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Incest अंगुरी के इस्क में बुढ़ऊ हुवे मस्त ्््््

Anguri

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दोस्तों,
ये स्टोरी का मुख्य नायका है एक ऐसी शादीशुदा औरत, जो देखने में इतनी खूबसूरत है कि जो देखे बस देखता ही रह जाए। कोमल त्वचा वाली, और एकदम भरा-पूरा जिस्म – जीती-जागती सेक्सी माल है हमारी हुस्न की मालकिन अंगुरी:daru::drunk: गुप्ता। उम्र 32 साल। पति का नाम श्याम सुंदर सिंह, 36 साल का। घर में सास है और ससुर भी, जो एक नंबर का ठरकी बुढ़ा है – नाम मीका सिंह।
 

Anguri

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यह एक rewritable story है।

अंगुरी का ठरकी ससुर मीका सिंह...स्टोरी में और लोअर क्लास कैरेक्टर भी है, जो गरीब है, स्लम में रहते है।

इन सबके साथ अंगुरी जी का कुछ न कुछ होने वाला है। अब देखना ये कि किसकी किस्मत खुलने वाली है... किसका लंड का टोपा अंगुरी जी की गुलाबी चूत को छूने वाला है...:locked:


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पढ़ते जाओ,
सब पता चल जाएगा...:bounce:

अंगुरी जी बहुत संस्कारी थीं – पूजा-पाठ में ध्यान देने वाली, सती-सावित्री टाइप औरत। लेकिन
innocent, सीधी-सादी नेचर की। जैसा रूप था, वैसा ही गदराया हुआ बदन – बुढ़ों का भी खड़ा हो जाए....देखकर। साड़ी में तो बस कयामत लगती थीं।:booby2:


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और उनका ठरकी ससुर मीका सिंह... शादी तय होने के समय मीका सिंह विदेश में बिजनेस के सिलसिले में थे, शादी में आ नहीं पाए। सिर्फ फोटो में देखा था अंगुरी को। मीका का इकलौता बेटा था श्याम सिंह।

दोस्तों, मीका सिंह फोटो में अंगुरी को देखते ही दीवाने हो गए। असल में अमीर होने के नाते वो ढेर सारा पैसा रंडियों पर उड़ाते थे। हर साल कई बार होटल-मोटल लेकर रंडियां पटकते और चोदते। उम्र ढलने पर भी मीका का लौड़ा बहुत मोटा-तगड़ा था। सास बीना रानी अब काफी बूढ़ी हो चुकी थीं, उनमें कोई इंटरेस्ट नहीं था मीका का। लेकिन मीका का ये ठरकीपना घर में किसी को नहीं पता था।
हरामी टाइप का ससुर – कोई खूबसूरत लड़की या औरत देखता तो कम से कम एक बार गौर से घूरता और कल्पना में डूब जाता और सोचता की अपनी रूम में उसे चोद रहा है।


लैपटॉप पर श्याम की मम्मी जब फोटो सेंड करती हैं, तो मीका अंगुरी की तस्वीर देखकर खुद ही हैरान हो जाते हैं। आंखें बड़ी करके बस देखते रह जाते हैं।


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मीका (मन में): अरे वाह... ये मेरी बहू है? आह्ह्ह... क्या खूबसूरती है... नहीं-नहीं, ये मैं क्या सोचने लगा... ये तो मेरे बेटे की बीवी होने वाली है, मुझे ऐसा नहीं सोचना चाहिए। लेकिन फिर भी मीका देखते ही रह जाते। मन में कहते – अगर फोटो में इतनी खूबसूरत है तो रियल में कैसी होगी... हाय रे, मार डाला... इतनी हसीन लड़की मैंने आज तक नहीं देखी...😍

फोन पर बीना रानी: हेलो, सुनते हो... तुमने फोटो देख ली? कैसी लगी? श्याम के लिए चलेगी कि नहीं?

मीका: हां देखी... श्याम क्या बोलता है, उसे पसंद आई?

बीना: उसने कहा पापा जो कहेंगे वही करूंगा।

मीका: उसे छोड़ो, मुझे तो यही चाहिए।:booby2:

बीना: मतलब?:dquestion:

मीका: मेरा मतलब है श्याम को कहो राजी हो जाए, ऐसी लड़की मिलना मुश्किल है। मुझे लगता है वो बहुत संस्कारी औरत होगी। तुम लोग शादी की तारीख जल्दी फिक्स करो।

ये कहकर मीका फिर अंगुरी की फोटो निहारने लगते, नजर उनके बूब्स पर भी चली जाती...:booby2:



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फिर श्याम और अंगुरी की शादी दो-तीन दिन बाद हो जाती। अंगुरी और उनका परिवार खुश थे, लेकिन मीका की गैरमौजूदगी से सबका मन थोड़ा खराब था।

आखिर वो दिन आया – मीका सिंह घर लौटे, पहली बार अंगुरी का दीदार करने वाले थे। उस दिन अंगुरी बहुत सज-धजकर चाय लेकर ससुर के पास जाती हैं। मीका जैसे ही पहुंचे, इधर-उधर अंगुरी को ही ढूंढ रहे थे।:allclear:

बीना: कैसे हो तुम?

मीका: मैं ठीक, तुम लोग कैसे?

बीना: कितने दिनों बाद मिले हो।

मीका: अरे मेरे बेटे, आओ-आओ श्याम...

श्याम: नमस्ते पापा, कैसे हो? आने में तकलीफ तो नहीं हुई?

मीका: नहीं बेटा, ठीक हूं।

मीका ने बीना से थोड़ी ही बात की। बीना को थोड़ा बुरा भी लगा।

मीका: बेटा, हमारी प्यारी बहू कहां है?

श्याम: पापा, वो आती ही होगी, शावर ले रही है।

मीका (मन में): आह्ह... आज तो अच्छे से नहा लो मेरी जान... कल तो मैं तुम्हें नहला दूंगा...🤗

जब अंगुरी ऊपर से नीचे उतरकर मीका के पीछे खड़ी हुईं, मीका मुड़कर देखते हैं तो साड़ी में अंगुरी को पाकर खुश हो जाते और अच्छे से पेश आते हैं।

ऐसे ही दो साल बीत गए। श्याम और अंगुरी की शादी को दो साल हुए, लेकिन एक भी औलाद नहीं हुई। असल में श्याम सेक्सुअली कमजोर था। अंगुरी की चाहत पूरी किए बिना ही सो जाता। न औलाद हुई, न जिस्म की भूख मिटी। दिन-ब-दिन अंगुरी का जीवन दुखी होता गया, चेहरे पर मायूसी छा गई। फिर भी अंगुरी चुप रहीं, किसी से कुछ नहीं कहा।

एक दिन सास बीना रानी कहती हैं: अरे बहू, पिछले महीने मेरी सहेली ने जो साड़ी-पेटीकोट सेट दिया था, वो तुमने एक बार भी नहीं पहना। क्यों, पसंद नहीं आया?

अंगुरी: ओ मां जी, वो तो मैंने एक बार पहना था।

बीना: कब पहना? मैंने तो नहीं देखा।

अंगुरी: ठीक है मां जी, आज पहन लूंगी, लेकिन दोपहर के बाद चेंज कर लूंगी।

बीना: क्यों दोपहर बाद चेंज करोगी?

अंगुरी: कुछ नहीं... ऐसे ही। (मुस्कुराकर)

दरअसल वो साड़ी की ब्लाऊज टाइट थी, पेटीकोट भी। अंगुरी ने ट्राय किया था, रूम मिरर में देखा – साड़ी नाभि के ऊपर नहीं बंधती इतनी टाइट। और पेटीकोट साड़ी से जुड़ा हुआ था, बिना उसके नहीं पहन सकती। अंगुरी जानती थीं कि दोपहर बाद शाम को ससुर मीका सिंह घर आएंगे। इन दो सालों में अंगुरी मीका की नेचर समझ चुकी थीं – चोरी-चुपके उनकी नजर अंगुरी के बदन पर जाती रहती। आंखों में हवस थी, लाल-बड़ी आंखें भयानक लगतीं। मीका भूखे ठरकी बुढ़े की तरह पास कोई न हो तो गौर से घूरता। अंगुरी ने कई बार नोटिस किया, लेकिन कुछ नहीं कहा, सिर्फ असहज फील करतीं।

उस दिन दोपहर
2 बजे अंगुरी ने वो ट्रांसपेरेंट साड़ी टाइट पेटीकोट के साथ पहन ली। सास बीना देखकर बोलीं: बहू बहू, तुम तो बहुत सुंदर लग रही हो।

अंगुरी: थैंक्स मम्मी जी, लेकिन ये थोड़ा टाइट है।

बीना: ठीक है, तू कुछ देर बाद चेंज कर लेना।

अंगुरी छोटे-मोटे कामों में बिजी हो गईं। घड़ी में
3 बज चुके थे। अचानक डोरबेल बजी – क्रिंग क्रिंग। सास सोफे पर टीवी देखते-देखते सो गई थीं, तो अंगुरी खुद ऊपर से नीचे गेट खोलने गईं। समय नौकरानी का था, लेकिन दरवाजा खोलते ही जो शख्स खड़ा था – वो उनका ठरकी ससुर मीका था। मीका को तबीयत ठीक नहीं लग रही थी, सोचा घर जाकर आराम कर लें, इसलिए दोपहर खत्म होने से पहले आ गए। और आते ही उनकी किस्मत खुल गई – अंगुरी को देखकर।


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ट्रांसपेरेंट साड़ी में पहली बार मीका ने अंगुरी का गोरा पेट साफ-साफ देख लिया, और नजर उनकी गहरी नाभि में अटक गई।

अंगुरी भी चौंक गईं ससुर को इस समय देखकर – सोचा था नौकरानी कमला आई होगी। जल्दी से साड़ी संभाली, लेकिन मीका अंगुरी को ऐसे रूप में देखकर कहीं खो गए...

अंगुरी के गोरे पेट को मेमोरी में सेव करके कमरे में जाकर मीका सोचने लगे: आह्ह... क्या माल है यार... मेरी बहू... आह्ह... सायद एक बार मिल जाती तो बात बन जाती... लेकिन क्या करूं, बेटे का दिल नहीं तोड़ना चाहता, इसलिए खुद को कंट्रोल में रखा। सच में बहुत हॉट है... ऐसी लड़की मैंने जिंदगी में नहीं चोदी। जैसा रूप, वैसा सेक्सी फिगर... और हां, एक बार अगर नाभि को चूम लेता तो मजा आ जाता। क्या नाभि थी यार... कितनी गहरी... सो सेक्सी...

ऐसे सोचकर बाथरूम में जाकर खड़े-खड़े लंड को काबू में लाते मीका सिंह।

ऐसे ही कुछ दिन और बीत गए। अब कोरोना की महामारी चल रही थी, सब कुछ लॉकडाउन में बंद होने लगा।
कई दिन बीतने के बाद सास बीना अंगुरी से कहती हैं: बहू, एक काम करो। मैं तो बुजुर्ग हूं, बाहर जाना ठीक नहीं। अगर तुम मेरे ये कमीज़ के कपड़े नाप लेकर टेलर से ले आओ तो अच्छा होगा।

अंगुरी: लेकिन मां जी, अब क्यों? बाद में तो ले सकते हैं ना... अब तो सब दुकानें बंद हैं, टेलर भी लॉकडाउन में घर बैठे हैं।

बीना: नहीं बेटी, तुम्हें आज ही जाना होगा। यहां तीन सेट ड्रेस हैं, मैं ये अपनी भतीजी के ससुराल पहुंचाना चाहती हूं – वो दो दिन बाद कनाडा चली जाएगी। उसकी मां को गिफ्ट दूंगी। और मैं जानती हूं, तेरे साइज से मेरा साइज बिल्कुल मिलता है। तू एक काम कर, श्याम को साथ ले जा।

अंगुरी: लेकिन श्याम तो बाहर से नहीं आया।

बीना: ओह... ठीक है बहू, तू अकेली ही चली जा। कहां जाना है – सब दुकानें बंद हैं, लेकिन एक टेलर की दुकान खुली रहती है, बस्ती में। ये एड्रेस लिखा है, इसी के अनुसार जाना। और हां, रिक्शा से जाना। और एक साड़ी पहन लेना। ये थ्री पीस अब उतार दो, चेंज करके साड़ी पहन लो।
पिछली बार मैं भी साड़ी के बिना गई थी, उस टेलर ने कहा था कि साड़ी पहनकर आओ तो अच्छे से नाप ले पाता हूं।

अंगुरी: वैसे उस टेलर का नाम क्या है?

बीना: जगनलाल, लोग जग्गू टेलर कहते हैं।

अंगुरी: क्या वो बहुत बूढ़े हैं?

बीना: हां बेटी, तेरे पापा की उम्र के ही। सुनो बेटी, उनका काम बहुत अच्छा है। एक-दो बार मैंने करवाया, अच्छी फिटिंग करते हैं। वो बहुत टाइम लेकर नाप लेते हैं। तुम उनके साथ बहस मत करना, जो बोलेगा उसी अनुसार करना और सब्र रखना।

अंगुरी: ठीक है।

अंगुरी ने एक सिल्क साड़ी पहन ली। आज वो बहुत खूबसूरत लग रही थीं – बला से ज्यादा सुंदर।



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अंगुरी जब बस्ती में पहुंचीं तो वहां का माहौल बुरा लगा।:nervous: एक-दो लोगों से रिक्शावाले को पूछा जग्गू टेलर की दुकान कहां है, तो बताया। कुछ देर बाद एक पुरानी सी दुकान नजर आई, जहां एक दुकानदार सिलाई कर रहा था।

जग्गू टेलर के फोन की घंटी बजी। एक औरत बोली:

औरत: जग्गू जी, मेरी बहू आज आपसे मिलने आएगी। मैं नहीं आ पाऊंगी। मेरी बहू का नाप ले लीजिए, मेरा साइज से बिल्कुल मिलता है। तीन सेट कमीज़ बनवाने हैं। ठीक है?

जग्गू: ओ मैडम, आप हैं बीना रानी? नमस्ते। ठीक है मेमसाब, अपनी बहू को भेज दीजिए। मैं जल्दी से दो दिन में तीन सेट तैयार कर दूंगा।

जब अंगुरी जग्गू के पास पहुंचीं, तो जग्गू उन्हें देखकर मन ही मन खुशी से उछल पड़ा।:yikes:
 
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