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ना मजा आते आते रह गया। कामिनी ने डायरेक्ट गोरी को अमन के लिए पटाना मजा नहीं आया। पहले खुद अमन के सामने अपनी टांगें खोलती तब बात अलग होती। या फिर अमन खुद गोरी को पटाता तो मजा आता। कामिनी को वापस मुड़ जाना चाहिए था। खैर,मुझे इतना बता दो मेल एक रहेगा। अगर एक रहेगा तो कौन ? होगा। राज, अमन, या...
क्या कहूं? साली को माँ की ममता आज दिख रही है कोठे पर चली गई साली को अक्ल है की नहीं। साली राज के जिंदगी बसाने आई है या उबारने। एक बार उसके चक्कर में जेल गया। आज फिर मुसीबत में फंस गया। बेकार ही आगया राज बचाने। चुदने देना था। बहुत चुल मची है ना साली को सारी माँ की ममता निकल जाना था। अजीब औरत है।...
अनुच्छेद 5,6
प्रीत एक ऐसा अभागा और तकदीर का मारा बच्चा जिसको उसकी माँ का कभी प्यार नहीं मिला। मिला तो सिर्फ नफरत जिल्लत भरी ज़िन्दगी।
ढाबे पर आया हुआ जोड़ा गौरी और विक्रम जिन्होंने उन्नत से किसी मालिक का जिक्र किया था। जिसको उन्होने भी नहीं देखा। क्या वो मालिक प्रीत है?? प्रीत द्वारा ढाबे...
आई लाइक नफरत टाइप स्टोरी। प्लिज कंटिन्यू। इफ पोसिबल। रितेष का नफरत देखना चाहते है हम। दरिंदगी देखना है हमें। प्लिज लेखक महोदय। यदि आप हमारा कमेंट देख रहे हैं तो कृप्या इस कहानी को फिर से शुरू करिये। धन्यवाद 🙏🙏
अनुच्छेद 3,4प्रीत अर्थात अफेक्शन, प्रेम जिससे सभी आकर्षित हो जाए। नाम भी श्राप को समर्पित है।आखिरकार प्रीत मासूम सा बच्चा घर से भागने पर विवश हो ही गया। उसकी नियति देखते है उसके नये सफर पर क्या -2 परीक्षा लेती है। किन -2 चुनौतियों से सामना करना पड़ता है।
एक अच्छी बात ये हुई उसके घर से भागने...
भाई आप ही तो कर्ता धर्ता हो। सारी औरतें विक्रम से प्रेगनेंट होते देखना है और सभी बच्चों को बड़े होते भी देखना है।लवली। दोनों सौतन एक दूसरे के साथ खुश है। ब्लो जोब भी हो गया। अब लगता है हनीमून बूआ के घर में ही दोनों बीबीयों के साथ मनायेगा। देखते हैं केवल बूआ ही विक्रम से पटती है या उसकी दोनो...
अरे मेरे भाई तुमने क्यों तकलीफ उठाई। साॅरी भाई मैने भी शायद ज्यादा बोल दिया। तुम फिक्र मत करो। खुश रहना। खास करके आपके चाहने वालों के लिए। मैं मेरे कमेंट एडिट कर देता हूँ। और साथ में सभी पाठकगण से भी क्षमाप्रार्थी हूँ। और रिक्वेस्ट है कि जैसे अपना प्यार पहले देते थे। वैसे ही देते रहें। धन्यवाद 🙏🙏
एक्जैक्टली ब्रो, यू आर एब्सोलोटली राइट।चल ठीक है। मैं हारा तू जीता खुश। तू भी खुश रह और अपने पाठकगण को भी खुश रख एंटरटैन कर वो भी खुश। अपसेट नहीं होने का चिलैक्स मैन। कुल रहने का । सभी पाठकगण से अनुरोध है खुल कर सपोर्ट करें। लाइक कमेंट दिल से और अच्छे दें। धन्यवाद। अब हंस भी लियो। जा शीशा के...
माँ प्रेगनेंट होनी चाहिए। और भाई एक रिक्वेस्ट है कहानी पुरा करना अच्छे से जल्दी जल्दी में खत्म मत करना फिल्मी स्टाइल में बच्चे वगैरह होने देना बड़े बी होने देना। ऐसा मत करना की प्रेगनेंट हुई कहानी खत्म। भाई ये कहानी है कम से कम यहाँ तो अच्छे से खत्म की उम्मीद कर सकते हैं। बच्चे बड़े हो पापा...
अरे भाई मैने अलविदा कहा ना। फिर क्यों बात को खींच कर बात का बतंगड़ कर रहा है। अगर इतना ही था तो एक अच्छे लेखक का कर्तव्य निभाते हुए तमीज़ से पेश आते हुए सिचुएसन को एक्सप्लेन करता। की भाई डीबी सिंह जो तुम्हें लग रहा है वो गलत है। जैसे बाकी लेखक एक्सप्लेन करते हैं। लेकिन नहीं तू तो रणभूमि में...
हाहाहा नहीं पढ़ता भाया। आज सोचा एक बार चेक कर लूं क्या पता अब कुछ अच्छा आया हो। खैर, ये मैं नहीं बोल रहा, दीपिका की बातें देख तू, उस रात भी जाने वाली थी अगर उसका बेटा ना आया होता। रेप डेली होता था?? 3 घंटे क्या करती थी?? भजन कीर्तन हां । एक बार रेप में 2 बार प्रेगनेंट गजब। खैर तेरी लैंग्वेज तू...
ये मेरा फर्सट कमेंट है।मैने कुछ अपडेट इस कहानी के पढ़े थे काफी टाइम हो गया। अब आज ये वाला देखा तो इतना ही रवि से कहना चाहूंगा दीपिका से दूर रहे। उसका फ्यूचर ब्राइट है दीपिका जैसी कैरेक्टरलेस औरत के चक्कर में अपना कैरियर खराब ना करे। साली रवि जब टच करता था तो सती सावित्री बनने का ढोंग करती थी...
अनुच्छेद 1और2
अभी तक जितना समझ आया। उससे लगता है धीरज और सुषमा के बाप ने कोई ऐसा घिनौना पाप किया होगा जिससे जिसके साथ पाप किया गया उसने श्राप दिया होगा या फिर जिसके लिए पाप किया गया उसको वो पाप होते हुए देखा नही गया जिस वजह से उसने क्रोधवश श्राप दिया होगा। और श्राप ये होगा की उसके घर की औरतों...
सही है ऐसा होना भी नहीं चाहिए। राघव की घर की जितनी भी औरतें है सिर्फ राघव से चुदनी चाहिए कोई और चोदे अपने से तो बर्दाश्त नहीं होगा। नहीं तो अभी बता देना फिर सोचुंगा आगे पढ़ना है या नहीं।वैसे आपकी लेखनी मस्त है। आगे के लिए ढेर सारी शुभकामना।
राघव गंडमरा है क्या चूतिया साला। ऐसे में तो एक बात कहने का मन करता है माँ चूत की प्यास से मरती मर जाये। लेकिन राघव के पास ना जाये। फट्टु साला इतना तो बोल दी की चूत मिल रही है लेकिन तुझे मुट्ठी मारनी है। अब क्या खुद ही खोल के दे। खोल के देगी तब भी मुझे नहीं लगता कुछ कर पायेगा। सिर्फ बोलने का शेर...