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कहानी अच्छी है या नहीं


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insotter

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कुछ कल्पनाएं मन में आ रहे है सोच रहा हूं यहां उकेरा जाए। कहानी लिखने के लिए प्रेरणा कई लेखक से मिला जिनका मैं तहे दिल से धन्यवाद देना चाहूंगा जाए dirty_thoughts Arthur Morgan moms_bachha DREAMBOY40 सहमति प्रदान करें दोस्तों और अपनी राय दे।
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Sl NoContentPage No.
01Trailer01
02अध्याय 1 पात्र परिचय01
03अध्याय 2 शारीरिक परिचय02
04अध्याय 3 शुरुवात04
05अध्याय 4
नए किस्सों का आरम्भ
06
06अध्याय 5Coming soon
 
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sunoanuj

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कुछ कल्पनाएं मन में आ रहे है सोच रहा हूं यहां उकेरा जाए। सहमति प्रदान करें दोस्तों और अपनी राय दे।
Bahut hee umda vichar hai mitr … jaldi se apni kalpanao se hame bhi avgat karao …
 

insotter

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Trailer of story

आज बहुत देर से उठा था | सायद रात की दारू उतरी नहीं थी | ओर सर भी भारी लग रहा था पिछले कुछ दिनों से उसकी मुसकेलिया थम ने का नाम नहीं ले रही थी | वो कितना भी कुछ करले हालत बद से बदतर होते जा रहे थे | इसी के चलते उसने दारू ओर सिगरेट की लत भी लगा ली थी | आज जब वो उठा तो बस यही दोहराता रहा वो मुझे मार डालेगी | खैर ये बात अनुज की अनुज मिश्रा | जैसा उसका नाम था वैसा ही उसका रिश्ता | वो घर मे सबसे छोटा था |
 
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Motaland2468

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Update -01

आज बहुत देर से उठा था | सायद रात की दारू उतरी नहीं थी | ओर सर भी भारी लग रहा था पिछले कुछ दिनों से उसकी मुसकेलिया थम ने का नाम नहीं ले रही थी | वो कितना भी कुछ करले हालत बद से बदतर होते जा रहे थे | इसी के चलते उसने दारू ओर सिगरेट की लत भी लगा ली थी | आज जब वो उठा तो बस यही दोहराता रहा वो मुजे मार डालेगी | खैर ये बात अनुज की अनुज मिश्रा | जैसा उसका नाम था वैसा ही उसका रिश्ता | वो घर मे सबसे छोटा था |
Congratulations for new story plz continue
 

sunoanuj

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Update -01

आज बहुत देर से उठा था | सायद रात की दारू उतरी नहीं थी | ओर सर भी भारी लग रहा था पिछले कुछ दिनों से उसकी मुसकेलिया थम ने का नाम नहीं ले रही थी | वो कितना भी कुछ करले हालत बद से बदतर होते जा रहे थे | इसी के चलते उसने दारू ओर सिगरेट की लत भी लगा ली थी | आज जब वो उठा तो बस यही दोहराता रहा वो मुजे मार डालेगी | खैर ये बात अनुज की अनुज मिश्रा | जैसा उसका नाम था वैसा ही उसका रिश्ता | वो घर मे सबसे छोटा था |

शुरुआत बहुत अच्छी है ! अब अगले अपडेट की प्रतीक्षा है !
 

insotter

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अध्याय 1
पात्र परिचय

ये कहानी है एक ऐसे परिवार की जहाँ परिवार में प्यार भी है, नफ़रत भी है, इकरार भी है, मोहब्बत भी है लेकिन इन सभी के विपरीत परिवार में कुछ ऐसे भी रिश्ते है जिनको किसी से कहना और किसी से साझा करना शायद सभी के लिए मुमकिन नहीं है लेकिन यह रिश्ता सिर्फ़ एक ही तक सीमित ना होके पूरे परिवार को अपने आगोश में ले लिया।

नोट : इस कहानी में कोई एक किरदार मुख्य भूमिका नहीं निभाएगा पर कहानी का वर्णन एक ही किरदार करेगा जिसके बारे में आपको आगे पता चलेगा।

आइए जानते है इस परिवारों के बीच में ऐसा कौनसा सा रिश्ता था जिसने सभी को अपने साथ ले चला। एक ऐसा गाँव जहाँ खेती भी होती है, फैक्ट्री में लोग काम भी करते है, सरकारी नौकरियां भी करते है और कुछ लोग नौकरी के अलावा ख़ुद के घर में अपने व्यवसाय पे भी अपनी रुचि रखते है।

सबसे पहले आपकी मुलाक़ात घर के बुजुर्ग से करवाते है नाम है रमेश चंद मिश्रा जी उम्र 70 साल जिनको परिवार के कुछ लोग पिता जी और कुछ दादा जी कहते है मतलब आप समझ ही गए होंगे की ये परिवार के मुखिया है। पेशे से किसान है साल में दो फसल काटते है चावल और गेहूं।मेहनती है जिसके वजह से इनका हल्का तंदुरुस्त शरीर ना ज़्यादा मोटापा और ना ज़्यादा कमजोर है।

इनकी धर्मपत्नी का नाम है शामली रमेश मिश्रा उम्र 65 साल जो कुछ एक की सास और कुछ एक की माँ और दादी है। वैसे तो ज्यादातर घर का ही काम करती पर कभी कभी खेतों पे भी चली जाती है अपने पति के कहने पर। गोरे बदन की मालिकों है शरीर में कोई भी चर्बी नहीं अपने समय में गाँव की गोरी थी जिसके कई दीवाने थे।

इन दोनों रमेश जी और शामली जी के चार बेटे और दो बेटी है जिनमे एक बेटी सबसे बड़ी तो एक बेटी सबसे छोटी है। सभी की शादी हो चुकी है। बेटियों का परिचय कहानी के बीच में दूँगा अभी के लिए बेटों का ही दे रहा हूँ।

१. पंकज कुमार मिश्रा ये सबसे बड़े बेटे है उम्र 48 साल गाँव के पास ही एक कंपनी में काम करते है सुबह 9 से शाम 5 तक शरीर में कोई तकलीफ़ नहीं हस्ट पुष्ट शरीर है। जिनकी पत्नी का नाम चंचल देवी उम्र 45 साल है ये घर भी सँभालती है और खेतों में भी जाती है अपने ससुर के साथ और जैसा इसका नाम वैसा इनका काम किसी को नहीं छोड़ती मजाक के मामले में सबसे इंकार रहती है। इन दोनों के दो बेटे है कमल और रमल दोनों भाई जो अभी फौज में जाने की तैयारी कर रहे है।

२. पीताम्बर मिश्रा जो दूसरे बेटे है उम्र 46 साल ये घर के पास चौराहे पे एक किराने की दुकान चलाते है इनके चलने में थोड़ी दिक्कत होती है इसलिए अपनी दुकान में बैठ के दुकानदारी ही सँभालते है इनकी पत्नी का नाम लेखा देवी है उम्र 42 साल ये भी घर के साथ दुकान और खेतों में भी कभी कभी जाती है अपने जेठानी के साथ इनके दो बेटे अनिमेष और नवीन जो अभी अपनी पड़ाई कर रहे है और एक बेटी पूजा है ये भी पड़ाई कर रही है।

३. पामराज मिश्रा उम्र 44 साल ये तीसरे नंबर के बेटे है जो पास के ही सरकारी स्कूल में चपरासी का काम करते है। इनका काम स्कूल के खुलने से लेकर बंद होने तक चलता है। लेकिन है एक नंबर के आलसी इंसान कोई भी काम एक बार में पूरा हो जाए तो परिवार इनसे हमेशा खुश रहे। इनकी पत्नी का नाम भगवती देवी उम्र 40 साल है जो घर के काम के साथ साथ सिलाई का भी काम करती है इनकी शादी के बाद दो जुड़वा बेटियों ने जन्म लिया रिंकी और पिंकी को पूजा के ही उम्र के है और तीनो एक साथ ही स्कूल जाया करती है।

४. अनुज मिश्रा उम्र 42 साल जो सबसे छोटे बेटे है ये पास ही के एक फैक्ट्री में काम करने जाते है अपने बड़े भाई पंकज के बगल वाले कंपनी में। सबसे मिलजुल के रहने वाले है ज़्यादा किसी से कोई मतलब नहीं पर कभी कभी दारू और सिगरेट का नशा करते है और अपनी पत्नी नेहा उम्र 38 साल को भला बुरा कहते है क्युकि शादी के इतने साल बाद भी इनकी कोई संतान नहीं है।

ये मेरी पहली कहानी का पहला अपडेट रहा गलती को सुधारने का मौक़ा जरूर देना दोस्तों। कहानी को मैं अपने तरीके से लिख रहा हूँ थोड़ा धीरे हो सकता है पर कोशिश रहेगी अपडेट जल्दी पोस्ट करूँ। आज के लिए इतना ही अगले अध्याय में जानेंगे हर एक के शारीरिक बनावट के बारे में कौन कितना खास है और किसका कितना खास है।
 
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insotter

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अध्याय 1
पात्र परिचय

ये कहानी है एक ऐसे परिवार की जहाँ परिवार में प्यार भी है, नफ़रत भी है, इकरार भी है, मोहब्बत भी है लेकिन इन सभी के विपरीत परिवार में कुछ ऐसे भी रिश्ते है जिनको किसी से कहना और किसी से साझा करना शायद सभी के लिए मुमकिन नहीं है लेकिन यह रिश्ता सिर्फ़ एक ही तक सीमित ना होके पूरे परिवार को अपने आगोश में ले लिया।

नोट : इस कहानी में कोई एक किरदार मुख्य भूमिका नहीं निभाएगा पर कहानी का वर्णन एक ही किरदार करेगा जिसके बारे में आपको आगे पता चलेगा।

आइए जानते है इस परिवारों के बीच में ऐसा कौनसा सा रिश्ता था जिसने सभी को अपने साथ ले चला। एक ऐसा गाँव जहाँ खेती भी होती है, फैक्ट्री में लोग काम भी करते है, सरकारी नौकरियां भी करते है और कुछ लोग नौकरी के अलावा ख़ुद के घर में अपने व्यवसाय पे भी अपनी रुचि रखते है।

सबसे पहले आपकी मुलाक़ात घर के बुजुर्ग से करवाते है नाम है रमेश चंद मिश्रा जी उम्र 70 साल जिनको परिवार के कुछ लोग पिता जी और कुछ दादा जी कहते है मतलब आप समझ ही गए होंगे की ये परिवार के मुखिया है। पेशे से किसान है साल में दो फसल काटते है चावल और गेहूं।मेहनती है जिसके वजह से इनका हल्का तंदुरुस्त शरीर ना ज़्यादा मोटापा और ना ज़्यादा कमजोर है।

इनकी धर्मपत्नी का नाम है शामली रमेश मिश्रा उम्र 65 साल जो कुछ एक की सास और कुछ एक की माँ और दादी है। वैसे तो ज्यादातर घर का ही काम करती पर कभी कभी खेतों पे भी चली जाती है अपने पति के कहने पर। गोरे बदन की मालिकों है शरीर में कोई भी चर्बी नहीं अपने समय में गाँव की गोरी थी जिसके कई दीवाने थे।

इन दोनों रमेश जी और शामली जी के चार बेटे और दो बेटी है जिनमे एक बेटी सबसे बड़ी तो एक बेटी सबसे छोटी है। सभी की शादी हो चुकी है। बेटियों का परिचय कहानी के बीच में दूँगा अभी के लिए बेटों का ही दे रहा हूँ।

१. पंकज कुमार मिश्रा ये सबसे बड़े बेटे है उम्र 48 साल गाँव के पास ही एक कंपनी में काम करते है सुबह 9 से शाम 5 तक शरीर में कोई तकलीफ़ नहीं हस्ट पुष्ट शरीर है। जिनकी पत्नी का नाम चंचल देवी उम्र 45 साल है ये घर भी सँभालती है और खेतों में भी जाती है अपने ससुर के साथ और जैसा इसका नाम वैसा इनका काम किसी को नहीं छोड़ती मजाक के मामले में सबसे इंकार रहती है। इन दोनों के दो बेटे है कमल और रमल दोनों भाई जो अभी फौज में जाने की तैयारी कर रहे है।

२. पीताम्बर मिश्रा जो दूसरे बेटे है उम्र 46 साल ये घर के पास चौराहे पे एक किराने की दुकान चलाते है इनके चलने में थोड़ी दिक्कत होती है इसलिए अपनी दुकान में बैठ के दुकानदारी ही सँभालते है इनकी पत्नी का नाम लेखा देवी है उम्र 42 साल ये भी घर के साथ दुकान और खेतों में भी कभी कभी जाती है अपने जेठानी के साथ इनके दो बेटे अनिमेष और नवीन जो अभी अपनी पड़ाई कर रहे है और एक बेटी पूजा है ये भी पड़ाई कर रही है।

३. पामराज मिश्रा उम्र 44 साल ये तीसरे नंबर के बेटे है जो पास के ही सरकारी स्कूल में चपरासी का काम करते है। इनका काम स्कूल के खुलने से लेकर बंद होने तक चलता है। लेकिन है एक नंबर के आलसी इंसान कोई भी काम एक बार में पूरा हो जाए तो परिवार इनसे हमेशा खुश रहे। इनकी पत्नी का नाम भगवती देवी उम्र 40 साल है जो घर के काम के साथ साथ सिलाई का भी काम करती है इनकी शादी के बाद दो जुड़वा बेटियों ने जन्म लिया रिंकी और पिंकी को पूजा के ही उम्र के है और तीनो एक साथ ही स्कूल जाया करती है।

४. अनुज मिश्रा उम्र 42 साल जो सबसे छोटे बेटे है ये पास ही के एक फैक्ट्री में काम करने जाते है अपने बड़े भाई पंकज के बगल वाले कंपनी में। सबसे मिलजुल के रहने वाले है ज़्यादा किसी से कोई मतलब नहीं पर कभी कभी दारू और सिगरेट का नशा करते है और अपनी पत्नी नेहा उम्र 38 साल को भला बुरा कहते है क्युकि शादी के इतने साल बाद भी इनकी कोई संतान नहीं है।

ये मेरी पहली कहानी का पहला अपडेट रहा गलती को सुधारने का मौक़ा जरूर देना दोस्तों। आज के लिए इतना ही अगले अध्याय में जानेंगे हर एक के शारीरिक बनावट के बारे में कौन कितना खास है और किसका कितना खास है। लेकिन पोस्ट होगा 50 likes ke baad 😁
Finest Start Bhai well-done

Female character k introduction mein Pics Add karo usse dimag mein ek chavi ban jayegi ki wo kaisi hai 👍
 
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