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Incest कामुक माँ कामिनी 2

karan41

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अब आगे.....

अब तो पता चल गया ना की मैंने ब्लाउज़ नहीं पहना हैं अब चलो जल्दी जल्दी....

अलोक - हां मम्मी. ( अपनी मम्मी के ब्लाउज़ ना पहने के कारण अलोक का लंड पैंट मै ही झटके मारने लगा था उसकी हालत ख़राब हो रही थी वों चाहता था की की उसकी मम्मी से वों ऐसी कुछ बात करे की उसकी मम्मी बातो से ही चुदवासी हो जाये )...

मम्मी आप इतनी ठंडी मै भी बिना ब्लाउज़ के यें विधि कर रही हो सच मै मम्मी आप का तो कोई जवाब नहीं...

कामिनी - ha बेटा तुम सब के लिये तो यें सब करना ही पड़ेगा ना तभी हमारी परेशानियाँ दूर होंगी...

अलोक - ha मम्मी..

थोड़ी ही देर मै अलोक औऱ कामिनी नदी पर पोहच गये.

कामिनी - बेटा चलो मै जल्दी विधि ख़त्म कर लेती हु..
अलोक - जी मम्मी..

औऱ इतना कहकर कामिनी नदी की तरफ़ बढ़ गयी
इस वक़्त नदी मै चारो तरफ़ बस सन्नाटा ही था औऱ औऱ हवाओं के चलने के कारण नदी के पानी मै भी एक हलचल रही थी.....

अलोक नदी के किनारे बैठ अपनी मम्मी का देख रहा था कामिनी का बदन इस वक़्त सफ़ेद साड़ी मै बोहत मादक लग रहा था अपनी मम्मी की बड़ी बड़ी जाँघे बड़ी सी गाँड़ औऱ बड़े बड़े चुचो को देख अलोक मा मन कामिनी को भोगने का कर रहा था....

उधर कामिनी अपनी विधि पूरी करने मै लग गयी...
कामिनी पानी के अंदर गयी औऱ उसने डुबकी लगाने का कार्य शुरू कर दिया.....

बाबा जी के बोलने के अनुसार कामिनी ने 21 बार डुबकी लगा दी औऱ अपना कार्य पूरा करके बाहर आ गयी......

कामिनी ज़ब बाहर आयी तो उसकी साड़ी उसके पुरे बदन पर चिपक गयी थी जिसके कारण कामिनी का घटीला बदन अलोक को साफ साफ दिख रहा था...

अलोक - मम्मी हो गयी विधि..

कामिनी - हां बेटा विधि हो गयी... लेकिन ठंड ज्यादा ही लग रही हैं....

अलोक - ha मम्मी ठंड तो हैं... (अलोक बाते कर्ते वक़्त अपनी मम्मी की चूचियाँ देख रहा था जो साड़ी के पल्लू के अंदर से उसकी भरावट औऱ उसका गुलाबी किसमिस का दाना अलोक साफ़ साफ़ देख पा रहा था...)


मम्मी आप कहे तो कुछ देर यही रुक जाये???

कामिनी - नहीं बेटा यहां कैसे रुक सकते अगर कोई आ गया तो

अलोक - नहीं मम्मी कोई नहीं आएगा यें आधी रात का समय हैं.. औऱ आधी रात को कौन यहां आएगा...

कामिनी - कुछ सोचके उम्म्म ठीक हैं बेटा

अलोक - तो मम्मी बैठ आओ यहां बैठ जाओ आपके कपड़े भी सुख़ जायेंगे....

(अलोक की बात सुनकर कामिनी वहां पास मै बैठ गयी)

अलोक - मम्मी आपका बदन पूरा भीग चूका हैं आप चाहो तो यें साड़ी निकाल दो औऱ यहां पत्थर पर फैला दो शायद है हवा से सुख जाये......

कामिनी - नहीं बेटा कोई बात नहीं रहने दो....

अलोक - ठीक हैं मम
 

karan41

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अलोक - मम्मी अगर आप बुरा ना मानो तो मै एक बात पुछू....

कामिनी - हां बेटा पूछो ना...

अलोक - मम्मी यें विधि बाबा जी ने क्यों बोलि मतलब बिना ब्लाउज़ के आपको डुबकी लगानी होंगी ऐसा...

कामिनी अलोक की बाते सुनकर अपने दोनों हाथों को पीछे की औऱ टिका दिया औऱ अपनी दोनों टांगे लम्बी करदी....

अलोक अपनी मम्मी का यें मादक रूप देख मस्त हो रहा था...

कामिनी - बेटा ब्लाउज़ उतारकर यें कार्य उन्होंने इसीलिए कहाँ की जो हमारी तकलीफ़े हैं वों सब औऱ जो बोझ मेरे सीने पर हैं वों सब इस कार्य से ठीक हो जायेगा.....

अलोक - मम्मी मतलब जो बोझ आपके सीने पर था वों यें विधि से सफल हो जायेगा क़्या?

कामिनी - ha बेटा बाबा जी नै ऐसा ही कहाँ हैं...

अलोक - मम्मी आपके सीने पर बोहत बोझ हैं सही मै बाबा जी ने सही कहाँ आपसे....

कामिनी - हां बेटा वों तो हैं सही कहाँ उन्होंने...

अलोक - मम्मी आप
 
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karan41

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अलोक - मम्मी आपसे एक बात पुछू ( अलोक ने कामिनी के बदन को घूरते हुऐ कहाँ )

कामिनी - हां बेटा पूछो ना

अलोक - मम्मी आपके जो मम्मे हैं यें तो बिना ब्रा औऱ ब्लाउज़ के बोहत उभरे हुऐ लगते है ऐसा लगता हैं जैसे इसमें बोहत दूध हो.... ( अलोक ने बड़ी मादक तरीक़े से अपनी मम्मी को यें सब कहाँ )

कामिनी - अच्छा बेटा लेकिन तुमने मूझे पहली भी कही बार बिना कपड़ो के देखा है फिर आज अचानक तूम यें सब क्यों बोल रहे हो

अलोक - मम्मी हां आप सही हो मैंने पहली भी आपको नंगी देखा हैं लेकिन मम्मी पूरा नंगा बदन औऱ सिर्फ़ मंम्मो को पूरा नंगा देखना यें बात मै फर्क हैं मम्मी

कामिनी - फ़र्क वों कैसे बेटे ( कामिनी जब अलोक से बाते कर रही थी हवाओं के चलने से कामिनी की साड़ी उसके जांघो तक सरक रही थी इस्से कामिनी की भरी हुई गोरी गोरी जाँघे अलोक को कामिनी की औऱ आकर्षित कर रहे थे )

अलोक - मम्मी देखो आपके मंम्मे ज़रा इसे देख कर ऐसा लगता हैं जैसे किसीने इसे अभी बड़ी बेहरहमी मसला हो औऱ... ( अलोक इतना बोल चुप हो गया )

कामिनी - औऱ क़्या बेटा बताओ ना चुप क्यों हो गये )

अलोक - हां बताता हु लेकिन पहले आप यें पल्लू ज़रा बाजु कर दोगे तो सही से बता पाउँगा

कमिमी - अच्छा यें लो (कामिनी ने इतना बोलकर अपना पल्लू अपने ढ़के हुऐ जिस्म से हटा दिया )
अब बताओ

अलोक - देखो मम्मी आपके मंम्मे औऱ औऱ इसके ऊपर जो यें निप्पल्स हैं वों देखो कितने खड़े हो गये हैं ऐसा लग रहा हैं जैसे इसे किसीनी अपनी मुँह मै लेकर बोहत चूसा हो इसका दूध निकालने के लिये...

कामिनी - नहीं बेटा यें तो पहले से ही इतने हैं...

अलोक - नहीं मम्मी वों आपको दिख रहा हैं लेकिन किसी औऱ ने इसे नंगा देखा तो वों यही बोलेगा..औऱ
आपको याद हैं ज़ब वों लोग आपको जंगल मै चोद रहे थे तो उन्होंने बोला था की यें मंम्मा इतना बड़ा हैं की हाथों मै भी नहीं आ रहा हैं...

कामिनी - ha बेटा याद हैं

अलोक - लेकिन मम्मी एक बात है..

कामिनी - वों क़्या बेटा

अलोक - मम्मी आपके बदन पर यें बड़े मंम्मे आकर्षित लगते हैं एक तो आप इतनी भरे बदन की औऱ वज़नदार औरत औऱ ऊपर से आपकी बड़ी बड़ी चौड़ी गाँड़ औऱ भरी हुई झाँगे
 

karan41

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क़्या कहाँ मै औऱ वज़नदार औऱत
अलोक - हां मम्मी वज़नदार

कामिनी - क़्या बेटा तुम भी ना मै औऱ वज़नदार क़्या मै तुम्हें मोटी लगती हु...

अलोक - नहीं मम्मी मोटी नहीं आपकी बॉडी फुल शेप मै है लेकिन मम्मी आपकी आप थोड़े वज़नदार हो क्यों की मैंने ज़ब भी देखा हैं
 
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karan41

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तब आपको चोदने वाले थक कर हाफ़ने लगते हैं उनकी सांस फूलने लगती ही....
( अलोक जान बूझकर कामिनी को उकसा रहा था )

फ़िर भी मम्मी आपका वजन कितना होगा...

कामिनी - क़्या पता बेटा तुम्हें क़्या लगता हैं कितना होगा..

अलोक - अब मूझे क़्या पता मम्मी मैंने थोड़ी चेक किया.. हैं लेकिन मै आपको उठा कर अंदाजा लगा पाउँगा की कितना होगा आपका वजन..... आप कहे तो मै आपको उठा लू.. ( अलोक ने बड़ी चतुराई से कामिनी को अपनी बातो मै उलझा लिया )

कामिनी - हाँ उठाओ तो भला ( इतना बोलकर कामिनी उठ कर ख़डी हो गयी उसके खुले बिखरे बाल औऱ गोरे बदन पर उसकी साड़ी कामिनी पूरी कामदेवी लग रही थी )

अलोक
 

sunoanuj

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Bahut barhiya updates… waiting for next update…
 
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