सायरा को पत्नी रूप में पाकर अनवर बहुत खुश था, माँ ने जब पहली बार बहू को देख कर कहाथा कि चाँद का टुकड़ा है तब अनवर अचानक ही बोल पड़ा था, “माँ यह चाँद का टुकड़ा नहीं,पूरा का पूरा चाँद है और मैं खुशनसीब हूँ जो यह मेरे भाग्य में आया, ऊपर वाले का मैं बहुत हीशुक्रगुजार हूँ कि उसने मुझे दुनिया की सबसे...