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हैलो दोस्तों नमस्कार
यह मेरी पहली कहानी है तो मेरी गलतियों पर मुझको माफ कर देना।
मेरा नाम अमन है और मैं 28 साल का हूँ। बचपन से ही पढ़ने में होनहार छात्र था लेकिन अब तक कुछ हासिल नहीं कर पाया हूँ। अब मैं किसी ट्रेवल एजेंट के यहां काम करता हूँ।
हवस की भूख मुझे मेरे 18 साल के बाद ही शुरू हो गयी थी। लेकिन बस अपना लंड हिला कर ही काम चला रहा था। 10वीं कक्षा पार करते ही मैंने अपनी दोस्त की बहन को फसाया और एक दिन उसके साथ सोया भी लेकिन उसकी चूत में उंगली के सिवाय कुछ भी न कर सका।
आज भी मैं उसको चोदने का मौका मिलने का छोड़के बहुत पछताता हूं । तब से लेके आज तक हर किसी को हवस की नजर से देखता हूँ। भाभियां, आंटी, मेरी चचेरी बहने और जवान कच्ची कलियां।
मुझे बड़ी गांड और भरे बदन की लड़की, भाभी, आँटी बहुत पसंद हैं।
खैर बात पिछले हफ्ते की है। मेरी एक चचेरी बहन घर पर आयी थी। उसका नाम अंकिता था। उसकी शादी पिछले साल ही हुई थी। अंकिता की उम्र 30 साल की है और बदन पतला छरहरा, छोटे दूध, पतली टाइट गांड की मालिक है। हुस्न की परी है। आंखे नशीली और उसकी अदाएं बस जानलेवा है। जीजाजी एक कंपनी में काम करते थे और अधिकतर घर से बाहर रहते हैं।
अंकिता शादी के 2 साल बाद मेरे जन्मदिन पर मेरे घर आई थी। हम सारे कजिन बाहर घूमने गए ,पार्टी की और रात में 9 बजे घर लौट आये। घर मे आने के बाद सबने कपड़े बदले और सोने के लिए तैयार होने लगे। मैंने भी टीशर्ट और एक शार्ट पहन लिया। अंकिता ने भी अपना सूट निकालकर एक नीला पायजामा और एक वाइट टीशर्ट पहन ली।
हम बातें और मस्ती कर ही रहे थे तो अंकिता अपना मोबाइल चार्ज पर लगाने के लिए पीछे मुड़ी। अचानक से मुझे उसकी गांड के छेद की जगह पर एक उभरी हुई सी चीज महसूस हुई। मुझे समझते देर न लगी कि जीजा ने या फिर उसने अपनी गांड पर बट-प्लग लगाया है।
मेरा लंड अचानक से उसकी गांड, छोटे दूध और चेहरे का हुस्न देखकर खड़ा हो गया। मैं उसको छेड़ने लगा और सताने लगा। वो हंसते हुए घर मे भागने लगी। मैंने उसको घर के बाहर आते हुए ही पकड़ लिया और गोद मे उठा लिया। वो हंसने लगी और मुझे नीचे उतारने के लिए कहने लगी।
अचानक से मैंने उसकी गांड पर हाथ फेरते हुए अपना हाथ उसकी गांड के छेद पर बट-प्लग के ऊपर रख दिया और उसे हिलाने लगा। मैंने बट-प्लग को उसके पायजामे के ऊपर से ही पकड़ लिया। अंकिता का बदन टाइट हो गया और आंखें बंद हो गयी। मैं उसे यूँ ही गोद मे उठाकर बाथरूम में ले गया। वहां मैंने दरवाजे पर कुंडी लगाकर उस से पूछा कि ये तेरी पीछे क्या लगा है। वो जवाब देने में सकपका गयी। मैंने ज्यादा देर न करते हुए अंकिता को नीचे रखा और उसके पायजामे को उसकी पैंटी सहित नीचे कर दिया। अंकिता जबतक मुझको रोकती तब तक देर हो चुकी थी।
अब वो भी गर्म हो चुकी थी। मैंने वो बट-प्लग उसकी गांड से निकाला। वो पक्क की आवाज के साथ बाहर आ गया। बट-प्लग गुलाबी रंग के मोती लगा हुआ एक स्टेनलेस स्टील का छोटा सा सेक्स टॉय था। मेरा लंड अब सलामी देने लगा था। मैंने झुककर देखा तो अंकिता की गांड का छेद बड़ा हो गया था। मेरा मन तो हुआ कि अपना लंड डालकर यहीं बाथरूम में अंकिता की गांड मार दूँ। मैं अंकिता को उठाके अपने रूम में ले गया और उसको बिस्तर में पटक दिया। वो बेड पर उल्टी थी और उसकी गांड मेरी तरफ थी। उसने पलटने की कोशिश की लेकिन मैंने उसके ऊपर आकर उसको बेड में दबा दिया। वो कसमसाने लगी और मुझसे कहने लगी कि मुझे छोड़ दे अमन ये तू क्या कर रहा है मैं तेरी बहन हूँ। मैंने उसके कान में कहा अगर तू मेरी बहन है तो मैं बहनचोद हूँ। मैं पीछे से उसके गले में और कान में हल्के से काटने और चाटने लगा। वो चुप हो गयी और थोड़ी देर बाद उसने विरोध करना बंद कर दिया। मैंने धीरे धीरे नीचे आया और उसका पायजामा और लाल रंग की पैंटी पूरी उतार दी। वो छटपटाने लगी। मैंने अपने दोनों हाथों से उसकी दोनों पैर पकड़ कर फैला दीया और उसकी गांड के छेद पर मुंह रख दिया । अंकिता सिसकारियां भरने लगी। मैंने उसकी दोनों टांगे उठाके उसको हवा में उठा दिया और उसकी टांगे अपने कंधे में रख दी। इस पोजीशन में उसका मुंह तकिये में था और हाथों से वो बेड की चादर भींच रही थी और लगातार उन्ह आह की आवाज़ें निकाल रही थी। उसकी अब चूत और गांड मेरे मुंह के सामने थी। मैंने उसकी गांड के अंदर अपनी जीभ चलानी शुरू कर दी। अचानक से अंकिता की चूत से पानी निकालने लगा। उसकी चूत से रिसता पानी देखकर मेरा जी ललचाने लगा और मैंने उसकी गांड से मुंह हटाकर उसकी चूत के छेद पर मुंह रख दिया । वो अचानक से तड़पने और चीखने लगी और मेरे बाल खींचकर मेरे सर को अपनी चूत पे दबाने लगी। मैंने दोनों हाथों से पकड़कर अंकिता की चूत के फांकों को फैलाया और जीभ से चूत के अंदर बाहर करने लगा। वो सिसकारियां भर रही थी। मैंने उसकी चूत के दाने को मुंह मे भर लिया और लगभग चबाने सा लगा और वो पागल सी हो गयी। उसकी चुत से निकलते खट्टे पानी को मैं पूरी तरह चाट रहा था। ऐसा करते हुए लगभग मुझको 17 मिनिट हो गए थे। अंकिता चीखने लगी और लगभग झड़ने के करीब थी। मेरे दिमाग मे अचानक से न जाने क्या आया और मैंने उसकी चूत में अपने दांत गड़ाकर एक अंतिम बार जोरो से दाँत काट दिया और उसके बाद मुंह हटा दिया। अंकिता ने मेरा सर पकड़ लिया और चूत पे दबाने लगी। मैंने कहाँ रुक जा बहन थोड़ा सब्र कर पूरी रात बाकी है। मैंने कंधे से उसकी टांगे नीचे रख दी और उसको पलटा दिया। उसकी आंखों से मेरी आँखें टकराई और वो मेरा अंकिता की चूत के कामरस से सना मुंह देखकर खिलखिलाने लगी। मैंने अपने ओंठ उसके ओंठों पर रख दिये। मैंने अपने जीभ उसके मुंह मे डाल दी और उसकी जीभ के साथ खेलने लगा। मैंने मुंह मे उसके कामरस का मिला जुला थूक इकट्ठा कर के उसके मुंह मे डाल दिया। वो अपने ही कामरस को पी गयी। मैंने पूछा कैसा लगा ?
अंकिता ने जवाब दिया भाई बस मजा आ रहा है
मैंने उसके कानों में कहा अब तेरी बारी। वो पूछने लगी किस बात की। अब मेरे अंदर का जानवर जागने लगा। मुझे वाइल्ड सेक्स बहुत पसंद है। मैं अब अपनी दोनों टांगे उसके ऊपर डालकर खड़ा उठा और कपडे निकालने लगा। अब मैं नंगा था और मेरा लंड लोहे की रोड की तरह सख्त था। मैंने अंकिता के बाल खींचकर उसे ऊपर उठाया और अपना लोहे की रॉड जैसा सख्त लंड उसके मुंह मे देने की कोशिश करने लगा। वो आनाकानी करने लगी। मैंने उसके दोनों गाल अपनी मुट्ठी में दबाकर उसका मुंह खोला और अपना लंड अंदर डाल दिया। वो अपने हाथों से मुझको पीछे धकेलने लगी। मैंने उसके हाथ पकड़कर पीछे कर दिए और अपना लंड अंदर बाहर करने लगा। लेकिन अंकिता बड़ी हरामी निकली और उसने मेरे लंड पर दांत काटना शुरू कर दिया। मेरी आंखों से आंसू निकल आये। मैंने भी गुस्से में उसके बाल खींचे और 2 चांटे खींच के उसके गाल पर मार दिये। वो रोने लगी। मैंने गुस्से में उसको गाली देनी शुरू कर दी। रंडी साली छिनाल, बहन की लोड़ी जीजा का तो खूब मुंह में लेती होगी यहां ड्रामे कर रही है। मैं फिर से अंदर बाहर करने लगा। मेरी आँखें बंद होने लगी और मुझे पता ही नहीं चला कब मैंने अंकिता के बालों से हाथ हटा लिए। अंकिता के मुंह से अब धप-धप की आवाजें आने लगी। मैं उसके मुंह मे जोर-जोर से धक्के लगाने लगा। अब अंकिता का विरोध भी कम होने लगा। अचानक अंकिता ने मुझे कहा "रुकजा कुत्ते" और मुझे रोककर मुझे पीछे किया और खांसने लगी। उसके मुंह से मेरे वीर्य की एक लार टपकने गई जो उसने अपनी उंगली से लपेटकर अपने मुंह के अंदर डाल दी।
मेरी आँखें अंकिता को देखकर फटी की फटी रह गयी। फिर उसने मेरा लंड अपने हाथों में ले लिया और आगे पीछे करने लगी। अब धीरे-धीरे अंकिता के अंदर की रंडी बाहर आ रही थी। मैं तो कहता हूँ हर लड़की और औरत के अंदर एक रंडी छुपी होती है बस बंदे में दम होना चाहिए उस रंडी को बाहर निकलने का।
अंकिता मेरे लंड की खाल पीछे करने लगी और लंड के मुंह पर जीभ फिराने लगी। मैं स्वर्ग में था। अब उसने मेरा लन्ड अपने मुंह के अंदर कर लिया और सलर्प सलर्प की आवाज के साथ मजे से चूसने लगी। मेरा तो लन्ड का बुरा हाल था। उसके मुंह की गर्मी से मेरा वीर्य धीरे धीरे निकलने लगा। उसके मुंह से मेरा वीर्य की मिली जुली लार टपक रही थी और उसकी सफेद टीशर्ट को गीला कर रही थी। मैंने झट से अंकिता की टीशर्ट को उतार के दीवार में फेंक दिया। उसने एक महरून रंग की पैडेड ब्रा पहन रखी थी। मेरा लण्ड चूसते हुए अंकिता बहुत ही सेक्सी लग रही थी या यूँ कहें कि एक पहुंची हुई कई लंड खाई हुई रांड लग रही थी। पता नहीं कहाँ से अंकिता को इतना अनुभव था। उसको लंड चूसते हुए 10मिनट हो गए थे लेकिन वो थक नहीं रही थी। मेरे लंड के बुरे हाल थे। मैंने अंकिता के हाथ अपने लंड से हटाए। उसका सर अच्छे से पकड़ा और उसके मुंह मे जोर-जोर से धक्के लगाने लगा। मेरा लंड उसके गले के अंदर टक्कर मार रहा था। अचानक मैंने उसका सर पकड़ा और अपने लंड के ऊपर दबा दिया। मेरा लंड उसके गले की नली में उतरकर फसने लगा। वो मेरी गांड पर थप्पड़ और नाखून से काटने लगी। उसको सांस लेने में तकलीफ होने लगी । अंकिता का गला चोक हो गया था। मैंने उसे ऐसे ही दबाये रखा और 40 सेकंड बाद घप से लंड उसके मुंह से बाहर निकाला। अंकिता तुरंत बेड से नीचे कूदी और जोर जोर से खांसने लगी। उसका पूरा मूंह लाल और थूक और वीर्य से गीला हो गया था। मैं बेड पर बैठकर उसे नंगी देखने लगा। अचानक मैंने उसकी पीठ से उसकी मरून ब्रा का हुक निकाल दिया। उसने अपने बूब्स पर हाथ लगा दिया और ब्रा गिरने से बच गयी। वो अचानक से उठी और मेरे गाल पर 2 चटाक से चांटे मार दिए और कहने लगी किसी लड़की के साथ ऐसा करके उसे मार डालेगा क्या?
मैंने उसको अपनी तरफ खींच लिया और आंखों में आंखें डालकर कहा तेरी जैसी रंडियों के साथ ऐसा ही करते हैं और उसके होंठ चूसने लगा। मैंने उसका हाथ हटा दिए ब्रा को निकाल के फेंक दिया। मैंने उसका एक पिंक निप्पल पकड़ कर अच्छे से मरोड़ दिया। उसकी चीख निकल गयी और आंखों से आंसूं छलक आये। मैंने उसकी आँखों से बहते आसूं चाट लिए और गाल पे एक किस देकर कहा मेरी प्यारी दीदी। वो कहने लगी तो कितना कमीना भाई है अपनी बहन का ही बुरा हाल कर दिया। मैंने कहा अभी कहाँ किया है अब आगे आगे देखती जा। वो चौंक गई
मैंने तुरंत उसकी गांड से उसको ऊपर उठाकर बेड पर पटक दिया और खुद उसके उपर आ गया । मैंने अंकिता से कहा तुझसे एक सवाल पूछुं ?
अंकिता ने हाँ में जवाब दिया।
मैंने बट-प्लग उसको दिखाते हुए कहा क्या जीजा जी तेरी गांड मारते हैं ?
वो शर्मा गयी और मुझे कहा चुप।
मैंने उसका एक निप्पल फिर से मरोड़ दिया और कहा बता न।
उसने कहा कि एक दिन तेरे जीजा ने अनाल सेक्स करने को कहा और डालने की कोशिश की तो मुझे बहुत दर्द हुआ। उन्होंने कहा कि अभी तेरा छेद छोटा है और ये प्लग डाल के रखने लगे।
अब अंकिता मुझसे खुल के बात करने लगी थी।
मैंने कहा तो जीजा ने तेरी गांड नहीं मारी है?
अंकिता ने कहा नहीं।
मैं खुश हो गया और पीछा चूत ?
वो बोली कि वो तो हमेशा मारते हैं।
मैंने जानबूझ के कहा क्या मारते हैं ?
उसने मेरे कान पकड़कर कहा "मेरी चूत मारते हैं"
मैं खुश ही गया और उसको एक किस दिया और बोला ये हुई न रंडियों वाली बात।
वो कहने लगी भाई कम से कम रंडी तो मत बोल।
मैंने कहा अरे बुरा मत मान सेक्स के दौरान गाली देने में मजा आता है।
मैंने कहा अंकिता फिर शरू करें ?
अंकिता ने कहा क्या मैंने कहा तुझे चोदने का प्रोग्राम।
उसने हम्म में जवाब दिया।
मैं बेड पर बैठ गया और अंकिता को उसकी टांगों से उठाकर उसके नीचे तकिया रख दिया। मैंने उसकी दोनों टांग फैलाई और अब उसका चूत का गुलाबी छेद और गांड का छेद साफ दिख रहा था। मैंने बहुत सारा मुँह में थूक लेकर उसकी चूत में थूक दिया।
अब मेरा लंड तैयार था अंकिता की सवारी के लिए। मैंने अंकिता की चूत पर अपना लंड फिराना शुर कर दिया। अंकिता सिसकारियां भरने लगी। मैंने उसकी टांगे फैला दी। उसकी चूत के रस से मैंने अपना रंग पूरा चिकना कर लिया।
मैंने अंकिता से कहा तैयार है मेरी रानी मेरे रॉकेट पर उड़ान भरने के लिए ?
अंकिता ने कहा हाँ डार्लिंग।
मैंने उसकी चूत के रस में एक बार फिर लंड उसकी चूत के दाने पर रगड़ा। वो तड़प उठी। मैं थोड़ा पीछे हटा और अपना लंड हाथ ले लिया। एक जोरदार धकक्का लगाने का मेरा इरादा मेरी बहन अंकिता रांड भांप गयी। उसने दोनों हाथों से बेड के कोने पकड़ लिए। मैंने एक भरपूर ताकत से उसकी गांड के छेद में धक्का लगा दिया और लंड सनसनाता हुआ उसकी गांड में आधा समा गया। वो उचक के सीधे सामने दीवार की और उपर उठ गई और उसका सर दीवार से जा टकराया। वो चीखने और रोने लगी।
अंकिता- भाई तूने ये क्या किया। मेरे साथ ऐसा क्यों कर रहा हैं।तू मुझे मार ही डालेगा आज। तू जानवर है। तुझे आगे डालना था। और बिलख-बिलख कर रोने लगी। ।
मेरा लंड आधा उसकी गांड में फंस गया। उसकी हिम्मत न और अंदर लेने की हुई न निकालने की।
मैंने उसे कंधे से दबाकर नीचे दबाया और अपने नीचे लेटा दिया। वो कहने लगी मुझे नहीं करना।
मैंने कहा पहली बार दर्द होता है।
उसने कहा तुझे आगे करने को बोल तो दिया था।
मैंने कहा क्या आगे और क्या करने को बोला था।
उसको गुस्सा आ गया और बोली तुझे मेरी चूत में अपना लंड डालना था न गांड में क्यों डाला।
मैंने कहा जीजा जी भी तो तेरी गांड लेने की फिराक में थे वो क्या मुझे लगता है कि तुझे जितने भी मर्द देखते हैं सब तेरी ये टाइट गांड लेना चाहते हैं।
उसने कहा तुम मर्द कुत्ते होते हो।
मैंने कहा और तू हमारी कुत्ती और तुझे हम सब चोदेंगे।
उसने कहा तेरे जीजा जी प्यार से करते है उन्होंने धीरे-धीरे मेरा छेद खोलने का प्रोग्राम बनाया था और फिर करते इसलिए वो बट-प्लग लगाते थे और तूने तो मेरा छेद ही फाड़ दिया अब तेरे जीजा इस छेद को देखेंगे तो मैं क्या जवाब दूंगी की कहाँ गांड मरवा कर आई हूं।
मैंने कहा अंकिता नही पता चलता ऐसे इतना मत सोच और मजे ले।
उसने कहा लंड बाहर निकाल और चूत में कर ना।
मैंने कहा नहीं चूत जीजा की गांड मेरी।
वो हसंने लगी और बोली ठीक है मेरी गांड के राजा लेकिन आराम से करो।
मैं खुश हो गया। मैंने लंड पे हल्का सा जोर लगाया और मेरा लंड अंकिता की गांड में थोड़ा और अंदर जा घुसा। अंकित चिहुंक उठी। अब मैंने एक अंतिम झटका लगाने का सोचा और अंकिता का मुंह अपने हाथों से दबा दिया। मैंने एक फाइनल धक्का लगाया और लंड पूरा गांड में समा गया। अंकिता की एक दबी सी चीख निकली और उसकी आँखों मे आंसूं आ गए। मैंने उसके होंठ चुम लिए और कहा मुबारक हो तेरी गांड मारी जा चुकी है। अब तूने मेरा पूरा लंड अपनी गांड में ले लिया है।
अंकिता ने अपना मोबाइल मुझे देकर कहा कि मेरी गांड में कितना गया है इसकी फ़ोटो खींच के दिखा। मैंने मोबाइल लेकर एक फोटो ली जिसमे मेरा लंड उसकी गांड में पूरा अंदर था और चूत से पानी रिस रहा था। मैंने अब धीरे-धीरे झटके लगाने शुरू किए और लंड अंदर बाहर करने लगा। मैंने अंकिता के मोबाइल ने वीडियो बनानी शुरू की। वीडियो में मैंने अंकिता की चुदाई दिखाते हुए अंकिता का नंगा बदन और खुद को भी दिखाया। ये देखिए ये है अंकिता मेरी रंडी और मैं इसका बहनचोद भाई जो इसकी आज गांड फाड़ रहा हूँ। मैंने उसका मोबाइल उसे दे दिया वो खुश हो गयी वीडियो और फोटोज देख कर। अब अंकिता आराम से गांड में लंड ले रही थी एक रंडी की तरह।
अगली कहानी बाद में।।।।।
यह मेरी पहली कहानी है तो मेरी गलतियों पर मुझको माफ कर देना।
मेरा नाम अमन है और मैं 28 साल का हूँ। बचपन से ही पढ़ने में होनहार छात्र था लेकिन अब तक कुछ हासिल नहीं कर पाया हूँ। अब मैं किसी ट्रेवल एजेंट के यहां काम करता हूँ।
हवस की भूख मुझे मेरे 18 साल के बाद ही शुरू हो गयी थी। लेकिन बस अपना लंड हिला कर ही काम चला रहा था। 10वीं कक्षा पार करते ही मैंने अपनी दोस्त की बहन को फसाया और एक दिन उसके साथ सोया भी लेकिन उसकी चूत में उंगली के सिवाय कुछ भी न कर सका।
आज भी मैं उसको चोदने का मौका मिलने का छोड़के बहुत पछताता हूं । तब से लेके आज तक हर किसी को हवस की नजर से देखता हूँ। भाभियां, आंटी, मेरी चचेरी बहने और जवान कच्ची कलियां।
मुझे बड़ी गांड और भरे बदन की लड़की, भाभी, आँटी बहुत पसंद हैं।
खैर बात पिछले हफ्ते की है। मेरी एक चचेरी बहन घर पर आयी थी। उसका नाम अंकिता था। उसकी शादी पिछले साल ही हुई थी। अंकिता की उम्र 30 साल की है और बदन पतला छरहरा, छोटे दूध, पतली टाइट गांड की मालिक है। हुस्न की परी है। आंखे नशीली और उसकी अदाएं बस जानलेवा है। जीजाजी एक कंपनी में काम करते थे और अधिकतर घर से बाहर रहते हैं।
अंकिता शादी के 2 साल बाद मेरे जन्मदिन पर मेरे घर आई थी। हम सारे कजिन बाहर घूमने गए ,पार्टी की और रात में 9 बजे घर लौट आये। घर मे आने के बाद सबने कपड़े बदले और सोने के लिए तैयार होने लगे। मैंने भी टीशर्ट और एक शार्ट पहन लिया। अंकिता ने भी अपना सूट निकालकर एक नीला पायजामा और एक वाइट टीशर्ट पहन ली।
हम बातें और मस्ती कर ही रहे थे तो अंकिता अपना मोबाइल चार्ज पर लगाने के लिए पीछे मुड़ी। अचानक से मुझे उसकी गांड के छेद की जगह पर एक उभरी हुई सी चीज महसूस हुई। मुझे समझते देर न लगी कि जीजा ने या फिर उसने अपनी गांड पर बट-प्लग लगाया है।
मेरा लंड अचानक से उसकी गांड, छोटे दूध और चेहरे का हुस्न देखकर खड़ा हो गया। मैं उसको छेड़ने लगा और सताने लगा। वो हंसते हुए घर मे भागने लगी। मैंने उसको घर के बाहर आते हुए ही पकड़ लिया और गोद मे उठा लिया। वो हंसने लगी और मुझे नीचे उतारने के लिए कहने लगी।
अचानक से मैंने उसकी गांड पर हाथ फेरते हुए अपना हाथ उसकी गांड के छेद पर बट-प्लग के ऊपर रख दिया और उसे हिलाने लगा। मैंने बट-प्लग को उसके पायजामे के ऊपर से ही पकड़ लिया। अंकिता का बदन टाइट हो गया और आंखें बंद हो गयी। मैं उसे यूँ ही गोद मे उठाकर बाथरूम में ले गया। वहां मैंने दरवाजे पर कुंडी लगाकर उस से पूछा कि ये तेरी पीछे क्या लगा है। वो जवाब देने में सकपका गयी। मैंने ज्यादा देर न करते हुए अंकिता को नीचे रखा और उसके पायजामे को उसकी पैंटी सहित नीचे कर दिया। अंकिता जबतक मुझको रोकती तब तक देर हो चुकी थी।
अब वो भी गर्म हो चुकी थी। मैंने वो बट-प्लग उसकी गांड से निकाला। वो पक्क की आवाज के साथ बाहर आ गया। बट-प्लग गुलाबी रंग के मोती लगा हुआ एक स्टेनलेस स्टील का छोटा सा सेक्स टॉय था। मेरा लंड अब सलामी देने लगा था। मैंने झुककर देखा तो अंकिता की गांड का छेद बड़ा हो गया था। मेरा मन तो हुआ कि अपना लंड डालकर यहीं बाथरूम में अंकिता की गांड मार दूँ। मैं अंकिता को उठाके अपने रूम में ले गया और उसको बिस्तर में पटक दिया। वो बेड पर उल्टी थी और उसकी गांड मेरी तरफ थी। उसने पलटने की कोशिश की लेकिन मैंने उसके ऊपर आकर उसको बेड में दबा दिया। वो कसमसाने लगी और मुझसे कहने लगी कि मुझे छोड़ दे अमन ये तू क्या कर रहा है मैं तेरी बहन हूँ। मैंने उसके कान में कहा अगर तू मेरी बहन है तो मैं बहनचोद हूँ। मैं पीछे से उसके गले में और कान में हल्के से काटने और चाटने लगा। वो चुप हो गयी और थोड़ी देर बाद उसने विरोध करना बंद कर दिया। मैंने धीरे धीरे नीचे आया और उसका पायजामा और लाल रंग की पैंटी पूरी उतार दी। वो छटपटाने लगी। मैंने अपने दोनों हाथों से उसकी दोनों पैर पकड़ कर फैला दीया और उसकी गांड के छेद पर मुंह रख दिया । अंकिता सिसकारियां भरने लगी। मैंने उसकी दोनों टांगे उठाके उसको हवा में उठा दिया और उसकी टांगे अपने कंधे में रख दी। इस पोजीशन में उसका मुंह तकिये में था और हाथों से वो बेड की चादर भींच रही थी और लगातार उन्ह आह की आवाज़ें निकाल रही थी। उसकी अब चूत और गांड मेरे मुंह के सामने थी। मैंने उसकी गांड के अंदर अपनी जीभ चलानी शुरू कर दी। अचानक से अंकिता की चूत से पानी निकालने लगा। उसकी चूत से रिसता पानी देखकर मेरा जी ललचाने लगा और मैंने उसकी गांड से मुंह हटाकर उसकी चूत के छेद पर मुंह रख दिया । वो अचानक से तड़पने और चीखने लगी और मेरे बाल खींचकर मेरे सर को अपनी चूत पे दबाने लगी। मैंने दोनों हाथों से पकड़कर अंकिता की चूत के फांकों को फैलाया और जीभ से चूत के अंदर बाहर करने लगा। वो सिसकारियां भर रही थी। मैंने उसकी चूत के दाने को मुंह मे भर लिया और लगभग चबाने सा लगा और वो पागल सी हो गयी। उसकी चुत से निकलते खट्टे पानी को मैं पूरी तरह चाट रहा था। ऐसा करते हुए लगभग मुझको 17 मिनिट हो गए थे। अंकिता चीखने लगी और लगभग झड़ने के करीब थी। मेरे दिमाग मे अचानक से न जाने क्या आया और मैंने उसकी चूत में अपने दांत गड़ाकर एक अंतिम बार जोरो से दाँत काट दिया और उसके बाद मुंह हटा दिया। अंकिता ने मेरा सर पकड़ लिया और चूत पे दबाने लगी। मैंने कहाँ रुक जा बहन थोड़ा सब्र कर पूरी रात बाकी है। मैंने कंधे से उसकी टांगे नीचे रख दी और उसको पलटा दिया। उसकी आंखों से मेरी आँखें टकराई और वो मेरा अंकिता की चूत के कामरस से सना मुंह देखकर खिलखिलाने लगी। मैंने अपने ओंठ उसके ओंठों पर रख दिये। मैंने अपने जीभ उसके मुंह मे डाल दी और उसकी जीभ के साथ खेलने लगा। मैंने मुंह मे उसके कामरस का मिला जुला थूक इकट्ठा कर के उसके मुंह मे डाल दिया। वो अपने ही कामरस को पी गयी। मैंने पूछा कैसा लगा ?
अंकिता ने जवाब दिया भाई बस मजा आ रहा है
मैंने उसके कानों में कहा अब तेरी बारी। वो पूछने लगी किस बात की। अब मेरे अंदर का जानवर जागने लगा। मुझे वाइल्ड सेक्स बहुत पसंद है। मैं अब अपनी दोनों टांगे उसके ऊपर डालकर खड़ा उठा और कपडे निकालने लगा। अब मैं नंगा था और मेरा लंड लोहे की रोड की तरह सख्त था। मैंने अंकिता के बाल खींचकर उसे ऊपर उठाया और अपना लोहे की रॉड जैसा सख्त लंड उसके मुंह मे देने की कोशिश करने लगा। वो आनाकानी करने लगी। मैंने उसके दोनों गाल अपनी मुट्ठी में दबाकर उसका मुंह खोला और अपना लंड अंदर डाल दिया। वो अपने हाथों से मुझको पीछे धकेलने लगी। मैंने उसके हाथ पकड़कर पीछे कर दिए और अपना लंड अंदर बाहर करने लगा। लेकिन अंकिता बड़ी हरामी निकली और उसने मेरे लंड पर दांत काटना शुरू कर दिया। मेरी आंखों से आंसू निकल आये। मैंने भी गुस्से में उसके बाल खींचे और 2 चांटे खींच के उसके गाल पर मार दिये। वो रोने लगी। मैंने गुस्से में उसको गाली देनी शुरू कर दी। रंडी साली छिनाल, बहन की लोड़ी जीजा का तो खूब मुंह में लेती होगी यहां ड्रामे कर रही है। मैं फिर से अंदर बाहर करने लगा। मेरी आँखें बंद होने लगी और मुझे पता ही नहीं चला कब मैंने अंकिता के बालों से हाथ हटा लिए। अंकिता के मुंह से अब धप-धप की आवाजें आने लगी। मैं उसके मुंह मे जोर-जोर से धक्के लगाने लगा। अब अंकिता का विरोध भी कम होने लगा। अचानक अंकिता ने मुझे कहा "रुकजा कुत्ते" और मुझे रोककर मुझे पीछे किया और खांसने लगी। उसके मुंह से मेरे वीर्य की एक लार टपकने गई जो उसने अपनी उंगली से लपेटकर अपने मुंह के अंदर डाल दी।
मेरी आँखें अंकिता को देखकर फटी की फटी रह गयी। फिर उसने मेरा लंड अपने हाथों में ले लिया और आगे पीछे करने लगी। अब धीरे-धीरे अंकिता के अंदर की रंडी बाहर आ रही थी। मैं तो कहता हूँ हर लड़की और औरत के अंदर एक रंडी छुपी होती है बस बंदे में दम होना चाहिए उस रंडी को बाहर निकलने का।
अंकिता मेरे लंड की खाल पीछे करने लगी और लंड के मुंह पर जीभ फिराने लगी। मैं स्वर्ग में था। अब उसने मेरा लन्ड अपने मुंह के अंदर कर लिया और सलर्प सलर्प की आवाज के साथ मजे से चूसने लगी। मेरा तो लन्ड का बुरा हाल था। उसके मुंह की गर्मी से मेरा वीर्य धीरे धीरे निकलने लगा। उसके मुंह से मेरा वीर्य की मिली जुली लार टपक रही थी और उसकी सफेद टीशर्ट को गीला कर रही थी। मैंने झट से अंकिता की टीशर्ट को उतार के दीवार में फेंक दिया। उसने एक महरून रंग की पैडेड ब्रा पहन रखी थी। मेरा लण्ड चूसते हुए अंकिता बहुत ही सेक्सी लग रही थी या यूँ कहें कि एक पहुंची हुई कई लंड खाई हुई रांड लग रही थी। पता नहीं कहाँ से अंकिता को इतना अनुभव था। उसको लंड चूसते हुए 10मिनट हो गए थे लेकिन वो थक नहीं रही थी। मेरे लंड के बुरे हाल थे। मैंने अंकिता के हाथ अपने लंड से हटाए। उसका सर अच्छे से पकड़ा और उसके मुंह मे जोर-जोर से धक्के लगाने लगा। मेरा लंड उसके गले के अंदर टक्कर मार रहा था। अचानक मैंने उसका सर पकड़ा और अपने लंड के ऊपर दबा दिया। मेरा लंड उसके गले की नली में उतरकर फसने लगा। वो मेरी गांड पर थप्पड़ और नाखून से काटने लगी। उसको सांस लेने में तकलीफ होने लगी । अंकिता का गला चोक हो गया था। मैंने उसे ऐसे ही दबाये रखा और 40 सेकंड बाद घप से लंड उसके मुंह से बाहर निकाला। अंकिता तुरंत बेड से नीचे कूदी और जोर जोर से खांसने लगी। उसका पूरा मूंह लाल और थूक और वीर्य से गीला हो गया था। मैं बेड पर बैठकर उसे नंगी देखने लगा। अचानक मैंने उसकी पीठ से उसकी मरून ब्रा का हुक निकाल दिया। उसने अपने बूब्स पर हाथ लगा दिया और ब्रा गिरने से बच गयी। वो अचानक से उठी और मेरे गाल पर 2 चटाक से चांटे मार दिए और कहने लगी किसी लड़की के साथ ऐसा करके उसे मार डालेगा क्या?
मैंने उसको अपनी तरफ खींच लिया और आंखों में आंखें डालकर कहा तेरी जैसी रंडियों के साथ ऐसा ही करते हैं और उसके होंठ चूसने लगा। मैंने उसका हाथ हटा दिए ब्रा को निकाल के फेंक दिया। मैंने उसका एक पिंक निप्पल पकड़ कर अच्छे से मरोड़ दिया। उसकी चीख निकल गयी और आंखों से आंसूं छलक आये। मैंने उसकी आँखों से बहते आसूं चाट लिए और गाल पे एक किस देकर कहा मेरी प्यारी दीदी। वो कहने लगी तो कितना कमीना भाई है अपनी बहन का ही बुरा हाल कर दिया। मैंने कहा अभी कहाँ किया है अब आगे आगे देखती जा। वो चौंक गई
मैंने तुरंत उसकी गांड से उसको ऊपर उठाकर बेड पर पटक दिया और खुद उसके उपर आ गया । मैंने अंकिता से कहा तुझसे एक सवाल पूछुं ?
अंकिता ने हाँ में जवाब दिया।
मैंने बट-प्लग उसको दिखाते हुए कहा क्या जीजा जी तेरी गांड मारते हैं ?
वो शर्मा गयी और मुझे कहा चुप।
मैंने उसका एक निप्पल फिर से मरोड़ दिया और कहा बता न।
उसने कहा कि एक दिन तेरे जीजा ने अनाल सेक्स करने को कहा और डालने की कोशिश की तो मुझे बहुत दर्द हुआ। उन्होंने कहा कि अभी तेरा छेद छोटा है और ये प्लग डाल के रखने लगे।
अब अंकिता मुझसे खुल के बात करने लगी थी।
मैंने कहा तो जीजा ने तेरी गांड नहीं मारी है?
अंकिता ने कहा नहीं।
मैं खुश हो गया और पीछा चूत ?
वो बोली कि वो तो हमेशा मारते हैं।
मैंने जानबूझ के कहा क्या मारते हैं ?
उसने मेरे कान पकड़कर कहा "मेरी चूत मारते हैं"
मैं खुश ही गया और उसको एक किस दिया और बोला ये हुई न रंडियों वाली बात।
वो कहने लगी भाई कम से कम रंडी तो मत बोल।
मैंने कहा अरे बुरा मत मान सेक्स के दौरान गाली देने में मजा आता है।
मैंने कहा अंकिता फिर शरू करें ?
अंकिता ने कहा क्या मैंने कहा तुझे चोदने का प्रोग्राम।
उसने हम्म में जवाब दिया।
मैं बेड पर बैठ गया और अंकिता को उसकी टांगों से उठाकर उसके नीचे तकिया रख दिया। मैंने उसकी दोनों टांग फैलाई और अब उसका चूत का गुलाबी छेद और गांड का छेद साफ दिख रहा था। मैंने बहुत सारा मुँह में थूक लेकर उसकी चूत में थूक दिया।
अब मेरा लंड तैयार था अंकिता की सवारी के लिए। मैंने अंकिता की चूत पर अपना लंड फिराना शुर कर दिया। अंकिता सिसकारियां भरने लगी। मैंने उसकी टांगे फैला दी। उसकी चूत के रस से मैंने अपना रंग पूरा चिकना कर लिया।
मैंने अंकिता से कहा तैयार है मेरी रानी मेरे रॉकेट पर उड़ान भरने के लिए ?
अंकिता ने कहा हाँ डार्लिंग।
मैंने उसकी चूत के रस में एक बार फिर लंड उसकी चूत के दाने पर रगड़ा। वो तड़प उठी। मैं थोड़ा पीछे हटा और अपना लंड हाथ ले लिया। एक जोरदार धकक्का लगाने का मेरा इरादा मेरी बहन अंकिता रांड भांप गयी। उसने दोनों हाथों से बेड के कोने पकड़ लिए। मैंने एक भरपूर ताकत से उसकी गांड के छेद में धक्का लगा दिया और लंड सनसनाता हुआ उसकी गांड में आधा समा गया। वो उचक के सीधे सामने दीवार की और उपर उठ गई और उसका सर दीवार से जा टकराया। वो चीखने और रोने लगी।
अंकिता- भाई तूने ये क्या किया। मेरे साथ ऐसा क्यों कर रहा हैं।तू मुझे मार ही डालेगा आज। तू जानवर है। तुझे आगे डालना था। और बिलख-बिलख कर रोने लगी। ।
मेरा लंड आधा उसकी गांड में फंस गया। उसकी हिम्मत न और अंदर लेने की हुई न निकालने की।
मैंने उसे कंधे से दबाकर नीचे दबाया और अपने नीचे लेटा दिया। वो कहने लगी मुझे नहीं करना।
मैंने कहा पहली बार दर्द होता है।
उसने कहा तुझे आगे करने को बोल तो दिया था।
मैंने कहा क्या आगे और क्या करने को बोला था।
उसको गुस्सा आ गया और बोली तुझे मेरी चूत में अपना लंड डालना था न गांड में क्यों डाला।
मैंने कहा जीजा जी भी तो तेरी गांड लेने की फिराक में थे वो क्या मुझे लगता है कि तुझे जितने भी मर्द देखते हैं सब तेरी ये टाइट गांड लेना चाहते हैं।
उसने कहा तुम मर्द कुत्ते होते हो।
मैंने कहा और तू हमारी कुत्ती और तुझे हम सब चोदेंगे।
उसने कहा तेरे जीजा जी प्यार से करते है उन्होंने धीरे-धीरे मेरा छेद खोलने का प्रोग्राम बनाया था और फिर करते इसलिए वो बट-प्लग लगाते थे और तूने तो मेरा छेद ही फाड़ दिया अब तेरे जीजा इस छेद को देखेंगे तो मैं क्या जवाब दूंगी की कहाँ गांड मरवा कर आई हूं।
मैंने कहा अंकिता नही पता चलता ऐसे इतना मत सोच और मजे ले।
उसने कहा लंड बाहर निकाल और चूत में कर ना।
मैंने कहा नहीं चूत जीजा की गांड मेरी।
वो हसंने लगी और बोली ठीक है मेरी गांड के राजा लेकिन आराम से करो।
मैं खुश हो गया। मैंने लंड पे हल्का सा जोर लगाया और मेरा लंड अंकिता की गांड में थोड़ा और अंदर जा घुसा। अंकित चिहुंक उठी। अब मैंने एक अंतिम झटका लगाने का सोचा और अंकिता का मुंह अपने हाथों से दबा दिया। मैंने एक फाइनल धक्का लगाया और लंड पूरा गांड में समा गया। अंकिता की एक दबी सी चीख निकली और उसकी आँखों मे आंसूं आ गए। मैंने उसके होंठ चुम लिए और कहा मुबारक हो तेरी गांड मारी जा चुकी है। अब तूने मेरा पूरा लंड अपनी गांड में ले लिया है।
अंकिता ने अपना मोबाइल मुझे देकर कहा कि मेरी गांड में कितना गया है इसकी फ़ोटो खींच के दिखा। मैंने मोबाइल लेकर एक फोटो ली जिसमे मेरा लंड उसकी गांड में पूरा अंदर था और चूत से पानी रिस रहा था। मैंने अब धीरे-धीरे झटके लगाने शुरू किए और लंड अंदर बाहर करने लगा। मैंने अंकिता के मोबाइल ने वीडियो बनानी शुरू की। वीडियो में मैंने अंकिता की चुदाई दिखाते हुए अंकिता का नंगा बदन और खुद को भी दिखाया। ये देखिए ये है अंकिता मेरी रंडी और मैं इसका बहनचोद भाई जो इसकी आज गांड फाड़ रहा हूँ। मैंने उसका मोबाइल उसे दे दिया वो खुश हो गयी वीडियो और फोटोज देख कर। अब अंकिता आराम से गांड में लंड ले रही थी एक रंडी की तरह।
अगली कहानी बाद में।।।।।