मोहसीन आज 18 साल का हो गया था और वो अपने दोस्तों के साथ जन्मदिन की पार्टी करने जा रहा था। उसके कुछ दोस्त तो अपनी गर्लफ्रेंड को भी पार्टी पर ला रहे थे। जब वो तैयार हो रहा था तो उसकी ज़ैनब बाजी भी पार्टी में जाने की ज़िद करने लगी। ज़ैनब अपने भाई से 3 साल बड़ी थी। मोहसिन जानता था की उसके दोस्त उसकी बाजी को पटाखा कह कर मज़े लेते हैं। ज़ैनब थी ही इतनी सेक्सी। 5 फ़ीट 3 इंच का कद, गोरी इतनी जैसे कोई अँगरेज़ लड़की हो, भूरी आँखें, गोल चेहरा, भरा हुआ जिस्म, गठीली जांघें, उन्नत चूचि, सपाट पेट, नुकीले निप्पल, मस्त होंठ और सब से ज्यादा उसके मस्त मोटे उभरे हुए कूल्हे।
मोहसिन जब अपनी बाजी को चलते देखता तो उसका दिल बेईमान होने लगता। ज़ैनब के मटकते कूल्हे उसके दिल पर वार करते और वो सिसकी ले कर रह जाता। ज़ैनब घर में तो स्कर्ट्स पहन कर घूमती और बाहर जीन्स पहनती जिस के ऊपर वो टाइट से टाइट बिना कालर वाली टीशर्ट पहनती थी। जब उसकी चूचि ऊपर नीचे होती तो उसका भाई मोहसिन तो एक तरफ, उसका अब्बू सूफियान भी बस देखता ही रह जाता। सूफियान की उम्र 50 के करीब थी, लेकिन उसका लंड बैठने का नाम न लेता और वो अफ़सोस करने लगता की ज़ैनब जैसी मस्त लड़की को चोदना किसी गैर मर्द की किस्मत में है।
वह मन ही मन सोचता – काश मैं अपनी बेटी को चोद सकता!
जब एक बाप अपनी ही बेटी की चूत में लंड पेलने के लिए तरस जाता, तो मोहसिन तो उसका भाई था। मोहसिन 6 फुट का तंदरुस्त मर्द था और उसका 8 इंच का लंड अभी कुंवारा था जो बस अपने ही घर की औरतों को देख मन मार कर रह जाता था।