Riitesh02
Creepy Reader
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Nice updateरूबी लेट सोने के कारण देर तक सोती रही और यही हाल साहिल का भी हुआ। सबकी मुलाकात नाश्ते की टेबल पर हुई और रूबी और साहिल दोनो ही एक दूसरे से नजरे मिलाने से कतरा रहे थे। रूबी जानती थी कि साहिल ने उसे रात चुदाई लोक में नहाते हुए देख लिया हैं इसलिए उसका शर्म के मारे बुरा हाल था जबकि साहिल बीच बीच में अपनी नजरे उठा उठा कर रूबी की तरफ देख रहा था और सोच रहा था कि क्या ये मासूम सी दिखने वाली मेरी मा वहीं औरत जो रात पूरी तरह से मदहोश होकर अपना जलवा बिखेर रही थी। शांता बेचारी आज बार बार अंदर से पराठे ला रही थी और बुरी तरह से पसीने में भीग चुकी थी लेकिन आज ना तो साहिल और ना ही रूबी का ध्यान उसकी हालत पर गया। वो बेचारे तो अपनी अपनी खुद की हालत से परेशान थे फिर उन्हें शांता का होश कहां रहता।
इस बात की सबसे ज्यादा खुशी अनूप को हो रही थी कि आज शांता उसके साथ बैठकर खाना नहीं खा रही हैं। आखिरकार एक नौकरानी आज अपने औकात में अा गई हैं और ना ही उसका बेटा साहिल आज इससे कल की तरह बहस कर रहा है साथ ही साथ रूबी की बक बक भी आज बंद हो गई हैं।
वो इन सबके लिए नीरज के द्वारा दी गई गोलियों को मन ही मन धन्यवाद दे रहा था। आज उसके मन में नीरज के लिए इज्जत बहुत ज्यादा बढ़ गई थी।
नाश्ता करने के बाद रूबी ने हिम्मत करके साहिल से नीची नजरो के साथ पूछा:
" बेटा आज भी मेरे साथ चलोगे क्या योगा सेंटर?
साहिल ने पहली बार अपनी नजरे उपर उठाई और रूबी को देखा जिसकी शर्म के मारे पलके झुकी हुई थी और चेहरे पर अाई हुई हया उसके दिल की हालत बयान कर रही थी। साहिल बोला:"
" जी मम्मी जरूर चलूंगा।
रूबी:' तो ठीक हैं जल्दी से तैयार हो जाओ तुम
अनूप भी अपना बैग उठाकर ऑफिस की तरफ जाने और साहिल से बोला:"
" बेटा जब तुम्हारी मा का योग वोग खत्म हो जाए तो मेरे ऑफिस भी अा जाना आज। तुम्हे कुछ जिम्मेदरी देना चाहता हूं।
साहिल अभी काम के लफड़े में नहीं पड़ना चाहता था इसलिए बोला:"
" पापा अभी तो मैं छोटा सा बच्चा हूं, अभी मैं पहले थोड़ा घूमने मस्ती करना चाहता हूं, उसके बाद काम के लिए तो सारी उम्र पड़ी हुई है।
अनूप रूबी की तरफ देख कर तंज कसते हुए बोला:"
" बेटा अगर मौज मस्ती ही करनी है तो फिर योग सेंटर जाकर क्या करोगे? आओ मेरे साथ चलो तुम्हे मेरी सेक्रेट्री पूरा शहर घुमा देगी साहिल।
अनूप ने अपनी बात पूरी करके रूबी की तरफ चिढाने वाले अंदाज में देखा तो रूबी बोली:"
" जाओ बेटा, सीख लो अपने बाप से कैसे पैसा बर्बाद किया जाता हैं और मौज मस्ती में तो इन्होंने पीएचडी करी हुई हैं।
अनूप थोड़ा सा गुस्सा होते हुए बोला:" जब मैं इतना पैसा कमाता हूं तो अगर थोड़ा सा अपने उपर खर्च कर लू तो क्या बिगड़ जाएगा
साहिल:" ओह माई पापा आप दोनो लड़ना बंद कीजिए, मैं पहले मम्मी के साथ योगा सेंटर जाऊंगा और फिर आपके ऑफिस।
अनूप ने एक बार साहिल को घूरा और चुपचाप अपना बैग उठाकर बाहर निकल गया।
साहिल और रूबी दोनो जिम सेंटर के लिए निकल गए। कार में अाज पूरी तरह से खामोशी थी और कल की तरह आज भी रूबी ही कार ड्राइव कर रही थी। आखिरकार साहिल ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा:"
"मम्मी पापा का मूड हमेशा उखड़ा हुआ क्यों रहता हैं, जब देखो मरने मारने के लिए तैयार रहते हैं।
रूबी को लगा जैसे किसी ने उसके दिल को झंझोड दिया हैं और वो बोली:"
" बेटा हर किसी की अपनी फितरत अपनी आदत होती हैं शायद उनकी आदत ऐसी ही हैं।
साहिल:" लेकिन मम्मी हमे सोचना तो चाहिए कि हमारी बातो से किसी को दुख तो नहीं हो रहा हैं।
रूबी:" बेटा उन्हें किसी के दुख सुख की कोई परवाह नहीं है, बस सही हो या गलत उनकी बात मानी जानी चाहिए।
साहिल:" लेकिन मम्मी ऐसा थोड़े ही कहीं होता हैं जो गलत हैं उसे तो गलत ही बोलना चाहिए।
रूबी के होंठो पर एक फीकी सी स्माइल अाई और बोली:"
" तुम तो बोलकर देख चुके हो ना बेटा, नतीजा तुम्हारे सामने हैं।
इतना कहकर रूबी खामोश हो गई और साहिल भी सोचने लगा कि सचमुच उसके बाप ने पूरी तरह से उसकी बातो को इग्नोर कर दिया था। गाड़ी अपनी रफ़्तार से चलती रही और जल्दी ही वो जिम और योगा सेंटर पहुंच गए। रोज की तरह से रूबी ने लोगो को योगा के टिप्स दिए और आज भी कल वाले आदमी ने सवाल कर दिया।
" मैडम आज शायद आपके पति आने वाले थे, क्या वो नहीं आए आज ?
रूबी से पहले ही साहिल बोल पड़ा:" दर असल पापा एक बिजनेस के सिलसिले में बाहर गए हुए हैं और उन्हें थोड़ा टाइम लग जाएगा।
आदमी:" जी मैडम, लेकिन अगर आप बुरा ना माने तो क्या आप बता सकती हैं कि को कब तक अा जाएंगे?
रूबी:" मुझे उम्मीद हैं वो अगले हफ्ते तक अा जाएंगे।
आदमी खुश होते हुए बोला:"
" ये तो बहुत खुशी की बात हैं मैडम, चलो मेरी इच्छा भी उनसे मिलकर पूरी हो जायेगी।
उसके बाद एक के बाद एक सभी लोग चले गए और साहिल बोला:"
" मम्मी लेकिन आप पापा को क्या सचमुच यहां लाएगी ?
रूबी हल्का सा मुस्कुरा कर बोली:' अपना वादा याद कर साहिल, अब तुम्हे ही भेष बदलकर आना होगा मेरे साथ।
इतना कहकर रूबी शर्मा गई तो साहिल बोला:" लेकिन मम्मी क्या ये सही होगा ?
रूबी:" सही गलत का मुझे नहीं पता बस मुझे यहां लोगो का मुंह बंद करना हैं इसके लिए तुझे अनूप बनना होगा कुछ घंटे के लिए मेरे बेटा।
साहिल:' मतलब आप अपने बेटे को अपना पति बनाना चाहती हैं, उफ्फ ये भगवान आपने मुझे किस धर्म संकट में डाल दिया?
रूबी उसके गाल पकड़ कर खींचती हुई बोली:"
" सचमुच का नहीं बनना बल्कि कुछ घंटो के लिए ही बनना हैं। अगर तुझे कोई दिक्कत हैं तो मना कर दे ।
साहिल ने अपनी मम्मी का हाथ पकड़ लिया और बोला:"
" मम्मी आपका बेटा आपकी खुशी के लिए कुछ भी करेगा, चाहे मुझे आपका पति ही ना बनना पड़े।
इतना कहकर उसने रूबी को स्माइल दी तो रूबी उसका हाथ पकड़ कर दबाते हुए बोली:"
" चल अब ज्यादा खुश मत हो अा घर चलते हैं।
उसके बाद दोनो घर की तरफ बढ़ गए। रास्ते में अनूप का ऑफिस पड़ा तो साहिल बोला:"
" मम्मी वो आप मुझे यहीं उतार दीजिए, पापा से भी मिल लेता हूं।
रूबी ने हल्के गुस्से से उसकी तरफ देखा और गाड़ी रोक दी तो साहिल उतर गया और बोला:"
" मम्मी आप नहीं आएगी क्या अंदर ?
रूबी:" नहीं बेटा, तुम जाओ, मैं यहीं तुम्हारा इंतजार करूंगी।
साहिल मजाक करते हुए बोला:"
" लेकिन मम्मी अगर मुझे लेट हुआ तो ?
रूबी:" मैं यहां शाम तक तुम्हारा इंतजार करूंगी, ध्यान रखना मैं खाना तुम्हारे साथ ही खाऊंगी।
साहिल अपनी मम्मी की तरफ स्माइल करते हुए अंदर घुस गया। रूबी नहीं चाहती थी कि साहिल अंदर अनूप के पास ज्यादा देर तक रुके इसलिए उसने उसे ऐसा बोला था ताकि वो जल्दी अा जाए।
साहिल जैसे ही ऑफिस पहुंचा तो उसने रिसेप्शन पर जाकर बताया कि वो अनूप का बेटा हैं और उनसे मिलने आया हैं तो लड़की एकदम अपनी सीट से खड़ी हो गई और बोली:"
" मोस्ट वेलकम सर, आप आइए मेरे साथ।
साहिल उसके साथ ऑफिस की तरफ चल पड़ा। अंदर लीमा जबरदस्ती अनूप का लंड चूसकर उसे खड़ा करने की कोशिश कर रही थी। जैसे ही बाहर नॉक हुआ तो वो फौरन साइड में कुर्सी पर बैठ गई और अपने लैपटॉप पर काम करने लगी। अनूप ने भी अपने मारियल लंड को पैंट के अंदर डाल दिया और लीमा को इशारा किया तो उसने गेट खोल दिया तो सामने साहिल को पाकर अनूप बहुत खुश हुआ और बोला:"
" आओ बेटा अपने बाप के ऑफिस में तुम्हारा स्वागत है। लीमा तुम जाओ और मेरे बेटे के लिए कुछ खाने का इंतजाम करो।
लीमा तुरंत सिर झुकाते हुए बाहर चली गई और अनूप ने ऑफिस से सटे हुए एक कमरे को खोल दिया और साहिल को सोफे पर बैठने का इशारा किया। साहिल कमरे को गौर से देखते हुए सोफे पर बैठ गया। कमरे में एक से बढ़कर एक सुंदर पर्दे लगे थे और अनूप काफी शौकीन किस्म का आदमी था इसलिए उसने काफी सारी महंगी विदेशी वस्तुएं भी रखी हुई थी जो कमरे की शोभा बढ़ा रही थी। कमरे में बीच में एक शानदार बेड पड़ा हुआ जिस पर अक्सर वो पहले चुदाई का खेल खेला करता था लेकिन पिछले कुछ साल से तो आलम ये था कि उसका लंड ठीक से खड़ा ही नहीं हो पाता था।
साहिल:" बहुत बढ़िया बेडरूम बनाया हुआ हैं आपने पापा।
अनूप खुश होता हुआ:" बेटा तेरे बाप के पास पैसे की कोई कमी नहीं है साहिल, बस काम के बाद आराम कर लेता हूं कभी कभी इसलिए बनाया हुआ हैं।
अनूप:" बेटा ये फोटो देखो ये हैं हमारे परदादा सूरज भान इन्होंने ही हमारे खान को चार चांद लगाए थे, जिधर से ये निकल जाते थे लोग अपने घरों में छुप जाते हैं।
साहिल फोटो को देखता हुआ बोला:"
" क्यों छुपा जाते थे पापा ?
अनूप अपनी आधी सफेद मूछो पर ताव देते हुए बोला:"
" क्योंकि इनसे बड़ा योद्धा और दबंग पूरे जिले में नहीं था बेटा।
उसके बाद अपनी ने एक एक करके अनूप में उसे काफी फोटो दिखाए और बोला:"
" बेटा हमारा नाम समाज में इज्जत के साथ लिया जाता है, सबसे ऊंचा घराना हैं हमारा और तुम्हे अपनी रगो में बहते हुए खून पर गर्व होना चाहिए कि तुम मेरे बेटे हो।
अपने बाप के मुंह से अपने खनादान का गौरवशाली इतिहास जानकर साहिल को खुशी हुई और बोला:"
" पापा आज मुझे खुशी हुई कि हमारा नाम लोगो के लिए एक मिशाल हैं।
अनूप:" हान बेटा और तुम्हे आगे से अपने मान सम्मान और नाम का ध्यान रखना होगा और छोटे लोगो के मुंह ज्यादा नहीं लगना चाहिए तुम्हे।
साहिल:" जी पापा मैं ध्यान रखूंगा।
तब तक लीमा खाने का सामान लेकर अा गई और टेबल पर लगा दिया तो दोनो बाप बेटे खाने लगे। साहिल को रूबी का ध्यान आया तो बोला:"
" पापा मेरा पेट भर गया है बस अब मैं चलता हूं, बाद में आऊंगा।
अनूप:" अरे पहले ठीक से खाओ बेटा, तुम्हे और भी बड़ी बाते बतानी थी ।
साहिल:" पापा अब तो मैंने आपका ऑफिस देखा लिया हैं। आता रहूंगा आपके पास।
इतना कहकर साहिल बाहर अा गया और कार में बैठ गया तो रूबी ने कार आगे बढ़ा दी।
साहिल:" मम्मी आज पापा ने मुझे बहुत कुछ बताया अच्छा लगा सुनकर।
रूबी के होंठो पर स्माइल अा गई और बोली:"
" बताया होगा कि हम बहुत बड़े खानदान से हैं लेकिन ये नहीं बताया कि वो अपने उसी महान खानदान के नाम पर कलंक बने हुए हैं। बेटा हमारे किसी पूर्वज ने आज तक दारू को हाथ तक नहीं लगाया और इन्हे दारू के बिना खाना हजम नहीं होता। तेरे बडो ने अपनी जान देकर लोगो की सेवा करी हैं और लोगो से उनका स्टैंडर्ड देखकर बात करते हैं।
साहिल अपने बाप से ज्यादा अपनी मा की बातो से प्रभावित हुआ और बोला:"
" अम्मी आप सच बोल रही है महान इंसान को इसका खून नहीं बल्कि उसके काम बनाते हैं। मैं लोगो की मदद करूंगा और उनकी सहानुभूति और प्यार हासिल करूंगा।
रूबी ने खुश होकर साहिल का माथा चूम लिया और दोनो मा बेटे घर अा गए। घर आकर रूबी ने साहिल को अपने हाथ से खाना खिलाया और उसके बाद दोनो मा बेटे सो गए।
Lekin aisa toh nahi hai ke Niraj ki nazar Rubi pe bahut pehle se hai aur wo Anup ko impotent bana diya ho.
Waiting for next update.