जब इरादा बना ही लिया है ऊँची उड़ान का तो
फिर कद क्या घण्टा देखना है आसमान काजब इरादा बना ही लिया है ऊँची उड़ान का तो
फिर कद क्या घण्टा देखना है आसमान का
फिर कद क्या घण्टा देखना है आसमान काजब इरादा बना ही लिया है ऊँची उड़ान का तो
फिर कद क्या घण्टा देखना है आसमान का