- 706
- 3,037
- 124
सिलसिला हम दोनो के प्यार का था एक साल से जारी
और इस एक साल में असलम ने मेरी चुत दबा की मारी
बिना निकाह के मुझसे असलम मेरा बना हुआ था शोहर
मेरे हर एक छेद पर लगी हुई थी उसके लौड़े की मोहर
नशा असलम से चुदने का मुझपे हर दिन ही बढ़ता जाए
जितनी भी ये आग भुजाना चाहु ये उतनी ही बढ़ती जाए
जो बड़े मजे से जो चल रही थी हम दोनो के बीच चुदाई
उसको एकदिन मेरी बेटी ने आकार पीहर में रोक लगाई
बेबसी से देखी उसकी आँखों में और चेहरा था मुरझाया
देख कर अपनी बेटी की ऐसी हालत मेरा मन घबराया
मेरे बहुत पूछने पर शबनम अपनी मुश्किल लगी बताने
मेरी सास मारती रहती है आजकल मुझको दिन भर ताने
साल का अरसा बीत चुका था जब हुई थी उनकी शादी
और सास उसकी भड़क रही थी बनने को जल्दी से दादी
शबनम बोली जब जावेद से बिस्तर पर कुछ नहीं होता
अब कहाँ से ला कर दे दूं मैं उसकी माँ को उसका पोता
एक बार अस्पताल मैंने चोरी से अपना था टेस्ट करवाया
सच्ची अम्मी मैं मां बन सकती हूं डॉक्टर ने मुझे बताया
तुम्ही बताओ मुझको अम्मी मैं अब किसके नीचे लेट के
हाथ जोड़ के करु गुजारिश की वो मुझको कर दे पेट से
अपनी शबनम के लिए मुझे करना था अब कोई उपाय
ऐसा कुछ करना था जल्दी से कि उसका घर बच जाये
सोच लिया इसको भी है असलम के लौड़े के नीचे लाना
उसकेपहले मेरे और असलम का रिश्ता होगा इसे बताना
अगर यकीन है अपनी अम्मी पर तो कहना थी इक बात
मेरे और असलम में एक साल से है जिस्मानी तालुकात
असलम के ताकत और जोश की हो मैं चुकीअब दीवानी
एकबार तो मेरी भी कोख पलने लगी थी उसकी निशानी
मेरी बात मान ले शबनम बेटा असलम एक मर्द है सच्चा
बस चंद ही दिनों में वो तेरी कोख में दे देगा एक बच्चा
एक बार तू जो आ गई नीचे वो गाभिन तुझको कर देगा
अपने वीर्य की कर बोछार वो तेरी कोख को भर देगा
अम्मी अब तुम क्या बोल रही हो ये सब बेकार की बातें
तुम चाहती हो असलम के बिस्तर पर गुजारू अपनी रातें
मेर चाहना मायने नहीं रखता नहीं बेटी ये तेरी है मजबूरी
तेरी कोख में जल्दी इक बच्चा होना होगया बहुत जरूरी
लेकिन अम्मी ये कैसा हो सकता है वो है मेरा छोटा भाई
तो इस रिश्ते को भूल के कैसे करु मैं उसके साथ चुदाई
ये जिस्म की भूख है रुखसाना बातों से नहीं मिट पायेगी
आज गर असलम नहीं तो कल और किसी से मरवाएगी
अगर तुझे मंजूर है तो बोल असलम से मैं कर लुंगी बात
अगर वो भी मान गया तो तू चुदवा लेना आज ही रात
इतनी भी जल्दी नहीं अम्मी यहीं रहूंगीकुछ और भी रातें
पहले मैं भी देखना चाहती हूं तुमको असलम से मरवाते
देख लेना आज असलम वो कैसे लंड पे मुझे बिठाता है
पकड़ के मेरे चूचे गच्चा गच्च वो मेरी पूरी रात बजता है
रात को खिड़की से नीलू देख रही थी अपनी आँखें फाड़े
असलम जब मुझको चोद रहा था तो अपना लंड घुसाड़े
पूरी रात दौड़ाया असलम ने चूत में अपना तगडा घोड़ा
कोई भी छेद मेरा असलम ने दोबाराउस रात नहीं छोड़ा
मुझको तो डर लगता है अम्मी असलम तो है पूरा सांड
देखा मैंने वो कैसे आपकी कलरात को मर रहा था गांड
यादरख बेटी बिस्तर पे औरत को हमेशा वो मर्द है भाता
अच्छे से निचोड़ औरत को जो उसकी पूरी रात बजाता
सुबह मिली जब शबनम मुझको बोली शरमा के थोडा
अम्मी मैं त्यार हूं लेने के लिए असलम भाई का लौड़ा
और इस एक साल में असलम ने मेरी चुत दबा की मारी
बिना निकाह के मुझसे असलम मेरा बना हुआ था शोहर
मेरे हर एक छेद पर लगी हुई थी उसके लौड़े की मोहर
नशा असलम से चुदने का मुझपे हर दिन ही बढ़ता जाए
जितनी भी ये आग भुजाना चाहु ये उतनी ही बढ़ती जाए
जो बड़े मजे से जो चल रही थी हम दोनो के बीच चुदाई
उसको एकदिन मेरी बेटी ने आकार पीहर में रोक लगाई
बेबसी से देखी उसकी आँखों में और चेहरा था मुरझाया
देख कर अपनी बेटी की ऐसी हालत मेरा मन घबराया
मेरे बहुत पूछने पर शबनम अपनी मुश्किल लगी बताने
मेरी सास मारती रहती है आजकल मुझको दिन भर ताने
साल का अरसा बीत चुका था जब हुई थी उनकी शादी
और सास उसकी भड़क रही थी बनने को जल्दी से दादी
शबनम बोली जब जावेद से बिस्तर पर कुछ नहीं होता
अब कहाँ से ला कर दे दूं मैं उसकी माँ को उसका पोता
एक बार अस्पताल मैंने चोरी से अपना था टेस्ट करवाया
सच्ची अम्मी मैं मां बन सकती हूं डॉक्टर ने मुझे बताया
तुम्ही बताओ मुझको अम्मी मैं अब किसके नीचे लेट के
हाथ जोड़ के करु गुजारिश की वो मुझको कर दे पेट से
अपनी शबनम के लिए मुझे करना था अब कोई उपाय
ऐसा कुछ करना था जल्दी से कि उसका घर बच जाये
सोच लिया इसको भी है असलम के लौड़े के नीचे लाना
उसकेपहले मेरे और असलम का रिश्ता होगा इसे बताना
अगर यकीन है अपनी अम्मी पर तो कहना थी इक बात
मेरे और असलम में एक साल से है जिस्मानी तालुकात
असलम के ताकत और जोश की हो मैं चुकीअब दीवानी
एकबार तो मेरी भी कोख पलने लगी थी उसकी निशानी
मेरी बात मान ले शबनम बेटा असलम एक मर्द है सच्चा
बस चंद ही दिनों में वो तेरी कोख में दे देगा एक बच्चा
एक बार तू जो आ गई नीचे वो गाभिन तुझको कर देगा
अपने वीर्य की कर बोछार वो तेरी कोख को भर देगा
अम्मी अब तुम क्या बोल रही हो ये सब बेकार की बातें
तुम चाहती हो असलम के बिस्तर पर गुजारू अपनी रातें
मेर चाहना मायने नहीं रखता नहीं बेटी ये तेरी है मजबूरी
तेरी कोख में जल्दी इक बच्चा होना होगया बहुत जरूरी
लेकिन अम्मी ये कैसा हो सकता है वो है मेरा छोटा भाई
तो इस रिश्ते को भूल के कैसे करु मैं उसके साथ चुदाई
ये जिस्म की भूख है रुखसाना बातों से नहीं मिट पायेगी
आज गर असलम नहीं तो कल और किसी से मरवाएगी
अगर तुझे मंजूर है तो बोल असलम से मैं कर लुंगी बात
अगर वो भी मान गया तो तू चुदवा लेना आज ही रात
इतनी भी जल्दी नहीं अम्मी यहीं रहूंगीकुछ और भी रातें
पहले मैं भी देखना चाहती हूं तुमको असलम से मरवाते
देख लेना आज असलम वो कैसे लंड पे मुझे बिठाता है
पकड़ के मेरे चूचे गच्चा गच्च वो मेरी पूरी रात बजता है
रात को खिड़की से नीलू देख रही थी अपनी आँखें फाड़े
असलम जब मुझको चोद रहा था तो अपना लंड घुसाड़े
पूरी रात दौड़ाया असलम ने चूत में अपना तगडा घोड़ा
कोई भी छेद मेरा असलम ने दोबाराउस रात नहीं छोड़ा
मुझको तो डर लगता है अम्मी असलम तो है पूरा सांड
देखा मैंने वो कैसे आपकी कलरात को मर रहा था गांड
यादरख बेटी बिस्तर पे औरत को हमेशा वो मर्द है भाता
अच्छे से निचोड़ औरत को जो उसकी पूरी रात बजाता
सुबह मिली जब शबनम मुझको बोली शरमा के थोडा
अम्मी मैं त्यार हूं लेने के लिए असलम भाई का लौड़ा