आप सभी को मेरा नमस्कार, आदाब, सत श्री अकाल और हेलो... एक परिवार की आत्मकथा आइये आपको लेकर चलते हैं एक परिवार के बड़े विचित्र से जीवन के सफर मैं । सुबह का समय था, घड़ी के कांटे 6 बजा रहे थे । बाहर बदलों की घड़घड़ाहट के साथ मूसलाधार बारिश हो रही थी । स्वीटू अब जाग चुकी थी । यूँ तो रात भर वो ठीक...
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Bus ap thoda jaldi jaldi updet do