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Incest आह..तनी धीरे से.....दुखाता.

whether this story to be continued?

  • yes

    Votes: 44 97.8%
  • no

    Votes: 1 2.2%

  • Total voters
    45

Lovely Anand

Love is life
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आह ....तनी धीरे से ...दुखाता
(Exclysively for Xforum)
यह उपन्यास एक ग्रामीण युवती सुगना के जीवन के बारे में है जोअपने परिवार में पनप रहे कामुक संबंधों को रोकना तो दूर उसमें शामिल होती गई। नियति के रचे इस खेल में सुगना अपने परिवार में ही कामुक और अनुचित संबंधों को बढ़ावा देती रही, उसकी क्या मजबूरी थी? क्या उसके कदम अनुचित थे? क्या वह गलत थी? यह प्रश्न पाठक उपन्यास को पढ़कर ही बता सकते हैं। उपन्यास की शुरुआत में तत्कालीन पाठकों की रुचि को ध्यान में रखते हुए सेक्स को प्रधानता दी गई है जो समय के साथ न्यायोचित तरीके से कथानक की मांग के अनुसार दर्शाया गया है।

इस उपन्यास में इंसेस्ट एक संयोग है।
अनुक्रमणिका
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भाग 126 (मध्यांतर)
 
Last edited:

Parallel lund

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Ye sab apki story padhne ke baad jaagi hui vasna ka khel hai..lekin dar tha kahi ghrwalo ko bta na de lekin shuruwat esi hui ki dheere dheere asaan hota chla gya..fir story'ko main page pa rakh diya or din ke sone ka natak krta tha..wo phone leti or story' to main page par tha hi to khub padhne lgi or latt si lag gyi is story ko pdhne ki ..to jab b moka milta pdhne lgti sugna or saryu ke update..fir kya me history check krne lga phone ki to pakad me aa gyi..bas fir shuru ho gyi hmari kahani...ab sath padhte h ..ek hath me uske mera ozar or mere muh me uske kabhi honth or kbhi dudu..or ek hath me rasili choot.. fir chudai shuru..kya btauu apko itni gili or rasili choot meri bivi ki bhi nahi hui kabhi...gilapan to esa hi pura hath ras se bheeg jata h or jab story pdhte hein to or bhi jyada mahol garam ho jata hai
@ tarahb ji mujhe dm kariye kuch jaruri baat karni hai
 
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जबरदस्त अपडेट है ।कहानी बहुत ही शानदार ढंग से आगे बढ़ रही है । देखना यह है कि सोनू ओर सुगना का मिलन किस तरह होता है और एक सीन सोनू सुगना तथा लाली का 3sum हो जाए तो कहानी में ओर भी ज्यादा मजा आ जाएगा
 

Vinita

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लगता है अभी हसरतो का अंजाम तक पहुचना बाकी है
लब से लबो का टकराना बाकि है
कश्ती का साहिल पे आना बाकी है।
लेखक महोदय का बिना बंदूक से गोली चलाये स्खलन काराना जारी है 🙏
 
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नियति सोनू के भाग्य पर रश्क कर रही थी। क्या होने वाला था? सोनू के पुरुषत्व को बचाने के लिए जौनपुर के अखाड़े में किसे कूदना था लाली को या सुगना को या दोनों बहने एक साथ मैदान में उतरने की तैयारी में थी…

उधर सोनू अपने हथियार को अपने हाथ में लिए उसे सब्र करने को समझा रहा था…और अपने इष्ट से लगातार मिन्नते कर रहा था …सुगना को पाने के लिए उसकी उसकी मांगे कुछ उचित थी कुछ अनुचित…. ईश्वर स्वयं उसकी अधीरता से तंग आ चुके थे और आखिरकार……





ये शनिवार सप्ताह मे एक ही क्यों आता है। पाठक तो चाहते है की रोजाना ही शनिवार हो.................... और उनको ये कहानी का अपडेट रोजाना पढ़ने को मिले.....
 

Ghevade123

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सोनु के लिए तो सगुना जैसी कोई नहीं है| सगुना पहले पहल करके जौनपुर के बंगले मै सोनु संग चुदाई का आंनद लेना चाहिए था |
 

sunoanuj

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Bhaut hi behtarin updates….. mitr
 
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