हर मोड़- मोड़, हर डगर- डगर
भंवर है ये भंवर- भंवर....
कोई नोटों की कमाई में लिप्त है
कोई वोटों की दुहाई में संलिप्त है।
हर किसी कहानी कि बस एक दास्तां
जहां घिरे वहीं फसे, फसे तो बस फंसते रहे
फिर चाहे प्यार में फसे या परिवार में फसे
व्यापार में फसे या गलत कारोबार में फसे
हर मोड़- मोड़, हर डगर- डगर...