सर्द वो एक रात थी,
लन्ड ने मचाई करामात थी।
पड़ोस की आंटी को पटाया था,
उनके भरे बदन का लुफ्त उठाया था।
छत पर उन्हें बुलाया था,
अंधेरे ने साथ निभाया था।
शुरुआत हुई थी होंठो से, फिर मम्मों को जो दबाया था,
उस रात ना जाने कितना आंनद हम दोनों ने पाया था।
उनके रसीले लबों पर मैं भीगी जीभ फेर रहा था,
फिर...