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Adultery गुजारिश

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are yaar yeh nagin aur roopa dono hi toh kutte billion ki tarah ladne lag gaye... :sigh:
Pehle main, pehle main karte huye :D
inko toh is baat ka khayal hi nahi ke jisko thik karne ke liye lad rahi hai woh dhire dhire mar raha hai...
chalo achha hua jo wo baba aa gaye...
So dev, roopa aur nagin teeno hi kisi ankahin dor se bandhi huyi hai...
par nagin ko kahe itni chiddh hai roopa se...

ishe kahte hai aa bail mujhe maar :lol:
Khair let's see what happens next
Brilliant update with awesome writing skill :applause: :applause:
(aur haan woh nagin hi thakurain jashpreet thi, hai aur rahegi :D)
lagta hai aap aakhri tak saanpin ko chhodegi nahi ????
 

Shah40

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Abe chutiye ??
are yaar yeh nagin aur roopa dono hi toh kutte billion ki tarah ladne lag gaye... :sigh:
Pehle main, pehle main karte huye :D
inko toh is baat ka khayal hi nahi ke jisko thik karne ke liye lad rahi hai woh dhire dhire mar raha hai...
chalo achha hua jo wo baba aa gaye...
So dev, roopa aur nagin teeno hi kisi ankahin dor se bandhi huyi hai...
par nagin ko kahe itni chiddh hai roopa se...

ishe kahte hai aa bail mujhe maar :lol:
Khair let's see what happens next
Brilliant update with awesome writing skill :applause: :applause:
(aur haan woh nagin hi thakurain jashpreet thi, hai aur rahegi :D)
बिल्कुल सही...देव , रूपा और नागीन ( शायद यही नागेश हो ) एक अनकही डोर से बंधे हुए हैं ।‌
जिस चरवाहों के तिबारा को कोई भी अपनी नंगी आंखों से नहीं देख सकता...उसे न केवल रूपा ने देखा बल्कि देव को भी देखवा दिया था ।
अब आपने किसे नागीन बनवा दिया... ठकुराइन जसप्रीत ?
 

Guffy

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#43

रूपा का सर दीवार से टकराया. पर वो सम्भल गई.

"तेरी यही इच्छा है तो ये ही ठीक " रूपा ने गुस्से से कहा और सर्प की पुंछ को पकड़ कर उसे हवा मे उछाल दिया.

मैं ये विध्वंस नहीं चाहता था पर उनको रोकने की हालत मे भी नहीं था. पहली बार मैंने शांत, सरल रूपा की आँखों मे कुछ ऐसा देखा था जिसकी मुझे कभी उम्मीद नहीं थी. वो सर्प जिसके सामने खड़े होने की किसी की हिम्मत नहीं, जिसके खामोश खौफ को मैंने खुद महसूस किया था.

रूपा ने सर्प पर झपटा सा मारा और वो सर्प चिंघाड़ता हुआ दूर जा गिरा.

"मुझे देखने दे इसे. " रूपा मेरी तरफ बढ़ी पर सर्प ने अपनी कुंडली मे जकड़ लिया रूपा को.

"मैंने कहा ना नहीं " सर्प अपनी अजीब सी शांत आवाज मे बोला

रूपा - देव के लिए मुझे तुझे चीरना भी पड़े तो परवाह नहीं

सर्प ने अपना फन जमीन पर मारा और फर्श के टुकड़े टुकड़े हो गए. उसका ये इशारा था रूपा को की आ देखू तुझे. उन दोनों के झगड़े की वज़ह से गर्मी बढ़ गई थी. दोनों एक दूसरे से जुझ रही थी. बड़ी मुश्किल से मैं उठ खड़ा हुआ.

"तुम दोनों मुझे मार दो, फिर जो चाहे करना है कर लेना " मैंने खुद को सम्हालते हुए कहा.

दोनो रुक गयी और मुझे देखने लगी.

"मैं नहीं जानता कि क्या कहूँ, और ना मुझे कुछ कहना है, तुम दोनों से विनती है मुझे मेरे हाल पर छोड़ दो. " मैंने कहा

रूपा ने बेबस नजरो से मेरी तरफ देखा.

"तुम दोनों मे से जो भी मुझे इस दर्द से आजाद कर सकती है वो करे "मैंने कहा

"ईन दोनों के बस की बात नहीं है ये मुसाफिर " इस आवाज ने हम सबका ध्यान खींच लिया. ये बाबा थे जो अभी अभी कहीं से लौटे थे.

"एक पवित्र स्थान पर जो घृणित कार्य किया है तुम दोनों ने, विचार करके देखो, क्रोध और घ्रणा कब दिमाग पर काबु कर लेते है तो कुछ भान नहीं होता, कल जब लोग यहां आयेंगे तो इस हालत को देख कर क्या सोचेंगे "बाबा ने गुस्से से कहा

मैं दीवार का सहारा लेकर बैठ गया. मुझे लगने लगा था कि किसी भी पल बस कुछ भी हो सकता है.

"तुम दोनों जाओ यहां से "बाबा ने उनसे कहा

रूपा - नहीं जाऊँगी, जब तक ये ठीक नहीं हो जाता नहीं जाऊँगी

सर्प ने भी ऐसा ही कहा.

बाबा ने अपने झोले से कुछ निकाला और मेरे हाथ मे रखा.

"ये रक्तवर्धक बूटी है खा इसे " बाबा ने कहा

मैंने तुरन्त उसे घटक लिया.

बाबा - इस से नया खून बनने लगेगा.

बाबा ने सही कहा था जैसे ही बूटी का असर हुआ मुझे मेरी नसों मे एक लहर महसूस हुई. कमजोरी बंद हो गई.

मैं - क्या ये इलाज है बाबा

बाबा - जिंदगी भर का दर्द. ये घाव भर जाएगा पर दर्द नहीं जाएगा क्योंकि

"क्योंकि प्रहार रक्षा के लिए था, अनजाने मे तुमने कुछ ऐसी वस्तु छु ली जिसे प्राणघातक वार से संरक्षित किया गया था. " सर्प ने कहा

बाबा ने सर हिलाया.

रूपा - बाबा आप घाव भरो, दर्द को मैं अपने ऊपर ले लुंगी

बाबा - जानती है क्या कह रही है

रूपा - हाँ, जानती हूं

बाबा - ऐसा नहीं होगा. कदापि नहीं.

बाबा ने मुझे लेटने को कहा और झोले से कुछ निकाल कर मेरे सीने पर मलने लगे. तेज दर्द होने लगा.

"मुझे तुम्हारी जरूरत पड़ेगी " बाबा ने सर्प से कहा

सर्प की पीली आंखे टिमटिमाने लगी. वो अपने अर्ध नारी अर्ध नागिन रूप मे आयी. हमेशा के जैसे मैं उसका चेहरा नहीं देख पा रहा था. उसने अपने गले से कुछ निकाला और बाबा की तरफ फेंका.

बाबा ने उस चीज को रगड़ कर मेरे जख्म मे भरना शुरू किया और तुरन्त ही मुझे बड़ी राहत मिली.

बाबा - रुद्रभस्म असर कर रही है.

सर्प को जैसे राहत सी मिली.

बाबा - मुझे तुम्हारी सहायता भी चाहिए रूपा

"नहीं बाबा, ऐसा नहीं होगा " सर्प ने प्रतिकार किया

बाबा - तो तुम बताओ मैं क्या करू. दर्द के आवेश को रोकने का कोई और तरीका है.

सर्प - पर इसके दुष्परिणाम

बाबा - फ़िलहाल मेरी प्राथमिकता ज़ख्म भरने की है
रूपा आगे आयी. उसने हमेशा की तरह मुस्करा कर मुझे देखा.

"आंखे बंद कर लो मुसाफिर, और चाहे कितना भी दर्द हो पी लेना उसे, धीरे धीरे आदत हो जाएगी तुम्हें "बाबा ने कहा

मैंने आंखे मूंद ली. ऐसा लग रहा था कि जैसे मेरे सीने को सिलाई किया जा रहा हो. मैंने अपनी नसों मे कुछ अजीब सा बहता हुआ महसूस किया. धीरे धीरे मैं बेहोशी के सागर मे डूबता चला गया. जैसे हर रात के बाद सुबह होती है उस बेहोशी के बाद भी आंखे खुली. मैंने खुद बाबा के बिस्तर पर पाया. दिन निकल आया था.

मजार ऐसी थी कि जैसे कल कुछ हुआ ही नहीं हो. मैंने अपने सीने पर हाथ फेरा. ज़ख्म गायब था ना सिलाई के कोई निशान थे. मैंने कंबल ओढ़ा और बाहर आया.

"आ मुसाफिर आ चाय पीते है " बाबा ने मुझे देखते हुए कहा

मैं - वो दोनों कहा है

बाबा - कौन दोनों

मैं - आप इतने भोले भी नहीं है

बाबा - शातिर भी तो नहीं हूं

मैं - मुझे उस सर्प के बारे मे जानना है, कौन है वो, क्या रिश्ता है मेरा उससे, क्यों मेरे साथ है वो. कहाँ रहती है वो.

बाबा ने चिलम होंठो से लगाई और एक कश लिया.

बाबा - मुझे क्या मालूम

मैं - बाबा छुपाने का कोई फायदा नहीं, आपको अभी बताना होगा मुझे

बाबा - जानना चाहता है उसके बारे मे तो सुन, तू कर्जदार है उसका, तेरी आधी जिंदगी उसकी अमानत है. ये सांसे जो तेरी चल रही है, उसकी बदोलत है, तेरा सुख इसलिए है क्योंकि दुख उस के भाग मे जुड़ गया है. तू जानना चाहता है वो कौन है, वो वो अभागन है जिसके साथ नियति ने ऐसा छल किया है जो ना बताया जाए, ना छिपाया जाए. जब जब तुझे वो मिले, कृतज्ञ रहना उसका.


बाबा ने इतना कहा और आंखे मूंद ली. हमेशा की तरह उनका ये इशारा था. मैं वहां से उठा और बाहर की तरफ आया ही था कि मेरे सामने एक गाड़ी आकर रुकी.
Gazab update bhai aakhir zakhm ki dawa mill gayi lekin dard se chutkara nahi milega ab dev ko iske liye rupa kya karti hai dekhana hai
 

Naina

Nain11ster creation... a monter in me
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lagta hai aap aakhri tak saanpin ko chhodegi nahi ????
बिल्कुल सही...देव , रूपा और नागीन ( शायद यही नागेश हो ) एक अनकही डोर से बंधे हुए हैं ।‌
जिस चरवाहों के तिबारा को कोई भी अपनी नंगी आंखों से नहीं देख सकता...उसे न केवल रूपा ने देखा बल्कि देव को भी देखवा दिया था ।
अब आपने किसे नागीन बनवा दिया... ठकुराइन जसप्रीत ?
mona hi chajje wali hai, roopa hi hai aayat aur yeh nagin hai jassi toh socho dev koun hai :D
bichadane ke ek arshe baad mil rahe hai yeh chaaro...aayat the ruh /aatma (roopa) , puja the chajje wali (mona), jassi the preet ki dor (nagin) aur kundan (dev) :D
 
Last edited:

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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[Ae khali sex likhne se hi story nahi hotibQUOTE="Musafir, post: 1971657, member: 301"]
Abe chaman ??
[/QUOTE]
lagta hai aap aakhri tak saanpin ko chhodegi nahi ????
Ye jassi ki kahai nahi hai koi batao naina ji ko
Wo kahani or is kahani se kyu joda ja raha hai.????
 
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