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Romance एक लाचार पति

Anmol Tomar 55

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सभी मित्रो को मेरा आभार 🙏। में अभी नया हूं तो मेरी पहली कहानी लेकर में आ रहा हूं जैसा कि आपने मेरी कहानी का टाइटल पड़ लिया होगा तो बस मित्रों में आपके सामने कहानी का पहला अध्याय लेकर जल्द आऊंगा तब तक आप मेरा साथ दीजिए कमेंट लाइक के माध्यम से 🙏
 
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sunoanuj

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नई कहानी के लिए बहुत बहुत शुभकामनाएँ !
नए अपडेट के की प्रतीक्षा है !!
 

Anmol Tomar 55

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अस्वीकरण/चैतावनी

नमस्कार सभी मित्रो को में अनमोल तोमर आज आपके सामने अपनी निजी जीवन की कहानी लेकर प्रस्तुत हुआ हूं. इस कहानी के सभी पात्र एवं घटनाएँ सत्य हैं और अठारह वर्ष से अधिक आयु के हैं. कहानी लंबी है तो कृपया धैर्य बनाएं रखें. कहानी का एकमात्र उदुदेश्य पाठको का मनोरंजन करना है तथा यह कहानी केवल वयस्को के लिए है. अगर किसी को कोई आपत्ति है तो वह यही से कहानी को छोड़ दें धन्यवाद!!🙏


[ एक लाचार पति ]


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चेप्टर १


“मेरी शादी को चार साल हो चुके थे शादी शुदा जिंदगी बड़े अच्छे से कट रही थी. में मूल रूप से डीडीहाट का रहने वाला हूं, मेरी शादी हमारे शहर से तीस किलोमीटर दूर एक गांव के मध्यम वर्गीय परिवार में हुई. मेरे ससुर जी फौज से रिटायर होकर घर में ही अपना खेती बाडी का काम किया करते थे, मेरे ससुराल में मेरी बीबी के अलावा उसके दो भाई बहन और भी थी ,मेरी बीबी सबसे बड़ी थी और फिर दूसरी बहन और फिर भाई. जब मेरी शादी हुई तो मेरी बीबी एम ए सेकंड रियर में थी. मेरी बीबी की इच्छा थी कि शादी के बाद भी हम वहीं गांव में रहे और वहीं कुछ अपना कारोबार करें. बरहाल सब कुछ अच्छा जा रहा था में गांव में रहकर भी अच्छा कारोबार कर रहा था, आमदनी भी ठीक ठाक हो जाया करती थी कुल मिलाकर कहे तो जिंदगी बहुत अच्छी चल रही थी. मेरे ससुराल वालों का भी मुझे सपोर्ट रहता था. एक बार मेरे ससुर जी ने मुझसे कहा कि क्यों न तुम अपने कारोबार को ओर अधिक बढ़ाओ किंतु मेने उन्हें यह कहकर मना कर दिया कि अधिक कारोबार बढ़ाने के लिए अधिक पैसे भी चाहिए और हमारे पास इतने पैसे नहीं हैं, हां हम अपनी नॉर्मल जिन्दगी बड़े मजे से काट सकते थे इतना पैसा तो था पर अगर ओर अधिक कारोबार बढ़ाने की कोशिश करते तो इसके लिए पैसों की आवश्यकता थी. “बेटा पैसों के लिए आजकल बैंक से अच्छा खासा लोन मिल जाता है ... ससुर जी बोले। “आपकी बात सही है ससुर जी पर लोन लेकर कारोबर करना मुझे सही नहीं लगता! " मेने कहा पर मेरे ससुर जी ने मुझे बताया कि ऐसा नहीं हे आजकल कोई भी काम करने के लिए लोन की आवश्यकता पड़ती है. कुछ देर बात चीत होती रही और बाद में निष्कर्ष निकाला कि मुझे लोन लेना चाहिए. में अपने ससुर जी के बताए अनुसार एक बैंक में गया ,सारे कागज पत्र लेकर परन्तु बैंक ने लोन देने से मना कर दिया जब कारण पूछा तो बोले कि आपकी कोई परमानेंट जॉब नहीं है और न आपकी आमदनी इतनी है कि आप जितना लोन की आवश्यकता लेकर आए हैं वो पूरा हो सके . मेने मैनेजर से बिनती की तो उसने कहा कि अगर आप कुछ गिरवी रखते हैं मतलब सोना ,घर के कागज तो फिर आपको हम लोन दे सकते हैं. पर मेरे पास ऐसा कुछ नहीं था. में बैंक से वापस आया घर को तो मुझे मेरा एक दोस्त मिला.

“क्या बात है अनमोल! ' परेशान लग रहे हो???

हां यार सोनू, बस ऐसे ही!!!

बता तो सही ,क्या पता में तेरी कोई मदत कर दूं!!

यार!!बस लोन चाहिए था पर बैंक देने से मना कर रहा है...

क्यों!!

वो कहते हे कि तुम्हारी कोई सरकारी जॉब नहीं है और ना ही तुम्हारी इतनी आमदनी की जो तुम्हे लोन मिल जाएं..."

यार ,,, ये बैक वाले बस ऐसे ही घुमाते हैं तुम चिंता ना करो में कुछ करता हूं...

तुम क्या करोगे??

यार यही थोड़ी दूर में एक निजी कंपनी है जो लोन देने का काम करती है. क्या पता वहां से हो जाएं चल देखकर आते हैं..."

ठीक है!! पर ये कही फ्रोड तो नहीं करेंगे ??

न ही! ये भी रजिस्टर कंपनी है भारत सरकार से ,ओर बाकी हमें क्या करना अगर हमें लोन देकर भाग गई तो भाग जाएं हमारा क्या जाता है!! ही ही ही सोनू हंसता हुआ बोला.."

नहीं यार ये तो गलत है कहीं हम ही न फंस जाएं!!

तू बहुत डरता है अनमोल?? में हूं ना..

फिर हम बातें करते हुए उस लोन वाली कंपनी के ऑफिस पहुंचे,जैसे अंदर दाखिल हुए एक सुन्दर सी लड़की ने हमारा स्वागत किया.

में आपकी क्या मदत कर सकती हूं.

वो मैडम जी हमे लोन चाहिए था तो इसी सिलसिले में ....मेने थोड़ा हिचकते हुए बोला.

जी बिलकुल,, आइए सर हम लोन ही दिया करते हैं आप क्या काम करते हैं. लड़की ने कहा.

मेरे कुछ कहने से पहले ही सोनू ने उस लड़की को सारे समस्या बता दी , वह थोड़ी चुप चाप थी और फिर बोली कोई बात नहीं सर आपको लोन मिल जाएगा आप हमारे मैनेजर सर से मिल लीजिए उसने ऐसा कहते हुए हमे मैनेजर रूम की ओर जाने का इशारा किया . में ओर सोनू अंदर दाखिल हुए, अंदर कुर्सी पर लगभग एक पचास-पचपन साल का व्यक्ति बैठा हुआ था. आइए आइए बैठिए..... उस मैनेजर ने कहा. में ओर सोनू बैठ गए और फिर अपनी सारी समस्या उसे बता दी। थोड़ा सा सोच विचार करते हुए उसने कहा ' देखो लोन तो मिल जाएगा परंतु अगर एक भी किस्त न दे पाए तो फिर अपने खिलाफ करवाई हो सकती है. वैसे कितना लोन चाहिए आपको?? मेनेजर ने पूछा. “ में बस सर पच्चीस लाख! “ओह!! ठीक है मिल जाएगा, आप ये कागजी करवाई पूरी कर ले अभी दो घंटे में लोन अप्रूवल हो जाएगा. “ठीक है सर, ओर फिर सारी फॉर्मेलिटी करके सर का धन्यवाद किया और फिर हम घर आ गए. मेनेजर के कहे अनुसार पैसे मेरे बैंक खाते में तुरंत आ गए. में खुशी से उछल पड़ा ,ये बात मेने अपनी बीबी को बताई फिर ससुर जी को . सभी खुश थे मेने अपने दोस्त का भी धन्यवाद किया क्योंकि अगर वो नहीं होता तो लोन मिलना मुश्किल था ।

अब में अपने कारोबार में व्यस्त हो गया अच्छा पैसा आने लगा घर में सभी खुश थे. टाइम टू टाइम लोन की किस्त भी जा रही थी. मेने फिर ओर अपना कारोबार बढ़ाने के लिए ओर लोन ले लिया सब कुछ अच्छा चल रहा था. परंतु कुछ समय पश्चात मेरे ससुर जी का निधन हो गया और मेरे ऊपर उनके परिवार की भी जिम्मेदारी आ गई जैसा तैसा में सबकुछ करते हुए सबकी देखभाल करने लगा परंतु कुछ समय पश्चात धीरे धीरे मेरा कारोबार में भी घाटा होने लगा नौबत ये आ गई थी कि लोन की किस्त चुकाने के लिए पैसे नहीं थे पर में जैसे तैसे मैनेज कर रहा था इस परेशानी से में मानसिक तनाव में आ गया क्योंकि अब उस लोन वाली कंपनी के फोन पर फोन आ रहे थे दो तीन तो घर पर नोटिस आ चुके थे. में यही सोचता रहा कि मेरे साथ ऐसा क्यों हो रहा है भगवान क्यों मुझे यह दुख दे रहा है,अच्छा खासा कारोबार अब बंद हो गया था अब तो खाने के भी लाले पड़ चुके थे. मेरी बीबी मेरा साथ देती ओर कहती की सब ठीक हो जाएगा. परंतु मुझे पता कि कैसे ठीक होगा क्योंकि लोन की किस्त साल भर से जमा नहीं कर पाया था में अब उनके वहां से एजेंट आने लगे, धमकाने लगे पर में क्या करता हर बार उन्हें यही कहता कि में कुछ करता हूं आपका सारा पैसा दे दूंगा।

इस तनाव में मेरा अपनी बीबी के साथ भी कभी कभी कहा सुनी हो जाती भले ही वो मुझे सहयोग करती मेरी बातों का बुरा नहीं मानती. मेरी बीबी मेरा मन हल्का करने के लिए खुद पहल करते हुए सम्बंध बनाने को आगे आती पर मेरी बीबी के साथ संबंध बनाने की इच्छा होती ही नहीं थी क्योंकि मन में तो बस टेंशन थी कि कैसे होगा, क्या होगा बस इसी चिंता में रहता. अब हमारी शादी शुदा जिंदगी में वो पहले वाला प्यार नहीं था. में बस लोन को चुकाने के लिए न जाने क्या क्या सोचता रहता था. फिर एक दिन मेरी बीबी बोली की यहां रहकर कुछ नहीं होगा हमे शहर जाकर नौकरी करनी चाहिए दोनों को ताकि हम इस परेशानी से छुटकारा पा सकें. मुझे उसकी बात सही लगी और हम शहर चले गए , वहां मेरी जॉब एक कंपनी में लग गई. कुछ समय पश्चात फिर से सब अच्छा चलने लगा, जो लोन की किस्त रुकी हुई थी वो मेने धीरे धीरे करके चुका दी ,सब कुछ अच्छा हो गया था,मेरी बीबी घर का काम संभालती उसने घर से ही आचार का काम शुरू कर दिया था अब वो भी अच्छा पैसा कमाने लगी थी . अब जिंदगी में पहले जैसी बहार आ गई थी, अब हम दोनों अपने दाम्पत्य जीवन को अच्छे से इंजॉय करने लगे. में थोड़ा मॉडर्न ख्यालात का था पर इसके उलट मेरी बीबी पुराने खयालात की थी उसे ज़्यादा सजना संवरना, घुमाना फिरना, मॉर्डन कपड़े पहनना अच्छा नहीं लगता था वो तो बस सिंपल रहना पसंद किया करती थी. मुझे वो दिन याद जब मेरी शादी को चार महीने हुए थे , मेने इंजॉय करने के लिए नैनीताल में तीन दिन के लिए होटल कर लिया था पर जैसे मेरी बीबी को मालूम हुआ तो उसने साफ मना कर दिया,मेने उसे समझाया कि हम शादी के बाद हनीमून पर गए ही नहीं तो उसने कहा ये सब चोंचले बाजी है. मेने लाख कोशिश की पर वो नहीं मानी ,बोली हम रोज तो हनीमून मना ही रहे हैं तो वहां जाकर क्या होगा क्यों पैसे बर्बाद करने. खेर में उसकी इन बातों से इस सोच से कभी उसपर गुस्सा नहीं होया क्योंकि मुझे मालूम था कि जो वो कह रही वो सच है, ये सब बड़े लोगों के दिखावे है और कुछ नहीं. खेर जैसी भी हैं वो सुशील ,सभ्य,सामाजिक, पतिव्रता,स्त्री है में उससे बहुत प्रभावित हुआ था.

अच्छा सुनो आज शॉपिंग चलते हैं??मेने कहा उससे।

क्यों ??

बस ऐसे ही आज तुम्हारे लिए कुछ कपड़े अंडर गारमेंट्स आता हूं. परसों तुम्हारा बर्थडे है ना..."

तो क्या हुआ !! बर्थडे के दिन क्या ये सब लाने का रिवाज है??

नहीं !! पर काफी समय से में तुम्हारे लिए कुछ नहीं लाया, तुम्हे पता भी है,अब थोड़ा हालत अच्छे हुए तो इसलिए ..."

कुछ नहीं लाया!! अरे सब कुछ आपका ही तो दिया है और वैसे भी मेरे पास कपड़े भी हैं और अंडर गारमेंट्स भी . तो रहने देते हैं!

वो मुझे पता है पर बहुत समय बाद अच्छे दिन आए हैं तो में चाहता हूं कि तुम्हारे लिए एक बनारसी साड़ी, जींस टॉप और दो चार ब्रा पेंटी ले लूं .

साड़ी बहुत है सारी अलमारी भरी पड़ी है कही तो मेने बिलकुल नई है और जींस टॉप तो वो अब मुझे अच्छा नहीं लगता पहनना ."

अच्छा!! और ब्रा पेंटी???

वो भी है!!

कहां है जब देखो बस ये काली रंग की ब्रा और सफेद रंग की पेंटी ही पहने हुई रहती हो .."

तो क्या हुआ! अभी वो ठीक है न कही से फटे हे न रंग उड़ा है.

ठीक है तो क्या, इन्हें ही जिंदगी भर पहनती रहोगी??

क्यों खामखां पैसे बर्बाद करना है.."

नहीं आज तुम्हारी एक नहीं सुनूंगा में आज शॉपिंग जाना है तो बस जाना है! मेने जोर देकर कहा.

अच्छा बाबा जैसे तुम्हारी इच्छा पर पहले घर के काम तो कर लूं??

हां हां करो ..

फिर सारा काम करने के पश्चात हम शॉपिंग को गए, वहां पहले मेने एक सुन्दर सी डार्क लाल रंग की एक साड़ी खरीदी फिर एक ब्लू रंग की जींस और पिंक टॉप. अब बारी थी ब्रा पेंटी की पर में आज कुछ अलग सा लेना चा रहा था अपनी बीबी के लिए इसलिए में शहर की सबसे अच्छी ब्रांडेड शॉप पर गया. मेने वहां से अपनी बीबी के लिए तीन जोड़ी ब्रा पेंटी के ले लिए, फिर थोड़ा सब्जी ली और घर आ गए. मेने बीबी के लिए दो जोड़ी ब्रा पेंटी तो नॉर्मल यूज वाले लिए थे जो आम महिला पहना करती हैं परंतु एक सेट मेने थोड़ा डिज़ाइनर वाले लिए थे.

ये कैसी ब्रा पेंटी ले आए तुम???

अरे अच्छी तो है..

क्या खाक अच्छी है इनमें कपड़ा कहा है.. इन्हें पहने या ना पहने एक समान है.."

नहीं ऐसा नहीं है ये तुम्हे हमारी शादी की सालगिरह के दिन पहननी है इसलिए लाया में .."

ठीक है..

सब कुछ अच्छा चल रहा था अब किसी बात की चिंता नहीं थी. में अपनी जॉब से भी खुश था ,मेरे अच्छे काम की वजह से मेरा प्रमोशन भी दो बार हो चुका था अब सैलरी भी ठीक ठाक हो गई थी. एक छोटा सा दो कमरों का मेने घर भी खरीद लिया था.

एक दिन ऑफिस जाते समय बीबी कही की आते समय कुछ सामान ले आना ,उसने एक लंबी दी लिस्ट थमा दी मेरे हाथों में ,मेने भी लिस्ट लेते हुए एक प्यार सा किस उसके होठों पर किया और ऑफिस लिए चल दिया. ऑफिस पहुंचकर रोज की तरह अपने काम में लग गया . अब आपको बताता हूं कि मेरे अच्छे दिनों का अंत कैसे शुरू हुआ. हुआ यूं कि मेरे ऑफिस में मेरे से जूनियर राकेश था वो बहुत ही चालू किस्म का इंसान था उसके ये हरकते मुझे पहले दिन से मालूम पड़ गई थी वो हमेशा बॉस की चापलूसी करता था और मेरे बॉस भी उसकी बातों में आकर कभी कभी सारे स्टॉप को डांटते थे. एक बार किसी काम को लेकर मेरा ओर राकेश का झगड़ा हुआ और बात बढ़ते हुए बॉस के पास पहुंच गई जैसा कि मेने बताया कि वो बॉस से चापलूसी करता बस इसी के कारण बॉस ने मुझे बहुत डांटते हुए जॉब से निकाल दिया. मेने अपनी सफाई में सारी बातें कई पर बॉस को कोई फर्क नहीं पड़ा. में हाथ जोडकर माफी मांगी पर बॉस ने मेरी एक नहीं सुनी और धक्के मारकर मुझे ऑफिस से बाहर निकाल दिया. घर पहुंच कर सारी जानकारी अपनी बीबी को दी , उसने कहा कि कोई बात नहीं दुसरी जॉब मिल जाएगी आप टेंशन मत लो. ऐसे करते हुए काफी समय बीत गया, एक महीना,दो महीना अब तो छे महीने हो गए थे अब सारी सेविंग खत्म हो चुकी थी अब लोन की किस्त भी बॉन्स होने लगी थी,में टेंशन में आ गया, कोई सहारा नजर नहीं आ रहा था,अब क्या करू घर की भी किस्त थी और लोन की भी अब में बुरी तरह से फंस चुका था. में लाचार हो गया था, असहाय हो गया था. इतना मजबूर हो गया था कि एक बार मेने आत्मदाह करने की कोशिश की पर फिर अपनी बीबी का ख्याल आया तो रुक गया. बीबी ने भी कही जगह काम तलाशने की कोशिश करी पर बात नहीं बनी . एक दिन सुबह घर की बेल बजी मेने दरवाजा खोला तो वो लोन वाले खड़े थे उन्होंने मुझे कहा कि आपको मेनेजर सर ने बुलाया है में अपनी बीबी को कहा कि में आधे घंटे में आता हूं और उनके साथ चला गया. जब में शाम तक घर नहीं आया तो मेरी बीबी ने मेरे दोस्त को फोन किया और उसे सारी जानकारी दी, फिर सोनू मेरी बीबी को लेकर वही पहुंच गया जहा में था . जैसे ही मेरी बीबी अंदर मैनेजर के रूम में आई तो मुझे देखा और मेरे से लिपट कर रोनी लगी मेने उसे समझाया कि कुछ नहीं है सब ठीक है पर वो कहा मानती उसकी आंखों से आंसुओं की धारा बह रही थी. तभी मेनेजर ने एक टक मेरी बीबी को गोर से देखा उमर से नीचे ओर नीचे से ऊपर और फिर खांसते हुए कहा “देखो अनमोल में आपकी मदत कर सकता हूं पर अभी ऑफिस टाइम खत्म हो गया है तुम कल सुबह 10 बजे आ जाना में अपने बॉस से आपकी लिए बात करूंगा ताकि वो आपकी मदद कर सके. में भी उनकी बातों को सुना और फिर कल आने का वादा करके बीबी को लेकर घर आ गया.

घर पहुंच कर बीबी बोली कि आप चिंता न करें मैनेजर साहब ने बोला हे कि वो अपने बड़े साहब से बात करेंगे इसलिए आप कल सुबह वहां चले जाना ओर उन्हें अपनी आर्थिक स्थिति के बारे में बताना क्या पता वो मान जाएं.

अगले दिन में सही समय पर पहुंच गया , मैनेजर सर ने मुझे बैठाया और चाय नाश्ता करवाया . फिर उन्होंने अपने बॉस को फोन किया कुछ देर बाते करते रहे और फिर फोन काट दिया.

में क्या कहा सर बॉस ने ..

देखो अनमोल बॉस तो मान नहीं रहे हैं वो कह रहे की अगर थोड़ी बहुत रकम होती तो कुछ कर सकते थे पर रकम ज्यादा है तो कुछ नहीं हो सकता ..

सर आप तो कह रहे थे कि वो मदत करेंगे??

हां कहा था पर तुम्हारी रकम बहुत ज्यादा है अनमोल ..

सर कुछ तो करिए में आपका जिंदगी भर आभारी रहूंगा प्लीज़ मेने हाथ जोडकर कहा.
कुछ देर सोचने के बाद मैनेजर बोला." देखो में तुम्हारी मदत कर सकता हूं पर इसके बदले मुझे कुछ चाहिए तुमसे??

जी कहिए क्या चाहिए आपको में देने को तैयार हूं!!

सोच लो अनमोल ! मुकर मत जाना फिर....

नहीं आप बोलिए!!

दो साल से अपनी पत्नी से अलग हूं तो मेरी इच्छा है कि तुम अपनी पत्नी को मुझे एक रात को दे दो तो में कुछ करता हूं फिर...

पटाक, पटाक, दो थप्पड़ पड़े उसके गाल पर ,, साले मादरचोद '' में गुस्से में आग बबूला होकर उसकी धुनाई करने लगा. क्या समझा तूने कुत्ते.

में में तुम्हारी मदत करना चाहता हूं.... मैनेजर रोते हुए बोला.

चल साले! उसके गाल सूजा दिए मार मारकर ओर सीधे वहां से बाहर आ गया. घर पहुंच कर बीबी ने पूछा क्या हुआ मान गए थे बड़े साहब ? में क्या कहता कि वो क्या मांग कर रहा था खैर मेने बात को उस समय संभाली. रात को मेरी नींद खुली तो मेरे समाने मैनेजर के वही कहे शब्द आ रहे थे, में उठकर बाहर निकल आया और बाहर कुर्सी में बैठ गया. सोचने लगा क्या यह संभव है, क्या एक पति को ऐसा करना चाहिए, यह गलत है मेरे मन ने आवाज दी पर ठीक उसी समय दूसरी आवाज आई कि यह सब सही है, केसे तू इतना पैसा चुकाएगा कोई रास्ता है तेरे पास ? पर मेने कहा में कुछ न कुछ करूंगा पर ऐसा काम नहीं जिससे मेरी ओर मेरी बीबी की बदनामी हो. इन्हीं सवालों जवाबों में रात कब बीत गई पता न चला.

तुम यहां क्या कर हो ??

कुछ नहीं बस बैठा हूं!

अनमोल तुम रात को यही पर थे ना??

हां! नींद नहीं आ रही थी इसलिए यहां बैठ गया!

क्यों परेशान हो रहे हो सब ठीक हो जाएगा भगवान पर विश्वास रखो!

हम्मम,, ठीक है जल्दी नाश्ता दे दो में जरा सोनू से मिलने जा रहा हूं क्या पता उसके पास कोई उपाय हो इस जंजाल से बाहर निकलने का.

ठीक तुम हाथ मुंह धोकर आवो में नाश्ता लगाती हूं!

में हाथ मुंह धोकर आया नाश्ता किया कर फिर सोनू के घर गया "सोनू! मेने आवाज लगाई पर उसका कोई जवाब नहीं आया में ऊपर उसके रूम की ओर गया देखा तो दरवाजा खोला था पर अंदर से अजीबो गरीब आवाजे आ रही थी जब में उसके नजदीक गया तो देखा कि वो मोबाइल में पोर्न देख रहा था . क्या देख रहे सोनू? वो एक दम से चौंक गया और हड़बड़ाते हुए उसका मोबाइल भी नीचे गिर गया.

क्या हुआ अनमोल तूने तो डरा दिया था यार!!

क्यों!!ओर ये क्या देख रहा है तू!

कुछ नहीं बस मन को हल्का कर रहा था, पर तूने सारा खेल खराब कर दिया..

ओह सॉरी!!

कोई बात नहीं ओर सुना तू यहां, सब ठीक तो है!

हां हां सब ठीक है में तो बस तुझसे मिलने आया था काफी दिन से मुलाकात नहीं हुई थी...

हां वो तो सही है,,ओर सुना.

बस क्या सुनाऊं तू सुना??

वो तूने आज का अखबार पढ़ा क्या ?.

नहीं तो! क्यों ऐसा क्या आया आज!

अरे यार उसमें एक खबर थी कि कर्ज न चुका पाने पर एक ने अपनी पत्नी को एक बहुत पैसे वाले बूढ़े आदमी के साथ सुला दिया और इसके बदले में उसका सारा कर्जा उस बूढ़े ने चुका दिया और मजे की बात यह कि वो जो बूढ़ा था उसका खड़ा भी नहीं होता था तो इसलिए उसकी पत्नी भी सैफ रही और उनका काम बन गया..

क्या ये कैसे ! और उस बूढ़े ने किया नहीं होगा पर उसकी पत्नी के स्तनों को दबाया चूसा तो होगा ही क्या पता ओर भी कुछ !!!

तो क्या हुआ अगर उस बूढ़े ने उसके स्तनों को चूसा होगा दबाया होगा और यहां तक कि अगर उसकी चूत को भी चूमा होगा तो क्या जाता है उसने लंड तो नहीं डाला ना उसके अंदर.

हां ये तो है. पर ....

पर वर छोड़ ओर सुना क्या पियेगा चाय या कॉफी?

नहीं यार मुझे थोड़ा काम याद आ गया. में तुरंत वहां से निकल आया और आते हुए बस यही सोचने लगा कि क्या यह संभव है. खेर कुछ ही दिनों में फिर से जॉब के लिए आवेदन करने लगा पर बात नहीं बनी. एक दिन मुंह सोनू का फोन आया और बोला कि एक बहुत बड़े साहब हे उनको एक ऐसा लड़का चाहिए जो खाना भी बना ले और साथ में गाड़ी भी चला दे . बोल अगर तेरी इच्छा है तो में तुझे नंबर देता हूं तू बात कर लेना. “मेने भी कहा..ठीक है दे दे नंबर ओर फिर उसने मुझे मेसेज करके नंबर दे दिया.

मेने जल्दी से नंबर मिलाया कुछ सेकेंड बाद दूसरी ओर से आवाज सुनाई दी "हैलो...कोन!

में अनमोल!

कौन अनमोल??

वो साहब जी आपने जॉब का विज्ञापन डाला था अखबार में!!!

हां हां बोलो ,

साहब जी में ये जॉब करना चाहता हूं!

क्या तुम्हे खाना बनना आता है, क्या तुम गाड़ी चला लेते हो?

जी साहब में सब कुछ कर लूंगा बस आप मुझे ये जॉब दे दीजिए..

ठीक है कल ठीक ढाई बजे घर पर आना !

जी साहब नमस्ते साहब. ओर फिर फोन कट गया!
अब में बड़ा खुश था कि जॉब मिल गई है मेने फोन लगाया बीबी को ओर उसे सारी बात बता दी.




अगला भाग जल्दी आयेगा . तबतक के लिए धन्यवाद।।
 

Underground Life

Your Cute Smile Make Me Melt Like Ice
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अस्वीकरण/चैतावनी

नमस्कार सभी मित्रो को में अनमोल तोमर आज आपके सामने अपनी निजी जीवन की कहानी लेकर प्रस्तुत हुआ हूं. इस कहानी के सभी पात्र एवं घटनाएँ सत्य हैं और अठारह वर्ष से अधिक आयु के हैं. कहानी लंबी है तो कृपया धैर्य बनाएं रखें. कहानी का एकमात्र उदुदेश्य पाठको का मनोरंजन करना है तथा यह कहानी केवल वयस्को के लिए है. अगर किसी को कोई आपत्ति है तो वह यही से कहानी को छोड़ दें धन्यवाद!!🙏


[ एक लाचार पति ]


IMG-20241013-145800

चेप्टर १


“मेरी शादी को चार साल हो चुके थे शादी शुदा जिंदगी बड़े अच्छे से कट रही थी. में मूल रूप से डीडीहाट का रहने वाला हूं, मेरी शादी हमारे शहर से तीस किलोमीटर दूर एक गांव के मध्यम वर्गीय परिवार में हुई. मेरे ससुर जी फौज से रिटायर होकर घर में ही अपना खेती बाडी का काम किया करते थे, मेरे ससुराल में मेरी बीबी के अलावा उसके दो भाई बहन और भी थी ,मेरी बीबी सबसे बड़ी थी और फिर दूसरी बहन और फिर भाई. जब मेरी शादी हुई तो मेरी बीबी एम ए सेकंड रियर में थी. मेरी बीबी की इच्छा थी कि शादी के बाद भी हम वहीं गांव में रहे और वहीं कुछ अपना कारोबार करें. बरहाल सब कुछ अच्छा जा रहा था में गांव में रहकर भी अच्छा कारोबार कर रहा था, आमदनी भी ठीक ठाक हो जाया करती थी कुल मिलाकर कहे तो जिंदगी बहुत अच्छी चल रही थी. मेरे ससुराल वालों का भी मुझे सपोर्ट रहता था. एक बार मेरे ससुर जी ने मुझसे कहा कि क्यों न तुम अपने कारोबार को ओर अधिक बढ़ाओ किंतु मेने उन्हें यह कहकर मना कर दिया कि अधिक कारोबार बढ़ाने के लिए अधिक पैसे भी चाहिए और हमारे पास इतने पैसे नहीं हैं, हां हम अपनी नॉर्मल जिन्दगी बड़े मजे से काट सकते थे इतना पैसा तो था पर अगर ओर अधिक कारोबार बढ़ाने की कोशिश करते तो इसके लिए पैसों की आवश्यकता थी. “बेटा पैसों के लिए आजकल बैंक से अच्छा खासा लोन मिल जाता है ... ससुर जी बोले। “आपकी बात सही है ससुर जी पर लोन लेकर कारोबर करना मुझे सही नहीं लगता! " मेने कहा पर मेरे ससुर जी ने मुझे बताया कि ऐसा नहीं हे आजकल कोई भी काम करने के लिए लोन की आवश्यकता पड़ती है. कुछ देर बात चीत होती रही और बाद में निष्कर्ष निकाला कि मुझे लोन लेना चाहिए. में अपने ससुर जी के बताए अनुसार एक बैंक में गया ,सारे कागज पत्र लेकर परन्तु बैंक ने लोन देने से मना कर दिया जब कारण पूछा तो बोले कि आपकी कोई परमानेंट जॉब नहीं है और न आपकी आमदनी इतनी है कि आप जितना लोन की आवश्यकता लेकर आए हैं वो पूरा हो सके . मेने मैनेजर से बिनती की तो उसने कहा कि अगर आप कुछ गिरवी रखते हैं मतलब सोना ,घर के कागज तो फिर आपको हम लोन दे सकते हैं. पर मेरे पास ऐसा कुछ नहीं था. में बैंक से वापस आया घर को तो मुझे मेरा एक दोस्त मिला.

“क्या बात है अनमोल! ' परेशान लग रहे हो???

हां यार सोनू, बस ऐसे ही!!!

बता तो सही ,क्या पता में तेरी कोई मदत कर दूं!!

यार!!बस लोन चाहिए था पर बैंक देने से मना कर रहा है...

क्यों!!

वो कहते हे कि तुम्हारी कोई सरकारी जॉब नहीं है और ना ही तुम्हारी इतनी आमदनी की जो तुम्हे लोन मिल जाएं..."

यार ,,, ये बैक वाले बस ऐसे ही घुमाते हैं तुम चिंता ना करो में कुछ करता हूं...

तुम क्या करोगे??

यार यही थोड़ी दूर में एक निजी कंपनी है जो लोन देने का काम करती है. क्या पता वहां से हो जाएं चल देखकर आते हैं..."

ठीक है!! पर ये कही फ्रोड तो नहीं करेंगे ??

न ही! ये भी रजिस्टर कंपनी है भारत सरकार से ,ओर बाकी हमें क्या करना अगर हमें लोन देकर भाग गई तो भाग जाएं हमारा क्या जाता है!! ही ही ही सोनू हंसता हुआ बोला.."

नहीं यार ये तो गलत है कहीं हम ही न फंस जाएं!!

तू बहुत डरता है अनमोल?? में हूं ना..

फिर हम बातें करते हुए उस लोन वाली कंपनी के ऑफिस पहुंचे,जैसे अंदर दाखिल हुए एक सुन्दर सी लड़की ने हमारा स्वागत किया.

में आपकी क्या मदत कर सकती हूं.

वो मैडम जी हमे लोन चाहिए था तो इसी सिलसिले में ....मेने थोड़ा हिचकते हुए बोला.

जी बिलकुल,, आइए सर हम लोन ही दिया करते हैं आप क्या काम करते हैं. लड़की ने कहा.

मेरे कुछ कहने से पहले ही सोनू ने उस लड़की को सारे समस्या बता दी , वह थोड़ी चुप चाप थी और फिर बोली कोई बात नहीं सर आपको लोन मिल जाएगा आप हमारे मैनेजर सर से मिल लीजिए उसने ऐसा कहते हुए हमे मैनेजर रूम की ओर जाने का इशारा किया . में ओर सोनू अंदर दाखिल हुए, अंदर कुर्सी पर लगभग एक पचास-पचपन साल का व्यक्ति बैठा हुआ था. आइए आइए बैठिए..... उस मैनेजर ने कहा. में ओर सोनू बैठ गए और फिर अपनी सारी समस्या उसे बता दी। थोड़ा सा सोच विचार करते हुए उसने कहा ' देखो लोन तो मिल जाएगा परंतु अगर एक भी किस्त न दे पाए तो फिर अपने खिलाफ करवाई हो सकती है. वैसे कितना लोन चाहिए आपको?? मेनेजर ने पूछा. “ में बस सर पच्चीस लाख! “ओह!! ठीक है मिल जाएगा, आप ये कागजी करवाई पूरी कर ले अभी दो घंटे में लोन अप्रूवल हो जाएगा. “ठीक है सर, ओर फिर सारी फॉर्मेलिटी करके सर का धन्यवाद किया और फिर हम घर आ गए. मेनेजर के कहे अनुसार पैसे मेरे बैंक खाते में तुरंत आ गए. में खुशी से उछल पड़ा ,ये बात मेने अपनी बीबी को बताई फिर ससुर जी को . सभी खुश थे मेने अपने दोस्त का भी धन्यवाद किया क्योंकि अगर वो नहीं होता तो लोन मिलना मुश्किल था ।

अब में अपने कारोबार में व्यस्त हो गया अच्छा पैसा आने लगा घर में सभी खुश थे. टाइम टू टाइम लोन की किस्त भी जा रही थी. मेने फिर ओर अपना कारोबार बढ़ाने के लिए ओर लोन ले लिया सब कुछ अच्छा चल रहा था. परंतु कुछ समय पश्चात मेरे ससुर जी का निधन हो गया और मेरे ऊपर उनके परिवार की भी जिम्मेदारी आ गई जैसा तैसा में सबकुछ करते हुए सबकी देखभाल करने लगा परंतु कुछ समय पश्चात धीरे धीरे मेरा कारोबार में भी घाटा होने लगा नौबत ये आ गई थी कि लोन की किस्त चुकाने के लिए पैसे नहीं थे पर में जैसे तैसे मैनेज कर रहा था इस परेशानी से में मानसिक तनाव में आ गया क्योंकि अब उस लोन वाली कंपनी के फोन पर फोन आ रहे थे दो तीन तो घर पर नोटिस आ चुके थे. में यही सोचता रहा कि मेरे साथ ऐसा क्यों हो रहा है भगवान क्यों मुझे यह दुख दे रहा है,अच्छा खासा कारोबार अब बंद हो गया था अब तो खाने के भी लाले पड़ चुके थे. मेरी बीबी मेरा साथ देती ओर कहती की सब ठीक हो जाएगा. परंतु मुझे पता कि कैसे ठीक होगा क्योंकि लोन की किस्त साल भर से जमा नहीं कर पाया था में अब उनके वहां से एजेंट आने लगे, धमकाने लगे पर में क्या करता हर बार उन्हें यही कहता कि में कुछ करता हूं आपका सारा पैसा दे दूंगा।

इस तनाव में मेरा अपनी बीबी के साथ भी कभी कभी कहा सुनी हो जाती भले ही वो मुझे सहयोग करती मेरी बातों का बुरा नहीं मानती. मेरी बीबी मेरा मन हल्का करने के लिए खुद पहल करते हुए सम्बंध बनाने को आगे आती पर मेरी बीबी के साथ संबंध बनाने की इच्छा होती ही नहीं थी क्योंकि मन में तो बस टेंशन थी कि कैसे होगा, क्या होगा बस इसी चिंता में रहता. अब हमारी शादी शुदा जिंदगी में वो पहले वाला प्यार नहीं था. में बस लोन को चुकाने के लिए न जाने क्या क्या सोचता रहता था. फिर एक दिन मेरी बीबी बोली की यहां रहकर कुछ नहीं होगा हमे शहर जाकर नौकरी करनी चाहिए दोनों को ताकि हम इस परेशानी से छुटकारा पा सकें. मुझे उसकी बात सही लगी और हम शहर चले गए , वहां मेरी जॉब एक कंपनी में लग गई. कुछ समय पश्चात फिर से सब अच्छा चलने लगा, जो लोन की किस्त रुकी हुई थी वो मेने धीरे धीरे करके चुका दी ,सब कुछ अच्छा हो गया था,मेरी बीबी घर का काम संभालती उसने घर से ही आचार का काम शुरू कर दिया था अब वो भी अच्छा पैसा कमाने लगी थी . अब जिंदगी में पहले जैसी बहार आ गई थी, अब हम दोनों अपने दाम्पत्य जीवन को अच्छे से इंजॉय करने लगे. में थोड़ा मॉडर्न ख्यालात का था पर इसके उलट मेरी बीबी पुराने खयालात की थी उसे ज़्यादा सजना संवरना, घुमाना फिरना, मॉर्डन कपड़े पहनना अच्छा नहीं लगता था वो तो बस सिंपल रहना पसंद किया करती थी. मुझे वो दिन याद जब मेरी शादी को चार महीने हुए थे , मेने इंजॉय करने के लिए नैनीताल में तीन दिन के लिए होटल कर लिया था पर जैसे मेरी बीबी को मालूम हुआ तो उसने साफ मना कर दिया,मेने उसे समझाया कि हम शादी के बाद हनीमून पर गए ही नहीं तो उसने कहा ये सब चोंचले बाजी है. मेने लाख कोशिश की पर वो नहीं मानी ,बोली हम रोज तो हनीमून मना ही रहे हैं तो वहां जाकर क्या होगा क्यों पैसे बर्बाद करने. खेर में उसकी इन बातों से इस सोच से कभी उसपर गुस्सा नहीं होया क्योंकि मुझे मालूम था कि जो वो कह रही वो सच है, ये सब बड़े लोगों के दिखावे है और कुछ नहीं. खेर जैसी भी हैं वो सुशील ,सभ्य,सामाजिक, पतिव्रता,स्त्री है में उससे बहुत प्रभावित हुआ था.

अच्छा सुनो आज शॉपिंग चलते हैं??मेने कहा उससे।

क्यों ??

बस ऐसे ही आज तुम्हारे लिए कुछ कपड़े अंडर गारमेंट्स आता हूं. परसों तुम्हारा बर्थडे है ना..."

तो क्या हुआ !! बर्थडे के दिन क्या ये सब लाने का रिवाज है??

नहीं !! पर काफी समय से में तुम्हारे लिए कुछ नहीं लाया, तुम्हे पता भी है,अब थोड़ा हालत अच्छे हुए तो इसलिए ..."

कुछ नहीं लाया!! अरे सब कुछ आपका ही तो दिया है और वैसे भी मेरे पास कपड़े भी हैं और अंडर गारमेंट्स भी . तो रहने देते हैं!

वो मुझे पता है पर बहुत समय बाद अच्छे दिन आए हैं तो में चाहता हूं कि तुम्हारे लिए एक बनारसी साड़ी, जींस टॉप और दो चार ब्रा पेंटी ले लूं .

साड़ी बहुत है सारी अलमारी भरी पड़ी है कही तो मेने बिलकुल नई है और जींस टॉप तो वो अब मुझे अच्छा नहीं लगता पहनना ."

अच्छा!! और ब्रा पेंटी???

वो भी है!!

कहां है जब देखो बस ये काली रंग की ब्रा और सफेद रंग की पेंटी ही पहने हुई रहती हो .."

तो क्या हुआ! अभी वो ठीक है न कही से फटे हे न रंग उड़ा है.

ठीक है तो क्या, इन्हें ही जिंदगी भर पहनती रहोगी??

क्यों खामखां पैसे बर्बाद करना है.."

नहीं आज तुम्हारी एक नहीं सुनूंगा में आज शॉपिंग जाना है तो बस जाना है! मेने जोर देकर कहा.

अच्छा बाबा जैसे तुम्हारी इच्छा पर पहले घर के काम तो कर लूं??

हां हां करो ..

फिर सारा काम करने के पश्चात हम शॉपिंग को गए, वहां पहले मेने एक सुन्दर सी डार्क लाल रंग की एक साड़ी खरीदी फिर एक ब्लू रंग की जींस और पिंक टॉप. अब बारी थी ब्रा पेंटी की पर में आज कुछ अलग सा लेना चा रहा था अपनी बीबी के लिए इसलिए में शहर की सबसे अच्छी ब्रांडेड शॉप पर गया. मेने वहां से अपनी बीबी के लिए तीन जोड़ी ब्रा पेंटी के ले लिए, फिर थोड़ा सब्जी ली और घर आ गए. मेने बीबी के लिए दो जोड़ी ब्रा पेंटी तो नॉर्मल यूज वाले लिए थे जो आम महिला पहना करती हैं परंतु एक सेट मेने थोड़ा डिज़ाइनर वाले लिए थे.

ये कैसी ब्रा पेंटी ले आए तुम???

अरे अच्छी तो है..

क्या खाक अच्छी है इनमें कपड़ा कहा है.. इन्हें पहने या ना पहने एक समान है.."

नहीं ऐसा नहीं है ये तुम्हे हमारी शादी की सालगिरह के दिन पहननी है इसलिए लाया में .."

ठीक है..

सब कुछ अच्छा चल रहा था अब किसी बात की चिंता नहीं थी. में अपनी जॉब से भी खुश था ,मेरे अच्छे काम की वजह से मेरा प्रमोशन भी दो बार हो चुका था अब सैलरी भी ठीक ठाक हो गई थी. एक छोटा सा दो कमरों का मेने घर भी खरीद लिया था.

एक दिन ऑफिस जाते समय बीबी कही की आते समय कुछ सामान ले आना ,उसने एक लंबी दी लिस्ट थमा दी मेरे हाथों में ,मेने भी लिस्ट लेते हुए एक प्यार सा किस उसके होठों पर किया और ऑफिस लिए चल दिया. ऑफिस पहुंचकर रोज की तरह अपने काम में लग गया . अब आपको बताता हूं कि मेरे अच्छे दिनों का अंत कैसे शुरू हुआ. हुआ यूं कि मेरे ऑफिस में मेरे से जूनियर राकेश था वो बहुत ही चालू किस्म का इंसान था उसके ये हरकते मुझे पहले दिन से मालूम पड़ गई थी वो हमेशा बॉस की चापलूसी करता था और मेरे बॉस भी उसकी बातों में आकर कभी कभी सारे स्टॉप को डांटते थे. एक बार किसी काम को लेकर मेरा ओर राकेश का झगड़ा हुआ और बात बढ़ते हुए बॉस के पास पहुंच गई जैसा कि मेने बताया कि वो बॉस से चापलूसी करता बस इसी के कारण बॉस ने मुझे बहुत डांटते हुए जॉब से निकाल दिया. मेने अपनी सफाई में सारी बातें कई पर बॉस को कोई फर्क नहीं पड़ा. में हाथ जोडकर माफी मांगी पर बॉस ने मेरी एक नहीं सुनी और धक्के मारकर मुझे ऑफिस से बाहर निकाल दिया. घर पहुंच कर सारी जानकारी अपनी बीबी को दी , उसने कहा कि कोई बात नहीं दुसरी जॉब मिल जाएगी आप टेंशन मत लो. ऐसे करते हुए काफी समय बीत गया, एक महीना,दो महीना अब तो छे महीने हो गए थे अब सारी सेविंग खत्म हो चुकी थी अब लोन की किस्त भी बॉन्स होने लगी थी,में टेंशन में आ गया, कोई सहारा नजर नहीं आ रहा था,अब क्या करू घर की भी किस्त थी और लोन की भी अब में बुरी तरह से फंस चुका था. में लाचार हो गया था, असहाय हो गया था. इतना मजबूर हो गया था कि एक बार मेने आत्मदाह करने की कोशिश की पर फिर अपनी बीबी का ख्याल आया तो रुक गया. बीबी ने भी कही जगह काम तलाशने की कोशिश करी पर बात नहीं बनी . एक दिन सुबह घर की बेल बजी मेने दरवाजा खोला तो वो लोन वाले खड़े थे उन्होंने मुझे कहा कि आपको मेनेजर सर ने बुलाया है में अपनी बीबी को कहा कि में आधे घंटे में आता हूं और उनके साथ चला गया. जब में शाम तक घर नहीं आया तो मेरी बीबी ने मेरे दोस्त को फोन किया और उसे सारी जानकारी दी, फिर सोनू मेरी बीबी को लेकर वही पहुंच गया जहा में था . जैसे ही मेरी बीबी अंदर मैनेजर के रूम में आई तो मुझे देखा और मेरे से लिपट कर रोनी लगी मेने उसे समझाया कि कुछ नहीं है सब ठीक है पर वो कहा मानती उसकी आंखों से आंसुओं की धारा बह रही थी. तभी मेनेजर ने एक टक मेरी बीबी को गोर से देखा उमर से नीचे ओर नीचे से ऊपर और फिर खांसते हुए कहा “देखो अनमोल में आपकी मदत कर सकता हूं पर अभी ऑफिस टाइम खत्म हो गया है तुम कल सुबह 10 बजे आ जाना में अपने बॉस से आपकी लिए बात करूंगा ताकि वो आपकी मदद कर सके. में भी उनकी बातों को सुना और फिर कल आने का वादा करके बीबी को लेकर घर आ गया.

घर पहुंच कर बीबी बोली कि आप चिंता न करें मैनेजर साहब ने बोला हे कि वो अपने बड़े साहब से बात करेंगे इसलिए आप कल सुबह वहां चले जाना ओर उन्हें अपनी आर्थिक स्थिति के बारे में बताना क्या पता वो मान जाएं.

अगले दिन में सही समय पर पहुंच गया , मैनेजर सर ने मुझे बैठाया और चाय नाश्ता करवाया . फिर उन्होंने अपने बॉस को फोन किया कुछ देर बाते करते रहे और फिर फोन काट दिया.

में क्या कहा सर बॉस ने ..

देखो अनमोल बॉस तो मान नहीं रहे हैं वो कह रहे की अगर थोड़ी बहुत रकम होती तो कुछ कर सकते थे पर रकम ज्यादा है तो कुछ नहीं हो सकता ..

सर आप तो कह रहे थे कि वो मदत करेंगे??

हां कहा था पर तुम्हारी रकम बहुत ज्यादा है अनमोल ..

सर कुछ तो करिए में आपका जिंदगी भर आभारी रहूंगा प्लीज़ मेने हाथ जोडकर कहा.
कुछ देर सोचने के बाद मैनेजर बोला." देखो में तुम्हारी मदत कर सकता हूं पर इसके बदले मुझे कुछ चाहिए तुमसे??

जी कहिए क्या चाहिए आपको में देने को तैयार हूं!!

सोच लो अनमोल ! मुकर मत जाना फिर....

नहीं आप बोलिए!!

दो साल से अपनी पत्नी से अलग हूं तो मेरी इच्छा है कि तुम अपनी पत्नी को मुझे एक रात को दे दो तो में कुछ करता हूं फिर...

पटाक, पटाक, दो थप्पड़ पड़े उसके गाल पर ,, साले मादरचोद '' में गुस्से में आग बबूला होकर उसकी धुनाई करने लगा. क्या समझा तूने कुत्ते.

में में तुम्हारी मदत करना चाहता हूं.... मैनेजर रोते हुए बोला.

चल साले! उसके गाल सूजा दिए मार मारकर ओर सीधे वहां से बाहर आ गया. घर पहुंच कर बीबी ने पूछा क्या हुआ मान गए थे बड़े साहब ? में क्या कहता कि वो क्या मांग कर रहा था खैर मेने बात को उस समय संभाली. रात को मेरी नींद खुली तो मेरे समाने मैनेजर के वही कहे शब्द आ रहे थे, में उठकर बाहर निकल आया और बाहर कुर्सी में बैठ गया. सोचने लगा क्या यह संभव है, क्या एक पति को ऐसा करना चाहिए, यह गलत है मेरे मन ने आवाज दी पर ठीक उसी समय दूसरी आवाज आई कि यह सब सही है, केसे तू इतना पैसा चुकाएगा कोई रास्ता है तेरे पास ? पर मेने कहा में कुछ न कुछ करूंगा पर ऐसा काम नहीं जिससे मेरी ओर मेरी बीबी की बदनामी हो. इन्हीं सवालों जवाबों में रात कब बीत गई पता न चला.

तुम यहां क्या कर हो ??

कुछ नहीं बस बैठा हूं!

अनमोल तुम रात को यही पर थे ना??

हां! नींद नहीं आ रही थी इसलिए यहां बैठ गया!

क्यों परेशान हो रहे हो सब ठीक हो जाएगा भगवान पर विश्वास रखो!

हम्मम,, ठीक है जल्दी नाश्ता दे दो में जरा सोनू से मिलने जा रहा हूं क्या पता उसके पास कोई उपाय हो इस जंजाल से बाहर निकलने का.

ठीक तुम हाथ मुंह धोकर आवो में नाश्ता लगाती हूं!

में हाथ मुंह धोकर आया नाश्ता किया कर फिर सोनू के घर गया "सोनू! मेने आवाज लगाई पर उसका कोई जवाब नहीं आया में ऊपर उसके रूम की ओर गया देखा तो दरवाजा खोला था पर अंदर से अजीबो गरीब आवाजे आ रही थी जब में उसके नजदीक गया तो देखा कि वो मोबाइल में पोर्न देख रहा था . क्या देख रहे सोनू? वो एक दम से चौंक गया और हड़बड़ाते हुए उसका मोबाइल भी नीचे गिर गया.

क्या हुआ अनमोल तूने तो डरा दिया था यार!!

क्यों!!ओर ये क्या देख रहा है तू!

कुछ नहीं बस मन को हल्का कर रहा था, पर तूने सारा खेल खराब कर दिया..

ओह सॉरी!!

कोई बात नहीं ओर सुना तू यहां, सब ठीक तो है!

हां हां सब ठीक है में तो बस तुझसे मिलने आया था काफी दिन से मुलाकात नहीं हुई थी...

हां वो तो सही है,,ओर सुना.

बस क्या सुनाऊं तू सुना??

वो तूने आज का अखबार पढ़ा क्या ?.

नहीं तो! क्यों ऐसा क्या आया आज!

अरे यार उसमें एक खबर थी कि कर्ज न चुका पाने पर एक ने अपनी पत्नी को एक बहुत पैसे वाले बूढ़े आदमी के साथ सुला दिया और इसके बदले में उसका सारा कर्जा उस बूढ़े ने चुका दिया और मजे की बात यह कि वो जो बूढ़ा था उसका खड़ा भी नहीं होता था तो इसलिए उसकी पत्नी भी सैफ रही और उनका काम बन गया..

क्या ये कैसे ! और उस बूढ़े ने किया नहीं होगा पर उसकी पत्नी के स्तनों को दबाया चूसा तो होगा ही क्या पता ओर भी कुछ !!!

तो क्या हुआ अगर उस बूढ़े ने उसके स्तनों को चूसा होगा दबाया होगा और यहां तक कि अगर उसकी चूत को भी चूमा होगा तो क्या जाता है उसने लंड तो नहीं डाला ना उसके अंदर.

हां ये तो है. पर ....

पर वर छोड़ ओर सुना क्या पियेगा चाय या कॉफी?

नहीं यार मुझे थोड़ा काम याद आ गया. में तुरंत वहां से निकल आया और आते हुए बस यही सोचने लगा कि क्या यह संभव है. खेर कुछ ही दिनों में फिर से जॉब के लिए आवेदन करने लगा पर बात नहीं बनी. एक दिन मुंह सोनू का फोन आया और बोला कि एक बहुत बड़े साहब हे उनको एक ऐसा लड़का चाहिए जो खाना भी बना ले और साथ में गाड़ी भी चला दे . बोल अगर तेरी इच्छा है तो में तुझे नंबर देता हूं तू बात कर लेना. “मेने भी कहा..ठीक है दे दे नंबर ओर फिर उसने मुझे मेसेज करके नंबर दे दिया.

मेने जल्दी से नंबर मिलाया कुछ सेकेंड बाद दूसरी ओर से आवाज सुनाई दी "हैलो...कोन!

में अनमोल!

कौन अनमोल??

वो साहब जी आपने जॉब का विज्ञापन डाला था अखबार में!!!

हां हां बोलो ,

साहब जी में ये जॉब करना चाहता हूं!

क्या तुम्हे खाना बनना आता है, क्या तुम गाड़ी चला लेते हो?

जी साहब में सब कुछ कर लूंगा बस आप मुझे ये जॉब दे दीजिए..

ठीक है कल ठीक ढाई बजे घर पर आना !

जी साहब नमस्ते साहब. ओर फिर फोन कट गया!
अब में बड़ा खुश था कि जॉब मिल गई है मेने फोन लगाया बीबी को ओर उसे सारी बात बता दी.




अगला भाग जल्दी आयेगा . तबतक के लिए धन्यवाद।।

बेहतरीन लेखन भाई...इसी पत्नी पाना तो हर किसी का सपना होता है... समझदार और संस्कारी
 

Anmol Tomar 55

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चेप्टर २

अगले दिन में तय समय के अनुसार वहां पहुंच गया जैसे ही गेट की घंटी बजाई तो थोड़ी देर में एक बूढ़ा सा व्यक्ति लाठी के सहारे खांसते हुए गेट की ओर आया.

कौन??

क्या परमानंद साहब का घर यहीं है, में पूछा.

हां यहीं है तुम कौन??

वो साहब कल आपसे बात हुई थी फोन पर जॉब के लिए!!

हां हां बेटा ! क्या करू में भूल जाता हूं.

जी साहब कोई बात नहीं. फिर में गेट खोलकर अंदर चला गया. उस बूढ़े व्यक्ति ने मुझे जल्दी से सारा काम समझा दिया. मेने जब पेसो की बात कही तो बोले कि २०हज़ार महीना.

में इतने पैसे सुनकर मायूस हो गया क्योंकि मुझे ज्यादा चाहिए थे मेने उनसे इस बारे में बात की तो बोले कि तुम्हारा काम देखूंगा और फिर पैसे बड़ा दूंगा . में यह सुनकर थोड़ा सा खुश हुआ और फिर जो जो काम उस बूढ़े व्यक्ति ने बताये थे वो करने लगा . ऐसे करते हुए एक महीना बीत गया पर मेरी परेशानी कम नहीं हो रही थी क्योंकि जो पैसा मिलता वो तो घर की किस्त ओर लोन की किस्त में चला जाता. एक दिन किचन में खाना बनाते समय साहब ने कहा " देखो बेटा में एक बात तुमसे कहना चाहता हूं!

हां कहिए साहब..

वो बेटा मेरे पास सबकुछ है पैसा ऐशो आराम पर मुझे ये तन्हाई मार डालती है अगर में तुमसे एक काम करने को कहूं तो क्या करोगे??

हां करूंगा आप बोलिए!

वो बेटा में उम्र के आखिरी पड़वा पर हूं , ६७साल की उम्र हो गई है मेरी ,बस कभी भी ऊपर वाले का बुलावा आ सकता है तो में यह चाहता हूं..

नहीं साहब जी ऐसा न कहे अभी तो आपको बहुत जीना है..

न बेटा ,, मौत का कुछ पता नहीं कब आजाएं . इसलिए तुम मेरे लिए एक शादी शुदा महिला का इंतजाम करो में उसे बहुत सारा पैसा दूंगा , एक बार सेक्स करना चाहता हूं..

क्या कहते हैं साहब जी में कहा से लाऊंगा?

वो बेटा बहुत से परिवार होंगे जिन्हें पैसों की आवश्यकता होगी तो ऐसे ही किसी परिवार को ढूंढो!

मेने मन में सोचा कि कहा से ऐसा परिवार ढूंढें जो ये सब करने को तैयार हो जाएं. तभी मेरे मन में खयाल आया कि पेसो की जरूरत तो मुझे भी है तो क्या में, छी छी,ये में क्या सोच रहा हूं!

क्या सोच रहे बेटा करोगे मेरा ये काम! अगर तुम करोगे तो में तुन्हें जितना तुम चाहो उतना पैसा देने को तैयार हूं. बस एक बात का ध्यान रखना कि जो कोई भी महिला तुम लावों वो चालीस साल से ऊपर की होनी चाहिए!

में कोशिश करूंगा साहब आप कुछ समय दीजिए मुझे!

ठीक है एक हफ्ता है तुम्हारे पास!!
और इतना कहकर साहब ने मुझे कहा कि जावो चाय बना कर लाना. जी साहब कहते हुए में किचन में चले गया.

अब मैं अपने बूढ़े साहब के बारे में आपको कुछ बताता हूँ। परमानंद जी लगभग 40 साल देश की सेवा करते रहे वो लेफ्टिनेंट कर्नल की पोस्ट से रिटायर हुए थे, उनकी उम्र कोई 65-67 के आस-पास होगी, उनके सब बाल लगभग झड़ चुके हैं सर में चांद दिखाई देता था। परमानंद जी की लंबाई कोई 5/7 इंच की होगी, गोरा रंग एवं उनके शरीर को देखकर लगता की वो अब किसी काम के नहीं हाथ पैर कांपते रहते थे अब उन्हें लाठी की मदद चाहिए होती है. ये सब इस कारण भी था कि उनको नौकरी के दौरान बहुत चोटें ओर दो गोलियां भी लगी थीं . उनका पेट थोड़ा निकला हुआ था. शरीर में झुरियां पड़ गई थी. जैसा वो कह रहे थे मुझे लगता नहीं था कि वो इस उम्र में कुछ कर सकते हैं.

अगले दिन मेने साहब से कहा कि .. इस उम्र में आपसे ये सब हो पाएगा आपके तो हाथ पैर कांपते रहते हैं.
मेरी बात को साहब जी काटते हुए बोले- बेटा तू मेरे शरीर पर मत जा , हां थोड़ा असहाय हो गया हूं पर अभी उसमें बहुत जान है तू किसी को लेकर तो आ फिर देखना में कैसे उसके छक्के छुड़ाता हूँ। ऐसा कहते ही साहब जी हंसने लगे और साथ में भी हंसने लगा।

यूंही दिन बीतते गए पर कही कोई जुगाड़ नहीं हुआ . मेने इस बारे में अपने दोस्त से भी बात करी उसने भी कोशिश की पर सफलता प्राप्त नहीं हुई . थक हारकर मेने साहब से कहा कि मेरे से नहीं हो सकता तो उन्होंने बोला कि कोई बात नहीं पर कोशिश करते रहना . दिन बीतते गए और हालात बत्तर से बत्तर होने लगे, मैनेजर का फोन पर फोन आने लगे वो कहे कि सारा पैसा एक बार में चूकता करो वरना हम कानूनी कार्यवाही करेंगे. में परेशान होने लगा जिंदगी में इतना लाचार, इतना असहाय कभी नहीं हुआ पहले मन करता कुछ कर जाऊं पर फिर वही परिवार की चिंता ,बीबी की चिंता यही सब मुझे रोक रहे थे. अब हालात यह हों गए कि न तो ढंग से खाना खा पता ,न बीबी से अच्छे से पेश आता ओर न ही उसकी यौन इच्छाओं को पूरा कर पता क्योंकि अगर कभी करने की कोशिश करता तो दिमाग में बस यही सारी टेंशन आ जाया करती. अब जिंदगी पीड़ा देने लगी थी. कुछ दिनों बाद साहब ने फिर से कहा कि क्या तुमने कोशिश की . पर में उन्हे ना कह देता . एक दिन में मैनेजर ने फोन किया और फिर वही बात कही में गुस्से में उसे खूब सारी गाली बकी. पर वो सिर्फ एक ही बात बार बार कह रहा कि तुम्हे इस परेशानी से मुक्ति मिल जाएगी. उसके बार बार कहने पर मेरे मन में ना चाहते हुए भी वो ख्याल आने लगे, मेरा मन कहा कि यह सही है और दूसरा मन कहा कि गलत है में दोनों में फंस सा गया समझ नहीं आ रहा कि क्या करू, पर फिर वो हुआ जो नहीं होना चाहिए था मेरे लंड में कड़क पन आने लगा शरीर में चींटियां रेंगने लगी और जो कही महीनो से नहीं हुआ था वो होने लगा , ना जाने मेरा मन कैसे उस मैनेजर की बात से प्रभावित हो गया. मेने फोन में पोर्न फिल्म चलाई और देखने लगा ओर एक हाथ से अपने लंड को हिलाने लगा,वीडियो में एक लड़का लड़की की आंखों में पट्टी बांध कर चुदाई कर रहा था . मेंने सोचा अगर ऐसे ही उस बूढ़े से करवा दी जाए तो मेरा कर्ज भी चूकता हो जाएगा और बीबी को पता भी नहीं चल पाएगा. ऐसे सोचते ही मेरे लंड से पिचकारी फूट पड़ी और में बेहोश हो. अगले दिन मेरे मन में रात वाली बात घूमने लगी मेने सोचा की अब कुछ न कुछ तो करना पड़ेगा . मेनेजर ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज की ओर कुछ दिनों बाद मुझे मेरे घर से पुलिस वाले उठाकर ले गए. मेने उन्हें कहा कि में एक हफ्ते में पैसे लौटा दूंगा तब जाकर उन्होंने मुझे छोड़ा. में उन्हें झूठ बोला था पर में कर भी क्या सकता था, खेर मेने बहुत सोचा ओर फिर साहब के घर पहुंच गया और उन्हें बोल दिया की आपका काम हो गया .

क्या बोल रहे हो बेटे क्या सच में ??

जी साहब बस दो दिन लगेंगे!!

कोई बात नहीं, पर वह महिला कैसी है मतलब देखने में, क्या उम्र होगी !!

वो साहब , अभी ज्यादा उम्र की नहीं है बस यूंही 28/30साल की होगी ओर शादी को भी चार पांच साल ही हुए हे, बच्चा नहीं है अभी !

आह फिर तो बेटा मजा आ जाएगा ऐसी महिला के साथ, क्या किस्मत हे मेरी . बोल कितना पैसा चाहिए उसे ? साहब जी बोले.

वो साहब, 30लाख !

क्या ??

जी साहब!

साहब ने कुछ देर सोचा ओर फिर कहे...चल कोई बात नहीं में देने को तैयार हूं तू बस मेरा काम बनवा दे!

ठीक है साहब ! पर उसके पति ने कुछ शर्त रखी है!!

कैसी शर्त?

वो साहब! उसने कहा कि वो उसी दिन बताएगा!

कोई बात नहीं
मुझे मंजूर है सारी शर्ते उसकी!

ठीक है साहब में परसों का दिन पक्का!!
 
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