगती होगी ओह्ह्ह गॉड मेरा तो लंड ही फट जाएगा उफ्फफ मुझे तो chocolate पसंद है मै अपनी जान के चूत पर चॉकलेट लगा कर चाटूंगा ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह ओह्ह्ह गॉड दीदी फक्क यू कितनी सेक्सी हो आप और आपकी गाड़ सीईईई ओह कितनी बड़ी है और गोल है
अंदर दीदी मोबाइल सेट कर उसके सामने अपने बड़े बड़े चूतड़ हिलाने लगी उनके बबले जैसे चूतड़ों को देख कर मेरा सुपाड़ा लार छोड़ने लगा
" यू वना ईट बेबी कॉमन सक माय पूसी एंड ऐस ओह्ह्ह्ह चाट लो ओह्ह्ह्ह मेरी जान "
एकदम से दीदी ने अपनी गाड़ को हवा में उठा कर चूत और गाड़ के छेद को मोबाइल के कैमरे की ओर ले गई
ईईईस साला क्या नजारा होगा यार दीदी के फांकों की झलक उफ्फफ
" ओह्ह्ह्ह मेरी जान फक्क मीईई ओह्ह्ह्ह यशस्स चाटो और उम्मम आपकी जीभ मुझे पागल कर देती है हा बेबी बहुत मजा आता है चटवाने में आपसे ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् मीईईईई ओह, ऐसे आजाओ
वो एकदम से घूम गई और कैमरे के आगे अपनी जांघो को खोलकर बैठ गई उफ्फ कितनी लाल हुई जा रही थी उनकी गुलाबी फांके , दीदी उन्हें उंगलियों से छेड़ रही थी और सहला कर अपने bf से बात कर रही थी
" येस बेबी डाल दो न ओह्ह्ह्ह लो खोल दिया घुसाओ न , उफ्फफ ओह्ह्ह्ह यशस्स फक्क मीईई बेबी ओह्ह्ह्ह यशस्स फक्क"
मै तेजी से अपना लंड मसल रहा था मेरे चेहरे के भाव अजीब थे और अंदर दीदी तेजी से अपनी बुर में उंगली पेलने लगी थी उसकी सिसकिया अब चीखे बन चुकी थी
फिर उन्होंने ऐसा कुछ किया जिसकी मुझे उम्मीद नहीं थी उन्होंने मेरा तकिया जिसे लेकर मै कल सोया उसे उठा कर अपनी जांघो के नीचे रखा और बैठ गई और उस तकिए से कॉर्नर से अपने बुर के फांके को रगड़ने लगी : ओह्ह्ह्ह बेबी ओह्ह्ह्ह यशस्स अह्ह्ह्ह्ह सीईईई फक्क मीईई इस बार आऊंगी तो ऐसे ही बैठ कर लूंगी .... अह्ह्ह्ह हा जान पूरा घुस जाता है अंदर तक ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह सीईईई अह्ह्ह्ह मम्मीइई उफ्फ फक्क्क् मीईईईई सीईईई ओह्ह्ह गॉड फक्क्क् यस जानु आयेगा ओह्ह्ह
दीदी पूरी पागल हो गई उनकी हालत देखकर मै पूरे जोश में था और लंड एकदम लाल हो गया था गर्म होकर नसे मानो खुद से ही सांस के रही थी सुपाड़ा पूरा मुंह खोले था
तभी अंदर देखा तो दीदी तकिए को पकड़ कर पूरी बिस्तर पर लेट गई उन्हें अब शायद वीडियो पर अपने bf का ध्यान नहीं था पूरी तेजी से कमर हिलाती हुई वो अपनी बुर को तकिए के रगड़ रही थी और कांप रही थी
" उन्ह्ह्ह फक्क मीईई ओह्ह्ह्ह यशस्स अह्ह्ह्ह्ह सीईईई हम्ममम बेबी आ गया हा झड़ गई उफ्फ "
क्या इतनी जल्दी अभी मेरा हुआ नहीं , अरे यार अब क्या करूं , मेरी हालत हो और खराब हो गई , दीदी का प्रोग्राम खत्म हो गया और अब मै क्या करूं , किसे सोच कर हिलाऊं। वैसे तो अमूमन मुझे हिलाना पसंद नहीं था लेकिन ऐसा नजारा बार बार थोड़ी आता था लेकिन ये भी अधूरा छोड़ गई , अधूरी रह गई मेरी हसरत
अंदर दीदी हाफ रही थी मुस्कुरा रही थी : धत्त गंदे हो आप , नहीं अब और नहीं यार थक जाती हूं मै हीही.... यार मुझे वाश करने जाना पड़ेगा ... नहीं नहीं अभी एक घंटे बाद आयेगा वो ... नहीं अब और नहीं । रुको ऐसे रहो वॉयस कॉल पर , अरे मुझे ऊपर जाना पड़ेगा बाथरूम ऊपर है बाबू । नहीं मै कुछ नहीं पहनूंगी लग जाएगा तो खराब हो जायेगा .... नहीं चुन्नी है वही लपेट कर । हा जैसे सब लोग आपके जैसे जागते है जो मुझे देख लेंगे ।
अरे ये क्या दीदी बाहर आ रही है , अब मै कहा जाऊ
एकदम से मुझे ऊपर के बरामदे में एक कोना दिखा दिवाल के पास जहां घुप अंधेरा था मैं वही दिवाल से चिपक गया और थोड़ी ही देर दीदी कमरे से बाहर आई एक सफेद चुन्नी लपेटे हुए , जिसमें उनका दूधिया बदन साफ झलक रहा था कमरे से निकलती रोशनी में ।
" हा बाबू जा रही हूं , आप ऐसे रहो "
दीदी धीरे धीरे चुपके से बड़ी बेफिक्र लेकिन सतर्क होकर जीने से ऊपर चली गई "
अब मै क्या करूं , मेरा मजा तो दीदी ने अधूरा छोड़ दिया और अब न जाने क्यों मुझे सर्दी लग रही थी । अब बारी थी दीदी को थोड़ा चौंकाने की
लपक कर मै कमरे आ गया और कम्बल के बैठ गया
मेरी नजर बिस्तर पर पड़ी हुई उनकी ब्रा पैंटी पर गई सीई ओह्ह्ह्ह अभी भी उनकी पैंटी गीली थी
गीले पैंटी को छूते ही मुझे उस तकिए का ख्याल आया और मैने हाथ फिराया तो सारी मलाई मेरे हाथों में तकिया पूरा गिला हो गया था । अजीब सी गिनगिनाहट हुई बदन में फिर मैने उसे उठा कर नथुने पर लगाया ओह्ह्ह्ह कितनी मादक गंध थी दीदी के रस की
तभी मुझे जीने पर हलचल होती महसूस हुई माने झटपट सारी चीजें छोड़ कर दीदी की ब्रा पैंटी कम्बल में छिपा दी और वो गिला तकिया अपने पीछे लगा कर मोबाइल चलाने लगा
दीदी अपने और में मस्त अपने bf से बात करती हुई खिलखिलाती हुई एकदम से दरवाजा खोल कर कमरे में आई और बर्फ की तरह जम गई जैसे ही उनकी नजर मुझपर गई
" रोहन "
" दीदी !!! , आप ऐसे ? "
पल भर की झलक मिली दीदी के सामने से उनकी दूधिया चूचों की जो उस सफेद चुन्नी से आरपार मुझे ही देख रहे थे , कसम ऐसा लगा मानो लंड फट ही जाएगा और चीजें जब पर्दे में हो तो साली और भी कयामत लगती है वहीं हाल था
झट से उन्होंने अपने bf का काल काटा और वही पास में दिवाल पर लगे स्विच बोर्ड से कमरे की बत्ती बुझा दी
पूरा घुप्प अंधेरा हो गया कमरे में
" अरे दीदी क्या हुआ "
" क्या हुआ के बच्चे , बोला क्यों नहीं तू आ गया है " , दीदी भड़की हुई थी
" मै तो बोला न एक दो घंटे में आ जाऊंगा लेकिन आप ऐसे क्यों ? "
मेरे सवाल सुनते ही दीदी की सांसे अटक गई मानो , तभी फिर से उनका ब्वॉयफ्रेंड फोन करने लगा और उन्होंने तुरंत काट दिया फोन और मोबाइल स्क्रीन ऑफ कर दिया ताकि मै कुछ देख न पाऊं
मैने भी शरारत में अपने मोबाइल की टॉर्च ऑन कर दी
: पागल बंद कर उसे ( दीदी गुस्से में तेज आवाज में बोली )
: स सॉरी सॉरी ..
फिर एकदम से चुप हो गई वो फिर उनके आने की आहट होने लगी और मै सतर्क हो गया , धीरे धीरे बिस्तर में कुछ हरकते हुए और फिर उनके देह की महक ने मुझे घेर लिया
दीदी आज पूरे होशो हवास में मेरे सामने नंगी थी मेरे बिस्तर में ये सोच कर ही लंड पंप हो रहा था ,
" उन्ह्ह्ह कहा गया "
" क्या खोज रहे हो दीदी "
" बक्क यार मेरा टॉप नहीं मिल रहा है "
" मै आंख बंद कर ले रहा हूं आप टॉर्च जला कर देख लो "
मैने पूरी ईमानदारी बरती और कुछ देर बाद
: मिला ?
: उन्हूं नहीं , छोड़ सुबह देखूंगी
मिलता कैसे, वो टॉप जो दीदी खोज रही थी वो मेरे तकिए के नीचे था मेरी पीठ के पास , मै भी मौके का फायदा लेनें में कसर नहीं छोड़ी
फिर वो बिस्तर में घुस गई , उनके बदन की हरकते बता रही थी कब कौन सा हिस्सा कम्बल में किधर पांव पसार रहा है और मै भी सरक कर नीचे हुआ
थोड़ी सी नाक मैने सुबकाई: क्या महक रहा है ?
एकदम से दीदी चुप्प मै समझ रहा था कि उन्हें याद आ गया होगा कि जिस तकिए पर वो झड़ी थी वो मेरे सर के नीचे है
: आपको नहीं आ रही है
: उन्हूं नहीं तो
: पता नहीं कुछ अजीब सा है लेकिन अच्छा महक रहा है उम्मम ( मैने जानबूझ कर दीदी के रस की खुशबू को अपने नथुनों में भरा और बहुत हल्की सी उनके हंसी की खनक बस एक ही बार मुझे मिली । मै समझ गया कि दीदी को हंसी आ रही है लेकिन वो रिएक्ट करने से हिचक रही है ।
: तू इतना जल्दी क्यों आया
: अरे वहा सब शराबी थे मुझे जबरन नचा रहे थे तो भाग आया , मम्मी सही कहती थी कि नहीं जाना चाहिए वहा
: तूने फोन क्यों नहीं किया आ रहा है तू
: मुझे लगा आप सो गई होंगी , रूम में आया तो आप नहीं थी । फिर आपके कपड़े देखे बिस्तर पर और फिर आप आई ऐसे
एकदम से चुप्पी , मैने मेरी सफाई पेश कर दी थी अब बारी थी दीदी की
: हम्ममम
: क्या हम्ममम , आप ऐसे क्यों घूम रहे थे वो बताओ न
: पागल है ? सो जा चुपचाप ( दीदी थोड़ा उखड़ी )
: और अगर किसी ने देख लिया होता तो , पता है बगल वाले शर्मा अंकल देर रात तक छत पर टहलते है
: क्या ?
: हम्ममम , और आप इतनी रात में कौन सी बहादुरी दिखाने निकल गई बिना कपड़ो के सर्दी में वो भी ।
: अरे यार वो मै वाशरूम गई थी ,
: बिना कपड़ो के ऐसे ही !!!
वो थोड़ा हंसी और फिर : जब तेरी gf बन जाएगी तो तू भी समझ जाएगा
: अरे इसमें मेरी gf कहा से आई
: अब तू इतना भी बुद्धू नहीं है कि तुझे कुछ भी पता नहीं हो , तेरे जीजा से बात कर रही थी और क्या ? खुश सुन लिया जो चाहता था । ( दीदी अभी भी भड़क रही थी )
कुछ देर चुप रहने के बाद मैने फिर बात बढ़ाने की सोची , थोड़ी नैतिकता के साथ
: लेकिन शादी से पहले ? कही वो मुकर गया शादी से तो ?
: तुझे बड़ा पता है उनके बारे में , कि शादी करेंगे या नहीं । प्यार करते है करेंगे क्यों नहीं ?
: देखो दीदी ऐसी बात नहीं है ,आपको भरोसा है ठीक है लेकिन अंधा भरोसा मत करना । फूफा का स्टेट्स क्या है जानते हो आप , अगर मान लो फूफा ही नहीं माने इस शादी को और वो आपको ब्लैकमेल करने लगे आगे जाकर तो ?
दीदी थोड़ा चुप रही और फिर बोली : ऐसा कुछ नहीं , वो बहुत अच्छे है
: अच्छे होते तो ऐसे कपड़े थोड़ी उतरवाते
: यार तू तो पीछे ही पड़ गया , मेरी देह है जिसे चाहे दिखाऊं, जिससे चाहे सेक्स करु तुझे क्या ? तू अब मेरा बाप मत बन समझा
मै एकदम से चुप हो गया , हालांकि इस तरह से रिएक्शन की उम्मीद नहीं थी मुझे और मन में दुख भी हुआ कि ले दे कर आखिर मैने उसके हित की ही बात छेड़ी थी फिर भी
मै एकदम चुप हो गया और उसकी ओर पीठ कर करवट हो गया
करीब 5 6 मिनट बाद
: सॉरी
: हम्म्म ठीक है ( मैने भी रुखा सा जवाब दिया )
: जानती हूं तुझे मेरी फिकर है , लेकिन वो सच मुझे अपनी जान से ज्यादा चाहते है , तू सुन न ( उन्होंने मेरे कंधे हिलाए )
: हा सुन रहा हूं ( फिर से उखड़े हुए लहजे में मै बोला )
: अरे इधर मुंह कर न मेरी ओर, भाई प्लीज
: नहीं आप नंगे हो ,मै नहीं देखूंगा उधर हीही
: धत्त बदमाश , मारूंगी अभी , मस्ती मत कर और अंधेरा है कुछ नहीं दिखेगा ( वो थोड़ी शर्माई )
मै भी करवट लेकर उनकी ओर घूम गया
: हम्मम बोलो
: वो मै कह रही थी , कि तू ये किसी से कहेगा नहीं न ( आवाज के साथ साथ उनकी गर्म सांसे भी मुझे मेरे ऊपर महसूस हो रही थी )
: हा कहूंगा हीही
: भक्क बोल न , मस्ती नहीं
: यार ये सब पूछने वाली बात है , मै किससे कहने जाऊंगा
: होगी तेरी कोई gf उससे बताएगा ये सब और क्या , हो ही नहीं सकता कि तेरी gf न हो
: अब क्या सीना चीर के दिखाऊं हाहाहाहा
: सच में नहीं है ? ( दीदी ने पूछा )
: नहीं बाबा
: तेरा मन नहीं करता ?
: क्या ? वो सब करने का ?
: धत्त गंदा , वो नहीं , मतलब gf बनाने का ? ( वो थोड़ा शरमाई और हंसी)
: पापा को जानते हो न , पता चला तो टांगे तोड़ देंगे
: अरे यार लखनऊ में बना ले कोई , बताना क्यों है ?
: हा लेकिन शादी करने के लिए बताना पड़ेगा न ? ( मैने अपनी उलझन बताई )
: क्यों शादी करने के लिए ही बनाते है क्या gf ?
: तो क्या शादी नहीं करोगे जीजू से ( मैंने सारा खेल उनकी ओर पलट दिया )
: क्यों नहीं करुंगी , अरे मतलब कुछ फ्रेंडशिप होती है वो फ्रेंड विथ बेनिफिट वाली... वैसी ?
: साफ साफ कहो न आप मुझे sex करने के लिए पार्टनर खोजने को कह रहे हो , वो तो वैसे ही मिल जाती है चौक और अमीनाबाद में , इतना झंझट क्यों ?
: पागल है तू , वो अब रिस्ट्रिक्टेड एरिया है , मत जाया कर वहां !! पुलिस पकड़ लेती है ।
: अरे मै थोड़ी जाता हूं ,ऑफिस के कई लोगों से सुना है बस
: हम्म्म तो तूने कभी नहीं किया ?
: क्या ? ( मैं भी जिज्ञासु होकर सवाल किया )
: से.. सेक्स!!
दीदी ने ऐसा सवाल किया कि मेरे लंड के कम्बल के अंदर झटके देने लगा और मैने गहरी सांस ली
: क्या हुआ बोल न ( दीदी ने सवाल दोहराया )
: हीही , क्यों पूछ रहे हो gf दिलाओगे क्या मुझे लखनऊ में हाहा
: देख रोहन , सबकी अपनी अपनी जरूरत होती है और मामी जी तो साफ कहती है कि दो तीन साल तेरी शादी नहीं होगी । अकेले रहना अच्छा है लेकिन कोई दोस्त रहे तो लाइफ आसान हो जाती है ।
: हम्म्म , लेकिन मुझसे दोस्ती करेगा कौन ?
: अरे आस पास देख ,कोई हो जिसे तू बात करने में कंफर्टेबल हो , तेरे पसंद की हो , तुझे अच्छी लगती हो , तुझे समझती हो ।
: हीही , सच कहूं तो आज तक मैने आपके सिवा किसी लकड़ी से इतनी बात तक नहीं की है हाहाहाहा और ये सब गुण जो आप बता रहे हो वो सब मुझे आपके अंदर दिख रहे है
: क्या ? ( वो चौकी और मैं लपेटना शुरू किया )
: हा आपसे कितना कंफर्टेबल हु बात चीत करने में , आप सुन्दर भी हो और मुझे अच्छी भी लगती हो और सबसे बढ़ कर मुझे समझती भी हो ।
: भक्क पागल , लेकिन मै तेरी बहन भी हूं
: हा तो क्या हुआ , बहन दोस्त नहीं हो सकती है
: पगलू , लेकिन ...
: क्या लेकिन ?
: कुछ नहीं
: टेंशन मत लो , मै आपको फ्रेंड विथ बेनिफिट नहीं बनाऊंगा हीही
: छीइई गंदा
और वो मुझे मारने लगी और मैने उनके हाथ रोकने लगा कि एकदम से मेरा एक पंजा इस झड़प में आगे जाकर उलटे तरफ से दीदी के नंगी गुदाज चुची पर जा लगा और कलाई के पास मुझे उनके तने हुए निप्पल का अहसास हुआ
: सॉरी ( झट से मैने हाथ पीछे कर लिए )
दीदी कुछ नहीं बोली , मै उनकी ओर देख रहा था अंधेरे में कि कुछ तो प्रतिक्रिया हो , लेकिन आगे कुछ ऐसा होने वाला था जिसका अंदाजा तो हम दोनो को नहीं था
दीदी ने अपना मोबाइल हम दोनो के बीच ही रखा था और जिसका स्क्रीन साइड ऊपर ही ओर था
एकदम से दीदी का मोबाइल बजने लगा , उनके बॉयफ्रेंड ने काल किया था और जैसे ही मोबाइल स्क्रीन की लाइट जली, मेरी सतर्क निगाहों ने फुल ब्राइटनेस वाले स्क्रीन की रोशनी में दीदी की ग़ुलाबी चूचों को घूरना शुरू कर दिया , उनके गुलाबी निप्पल पूरे तने हुए मुझे ही देख रहे थे
एकदम से दीदी हड़बड़ाई और मोबाइल की स्क्रीन पलट दी , कुछ देर में काल खुद से बंद हो गई
हम दोनो अभी जो हुआ उसके शौक में थे , दोनो में से किसी को भी इस तरह की घटना की उम्मीद नहीं थी और मेरा लंड वो ससुरा फूला नहीं समा रहा था ।
एक बार फिर दीदी का मोबाइल बजने लगा
: उठा लो दीदी ( ये कहकर मै घूम गया )
फिर दीदी ने फोन उठाया और इस बार उनका इयरफोन कनेक्ट नहीं था तो रात के सन्नाटे में दूसरी तरफ की आवाज भी साफ साफ आ रही थी
: रोहन आ गया क्या ( उधर से आवाज आई )
: हम्ममम
: पास में है क्या ?
: हा , सोया है , बोलो आप ( दीदी ने रिप्लाई किया )
: बात करोगे ?
: उन्हूं नहीं, सो जाओ आप भी
: ओक लव यू जान
: हम्ममम ठीक है
: अरे , बोलो न ऐसे तड़पाओ मत और कल होली है तो स्पेशल सेल्फी भेजना
: कैसी स्पेशल ( दीदी ने पूछा और दिलचस्पी मेरी भी थी उस स्पेशल में )
: अरे मेरी जान अपने चूचों को रंग कर एक फोटो भेजना सेक्सी सा
अरे बेटीचोद साला इसकी भी फैंटेसी सेम मेरी तरह , हाहाहा लड़कों में ठरक एक जैसी ही होती है , उनकी सोच ऐसी ही रंगीली होती है आज समझ आ गया था । वही दीदी ने शर्मा कर रिप्लाई किया
: बक्क पागल हो , सो जाओ चुपचाप हा नहीं तो , बाय
: अच्छा लव यू तो बोलो
: ओके लव यू ... ( दीदी थोड़ा असहज हो रही थी )
: और चुम्मी
: उम्माह
: बस एक ही ( उसकी फरमाइस सुनकर मुझे हसी आ रही थी )
: हा एक ही अब रखो बाय
दीदी ने फोन काट दिया और मेरी हंसी रुक भी रही थी
: बड़ी मस्ती सूझ रही है तुझे उम्मम
: यार अब मैने क्या किया
: पागल , सुना न कितना प्यार करते है मुझसे , बिना रोमांटिक गुड बाय के सो नहीं पाते वो बेचारे
: हा सुना मैने , फरमाइश भी कम नहीं है उनकी हीही
दीदी समझ गई कि मै उनके चूचे रंगने वाली बात पर बोल रहा था
: हा तो मुझसे नहीं करेंगे तो किससे करेंगे , उनको पसंद है तो क्या बुराई है
: तो भेजोगे आप ?
: तुझसे मतलब ?
: हीहीही
: बोल न हस क्यों रहा है ? मै जान रही हूं तू कुछ उल्टा ही सोच रहा होगा
: हीही नहीं कुछ नहीं
: अरे बता न
: नहीं वो मै कहने वाला था कि फोटो किससे निकलाओगी हाहाहाहाहा
: हट दुष्ट कही का ( वो फिर से हाथ चलाने लगी और मैं खिलखिलाने लगा )
: अच्छा ठीक मै ही निकाल दूंगा , खुश ( मै उनकी ओर वापस घूमता हुआ बोला )
: भक्क गंदा , मै नहीं निकलवाउंगी पागल है क्या तू
: अरे यार दोस्ती में इतना तो चलता है न और जीजू को भी अच्छी क्वालिटी में फोटो मिल जायेंगे
: रोहन!!!!! के बच्चे बताती हूं तुझे , बहुत बिगड़ गया है तू
वो उठ कर चढ़ आई और बिना ये सोचे कि उसके नंगे चूचे हवा में झूल रहे होंगे मैने अंधेरे में उसके हाथ फिर से रोकने लगा और हाथापाई में इस बार उसकी एक चुची पूरी की पूरी मेरी हथेली में
सीईईई मम्मीइई
वो सिसकी और मैने भी थोड़ा टटोला नीचे लंड अकड़ गया , साला इतना सॉफ्ट होता है क्या ये उफ्फ कितनी गर्म और मुलायम चीज थी जैसे मलाई का गोला हो लंड एकदम फड़फड़ाने लगा था अंदर
: छोड़ न पागल
: सॉरी सॉरी दीदी
: हट अब दूर होकर सो मुझसे ,
: अच्छा सॉरी न गलती से टच हो गया
: गलती से टच हुआ तो दबा क्यों रहा था तू
मेरा हलक सूखने लगा , अभी अभी तो दोस्ती हुई थी और अब ये नया ड्रामा , साला सुकून लिखा ही नहीं मेरी लाइफ में
: सॉरी वो मै चेक कर रहा था कि इतना सॉफ्ट क्या था , मुझे मालूम नहीं चला अंधेरे में , कसम से दीदी सच्ची में
वो कुछ देर चुप रही
: तू सच में किसी से वो सब नहीं किया है
: अभी भी आपको यकीन नहीं है क्या ( मुझे मामला थोड़ा सही होता दिखा ) मुझे तो पता भी नहीं था कि वो इतना ज्यादा सॉफ्ट होता है , कितना गर्म भी था वो ।
: धत्त गंदा चुप कर अब ( दीदी थोड़ी शर्मा रही थी और मुझे कुछ उम्मीद नजर आ रही थी )
: दीदी एक बात पूछूं
: हम्म्म बोल
: सबका इतना सॉफ्ट और गर्म होता होगा न , मतलब सारी लड़कियों का
: मुझे क्या पता, मै कौन सा सबके छूने जा रही हूं हीहीही
: अच्छा कुछ लड़कियों के छोटे क्यों होते हैं
: हा दुबली लड़कियों के ऐसे ही होते है
: तो आप कहा मोटी हो फिर भी आपके बड़े ....! ( बोलते हुए रुक गया मै )
: भक्क पागल , इतना बड़ा भी नहीं है मेरा हीही
: लेकिन मेरे तो हाथ में ही नहीं आ रहा था पूरा और भारी भी था थोड़ा
: छीइई पागल , क्या बाते कर रहा है ये सब, सो जा अब , गंदा लड़का
( दीदी को हंसी आ रही थी और वो ये सब इंजॉय कर रही थी ये भी जान रहा था लेकिन खुल कर वो कह नहीं रही थी )
कुछ देर चुप रहने के बाद
: दीदी
: अब क्या है रोहन !!
: कुछ नहीं , गुड नाइट
: अच्छा अब बोल भी दे भाई , मै नाराज नहीं हूं तुझसे
: अच्छा क्या दूसरा वाला भी ऐसे ही सॉफ्ट होता है
दीदी चुप रही और उन्होंने बिस्तर पर कुछ टटोला और एकदम से उनका हाथ मेरे पंजे को पकड़ा और सीधा अपने नंगे चूचे पर रख दिया
उफ्फ पूरी हथेली तपने लगी और उनके कड़क निप्पल की नोख मानो मेरे हथेली में छेद कर देगी
: सीई ओह्ह्ह दीदी कितना सॉफ्ट है ( मैने भी मौके का फायदा लेकर उसको घुलाया)
: उम्ममम बस कर चेक कर लिया न , रोहन छोड़ अब
: बस थोड़ा सा अच्छा लग रहा है सीईईई कितना सॉफ्टी और गर्म है ( मैने पूरी हथेली उनके चूचे पर फिराई जैसे आटे की लोई को घुमाते है चौके पर दीदी पूरी अकड़ गई )
: बस कर रुक जा ( वो मेरी कलाई पकड़ ली और मैने उनके चूचे पंजे में कस लिए
: अह्ह्ह्ह इतना कस के नहीं पागल हल्के से पकड़ते है दर्द होता है
: ओह सॉरी ( मैने अपनी पकड़ ढीली की और हौले हौले उनकी मुलायम चुची को घुलाने लगा और मौका देख कर हाथ आगे सरका कर दूसरी तरफ वाली चूची को छूने लगा
: सीईईई क्या कर रहा है पागल , अभी उसे छुआ था न
: हा लेकिन अच्छा लग रहा है दीदी बहुत सॉफ्ट है
: पागल है तू , बस अब हो गया हटा हाथ ( दीदी ने परेशान हो कर हाथ हटा दिया और यहां मेरा लंड पूरा फौलादी हुआ जा रहा था )
दीदी की हालत भी कम खराब नहीं थी , चूचे मिजवा कर वो भी परेशान ही गई थी ,
मै थोड़ा खुद को रिलेक्स करने लगा था कि अब शायद बात आगे न बढ़े और सोना ही सही रहेगा
लेकिन आज ही रात जैसे किस्मत मेहरबान थी । दीदी के तरफ बिस्तर में हलचल हो रही थी पैरो के पास और ऊपर उनकी सांसे भी बेचैन थी
मै चुप हो गया था करीब 5 6 मिनट बाद वो बोली
: रोहन
: हा दीदी
: जाग रहा है
: हम्ममम क्या हुआ ?
: एक काम करेगा !!
: क्या ? ( मेरा दिल धड़कने लगा जोरो से सांसे चढ़ने लगी , कुछ अंदेशा सा होने लगा )
: प्रोमिस कर किसी से कहेगा नहीं कभी
: आपकी कसम नहीं कहूंगा प्रोमिस ( मै भी अन्दर से बेचैन हो गया) बोलो न
: दूध पियेगा मेरा
उफ्फ कोई पागल ही होगा जो ये ऑफर ठुकराया लेकिन सवाल तो कुछ लाजमी था जो मेरे जहन में था
: आपको आता है क्या ?
: नहीं पागल , ऐसे ही , बोल पियेगा ?
हलक सूखा जा रहा और जवान अटक रही थी
: हा
: आ फिर मेरे पास
मै सरका गया और हाथ से वापस उनके दूध टटोलने लगा और दीदी ने फिर से मेरे पंजे पकड़ कर अपने चूचे पर रख दिए जो मेरी तरफ था
मैने वापस से उनकी चुची को सहलाना घुलाना शुरू कर दिया और दीदी सिसकने लगी
: उम्ममम सीईईई ओह्ह्ह पी न रोहन निप्पल पर मुंह लगा कर
मै आगे झुका कर जीभ निकाल कर उनके नंगे रसीले मम्में पर निप्पल खोजने लगा और जीभ की टिप ने जैसे ही उनके निप्पल को छुआ वो छटपटा पड़ी : सीईईई ओह्ह्ह वही है .... उम्ममम सीईईई ओह्ह्ह यस्स अह्ह्ह्ह्ह
मैने अपने होठों में उनके निप्पल भर लिए और जितना हो सका उनके मम्मे को मुंह में भर कर चूसने लगा : ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह सीईईई मम्मीइई अह्ह्ह्ह रोहन उम्ममम चूस और सीई अह्ह्ह्ह
दीदी की सिसकिया मेरे कानो में गुंज रही थी और मैने दूसरे हाथ से उनकी दूसरी चुची पकड़ ली और उसको सहलाने लगा
दीदी का हाथ नीचे था और वो तेजी से हिल रहा था , मै समझ गया था कि दीदी अपनी बुर सहला रही थी
: ओह्ह्ह यस्स बेटा उम्मम ओह्ह्ह पी के उम्मम सीईईई उफ्फ मम्मा उम्ममम सीईईई ओह्ह्ह यस्स यस्स
मैने निप्पल बदल दिए और दीदी के दूसरी चुची को मुंह में ले लिया और दीदी की तड़प और बढ़ गई वो तेजी ने अपने बुर में उंगली चलाने लगी
: क्या हुआ दीदी क्या कर रहे हो आप
: कुछ नहीं भाई , तू चूस न बस चूसता रह ओह्ह्ह्ह मेरा निकल रहा है अह्ह्ह्ह सीईईईईई ओह्ह्ह्ह मम्मीईइई ओह मम्मीईईईई ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह फक्क मीईई ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् फक्क मीईई ओह्ह्ह्ह यशस्स
फिर एकदम से दीदी अपनी गाड़ हवा में उछालने लगी और झटके खाने लगी , मैने इस दौरान एक बार भी उनका निपल्स मुंह से नहीं निकाला बस उनको झड़ने में मदद करता रहा और फिर थक कर सुस्त पड़ गई और मै भी उठ कर बगल में लेट गया ।
हम दोनो चुप रहे और फिर मैने हौले से कम्बल में अपना लंड निकाल दिया बाहर , कबसे अकड़ कर रॉड हुआ जा रहा था ।
लेकिन अभी भी नीद हमारी आंखों से बहुत दूर थी।
जारी रहेगी
( बबली के बबले वाले इस अपडेट को पढ़ने के बाद लाइक और कमेंट जरूर करें , आपके विचारों को पढ़ कर अच्छा लगता है ... धन्यवाद )
Kamal ka update h bhaiUPDATE 015
मै घर वापस आ गया था , पूरे मुहल्ले में चुप्पी थी , डीजे की आवाज जो चौराहे से आ रही थी वो भी अब हल्की पड़ गई थी , दूसरी गली में सर्द रात में कुत्तों के भौंकने की आवाजें आ रही थी ।
मैने चैनल वाले गेट से अंदर हाथ डाल कर ताला खोला और हौले से चैनल खोलकर अंदर आ गया और वापस ताला लगा कर चाबी रखने के लिए बरामदे के दरवाजे से अंदर गया
अंदर भी गुप अंधेरा था , मैने मोबाइल स्क्रीन की रोशनी में चाबी हाल में मम्मी के कमरे के बाहर दरवाजे के पास एक वाल हैंगर में टांगी और बेचैन मन और हड़बड़ाते पेट के साथ मै छत पर जाने को बेताब था , रह रह कर दिल में यही प्रार्थना उठ रही थी कि काश दीदी ने दरवाजा बंद न किया हो, बस एक झलक भर मिला जाए तो लाइफ बन गए
मै अभी अपने कदम पीछे कर वापस जा रहा था कि मम्मी के कमरे से आती एक सिसकी ने मेरे कान खड़े कर दिए और मेरे पाव जस के तस जम गए ।
" सीईईई धत्त काट ही लोगी क्या उन्ह्ह्ह आराम से चूस न मना थोड़ी कर रही हूं सीई हाय दैय्या कुसुम तेरे होठ तो .... "
कमरे से आती बुआ की सिसकी ने मेरे पेंट में टाइटनेस बढ़ने लगी और फिर से मेरे जहन में दीदी का ख्याल आया । मै समझ रहा था कि मम्मी बुआ की तंग करती है उनकी आदत है लेकिन बबली दीदी उनको बार बार नंगी देखने का और उनका bf के साथ मस्ती भरे पल का अनुभव लेने का मौका बार बार नहीं आएगा । मै आगे बढ़ा ही था कि फिर वो आवाज आई
" सीईईई अब बस कर न अह्ह्ह्ह्ह दूसरा वाला ओह्ह्ह्ह कितनी उतावली है तू कुसुम उम्मम इतना तो बबली के पापा ओह्ह्ह्ह सीईईई बस हो गया न,, छोड़ अब "
बुआ की बातें सुनकर मेरे जहन तमाम ऊंट पटांग ख्याल उमड़ रहे थे और लंड पूरा फौलादी हुआ जा रहा था ।
" ठीक है छोड़ दिया... लेकिन अब अपने भइया को मत तरसाओ , अरे इतने रसीले जोबन का क्या अचार डालोगी , कल होली है थोड़ा लाल पीला करवा लेना कुछ नहीं होता "
ये मम्मी की आवाज थी और वो खिलखिलाई
: अब तू छोड़ मुझे , पहले दिन ही एक बटन चटका दिए तूने , नई नाइटी थी
: शुक्र मनाओ मै हूं , आपके भइया रहते तो अबतक फाड़ चुके होते हीहीहीही
: धत्त बड़ी बेशर्म है तू , सो जा अब ,हा नहीं तो
मै उसकी शरारतें सुनकर मुस्कुराया लेकिन अब बहुत हो गया था मैने तेजी से अपने कदम आगे बढ़ाए और हाल का दरवाजा लगा कर बिल्लियों जैसे दबे पाव सरपट ऊपर आया
जीने का दरवाजा खुला था और मैं ऊपर के बरामदे में
फिंगर क्रास काश कि कमरे का दरवाजा खुला हो
मै दबे पाव हाल वाले दरवाजे के पास गया , उम्मीद कार्यक्रम अभी शुरू हुए ज्यादा देरी नहीं हुई थी
" यू वांट इट उम्मम कम बेबी यस कम लिक माय निप्सी उम्ममम सीईईई ओह्ह्ह बेबी ओह्ह्ह्ह यशस्स ओह्ह्ह्ह आप ऐसे चूसते हो कि पागल हो जाती हूं "
एक पल को दीदी की बातें सुनकर ऐसा लगा कि कही उनका bf वीडियो कॉल पर नहीं सच में अंदर कमरे में उनके ऊपर चढ़ कर उनके निप्पल चूस रहा हो। मन में शंका उठी थी तो निवारण करना आवश्यक हो ही जाता है और मैने अपना लंड भींच कर पेंट के ऊपर से हौले से कमरे के दरवाजे पर जोर दिया और वो हल्का सा खुल गया
" यश यश यश " , ये मेरे मन की जीत थी मैने चियरअप किया मन ही मन
अब दरवाजे और गेट के महीन करीब एक से डेढ़ इंच के गैप से मैने एक आंख बंद कर दूसरी आंख का फोकस बढ़ा कर अंदर बरामदे में नजर घुमाई और मेरी दोनों आंखे खुल गई
सामने देखा तो दीदी ऊपर से पूरी टॉपलेस और कम्बल पेट तक ओढ़े हुए सामने कम्बल पर ही किसी तरह मोबाइल खड़ी कर वीडियो कॉल पर अपने बॉयफ्रेंड के सामने अपनी बाई नर्म रसीली चुची को कस कर मिज़ रही थी और उनकी दूसरी चुची नंगी जिसके गुलाबी निप्पल पूरे तने हुए मानो मुझे ही देख रहे हो
जीभ के साथ साथ अब तो लंड ने भी लार छोड़नी शुरू कर दी ।
उफ्फ ऐसे नजारे मेरी सोना क्यों नहीं दिखाती , कितना तरसती है मुझे ऐसे मोमेंट के लिए अह्ह्ह्ह ना जाने उसके निप्पल कैसे होने उफ्फ दीदी आपके गुलाबी निप्पल उम्मम जैसे कोई रसियन के हो सीईईई मुंह में लार घुल रही थी और दूसरी ओर दीदी अपनी चूचियां घुला रही थी
: ओह्ह्ह्ह बेबी ये वाला भी लो न मुंह उम्ममम अह्ह्ह्ह सीईईई अह्ह्ह्ह सक इट बेबी ओह्ह्ह्ह यशस्स अह्ह्ह्ह्ह मुझे भी आपके निप्पल चाटने है उसको बाइट करना है उम्मम आपके हेयरी चेस्ट को किस्स करना है मेरी जान ओह्ह्ह्ह आजाओ न उम्ममम
दीदी पूरी फैल गई बिस्तर पर और मोबाइल लेकर लेट गई , अभी भी उनके फ्रंट कैमरे का फोकस उनकी रसदार गुलाबी चूचियां थी लेकिन उनका दूसरा हाथ अब नीचे उनकी पैंटी में था
"हम्ममम हो रही है खुजली तो क्या करूं सीईईई आओ चाट लो न फिर आपकी जीभ से गिला होगा तो दूर हो जायेगी खुजली "
उफ्फ कितनी गर्म है दीदी यार सीईईई गर्लफ्रेंड के असली मजे तो दीदी का bf उठा रहा है , यहां मेरी वाली क्लीवेज दिखाने के लिए भी इतना तड़पाती है उफ्फफ दीदीइइ
" निकाल रही हूं मेरी जान उम्मम रुको न थोड़ा ...बस हो गया हा निकाल दी ... उम्हू नहीं पहले आप दिखाओ मेरे छोटू बेबी को हीही दिखाओ न उम्मम अह्ह्ह्ह्ह प्लीज न "
अंदर का नजारा बदल चुका था दीदी अब पूरी नंगी थी और कम्बल के बाहर भी , मोबाइल स्क्रीन को देखते हुए इस ख्याल से बहुत दूर कि उनका भाई कमरे के दरवाजे के बाहर से उनके पतीले जैसे चूतड़ों को नंगा देख रहा है
उफ्फ मम्मी क्या माल है यार बबली दीदी सीईईई माल में उस योगा पैंट के उनकी गाड़ देख कर ऐसा लगा था कि मानो जन्नत देख लिया हो लेकिन अब नंगी देखने के बाद मेरे लंड की हालत बिगड़ने लगी
रहा नहीं गया मुझसे और मैने अपना लंड बाहर निकाल लिया ओह्ह्ह्ह कितनी राहत मिली , मैने हौले से अपने टाइट सुपाड़े के ऊपर से चमड़ी पीछे की और ओह्ह्ह्ह जल रहा था ससुरा जैसे चूल्हे पर टमाटर रखा हो लाल होकर तना हुआ
" उम्मन बेबी कितना हार्ड है सीईईई ओह्ह्ह... हा जान सक करूंगी न येस बेबी उम्मम देखो ओपन है ... "
दीदी ने मोबाइल का फ्रंट कैमरा हाथ पीछे ले जा कर अपने बबल जैसे चूतड़ों को हिलाते हुए दिखाया
" सीईईई नॉटी हो आप हीही धत् पिछली बार तो केक वाली क्रीम लगाया था ... हा तो .... नहीं मै नहीं लाऊंगी चॉको सिरप उम्हू आप लाना ... कहा लगा के चाटोगे.... सीईईई ओह्ह्ह सच में उफ्फफ बेबी सीई दिखा रही हूं मेरी जान सीई रुको न "
इधर दीदी मोबाइल सेट करने लगी वापस से कम्बल को फोल्ड करके और वही मेरे दिमाग में दीदी की बातें नाच रही थी कि कितनी पागल कर देने वाली फैंटेसी है दीदी के बॉयफ्रेंड की , साले ने दीदी की गाड़ को केक क्रीम लगा कर चाटा है , उफ्फफ कैसी लगती होगी ओह्ह्ह गॉड मेरा तो लंड ही फट जाएगा उफ्फफ मुझे तो chocolate पसंद है मै अपनी जान के चूत पर चॉकलेट लगा कर चाटूंगा ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह ओह्ह्ह गॉड दीदी फक्क यू कितनी सेक्सी हो आप और आपकी गाड़ सीईईई ओह कितनी बड़ी है और गोल है
अंदर दीदी मोबाइल सेट कर उसके सामने अपने बड़े बड़े चूतड़ हिलाने लगी उनके बबले जैसे चूतड़ों को देख कर मेरा सुपाड़ा लार छोड़ने लगा
" यू वना ईट बेबी कॉमन सक माय पूसी एंड ऐस ओह्ह्ह्ह चाट लो ओह्ह्ह्ह मेरी जान "
एकदम से दीदी ने अपनी गाड़ को हवा में उठा कर चूत और गाड़ के छेद को मोबाइल के कैमरे की ओर ले गई
ईईईस साला क्या नजारा होगा यार दीदी के फांकों की झलक उफ्फफ
" ओह्ह्ह्ह मेरी जान फक्क मीईई ओह्ह्ह्ह यशस्स चाटो और उम्मम आपकी जीभ मुझे पागल कर देती है हा बेबी बहुत मजा आता है चटवाने में आपसे ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् मीईईईई ओह, ऐसे आजाओ
वो एकदम से घूम गई और कैमरे के आगे अपनी जांघो को खोलकर बैठ गई उफ्फ कितनी लाल हुई जा रही थी उनकी गुलाबी फांके , दीदी उन्हें उंगलियों से छेड़ रही थी और सहला कर अपने bf से बात कर रही थी
" येस बेबी डाल दो न ओह्ह्ह्ह लो खोल दिया घुसाओ न , उफ्फफ ओह्ह्ह्ह यशस्स फक्क मीईई बेबी ओह्ह्ह्ह यशस्स फक्क"
मै तेजी से अपना लंड मसल रहा था मेरे चेहरे के भाव अजीब थे और अंदर दीदी तेजी से अपनी बुर में उंगली पेलने लगी थी उसकी सिसकिया अब चीखे बन चुकी थी
फिर उन्होंने ऐसा कुछ किया जिसकी मुझे उम्मीद नहीं थी उन्होंने मेरा तकिया जिसे लेकर मै कल सोया उसे उठा कर अपनी जांघो के नीचे रखा और बैठ गई और उस तकिए से कॉर्नर से अपने बुर के फांके को रगड़ने लगी : ओह्ह्ह्ह बेबी ओह्ह्ह्ह यशस्स अह्ह्ह्ह्ह सीईईई फक्क मीईई इस बार आऊंगी तो ऐसे ही बैठ कर लूंगी .... अह्ह्ह्ह हा जान पूरा घुस जाता है अंदर तक ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह सीईईई अह्ह्ह्ह मम्मीइई उफ्फ फक्क्क् मीईईईई सीईईई ओह्ह्ह गॉड फक्क्क् यस जानु आयेगा ओह्ह्ह
दीदी पूरी पागल हो गई उनकी हालत देखकर मै पूरे जोश में था और लंड एकदम लाल हो गया था गर्म होकर नसे मानो खुद से ही सांस के रही थी सुपाड़ा पूरा मुंह खोले था
तभी अंदर देखा तो दीदी तकिए को पकड़ कर पूरी बिस्तर पर लेट गई उन्हें अब शायद वीडियो पर अपने bf का ध्यान नहीं था पूरी तेजी से कमर हिलाती हुई वो अपनी बुर को तकिए के रगड़ रही थी और कांप रही थी
" उन्ह्ह्ह फक्क मीईई ओह्ह्ह्ह यशस्स अह्ह्ह्ह्ह सीईईई हम्ममम बेबी आ गया हा झड़ गई उफ्फ "
क्या इतनी जल्दी अभी मेरा हुआ नहीं , अरे यार अब क्या करूं , मेरी हालत हो और खराब हो गई , दीदी का प्रोग्राम खत्म हो गया और अब मै क्या करूं , किसे सोच कर हिलाऊं। वैसे तो अमूमन मुझे हिलाना पसंद नहीं था लेकिन ऐसा नजारा बार बार थोड़ी आता था लेकिन ये भी अधूरा छोड़ गई , अधूरी रह गई मेरी हसरत
अंदर दीदी हाफ रही थी मुस्कुरा रही थी : धत्त गंदे हो आप , नहीं अब और नहीं यार थक जाती हूं मै हीही.... यार मुझे वाश करने जाना पड़ेगा ... नहीं नहीं अभी एक घंटे बाद आयेगा वो ... नहीं अब और नहीं । रुको ऐसे रहो वॉयस कॉल पर , अरे मुझे ऊपर जाना पड़ेगा बाथरूम ऊपर है बाबू । नहीं मै कुछ नहीं पहनूंगी लग जाएगा तो खराब हो जायेगा .... नहीं चुन्नी है वही लपेट कर । हा जैसे सब लोग आपके जैसे जागते है जो मुझे देख लेंगे ।
अरे ये क्या दीदी बाहर आ रही है , अब मै कहा जाऊ
एकदम से मुझे ऊपर के बरामदे में एक कोना दिखा दिवाल के पास जहां घुप अंधेरा था मैं वही दिवाल से चिपक गया और थोड़ी ही देर दीदी कमरे से बाहर आई एक सफेद चुन्नी लपेटे हुए , जिसमें उनका दूधिया बदन साफ झलक रहा था कमरे से निकलती रोशनी में ।
" हा बाबू जा रही हूं , आप ऐसे रहो "
दीदी धीरे धीरे चुपके से बड़ी बेफिक्र लेकिन सतर्क होकर जीने से ऊपर चली गई "
अब मै क्या करूं , मेरा मजा तो दीदी ने अधूरा छोड़ दिया और अब न जाने क्यों मुझे सर्दी लग रही थी । अब बारी थी दीदी को थोड़ा चौंकाने की
लपक कर मै कमरे आ गया और कम्बल के बैठ गया
मेरी नजर बिस्तर पर पड़ी हुई उनकी ब्रा पैंटी पर गई सीई ओह्ह्ह्ह अभी भी उनकी पैंटी गीली थी
गीले पैंटी को छूते ही मुझे उस तकिए का ख्याल आया और मैने हाथ फिराया तो सारी मलाई मेरे हाथों में तकिया पूरा गिला हो गया था । अजीब सी गिनगिनाहट हुई बदन में फिर मैने उसे उठा कर नथुने पर लगाया ओह्ह्ह्ह कितनी मादक गंध थी दीदी के रस की
तभी मुझे जीने पर हलचल होती महसूस हुई माने झटपट सारी चीजें छोड़ कर दीदी की ब्रा पैंटी कम्बल में छिपा दी और वो गिला तकिया अपने पीछे लगा कर मोबाइल चलाने लगा
दीदी अपने और में मस्त अपने bf से बात करती हुई खिलखिलाती हुई एकदम से दरवाजा खोल कर कमरे में आई और बर्फ की तरह जम गई जैसे ही उनकी नजर मुझपर गई
" रोहन "
" दीदी !!! , आप ऐसे ? "
पल भर की झलक मिली दीदी के सामने से उनकी दूधिया चूचों की जो उस सफेद चुन्नी से आरपार मुझे ही देख रहे थे , कसम ऐसा लगा मानो लंड फट ही जाएगा और चीजें जब पर्दे में हो तो साली और भी कयामत लगती है वहीं हाल था
झट से उन्होंने अपने bf का काल काटा और वही पास में दिवाल पर लगे स्विच बोर्ड से कमरे की बत्ती बुझा दी
पूरा घुप्प अंधेरा हो गया कमरे में
" अरे दीदी क्या हुआ "
" क्या हुआ के बच्चे , बोला क्यों नहीं तू आ गया है " , दीदी भड़की हुई थी
" मै तो बोला न एक दो घंटे में आ जाऊंगा लेकिन आप ऐसे क्यों ? "
मेरे सवाल सुनते ही दीदी की सांसे अटक गई मानो , तभी फिर से उनका ब्वॉयफ्रेंड फोन करने लगा और उन्होंने तुरंत काट दिया फोन और मोबाइल स्क्रीन ऑफ कर दिया ताकि मै कुछ देख न पाऊं
मैने भी शरारत में अपने मोबाइल की टॉर्च ऑन कर दी
: पागल बंद कर उसे ( दीदी गुस्से में तेज आवाज में बोली )
: स सॉरी सॉरी ..
फिर एकदम से चुप हो गई वो फिर उनके आने की आहट होने लगी और मै सतर्क हो गया , धीरे धीरे बिस्तर में कुछ हरकते हुए और फिर उनके देह की महक ने मुझे घेर लिया
दीदी आज पूरे होशो हवास में मेरे सामने नंगी थी मेरे बिस्तर में ये सोच कर ही लंड पंप हो रहा था ,
" उन्ह्ह्ह कहा गया "
" क्या खोज रहे हो दीदी "
" बक्क यार मेरा टॉप नहीं मिल रहा है "
" मै आंख बंद कर ले रहा हूं आप टॉर्च जला कर देख लो "
मैने पूरी ईमानदारी बरती और कुछ देर बाद
: मिला ?
: उन्हूं नहीं , छोड़ सुबह देखूंगी
मिलता कैसे, वो टॉप जो दीदी खोज रही थी वो मेरे तकिए के नीचे था मेरी पीठ के पास , मै भी मौके का फायदा लेनें में कसर नहीं छोड़ी
फिर वो बिस्तर में घुस गई , उनके बदन की हरकते बता रही थी कब कौन सा हिस्सा कम्बल में किधर पांव पसार रहा है और मै भी सरक कर नीचे हुआ
थोड़ी सी नाक मैने सुबकाई: क्या महक रहा है ?
एकदम से दीदी चुप्प मै समझ रहा था कि उन्हें याद आ गया होगा कि जिस तकिए पर वो झड़ी थी वो मेरे सर के नीचे है
: आपको नहीं आ रही है
: उन्हूं नहीं तो
: पता नहीं कुछ अजीब सा है लेकिन अच्छा महक रहा है उम्मम ( मैने जानबूझ कर दीदी के रस की खुशबू को अपने नथुनों में भरा और बहुत हल्की सी उनके हंसी की खनक बस एक ही बार मुझे मिली । मै समझ गया कि दीदी को हंसी आ रही है लेकिन वो रिएक्ट करने से हिचक रही है ।
: तू इतना जल्दी क्यों आया
: अरे वहा सब शराबी थे मुझे जबरन नचा रहे थे तो भाग आया , मम्मी सही कहती थी कि नहीं जाना चाहिए वहा
: तूने फोन क्यों नहीं किया आ रहा है तू
: मुझे लगा आप सो गई होंगी , रूम में आया तो आप नहीं थी । फिर आपके कपड़े देखे बिस्तर पर और फिर आप आई ऐसे
एकदम से चुप्पी , मैने मेरी सफाई पेश कर दी थी अब बारी थी दीदी की
: हम्ममम
: क्या हम्ममम , आप ऐसे क्यों घूम रहे थे वो बताओ न
: पागल है ? सो जा चुपचाप ( दीदी थोड़ा उखड़ी )
: और अगर किसी ने देख लिया होता तो , पता है बगल वाले शर्मा अंकल देर रात तक छत पर टहलते है
: क्या ?
: हम्ममम , और आप इतनी रात में कौन सी बहादुरी दिखाने निकल गई बिना कपड़ो के सर्दी में वो भी ।
: अरे यार वो मै वाशरूम गई थी ,
: बिना कपड़ो के ऐसे ही !!!
वो थोड़ा हंसी और फिर : जब तेरी gf बन जाएगी तो तू भी समझ जाएगा
: अरे इसमें मेरी gf कहा से आई
: अब तू इतना भी बुद्धू नहीं है कि तुझे कुछ भी पता नहीं हो , तेरे जीजा से बात कर रही थी और क्या ? खुश सुन लिया जो चाहता था । ( दीदी अभी भी भड़क रही थी )
कुछ देर चुप रहने के बाद मैने फिर बात बढ़ाने की सोची , थोड़ी नैतिकता के साथ
: लेकिन शादी से पहले ? कही वो मुकर गया शादी से तो ?
: तुझे बड़ा पता है उनके बारे में , कि शादी करेंगे या नहीं । प्यार करते है करेंगे क्यों नहीं ?
: देखो दीदी ऐसी बात नहीं है ,आपको भरोसा है ठीक है लेकिन अंधा भरोसा मत करना । फूफा का स्टेट्स क्या है जानते हो आप , अगर मान लो फूफा ही नहीं माने इस शादी को और वो आपको ब्लैकमेल करने लगे आगे जाकर तो ?
दीदी थोड़ा चुप रही और फिर बोली : ऐसा कुछ नहीं , वो बहुत अच्छे है
: अच्छे होते तो ऐसे कपड़े थोड़ी उतरवाते
: यार तू तो पीछे ही पड़ गया , मेरी देह है जिसे चाहे दिखाऊं, जिससे चाहे सेक्स करु तुझे क्या ? तू अब मेरा बाप मत बन समझा
मै एकदम से चुप हो गया , हालांकि इस तरह से रिएक्शन की उम्मीद नहीं थी मुझे और मन में दुख भी हुआ कि ले दे कर आखिर मैने उसके हित की ही बात छेड़ी थी फिर भी
मै एकदम चुप हो गया और उसकी ओर पीठ कर करवट हो गया
करीब 5 6 मिनट बाद
: सॉरी
: हम्म्म ठीक है ( मैने भी रुखा सा जवाब दिया )
: जानती हूं तुझे मेरी फिकर है , लेकिन वो सच मुझे अपनी जान से ज्यादा चाहते है , तू सुन न ( उन्होंने मेरे कंधे हिलाए )
: हा सुन रहा हूं ( फिर से उखड़े हुए लहजे में मै बोला )
: अरे इधर मुंह कर न मेरी ओर, भाई प्लीज
: नहीं आप नंगे हो ,मै नहीं देखूंगा उधर हीही
: धत्त बदमाश , मारूंगी अभी , मस्ती मत कर और अंधेरा है कुछ नहीं दिखेगा ( वो थोड़ी शर्माई )
मै भी करवट लेकर उनकी ओर घूम गया
: हम्मम बोलो
: वो मै कह रही थी , कि तू ये किसी से कहेगा नहीं न ( आवाज के साथ साथ उनकी गर्म सांसे भी मुझे मेरे ऊपर महसूस हो रही थी )
: हा कहूंगा हीही
: भक्क बोल न , मस्ती नहीं
: यार ये सब पूछने वाली बात है , मै किससे कहने जाऊंगा
: होगी तेरी कोई gf उससे बताएगा ये सब और क्या , हो ही नहीं सकता कि तेरी gf न हो
: अब क्या सीना चीर के दिखाऊं हाहाहाहा
: सच में नहीं है ? ( दीदी ने पूछा )
: नहीं बाबा
: तेरा मन नहीं करता ?
: क्या ? वो सब करने का ?
: धत्त गंदा , वो नहीं , मतलब gf बनाने का ? ( वो थोड़ा शरमाई और हंसी)
: पापा को जानते हो न , पता चला तो टांगे तोड़ देंगे
: अरे यार लखनऊ में बना ले कोई , बताना क्यों है ?
: हा लेकिन शादी करने के लिए बताना पड़ेगा न ? ( मैने अपनी उलझन बताई )
: क्यों शादी करने के लिए ही बनाते है क्या gf ?
: तो क्या शादी नहीं करोगे जीजू से ( मैंने सारा खेल उनकी ओर पलट दिया )
: क्यों नहीं करुंगी , अरे मतलब कुछ फ्रेंडशिप होती है वो फ्रेंड विथ बेनिफिट वाली... वैसी ?
: साफ साफ कहो न आप मुझे sex करने के लिए पार्टनर खोजने को कह रहे हो , वो तो वैसे ही मिल जाती है चौक और अमीनाबाद में , इतना झंझट क्यों ?
: पागल है तू , वो अब रिस्ट्रिक्टेड एरिया है , मत जाया कर वहां !! पुलिस पकड़ लेती है ।
: अरे मै थोड़ी जाता हूं ,ऑफिस के कई लोगों से सुना है बस
: हम्म्म तो तूने कभी नहीं किया ?
: क्या ? ( मैं भी जिज्ञासु होकर सवाल किया )
: से.. सेक्स!!
दीदी ने ऐसा सवाल किया कि मेरे लंड के कम्बल के अंदर झटके देने लगा और मैने गहरी सांस ली
: क्या हुआ बोल न ( दीदी ने सवाल दोहराया )
: हीही , क्यों पूछ रहे हो gf दिलाओगे क्या मुझे लखनऊ में हाहा
: देख रोहन , सबकी अपनी अपनी जरूरत होती है और मामी जी तो साफ कहती है कि दो तीन साल तेरी शादी नहीं होगी । अकेले रहना अच्छा है लेकिन कोई दोस्त रहे तो लाइफ आसान हो जाती है ।
: हम्म्म , लेकिन मुझसे दोस्ती करेगा कौन ?
: अरे आस पास देख ,कोई हो जिसे तू बात करने में कंफर्टेबल हो , तेरे पसंद की हो , तुझे अच्छी लगती हो , तुझे समझती हो ।
: हीही , सच कहूं तो आज तक मैने आपके सिवा किसी लकड़ी से इतनी बात तक नहीं की है हाहाहाहा और ये सब गुण जो आप बता रहे हो वो सब मुझे आपके अंदर दिख रहे है
: क्या ? ( वो चौकी और मैं लपेटना शुरू किया )
: हा आपसे कितना कंफर्टेबल हु बात चीत करने में , आप सुन्दर भी हो और मुझे अच्छी भी लगती हो और सबसे बढ़ कर मुझे समझती भी हो ।
: भक्क पागल , लेकिन मै तेरी बहन भी हूं
: हा तो क्या हुआ , बहन दोस्त नहीं हो सकती है
: पगलू , लेकिन ...
: क्या लेकिन ?
: कुछ नहीं
: टेंशन मत लो , मै आपको फ्रेंड विथ बेनिफिट नहीं बनाऊंगा हीही
: छीइई गंदा
और वो मुझे मारने लगी और मैने उनके हाथ रोकने लगा कि एकदम से मेरा एक पंजा इस झड़प में आगे जाकर उलटे तरफ से दीदी के नंगी गुदाज चुची पर जा लगा और कलाई के पास मुझे उनके तने हुए निप्पल का अहसास हुआ
: सॉरी ( झट से मैने हाथ पीछे कर लिए )
दीदी कुछ नहीं बोली , मै उनकी ओर देख रहा था अंधेरे में कि कुछ तो प्रतिक्रिया हो , लेकिन आगे कुछ ऐसा होने वाला था जिसका अंदाजा तो हम दोनो को नहीं था
दीदी ने अपना मोबाइल हम दोनो के बीच ही रखा था और जिसका स्क्रीन साइड ऊपर ही ओर था
एकदम से दीदी का मोबाइल बजने लगा , उनके बॉयफ्रेंड ने काल किया था और जैसे ही मोबाइल स्क्रीन की लाइट जली, मेरी सतर्क निगाहों ने फुल ब्राइटनेस वाले स्क्रीन की रोशनी में दीदी की ग़ुलाबी चूचों को घूरना शुरू कर दिया , उनके गुलाबी निप्पल पूरे तने हुए मुझे ही देख रहे थे
एकदम से दीदी हड़बड़ाई और मोबाइल की स्क्रीन पलट दी , कुछ देर में काल खुद से बंद हो गई
हम दोनो अभी जो हुआ उसके शौक में थे , दोनो में से किसी को भी इस तरह की घटना की उम्मीद नहीं थी और मेरा लंड वो ससुरा फूला नहीं समा रहा था ।
एक बार फिर दीदी का मोबाइल बजने लगा
: उठा लो दीदी ( ये कहकर मै घूम गया )
फिर दीदी ने फोन उठाया और इस बार उनका इयरफोन कनेक्ट नहीं था तो रात के सन्नाटे में दूसरी तरफ की आवाज भी साफ साफ आ रही थी
: रोहन आ गया क्या ( उधर से आवाज आई )
: हम्ममम
: पास में है क्या ?
: हा , सोया है , बोलो आप ( दीदी ने रिप्लाई किया )
: बात करोगे ?
: उन्हूं नहीं, सो जाओ आप भी
: ओक लव यू जान
: हम्ममम ठीक है
: अरे , बोलो न ऐसे तड़पाओ मत और कल होली है तो स्पेशल सेल्फी भेजना
: कैसी स्पेशल ( दीदी ने पूछा और दिलचस्पी मेरी भी थी उस स्पेशल में )
: अरे मेरी जान अपने चूचों को रंग कर एक फोटो भेजना सेक्सी सा
अरे बेटीचोद साला इसकी भी फैंटेसी सेम मेरी तरह , हाहाहा लड़कों में ठरक एक जैसी ही होती है , उनकी सोच ऐसी ही रंगीली होती है आज समझ आ गया था । वही दीदी ने शर्मा कर रिप्लाई किया
: बक्क पागल हो , सो जाओ चुपचाप हा नहीं तो , बाय
: अच्छा लव यू तो बोलो
: ओके लव यू ... ( दीदी थोड़ा असहज हो रही थी )
: और चुम्मी
: उम्माह
: बस एक ही ( उसकी फरमाइस सुनकर मुझे हसी आ रही थी )
: हा एक ही अब रखो बाय
दीदी ने फोन काट दिया और मेरी हंसी रुक भी रही थी
: बड़ी मस्ती सूझ रही है तुझे उम्मम
: यार अब मैने क्या किया
: पागल , सुना न कितना प्यार करते है मुझसे , बिना रोमांटिक गुड बाय के सो नहीं पाते वो बेचारे
: हा सुना मैने , फरमाइश भी कम नहीं है उनकी हीही
दीदी समझ गई कि मै उनके चूचे रंगने वाली बात पर बोल रहा था
: हा तो मुझसे नहीं करेंगे तो किससे करेंगे , उनको पसंद है तो क्या बुराई है
: तो भेजोगे आप ?
: तुझसे मतलब ?
: हीहीही
: बोल न हस क्यों रहा है ? मै जान रही हूं तू कुछ उल्टा ही सोच रहा होगा
: हीही नहीं कुछ नहीं
: अरे बता न
: नहीं वो मै कहने वाला था कि फोटो किससे निकलाओगी हाहाहाहाहा
: हट दुष्ट कही का ( वो फिर से हाथ चलाने लगी और मैं खिलखिलाने लगा )
: अच्छा ठीक मै ही निकाल दूंगा , खुश ( मै उनकी ओर वापस घूमता हुआ बोला )
: भक्क गंदा , मै नहीं निकलवाउंगी पागल है क्या तू
: अरे यार दोस्ती में इतना तो चलता है न और जीजू को भी अच्छी क्वालिटी में फोटो मिल जायेंगे
: रोहन!!!!! के बच्चे बताती हूं तुझे , बहुत बिगड़ गया है तू
वो उठ कर चढ़ आई और बिना ये सोचे कि उसके नंगे चूचे हवा में झूल रहे होंगे मैने अंधेरे में उसके हाथ फिर से रोकने लगा और हाथापाई में इस बार उसकी एक चुची पूरी की पूरी मेरी हथेली में
सीईईई मम्मीइई
वो सिसकी और मैने भी थोड़ा टटोला नीचे लंड अकड़ गया , साला इतना सॉफ्ट होता है क्या ये उफ्फ कितनी गर्म और मुलायम चीज थी जैसे मलाई का गोला हो लंड एकदम फड़फड़ाने लगा था अंदर
: छोड़ न पागल
: सॉरी सॉरी दीदी
: हट अब दूर होकर सो मुझसे ,
: अच्छा सॉरी न गलती से टच हो गया
: गलती से टच हुआ तो दबा क्यों रहा था तू
मेरा हलक सूखने लगा , अभी अभी तो दोस्ती हुई थी और अब ये नया ड्रामा , साला सुकून लिखा ही नहीं मेरी लाइफ में
: सॉरी वो मै चेक कर रहा था कि इतना सॉफ्ट क्या था , मुझे मालूम नहीं चला अंधेरे में , कसम से दीदी सच्ची में
वो कुछ देर चुप रही
: तू सच में किसी से वो सब नहीं किया है
: अभी भी आपको यकीन नहीं है क्या ( मुझे मामला थोड़ा सही होता दिखा ) मुझे तो पता भी नहीं था कि वो इतना ज्यादा सॉफ्ट होता है , कितना गर्म भी था वो ।
: धत्त गंदा चुप कर अब ( दीदी थोड़ी शर्मा रही थी और मुझे कुछ उम्मीद नजर आ रही थी )
: दीदी एक बात पूछूं
: हम्म्म बोल
: सबका इतना सॉफ्ट और गर्म होता होगा न , मतलब सारी लड़कियों का
: मुझे क्या पता, मै कौन सा सबके छूने जा रही हूं हीहीही
: अच्छा कुछ लड़कियों के छोटे क्यों होते हैं
: हा दुबली लड़कियों के ऐसे ही होते है
: तो आप कहा मोटी हो फिर भी आपके बड़े ....! ( बोलते हुए रुक गया मै )
: भक्क पागल , इतना बड़ा भी नहीं है मेरा हीही
: लेकिन मेरे तो हाथ में ही नहीं आ रहा था पूरा और भारी भी था थोड़ा
: छीइई पागल , क्या बाते कर रहा है ये सब, सो जा अब , गंदा लड़का
( दीदी को हंसी आ रही थी और वो ये सब इंजॉय कर रही थी ये भी जान रहा था लेकिन खुल कर वो कह नहीं रही थी )
कुछ देर चुप रहने के बाद
: दीदी
: अब क्या है रोहन !!
: कुछ नहीं , गुड नाइट
: अच्छा अब बोल भी दे भाई , मै नाराज नहीं हूं तुझसे
: अच्छा क्या दूसरा वाला भी ऐसे ही सॉफ्ट होता है
दीदी चुप रही और उन्होंने बिस्तर पर कुछ टटोला और एकदम से उनका हाथ मेरे पंजे को पकड़ा और सीधा अपने नंगे चूचे पर रख दिया
उफ्फ पूरी हथेली तपने लगी और उनके कड़क निप्पल की नोख मानो मेरे हथेली में छेद कर देगी
: सीई ओह्ह्ह दीदी कितना सॉफ्ट है ( मैने भी मौके का फायदा लेकर उसको घुलाया)
: उम्ममम बस कर चेक कर लिया न , रोहन छोड़ अब
: बस थोड़ा सा अच्छा लग रहा है सीईईई कितना सॉफ्टी और गर्म है ( मैने पूरी हथेली उनके चूचे पर फिराई जैसे आटे की लोई को घुमाते है चौके पर दीदी पूरी अकड़ गई )
: बस कर रुक जा ( वो मेरी कलाई पकड़ ली और मैने उनके चूचे पंजे में कस लिए
: अह्ह्ह्ह इतना कस के नहीं पागल हल्के से पकड़ते है दर्द होता है
: ओह सॉरी ( मैने अपनी पकड़ ढीली की और हौले हौले उनकी मुलायम चुची को घुलाने लगा और मौका देख कर हाथ आगे सरका कर दूसरी तरफ वाली चूची को छूने लगा
: सीईईई क्या कर रहा है पागल , अभी उसे छुआ था न
: हा लेकिन अच्छा लग रहा है दीदी बहुत सॉफ्ट है
: पागल है तू , बस अब हो गया हटा हाथ ( दीदी ने परेशान हो कर हाथ हटा दिया और यहां मेरा लंड पूरा फौलादी हुआ जा रहा था )
दीदी की हालत भी कम खराब नहीं थी , चूचे मिजवा कर वो भी परेशान ही गई थी ,
मै थोड़ा खुद को रिलेक्स करने लगा था कि अब शायद बात आगे न बढ़े और सोना ही सही रहेगा
लेकिन आज ही रात जैसे किस्मत मेहरबान थी । दीदी के तरफ बिस्तर में हलचल हो रही थी पैरो के पास और ऊपर उनकी सांसे भी बेचैन थी
मै चुप हो गया था करीब 5 6 मिनट बाद वो बोली
: रोहन
: हा दीदी
: जाग रहा है
: हम्ममम क्या हुआ ?
: एक काम करेगा !!
: क्या ? ( मेरा दिल धड़कने लगा जोरो से सांसे चढ़ने लगी , कुछ अंदेशा सा होने लगा )
: प्रोमिस कर किसी से कहेगा नहीं कभी
: आपकी कसम नहीं कहूंगा प्रोमिस ( मै भी अन्दर से बेचैन हो गया) बोलो न
: दूध पियेगा मेरा
उफ्फ कोई पागल ही होगा जो ये ऑफर ठुकराया लेकिन सवाल तो कुछ लाजमी था जो मेरे जहन में था
: आपको आता है क्या ?
: नहीं पागल , ऐसे ही , बोल पियेगा ?
हलक सूखा जा रहा और जवान अटक रही थी
: हा
: आ फिर मेरे पास
मै सरका गया और हाथ से वापस उनके दूध टटोलने लगा और दीदी ने फिर से मेरे पंजे पकड़ कर अपने चूचे पर रख दिए जो मेरी तरफ था
मैने वापस से उनकी चुची को सहलाना घुलाना शुरू कर दिया और दीदी सिसकने लगी
: उम्ममम सीईईई ओह्ह्ह पी न रोहन निप्पल पर मुंह लगा कर
मै आगे झुका कर जीभ निकाल कर उनके नंगे रसीले मम्में पर निप्पल खोजने लगा और जीभ की टिप ने जैसे ही उनके निप्पल को छुआ वो छटपटा पड़ी : सीईईई ओह्ह्ह वही है .... उम्ममम सीईईई ओह्ह्ह यस्स अह्ह्ह्ह्ह
मैने अपने होठों में उनके निप्पल भर लिए और जितना हो सका उनके मम्मे को मुंह में भर कर चूसने लगा : ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह सीईईई मम्मीइई अह्ह्ह्ह रोहन उम्ममम चूस और सीई अह्ह्ह्ह
दीदी की सिसकिया मेरे कानो में गुंज रही थी और मैने दूसरे हाथ से उनकी दूसरी चुची पकड़ ली और उसको सहलाने लगा
दीदी का हाथ नीचे था और वो तेजी से हिल रहा था , मै समझ गया था कि दीदी अपनी बुर सहला रही थी
: ओह्ह्ह यस्स बेटा उम्मम ओह्ह्ह पी के उम्मम सीईईई उफ्फ मम्मा उम्ममम सीईईई ओह्ह्ह यस्स यस्स
मैने निप्पल बदल दिए और दीदी के दूसरी चुची को मुंह में ले लिया और दीदी की तड़प और बढ़ गई वो तेजी ने अपने बुर में उंगली चलाने लगी
: क्या हुआ दीदी क्या कर रहे हो आप
: कुछ नहीं भाई , तू चूस न बस चूसता रह ओह्ह्ह्ह मेरा निकल रहा है अह्ह्ह्ह सीईईईईई ओह्ह्ह्ह मम्मीईइई ओह मम्मीईईईई ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह फक्क मीईई ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् फक्क मीईई ओह्ह्ह्ह यशस्स
फिर एकदम से दीदी अपनी गाड़ हवा में उछालने लगी और झटके खाने लगी , मैने इस दौरान एक बार भी उनका निपल्स मुंह से नहीं निकाला बस उनको झड़ने में मदद करता रहा और फिर थक कर सुस्त पड़ गई और मै भी उठ कर बगल में लेट गया ।
हम दोनो चुप रहे और फिर मैने हौले से कम्बल में अपना लंड निकाल दिया बाहर , कबसे अकड़ कर रॉड हुआ जा रहा था ।
लेकिन अभी भी नीद हमारी आंखों से बहुत दूर थी।
जारी रहेगी
( बबली के बबले वाले इस अपडेट को पढ़ने के बाद लाइक और कमेंट जरूर करें , आपके विचारों को पढ़ कर अच्छा लगता है ... धन्यवाद )
Gajab ka update...UPDATE 015
मै घर वापस आ गया था , पूरे मुहल्ले में चुप्पी थी , डीजे की आवाज जो चौराहे से आ रही थी वो भी अब हल्की पड़ गई थी , दूसरी गली में सर्द रात में कुत्तों के भौंकने की आवाजें आ रही थी ।
मैने चैनल वाले गेट से अंदर हाथ डाल कर ताला खोला और हौले से चैनल खोलकर अंदर आ गया और वापस ताला लगा कर चाबी रखने के लिए बरामदे के दरवाजे से अंदर गया
अंदर भी गुप अंधेरा था , मैने मोबाइल स्क्रीन की रोशनी में चाबी हाल में मम्मी के कमरे के बाहर दरवाजे के पास एक वाल हैंगर में टांगी और बेचैन मन और हड़बड़ाते पेट के साथ मै छत पर जाने को बेताब था , रह रह कर दिल में यही प्रार्थना उठ रही थी कि काश दीदी ने दरवाजा बंद न किया हो, बस एक झलक भर मिला जाए तो लाइफ बन गए
मै अभी अपने कदम पीछे कर वापस जा रहा था कि मम्मी के कमरे से आती एक सिसकी ने मेरे कान खड़े कर दिए और मेरे पाव जस के तस जम गए ।
" सीईईई धत्त काट ही लोगी क्या उन्ह्ह्ह आराम से चूस न मना थोड़ी कर रही हूं सीई हाय दैय्या कुसुम तेरे होठ तो .... "
कमरे से आती बुआ की सिसकी ने मेरे पेंट में टाइटनेस बढ़ने लगी और फिर से मेरे जहन में दीदी का ख्याल आया । मै समझ रहा था कि मम्मी बुआ की तंग करती है उनकी आदत है लेकिन बबली दीदी उनको बार बार नंगी देखने का और उनका bf के साथ मस्ती भरे पल का अनुभव लेने का मौका बार बार नहीं आएगा । मै आगे बढ़ा ही था कि फिर वो आवाज आई
" सीईईई अब बस कर न अह्ह्ह्ह्ह दूसरा वाला ओह्ह्ह्ह कितनी उतावली है तू कुसुम उम्मम इतना तो बबली के पापा ओह्ह्ह्ह सीईईई बस हो गया न,, छोड़ अब "
बुआ की बातें सुनकर मेरे जहन तमाम ऊंट पटांग ख्याल उमड़ रहे थे और लंड पूरा फौलादी हुआ जा रहा था ।
" ठीक है छोड़ दिया... लेकिन अब अपने भइया को मत तरसाओ , अरे इतने रसीले जोबन का क्या अचार डालोगी , कल होली है थोड़ा लाल पीला करवा लेना कुछ नहीं होता "
ये मम्मी की आवाज थी और वो खिलखिलाई
: अब तू छोड़ मुझे , पहले दिन ही एक बटन चटका दिए तूने , नई नाइटी थी
: शुक्र मनाओ मै हूं , आपके भइया रहते तो अबतक फाड़ चुके होते हीहीहीही
: धत्त बड़ी बेशर्म है तू , सो जा अब ,हा नहीं तो
मै उसकी शरारतें सुनकर मुस्कुराया लेकिन अब बहुत हो गया था मैने तेजी से अपने कदम आगे बढ़ाए और हाल का दरवाजा लगा कर बिल्लियों जैसे दबे पाव सरपट ऊपर आया
जीने का दरवाजा खुला था और मैं ऊपर के बरामदे में
फिंगर क्रास काश कि कमरे का दरवाजा खुला हो
मै दबे पाव हाल वाले दरवाजे के पास गया , उम्मीद कार्यक्रम अभी शुरू हुए ज्यादा देरी नहीं हुई थी
" यू वांट इट उम्मम कम बेबी यस कम लिक माय निप्सी उम्ममम सीईईई ओह्ह्ह बेबी ओह्ह्ह्ह यशस्स ओह्ह्ह्ह आप ऐसे चूसते हो कि पागल हो जाती हूं "
एक पल को दीदी की बातें सुनकर ऐसा लगा कि कही उनका bf वीडियो कॉल पर नहीं सच में अंदर कमरे में उनके ऊपर चढ़ कर उनके निप्पल चूस रहा हो। मन में शंका उठी थी तो निवारण करना आवश्यक हो ही जाता है और मैने अपना लंड भींच कर पेंट के ऊपर से हौले से कमरे के दरवाजे पर जोर दिया और वो हल्का सा खुल गया
" यश यश यश " , ये मेरे मन की जीत थी मैने चियरअप किया मन ही मन
अब दरवाजे और गेट के महीन करीब एक से डेढ़ इंच के गैप से मैने एक आंख बंद कर दूसरी आंख का फोकस बढ़ा कर अंदर बरामदे में नजर घुमाई और मेरी दोनों आंखे खुल गई
सामने देखा तो दीदी ऊपर से पूरी टॉपलेस और कम्बल पेट तक ओढ़े हुए सामने कम्बल पर ही किसी तरह मोबाइल खड़ी कर वीडियो कॉल पर अपने बॉयफ्रेंड के सामने अपनी बाई नर्म रसीली चुची को कस कर मिज़ रही थी और उनकी दूसरी चुची नंगी जिसके गुलाबी निप्पल पूरे तने हुए मानो मुझे ही देख रहे हो
जीभ के साथ साथ अब तो लंड ने भी लार छोड़नी शुरू कर दी ।
उफ्फ ऐसे नजारे मेरी सोना क्यों नहीं दिखाती , कितना तरसती है मुझे ऐसे मोमेंट के लिए अह्ह्ह्ह ना जाने उसके निप्पल कैसे होने उफ्फ दीदी आपके गुलाबी निप्पल उम्मम जैसे कोई रसियन के हो सीईईई मुंह में लार घुल रही थी और दूसरी ओर दीदी अपनी चूचियां घुला रही थी
: ओह्ह्ह्ह बेबी ये वाला भी लो न मुंह उम्ममम अह्ह्ह्ह सीईईई अह्ह्ह्ह सक इट बेबी ओह्ह्ह्ह यशस्स अह्ह्ह्ह्ह मुझे भी आपके निप्पल चाटने है उसको बाइट करना है उम्मम आपके हेयरी चेस्ट को किस्स करना है मेरी जान ओह्ह्ह्ह आजाओ न उम्ममम
दीदी पूरी फैल गई बिस्तर पर और मोबाइल लेकर लेट गई , अभी भी उनके फ्रंट कैमरे का फोकस उनकी रसदार गुलाबी चूचियां थी लेकिन उनका दूसरा हाथ अब नीचे उनकी पैंटी में था
"हम्ममम हो रही है खुजली तो क्या करूं सीईईई आओ चाट लो न फिर आपकी जीभ से गिला होगा तो दूर हो जायेगी खुजली "
उफ्फ कितनी गर्म है दीदी यार सीईईई गर्लफ्रेंड के असली मजे तो दीदी का bf उठा रहा है , यहां मेरी वाली क्लीवेज दिखाने के लिए भी इतना तड़पाती है उफ्फफ दीदीइइ
" निकाल रही हूं मेरी जान उम्मम रुको न थोड़ा ...बस हो गया हा निकाल दी ... उम्हू नहीं पहले आप दिखाओ मेरे छोटू बेबी को हीही दिखाओ न उम्मम अह्ह्ह्ह्ह प्लीज न "
अंदर का नजारा बदल चुका था दीदी अब पूरी नंगी थी और कम्बल के बाहर भी , मोबाइल स्क्रीन को देखते हुए इस ख्याल से बहुत दूर कि उनका भाई कमरे के दरवाजे के बाहर से उनके पतीले जैसे चूतड़ों को नंगा देख रहा है
उफ्फ मम्मी क्या माल है यार बबली दीदी सीईईई माल में उस योगा पैंट के उनकी गाड़ देख कर ऐसा लगा था कि मानो जन्नत देख लिया हो लेकिन अब नंगी देखने के बाद मेरे लंड की हालत बिगड़ने लगी
रहा नहीं गया मुझसे और मैने अपना लंड बाहर निकाल लिया ओह्ह्ह्ह कितनी राहत मिली , मैने हौले से अपने टाइट सुपाड़े के ऊपर से चमड़ी पीछे की और ओह्ह्ह्ह जल रहा था ससुरा जैसे चूल्हे पर टमाटर रखा हो लाल होकर तना हुआ
" उम्मन बेबी कितना हार्ड है सीईईई ओह्ह्ह... हा जान सक करूंगी न येस बेबी उम्मम देखो ओपन है ... "
दीदी ने मोबाइल का फ्रंट कैमरा हाथ पीछे ले जा कर अपने बबल जैसे चूतड़ों को हिलाते हुए दिखाया
" सीईईई नॉटी हो आप हीही धत् पिछली बार तो केक वाली क्रीम लगाया था ... हा तो .... नहीं मै नहीं लाऊंगी चॉको सिरप उम्हू आप लाना ... कहा लगा के चाटोगे.... सीईईई ओह्ह्ह सच में उफ्फफ बेबी सीई दिखा रही हूं मेरी जान सीई रुको न "
इधर दीदी मोबाइल सेट करने लगी वापस से कम्बल को फोल्ड करके और वही मेरे दिमाग में दीदी की बातें नाच रही थी कि कितनी पागल कर देने वाली फैंटेसी है दीदी के बॉयफ्रेंड की , साले ने दीदी की गाड़ को केक क्रीम लगा कर चाटा है , उफ्फफ कैसी लगती होगी ओह्ह्ह गॉड मेरा तो लंड ही फट जाएगा उफ्फफ मुझे तो chocolate पसंद है मै अपनी जान के चूत पर चॉकलेट लगा कर चाटूंगा ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह ओह्ह्ह गॉड दीदी फक्क यू कितनी सेक्सी हो आप और आपकी गाड़ सीईईई ओह कितनी बड़ी है और गोल है
अंदर दीदी मोबाइल सेट कर उसके सामने अपने बड़े बड़े चूतड़ हिलाने लगी उनके बबले जैसे चूतड़ों को देख कर मेरा सुपाड़ा लार छोड़ने लगा
" यू वना ईट बेबी कॉमन सक माय पूसी एंड ऐस ओह्ह्ह्ह चाट लो ओह्ह्ह्ह मेरी जान "
एकदम से दीदी ने अपनी गाड़ को हवा में उठा कर चूत और गाड़ के छेद को मोबाइल के कैमरे की ओर ले गई
ईईईस साला क्या नजारा होगा यार दीदी के फांकों की झलक उफ्फफ
" ओह्ह्ह्ह मेरी जान फक्क मीईई ओह्ह्ह्ह यशस्स चाटो और उम्मम आपकी जीभ मुझे पागल कर देती है हा बेबी बहुत मजा आता है चटवाने में आपसे ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् मीईईईई ओह, ऐसे आजाओ
वो एकदम से घूम गई और कैमरे के आगे अपनी जांघो को खोलकर बैठ गई उफ्फ कितनी लाल हुई जा रही थी उनकी गुलाबी फांके , दीदी उन्हें उंगलियों से छेड़ रही थी और सहला कर अपने bf से बात कर रही थी
" येस बेबी डाल दो न ओह्ह्ह्ह लो खोल दिया घुसाओ न , उफ्फफ ओह्ह्ह्ह यशस्स फक्क मीईई बेबी ओह्ह्ह्ह यशस्स फक्क"
मै तेजी से अपना लंड मसल रहा था मेरे चेहरे के भाव अजीब थे और अंदर दीदी तेजी से अपनी बुर में उंगली पेलने लगी थी उसकी सिसकिया अब चीखे बन चुकी थी
फिर उन्होंने ऐसा कुछ किया जिसकी मुझे उम्मीद नहीं थी उन्होंने मेरा तकिया जिसे लेकर मै कल सोया उसे उठा कर अपनी जांघो के नीचे रखा और बैठ गई और उस तकिए से कॉर्नर से अपने बुर के फांके को रगड़ने लगी : ओह्ह्ह्ह बेबी ओह्ह्ह्ह यशस्स अह्ह्ह्ह्ह सीईईई फक्क मीईई इस बार आऊंगी तो ऐसे ही बैठ कर लूंगी .... अह्ह्ह्ह हा जान पूरा घुस जाता है अंदर तक ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह सीईईई अह्ह्ह्ह मम्मीइई उफ्फ फक्क्क् मीईईईई सीईईई ओह्ह्ह गॉड फक्क्क् यस जानु आयेगा ओह्ह्ह
दीदी पूरी पागल हो गई उनकी हालत देखकर मै पूरे जोश में था और लंड एकदम लाल हो गया था गर्म होकर नसे मानो खुद से ही सांस के रही थी सुपाड़ा पूरा मुंह खोले था
तभी अंदर देखा तो दीदी तकिए को पकड़ कर पूरी बिस्तर पर लेट गई उन्हें अब शायद वीडियो पर अपने bf का ध्यान नहीं था पूरी तेजी से कमर हिलाती हुई वो अपनी बुर को तकिए के रगड़ रही थी और कांप रही थी
" उन्ह्ह्ह फक्क मीईई ओह्ह्ह्ह यशस्स अह्ह्ह्ह्ह सीईईई हम्ममम बेबी आ गया हा झड़ गई उफ्फ "
क्या इतनी जल्दी अभी मेरा हुआ नहीं , अरे यार अब क्या करूं , मेरी हालत हो और खराब हो गई , दीदी का प्रोग्राम खत्म हो गया और अब मै क्या करूं , किसे सोच कर हिलाऊं। वैसे तो अमूमन मुझे हिलाना पसंद नहीं था लेकिन ऐसा नजारा बार बार थोड़ी आता था लेकिन ये भी अधूरा छोड़ गई , अधूरी रह गई मेरी हसरत
अंदर दीदी हाफ रही थी मुस्कुरा रही थी : धत्त गंदे हो आप , नहीं अब और नहीं यार थक जाती हूं मै हीही.... यार मुझे वाश करने जाना पड़ेगा ... नहीं नहीं अभी एक घंटे बाद आयेगा वो ... नहीं अब और नहीं । रुको ऐसे रहो वॉयस कॉल पर , अरे मुझे ऊपर जाना पड़ेगा बाथरूम ऊपर है बाबू । नहीं मै कुछ नहीं पहनूंगी लग जाएगा तो खराब हो जायेगा .... नहीं चुन्नी है वही लपेट कर । हा जैसे सब लोग आपके जैसे जागते है जो मुझे देख लेंगे ।
अरे ये क्या दीदी बाहर आ रही है , अब मै कहा जाऊ
एकदम से मुझे ऊपर के बरामदे में एक कोना दिखा दिवाल के पास जहां घुप अंधेरा था मैं वही दिवाल से चिपक गया और थोड़ी ही देर दीदी कमरे से बाहर आई एक सफेद चुन्नी लपेटे हुए , जिसमें उनका दूधिया बदन साफ झलक रहा था कमरे से निकलती रोशनी में ।
" हा बाबू जा रही हूं , आप ऐसे रहो "
दीदी धीरे धीरे चुपके से बड़ी बेफिक्र लेकिन सतर्क होकर जीने से ऊपर चली गई "
अब मै क्या करूं , मेरा मजा तो दीदी ने अधूरा छोड़ दिया और अब न जाने क्यों मुझे सर्दी लग रही थी । अब बारी थी दीदी को थोड़ा चौंकाने की
लपक कर मै कमरे आ गया और कम्बल के बैठ गया
मेरी नजर बिस्तर पर पड़ी हुई उनकी ब्रा पैंटी पर गई सीई ओह्ह्ह्ह अभी भी उनकी पैंटी गीली थी
गीले पैंटी को छूते ही मुझे उस तकिए का ख्याल आया और मैने हाथ फिराया तो सारी मलाई मेरे हाथों में तकिया पूरा गिला हो गया था । अजीब सी गिनगिनाहट हुई बदन में फिर मैने उसे उठा कर नथुने पर लगाया ओह्ह्ह्ह कितनी मादक गंध थी दीदी के रस की
तभी मुझे जीने पर हलचल होती महसूस हुई माने झटपट सारी चीजें छोड़ कर दीदी की ब्रा पैंटी कम्बल में छिपा दी और वो गिला तकिया अपने पीछे लगा कर मोबाइल चलाने लगा
दीदी अपने और में मस्त अपने bf से बात करती हुई खिलखिलाती हुई एकदम से दरवाजा खोल कर कमरे में आई और बर्फ की तरह जम गई जैसे ही उनकी नजर मुझपर गई
" रोहन "
" दीदी !!! , आप ऐसे ? "
पल भर की झलक मिली दीदी के सामने से उनकी दूधिया चूचों की जो उस सफेद चुन्नी से आरपार मुझे ही देख रहे थे , कसम ऐसा लगा मानो लंड फट ही जाएगा और चीजें जब पर्दे में हो तो साली और भी कयामत लगती है वहीं हाल था
झट से उन्होंने अपने bf का काल काटा और वही पास में दिवाल पर लगे स्विच बोर्ड से कमरे की बत्ती बुझा दी
पूरा घुप्प अंधेरा हो गया कमरे में
" अरे दीदी क्या हुआ "
" क्या हुआ के बच्चे , बोला क्यों नहीं तू आ गया है " , दीदी भड़की हुई थी
" मै तो बोला न एक दो घंटे में आ जाऊंगा लेकिन आप ऐसे क्यों ? "
मेरे सवाल सुनते ही दीदी की सांसे अटक गई मानो , तभी फिर से उनका ब्वॉयफ्रेंड फोन करने लगा और उन्होंने तुरंत काट दिया फोन और मोबाइल स्क्रीन ऑफ कर दिया ताकि मै कुछ देख न पाऊं
मैने भी शरारत में अपने मोबाइल की टॉर्च ऑन कर दी
: पागल बंद कर उसे ( दीदी गुस्से में तेज आवाज में बोली )
: स सॉरी सॉरी ..
फिर एकदम से चुप हो गई वो फिर उनके आने की आहट होने लगी और मै सतर्क हो गया , धीरे धीरे बिस्तर में कुछ हरकते हुए और फिर उनके देह की महक ने मुझे घेर लिया
दीदी आज पूरे होशो हवास में मेरे सामने नंगी थी मेरे बिस्तर में ये सोच कर ही लंड पंप हो रहा था ,
" उन्ह्ह्ह कहा गया "
" क्या खोज रहे हो दीदी "
" बक्क यार मेरा टॉप नहीं मिल रहा है "
" मै आंख बंद कर ले रहा हूं आप टॉर्च जला कर देख लो "
मैने पूरी ईमानदारी बरती और कुछ देर बाद
: मिला ?
: उन्हूं नहीं , छोड़ सुबह देखूंगी
मिलता कैसे, वो टॉप जो दीदी खोज रही थी वो मेरे तकिए के नीचे था मेरी पीठ के पास , मै भी मौके का फायदा लेनें में कसर नहीं छोड़ी
फिर वो बिस्तर में घुस गई , उनके बदन की हरकते बता रही थी कब कौन सा हिस्सा कम्बल में किधर पांव पसार रहा है और मै भी सरक कर नीचे हुआ
थोड़ी सी नाक मैने सुबकाई: क्या महक रहा है ?
एकदम से दीदी चुप्प मै समझ रहा था कि उन्हें याद आ गया होगा कि जिस तकिए पर वो झड़ी थी वो मेरे सर के नीचे है
: आपको नहीं आ रही है
: उन्हूं नहीं तो
: पता नहीं कुछ अजीब सा है लेकिन अच्छा महक रहा है उम्मम ( मैने जानबूझ कर दीदी के रस की खुशबू को अपने नथुनों में भरा और बहुत हल्की सी उनके हंसी की खनक बस एक ही बार मुझे मिली । मै समझ गया कि दीदी को हंसी आ रही है लेकिन वो रिएक्ट करने से हिचक रही है ।
: तू इतना जल्दी क्यों आया
: अरे वहा सब शराबी थे मुझे जबरन नचा रहे थे तो भाग आया , मम्मी सही कहती थी कि नहीं जाना चाहिए वहा
: तूने फोन क्यों नहीं किया आ रहा है तू
: मुझे लगा आप सो गई होंगी , रूम में आया तो आप नहीं थी । फिर आपके कपड़े देखे बिस्तर पर और फिर आप आई ऐसे
एकदम से चुप्पी , मैने मेरी सफाई पेश कर दी थी अब बारी थी दीदी की
: हम्ममम
: क्या हम्ममम , आप ऐसे क्यों घूम रहे थे वो बताओ न
: पागल है ? सो जा चुपचाप ( दीदी थोड़ा उखड़ी )
: और अगर किसी ने देख लिया होता तो , पता है बगल वाले शर्मा अंकल देर रात तक छत पर टहलते है
: क्या ?
: हम्ममम , और आप इतनी रात में कौन सी बहादुरी दिखाने निकल गई बिना कपड़ो के सर्दी में वो भी ।
: अरे यार वो मै वाशरूम गई थी ,
: बिना कपड़ो के ऐसे ही !!!
वो थोड़ा हंसी और फिर : जब तेरी gf बन जाएगी तो तू भी समझ जाएगा
: अरे इसमें मेरी gf कहा से आई
: अब तू इतना भी बुद्धू नहीं है कि तुझे कुछ भी पता नहीं हो , तेरे जीजा से बात कर रही थी और क्या ? खुश सुन लिया जो चाहता था । ( दीदी अभी भी भड़क रही थी )
कुछ देर चुप रहने के बाद मैने फिर बात बढ़ाने की सोची , थोड़ी नैतिकता के साथ
: लेकिन शादी से पहले ? कही वो मुकर गया शादी से तो ?
: तुझे बड़ा पता है उनके बारे में , कि शादी करेंगे या नहीं । प्यार करते है करेंगे क्यों नहीं ?
: देखो दीदी ऐसी बात नहीं है ,आपको भरोसा है ठीक है लेकिन अंधा भरोसा मत करना । फूफा का स्टेट्स क्या है जानते हो आप , अगर मान लो फूफा ही नहीं माने इस शादी को और वो आपको ब्लैकमेल करने लगे आगे जाकर तो ?
दीदी थोड़ा चुप रही और फिर बोली : ऐसा कुछ नहीं , वो बहुत अच्छे है
: अच्छे होते तो ऐसे कपड़े थोड़ी उतरवाते
: यार तू तो पीछे ही पड़ गया , मेरी देह है जिसे चाहे दिखाऊं, जिससे चाहे सेक्स करु तुझे क्या ? तू अब मेरा बाप मत बन समझा
मै एकदम से चुप हो गया , हालांकि इस तरह से रिएक्शन की उम्मीद नहीं थी मुझे और मन में दुख भी हुआ कि ले दे कर आखिर मैने उसके हित की ही बात छेड़ी थी फिर भी
मै एकदम चुप हो गया और उसकी ओर पीठ कर करवट हो गया
करीब 5 6 मिनट बाद
: सॉरी
: हम्म्म ठीक है ( मैने भी रुखा सा जवाब दिया )
: जानती हूं तुझे मेरी फिकर है , लेकिन वो सच मुझे अपनी जान से ज्यादा चाहते है , तू सुन न ( उन्होंने मेरे कंधे हिलाए )
: हा सुन रहा हूं ( फिर से उखड़े हुए लहजे में मै बोला )
: अरे इधर मुंह कर न मेरी ओर, भाई प्लीज
: नहीं आप नंगे हो ,मै नहीं देखूंगा उधर हीही
: धत्त बदमाश , मारूंगी अभी , मस्ती मत कर और अंधेरा है कुछ नहीं दिखेगा ( वो थोड़ी शर्माई )
मै भी करवट लेकर उनकी ओर घूम गया
: हम्मम बोलो
: वो मै कह रही थी , कि तू ये किसी से कहेगा नहीं न ( आवाज के साथ साथ उनकी गर्म सांसे भी मुझे मेरे ऊपर महसूस हो रही थी )
: हा कहूंगा हीही
: भक्क बोल न , मस्ती नहीं
: यार ये सब पूछने वाली बात है , मै किससे कहने जाऊंगा
: होगी तेरी कोई gf उससे बताएगा ये सब और क्या , हो ही नहीं सकता कि तेरी gf न हो
: अब क्या सीना चीर के दिखाऊं हाहाहाहा
: सच में नहीं है ? ( दीदी ने पूछा )
: नहीं बाबा
: तेरा मन नहीं करता ?
: क्या ? वो सब करने का ?
: धत्त गंदा , वो नहीं , मतलब gf बनाने का ? ( वो थोड़ा शरमाई और हंसी)
: पापा को जानते हो न , पता चला तो टांगे तोड़ देंगे
: अरे यार लखनऊ में बना ले कोई , बताना क्यों है ?
: हा लेकिन शादी करने के लिए बताना पड़ेगा न ? ( मैने अपनी उलझन बताई )
: क्यों शादी करने के लिए ही बनाते है क्या gf ?
: तो क्या शादी नहीं करोगे जीजू से ( मैंने सारा खेल उनकी ओर पलट दिया )
: क्यों नहीं करुंगी , अरे मतलब कुछ फ्रेंडशिप होती है वो फ्रेंड विथ बेनिफिट वाली... वैसी ?
: साफ साफ कहो न आप मुझे sex करने के लिए पार्टनर खोजने को कह रहे हो , वो तो वैसे ही मिल जाती है चौक और अमीनाबाद में , इतना झंझट क्यों ?
: पागल है तू , वो अब रिस्ट्रिक्टेड एरिया है , मत जाया कर वहां !! पुलिस पकड़ लेती है ।
: अरे मै थोड़ी जाता हूं ,ऑफिस के कई लोगों से सुना है बस
: हम्म्म तो तूने कभी नहीं किया ?
: क्या ? ( मैं भी जिज्ञासु होकर सवाल किया )
: से.. सेक्स!!
दीदी ने ऐसा सवाल किया कि मेरे लंड के कम्बल के अंदर झटके देने लगा और मैने गहरी सांस ली
: क्या हुआ बोल न ( दीदी ने सवाल दोहराया )
: हीही , क्यों पूछ रहे हो gf दिलाओगे क्या मुझे लखनऊ में हाहा
: देख रोहन , सबकी अपनी अपनी जरूरत होती है और मामी जी तो साफ कहती है कि दो तीन साल तेरी शादी नहीं होगी । अकेले रहना अच्छा है लेकिन कोई दोस्त रहे तो लाइफ आसान हो जाती है ।
: हम्म्म , लेकिन मुझसे दोस्ती करेगा कौन ?
: अरे आस पास देख ,कोई हो जिसे तू बात करने में कंफर्टेबल हो , तेरे पसंद की हो , तुझे अच्छी लगती हो , तुझे समझती हो ।
: हीही , सच कहूं तो आज तक मैने आपके सिवा किसी लकड़ी से इतनी बात तक नहीं की है हाहाहाहा और ये सब गुण जो आप बता रहे हो वो सब मुझे आपके अंदर दिख रहे है
: क्या ? ( वो चौकी और मैं लपेटना शुरू किया )
: हा आपसे कितना कंफर्टेबल हु बात चीत करने में , आप सुन्दर भी हो और मुझे अच्छी भी लगती हो और सबसे बढ़ कर मुझे समझती भी हो ।
: भक्क पागल , लेकिन मै तेरी बहन भी हूं
: हा तो क्या हुआ , बहन दोस्त नहीं हो सकती है
: पगलू , लेकिन ...
: क्या लेकिन ?
: कुछ नहीं
: टेंशन मत लो , मै आपको फ्रेंड विथ बेनिफिट नहीं बनाऊंगा हीही
: छीइई गंदा
और वो मुझे मारने लगी और मैने उनके हाथ रोकने लगा कि एकदम से मेरा एक पंजा इस झड़प में आगे जाकर उलटे तरफ से दीदी के नंगी गुदाज चुची पर जा लगा और कलाई के पास मुझे उनके तने हुए निप्पल का अहसास हुआ
: सॉरी ( झट से मैने हाथ पीछे कर लिए )
दीदी कुछ नहीं बोली , मै उनकी ओर देख रहा था अंधेरे में कि कुछ तो प्रतिक्रिया हो , लेकिन आगे कुछ ऐसा होने वाला था जिसका अंदाजा तो हम दोनो को नहीं था
दीदी ने अपना मोबाइल हम दोनो के बीच ही रखा था और जिसका स्क्रीन साइड ऊपर ही ओर था
एकदम से दीदी का मोबाइल बजने लगा , उनके बॉयफ्रेंड ने काल किया था और जैसे ही मोबाइल स्क्रीन की लाइट जली, मेरी सतर्क निगाहों ने फुल ब्राइटनेस वाले स्क्रीन की रोशनी में दीदी की ग़ुलाबी चूचों को घूरना शुरू कर दिया , उनके गुलाबी निप्पल पूरे तने हुए मुझे ही देख रहे थे
एकदम से दीदी हड़बड़ाई और मोबाइल की स्क्रीन पलट दी , कुछ देर में काल खुद से बंद हो गई
हम दोनो अभी जो हुआ उसके शौक में थे , दोनो में से किसी को भी इस तरह की घटना की उम्मीद नहीं थी और मेरा लंड वो ससुरा फूला नहीं समा रहा था ।
एक बार फिर दीदी का मोबाइल बजने लगा
: उठा लो दीदी ( ये कहकर मै घूम गया )
फिर दीदी ने फोन उठाया और इस बार उनका इयरफोन कनेक्ट नहीं था तो रात के सन्नाटे में दूसरी तरफ की आवाज भी साफ साफ आ रही थी
: रोहन आ गया क्या ( उधर से आवाज आई )
: हम्ममम
: पास में है क्या ?
: हा , सोया है , बोलो आप ( दीदी ने रिप्लाई किया )
: बात करोगे ?
: उन्हूं नहीं, सो जाओ आप भी
: ओक लव यू जान
: हम्ममम ठीक है
: अरे , बोलो न ऐसे तड़पाओ मत और कल होली है तो स्पेशल सेल्फी भेजना
: कैसी स्पेशल ( दीदी ने पूछा और दिलचस्पी मेरी भी थी उस स्पेशल में )
: अरे मेरी जान अपने चूचों को रंग कर एक फोटो भेजना सेक्सी सा
अरे बेटीचोद साला इसकी भी फैंटेसी सेम मेरी तरह , हाहाहा लड़कों में ठरक एक जैसी ही होती है , उनकी सोच ऐसी ही रंगीली होती है आज समझ आ गया था । वही दीदी ने शर्मा कर रिप्लाई किया
: बक्क पागल हो , सो जाओ चुपचाप हा नहीं तो , बाय
: अच्छा लव यू तो बोलो
: ओके लव यू ... ( दीदी थोड़ा असहज हो रही थी )
: और चुम्मी
: उम्माह
: बस एक ही ( उसकी फरमाइस सुनकर मुझे हसी आ रही थी )
: हा एक ही अब रखो बाय
दीदी ने फोन काट दिया और मेरी हंसी रुक भी रही थी
: बड़ी मस्ती सूझ रही है तुझे उम्मम
: यार अब मैने क्या किया
: पागल , सुना न कितना प्यार करते है मुझसे , बिना रोमांटिक गुड बाय के सो नहीं पाते वो बेचारे
: हा सुना मैने , फरमाइश भी कम नहीं है उनकी हीही
दीदी समझ गई कि मै उनके चूचे रंगने वाली बात पर बोल रहा था
: हा तो मुझसे नहीं करेंगे तो किससे करेंगे , उनको पसंद है तो क्या बुराई है
: तो भेजोगे आप ?
: तुझसे मतलब ?
: हीहीही
: बोल न हस क्यों रहा है ? मै जान रही हूं तू कुछ उल्टा ही सोच रहा होगा
: हीही नहीं कुछ नहीं
: अरे बता न
: नहीं वो मै कहने वाला था कि फोटो किससे निकलाओगी हाहाहाहाहा
: हट दुष्ट कही का ( वो फिर से हाथ चलाने लगी और मैं खिलखिलाने लगा )
: अच्छा ठीक मै ही निकाल दूंगा , खुश ( मै उनकी ओर वापस घूमता हुआ बोला )
: भक्क गंदा , मै नहीं निकलवाउंगी पागल है क्या तू
: अरे यार दोस्ती में इतना तो चलता है न और जीजू को भी अच्छी क्वालिटी में फोटो मिल जायेंगे
: रोहन!!!!! के बच्चे बताती हूं तुझे , बहुत बिगड़ गया है तू
वो उठ कर चढ़ आई और बिना ये सोचे कि उसके नंगे चूचे हवा में झूल रहे होंगे मैने अंधेरे में उसके हाथ फिर से रोकने लगा और हाथापाई में इस बार उसकी एक चुची पूरी की पूरी मेरी हथेली में
सीईईई मम्मीइई
वो सिसकी और मैने भी थोड़ा टटोला नीचे लंड अकड़ गया , साला इतना सॉफ्ट होता है क्या ये उफ्फ कितनी गर्म और मुलायम चीज थी जैसे मलाई का गोला हो लंड एकदम फड़फड़ाने लगा था अंदर
: छोड़ न पागल
: सॉरी सॉरी दीदी
: हट अब दूर होकर सो मुझसे ,
: अच्छा सॉरी न गलती से टच हो गया
: गलती से टच हुआ तो दबा क्यों रहा था तू
मेरा हलक सूखने लगा , अभी अभी तो दोस्ती हुई थी और अब ये नया ड्रामा , साला सुकून लिखा ही नहीं मेरी लाइफ में
: सॉरी वो मै चेक कर रहा था कि इतना सॉफ्ट क्या था , मुझे मालूम नहीं चला अंधेरे में , कसम से दीदी सच्ची में
वो कुछ देर चुप रही
: तू सच में किसी से वो सब नहीं किया है
: अभी भी आपको यकीन नहीं है क्या ( मुझे मामला थोड़ा सही होता दिखा ) मुझे तो पता भी नहीं था कि वो इतना ज्यादा सॉफ्ट होता है , कितना गर्म भी था वो ।
: धत्त गंदा चुप कर अब ( दीदी थोड़ी शर्मा रही थी और मुझे कुछ उम्मीद नजर आ रही थी )
: दीदी एक बात पूछूं
: हम्म्म बोल
: सबका इतना सॉफ्ट और गर्म होता होगा न , मतलब सारी लड़कियों का
: मुझे क्या पता, मै कौन सा सबके छूने जा रही हूं हीहीही
: अच्छा कुछ लड़कियों के छोटे क्यों होते हैं
: हा दुबली लड़कियों के ऐसे ही होते है
: तो आप कहा मोटी हो फिर भी आपके बड़े ....! ( बोलते हुए रुक गया मै )
: भक्क पागल , इतना बड़ा भी नहीं है मेरा हीही
: लेकिन मेरे तो हाथ में ही नहीं आ रहा था पूरा और भारी भी था थोड़ा
: छीइई पागल , क्या बाते कर रहा है ये सब, सो जा अब , गंदा लड़का
( दीदी को हंसी आ रही थी और वो ये सब इंजॉय कर रही थी ये भी जान रहा था लेकिन खुल कर वो कह नहीं रही थी )
कुछ देर चुप रहने के बाद
: दीदी
: अब क्या है रोहन !!
: कुछ नहीं , गुड नाइट
: अच्छा अब बोल भी दे भाई , मै नाराज नहीं हूं तुझसे
: अच्छा क्या दूसरा वाला भी ऐसे ही सॉफ्ट होता है
दीदी चुप रही और उन्होंने बिस्तर पर कुछ टटोला और एकदम से उनका हाथ मेरे पंजे को पकड़ा और सीधा अपने नंगे चूचे पर रख दिया
उफ्फ पूरी हथेली तपने लगी और उनके कड़क निप्पल की नोख मानो मेरे हथेली में छेद कर देगी
: सीई ओह्ह्ह दीदी कितना सॉफ्ट है ( मैने भी मौके का फायदा लेकर उसको घुलाया)
: उम्ममम बस कर चेक कर लिया न , रोहन छोड़ अब
: बस थोड़ा सा अच्छा लग रहा है सीईईई कितना सॉफ्टी और गर्म है ( मैने पूरी हथेली उनके चूचे पर फिराई जैसे आटे की लोई को घुमाते है चौके पर दीदी पूरी अकड़ गई )
: बस कर रुक जा ( वो मेरी कलाई पकड़ ली और मैने उनके चूचे पंजे में कस लिए
: अह्ह्ह्ह इतना कस के नहीं पागल हल्के से पकड़ते है दर्द होता है
: ओह सॉरी ( मैने अपनी पकड़ ढीली की और हौले हौले उनकी मुलायम चुची को घुलाने लगा और मौका देख कर हाथ आगे सरका कर दूसरी तरफ वाली चूची को छूने लगा
: सीईईई क्या कर रहा है पागल , अभी उसे छुआ था न
: हा लेकिन अच्छा लग रहा है दीदी बहुत सॉफ्ट है
: पागल है तू , बस अब हो गया हटा हाथ ( दीदी ने परेशान हो कर हाथ हटा दिया और यहां मेरा लंड पूरा फौलादी हुआ जा रहा था )
दीदी की हालत भी कम खराब नहीं थी , चूचे मिजवा कर वो भी परेशान ही गई थी ,
मै थोड़ा खुद को रिलेक्स करने लगा था कि अब शायद बात आगे न बढ़े और सोना ही सही रहेगा
लेकिन आज ही रात जैसे किस्मत मेहरबान थी । दीदी के तरफ बिस्तर में हलचल हो रही थी पैरो के पास और ऊपर उनकी सांसे भी बेचैन थी
मै चुप हो गया था करीब 5 6 मिनट बाद वो बोली
: रोहन
: हा दीदी
: जाग रहा है
: हम्ममम क्या हुआ ?
: एक काम करेगा !!
: क्या ? ( मेरा दिल धड़कने लगा जोरो से सांसे चढ़ने लगी , कुछ अंदेशा सा होने लगा )
: प्रोमिस कर किसी से कहेगा नहीं कभी
: आपकी कसम नहीं कहूंगा प्रोमिस ( मै भी अन्दर से बेचैन हो गया) बोलो न
: दूध पियेगा मेरा
उफ्फ कोई पागल ही होगा जो ये ऑफर ठुकराया लेकिन सवाल तो कुछ लाजमी था जो मेरे जहन में था
: आपको आता है क्या ?
: नहीं पागल , ऐसे ही , बोल पियेगा ?
हलक सूखा जा रहा और जवान अटक रही थी
: हा
: आ फिर मेरे पास
मै सरका गया और हाथ से वापस उनके दूध टटोलने लगा और दीदी ने फिर से मेरे पंजे पकड़ कर अपने चूचे पर रख दिए जो मेरी तरफ था
मैने वापस से उनकी चुची को सहलाना घुलाना शुरू कर दिया और दीदी सिसकने लगी
: उम्ममम सीईईई ओह्ह्ह पी न रोहन निप्पल पर मुंह लगा कर
मै आगे झुका कर जीभ निकाल कर उनके नंगे रसीले मम्में पर निप्पल खोजने लगा और जीभ की टिप ने जैसे ही उनके निप्पल को छुआ वो छटपटा पड़ी : सीईईई ओह्ह्ह वही है .... उम्ममम सीईईई ओह्ह्ह यस्स अह्ह्ह्ह्ह
मैने अपने होठों में उनके निप्पल भर लिए और जितना हो सका उनके मम्मे को मुंह में भर कर चूसने लगा : ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह सीईईई मम्मीइई अह्ह्ह्ह रोहन उम्ममम चूस और सीई अह्ह्ह्ह
दीदी की सिसकिया मेरे कानो में गुंज रही थी और मैने दूसरे हाथ से उनकी दूसरी चुची पकड़ ली और उसको सहलाने लगा
दीदी का हाथ नीचे था और वो तेजी से हिल रहा था , मै समझ गया था कि दीदी अपनी बुर सहला रही थी
: ओह्ह्ह यस्स बेटा उम्मम ओह्ह्ह पी के उम्मम सीईईई उफ्फ मम्मा उम्ममम सीईईई ओह्ह्ह यस्स यस्स
मैने निप्पल बदल दिए और दीदी के दूसरी चुची को मुंह में ले लिया और दीदी की तड़प और बढ़ गई वो तेजी ने अपने बुर में उंगली चलाने लगी
: क्या हुआ दीदी क्या कर रहे हो आप
: कुछ नहीं भाई , तू चूस न बस चूसता रह ओह्ह्ह्ह मेरा निकल रहा है अह्ह्ह्ह सीईईईईई ओह्ह्ह्ह मम्मीईइई ओह मम्मीईईईई ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह फक्क मीईई ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् फक्क मीईई ओह्ह्ह्ह यशस्स
फिर एकदम से दीदी अपनी गाड़ हवा में उछालने लगी और झटके खाने लगी , मैने इस दौरान एक बार भी उनका निपल्स मुंह से नहीं निकाला बस उनको झड़ने में मदद करता रहा और फिर थक कर सुस्त पड़ गई और मै भी उठ कर बगल में लेट गया ।
हम दोनो चुप रहे और फिर मैने हौले से कम्बल में अपना लंड निकाल दिया बाहर , कबसे अकड़ कर रॉड हुआ जा रहा था ।
लेकिन अभी भी नीद हमारी आंखों से बहुत दूर थी।
जारी रहेगी
( बबली के बबले वाले इस अपडेट को पढ़ने के बाद लाइक और कमेंट जरूर करें , आपके विचारों को पढ़ कर अच्छा लगता है ... धन्यवाद )