• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest पति से चुदवाया उसकी बहनों को

कहानी में क्या पसन्द करोगे ?

  • थोड़ा बहुत गन्दा हो जैसे रिमजोब, पिस्स, आर्मपिट, नाक

    Votes: 31 55.4%
  • सिंपल हो बस चुदाई ओर मादक कन्वर्सेशन

    Votes: 25 44.6%

  • Total voters
    56
  • Poll closed .

Ass licker

❤️❤️
135
839
94
🌴🌴🌴Attention Please🌿🌿🌿

अपडेट पढ़ने के बाद केसा लगा बताना मत भूलना।
आपका सहयोग ही कहानी को रोमांचित ओर आगे बढ़ायेगा।
 
Last edited:

Ass licker

❤️❤️
135
839
94
बहुत सी कहानियाँ पढ़ने के बाद मुझे एहसास हुआ कि मुझे भी पाठकों के लिए एक कामोत्तेजना से भरपूर कहानी लिखनी चाहिए, जिसका वो लुफ्त उठा सके। कहानी का सच्चाई से कोई लेना देना नही है, कहानी में आने वाले किरदार सिर्फ इमेजिनेशन है। उम्मीद है आपको कहानी पसन्द आएगी। कहानी अलग अलग लोगो की जुबानी पेश की जाएगी
कहानी है पंजाब की जहाँ पर एक फैमिली रहती है जगदीप की जिसकी उम्र 50 साल है, जगदीप एक एसबीआई बैंक में कैशियर है जो घर से 15 km है।

इसके परिवार में 2 बेटियाँ ओर एक बेटा है राहुल, इसके तीनो बच्चों की शादी हो गयी है

कहानी के किरदारों का इंट्रोडक्शन छोटा होगा जैसे कहानी आगे बढ़ेगी सब कुछ पता चल जाएगा। कोई ऐड होगा तो उसे बाद में बता दिया जाएगा। चलिए शुरू करते एक मादक कहानी😋
 
Last edited:

Mohdsirajali

Well-Known Member
6,489
20,032
174
बहुत सी कहानियाँ पढ़ने के बाद मुझे एहसास हुआ कि मुझे भी पाठकों के लिए एक कामोत्तेजना से भरपूर कहानी लिखनी चाहिए, जिसका वो लुफ्त उठा सके। कहानी का सच्चाई से कोई लेना देना नही है, कहानी में आने वाले किरदार सिर्फ इमेजिनेशन है। उम्मीद है आपको कहानी पसन्द आएगी। कहानी अलग अलग लोगो की जुबानी पेश की जाएगी
कहानी है पंजाब की जहाँ पर एक फैमिली रहती है जगदीप की जिसकी उम्र 52 साल है, जगदीप एक एसबीआई बैंक में कैशियर है जो घर से 15 km है।

इसके परिवार में 2 बेटियाँ ओर एक बेटा है राहुल, इसके तीनो बच्चों की शादी हो गयी है

कहानी के किरदारों का इंट्रोडक्शन छोटा होगा जैसे कहानी आगे बढ़ेगी सब कुछ पता चल जाएगा। कोई ऐड होगा तो उसे बाद में बता दिया जाएगा। चलिए शुरू करते एक मादक कहानी😋

congratulations....aapki story ke liye best of luck
 

Pitaji

घर में मस्ती
1,466
4,458
159
Chudai me jaldbaji na karna aur dono bahno ko chudwana pahle alag alag fir sath me plateform shandaar hai meri shubhkamnaye aapke sath hai
 

Xabhi

"Injoy Everything In Limits"
10,210
42,679
174
बहुत सी कहानियाँ पढ़ने के बाद मुझे एहसास हुआ कि मुझे भी पाठकों के लिए एक कामोत्तेजना से भरपूर कहानी लिखनी चाहिए, जिसका वो लुफ्त उठा सके। कहानी का सच्चाई से कोई लेना देना नही है, कहानी में आने वाले किरदार सिर्फ इमेजिनेशन है। उम्मीद है आपको कहानी पसन्द आएगी। कहानी अलग अलग लोगो की जुबानी पेश की जाएगी
कहानी है पंजाब की जहाँ पर एक फैमिली रहती है जगदीप की जिसकी उम्र 50 साल है, जगदीप एक एसबीआई बैंक में कैशियर है जो घर से 15 km है।

इसके परिवार में 2 बेटियाँ ओर एक बेटा है राहुल, इसके तीनो बच्चों की शादी हो गयी है

कहानी के किरदारों का इंट्रोडक्शन छोटा होगा जैसे कहानी आगे बढ़ेगी सब कुछ पता चल जाएगा। कोई ऐड होगा तो उसे बाद में बता दिया जाएगा। चलिए शुरू करते एक मादक कहानी😋
:congrats: for the story Bhai, to kb suru kr rhe ho aap ise...
 

Ass licker

❤️❤️
135
839
94
जगदीप:- एक 48 साल का आदमी, जो बैंक में कैशियर है

360-F-11993193-s-Pb-K0-BMx6-Iatrxg7-Y2-Zzripuu6-CSg-Ch-O
राहुल:- मेरा नाम राहुल में अपने माँ बाप का इकलौता लड़का हूँ मेरी दो बहनें है। में खेती बाड़ी संभालता हूँ। गलत संगत के कारण में कहीं जॉब नही लग पाया तो मैने अपनी जमीन संभाल ली। मेरी माँ इस दुनियां में नही है वो हार्ट की मरीज थी जो 4 साल पहले इस दुनियां को छोड़ गई। पापा जॉब पर होते इसलिये मुझे ही खेत सम्भलने होते है। फसल के टाइम में ज्यादातर खेतो में ही होता जहां हमने एक कमरा बनवाया हुआ है जहाँ ट्यूबवेल भी है। मेरी शादी हो गयी है और एक बच्चा भी है।

IMG-20230227-141657
सुमन:- मेरी पत्नी का नाम सुमन है जो एक बच्चे की माँ बन गयी है। सुमन बोल चाल में काफी अच्छी है और मेरा खूब ख्याल रखती है। एक 3 साल का बेटा है जिसका नाम सोनू है।
IMG-20230228-054409
माधुरी :- ये मेरी बहन है जो 25 साल की है ओर मुझसे 2 साल छोटी है। इसकी शादी आकाश से हुई है जो सीमेंट का गोदाम चलाते हैं अम्बाला में।

IMG-20230227-124252
रजनी:- ये सबसे छोटी बहन है जो 23 साल की है और मुझसे 4 साल छोटी है इसकी शादी हरिंदर से हुई है जो एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ाते हैं।
रजनी बहन की शादी को एक साल हो गया है।

IMG-20230227-141558
तो ये है मेरा परिवार जो खुशी खुशी अपना जीवन गुजार रहा था।
सब लोग खुश थे और सभी जिंदगी के मजे ले रहे थे
हमारे घर मे तीन कमरे थे दो नीचे जिनके बीच मे किचन था और एक ऊपर था जो मेहमान वगेरह के लिए खाली था। एक बाथरूम नीचे था जो घर के गेट के पास था दूर जिसको दोनों तरह इस्तेमाल करते थे उसमे लैटरिंग शीट भी थी बड़ा बाथरूम था तो दोनों चीजे एडजस्ट हो जाती थी ओर बाथरूम इसी तरह का ऊपर था कमरे के बराबर जिसका गेट कमरे में नही था कमरे से बाहर आकर उसमे घुसना होता था।

IMG-20230227-131105
पत्नी की जुबानी:- ओह्ह आज तो थक गई अच्छा हुआ माधुरी ने सहारा लगा दिया। में सब काम से फारिग होकर अपने 4 साल के बेटे के लिए दूध गर्म करने लगी तभी माधुरी भी किचन में आ गयी
माधुरी:- क्या कर रही हो भाभी
मैं:- कुछ नही माधुरी सोनू के लिए दूध गर्म कर रही हूँ. भूख लगी होगी उसे
माधुरी:- सही है भय्या कब आएंगे, दिखाई नही दे रहे। मेने देखा भी नही उसे
मैं:- पता नही होंगे कहीं बाहर, तुम बताओ कैसे कट रही है जिंदगी, सब मजे में है ना। मैं मजाक करते हुए बोली
माधुरी:- हां सही है भाभी जैसी भी है
मैं माधुरी के चूतड़ों की तरफ देखते हुए हां देखने से भी लग रहा है मजे में ही होगी हीहीहीही
माधुरी:- ओह्ह भाभी तुम भी ना हरदम मजाक करती हो, अपने भी तो देखो कैसे फैला रखे हैं आपने
मैं:- ये आप आप क्या लगा रखा है सिर्फ भाभी या तुम कहो
तुम मेरी छोटी बहन जैसी हो इसलिए कोई आप नही ओकक
तभी दूध गर्म हो गया और मैं चल आजा मेरे कमरे में चलके बात करते हैं। मैं माधुरी को लेके कमरे में आ गयी और बेटे को निप्पल से दूध पकड़ा दिया जिसे वो लेटकर पीने लगा।
हां तो क्या कह रही थी तुम फैला रखे हैं।
अब जैसे भी हैं तेरे ही भाई की मेहनत हैं वैसे कम तेरे भी नही है लगता है आकाश ने अच्छी सवारी की है इसपर चढ़कर हहहहह
माधुरी:- अच्छा भाभी तुम्हे बड़ा पता है, उसे अपने काम से ही फुर्सत मिल जाये वही बड़ी बात है।
क्या बात है क्या टाइम नही देते वो तुम्हे?
ऐसी बात नही है भाभी पर कम ही टाइम मिल पाता है उसे हफ्ते में 3 दिन ही घर पर आते हैं बाकी दिन तो गोदाम पर ही सो जाते हैं। माधुरी के पति सीमेंट का गोदाम है अम्बाला में जहाँ काम की वजह से उसे कई बार वही रहना पड़ता है। काम ज्यादा होने की वजह से उन्हें देर हो जाती तो वो वहीं रह जाते।
मैं:- तो हमारी ननद का मन नही लगता क्या, कैसे कटती होंगी तुम्हारी रातें।
माधुरी:- ओह्ह भाभी तुम भी ना कुछ भी बोलती हो।
मैं:- वैसे माधुरी तुम्हे देखकर तो आकाश खूब प्यार लुटाता होगा ना, तुम कितनी खूबसूरत हो आकाश की तो मौज होती होगी
माधुरी:- हां तभी मेरी गोद सुनी पड़ी है, मेरा भी मन करता है भाभी की में भी अपने बच्चे को खिलाऊं लाड प्यार दु, ओर 3 साल से ये इच्छा अधूरी ही है, डॉक्टरों ने भी कोई कमी नही बताई दोनों में पर क्या करे ऊपर वाले ने जो लिखा है उसी पर सब्र करना पड़ रहा है और उसकी आंखें नम सी हो गयी।
मेने माधुरी को गले से लगाया और हिम्मत बढ़ाते हुए कोई नही माधुरी हो जाएगा यकीन रखो ऊपर वाले पर। देखना मेरी दुआ से तुम ढेर सारे बच्चे पैदा करोगी। फिर कहना मेने केसी दुआ दी थी तुझे।
माधुरी:- भाभी ऊपर वाला तुम्हारी दुआ सुन ले, वरना बहुत उदास होती हूँ जब बच्चे के बारे में सोचती हूं
चलो कोई बात नही माधुरी छोड़ो इन बातों को ओर बताओ सब बढ़िया है ना तुम्हारे ससुराल में
माधुरी:- हां सब ठीक है
तभी राहुल आ गए जो दीदी को देखजर चोंक गए, तभी माधुरी अपने छोटे भय्या से लग गयी। में साइड से देख रही थी के कितना प्यार है भाई बहनों में तभी मेरी निगाहें माधुरी की कठोर मोटी चुचियों ओर गयी जो राहुल के सीने से दबी हुई थी।
मेरे दिमाग मे गन्दा ख्याल आया पर मैने उसे झटक दिया और बोली, आप तो अब आये हैं माधुरी को आये काफी टाइम हो गया। आकाश ने कैब से भेजा है उसे काम था तो आये नही।
राहुल:- कितने दिनों के लिए आई हो दीदी
तभी में बीच मे बोलती हुई अब हम नही जाने देंगे इसे, इससे ही तो मन लगता है मेरा। आकाश को बोल देना आराम से आये फुर्सत में हीहीहीही
माधुरी:- 2-3 दिन के लिए आई हूं उसको भी काम है तो में यहां आ गयी।
राहुल:- जब तक मन करे तब तक रहो दीदी ये तुम्हारा भी घर है
तुम्हारी वजह से इसका भी मन लगा रहेगा
तुम दोनों बातें करो में खाना लगाती हूँ आपके लिए
में किचन में खाना लगाने लगी तभी मेरे दिमाग मे वो सीन आ गया जब माधुरी की बड़ी चुचियाँ राहुल के सीने से दबी हुई थी।
पता नही मुझे सोचने से मजा सा आने लगा कि क्या राहुल को माधुरी की चुचियाँ फील नही हो रही होंगी, हो सकता है राहुल ने इग्नोर किया हो। जो भी हो है तो उसकी बहन ही।
" क्या मैने जो सोचा है ये उसकी एक झलक है, हो सकता है मेरा सपना पूरा होने का टाइम आ गया हो। आह्दह मेरा सपना कब पूरा होगा पता नही "
मैं खाना तैयार करके कमरे में गईई जहां सोनू को गोद मे खिलाती हुई माधुरी अपने भाई से बात कर रही थी।
हाथ धोकर खाना खा लो आप
राहुल:- दीदी तुमने खा लिया खाना
तुम्हारी दीदी ने कब का खा लिया अब आप भी खा लो, मैं माधुरी को ऊपर ले जाती हूँ वहीं सो जाएंगे हम दोनों।
राहुल:- चलो ठीक है आज माधुरी से बातें करो मैं सो जाऊंगा
मैं सोनू को गोद मे लेकर माधुरी के साथ ऊपर चल दी।
ऊपर जाकर मेने कमरे का बेड सही किया। कमरे का बेड इस तरह था कि लेटे हुए इंसान का मुँह दरवाजे की तरफ होता था।
मैंने माधुरी के लिए बिस्तर लगाया और दोनों बैठ गए। सोनू को मैने बेड पर लेटा दिया।
माधुरी:- भाभी तुम नीचे ही लेट जाती, भय्या का नींद भी नही आएंगी आज तो तुम्हारे बिना
मैं:- आज नही आएगी त क्या हुआ, मुझे तुम्हारे साथ अच्छा लगेगा सोना, तुम आई हो तो मन लगा दु अपनी ननद का
माधुरी:- भाभी तुम कितनी अच्छी हो यार भय्या तो काफी लकी है जो उन्हें तुम मिल गयी।
मैं:- ओह्ह ये बात है तो आकाश भी बहुत लकी है जो उसे मेरी ननद का प्यार मिल रहा है।
माधुरी शर्मा गईई और उसके गाल लाल हो गए जो बहुत कातिल लग रहे थे। में माधुरी के गालों को लाल होता देख

428a3df93129bff8ca6a1f0885fd104b
माधुरी तुम्हारे गाल होते हुए कितने अच्छे लगते हैं
माधुरी:- अच्छा जी भाभी तुम भी तो कम नही हो, देखो अपने शरीर को क्या गजब लगती हो तुम
मैं:- चलो माधुरी लेट कर बातें करेंगे थक गए है काफी
तो मैं माधुरी के साथ बेड पर लेट गयी मेरा बेटा साइड में सो गया था।
मेने माधुरी की तरफ करवट ले रखी थी और माधुरी सीधी लेटी हुई थी जिससे उसकी चुचियाँ उठी हुई थी। इतनी मोटी तो नही थी फिर भी ठीक थी
मैं:- माधुरी एक बात बोलू बुरा ना मानो तो
माधुरी:- हां बोलो भाभी क्या बात है में क्यों बुरा मानूँगी आप मेरी माँ समान हो
मैं:- क्या आकाश तुमने खुश रख पाता है
माधुरी:- हां भाभी वो मुझे बहुत प्यार करते हैं में भी खुश हूं उसके साथ
में माधुरी को गौर से देखते हुए मेरा मतलब है वो तुम्हे बेड पर खुश कर पाते हैं
माधुरी थोड़ा चोंक गईई ओर शर्मा कर नजरें घुमा ली।
माधुरी मुझसे कुछ छुपा रही थी तो मैने बोला
सच सच बताओ माधुरी मुझे ऐसे लगता है तुम सेटिस्फाइड नही हो आकाश से
माधुरी:- नही भाभी कोई बात नही है मैं खुश हूँ
मैं:- तुम कुछ छुपा रही हो माधुरी सच बताओ में तुम्हारी सहेली हूँ ना मुझे भी नही बताओगी
माधुरी इतना सुनकर मेरे गले लग गयी और रोने लगी क्या बताऊँ भाभी वो बहुत अच्छे हैं पर कुछ चीजें ऐसी होती है जिनको पूरा नही कर पाते
मैं:- बताओ मुझे कोनसी चीजे, सब कुछ बताओ अगर सहेली मानती हो तो
माधुरी:- वैसे तो कोई कमी नही है सोनम पर वो जल्दी ही डिस्चार्ज हो जाते हैं तभी मेरी कोख सुनी है ओर रोने लगी
मुझसे चिपककर रोती हुई माधुरी पर मुझे बहुत तरस आ रहा था कि वो कितनी अधूरी जिंदगी जी रही है पर क्या कर सकते थे जो नसीब में लिखा वही हो रहा था
मैं:- चुप हो जाओ माधुरी क्या हुआ बच्चा भी हो जाएगा सब्र रखो आकाश को बोलो की इलाज कराए अपना
माधुरी:- डॉक्टरों ने तो बोला है कोई कमी नही है पर सोनम वो ज्यादा देर तक नही कर पाते मुझे लगता है यहीं दिक्कत आ रही है।
मैं:- क्या करे माधुरी जब किस्मत में यही लिखा है, मेने माधुरी के माथे को चूम लिया। उसकी आंख के आंसू गालों पर आ गए तो मैने उन्हें जीभ से चाट कर साफ कर दिया
माधुरी:- भाभी तुम कितनी अच्छी हो जो इंसान का दर्द समझती हो,
में इसी में खुश हूं कि तुम मेरी भाभी हो जो मेरी फिक्र करती हो
मैं:- क्या करूँ माधुरी मुझसे तेरा दर्द सहा नही जाता, तुम्हे अपनी बहन मानती हूं पर क्या करूँ इस समस्या का
तभी माधुरी ने भी मेरे माथे को चूम लिया और मेरी तरफ देखते हुए भाभी तुम कितनी प्यारी हो बिल्कुल मेरी बहनों की तरह ओर मेरे गाल को चूम लिया।
में माधुरी के चूमने से थोड़ी आश्चर्यचकित हुई की माधुरी ने मुझे चूमा, हो सकता है उसको ज्यादा प्यार आ रहा हो।
मैं:- माधुरी में भी चुम लू तेरे गालों को बुरा ना मानो तो
माधुरी मेरी तरफ देखकर चुम लो भाभी जब मैने ही चुम लिए तो
मेने माधुरी के गालों को धीरे से चूमा ओर जीभ निकाल कर उसके गालों पर फिरा दी।
जिससे माधुरी झरझरा गईई ओर मुझसे चिपक गयी।
मैं:- माधुरी मेरे कुछ सवाल है अगर तुम बुरा ना मानो तो पूछ लू तुमसे
माधुरी:- हां पूछो भाभी
में:- पहले ये बताओ तुम मुझे सहेली मानती हो ना, में कुछ भी बोलू तुम्हे बुरा तो नही लगेगा ना इसलिए इजाजत ले रही हूं।
माधुरी:- तुम भी ना भाभी, मुझे अपनी ही दोस्त समझो। में किसी भी बात का बुरा नही मानूँगी
मैं:- किसी भी बात का बुरा नही मानोगी ना
माधुरी:- हाँ भाभी बोलो तो सही
ये बताओ माधुरी की आकाश कितनी देर लगाता है मतलब कितनी देर तक मेरी सहेली की सवारी करता है
माधुरी:- ओह्ह भाभी तुम भी ना बहुत मज़ाकिया हो, मुझे नही पता। शर्म आती है मुझे इस तरह की बातों से
मैं:-मुझसे भी शर्माना, क्यों सहेली को दिल की बात नही बताते।
चलो छोड़ो कोई बात नही मत बताओ में तो भले के लिए ही पूछ रही थी।
माधुरी:- भाभी ऐसे उदास मत हो चलो बताती हूँ, भाभी तुम मेरी सहेली हो तो कोई दिक्कत नही बताने में दरअसल वो चाहते तो है कि मुझे खुश कर पाए पर उसका तन साथ नही देता
मैं:- मतलब , खुल के बताओ माधुरी तुम, बेझिझक बोल दो मुझे अपनी बड़ी बहन ही समझो
माधुरी:- भाभी वो बस 5-6 मिनट ही आगे पीछे करते फिर उनका हो जाता है, मुझे अच्छा लगने ही लगता है कि उसका हो जाता है
मैं:- ओह्ह बस5-6 मिनट ही ये तो सच मे आश्चर्य की बात है वरना मेरी ननद को कोई 1-1 घण्टा भी नही छोड़े।
माधुरी आश्चर्य से क्या भाभी एक घण्टा भी कोई करता होगा
एक घण्टा तो बहुत ज्यादा होता है भाभी
मैं:- तुम बहुत भोली हो एक एक घण्टा करने वाले भी लोग है इस दुनियां, अब तुम्हारा पाला आकाश से पड़ा तो क्या करें।
माधुरी:- कहाँ सुना है भाभी तुमने ऐसा की एक एक घण्टा भी ये काम होता है
मैं:- मैं बता तो दुं माधुरी पर तुम यकीन नही करोगी ओर वैसे भी तुम्हे तो बिल्कुल नही बतानी चाहिए
माधुरी:- बताओ ना भाभी अब तुम भी मुझसे कुछ छिपा रही हो
अभी तो तुम सहेली सहेली कर रही थी अब खुद ही नही बता रही
मैं :- यार कैसे बताऊं तुम यकीन नही करोगी।
माधुरी:- बताओ तो यार
मैं माधुरी के कान के पास मुँह ले जाकर उसके कान की लौ चुम ली और फुसफुसाते हुए "तेरे भय्या मुझे एक एक घण्टा नही छोड़ते कभी कभी तो डेढ़ घण्टा भी लगा देते हैं
इतना सुनकर माधुरी शर्मा गयी। अहह भाभी शर्म करो मुझे मत बताओ ये सब।
माधुरी सच बताऊ तो तेरे भय्या बेड पर बहुत ताकतवर है छोड़ते नही है घण्टा घण्टा करते है मुझे सोने भी नही देते रात भर।
माधुरी:- भाभी तुम्हारी तो मौज है भय्या तुम्हे इतना प्यार देते हैं हमारी ही किस्मत खराब है जो ऐसा इंसान मिला
माधुरी थोड़ी उदास हो गयी और आंखे बंद कर ली।
मैं:- माधुरी यार अब क्या कर सकते हैं आकाश से कहो कि इलाज कराए अपना वरना तुम्हारी जवानी तो बर्बाद हो जाएगी
माधुरी:- अब किस्मत में यही लिखा है भाभी, ना बच्चा होगा ना में बच्चे का सुख देख सकूंगी उदास होते हुए माधुरी ने कहा
मैं:- उदास मत माधुरी तुम्हारा भी समय आएगा जब तुम भी बच्चे पैदा करोगी बहुत सारे हीहीहीही
माधुरी:- छीईईई भाभी ऐसे मत बोलो इतने भी नही चाहिए।
मैं:- माधुरी तुम्हारे गाल ओर होंठ कितने प्यारे हैं। सच मे तुम जन्नत की परी हो। क्या में तुम्हारे होंठ पर हल्का सा चुंबन ले सकती हूं मेरा मन कर रहा है इन हसीन होंठो को चूमने को
माधुरी:- नहीईई भाभी मुझे शर्म आती है इतने भी अच्छे नही है जितनी तुम तारीफ कर रही हो, भाभी तुम्हारे होंठ भी कम नही है
मैं:- अपनी आंखें बंद कर लो फिर नही आएगी शर्म, ऐसा करना में तुम्हारे चुम लुंगी तुम मेरे चुम लेना।
माधुरी:- अहह भाभी तुम्हे कबसे लड़कियां पसन्द आने लगी, में ही मिली थी आपको चूमने के लिए
मैं माधुरी को मनाते हुए तुम कितनी खूबसूरत हो माधुरी प्लीज एक बार चूमने दे ना, मेरी छोटी बहन नही हो तुम
माधुरी:- अच्छा ठीक है पर ज्यादा जोर से मत करना भाभी कहीं मेरे होंट ही खा जाओ

मैं:- ठीक है जैसा तुम कहो चलो अब आंखे बंद करो।
माधुरी ने आंखे बंद की ओर मेने उसे बाहों में लेते हुए उसकी तरफ मुँह बढ़ाया ओर निचले होंठ को जीभ फिराई ओर मुँह में भर लिया। ऐसा करने से माधुरी कसमसा गयी। तभी मेने माधुरी के मुँह में जाबां घुसा दी और चारों तरफ घुमा कर उसकी जीभ होंठो से पकड़ ली और चूसने लगी।
माधुरी अभी भी साथ नही दे रही थी तो मैने उसके सीने पर हाथ रख दिया और सहलाने लगी। अभी भी मेने माधुरी की चुचियाँ मसली नही थी बस ऊपर ऊपर से सहला रही थी।
माधुरी को खुमारी आने लगी और वो मेरे होंठो को चूसने लगी।
मेने माधुरी की जीभ को चूसना चालू रखा और उसकी एक चूची को पकड़ कर हल्का हल्का भींचने लगी। जिससे माधुरी ने मेरी जीभ को भी पकड़ लिया और चूसने लगी।
माधुरी एक मस्त बदन की लड़की थी उसके होंठ एक दम लाल सुर्ख मुलायम थे। गालों पर लाली छाई हुई थी।
चुचियाँ मीडियम साइज की थी पर बहुत सख्त मालूम पड़ रही थी।
हमारे बीच जीभ का आदान प्रदान होने लगा और एक दूसरे से स्मूच किश करते रहे। मुझे माधुरी की नाक से आती हुई गर्म गर्म खुशबूदार महक ने ओर उत्तेजित कर दिया
IMG-20230228-055908
में उसकी चूची को थोड़ा जोर देकर भींचने लगी। तभी माधुरी का हाथ सीने पर आया और उसने मेरा हाथ पकड़ लिया। मेने तेज तेज किसिंग करते हुए उसके हाथ को छुडाया ओर दोबारा से चुचियाँ मसलने लगी। माधुरी अब गर्म होने लगी थी उसने मेरे मुँह को दोनों हाथों से पकड़ा और ऊपर नीचे के दोनों होंठो को पीने लगी। में उसे सब करने दे रही थी और में उसकी चुचियाँ मसलती हुई उसके निप्पल को ढूंढ कर पकड़ लिया और मसलकर उसे छोड़ दिया।
तभी माधुरी ने सिसकी के लिए मुँह खोला तो मैने उसकी जीभ को पकड़ कर चूस दिया।
माधुरी का मीठा थूक भी मेरे मुँह में आ रहा था जो उत्तेजना को भड़का रहा था
मुझे माधुरी के मीठे थूक से ओर ज्यादा उत्तेजना उठने लगी और में होंठ चूसते चुसवाते हुए अपना नीचे ले गयी और धीरे से माधुरी के साड़ी को अलग करके लगी। ये सब मे बहुत धीरे कर रही थी कहीं माधुरी की खुमारी कम ना हो और वो होश में आकर मना कर दे। मेने साड़ी को साइड किया तो माधुरी का मुलायम पेट पर हाथ रख दिया
में माधुरी से अपने होंठ ज्यादा चुस्वा रही थी ताकि इनमें खेल लगकर माधुरी नीचे होने वाले गतिविधियों और ध्यान ना दे पाए।
माधुरी का पेट नंगा हो गया और में आहिस्ता से उसके कोमल मुलायम पेट पर हाथ फिराती हुई उसे अपनी जीभ चुस्वाति रही।
मेने माधुरी के एक हाथ को पकड़ा और अपने सीने पर रख दिया जिससे माधुरी मेरे सीने को दबाने लगी। मेरिई चुचियाँ का साइज अच्छा खासा था जो सूट में भी बाहर निकलने को आतुर रहती थी। मेने माधुरी को अपनी चूची ओर होंठो से खेल लगा देख उसकी नाभि ओर उंगली रख दी ओर अंदर धकेल दी। अहह कितना मादक अहसास था नाभि की गहराई भी अच्छी खासी थी तो में उसमे उंगली घुमाती रही और माधुरी से किस करती रही।
आग दोनों तरफ भड़क चुकी थी, माधुरी की सेक्सी नाक से आती गर्म खुशबूदार सांसे बता रही थी कि वो फुल गर्म हो चुकी थी।
मुझे 5 मिनट हो गए थे माधुरी को किस करते हुए तभी मेने आगे बढ़ने के लिए माधुरी से होंठ अलग किये और बोली
मैं:- माधुरी कैसा लगा फिर ये होंठो का स्वाद, तुम तो कह रही थी कि हल्का सा करना, अब खुद ही चिपकी हुई हो मेरे होंठो से।
माधुरी होश में आई और शर्माते हुए भाभी .....मैं...कहाँ...लगी....हुई थी..तुम ही मेरे साथ लगी हुई थी।
मैं:- चलो छोड़ो ये बताओ कैसा लगा तुम्हे ये किस, सच सच बताना
माधुरी:- अच्छा था, ओर मुझे शर्म भी आ रही थी में अपनी भाभी को चूम रही हूं।
मैं:- तुम्हे अच्छ लगा ना बस यही चीज इम्पोर्टेन्ट है बाकी शर्म को मारो गोली हीहीहीही
वैसे माधुरी तुम्हारे होंठ तो काफी मीठे है मजा आ गया पीकर, एक बात और तुम्हारा तो थूक भी कितना मीठा है टेस्टी सा हीहीहीही
माधुरी:- छीईईई भाभी मेने कब पिलाया तुम्हे थूक
मैं:- तुमने पिलाया नही बल्कि किश करते टाइम जीभ से लग लग कर मेरे मुँह में आ रहा था। जरा जीभ दिखाना अपनी माधुरी
माधुरी ने अज्ञातवश अपनी जीभ निकाली तो उसकी जीभ को अपने होठों से पकड़ लिया और एक दो बार चूस कर छोड़ दिया।
माधुरी:- अहह भाभी तुम भी ना, अब क्या मेरी जीभ को खा जाओगी।
मैं:- मेरी सहेली माधुरी मन तो करता है तुम्हारी हर चीज को चाट चाट कर खा जाऊं, बहुत नशीली मीठी चीज हो तुम आज पता चला है मुझे तो।
माधुरी:- ओह्ह भाभी तुम भी ना, तुम भी कम मीठी नही हो
ये भोलेपन से कही बात पर मुझे हंसी आ गयी।
मैं:- माधुरी ओर मजा किया जाए क्या कहती हो, मुझे तो बहुत मजा आ रहा था। तुम बताओ
माधुरी:- भाभी तुम्हे ये काम अजीब नही लगता, तुम मेरी बड़ी भाभी हो में तुम्हारी ननद हूँ

मैं:- देखो माधुरी ना में तेरी भाभी हूँ और ना तुम मेरी ननद। हम बस दोस्त है और दोस्त के बीच कोई शर्म नही सुना नही क्या तुमने "जिसने की शर्म उसके फूटे कर्म" हीहीहीही
माधुरी:- भाभी मुझे अजीब सा लग रहा था तब
मैं:- अजीब या मजा एक चीज डिसाइड करो
माधुरी कुछ सोचते हुए भाभी मजा ज्यादा था और अजीब भी लग रहा था।
मैं:- बस यही चीज तो चाहिए तुम्हे भी ओर मुझे भी। में कोनसा किसी को बताऊंगी की मेने फला के होंठ चूमे हैं में तो बस तुम्हे खुश देखना चाहती हूं इसके लिए चाहें मुझे कुछ भी करना पड़ा।
में तेरी खुशी में खुश हूं ये याद रखना मेरिई ननद साहिबा
माधुरी हंस पड़ी ओर बोली सच मे भाभी तुम बहुत अच्छी हो जो इतना प्यार रखती हो सबके लिए
मैं:-माधुरी बताओ फिर लेना चाहोगी मजा अपनी भाभी से।
माधुरी:- अहह भाभी अब क्या मजा रह गया जो मुझे देना चाहती हो। अब क्या करने वाली हो मेरे साथ
मैं:- घबराओ मत मेरी ननद तुम्हारा रैप नही करूंगी, हां अगर में लड़का होती तो जरूर रैप कर देती तुम्हारा हीहीहीही
माधुरी:- फिर तो मुझे शुक्र करना चाहिए कि तुम लड़की हो भाभी, वरना में तो लूट जाती बर्बाद हो जाती हीहीहीही
भाभी तुमने मेरे सीने को क्यों दबाया कितनी बेरहम हो भाभी तुम दर्द हुआ था मुझे
मैं:- क्या करूँ माधुरी तुम्हारे नशे में पता ही नही चला, ज्यादा जोर से भींच दिया क्या
माधुरी:- इतना भी नही ओर थोड़ा दर्द हुआ,

मैं:- चलो लाओ तुम्हारा दर्द दूर कर दु ओर मेने माधुरी की एक चूची को पकड़ लिया जिससे माधुरी ने मेरा हाथ पकड़ कर
छोड़ो ना भाभी अब सही है सब
वैसे माधुरी तुम्हारा सीना अभी उतना बड़ा नही है क्या बात है आकाश ध्य्यन नही देता क्या इनपर हीहीहीही
माधुरी:- भाभिईईई इनपर ध्यान देने से बड़ी हो जाती हैं क्या
मैं:- ओर नही तो देखो मेरे सीने को तुम्हारे भाई ने मसल मसल कर इतना बड़ा कर दिया है जब देखो इनपर ही टूट पड़ते हैं।
माधुरी:- हां दिख रहा है असर पकड़ने का, पर वो तो कम ही ध्यान देता है उसे काम से फुर्सत मिले तब ध्यान दे ना अपनी पत्नी पर।
मैं:- माधुरी मुझे लगता है तुम्हारे सीने की ऐंठन भी नही गईई हो
दिखाना जरा, में बातों लेती हुई बोली जिसपर माधुरी
भाभी अब कुछ ज्यादा नही हो रहा है कहाँ तुम एक बार चूमने की कब रही थी और अब ये भी कह दिया
मैं:- सॉरी तुम्हे बुरा लगा तो ओककक गुड़ नाईट ओर मेने मुँह फुलाते हुए साइड की करवट ले ली।
कुछ देर माधुरी चुप रही फिर मेरी पीठ को थपथपाते हुए भाभी ऐसा मत करो प्लीज
मेने फिर भी कोई जवाब नही दिया में चुप लेटी रही और अपने बच्चे पर हाथ फेरने हुए नाटक करने लगी रूठने का।
माधुरी:- भाभी सॉरी मेरा वो मतलब नही था, चलो देख लो तुम, मैं तैयार हूं दिखाने को।
में फिर भी चुप रही में देखना चाहती थी कि माधुरी किस हद तक मनाती है मुझे।
भाभी प्लीज मान जाओ ना, सॉरी अब कभी मना नही करूंगी भाभी।
मैं:- सॉरी की कोई बात नही है माधुरी मेरी हर बात पर तुम सवाल जवाब कर रही हो मुझे बुरा महसूस करा रही हो। कोई बात नही में ही गलत थी जो तुम्हे अपनी खास बहन मानती हूं। मेरिई कोई बहन नही है ना इसलिए तुम्हे ही बहन माना पर आज तुम गैर जैसा बिहैव कर रही हो। मेने चाल लगाते हुए कहा।
कोई 5 मिनट तक जवाब नही मिला उसके बाद माधुरी की आवाज आई
माधुरी:- भाभी इधर देखो सब गुस्सा शांत हो जाएगा देखो तो
में फिर भी पलट कर लेटी रही

भाभी देखो तो सही, में कभी मना नही करूंगी, कभी अपनी प्यारी सी भाभी को रूठने नही दूंगी प्रॉमिस भाभी
मैं:- पक्का वाला प्रॉमिस या बाद में मुकर जाओगी।
माधुरी:- पक्का सच्चा प्रॉमिस भाभी अब पलट भी जाओ और देखो कुछ सरप्राइज है तुम्हारे लिए।
मेने करवट माधुरी की तरफ की तो देखकर हैरान रह गई
मेरी 25 साल की जवान ननद माधुरी साड़ी का पल्लू गिरा कर ब्लाउज को ऊपर करके नंगी चुचियों ओर पेट के साथ नंगी लेटी हुई थी। उसका ऊपरी जिस्म एकदम कोमल और सफेद था। पेट एक दम सपाट नीचे नाभि पर पेड़ू( सुना है जिसके पेट पर पेड़ू होता है उसकी चुत अंदर से गहरी होती है) पेड़ू को देखकर मुझे मुस्कुराहट आ गयी। मेने देखा कि माधुरी की चुचियाँ कठोर ही थी एकदम ऊपर को तनी हुई उनमें ढीलापन नाममात्र का था।

1633634361-9-titis-org-p-girls-with-pink-nipples-erotika-instagram-9
दो मोटे मोटे निप्पल ब्राऊन कलर के चार चांद लगा रहे थे।
मेरी चुचियों की तुलना में माधुरी की चुचियाँ हल्की कम थी अगर मेहनत होती तो मेरी जैसी हो जानी थी।
बहरहाल अच्छी तरह मुआयना करने के बाद मेने माधुरी की तरफ देखा तो उसने आंखे बंद कर रखी थी जो शर्म आने की वजह से कर रखी थी
मेने उसको देखकर एक विजय मुस्कान के साथ देखा और बोली
माधुरी आज तुमने साबित कर दिया कि तुम मेरी सच्ची पक्की सहेली हो। अहह क्या हुस्न दिया है माधुरी तुम्हे तो देखो तो कितनी जंच रही हो हीहीहीही
माधुरी:- भाभी बोलो मत बस जो देखना है देख लो। में मना नही करूंगी। पर बातों से शर्मिन्दा मत करो।
मैं:- ओह्ह मेरी लाडो को शर्म आ रही है अभी दूर कर देती हूं तुम्हारी शर्म को। मैने मुँह में थूक इकट्ठा किया और नजदीक जाकर माधुरी के ब्राउन निप्पल पर धीरे से गिरा दिया ओर माधुरी के सर पर हाथ रख दिया ताकि उठ ना पाय
मेरा थूक माधुरी के निप्पल पर जाकर बहुत कामुक लग रहा था, थूक देखते देखते पानी हो गया ये इस बात का सबूत था कि मेरी ननद का जिस्म कितना गर्म है। मेने धीरे मुँह से जीभ निकाली और खड़े निप्पल पर जीभ रखकर घुमा दी। जैसे ही माधुरी को पता चला कि कोई चीज उसके निप्पल पर कहर ढा रही है उसने आंखे खोली तो मैने उसके निप्पल को मुझ में हवा बनाकर पूरा निप्पल मुँह में ठूस लिया जिसे माधुरी बर्दास्त नही कर सकी और उठकर बैठ गयी। बैठने से मेरे मुँह से माधुरी का निप्पल खिंचते हुए धीरे धीरे निकल गया और माधुरी के मुँह से कामुक आवाज आई "अहहहह भाभीईईईई मररररर गईईईईई "
लम्बी लम्बी सांस लेते हुए माधुरी मेरी तरफ हेरत से देखती हुई
भाभी ये क्या था ?
मैं:- माधुरी मुझसे रहा नही गया तो मैने मुँह लगा दिया, तुम्हे अच्छा नही लगा क्या ?
माधुरी हाथों से चुचियाँ ढकती हुई भाभी इतनी अजीब हरकत क्यों कि आपने, सिर्फ देखने के लिए बोला था ने आपने, में सिर्फ पूछ रही हूं नाराज नही होना भाभी

मैं:- माधुरी सच बताऊ तो मैने इतनी मादक सीना कभी नही देखा तो मैने चुम लिया। तुम्हे अजीब लगा क्या माधुरी
माधुरी:- भाभी अजीब भी था और गुदगुदी सी उठ गई थी। मुझे यकीन नही था आप ऐसा करेंगी बस ओर कुछ नही।
मैं:- माधुरी तुम गुस्सा हो मुझसे तो कोई बात नही रहने देते हैं चलो सो जाओ अब
में माधुरी को आगे बढ़ने के लिए बातों में लेने लगी।
माधुरी:- नही ऐसी बात नही है भाभी दरअसल मुझे आपके सामने इस तरह नग्न होने से ज्यादा अजीब फील हो रहा है
मैं:- अच्छा ये बात है तो ये लो और मैने अपनी टीशर्ट निकाली जिससे मेरी भारी चुचियाँ ब्रा में कसी हुई माधुरी के सामने थी।
माधुरी मेरी तरह टकटकी लगाए देख रही थी तो मुस्कुराते हुए अपनी ब्रा भी निकाल फेंकी ओर मेरे मोटे चुचे हवा में आजाद हो गए।
मैं:- अब ठीक है ना बराबर हो गया, चलो तुम भी ये ब्लाउज निकाल दो। ओर मेने माधुरी का ब्लाउज निकाल कर साइड में रख दिया।
माधुरी अपनी चुचियाँ हाथों से ढकती हुई मेरे सीने को देखने लगी
में मुस्कुराती हुई "क्या हुआ माधुरी कहाँ खो गयी"
माधुरी थूक निगलती कुछ नही भाभी
बताओ भी क्या देख रही हो इतनी गौर से
भाभी आपका सीना कितना अच्छा है यही देख रही हूं
मैं:- माधुरी ये सीना क्या होता है इन्हें चुचियाँ कहते हैं मेरिई प्यारी ननद।
माधुरी:- हिहहहहह भाभी तुम बड़ी बेशर्म हो कैसे कैसे नाम लेती हो इन चीजों का
जान सीना तो मर्दो का होता है हमारी तो चुचियाँ होती है जो मर्दो को पिलाने ओर दूध निकालने के लिए दी है
ये सुनकर माधुरी शर्मा गईई
मेने माधुरी का मुँह पकड़ा और दोबारा से उसके लाल सुर्ख होंठो का रसपान करने लगी
IMG-20230228-061546
जिसमे माधुरी भी थोड़ा थोड़ा साथ देने लगी अभी भी माधुरी पूरी तरह से खुली नही थी जिसको खोलना बाकी था। में माधुरी के होंठ चूसते हुए उसे लेटा दिया और उसके शरीर के अगले बगल दोनों पैर करके उसके ऊपर आ गयी लेकिन मेरा ऊपरी जिस्म उससे टच नही हुआ था।
में माधुरी का मादक जाम पीते हुए नीचे आई और उसकी सुराही गर्दन पर जीभ से चाटने लगी। माधुरी को अब सुरूर चढ़ना लगा और वो मेरी हरकतों को देखती हुई सिसक रही थी।
उसकी गर्दन पर जीभ से चाटते हुए मैं उसके वाइट चुचियों पर आ गयी दोनों हाथों से पकड़ कर पहले उन्हें मसला ओर मुट्ठी से भींच कर उन्हें खड़ा कर दिया। माधुरी मेरी तरफ देखती रही मेने उसकी दाई चूची को गप्प से मुँह में समा लिया और हवा बनाती हुई पूरी चूची को मुँह में भरने लगी। इस दौरान मेरी आँखों का कनेक्शन माधुरी से बना रहा और मैने थूक इकट्ठा करके उसके निप्पल पर गिराया ओर कामुक एक्सप्रेशन देते हुए उसे निप्पल के ऊपर से चाट लिया।
माधुरी:- अहहहहहह भाभिईईई क्या करोगी आज तुम केसी केसी हरकते कर रही हो।
माधुरी मुझे तुम्हारे जिस्म ने पागल कर दिया है कितना सफेद जिस्म है तेरा, ये तुम्हारी चुचियाँ हायययययय बड़ी जानलेवा है
दूसरी चूची को भी इसी तरह चूस कर मेने लाल कर दिया। दोनों चुचियाँ अब अकड़ी हुई थी और उनके निप्पल बिल्कुल सीधा खड़े हो गए जो काफी दिलकश नजारा था।
माधुरी:- बताओ फिर केसी लगी ये चुसाई, क्या तुम भी लेना चाहोगी ये मजा।
माधुरी कुछ ना बोली तो मैने दोबारा पूछा बताओ ना मेरी ननद क्या चुसोगी मेरी चुचियाँ
माधुरी:- अगर आप को बुरा ना लगे तो भाभी,
मेरी ननद मुझे क्यों बुरा लगेगा शौक़ से पियो अपना ही माल समझो हीहीहीही
मेने माधुरी के मुँह के ऊपर अपनी नंगी चुचियाँ ले आई जिसे माधुरी ने ऊपर मुँह उठा कर लपक लिया और निप्पल को होंठो में भींच लिया अहहहह माधुरी आराम से कोई जल्दबाजी ना करो।
माधुरी ने कोई जवाब नही दिया और मेरी मोटी चूची को खींच खींच कर चूसने लगी।
मजा आ रहा है ना माधुरी, कैसा लगा इनका टेस्ट बता ना
चूची से मुँह हटा कर माधुरी बोली अच्छा है भभीईईईई
माधुरी छोटे बच्चे जैसी मेरी चुचियाँ पीने लगी कोई 5 मिनट तक
पीने के बाद उसने मुँह हटाया तो में बोली भर गया पेट माधुरी
"हां भाभी भर गया"
 
Last edited:
Top