इस कहानी के पहले अपडेट मे आपने जिस तरह से पदमा देवी और उनके हसबैंड बालचंद के बीच उनके एकलौते संतान अंशुल को लेकर नोक-झोंक दिखाया वह आउटस्टैंडिंग था ।
उनकी देहाती बोली , गांव का नेचुरल देहाती माहौल , हसबैंड वाइफ के बीच की खाई , पदमा का अपने पुत्र का ब्लाइंड सपोर्ट , अंशुल की खुबसूरती की वजह से किसी का बुरी नजर लगना और उसकी तबीयत खराब होना सबकुछ परफेक्ट और रियलिस्टिक लगा मुझे ।
नयना का किरदार अबतक का इस स्टोरी का सबसे बेहतरीन कैरेक्टर लगा । उसका अंशुल के प्रति दीवानगी , निश्छल प्रेम , बेवाक अंदाज , उसके आचार - विचार अत्यंत ही प्रशंसनीय थे ।
लेकिन यह अब तक क्लियर नही हुआ कैसे नयना और अंशुल के बीच इन्सेस्टियस रिलेशनशिप की नींव पड़ी ?
इनके दरम्यान हुए जिस्मानी संबंध को आपने बंद दरवाजे के पीछे दिखाया जो अन्य ऐसे कहानियों से बिल्कुल अलग था । लेकिन जो भी था वह रीडर्स के अन्तर्मन पर छाप छोड़ने लायक था ।
राइटिंग स्किल बहुत ही खूबसूरत है । संवाद लेखन भी बढ़िया लिखा है आपने । और गांव के परिवेश का वर्णन भी काफी सटीक किया हुआ है ।
इस स्टोरी मे काफी कुछ स्कोप है । यह विस्तृत इरोटिक स्टोरी बन सकती है जहां इन्सेस्ट , एडल्टरी , इमोशंस , फैमिली ड्रामा की काफी गुंजाइश है ।
आउटस्टैंडिंग अपडेट भाई ।