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Incest किस्से कच्ची उम्र के

queen divya

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नमस्कार दोस्तों
में दिव्या शर्मा आप सभी के लिए एक पारिवारिक सेक्स कहानी लेकर आई हूँ
उम्मीद करती हूँ कि आप लोग मेरी इस कहानी को पसंद करेंगे
 

queen divya

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भाग 1

* दोस्तों ये कहानी सुरु होती है एक छोटे से गाँव से। इस कहानी में रिश्तों में चुदाई की किस्से भी होंगे। तो जिसे इन्सेस्ट पसंद नहीं वो ये कहानी न पढ़े। इसके किरदार के बारे में थोडा बता देती हु।

माधवी:- एक कमसिन खूबसूरत सेक्सी लड़की।बहोत ही सीधी साधी लड़की है। अपने काम से काम रखने वाली लड़की। स्कूल पढाई और परिवार यही इसकी जिंदगी है।सेक्स की दुनिया का जादा कुछ पता नहीं।

प्रभा:-माधवी की माँ उम्र 36 साल। ये भी बला की खूबसूरत और सेक्सी औरत है। पढ़ी लिखी होने के कारन रहन सहन बहोत अच्छा है।

जसवंत:- माधवी के पिता। ये किसान है। बहोत खेती होने के कारन पैसो की कोई कमी नहीं।

सागर:- माधवी का बड़ा भाई। शहर में पढता है। उम्र 19 साल। महीने में एक बार गाँव आता है सबसे मिलाने के लिए। बाकि किरदार भी है। जैसे जिक्र होगा वैसे बताउंगी। तो कहानी सुरु करते है।

* *


प्रभा:- माधवी कितनी देर लगाती है नहाने में??चल मुझे खाना बनाना है तेरे बाबा के लिए।

माधवी:- हो गया माँ...आ रही हु। ठीक से नहाने भी नही देती हो।

प्रभा:-आधे घंटे से अंदर है।

माधवी बहार आती है।

माधवी:- क्या माँ आप भी न.....

* लेकिन प्रभा उसकी बात सुनाती भी नहीं और झट से अंदर चली जाती है।

माधवी अपने कमरे में जाके तैयार होने लगति है।*

जसवंत अपने कम निपटा के आता है। जैसे वो बाहर हॉल में आता है...

जसवंत:- प्रभा खाना हो गया क्या??

*माधवी :- बाबा माँ नाहा रही है।

जसवंत:- अच्छा उसको कहना की मैं खेत के लिए निकल रहा हु। खाना लेने चंदू को भेज दूंगा।

चंदू:-- शादी शुदा जसवंत के यहाँ खेतो में कम करनेवाला नोकर। उम्र 34 साल। बहोत ही चोदु किस्म का इंसान। इसकी बुरी नजर माधवी और उसकी माँ पे है। जसवंत के यहाँ सालो से काम करता है इसकी वजह से सब उसे अपने परिवार का ही समजते है।

माधवी:- ठीक है।

प्रभा जल्दी नहाके खाना बना देती है। माधवी भी तैयार होके अपना टिफिन उठाके स्कूल के लिए निकल पड़ती है।

रस्ते में अपनी दोस्त प्रियंका के घर होते हुए दोनों दोस्त स्कूल के लिए निकल पड़ते है।

प्रियंका:--ये भी बहोत खूबसूरत है। लेकिन बहोत चंट है। ये पुरे गाँव की खबरे रखती है। ऐसे सेक्स की बातें करने में बहोत मजा आता है। लेकिन माधवी इसे हमेशा चुप करवा देती है। दोनों विपरित स्वाभाव की होने के बावजूद बहोत गहरे दोस्त


*बरसात का मौसम चारो तरफ हरियाली। ऐसे में गाँव बहोत ही खूबसूरत लगता है। स्कूल गाँव के थोडा बाहर था। गाँव से लेके स्कूल का रास्ता थोडा सुनसान ही रहता था। लेकिन स्कूल के टाइम नहीं होता था। रस्ते में कुछ मनचले लडके अपनी आखे सेकने बैठे रहते थे। वो सिर्फ दूर से देख के आहे भरते रहते थे। कोई कुछ बोलता नहीं था।*

* *माधवि और प्रियंका अपने क्लास में जाके बैठ जाती है। इस बात से अनजान की उसकी जिंदगी कुछ दिनों में पूरी बदलने वाली है।
 

Iron Man

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queen divya

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इधर माधवी के घर पे.....

चंदू:- भाभी...भाभी...मालिक का टिफिन हो गया हो तो दे दीजिये।

प्रभा:- हा हा ...हो गया है ये लो।

* प्रभा टिफिन लेके चंदू को देती है। चंदू प्रभा को देखते ही रहता है। उसकी बड़ी बड़ी चुचिया चलते वक़्त ऊपर निचे होते देख चंदू का लंड खड़ा होने लगता है।

चंदू:- मन में....आय हाय उम्म्म क्या चुचिया है...मन करता है अभी दबा दू...जी भर के चुसू दबाउ अह्ह्ह काश ये मेरी बीवी होती दिन रात इसको चोदते रहता।

प्रभा:- क्या हुआ चंदू भैया ??क्या सोचने लगे??

चंदू:-अ..आ..वो कुछ नहीं...ठीक है मैं निकलता हु।

* *चंदू जाने के लिए मुड़ा...लेकिन थोडा आगे जाके वापस मुद के देखा ...प्रभा अपने कमरे की तरफ जा रही थी...उसकी मटकती गांड को देख अपना लंड मसलने लगा।

चंदू:-बस एक बार ये मुझे मिल जाय...ऐसी जमके चूत और गांड मारूँगा की कभी भूल नहीं पाएगी। अभी तो इसकी बेटी भी जवान हो गयी है। बिलकुल अपनी माँ पे गयी है। दोनों चोदने मिल जाय एक बार बस....ये सोचते हुए चंदू खेतो की तरफ निकल पड़ा।

*


घर पे प्रभा अपना काम निपटा के आराम करने लगती है। ''ये चंदू आजकल बहोत घूरने लग गया है। इसकी शिकायत करनी पड़ेगी इनसे। घर में जवान बेटी है। कही उसके साथ इसने ऐसा वैसा कर दिया तो??''

ये सोच के प्रभा थोड़ी घबरा जाती है। लेकिन अगले पल जब वो खुदको आईने में देखती है तो...'' वैसे चंदू की भी कोई गलती नही है...मैं हु ही इतनी सेक्सी...लेकिन आजकल ये मुझपे ध्यान ही नहीं देते। जब नयी नयी शादी हुई थी तब ये कितनी चुदाई करते थे मेरी। जब मौका मिला वही अपना लंड मेरी चूत में पेल देते थे। कई बार सासु माँ और ससुरजी ने भी देख लिया था। लेकिन ये नहीं सुधरे। लेकिन अब देखो घर पे कोई नहीं रहता फिर भी महीने में एकाद बार चोदते है। खैर मुझे भी अब चुदाई में जादा दिलचस्पी नहीं रही। चलो थोड़ी देर सो जाती हु। माधवी आ जायेगी थोड़ी देर में।

* **


*माधवी का स्कूल खत्म हो चूका था। वो घर जाने के लिए निकली....लेकिन जैसे वो स्कूल के कंपाउंड में आयी उसने देखा की सागर की बाइक वहा खड़ी है।

माधवी:- प्रियंका वो देख भैया की बाइक...वो आये है शायद...चल ऑफिस में देखते है।

प्रियंका:- हा चल ...उनके साथ ही घर चलते है...मेरे पैरो में दर्द है..मैं तो ये सोच सोच के पागल हो रही थी की घर तक पैदल कैसे जाउंगी...सागर को मेरे लिए ही भेजा है भगवान् ने...

* *उनकी ये बाते चल रही थी की सागर उनके पिछेसे आ रहा था और उसने प्रियंका की बाते सुन ली।

सागर:- हा बिलकुल तेरे लिए ही भेजा है मुझे....

दोनों चौक के पीछे देखती है...

माधवी:-भैया आप यहाँ कैसे??

सागर:- अरे वो *स्कूल में कुछ काम था।

माधवी:- मुझे बता देते मैं कर देती....और आपने फ़ोन भी नहीं किया।

सागर:- क्यू मेरे ऐसे अचानक आने से तू खुश नहीं है क्या?? प्रियंका को देख कैसे खुश हो रही है।

माधवी:- वो तो घर पे पैदल नहीं जाना पड़ रहा इस बात से खुश है।

सागर:- हा चलो जल्दी...देखो लग रहा है बरसात होने वाली है।

*सागर बाइक सुरु करता है। माधवी पीछे बैठती है उसके पीछे प्रियंका।

थोड़ी दूर जाते है लेकिन बरसात जोर से सुरु हो जाती है। जब तक किसी पेड़ के निचे जाते तीनो बहोत भीग जाते है।

* माधवी अपने बैग से बड़ी पॉलिथीन की बैग निकालती है और उसमे अपना और प्रियंका का बैग रख देती है।

इधर सागर की नजर भीगी हुई प्रियंका पर पड़ती है।सफ़ेद सलवार पानी से भीग के पूरी तरह उसके बदन से चिपक जाती है।जिससे उसकी अंदर पहनी सफ़ेद ब्रा साफ़ साफ़ नजर आने लगाती है। प्रियंका को ये बात समज आ जाती है की सागर उसे देख रहा है। उसे मन ही मन बहोत अच्छा लगता है। वो अपनी चुन्नी ठीक करने के बहाने से उसे ऐसे एडजस्ट कराती है जिससे सागर को उसकी चुचिया देखने में आसानी हो। वो बहोत दिनों से मन ही मन सागर से प्यार करती है पर दोस्त का भाई होने के कारन कुछ कहती नहीं।

सागर उसकी चुचियो की गोलाई और साइज़ देख के चौक जाता है। उसे पहली बार अहसास होता है की प्रियंका अब जवान हो गयी है।और कमाल की जवानी निखर आई है उसकी। वो पेड़ के निचे खड़े थे मगर थोड़ी फवारे उन पर पद रही थी। सागर प्रियंका के चहरे पे पड़ती बारिश की बुंदे को देखता है। उसका भीगा चेहरा देख उसे कुछ होने लगता है। उसकी उभरती जवानी और खूबसूरती सागर के मन में भर जाती है।

सागर:- वाओ प्रियंका कितनी सेक्सी लग रही है। इसके सामने तो मेरी कॉलेज की लडकिया पानी कम चाय है।

* सागर कभी उसकी चूची को तो कभी उसके चेहरे को तो कभी उसके होटो को देखता है।प्रियंका शर्मा के निचे देखते रहती है। लेकिन उसे पता होता है की सागर उसे देख रहा है।

माधवी:- भैया क्या हुआ कहा खो गए??

*ये सुनके सागर और प्रियंका दोनों संभल जाते है।

माधवी:- मैंने बैग रख दिए है अच्छेसे अब चलो ये बारिस नहीं रुकने वाली।

* वो तीनो फिर से बाइक पे बैठ के घर पहोच जाते है।
 
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