Update - 3
विजय- अबे मादरचोद कबसे तू मेरेको पट्टी पढा रेला है तेरे को क्या लगा मई अलिबाग से आयेला है ।
समिर- भाई आप क्या बोल रहई हो अपून को लवडा कुझ समझ नई आ रहा है ।
विजय- चुतिये, कल रात बारा बजे तेरे मां के साथ तू क्या कांड कर रहा था वो मै पूछ रहा हू तेरे से ।
समिर- ममम मतलब भाई ।
विजय- बोसडीके कल रात तू तेरी नंगी मां को गोद लेकर क्या कर रहा था । मेरे को कल रात हीच पता चल गया की तूम लोग क्या कर रहे हो पर अब तूहीच खूद के मूह से बता ।
समिर पेट पकड कर जोर-जोर से हसने लगा, अपनी हसी रोकते हूए वो बोलने लगा
समिर- भाई आप को पता चल गया हम दोनो की मस्ती के बारे में भाई सही सोच रहे हो कल हम लोग चुदाई कर रेले थे । और भाई हर शनिवार को हम दोनो मजे करते हैई वो भी जबरदस्त, रातभर उसको हमच-हमच के चोदता हूं । वैसे भाई आपको कैसी लगी पूरी गदराई आयटम है ना ।
विजय- लवडे तूने तेरी मां को भी अपनी हवस का शिकार बनाया, मुझे पता ही था ईतना बडा चोदू बीना चुदाई के कैसा रह पाएगा पर भडवे तूने अपनी मां को तक नही छोडा ।
समिर- भाई आप उसको सावीत्री समझ रेले हो आपको पता नई वो कीतनी बडी चिनाल है । भाई ईसकी शूरूवात अपन ने नई उसने हीच की थी । मेरा बाप पिके दीनभर टूननन रहता है ये आपको बताने की जरूरत नही है । रोज मां रात को पागल की तरह तकीया बाहो मे लेकर मसलती मैने अपने आंखो से देखा है । बादमे वो मेरे उपर लाईन मारने लगी बार-बार अपन के शादी के बारे मे बाते करती । फीर तो हद ही हो गई मै सोया हुआ होता तो मेरे बाजू आके बैठ जाती और अपन को उठाने के बहाने पेंट मे खडे बंबू पे हाथ घुमाती । एक दीन तो मेरे सामने साडी गांड तक उठाकर गांड खुजाने लगी और निक्कर निचे करके मुतने बैठ गई । आहहहह मां कसम क्या नजारा था भाय याद करके लंड अभीसे कडक हो गया । ईतना ईशारा ना समझ ने को अपून कोई हीजडा है क्या मेरे को पता चल गया चिनाल के चुत मे बहोत खुजली हो रही है फीर एक रात मैने हीम्मत करके उसको हाथ पकड के बिस्तर पर खिंचा और बाहों मे लेकर जोर-जोर से उसकी गांड मसलना शूरू कीया साली, चिनाल मजे ले रही थी तब अपन समझा आज रात इसकी सुहागरात मनने वाली है । रातभर उसकी मस्त चुदाई की अपन ने और भाई आपको क्या बताउ तब से लेके आज तक हम दोनो हर शनिवार रात हम हनिमून मनाते है भाई ।
विजय- क्या बात कर रहा है बे ईतनी पोहचेली आईटम है तेरी मां साली एरीये मे तो सबको पतिव्रता बनी दीखाती घुमती है, बाकी माल तो मस्त है तेरी मां पर तेरे बाप को कोई खबर नही है ना इसके बारे मे ।
समिर- उसको रोज दारू ईतना लाके देता था के वो पिकर वही टून होके सो जाता था एकबार तो मां को बाप के सामने ही मैने चुमना और चुदाई करना शूरू कीया था भाई आपकी नजर ना लगताये जवान लौडीयो पर ही घुमती रहती है । जरा इन उमरवाली रंडीयो का पाणी चखके देखो लौंडीया भूल जाओगे और बदन तो आहहह मुलायम गद्दे जैसा ।
विजय- अबे तेरी मां की चुत कैसी है
समिर- चूत तो चूत है भाय बस फरक इतना के जवान चुत के होंट रहते है ना भाय वैसे मां के होट नही है मां की चुत मे बाप का लंड घुसेला है ना तो मां की चुत के होट दो पंख मतलब लटकती चमडी के पंख है जो मां के लाल छेद को बंद रखते है मेरी उंगलिया डालने पर वो साईड होते है । पर मां का छेद भाय इतना मुलायम के क्या बताऊ एक शनिवार छोडकर अपन उसकी गांड भी मारता है आपने अपन की मां की गांड नही देखी कैसे बडी हो चुकी है कुछ महीनो से वो मेरी हीच मेहनत का नतिजा है । क्या भाई आप भी सून कर क्या करोगे आज रात आपके लिए लाईव चुदाई शो रखता हूं ना, मन करे उतना देख लेना ।
विजय- जाने दे यार फीर कभी , महीनो से कोई चुत नही मारी है देखूंगा तो फीर मन करने लगेगा । क्यू बे तेरे बाप ने कभी तूम लोगो को नही देखा क्या ।
समिर- भाई बाप का क्या है उसे मै काम से घर लौटने पर दारू लाके देता था दो तीन पेग लगाने के बाद वो मस्त टून हो जाता था मां टीवी पे सास बहू के सिरीयल देखती रहती तो मै तो बापू के सामने हीच मां को चुमना शूरू करता था कई बार हम दोनो ने उसके सामने हीच चुदाई की है, उसको सब पता है हमदोनो के बारे मे । भाई ये अपन दोनो के बीच की बात है । और हां भाय ईतनी ही चुत की भुक लगी है तो चाहे तो आप शनिवार को दोपहर घर आजाना अपन मां को समझा देगा, उसको क्या है उसे बस चुत मे बंबू चाहीये । फीर वो चाहे पती का हो बेटे का हो या बेटे के दोस्त का उसको फरक नही पडता ।
विजय- हा हा हा क्या बात बोली है बे, बडी चिनाल है साली ,पर फीर कभी मुड करेगा तो बताउंगा । तबतक तूही उसको पेलता रह ।
समिर- ओके भाय अपन निकलता है रात बहोत हो चुकी है कल काम पे भी तो जाना है ।