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आजकल अपनी बहन को चोदने का प्रचलन बहुत ज्यादा बढ़ गया है , विशेषकर अपनी सगी बहन को चोदने का , इसका क्या कारण है ?
आजकल अपनी बहन को चोदने का प्रचलन बहुत ज्यादा बढ़ गया है , विशेषकर अपनी सगी बहन को चोदने का , इसका क्या कारण है ?
Daily accidentally kuchh na kuch dikh Jana jisse erection hone lagta hai uper incest story padhne se dimaag mein wahi bhara hota hai aur use hi real life mai imagine krte hai
iska sabse bada reason hai that k koi ladka opposite female body se interact pehli bar apne ghar me hi karta either mom or sis. bhut cases me ya in genral bol lo school time me sab ladke and ladkiya ek dusre se dur hi rehte the im not talking abt those who were born after 2004 fuck they are 20 now which i cant belive.
But to all those 90s born hum sbne school time me intialy school days me aisa hi rkha hai k ladke ladkiya baat nhi krenge agar krenge to sirf ladai karenge i belive its universal in that time all over kuch alag ho skta surely but in genral. to aise me sirf ghar me hi hoti hai female jo aapse baat krti hai ache se sunti b hai baat ko. and thats why the attraction began atleas for me im not into my mom or sis but im genraly saying i belive this is the reason k tumne 100 ladkiyo se interect kiya jisme se 99 ko tum ignore kr rhe ho ya vo tumhe to jo ek bachti hai and as u grow older or aapki tharak jagti hai to its natural k us ladki ki trf attraction hoti jo aapse interact b karti hai regular basis pe
हर घर में व्यभिचार पनपता है। औरत और मर्द दोनों का रिश्ता ही ऐसा है कि, दोनों एक दूसरे के प्रति आकर्षित होते जाते हैं। विज्ञान इसे अपनी भाषा में हार्मोन्स का रिसाव कहता है। टेस्टोस्टेरोन एवं एस्ट्रोजन का खेल। जब इनका रिसाव होता है तो दोनों मर्द और अविरत एक दूसरे के प्रति आकर्षित होते हैं,अब साधारण भाषा में इसे प्रेम कहते हैं। एक दूजे के प्रति इसी आकर्षण से दोनों करीब आकर शारीरिक संबंध बनाते अर्थात साधारण भाषा में चुदाई करते हैं या बूर में लण्ड घुसाकर मज़े करते हैं। ये संसार का स्वाभाविक नियम है, जिससे शायद ही कोई भी शिक्षित व्यक्ति आस्वीकार कर सके। परंतु जब यही चीज़ घर के अंदर होने लगे तो उसे यही लोग व्यभिचार कहने लगते हैं। समाज में इससे बहुत बदनामी होती है जिसके डर से लोग इन चीजों को बाहर आने आने नही देते। जो इसमें संलिप्त हो जाते हैं वो इसे गोपनीय रखने की चेष्टा करते हैं। ये बात हर कोई जानता है कि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, किन्तु विज्ञान ने हमें जानवर की श्रेणी में ही रखा है। जानवरों में प्रजनन की प्रक्रिया के लिए संभोग/ समागम/ चुदाई की जाती है। ये शरीर की आवश्यकता है, और प्रकृति के लिए नए प्राणी का मार्ग भी है। केवल मनुष्य एक ऐसा प्राणी है, जो मज़े के लिए चुदाई करता है। अन्य बाकी जीव केवल एक खास मौसम में प्रकृति के नियमों का पालन करते हैं। आदमी की जरूरत होने पर वो भी स्त्री को संसर्ग/ चुदाई के लिए ढूंढता है। पहले घरों में बेटीयों बहनों की शादी जल्दी हो जाती थी, तो उन्हें समय से चुदाई सुख मिलता था। बूर में लंड घुसवाके वो भी मस्त हो जाती थी और उन्हें खूब बच्चे भी होते थे। आजकल बेटीयों, बहनों की शादी में काफी विलंब हो जाता है। इस कारण बेटों और भाइयों की शादी भी देर से हो रही है। ज़माने की भाग दौड़ में लोग इनकी शारीरिक जरूरतों को अनदेखा कर रहे हैं। जिस कारण फलस्वरूप ये एक दूसरे के प्रति आकर्षित हो कर चुदाई में लिप्त हो जाते हैं। बहनें अपने भाइयों के सामने बूर खोलके लेट जाती हैं और भाइयों का कड़ा लंड लेकर मस्ती से चुदवाती हैं। बाहर का बॉयफ्रेंड तो बस उन्होंने खर्चों के लिए बना रखा है। वो बस ऊपर से मज़े लेते हैं, असली मज़ा तो घर के भाई, देवर, ससुर, बेटा देता है। इससे घर की बात अंदर ही रहती है, और बदनामी का डर भी नहीं। ना जाने कितनी बहनें आजकल रात भाइयों के बिस्तर में बिताती है और कितनीं भाभियाँ खुद ही देवर को अपने कमरे में बुलाकर चुदाई का आनंद ले रही हैं। जिनके पति बाहर हैं, उन बेचारी स्त्रियों का क्या दोष, बूर में लंड की जरूरत तो बनी ही रहती हैं। ऐसे में उनकी मदद घर के देवर, जेठ, ससुर, भाई, बाप ही करते हैं। बेटियां भी अपने विधुर बाप के साथ संभोग की क्रीड़ा में सम्मिलित होती जा रही है। नौजवान बेटीयाँ अपनी रिसती हुई बूर में बाहर के लण्ड के बदले घर का अनुभवी लंड लेना ज़्यादा पसंद कर रही हैं। बाप भी जवान बेटी की गंदी हरकतों को घर में ही सहमति दे देते हैं। इन पापा की परियों के लिए तो बाप ही सर्वोपरि होता है। सुहागरात के दिन पवित्र होने का नाटक करती हैं, पर सच्चाई कुछ और ही होती हैं। असल में ये घर की औरतें भी नहाते और मूतने के समय खूब अंग प्रदर्शन करती हैं, और अपने अंदर के तूफान को शांत करने के लिए, लण्डों को रिझाती हैं।
Iski wajh h ghar k andar khula maahol. Sabhi k paas persnl fon h, social media par activr h, video photo post kiye jaa rahe hain, semi nude, hot expression waale sab like or follwer k comption me hai, kuchh behniya to paise bhi bnaane lagi hai, in sabka bhaai baap poori family ko pta hai, lekin wo apni beti behan ko sirf ek model samjne lage hain, or rishto ko ingnore kar behan beti k nang naach me shaamil hokar maje lene lage hain, kuch bhaai himmati hote hai jo behan ko pel dete hain, kuch sirf behne k reel video me hilte chooche dekh hilaate rahte haiआजकल अपनी बहन को चोदने का प्रचलन बहुत ज्यादा बढ़ गया है , विशेषकर अपनी सगी बहन को चोदने का , इसका क्या कारण है ?
Chodan or bhojan shrir ki jrurat hoti hai, or jab jism me bhookh lagti to insaan ho yaa janwaar sab apni bhookh mitaane ki koshish me lag jaate h. Ten years to chhodo usse pehle bhi incest chudaayi gharo me hoti rahi hai, jiske pramaan the gali mohllo कूडे के dher me milne waale navjaat bacche athwa unke shav.social midea and all vo sab to aajkal suru hua hai bhai i mean go back 10 years usse pehle itna jyada nhi tha ye sb itna open