If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.
सुनीता सोसाइटी से लौट रही थी लेकिन अब्दुल उसका इंतजार कर रहा था अपना दुकान के पास.... सुनीता पास आते ही अब्दुल बोला- सुनीता चल मेरे दुकान के पीछे...सुनीता- क्यों ?अब्दुल- तुझे चोदना है...सुनीता- पर तू तो कुछ देर पहले बोल रहा था कि तू मेरे घर आएगा...अब्दुल- नहीं, तेरे पति से मुझे ज्यादा...
सही है पर में कहानी ऐसा लिखना चाहता हूँ की आप लोगों को लगे कि Real है...
सोसाइटी के कोई मेंबर अगर माधवी भाभी को चोदने की ब्लैकमेल कर तो कुछ अच्छा नहीं लग रहा है... उसके लिए कोई गुंडा टाइप के व्यक्ति ही सूट करेगा.. और मोहनलाल को करैक्टर तो आप सीरियल में देखते ही है... बिल्कुल दबंग टाइप का.. तो...
बबिता- सुनीता आज तूने थोड़ी देर कर दी आने में.. में समझि तू आएगी ही नहीं...सुनीता- बबिता जी क्या कहूँ, वही पुराना दुःख..अंजलि- लगता है तेरा पति फिर से दारू पी कर तेरे साथ मारपीट की होगी...सुनीता- आपको तो पता है अंजलि दीदी...माधवी- सुनीता तुझे हिम्मत दिखानी होगी..सुनीता- जी...
उधर जेठालाल नींद से जाग चुका था और बालकनी पर खड़े हो कर बबिता जी के घर के बालकनी के तरफ देख रहा था कि कहीं बबिता के दर्शन हो जाये....तभी सौभाग्य से बबिता बालकनी पर आ गयी.. उसे देख कर जेठालाल चिलाया-;जेठालाल- Good morning बबिता जीबबिता- Very good morning जेठा जीजेठालाल- सब बढ़िया बबिता जी ...
रोज की तरह उस दिन सुबह भी अब्दुल सबके घर पर दूध की पैकेट देने के लिए गोकुलधाम सोसाइटी के अंदर जाने के लिए निकल पड़ा.. तभी रास्ते में उसे मेहता साहब मिल गए जो कि बड़े ही हड़बड़ी से सोसाइटी से बाहर की तरफ निकल रहे थे...अब्दुल ने आवाज निकाला- मेहता साहब Good morningमेहता साहब शायद ज्यादा हड़बड़ी में...
दोस्तों तारक मेहता का उल्टा चश्मा तो सबने देखा है... पर यहां पे जो कहानी में लिखने जा रहा हूँ वो तारक मेहता के Adult version है और ये पूरी तरह काल्पनिक है.... इस कहानी के सभी पात्र ठीक तारक मेहता सीरियल के जैसी ही है... तो फिर चलिए सुरु करते है...गोकुलधाम सोसाइटी में बहुत सारे परिवार रहते...