अगले रूबी सुबह उठी और तो उसके जिस्म में एक अजीब सी तरंग उठ रही थी क्योंकि आज वो पहली बार दिल्ली जा रही थी और वो भी एक मुख्य अतिथि के रूप में। वो नहाकर तैयार हो गई और शांता ताई के साथ बैठकर अच्छे से नाश्ता किया और योगा सेंटर निकल गई। अनूप आज देर तक सोता रहा और जब तक उसकी आंख खुली तो रूबी जा चुकी थी।
रूबी ने जल्दी से आज लोगो को योगा और फिटनेस के मंत्र दिए और फिर अपने ऑफिस में बैठ कर गाड़ी का इंतजार करने लगी। ठीक समय पर एक होंडा सिटी गाड़ी उसके ऑफिस के बाहर रुकी और वो उसके बैठ गई। गाड़ी एकदम बिल्कुल नई लग रही थी और चमचमा रही थी।
गाड़ी चल पड़ी और रूबी ने देखा कि पीछे की सीट आम तौर पर इतनी बड़ी नहीं होता जितनी इस गाड़ी में थी। ड्राइवर बोला:"
" मैडम हमे दिल्ली पहुंचने में करीब डेढ़ घंटा लगेगा अगर आप चाहे तो आराम कर सकती है।
रूबी:" लेकिन यहां गाड़ी में तो सिर्फ सिर्फ बैठ ही सकती हूं,। कोई नहीं तुम चलो।
ड्राइवर ने गाड़ी साइड में रोक दी और पीछे की तरफ आया तो सुनसान सड़क पर रूबी को डर महसूस हुआ कि कहीं ड्राइवर के मन में कोई पाप तो नहीं अा गया। ड्राइवर ने रूबी को बाहर निकलने के लिए कहां तो रूबी बाहर अा गई और ड्राइवर ने अंदर जाकर एक हुक को खीच दिया तो गाड़ी की दोनो बड़ी बड़ी सीट आपस में मिल गई और शानदार बेड तैयार हो गया। रूबी तो हैरान हो गई कि इतनी मॉडर्न गाडियां भी आजकल अा गई हैं।
ड्राइवर:" मैडम आप अब आराम कीजिए। आपके लिए बेड तैयार हैं देखे आप।
रूबी खुशी खुशी अंदर चली गई और आराम से सीट पर लेट गई। ड्राइवर ने गाड़ी आगे बढ़ा दी और रूबी को ठंडी ठंडी ए सी की हवा में नींद अा गई। करीब पांच बजे के आस पास वो दिल्ली पहुंच गई तो उसकी आंखे खुल गई और वो पानी की बोतल बैग से निकाल कर अपना चेहरा साफ करने लगी। जैसे ही रूबी बाहर निकली तो आशा, पूजा और रमन तीनो ने मुस्कुराते हुए उसका स्वागत किया।
आशा:" मैडम आप अाई तो हमारे योगा एंड जिम क्लब को चार चांद लग गए।
रूबी अंदर चली गई और उसने हल्का नाश्ता किया। रूबी ने अपना मोबाइल निकाला और साहिल का नंबर मिला दिया।
रूबी:" हान बेटा मैं दिल्ली अा गई हूं, एक आधे घंटे बाद फ्री हो जाऊंगी तुम मुझे कनॉट प्लेस पर मिलना क्योंकि इसके पास ही ऑफिस हैं।
साहिल:" ठीक हैं मम्मी मैं निकालता हूं।
रूबी एक बड़े से हॉल में अा गई और उसने देखा कि इस मौके पर बड़े बड़े बिजनेस मैन और वीआईपी लोग आए हुए थे। आखिरकार हर कोई ये ही सोच रहा था कि इतने बड़े बड़े लोगों के होने के बाद भी क्यों उद्घाटन कराने के लिए एक औरत को मेरठ से बुलाया गया।
रमन:" तो साथियों बहुत खुशी की बात हैं कि आज की हमारी मुख्य अतिथि रूबी हमारे बीच में अा गई हैं और आप सब जोरदार तालियों के साथ उनका स्वागत कीजिए।
रूबी धीरे से उठी और चलती हुई स्टेज पर पहुंच गई तो लोग दम साधे हुए उसे देखने लगे। उसने एक हल्के नीले रंग की साड़ी पहनी हुई थी और पेटीकोट थोड़ा नीचे बांध हुआ था जिसके चारो और लिपटी हुई साड़ी उसके गोरे चिकने सुंदर पेट को साफ दिखा रही थी। उपर ब्लाउस काफी टाईट थी इसलिए उसकी उसकी चूचियां पूरी तरह से उभरकर अपना आकार दिखा रही थीं।
साहिल भी अंदर अा गया था और अपनी मा के इस अवतार को देखकर वो अंदर ही अंदर बहुत खुश हो रहा था।
रमन:" ये हैं रूबी जी जो मेरठ में अपना जिम और योगा सेंटर चलाती हैं और फिटनेस की ज़िंदा मिशाल हैं। तो शुरू करते हैं आज का कार्यकर्म , आइए रूबी जी अपने शुभ हाथो से उद्घाटन कीजिए,।
रूबी स्माइल करती हुई आगे बढ़ी और उसने फीता काट कर उद्घाटन किया तो चारो तरफ से पूरे हॉल में तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठी।
रमन:" तो आप सबने देखा कि फिटनेस क्वीन रूबी ने हमारे जिम का उद्घाटन किया और मुझे उम्मीद हैं सारी देखी लाइव इसे देख रही हैं तो आइए चलते हैं रूबी जी के पास और उनसे फिटनेस के कुछ मंत्र लेते हैं।
रूबी:" शरीर अगर फिट हैं तो आप ज़िन्दगी को खुलकर जी सकते हैं इसलिए आप सभी से निवेदन है कि अपनी सेहत का ध्यान रखे, रोज योगा करे, दौड़ लगाए और खाने पीने का ध्यान दें धन्यवाद।
इसके बाद रूबी ने माइक वापिस रामन की तरफ बढ़ा दिया तो रमन बोला:"
" देखा आप सबने किस तरह से रूबी जी ने बताया कि हम अपने आपको फिट रख सकते हैं। हमारे जिम और योगा सेंटर का पहला उद्देश्य सबकी की फिटनेस रूबी मैडम के जैसे करना होगा।
रूबी सब समझ रही थी कि ये मुझे इस्तेमाल करके अपनी एडवोटिसिंग कर रहे है। वहीं साहिल अपनी मम्मी की इतनी तारीफ और इतनी इज्जत मिलते देखकर बहुत खुश था।
थोड़ी देर के बाद प्रोग्राम खत्म हो गया और सभी लोग एक एक करके घर की तरफ बढ़ गए। साहिल भी बाहर अा गया और रूबी का इंतजार करने लगा। अंदर पूरा स्टाफ बैठा हुआ था और प्रोग्राम होते होते ही लोगो के रजिस्ट्रेशन के लिए कॉल आने शुरू हो गए थे जिससे रमन बहुत खुश था।
रमन:" मैडम समझ नहीं अा रहा कि किन शब्दों में आपको धन्यवाद दिया जाए। आपको तो यहां आकर लोगो पर जादू सा कर दिया है। कल तक हमारे पास सिर्फ पांच कॉल आए थे जबकि अभी ये संख्या 100 से उपर चली गई है और हमारे तीनो फोन अभी भी बिज़ी चल रहे हैं।
रूबी अपनी तारीफ सुनकर खुश हुई और बोली:"
" ये सब तो आपकी अपनी मेहनत और लगन का नतीजा हैं, मैं तो सिर्फ आधा घंटा ही आपके साथ रही हूं।
आशा:" मैडम जी वहीं आधा घंटा कमाल कर गया। कई लोग तो हमसे बोल रहे हैं कि आपको भी ट्रेनर रखा जाए।
रूबी:" अभी तो मेरे पास कोई टाइम नहीं हैं लेकिन अगर भविष्य में समय मिला तो जरूर आऊंगी।
रमन:" हमारी किस्मत होगी वो , अच्छा बताए आपको क्या चाहिए?
रूबी एक स्वाभिमानी औरत थी इसलिए उसने साफ लफ्जो में कहा:"
" मुझे कुछ नहीं चाहिए, आपने जो इज्जत मुझे बख़्शी हैं वो बहुत हैं।
रमन आगे बढ़ा और उस नई होंडा सिटी जिसमे रूबी बैठकर अाई थी उसकी गाड़ी उसने रूबी के हाथ में थमा दी और बोला:"
" मैडम प्लीज़ हमारी तरफ से आप ये छोटी सी भेंट स्वीकार कीजिए। और प्लीज़ मना मत करना नहीं तो हम सबके दिल टूट जायेंगे।
पूजा:" अगर आपने मना करने का सोचा भी तो हम आपको ज़बरदस्ती दे देंगे।
रूबी सोच में पड़ गई क्योंकि ये काफी कीमती गाड़ी थी। आखिरकार रूबी ने हान कर दिया लेकिन बोली:"
" ठीक हैं मैं मना नहीं करूंगी लेकिन अभी इसे आप भी अपने पास रखे। जब मुझे जरूरत होगी मैं खुद आपसे ले लूंगी।
रमन और आशा खुशी खुशी मान गए। रूबी ने उनसे बोला:"
"मुझे दिल्ली में कुछ काम हैं इसलिए मुझे वहां जाना होगा पहले। मैं आपको कॉल कर दूंगी तो गाड़ी भेज देना।
रमन:" अरे मैडम आप गाड़ी अपने साथ ही ले जाए आते हुए यहीं खड़ी कर देना।
रूबी को उसकी बात ठीक लगी और रूबी उससे चाबी लेकर गाड़ी में बैठ गई और बाहर निकल गई। साहिल वहीं बाहर ही उसका इंतजार कर रहा था तो रूबी ने उसे देखते ही गाड़ी रोक दी। साहिल अपनी मा को नई गाड़ी चलाते देखकर खुश हो गया और गाड़ी में घुस गया।
साहिल:" वाव मम्मी, आपके तो चर्चे दिल्ली तक हैं। पिछले एक घंटे से टीवी पर आप ही छाई हुई हो। आपको तो लोग बहुत इज्जत दे रहे हैं। सच में ममी आप बहुत अच्छी हैं। I love you mom so much.
साहिल ने आगे बढ़कर रूबी का गाल चूम लिया तो रूबी खुश होते हुए बोली:"
" थैंक्स बेटा, काश तेरे बाप को भी मेरी कद्र होती तो बात कुछ और ही होती।
साहिल:" मम्मी आप चिंता ना करे, देखना मै पापा से इस बार अच्छे से बात करूंगा फिर वो कैसे सुधरते हैं आप देखना।
रूबी:"बेटा उन्हें कोई फर्क पड़ने वाला नहीं हैं अब। फिर भी तेरा मन हैं तो कोशिश करके देख लेना।
साहिल:" उन्हें आपको वो प्यार और इज्जत देनी होगी जिसकी आप हकदार है। आपका बेटा अब आपकी तरफ हैं मम्मी।
अच्छा ये बताओ आप पहली बार दिल्ली अाई हैं तो क्या खाएगी ? कहां घूमेंगी अपने बेटे के साथ ?
रूबी:' बेटा मुझे तो यहां के बारे में कुछ भी नहीं पता हैं। जो तेरा मन करे वो खिला और जहां तू चाहे वहां ले चल मुझे।
साहिल:" ठीक हैं मम्मी, आप भी आज की शाम ज़िन्दगी भर याद रखोगी।
साहिल ने रूबी को दांए मुड़ने के लिए कहा और जल्दी ही दोनो एक शानदार रेस्टोरेंट के सामने खड़े हुए थे। यहां शुद्ध देसी शाकाहारी भोजन मिलता था। दोनो बैठ गए और साहिल ने मेनू कार्ड रूबी की तरफ बढ़ा दिया तो रूबी बोली:"
" नहीं बेटा, आज सब कुछ तेरी पसंद से, जो तेरा मन करे खिला दे मुझे। आज मैं तेरी मेहमान हु।
साहिल ने अपनी मम्मी को स्माइल दी और वेटर को शाही कचोरी, पनीर मशरूम, और दही का ऑर्डर दिया क्योंकि ये सब रूबी का पसंदीदा था।
रूबी बहुत खुशी हुई क्योंकि उसके बेटे ने सारी चीज़े उसकी पसंद की ही ऑर्डर करी थी। थोड़ी देर बाद ही वेटर ऑर्डर किया गया खाना लेकर अा गया और दोनो मा बेटे ने खाना शुरू किया। रूबी आज बहुत खुश थी क्योंकि उसको घूमना फिरना बहुत अच्छा लगता था लेकिन अनूप उसको कभी मेरठ से बाहर लेकर ही नहीं गया। और आज जब उसकी इच्छा पूरी हो रही थी तो उसका चेहरा खुशी से दमक रहा था।
साहिल अपनी मा को इतना खुश देखकर अंदर ही अंदर मुस्कुरा रहा था और बोला:"
" मम्मी जब आप खुश होती हो तो ज्यादा खूबसूरत लगती हो, हमेशा ऐसे ही खुश रहा करो आप।
रूबी के होंठो पर स्माइल अा हुई और बोली:" अच्छा जी अब तुझे तेरी मा खूबसूरत लग रही हैं
साहिल:" मम्मी अब क्या आप तो पहले से ही खुबसुरत हो, आज तो आपके जलवे दिल्ली में भी हो गए। लोग दीवाने हो हुए आपके।
रूबी:" बड़ा तेज हो गया हैं तू, अपनी मा से ऐसी बाते नहीं करते बेटा।
साहिल खाना खाते हुए बोला:
" लेकिन इसमें गलत क्या हैं मम्मी, लोग सच मूच आपको पसंद कर रहे हैं, आपकी फिटनेस बहुत अच्छी हैं जो आजकल की लड़कियो में नहीं होती।
रूबी:" अच्छा तुझे कैसे पता की लड़कियों में नहीं होती।
साहिल को समझ नहीं आया कि क्या जवाब दे इसलिए मैं मैं करते रह गया तो रूबी बोली:"
" मैं मैं क्या कर रहा है बेटा, सीधी तरह बोल कि तू आते जाते लड़कियों को घूरता हैं, उनका फिगर देखता हैं। मैं सच कह रही हूं ना साहिल।
साहिल के चेहरे का रंग उड़ गया, काटो तो खून नहीं, उसे समझ नहीं आ रहा था कि क्या जवाब दें इसलिए चुप ही रहा तो रूबी उसे समझाते हुए बोली:"
" इट्स ओके बेटा, इस उम्र में ऐसा होता हैं। लेकिन क्या तू मुझे भी घूं...
इतना कहकर रूबी के आगे के शब्द उसके गले में ही शर्म के मारे अटक गए और उसकी आवाज नहीं निकल पाई। साहिल समझ गया कि उसकी मा क्या कहना चाह रही थी। इतनी बात तो साफ थी कि रूबी समझ हुई थी कि साहिल उसे जरूर देखता हैं तभी तो उसका फिगर उसे लड़कियों से अच्छा लगता हैं । दूसरी तरफ साहिल भी आज ये बात समझ गया था कि रूबी को पता चला गया है कि उसका बेटा उसे घूर कर देखता है।
दोनो तरफ शांति रही थी और दोनो अपना खाना खाते रहे। खाना खाने के बाद वेटर बिल ले अाया और टिप्स पाने के लिए मक्खन लगाते हुए बोला:"
" वैसे एक बात कहूं सर, आपकी दोनो की जोड़ी कमाल कि लग रही है।
इतना कहकर वेटर ने उम्मीद भरी निगाहों से रूबी की तरफ देखा तो रूबी ने एक जोरदार थप्पड़ उसके गाल पर रख दिया और बोली:"
" होश में आकर बात कर मुझसे, ये मेरा बेटा हैं तुझे शर्म नहीं आती ये सब बोलते हुए।
वेटर अपना गाल सहलाते हुए बोला:" माफ कीजिएगा मैडम, यहां आने वाली हर औरत यहीं बोलती है और आज कल तो ये ट्रेंड बन गया है।
रूबी कुछ बोलती उससे पहले ही साहिल ने बिल चुकाया और रूबी का हाथ पकड़ कर बाहर की तरफ जाने लगा तो वेटर बोला:"
" सर अगली बर जब मैडम को लेकर आए तो पहले ही समझा देना कि झूठ ना बोले।
रूबी ने मुड़कर गुस्से से देखा लेकिन साहिल उसे बाहर ले आया तो रूबी बोली:"
" अगर तुम मुझे बाहर ना लाते तो मैं उस कमीने का मुंह तोड़ देती आज।
साहिल:" मम्मी प्लीज़ शांत हो जाओ, क्यों बेवजह आप गुस्सा हो रही हो।
रूबी:" साहिल क्या मुझे देखकर सामझ में नहीं आता कि मैं एक जवान बेटे की मा हूं।
साहिल:" मम्मी बुरा मत मानना लेकिन सच में आपकी फिटनेस देखकर कोई नहीं कह सकता कि आप एक जवान बेटे की मा हैं।
रूबी:" हान ठीक हैं मेरी फिटनेस हैं अच्छी, लेकिन मैं कहीं से भी क्या तुम्हे एक जवान लड़के की गरलफ्रेंड नजर आती हूं।
साहिल ने कोई जवाब नहीं दिया तो रूबी फिर से बोली:"
" साहिल जवाब दो मैं कुछ पूछ रही हूं तुमसे।
साहिल:" मम्मी आजकल दिल्ली जैसे शहरों में औरतें जवान लडको को दोस्त बनाती हैं और ये आम बात हैं जिस वजह से उसे गलतफहमी हुई हैं।
रूबी का मुंह आश्चर्य से खुला रह गया और बोली:"
" क्या सच में यहां ऐसा होता हैं बेटा ?
साहिल नजरे नीचे किए हुए ही बोला:"
" हान मम्मी यहां तो ये सब आम बात है। इसलिए ही उससे गलती हुई है।
रूबी:' तभी मैं सोच रही थी कि उसने ऐसा क्यों बोला, मैं तो हैरान हो गई थी उसके मुंह से ये सब सुनकर बेटा।
साहिल:" अच्छा तो मुझे भी नहीं लगा था लेकिन मैं वहां हल्ला नहीं करना चाहता था।
रूबी अचानक कुछ सोचते हुए बोली:" अच्छा एक बात बता कहीं तू भी यहां किसी आंटी के साथ अफेयर नहीं चला रहा है?
साहिल;" नहीं मम्मी, मैंने ऐसा कुछ नहीं किया है।
रूबी;" लेकिन मैं कैसे यकीन कर लू कि तुम सच बोल रहे हो?
साहिल अपना हाथ आगे बढ़ा कर उसके सिर पर रख दिया और बोला:"
" आपके सिर की कसम मम्मी मेरा किसी से कोई अफेयर नहीं चल रहा हैं।
रूबी बहुत खुश हुई और साहिल का माथा चूमते हुए बोली:"
" मुझे अपने बेटे पर पूरा यकीन है, अगर किसी ने तेरी तरफ नजर भी डाली तो बता देना कमीनी की टांगे तोड़ दूंगी।
साहिल हंस पड़ा और बोला:"..
" क्या मम्मी आप तो ऐसे बोल रही है जैसे आप मेरी सच की गर्ल फ्रेंड हैं।
रूबी;" बेटा तुझे ना दिल्ली की हवा लग गई है इसलिए मा को गर्ल फ्रेंड बोल रहा है, घर आने पर तुझे अच्छे से ठीक करूंगी।
साहिल ने तुरंत अपने दोनो कान पकड़ लिए और बोला:_
" मम्मी मैं तो मजाक कर रहा था, प्लीज़ माफ कर दो।
रूबी जोर जोर से हंसने लगी और बोली: अरे बेटा मैं भी तो मजाक ही कर रही थी। अच्छा अब मैं चलती हूं तू अपना ध्यान रखना।
साहिल:_ ठीक है मम्मी अगली बार जब आप आओगी तो आपको अच्छे से दिल्ली घुमा दूंगा।
रूबी स्माइल करते हुए बोली'"
" ना बाबा ना मुझे नहीं घुमनी दिल्ली विल्ली, यहां के लोग तो मुझे तेरी गर्ल फ्रेंड समझते हैं।
साहिल भी मजाक करते हुए बोला:"
" अरे मम्मी क्या आप उनके समझने से आप मेरी गर्ल फ्रेंड बन जाएगी, नहीं ना फिर बोलने दो लोगो को।
रूबी:" तो तो ठीक हैं बेटा लेकिन..
साहिल:' लेकिन वेकिन कुछ नहीं मम्मी, पापा ने प्रोमिस किया हैं कि इस बार वो मुझे नई गाड़ी दिला देंगे। मैं सबसे पहले आपको ही दिल्ली घुमाऊंगा।
अनूप का नाम बीच में आते ही रूबी का मुंह खराब हो गया तो साहिल बोला:" क्या हुआ मम्मी ?
रूबी:" कुछ नहीं बेटा।
साहिल:" मुझे पता हैं मम्मी पापा कुछ अलग टाइप के हैं और आपकी बिल्कुल भी केयर नहीं करते हैं लेकिन सब ठीक हो जाएगा।
रूबी की आंखे नम हो गई और बोली:" अच्छा बेटा मैं चलती हूं, तुझे मेट्रो स्टेशन छोड़ दूंगी उसके बाद घर चली जाऊंगी।
साहिल:" ठीक हैं मम्मी, आप भी पापा से बोलकर एक ऐसी ही होंडा सिटी कार ले लीजिए ना, आप पुरानी कार में ऑफिस जाते हुए अच्छी नहीं लगती।
रूबी:" साहिल तुम अपने काम से मतलब रखो, वो गाड़ी जरूर पुरानी हैं लेकिन मेरी अपनी कमाई की हैं। और तुम शायद अपने बाप को अभी अच्छे से नहीं जानते हो जिस दिन तुम्हे अनूप की सच्चाई पता चलेगी तो तुम्हे खुद एहसास हो जाएगा।
साहिल कुछ बोलता उससे पहले ही मेट्रो स्टेशन अा गया और साहिल अपनी मम्मी को बाय बोलकर उतर गया और रूबी उसे बाय बोलकर आगे बढ़ गई।
साहिल आज इतना तो समझ गया कि कोई तो बात हैं जो मम्मी मुझसे छुपा रही हैं। जरूर दाल में कुछ ना कुछ काला हैं, उपर से साला मैं अभी तक चुदाई लोक को लेकर परेशान था ये आज मम्मी मुझे ऐसा कुछ बोल गई हैं मुझे जिसकी तह तक जाना ही होगा।