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ये एक छोटी सी प्यारी कहानी होगी...यह पूरी तरह से काल्पनिक कहानी होगी यहां दिए गई किरदार के नाम मात्र कहानी को समझने में सहायता के लिय है यहा दिए गई नाम का किसी से को लेना देना नही नही की समाज या धर्म से इस का संबंध है....
ये एक छोटी सी प्यारी कहानी होगी...यह पूरी तरह से काल्पनिक कहानी होगी यहां दिए गई किरदार के नाम मात्र कहानी को समझने में सहायता के लिय है यहा दिए गई नाम का किसी से को लेना देना नही नही की समाज या धर्म से इस का संबंध है....
Nice startUpdate 01
सोनू अपनी मां की तस्वीर देख मुस्करा रहा अपने खयालों में डूबा हुआ था....
सोनू का दोस्त – यार ये कोन है....कब से देखे जा रहा है...
सूरज (सोनू) – ये मेरी मां है...मेरी शाक्षी मां...मेरी जान...
सोनू का दोस्त – यार आंटी की स्माइल बहोत प्यारी हे...
सोनू – ये तो है यार इसी प्यारी मुस्कान ने मेरा दिल चुरा लिया है यार...अब तो मां के सिवा कोई लड़की अच्छी नहीं लगती....
सोनू का दोस्त – यार इतनी खूबसूरत मां हो तो किसी का भी दिल आ जाय....
सोनू – भाई देख तो सही इतना प्यारा कोई कैसे हो सकता है यार...में तो मां का दीवाना हो गया हूं... तुझे अपनी मां से प्यार नहीं हुआ क्या....
सोनू का दोस्त – यार सच कहूं तो मेरी मां इतनी खूबसूरत नही लेकिन में भी उन्हे अपना बनाना चाहता हु लेकिन ये मुनकिन नहीं है....
सोनू – भाई पता है आज पूरे 2 साल हो चुके है में मां से नहीं मिला..
सोनू का दोस्त – क्यू पागल में तेरी जगह होता तो आंटी से रोज मिलने जाता घर हा हा....
सोनू – भाई में 25 साल का हो गया अब...और हमारे घर की एक परंपरा है की... अगर बेटा दो साल तक मां से अलग रहे और उसकी शादी 25 साल तक नही हुए हो तो...उसकी मां उसकी पत्नी के सारे धर्म निभाती है...जब तक की बेटे की शादी नही होती.....
सोनू का दोस्त – यार मतलब अब आंटी से तेरी शादी होगी... उफ्फ...भाई तेरी तो किस्मत खुल गई...तेरी मां तो एक दम मस्त माल़ हे... सोरी भाई.....
सोनू – नही भाई... शादी नही होगी...मां बेटे के रिश्ते को शादी जैसे बंधन की ज़रूरत नही....अब से मां पे मेरा पूरा हक होगा...लेकिन मुझे उनकी इजाजत से करना होगा बस... और मां को आदर सम्मान देना होगा....
सोनू का दोस्त – यार तो यहां क्यों पड़ा हे घर जा अपने... शाक्षी आंटी को सोने ही मत दियो...
सोनू – पागल पापा भी ही घर में...इतना आसान नहीं मां के साथ करना.... वैसे मां को तो इसे प्यार दूंगा की पापा को भूल जाएगी मेरी शाक्षी में आ रहा हु....
ट्रेन में बैठ के.... मां को कॉल किया....
में – मां कैसी हो....
मां – बहुत अच्छी मेरे बच्चे....कब आएगा तू घर....
में – मां तैयार रहना...याद हैं ना आप को वादा...वो दिन आ गया है...
मां – क्या बेटा कोनसा वादा...मुझे कुछ याद नहीं....
में गुस्सा होके नाराज होते हुए बोला – मां आप कैसे भूल सकती हो... भूल गई आप ने ही तो ये सब मुझे बोला था...वो हमारे घर की परंपरा वो सब....
मां –(बेटे को तंग करते हुए...मुंह पे हसी होती है) बेटा वो तो बस मेने इसे ही बोला था तू सच समझ लिया...एक दम बुद्दू हो तुम....
में एक दम शोक में बोला – क्या मां...में कुछ नही जनता आप को मेरी कसम आप को मेरा साथ देना होगा..... अब में आप के बिना नहीं रह सकता मां....मां को में मेरी बना के रहूंगा... अब तो पापा के सामने ही आप को.....
मां – हा हा..... में तो मजाक कर रही हु मेरे लाल.... अब तो हम दोनो को एक होने से कोई नहीं रोक सकता मेरे बच्चे... सुनो में चाहती हू की 2 साल के जब हम मिले ये हमारी मिलन की रात हो...और इस लिए तुम मेरे लिए अपनी पसंद की सारी ले आना... रीति रिवाज के मुताबिक पहली रात को मां को बेटे की लाई हुए सारी पहननी होती है... और हा मेरे बच्चे अपनी मां पहन पाई ऐसा ब्लाउज लाना नही तो तेरे पापा गुस्सा होंगे....
में – मां अब पापा की नही मेरी पसंद की सारी पहननी है आप को...और में मेरी मां की खूबसूरती छुपाना नही चाहता मां...आप तैयार रहना...आप की खूबसूरती सब देख जल जायेंगे कल......
मेरी मां की योनि पानी छोड़ देती है मेरी बाते सुन...के उसे पता था कि मेरी पसंद कैसी थी...और मेरी प्यारी मां ने अपने जीवन में कभी बैकलेस नहीं पहना था...न वो अपनी कमर दिखने देती थी....वो तो मचल उठी थी की कल उसका बेटा उसे क्या पहना देगा.....