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Incest अपवित्र रिश्ता-2

incestauthor

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जयसिंह अपनी बेटी मनिका को बेतहाशा चुमें जा रहा था|मनिका उसकी बाहों में कसमसा रही थी| वह मनिका को बिस्तर पर लेटा कर उसके ऊपर चढ़ गया| मनिका भी उसका साथ दे रही थी| दोनों के होंठ एक दूसरे से जुड़े हुए थे| जयसिंह कभी उसके होठों को चूमता तो कभी अपना जीभ उसके मुंह में डालने की कोशिश करता, जब मनिका से नहीं रहा गया तो उसने अपने दोनों बाहें उठाकर जयसिंह के गले में डाल दी| दोनों बाप बेटी किसी पति-पत्नी की तरह गाढ़े चुंबन में जुड़ गए| मनिका ने जयसिंह को कस के पकड़ा हुआ था| उसने अपने दोनों टांग उठा कर जयसिंह के पीछे कसली| जय सिंह का लंड मनिका के चूत के पास टकरा रहा था| जब मनिका को इस बात का आभास हुआ तो उसने जय सिंह को रोकना चाहा| जयसिंह ने उसके होठों को छोड़कर उसके चेहरे को देखा| मनिका की आंखें बंद थी| जयसिंह ने अपना मुंह उसके कान के पास ले जाकर बहुत की कामुक अंदाज में कहा| मनिका अपनी आंखे खोलो डार्लिंग| और उसकी कान को अपनी जीभ से चूसने लगे, मनिका अपने पिता की इस हरकत से और भी कसमसा गई| जयसिंह ने फिर उसकी आंखों में देखा| उसकी आंखें फिर भी बंद थी| उसने फिर कहा आंखें खोलो मनी, मनिका ने अपना चेहरा दूसरी तरफ कर लिया| और धीरे से कहा नहीं मुझे शर्म आती है पापा| जय सिंह ने कहा अरे मुझसे कैसा शर्माना डार्लिंग| देखो मैं अपनी गर्लफ्रेंड को प्यार कर रहा हूं| कुछ देर ऐसे ही रहने के बाद मनिका ने अपना सर सीधा किया| और धीरे से अपनी आंखें खोली| जैसे उसे ही देख रहा था| जैसे ही मनिका ने अपनी आंखें खोली| जयसिंह फिर से उसके होठों पर टूट पड़ा| मनिका ने फिर अपनी आंखें बंद करके अपने पिता के साथ प्यार की गोते लगाने लगी| दोनो ऐसे एक दूसरे को किस कर रहे थे जैसे बरसो के प्यासे हो, जयसिंह अब धीरे धीरे नीचे की ओर बढ़ने लगा, और मनिका के गोरे चिकने गर्दन पे बिखरी हुई उसके बालों को हटाने लगा, मनिका अपने पापा की इस हरकत से और भी कसमसाने लगी, उसके मुंह के आह निकल गयी, जयसिंह ने उसकी गर्दन की खुश्बू लेने के लिए अपना नाक उसकी गर्दन पे रगड़ा, क्या खुशबू थी, जयसिंह तो जैसे पागल हो गया, उसका सपना पूरा हो रहा था, वो अपनी सेक्सी जवान बेटी के जवानी का मजा ले रहा था, सबको पता है किसी जवान लड़की को ज्यादा जोश तभी आता है जब कोई मर्द उसकी गर्दन को चूमे औए चाटे, जयसिंह ने जैसे ही मनिका के गर्दन को चुमना शुरू किया , मनिका मचल उठी, उसने जयसिंह को कस के पकड़ लिया और उसके सर को पकड़ कर अपनी गर्दन में दबाने लगी, उसके दोनों बड़े बड़े गोल स्तन जयसिंह के सीने में दब गए, उसके निप्पल कड़क हो चुके थे जो जयसिंह को महसूस हो रहे थे, उसके गर्दन को चूमते हुए जयसिंह ने अपना जीभ निकाला और उसकी गर्दन को चाटने लगे, उनकी इस हरकत से मनिका के सब्र का बांध टूट गया, उसने दहकते हुए जयसिंह के कान में कहा, ओह्ह पापा क्या कर रहे हैं आप, मुझे कुछ हो रहा है, पापा आई लव यू , ओह्ह पापा, आई लव यू..जयसिंह ने अपना सर उठा के मनिका को देखा, तो मनिका ने शर्मा कर अपनी आँखें बंद कर ली, मनिका ने पिंक कलर की ब्रा पहनी थी और उसके ऊपर एक पतली स्ट्रेप वाली स्लीवलेस वाइट गाउन थी, गाउन का गला इतना बड़ा था कि मनिका की क्लेवज और आधा स्तन साफ साफ दिख रहा था, जयसिंह की हरकतों की वजह से उसके दोनों स्तन एकदम टाइट और बड़े हो गए थे, इसकी वजह से ऐसा लग रहा था कि ब्रा से निकल कर बाहर ही आ जाएंगे, जयसिंह ने बड़ी ही मादक अंदाज़ में उसकी कान में कहा, आई लव यू टू मेरी जान..ये सुन के मनिका दहक उठी और उसकी सांसे और तेज चलने लगीं, जिससे उसके स्तन ऊपर नीचे होने लगे, जयसिंह ने उसके दोनों हाथ की हथेलियों को अपने हाथों में पकड़ लिया और उसके हाथो को ऊपर कर दिया, और एक नजर उसने मनिका के सेक्सी बदन पे डाला, उसके बाल बिखरे हुए थे, गर्दन पे हल्की सी पसीने की बूंदें आ गयी थी, उसका आधा स्तन नुमाया हो रहा था, उसके दोनों अंडरआर्म्स एकदम क्लीनसेवेंन थी, जयसिंह मन मे सोचता है, साली क्या माल है, क्या खुसबू है इसके बदन की, उसका लंड एकदम टाइट हो गया था जो मनिका के चूत पर पैंटी के ऊपर से ही रगड़ खा रहा था, जयसिंह ने अब एक और हरकत करने की सोची, उसने अपना मुंह मनिका के क्लेवज में दे दिया, और उसके उबरे हुए स्तनों को चूमने लगा, मनिका इस हरकत से मचल उठी, वो जयसिंह के नीचे तड़फड़ाने लगी, जयसिंह अपनी जीभ से उसके गर्दन से ले कर उसके क्लेवज तक चाटने लगा, मनिका का शरीर अकड़ने लगा और वो मदहोशी में , उफ्फ्फ पापा, क्या कर रहे हो , क्यों सता रहे हो मुझे, उफ्फ्फ पापा, रुक जाइये ना..वैसे ये मनिका ने बेमन से कहा था उसे भी मजा आ रहा था, जयसिंह ने रुकने का सुन कर अपना सर ऊपर किया और उसकी आँखों मे देखा, जैसे ही दोनों की आँखें मिली मनिका ने हल्का सा मुस्कुरा कर अपनी आँखें बंद कर ली, जयसिंह ने धीरे से कहा, रुक जाऊ जान? मनिका ने कोई जबाब नही दिया, वो आँखें बंद किये मुस्कुरा रही थी, उसको ऐसा लग रहा था कि जैसे वो अपने सुहागरात के सेज पर है और उसका पति उसे प्यार कर रहा है, और वो बेमन से हल्का बिरोध कर रही थी, जयसिंह ने फिर पूछा, रुक जाऊ मनी? मनिका ने हल्के से अपनी आँखें खोली और इसारे से शर्माते हुए कहा, नही..उसकी इस अदा पर जयसिंह का जोश और बढ़ गया, उसने अपना होंठ मनिका की ओर बढ़ाया और जैसे मनिका इसी का इन्तेजार कर रही थी, दोनो के होंठ फिर जुड़ गए और एक लंबा चुम्बन फिर शुरू हो गया, दोनो एक दूसरे के होंठो को चूसते तो कभी एक दूसरे के जीभ को, जयसिंह तो जैसे मनिका के मुखरस को ही पीने लगा, वो मनिका के जीभ को अपने मुंह मे लेके चूसने लगा, ऐसा करते हुए जयसिंह के मन मे एक और हरकत सूझी, उसको डर था कि कहीं मनिका नाराज न हो जाये, पर उसने हिम्मत करके अपने एक हाथ को मनिका के जवान स्तन पर रख दिया, मनिका को किस करते समय ये महसूस नही हुआ कि उसके पापा का हाथ कहाँ है, दोनो एक दूसरे को पागलों की तरह चूसे जा रहे थे जैसे बरसों के प्यासे हों, तभी जयसिंह ने उसके स्तन को बेरहमी से मसल दिया, इस हरकत से मनिका अवाक रह गयी, उसने अपना होंठ जयसिंह के होंठ से हटा लिया और आंखें फाड् कर जयसिंह को देखने लगी, जयसिंह की हालत खराब हो गयी , जिस बात का डर था वही हुआ, उसका बना बनाया काम खराब हो गया, उसने मन में सोचा , कहाँ साली को चोदने का सपना देख रहा था, ये तो अभी हाथ से निकलने लगी, वो रोनी सी शक्ल बना कर मनिका से माफी मांगने लगा, सॉरी डार्लिंग गलती हो गयी, सॉरी मनी मुझे ऐसा नही करना था, माफ कर दो जान प्लीज, मनिका को इस बात का बुरा नही लगा था, वो तो मदहोश थी अपने पापा के साथ प्यार करके, जयसिंह तो उसे जवानी का असली मज़ा दे रहे थे जो हर जवान लड़की का सपना होता है कि कोई मर्द उसे जिस्म को चूमे, चाटे, उसे मसल मसल कर प्यार करे, वही तो जयसिंह कर रहे थे, फिर भी वो जयसिंह को सताने के लिए झूठा गुस्सा लिए उसे घूर रही थी, पर जयसिंह के रोनी सूरत देख कर उसे प्यार आ गया और उसकी हसीं निकल गयी, उसने धीरे से कहाँ, क्यों सॉरी बोल रहे हो आप? आप ने क्या गलती की है बोलो?, जयसिंह के जान में जान आयी, उसने उसके स्तन की और इशारा करते हुए कहा मैंने इन्हें टच किया तो लगा तुम गुस्सा हो गयी, आई एम सारी जान, आई लव यू मनिका, मनिका ने अपने दोनों हाथ से जयसिंह का सर पकड़ा और अपनी ओर खीचते हुए उसके कान में बड़ी सेक्सी अंदाज में कहा, मैं गुस्सा नहीं हूँ पापा पर आपको प्यार से दबाना था ना, इतना तेज क्यों मसला,..जयसिंह उसका जबाब सुन के सन्न रह गया और उसकी आँखों मे देखने लगा, मनिका भी उसकी आँखों मे देखने लगी, जयसिंह ने धीरे से कहा, आई लव यू जान, मेरी मनिका..मनिका ने भी प्यार से कहा, आई लव यू टू पापा, मैं अपने बिना नही रह सकती..और इतना कह कर उसने जयसिंह को फिर अपने ऊपर खीच लिया और दोनों एक गाढ़े चुम्बन में जुड़ गए, मनिका को किस करते करते अब जयसिंह ने अपने दोनों हाथ उसके दोनों स्तनों पर रख दिया और धीरे धीरे उन्हें मसलने लगे, मनिका ने कुछ नही कहा उसे भी मज़ा आ रहा था..जयसिंह ने अपना चेहरा उठाया और मनिका को देखा, मनिका भी उनको देख रही थी और जयसिंह उसके स्तनों से खेल रहे थे, मानिक की सांसें भारी हो रही थी, जयसिंह ने उसके दाये कंधे पर से गाउन और ब्रा की स्ट्रिप नीचे करना शुरू किया, मनिका को लगा कि पापा को नही रोका तो गड़बड़ हो जाएगी, उसके जयसिंह के रूम में आये काफी समय हो गया था और उसे पकड़े जाने का डर सता रहा था, उसने जयसिंह के हाथ को पकड़ लिया और प्यार से कहा , पापा प्लीज अब नही, मुझे जाने दो, कोई आ जायेगा, जयसिंह उसके एक कंधे को नंगा कर चुका था, वो मनिका के चूचियों को पीना चाहता था, उसने मनिका से कहा, कोई नही आएगा जान, प्लीज रुक जाओ, मनिका ने कहा नही मैं जा रही हूँ कोई आ जायेगा और सब गड़बड़ हो जाएगी, और हल्का सा शर्माते हुए धीरे से कहा, बाकी का बाद में कर लेना, जयसिंह कहा मानने वाले थे, उसने मनिका का हाथ पकड़ कर उसके नंगे कंधे को चाटने लगे, तभी किचन में कुछ गिरने की आवाज़ आयी, दोनो सहम गए, मनिका ने डरते हुए कहा, मैंने कहां था ना कोई आ जायेगा, जयसिंह ने अपनी उंगली मनिका के होंठ पे रख दिया और कहा, शांत रहो मैंने कहाँ ना कुछ नही होगा, और उठ कर दबे पाव दरवाजे की ओर गए और दरवाजे पर कान लगा कर सुनने लगे, जब सब शांत हो गया तो उन्होंने मनिका को आने का इशारा किया, मनिका अभी भी बेड में पड़ी हुई थी, वो धीरे से नीचे उत्तरी, उसके कपड़े और बाल बिखरे हुए थे, उसकी गाउन उसके गांड से ऊपर हो गयी थी, उसकी छोटी सी पैंटी दिख रही थी, उसका एक ब्रा स्ट्रिप भी नीचे हो रखा था, वो अपने दोनों हाथ उठा कर अपने बाल सही कर रही थी, और जयसिंह उसे देख कर कामुक मुस्कान दे रहा था, मनिका ने आँखों के इशारे से पूछा, ऐसे क्या देख रहे हैं? फिर उसे अपने कपड़ों का खयाल आया, तो शर्माते हुए उसने अपनी गाउन नीचे की और ब्रा की स्ट्रिप ठीक की..और दबे पॉव जयसिंह के पास आ कर खड़ी हुई और उसके हाथ के चिकोटी काटते हुए कहा, बड़े गंदे हो गए हो आप, और मुस्कुरा देती है, जयसिंह फिर उसे अपने बाहों में भर लेता है और उसके कान में कहता है, मेरे साथ दिल्ली चलोगी जान, मनिका आश्चर्य से पूछती है, आपको दिल्ली क्यों जाना है मेरे साथ? जयसिंह उसकी कान में रोमांटिक अंदाज़ में कहता है, वहां सिर्फ हम दोनों होंगे, और हमे कोई डिस्टर्ब नही करेगा, मनिका ये सुन कर कांप जाती है, उसके मन मे सपने आने लगते हैं, दिल्ली के होटल रूम में सिर्फ मैं और पापा होंगे अकेले, पापा मेरे साथ क्या क्या करेंगे, कोई हमे डिस्टर्ब भी नही करेगा, ये सोच कर उसका बदन सिहर उठता है, वो अपनी नजरें झुका लेती है, जयसिंह उसके चेहरे को ऊपर करता है और फिर पूछता है, बोलो डार्लिंग चलोगी न ? वो शर्माते हुए धीरे से बोलती है, यस पापा, चलूंगी..जयसिंह फिर उसे किस करने लगता है इस बार मनिका उसे रोकती नही हैं, कुछ देर किस के बाद मनिका को फिर होश आता है और वो बोलती है, पापा मुझे जाना चाहिए, जयसिंह उसे नही रोकता है, हल्के से दरवाजा खोल कर वो दबे हुए कदमो से सीढिया चढ़ते वो अपने रूम में चली जाती है, और धम्म से अपने बेड पे गिर पड़ती है,
 
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