गाओं का माहौल बड़ा ही अज़ीब किस्म का होता है वहां एक ओर तो सब कुछ ढका छुपा होता है तो दूसरी ओर अंदर ही अंदर ऐसे ऐसे कारनामे होते है कि जान जाओ तो दांतो तले उंगली दबा लो। थोड़ा सा भी झगड़ा होने पर लोग ऐसी मोटी मोटी गलिया देंगे मगर, अपनी बहू बेटियो को दो गज का घूँघट निकालने के लिए बोलेंगे। फिर यही लोग दूसरो की बहू बेटियों पर बुरी नज़र रखेंगे और ज़रा सा भी मौका अगर मिल जाए तो अपने अंदर की सारी कुंठा और गंदी वासना निकाल देंगे। कहने का मतलब ये कि गाओं में जो ये दबी छुपी कामुक भावनाए है वो विभिन्न अव्सरो पर भिन्न भिन्न तरीक़ो से बाहर निकलती है।
खेत, खलिहान, आमो का बगीचा आदि कई ऐसी जगह हैं जहां पर छुप छुप के तरह तरह के कुकर्म होते है कभी उनका पता चल जाता है कभी नही चल पाता। गाओं के भिन्न भिन्न घरों के मर्द तो बकाएदा एक आध रखैलें भी रखते हैं, जिनकी रखैल ना हो उनकी इज़्ज़त कम होती है ये अलग बात है कि इन घरों की औरते प्यासी ही रह जाती थी क्योंकि मर्द तो किसी और ही कुआँ का पानी पी रहा होता है। दूसरो के कुएं का पानी पीने के बाद अपने घर के पानी को पीने की उनकी इच्छा ही नही होती है और अगर किसी दिन पी भी लिया तो उन्हे मज़ा नही आता है। इन औरतो ने भी अपनी प्यास भुझाने के लिए तरह तरह के उपाए कर रखे थे। कुछ ने अपने पड़ोसी को फसा रखा था और उनकी बाँहो में अपनी संतुष्टि खोज़ती थी कुछ ने चोरी छुपे अपने यार बना रखे थे और कुछ यू ही दिन रात वासना की आग में जल कर हिस्टीरिया की मरीज़ बन चुकी थी, खैर ये तो हुआ गाओं के माहौल का थोड़ा सा परिचय। अब आपको गाओं की ही कुछ छोटे बड़े घरों की कहानी सुनाता हू। वैसे तो सभी समझ गये होंगे कि ये गाओं की कोई वासनात्मक कहानी है, फिर इसको बताने की क्या ज़रूरत है जब इसमे कुछ भी नया नही है, तो दोस्तो इसमे बताने के लिए एक अनोखी बात है जो इस गाओं में पहले कभी नही हुई थी इसलिए बताई जा रही है, तो फिर सुनो कहानी।
मायापुर गांव उत्तर प्रदेश और बिहार के बॉर्डर से लगता है। इस गांव में स्कूल मास्टर भोलाराम का परिवार रहता है। भोलाराम के परिवार में उसकी दूसरी पत्नी गौरी, बड़ी बेटी रूपाली और छोटी बेटी कंचन और बेटा बलवान हैं। भोलाराम के तीनों बच्चे उसकी पहली पत्नी गोमती से हुए हैं जिसकी मौत बलवान को जन्म देने के कुछ पल बाद ही हो गई थी।
आगे की कहानी पहले अपडेट में।