Svin
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kuch point hai
dono bhai bahan ka flashback jarur dikhana
dono bhai bahan ka flashback jarur dikhana
dil ko chu lene wala update hai bahut badhiya likh rahe dostअध्याय 04 भाई - बहन
वे शाम का नाश्ता करने चले जाते है। जब वे नाश्ता कर रहे थे तब शौर्य ने अपनी बहन को गौर से देखा। भले ही उसकी बहन केवल एक साल बड़ी थी लेकिन उसके चेहरे पर एक अजीब सी शांति थी। ऐसा लग रहा था जैसे उसने बहुत दुनिया देख रखी हो। वह भी शौर्य के क्लास में ही पढ़ती थी लेकिन अब तक उसने बहुत सारे पार्ट टाइम जॉब किए थे। घर पर उन दोनो को कभी पॉकेट मनी नही मिली। या यू कहो मिली तो थी पर उनकी पॉकेट मनी बाकी की बहने जब्त कर लेती थी।
"क्या हुआ भाई ऐसे क्यों देख रहे हो?? मेरे चेहरे पर कुछ लगा है क्या?" जब प्रिया शौर्य को अपनी तरफ ऐसे घूर घूर कर देखते हुए पाती है तो वह पूछ बैठती है।
"कु… कुछ नहीं दीदी।" फिर अपने आप को संभालकर शौर्य कहता है "दीदी अपना हाथ आगे करना।"
प्रिया बिना हिचकिचाए अपना हाथ शौर्य के हाथो में दे देती है। शौर्य प्रिया की हथेली पकड़कर उसकी नब्ज़ को चेक करता है। जैसे जैसे समय बीत रहा था वैसे वैसे शौर्य के चेहरे के भाव बदल रहे थे। यह बात प्रिया ने भी नोटिस की।
"भाई क्या बात है।" प्रिया ने पूछा।
"दीदी हम रूम में चलकर बात करते है।" इतना कहकर शौर्य रूम की ओर जाने लगा। प्रिया भी इसके पीछे पीछे चल दी। जब प्रिया रूम में पहुंची तो शौर्य उसको सोफे पर बिठा दिया और वह उसकी गोद में सर रखकर पसर गया।
"दीदी क्या आपने कभी अपना चेकअप करवाया है।" शौर्य प्रिया से पूछता है।
"किस चीज का चेकअप भाई।" प्रिया कन्फ्यूजन में शौर्य से पूछती है।
"दीदी यही की आपको अजीब नही लगता की आपकी बॉडी इतनी मोटी और आपकी स्किन इतनी रूखी सी क्यों है??" शौर्य प्रिया को बताता है। जैसे ही प्रिया ये बात सुनती है उसके हाथ जो की बड़े प्यार से शौर्य के सर को सहला रहे थे। बीच हवा में ही रुक गए। उसकी आंखों में आंसू की कुछ बूंदे अपने आप आ गई।
जब शौर्य को कोई जबाव नहीं मिला तो वह थोड़ा हैरान हो गया। जब उसे ध्यान आया की उसने अभी अभी अपनी सबसे प्यारी दीदी को मोटी बोला तो उसे अपने आप पर गुस्सा आने लगा।
शौर्य सोफे से उतरकर फर्श पर बैठ गया। वह अपनी बहन के आंखो से आंसू पोछता है। "दीदी आपको एक बात बतानी थी।"
इसपर प्रिया कुछ नही बोलती। फिर शौर्य आगे कहता है "दीदी जब मैं हॉस्पिटल में बेहोश पड़ा था तो ऐसा लगा जैसे मैं उस पांच घंटे में एक अलग जिंदगी जी है। मेरी उस जिंदगी में सिर्फ लड़ाई झगडे मार काट खून खराबा ही थी। उसमे मैं एक अच्छा मार्शल आर्टिस्ट भी था। साथ ही साथ मैंने आयुर्वैदिक और आधुनिक चिकित्सा पर भी काफी अच्छी पकड़ बनाई थी। मैं उस जिंदगी में केवल किसी के नब्ज को चेक कर के ही बता सकता था की कौन सी बीमारी है। फिर जब उस जिंदगी में मेरी मौत हो गई तो मैं फिर अपने शरीर में वापस लौट आया। जब अभी मैंने आपकी नब्ज को देखा तो ऐसा लगा जैसे आपकी यह कंडीशन जन्म से नहीं है किसी ने आपको पॉयजन दिया था। इसीलिए मैंने पूछा की कभी अपने अपना चेकअप करवाया है।" यह कहकर शौर्य कुछ देर तक चुप रहा। फिर प्रिया की गोद में अपना सर रखकर बोलता है "दीदी आप मेरे से नाराज मत होना आपने मुझे मां बाप भाई बहन सभी का प्यार दिया है। अगर आप ही मुझसे रूठ गई तो मैं क्या करूंगा दीदी!!"
प्रिया यह सब सुनकर कुछ देर शॉक्ड रही फिर शौर्य को अपने से कसकर गले लगा लिया। जिससे शौर्य के आंखो से आंसू बहने लगे। 'आरुष' अपनी पुरानी जिंदगी के बारे में याद करने लगा था वहा पर कोई भी प्यार करने वाला नही था। लेकिन शौर्य से इस जिंदगी में उसे जान से ज्यादा प्यार करने वाली बहन जो मिली थी। "मैं तुमसे कैसे नाराज हो सकती हूं भाई तुम तो मेरी जान हो। और हा अब जब तुमने मेरी हालत के बारे में इतना पता कर ही लिया है तो इलाज भी जनता होगा। मुझको जल्दी ठीक करना होगा तुझे।"
"दीदी आपको नहीं लगता की मै झूठ बोल रहा हूं।" शौर्य प्रिया से पूछता है। उसे इस बात की हैरानी हो रही थी की कोई इतनी अद्भुत बात एक बार में ही कैसे समझ सकता है और विश्वास भी कर ले।
"भाई इन्ही हाथो से मैने पाला है तुझे इतना तो जानती हूं की चाहे तू कितनी भी जिंदगी जी ले लेकिन मुझे पता है की कब तू सच बोल रहा है और कब झूठ। और अगर तेरे हाथ की जहर भी मुझे पीनी पड़े तो मैं खुशी खुशी पी लूंगी।" प्रिया शौर्य की बालो को सहलाते हुए बोली। शौर्य की आंखो से आंसू लगातार बहने लगे। उसे आज पता चला की उसकी दुनिया के ताने को सहती यह बहन उससे कितना प्यार करती है।
दोनो एक दूसरे के गले लगाए ही बिस्तर पर चले गए कब उनकी आंख लगी पता ही नही चला।
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Behtreen updateअध्याय 04 भाई - बहन
वे शाम का नाश्ता करने चले जाते है। जब वे नाश्ता कर रहे थे तब शौर्य ने अपनी बहन को गौर से देखा। भले ही उसकी बहन केवल एक साल बड़ी थी लेकिन उसके चेहरे पर एक अजीब सी शांति थी। ऐसा लग रहा था जैसे उसने बहुत दुनिया देख रखी हो। वह भी शौर्य के क्लास में ही पढ़ती थी लेकिन अब तक उसने बहुत सारे पार्ट टाइम जॉब किए थे। घर पर उन दोनो को कभी पॉकेट मनी नही मिली। या यू कहो मिली तो थी पर उनकी पॉकेट मनी बाकी की बहने जब्त कर लेती थी।
"क्या हुआ भाई ऐसे क्यों देख रहे हो?? मेरे चेहरे पर कुछ लगा है क्या?" जब प्रिया शौर्य को अपनी तरफ ऐसे घूर घूर कर देखते हुए पाती है तो वह पूछ बैठती है।
"कु… कुछ नहीं दीदी।" फिर अपने आप को संभालकर शौर्य कहता है "दीदी अपना हाथ आगे करना।"
प्रिया बिना हिचकिचाए अपना हाथ शौर्य के हाथो में दे देती है। शौर्य प्रिया की हथेली पकड़कर उसकी नब्ज़ को चेक करता है। जैसे जैसे समय बीत रहा था वैसे वैसे शौर्य के चेहरे के भाव बदल रहे थे। यह बात प्रिया ने भी नोटिस की।
"भाई क्या बात है।" प्रिया ने पूछा।
"दीदी हम रूम में चलकर बात करते है।" इतना कहकर शौर्य रूम की ओर जाने लगा। प्रिया भी इसके पीछे पीछे चल दी। जब प्रिया रूम में पहुंची तो शौर्य उसको सोफे पर बिठा दिया और वह उसकी गोद में सर रखकर पसर गया।
"दीदी क्या आपने कभी अपना चेकअप करवाया है।" शौर्य प्रिया से पूछता है।
"किस चीज का चेकअप भाई।" प्रिया कन्फ्यूजन में शौर्य से पूछती है।
"दीदी यही की आपको अजीब नही लगता की आपकी बॉडी इतनी मोटी और आपकी स्किन इतनी रूखी सी क्यों है??" शौर्य प्रिया को बताता है। जैसे ही प्रिया ये बात सुनती है उसके हाथ जो की बड़े प्यार से शौर्य के सर को सहला रहे थे। बीच हवा में ही रुक गए। उसकी आंखों में आंसू की कुछ बूंदे अपने आप आ गई।
जब शौर्य को कोई जबाव नहीं मिला तो वह थोड़ा हैरान हो गया। जब उसे ध्यान आया की उसने अभी अभी अपनी सबसे प्यारी दीदी को मोटी बोला तो उसे अपने आप पर गुस्सा आने लगा।
शौर्य सोफे से उतरकर फर्श पर बैठ गया। वह अपनी बहन के आंखो से आंसू पोछता है। "दीदी आपको एक बात बतानी थी।"
इसपर प्रिया कुछ नही बोलती। फिर शौर्य आगे कहता है "दीदी जब मैं हॉस्पिटल में बेहोश पड़ा था तो ऐसा लगा जैसे मैं उस पांच घंटे में एक अलग जिंदगी जी है। मेरी उस जिंदगी में सिर्फ लड़ाई झगडे मार काट खून खराबा ही थी। उसमे मैं एक अच्छा मार्शल आर्टिस्ट भी था। साथ ही साथ मैंने आयुर्वैदिक और आधुनिक चिकित्सा पर भी काफी अच्छी पकड़ बनाई थी। मैं उस जिंदगी में केवल किसी के नब्ज को चेक कर के ही बता सकता था की कौन सी बीमारी है। फिर जब उस जिंदगी में मेरी मौत हो गई तो मैं फिर अपने शरीर में वापस लौट आया। जब अभी मैंने आपकी नब्ज को देखा तो ऐसा लगा जैसे आपकी यह कंडीशन जन्म से नहीं है किसी ने आपको पॉयजन दिया था। इसीलिए मैंने पूछा की कभी अपने अपना चेकअप करवाया है।" यह कहकर शौर्य कुछ देर तक चुप रहा। फिर प्रिया की गोद में अपना सर रखकर बोलता है "दीदी आप मेरे से नाराज मत होना आपने मुझे मां बाप भाई बहन सभी का प्यार दिया है। अगर आप ही मुझसे रूठ गई तो मैं क्या करूंगा दीदी!!"
प्रिया यह सब सुनकर कुछ देर शॉक्ड रही फिर शौर्य को अपने से कसकर गले लगा लिया। जिससे शौर्य के आंखो से आंसू बहने लगे। 'आरुष' अपनी पुरानी जिंदगी के बारे में याद करने लगा था वहा पर कोई भी प्यार करने वाला नही था। लेकिन शौर्य से इस जिंदगी में उसे जान से ज्यादा प्यार करने वाली बहन जो मिली थी। "मैं तुमसे कैसे नाराज हो सकती हूं भाई तुम तो मेरी जान हो। और हा अब जब तुमने मेरी हालत के बारे में इतना पता कर ही लिया है तो इलाज भी जनता होगा। मुझको जल्दी ठीक करना होगा तुझे।"
"दीदी आपको नहीं लगता की मै झूठ बोल रहा हूं।" शौर्य प्रिया से पूछता है। उसे इस बात की हैरानी हो रही थी की कोई इतनी अद्भुत बात एक बार में ही कैसे समझ सकता है और विश्वास भी कर ले।
"भाई इन्ही हाथो से मैने पाला है तुझे इतना तो जानती हूं की चाहे तू कितनी भी जिंदगी जी ले लेकिन मुझे पता है की कब तू सच बोल रहा है और कब झूठ। और अगर तेरे हाथ की जहर भी मुझे पीनी पड़े तो मैं खुशी खुशी पी लूंगी।" प्रिया शौर्य की बालो को सहलाते हुए बोली। शौर्य की आंखो से आंसू लगातार बहने लगे। उसे आज पता चला की उसकी दुनिया के ताने को सहती यह बहन उससे कितना प्यार करती है।
दोनो एक दूसरे के गले लगाए ही बिस्तर पर चले गए कब उनकी आंख लगी पता ही नही चला।
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Nice and superb update....अध्याय 04 भाई - बहन
वे शाम का नाश्ता करने चले जाते है। जब वे नाश्ता कर रहे थे तब शौर्य ने अपनी बहन को गौर से देखा। भले ही उसकी बहन केवल एक साल बड़ी थी लेकिन उसके चेहरे पर एक अजीब सी शांति थी। ऐसा लग रहा था जैसे उसने बहुत दुनिया देख रखी हो। वह भी शौर्य के क्लास में ही पढ़ती थी लेकिन अब तक उसने बहुत सारे पार्ट टाइम जॉब किए थे। घर पर उन दोनो को कभी पॉकेट मनी नही मिली। या यू कहो मिली तो थी पर उनकी पॉकेट मनी बाकी की बहने जब्त कर लेती थी।
"क्या हुआ भाई ऐसे क्यों देख रहे हो?? मेरे चेहरे पर कुछ लगा है क्या?" जब प्रिया शौर्य को अपनी तरफ ऐसे घूर घूर कर देखते हुए पाती है तो वह पूछ बैठती है।
"कु… कुछ नहीं दीदी।" फिर अपने आप को संभालकर शौर्य कहता है "दीदी अपना हाथ आगे करना।"
प्रिया बिना हिचकिचाए अपना हाथ शौर्य के हाथो में दे देती है। शौर्य प्रिया की हथेली पकड़कर उसकी नब्ज़ को चेक करता है। जैसे जैसे समय बीत रहा था वैसे वैसे शौर्य के चेहरे के भाव बदल रहे थे। यह बात प्रिया ने भी नोटिस की।
"भाई क्या बात है।" प्रिया ने पूछा।
"दीदी हम रूम में चलकर बात करते है।" इतना कहकर शौर्य रूम की ओर जाने लगा। प्रिया भी इसके पीछे पीछे चल दी। जब प्रिया रूम में पहुंची तो शौर्य उसको सोफे पर बिठा दिया और वह उसकी गोद में सर रखकर पसर गया।
"दीदी क्या आपने कभी अपना चेकअप करवाया है।" शौर्य प्रिया से पूछता है।
"किस चीज का चेकअप भाई।" प्रिया कन्फ्यूजन में शौर्य से पूछती है।
"दीदी यही की आपको अजीब नही लगता की आपकी बॉडी इतनी मोटी और आपकी स्किन इतनी रूखी सी क्यों है??" शौर्य प्रिया को बताता है। जैसे ही प्रिया ये बात सुनती है उसके हाथ जो की बड़े प्यार से शौर्य के सर को सहला रहे थे। बीच हवा में ही रुक गए। उसकी आंखों में आंसू की कुछ बूंदे अपने आप आ गई।
जब शौर्य को कोई जबाव नहीं मिला तो वह थोड़ा हैरान हो गया। जब उसे ध्यान आया की उसने अभी अभी अपनी सबसे प्यारी दीदी को मोटी बोला तो उसे अपने आप पर गुस्सा आने लगा।
शौर्य सोफे से उतरकर फर्श पर बैठ गया। वह अपनी बहन के आंखो से आंसू पोछता है। "दीदी आपको एक बात बतानी थी।"
इसपर प्रिया कुछ नही बोलती। फिर शौर्य आगे कहता है "दीदी जब मैं हॉस्पिटल में बेहोश पड़ा था तो ऐसा लगा जैसे मैं उस पांच घंटे में एक अलग जिंदगी जी है। मेरी उस जिंदगी में सिर्फ लड़ाई झगडे मार काट खून खराबा ही थी। उसमे मैं एक अच्छा मार्शल आर्टिस्ट भी था। साथ ही साथ मैंने आयुर्वैदिक और आधुनिक चिकित्सा पर भी काफी अच्छी पकड़ बनाई थी। मैं उस जिंदगी में केवल किसी के नब्ज को चेक कर के ही बता सकता था की कौन सी बीमारी है। फिर जब उस जिंदगी में मेरी मौत हो गई तो मैं फिर अपने शरीर में वापस लौट आया। जब अभी मैंने आपकी नब्ज को देखा तो ऐसा लगा जैसे आपकी यह कंडीशन जन्म से नहीं है किसी ने आपको पॉयजन दिया था। इसीलिए मैंने पूछा की कभी अपने अपना चेकअप करवाया है।" यह कहकर शौर्य कुछ देर तक चुप रहा। फिर प्रिया की गोद में अपना सर रखकर बोलता है "दीदी आप मेरे से नाराज मत होना आपने मुझे मां बाप भाई बहन सभी का प्यार दिया है। अगर आप ही मुझसे रूठ गई तो मैं क्या करूंगा दीदी!!"
प्रिया यह सब सुनकर कुछ देर शॉक्ड रही फिर शौर्य को अपने से कसकर गले लगा लिया। जिससे शौर्य के आंखो से आंसू बहने लगे। 'आरुष' अपनी पुरानी जिंदगी के बारे में याद करने लगा था वहा पर कोई भी प्यार करने वाला नही था। लेकिन शौर्य से इस जिंदगी में उसे जान से ज्यादा प्यार करने वाली बहन जो मिली थी। "मैं तुमसे कैसे नाराज हो सकती हूं भाई तुम तो मेरी जान हो। और हा अब जब तुमने मेरी हालत के बारे में इतना पता कर ही लिया है तो इलाज भी जनता होगा। मुझको जल्दी ठीक करना होगा तुझे।"
"दीदी आपको नहीं लगता की मै झूठ बोल रहा हूं।" शौर्य प्रिया से पूछता है। उसे इस बात की हैरानी हो रही थी की कोई इतनी अद्भुत बात एक बार में ही कैसे समझ सकता है और विश्वास भी कर ले।
"भाई इन्ही हाथो से मैने पाला है तुझे इतना तो जानती हूं की चाहे तू कितनी भी जिंदगी जी ले लेकिन मुझे पता है की कब तू सच बोल रहा है और कब झूठ। और अगर तेरे हाथ की जहर भी मुझे पीनी पड़े तो मैं खुशी खुशी पी लूंगी।" प्रिया शौर्य की बालो को सहलाते हुए बोली। शौर्य की आंखो से आंसू लगातार बहने लगे। उसे आज पता चला की उसकी दुनिया के ताने को सहती यह बहन उससे कितना प्यार करती है।
दोनो एक दूसरे के गले लगाए ही बिस्तर पर चले गए कब उनकी आंख लगी पता ही नही चला।
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