dagadu1985
Member
- 239
- 125
- 43
Shaandar super hot erotic Faddu updateUpdate 21
भोस्डिके क्या लंड है तेरा दो मिनट में हो ढह गया.. इससे अच्छा तो मैं गाजर मूली डाल लू अपनी चुत में.. किसी काम का नहीं है तू..
मालकिन माफ़ कर दो फिर से खड़ा कर लेता हूँ..
साले जब तक तेरा खड़ा होगा सुबह की दोपहर हो जायेगी.. मेरी गलती है तेरे जैसे ढीले को काम पर रख लिया.. खड़ा नहीं हो रहा तो छोड़, मेरी चुत को चाटकर ही शांत के दे..
जैसा आप कहो मालकिन..
कोमल घर के नौकर अब्दुल के सामने अपनी साडी कमर से ऊपर करके बैठी थी औऱ अब अब्दुल कोमल की चुत को चाटने लगा था..
कोमल - भोस्डिके ठीक से चाट ना.. वो भी नहीं आता क्या तुझे?
अब्दुल - माफ़ करना मालकिन.. चाटता हूँ..
घर के लगभग सभी लोग वेडिंग होटल जा चुके थे औऱ घर में कुछ ही लोग बचे थे.. गौतम को सुबह जब सिगरेट पिने की तलब लगी औऱ वो छत पर आ गया जहा घर का एक्स्ट्रा सामान रखने के लिए दो कमरे बने हुए थे उसीके पीछे खाली जगह पर बाथरूम भी था.. गौतम छत पर आ गया औऱ उस कोने की तरफ जाके सिगरेट पिने की सोची मगर वहा जाते ही उसे अपनी मामी कोमल की सिस्कारी साफ साफ सुनाई देने लगी.. गौतम ने हलके से कदम बढ़ा कर कमरे में झाँक कर देखा तो उसे सामने अब्दुल औऱ कोमल दोनों साथ ही दिखाई दिए जो ऊपर लिखी हुई अवस्था में थे..
गौतम ये देखकर मुस्कुरा बैठा औऱ अपना फ़ोन निकालकर दोनों का वीडियो बनाने लगा.. वीडियो बनाते बनाते गौतम ने कमरे का दरवाजे को धक्का देकर खोल दिया औऱ कमरे में आ गया.. अब्दुल औऱ कोमल गौतम को देखकर हड़बड़ा गए औऱ अपने आपको ठीक करते हुए खड़े हो गए..
गौतम - अरे रुक क्यों गए? प्लीज कंटिन्यू.. बहुत अच्छी वीडियो बन रही है मामी..
अब्दुल औऱ कोमल एक दूसरे की तरफ देखकर चिंता औऱ फ़िक्र के भाव से भर गए फिर अब्दुल कमरे से बाहर जाने लगा तो गौतम ने उसे जाने से रोक दिया औऱ बोला..
गौतम - कहा जा रहे हो अब्दुल मिया.. रुक जाओ.. क्यों मामी? घर के नौकर के साथ ही.. मामा में दम नहीं है क्या? वैसे दम तो इसमें नहीं लगता..
कोमल गौतम के करीब आकर - ग़ुगु.. बेटा वीडियो डिलीट कर दे..
गौतम - ये तो पुरे घर को दिखाऊंगा मामी.. बहुत गर्मी है ना आपके अंदर..
कोमल गौतम को पकड़कर - ग़ुगु.. मेरी बात सुन.. मेरी बात मान बेटा.. मैं तेरी मामी हूँ ना? देख मैं कहीं की नहीं रहूंगी.. तू चाहता है मैं बर्बाद हो जाऊ?
गौतम कोमल से - ठीक है मामी.. पर पहले बताओ इस नौकर के साथ कब से चल रहा है ये सब?
कोमल - कुछ महीने हो गए बेटा.. तू तो जवाँ है समझता है औरत की जरुरत.. पर ये निकम्मा भी किसी काम का नहीं..
गोतम अब्दुल से - इधर आ..
अब्दुल करीब आता है तो गौतम खींच के एक जोरदार थप्पड़ उसके गाल ओर रसीद कर देता है औऱ कहता है..
गौतम - चल निकल यहां से भड़वे..
अब्दुल अपना सा मुंह लेके नीचे चला जाता है औऱ गौतम कोमल से कहता है..
गौतम - मामी वीडियो में डिलीट नहीं करने वाला..
कोमल प्यार से - ग़ुगु मेरा अच्छा बच्चा है.. देख अपनी मामी को तू ऐसे परेशान करेगा तो तुझे पाप लगेगा..
गौतम - रहने दो मामी.. घर के नौकर के साथ ये सब कर रही हो औऱ मुझे पाप पुण्य का ज्ञान दे रही हो.. मैं ये वीडियो मामा औऱ चेतन को दिखा के ही रहूँगा..
कोमल - ग़ुगु.. देख तुझे जो चाहिए में सब दिला दूंगी पर तू इस बात को यही भूल जा बेटा..
गौतम - मामी आप भी भाभी की तरह मुझे भिखारी समझती हो ना?
कोमल - पागल हो गया है क्या तू ग़ुगु.. तू मेरे लिए चेतन जैसा है.. मैं अपने ही बच्चे के लिए ऐसा क्यों सोचूंगी भला.. देख बेटा.. मेरी बात सुन.. तू अगर बात मानेगा ना तो मैं तेरे लिए एक फूल सी लड़की देखूंगी शादी के लिए..
गौतम - माफ़ करना मामी.. पर मैं आपकी बात नहीं मानुगा.. मैं जा रहा हूँ मामा के पास..
कोमल गौतम के पैर पकड़कर - ग़ुगु देख ऐसा मत कर.. मैं कहीं की नहीं रहूंगी.. मैं तेरे आगे हाथ पैर जोड़ती हूँ बेटा..
गौतम - छोडो मामी.. अभी तो मौका मिला आपसे बदला लेने का..
कोमल - किस बात का बदला ग़ुगु? मैं जानती हूँ तू मुझसे नाराज़ है पर ये सब करके तुझे केसा बदला मिलेगा? मैं तुझे अपना बच्चा मानती हूँ ग़ुगु मेरे साथ ऐसा मत कर.. कोमल की आँखों में आंसू थे..
गौतम - मुझसे कोई उम्मीद मत करो मामी..
ये कहते हुए गौतम नीचे आने लगता है औऱ उसीके पीछे कोमल भी गौतम को पुकारती हुई आ जाती है..
गौतम नीचे हॉल में खड़े अपने मामा संजय की गरफ बढ़ता है औऱ कोमल की जैसे सांसे अटक जाती है..
गौतम संजय के करीब जाकर फ़ोन दिखाते हुएबिलकुल धीरे से कहता है - मामा ज़ी वो मामी कह रही थी की दीदी की शादी में ये वाली डेकोरेशन हो तो बहुत अच्छा रहेगा..
संजय कुछ देर गौर से गौतम के फ़ोन को देखकर कोमल की औऱ चला जाता है औऱ कोमल तो जैसे अब अपनी बर्बादी का इंतजार करते हुए नम आँखों के साथ मोन खड़ी थी..
संजय - इतनी बात के लिए आंसू को बहा रही हो..
कोमल जो कुछ सोच के खड़ी थी संजय की बात सुनकर उससे बाहर निकलती हुई - क्या..
संजय - अरे तुम जो डेकोरेशन चाहती हो वही होगा शादी में.. ग़ुगु तू वो पिक मुझे व्हाट्सप्प कर दे मैं डेकोरेशन वाले को भेज देता हूँ.. तेरी मामी की पसंद की डेकोरेशन ही होगी..
ये कहकर संजय चेतन के साथ अब्दुल को लेकर वेडिंग होटल चला जाता है औऱ कोमल से जल्दी ही तैयार होकर गौतम के साथ वेडिंग होटल आने को बोल जाता है..
कोमल गौतम को गुस्से की नज़र से देखने लगती वही गौतम मुस्कुराते हुए अपनी मामी कोमल को देखकर मुंह बनाते हुए कोमल को चिढ़ाता है..
कोमल गौतम की औऱ बढ़ती है लेकिन गौतम सीढ़ियों से ऊपर की तरफ बढ़ जाता है.. कोमल भागती हुई गौतम के पीछे पीछे उसके कमरे में चली जाती है जहा गौतम हसते हुए कोमल से कहता है..
गौतम - डर गई थी ना आप?
कोमल गौतम को पकड़कर धीरे से उसके गाल पर थप्पड़ मारकर - तूने तो जान ही निकाल दी थी मेरी.. मैं समझी तू सब बता देगा संजय को..
गौतम कोमल को बाहों में भरते हुए - वो तो मैं अब भी बता सजता हूँ.. पूरा वीडियो है आपका मेरे पास..
कोमल प्यार से - ग़ुगु डिलीट कर दे ना उसे..
गौतम - इतनी आसानी नहीं करूंगा मामी..
कोमल - तुझे क्या चाहिए बता ना.. मैं सब दिला दूंगी तुझे..
गौतम - सबसे पहले तो आपके होंठों से एक छोटा सा चुम्मा चाहिए..
photo upload sites
कोमल मुस्कुराते हुए - बस इतनी बात.. कोमल अपने होंठ गौतम के होंठो से मिलकर गौतम को चूमने लगती है औऱ गौतम भी इस चुम्बन का मज़ा लेने लगता है.. कुछ देर बाद गौतम चुम्बन तोड़कर मामी एक सेकंड फ़ोन आ रहा है..
गौतम फ़ोन उठाकर - हेलो..
सुमन - ग़ुगु कहाँ है तू?
गौतम - माँ मैं घर पर हूँ..
सुमन - बेटा वेडिंग होटल आने के लिए कहा था ना तुझे? अब तक घर पर है..
गौतम - वो माँ जरुरी काम आ गया था.. मैं आता हूँ..
सुमन - ठीक है तेरे मामा से बात हुई है अभी अब सिर्फ तू औऱ तेरी मामी घर पर है तू अपनी मामी को भी साथ ले आना..
गौतम- ठीक है मा.. फ़ोन कट जाता है..
कोमल वापस गौतम को चूमने के लिए बढ़ती है तो गौतम उसे रोक देता है - एक मिनट मामी.. वीडियो डिलीट कर देता हूँ..
कोमल गौतम के लंड पर उसकी जीन्स के ऊपर से हाथ फेरती हुई नीचे बैठ जाती है औऱ गौतम की जीन्स खोलने लगती है..
गौतम - मामी माँ का फ़ोन आया था सब वेडिंग होटल जा चुके है घर अब कोई नहीं है.. चलो सब बुला रहे है..
कोमल जीन्स नीचे सरकाकर - बुलाने दे ग़ुगु.. अब तो मैं तुझे खुश करके ही यहां से कहीं जाउंगी..
गौतम - सोच लो मामी.. मैं बहुत बड़ा जानवर हूँ..
कोमल चड्डी नीचे करके हस्ते हुए - कितना बड़ा जानवर है तू..
इतना कहते ही कोमल के सामने गौतम का लंड आ जाता है औऱ उसका मुंह बंद हो जाता है.. गौतम कोमल के मुंह पर लंड के थप्पड़ मारते हुए बोलता है..
गौतम - क्या हुआ मामी?
कोमल - ग़ुगु.. तो तू तो बहुत बड़ा..
गौतम कोमल के इतना कहते ही उसके मुंह में लंड डाल देता है..
गौतम - अब कुछ मत बोलो मामी..
कोमल गौतम के लंड को मुंह में लेकर चूसने लगती है..
गौतम कोमल को देखते हुए अपना हथियारों उसे चुसवा रहा था और कोमल भी बड़े चाव से गौतम का हथियार मुंह में लेकर चूस रही थी. दोनों एक दूसरे की तरफ देखे जा रहे थे और दोनों में काम इच्छा जागने लगी थी जो दोनों की आंखों में दिखाई देने लगी थी. गौतम कोमल के बाल पड़कर उसे ऐसे अपना हथियार चुसवा रहा था जैसे कोमल उसकी मामी नहीं कोई पेशेवर रंडी हो..
कुछ देर यूँही गौतम ने कोमल को अपना लॉलीपॉप चुसवा कर उसे नंगा कर दिया औऱ कखुद भी अपनी जन्मजात अवस्था में आ गया.. गौतम ने कोमल को बिस्तर पर पटक दिया और उसकी टांगे चोडी करते हुए उसकी चुत अपना हथियार सेट करने लगा..
गौतम को अपनी मामी कोमल की हालत खराब करनी थी इसलिए उसने चुत के छेद पर अपने लोडे को सेट करते हुए थूक लगाकर एक ही झटके में अपना लोडा और उसके अंदर घुसा दिया जिससे कोमल बिन पानी मछली जैसे तड़पने लगी और झटपटाने लगी..
कोमल की चुत से रक्त की धार भी बह निकली थी जो उसके कई सालों से ना चुदने औऱ चुत के सिकुड़ जाने का प्रमाण थी.. कमल जोर जोर से चिल्ला रही थी और चिंख रही थी अगर घर में उसकी चिंख पुकार सुनने वाला कोई नहीं था.. गौतम ने अपने रूम में टीवी को फुल वॉल्यूम पर करके सोंग प्ले कर दिए थे जिससे भी कोमल की आवाजे दब रही थी.. गौतम ने कोमल के मुंह पर हाथ रखकर उसकी आवाज दबाने की कोशिश नहीं की औऱ कोमल की उस हालात को देखकर मज़े लेने लगा..
गौतम ने एक दो झटके और जोर-जोर से मारे और अपना पूरा हथियार कमल की गुफा के अंदर फिट कर दिया.. कोमल गौतम को जोर जोर से थप्पड़ मर रही थी औऱ अपने ऊपर से हटने औऱ अपना लंड बाहर निकालने के लिए कह रही थी मगर गौतम सब कुछ सहकारी भी कोमल के ऊपर ही पड़ा रहा औऱ कोमल से बोला..
गौतम - क्या हुआ मामी? पसंद नहीं आया जानवर?
कोमल - मदरचोद रंडी की औलाद ऐसे कौन चुत में लंड घुसाता है? भड़वे जान निकाल देगा क्या मेरी?
गौतम हँसते हुए धीरे धीरे चोदना शुरू करते हुए - मामी क्या करू? कच्ची कलियों की चिंख तो सब निकलवा देते है मुझे तो आपके जैसी पुरानी मदमस्त औरतों की चिंखे सुनने में मज़ा आता है..
कोमल - आहहह... साले कमीने.. तूने तो पूरा खोल के रख दिया मुझे.. आअह्ह्ह... केसा मासूम दीखता है पर है पूरा हरामजादा..
गौतम धक्के की स्पीड बढ़ाते हुए - आपने ही कहा था आप मुझे खुश कर दोगी.. आप बोलो चोदना छोड़ देता हूँ मामी..
कोमल - आहहह... अह्ह्ह्ह.... अब मेरी सुलगती चुत को आराम औऱ मज़ा मिलने लगा है तो छोड़ने की बात कर रहा है तू.. अह्ह्ह्ह... चुपचाप चोद मुझे वरना तुझे मार डालूंगी..
गौतम कोमल के बूब्स मसलकर उसकी चुत में जोर जोर से झटके मारते हुए - अगर पहले पता होता कि आपकी चुत इतनी टाइट है मामी, तो मैं आते ही आपको चोद के सुखी कर देता..
कोमल - तू तो वो मर्द निकला ग़ुगु जिसे जवाँ बूढ़ी सब औरत पाना चाहती है.. मैं तो पागल हो रही हूँ ग़ुगु.. ये कहते हुए कोमल झड़ जाती है..
गौतम - इतनी जल्दी झड़ गई मामी..
कोमल - जल्दी कहा है ग़ुगु आज तक सबसे लम्बा सेक्स है ये मेरा..
गौतम - अभी शुरू हुआ है..
गौतम कोमल को कुतिया बनाके उसकी चुत औऱ गांड पर थूक देता है औऱ अपना लंड वापस उसकी चुत में डाल के चोदने लगता है..
कोमल - अह्ह्ह्ह... ग़ुगु तू तो घोड़ा है बेटा.. रुकने का नाम ही नहीं ले रहा..
गौतम - आपके ऊपर गुस्सा ही इतना है मामी कि आपको चोद चोद कर ढीला करने का मन हो रहा है..
कोमल - छोड़ ना पुरानी बातों को ग़ुगु.. भूल जा..
गौतम - कैसे भूल जाऊ मामी.. आपने भी दीदी की साइड ली थी उस दिन..
कोमल - ग़ुगु चुदाई के बीच तू क्या वो बातें लेकर आ गया बेटा..
गौतम जानभूझकर अपना लंड चुत से निकालकर कोमल की गांड के छेद पर रखकर झटके से घुसा देता है जिससे उसके लंड का टोपा कोमल की गांड के छेद में घुस जाता है औऱ कोमल वापस चीख पुकार मचाते हुए गौतम से छोड़ने की अपील करती मगर गौतम कसके कोमल को पकड़के उसकी अपील खारिज कर देता है औऱ चिल्लाती हुई अपनी मामी कोमल की गांड में औऱ जोर से झटका मारते हुए अपना आधा लंड अंदर घुसा देता है..
कोमल की हालात ख़राब थी औऱ वो गौतम को गालिया बकते हुए उससे छुड़ने की कोशिश कर रही थी मगर गौतम की पकड़ से कोमल नहीं छूट पाती औऱ अब गौतम कोमल की गांड अपने आधे से ही चोदने लगता है..
गौतम पीछे से कोमल के गले में हाथ डालकर उसकी एक चूची पकड़ लेता है औऱ दूसरे हाथ से कोमल की जांघ पकड़के उसकी टांग उठा लेता है औऱ कोमल की गांड मारने लगता है..
कोमल इतनी तेज़ तेज़ गौतम को गाली दे रही थी की उसकी आवाज पुरे घर में गूंज रही थी..
गौतम गांड मारते हुए - मानना पड़ेगा मामी.. आपकी जवान भले ही कड़वी हो मगर आपका बदन रसीला है.. बिलकुल चाशनी जैसा..
कोमल - साले बाज़ारू समझ रखा है क्या मुझे तूने? हरामजादे छोड़ मेरी गांड को.. मादरचोद गांड मत मार..
गौतम - आराम से चोद लेने दो मामी आपकी गांड.. कोनसा मेरे चोदने से आपकी गांड घिसकार छोटी हो जायेगी..
कोमल - बहुत बड़ी गलती कर दी मैंने तुझे बच्चा समझके.. तू तो सांड है सांड.. पहली बार गांड मरवा रही हूँ वो भी तेरे इस गधे के लंड से.. मेरे आगे पीछे दोनों छेदो को तूने चोद चोद के कुआ बना दिया मादरचोद... आधे घंटे से चोद रहा है कुत्ते औऱ कितना चोदेगा मुझे? तेरा निकलता क्यों नहीं.. मेरी हालत खराब हो रही है..
गौतम कोमल को अपने ऊपर ले लेता है उसकी गांड फिर से चोदते हुए उसकी चुत में ऊँगली करने लगता है..
गौतम - मामी सच बताओ मज़ा आ रहा है या नहीं..
कोमल - इस मज़े के साथ कितना दर्द हो रहा है वो भी बताऊ तुझे साले भड़वे.. इतना कहते ही कोमल का मूत निकल जाता है.. मगर गौतम को फर्क नहीं पड़ता औऱ वो कोमल की गांड चोदता रहता है..
कोमल की गांड के छेद में धीरे धीरे अब गौतम का पूरा लंड जा चूका था औऱ उसे अब पहले से कम दर्द हो रहा था..गौतम जब निकलने वाला हुआ तो उसने कोमल की गांड में से लंड निकालकर चुत में घुसा दिया औऱ मिशनरी में कोमल को चोदने लगा जिससे कोमल का सारा दर्द अब एक नशे औऱ मज़े में बदल गया...
कोमल - चोद बेटा, ऐसे ही चोद अपनी मामी को.. अह्ह्ह्ह..
गौतम - मज़ा आ रहा है ना मामी..
कोमल - बहुत मज़ा आ रहा है बेटा.. पहली बार मिल रहा है ऐसा मज़ा.. चोद अपनी मामी को..
गौतम - मामी चुत में ही निकाल दूँ ना..
कोमल - नहीं ग़ुगु.. चुत में नहीं..
गौतम कोमल की नहीं सुनता औऱ कोमल की चुत में पूरा माल भर देता है औऱ कोमल के ऊपर उसी तरह लेट जाता है दोनों कुछ देर उसी तरह पड़े रहते है..
कोमल मुस्कुराते हुए गौतम के गाल खिंचकर - अब तो सारी नाराज़गी दूर हो गई ना तेरी? कैसे रंडी बनाके चोदा है मुझे.. शर्म भी नहीं आई तुझे बिलकुल.. अब अपना लंड मेरी चुत से निकल ग़ुगु.. उठ जा मेरे ऊपर से.. वेडिंग हॉल भी चलना है..
गौतम अपना लंड चुत से नहीं निकालता औऱ बोलता है - थोड़ी देर साँप को बिल में ही रहने दो ना मामी..
कोमल - गांड में दर्द हो रहा है अभी भी ग़ुगु.. तुझे मेरी गांड नहीं मारनी चाहिए थी बेटा..
गौतम प्यार से - पहली बार तो दर्द ही होगा मामी.. आप फ़िक्र मत करो अगली बार प्यार से करूँगा..
कोमल - बेटा मैं करने दूंगी तब ना.. अब सिर्फ आगे से एंट्री मिलेगी तुझे पीछे से एंट्री नहीं मिलेगी, पीछे से नो एंट्री है.
गौतम - नो एंट्री में पार्किंग करना मुझे अच्छे से आता है मामी.. अब जाओ तैयार हो जाओ वेडिंग होटल चलते है..
गौतम कोमल के ऊपर से हट जाता है..
कोमल जैसे बेड से खड़ी होती है लड़खड़ाकर फर्श पर गिर जाती है जिसपर गौतम हँसने लगता है..
गौतम - क्या हुआ मामी सहारा चाहिए?
कोमल गुस्से से - कमीने हस क्या रहा है.. इतना बुरा चोदा है ठीक से चल भी नहीं पा रही..
कोमल दिवार का सहारा लेकर खड़ी होती है औऱ लंगड़ाकर धीरे धीरे अपने कमरे में चली जाती है..
गौतम भी नहाने बाथरूम में घुस जाता है..
गौतम नहाकर बाहर आ जाता है औऱ तैयार होकर कोमल के कमरे में घुस जाता है जहा कोमल भी तैयार हो चुकी थी औऱ अपने माथे पर बिंदिया लगा रही थी..
गौतम पीछे से आकर कोमल को बाहों में पकड़ते हुए आईने के सामने - सेक्सबोम्ब लग रही हो मामी.. मन कर रहा है वापस बिस्तर में ले जाऊ औऱ आपके यौवन की बारिश में वापस भीग जाऊ..
कोमल मुस्कुराते हुए गौतम के गाल पर चुम्मा देकर - अपनी इस घोड़ी को अब थोड़ा आराम दे ग़ुगु.. पहले ही तेरे कारण मेरी चाल ढाल सब बिगड़ चुकी है.. चलने में भी दर्द हो रहा है..
गौतम - मैंने पहले ही कहा था आपसे.. पर आप ही नहीं मानी.. अब भुगतो..
कोमल - आराम से ग़ुगु.. मुझसे चला नहीं जा रहा.. कोमल लंगड़ा कर चल रही थी तो गौतम ने कोमल को अपनी बाहों में उठा लिया औऱ घर बंद करके बाहर आ गया औऱ कोमल को कार में बैठा दिया फिर कार चलाकर वेडिंग होटल की औऱ कार चलाने लगा..
चेतन फ़ोन पर - मम्मी आप कहा रह गई.. यहां सब बुला रहे है आपको..
कोमल - बेटा ये ट्रैफिक भी ना.. इस शहर में कहीं आना जाना मतलब ट्रैफिक में फंसना..
चेतन - ठीक है मम्मी कितना समय लग जाएगा आपको आने में..
कोमल - नहीं पता बेटा.. अभी तो किसी मंत्री का काफ़िला आने वाला है उसके ट्रैफिक में रुके हुए है हम दोनों.. आधा घंटा भी लग सकता है..
चेतन - ठीक है मम्मी.. मैं पापा को बता देता हूँ..
कोमल - ठीक है बेटा.. फ़ोन कट हो जाता है..
गौतम - झूठ बोलने में तो उस्ताद हो मामी.. मंत्री का काफ़िला.. हम्म??
कोमल मुस्कुराते हुए - वो सब छोड़ बेटा अब चोद अपनी मामी को.. फिर से मेरी चुत में खुजली हो रही है..
गौतम कार की पिछली सीट पर साडी औऱ पाटीकोट कमर तक उठाकर अपनी टांग चौड़ी करके पीठ के बल लेटी अपनी मामी कोमल के सामने बैठा था.. गाडी रास्ते में सुनसान जगह पर खड़ी थी..
गौतम अपने लोडे पर थूक लगा कर वापस कोमल के अंदर घुस गया औऱ उसे चोदने लगा..
image uploading site
कोमल - आह्ह.. ग़ुगु आराम से बेटा.. आराम से..
गौतम - क्या हुआ मामी.. अभी तो कह रही थी वापस चुदना है अब सिसकने लगी..
कोमल - बेटा ऐसे चोदेगा तो तेरी माँ भी सिसक सिसक कर रोयेगी.. आह्ह.. तू तो ज़ालिम है..
गौतम कोमल के बाल पकड़कर चुत मारता हुआ - आप तो मस्त हो मामी.. मेरी सारी नाराजगी को अपनी चुत देकर दूर कर दिया आपने..
गौतम ये कहकर वापस मामी की चुत में झड़ जाता है औऱ दोनों अब वेडिंग होटल की तरफ आ जाते है..
कोमल की हालत देखकर सभी लोग कोमल से उसके लंगड़आने की वजह पूछते हैं मगर कोमल बस इसे मोच का नाम देकर सबसे अपना पल्ला छुड़ा लेती है और लंगड़ाती हुई अपने होटल रूम में चली जाती है.. सुमन कोमल की हालत देखकर गौतम की तरफ देखती है और गौतम से इशारों में पूछता है की क्या हुआ?
गौतम जीन्स के ऊपर से अपने हथियार पर हाथ लगाते हुए सुमन को देखकर इशारे से कहता है.. चुद गई मामी..
सुमन गौतम का जवाब सुनकर हंसने लगती है और फिर कोमल का हाथ पकड़ते हुए उसे उसके होटल के कमरे की तरफ ले जाती है..
*********
वेडिंग होटल मैं सभी मेहमान आ चुके थे और शादी की रस्में पूरे जोर शोर और खुशी उल्लास के साथ निभाई जा रही थी सभी लोग अपनी मस्ती में मस्त शादी के माहौल में मगन थे. संजय और उसका बेटा चेतन और बाकी मेहमान जिन्हे ख़ास तौर पर आमंत्रित किया गया था वह सभी दी गई हुई जिम्मेदारियां को उठाते हुए व्यवस्थाओं का जायजा लेकर इधर से उधर घूम रहे थे और होटल में खाने से लेकर रहने तक अलग-अलग व्यवस्थाओं को देख रहे थे और सभी से ठीक से कार्य करने का आदेश भी सुना रहे थे.
महिलाएं अपने एक अलग माहौल में थी वह एक बड़े से हाल में एक साथ बैठी हुई नाच गाने का प्रोग्राम कर रही थी जहां कुछ महिलाये ढोलक की ताल पर अलग-अलग गीत गा रही थी और हाथ से तालियां बजाते हुए बीच में नाच रही महिलाओं को देखकर उनका हौसला बढ़ाते हुए नाचने को उत्साहित कर रही थी. हाल में चारों ओर कई महिलाएं बैठी हुई थी और बीच में कुछ महिलाएं नाच रही थी नाचते हुए महिलाओं में एक समान भी थी जो ढोलक की ताल पर नाचते हुए अपनी नृत्य कला का प्रदर्शन कर रही थी.
गौतम अभी-अभी उस हाल की तरफ बढ़ा था कि उसे खिड़की से नाचती हुई अपनी मां सुमन दिखाई दी और उसके कदम अपने आप उसी जगह रुक गए जहां से गौतम सुमन को नाचते हुए देखने लगा. गौतम अपनी नज़रें भर कर अपनी मां सुमन को नाचते हुए देख रहा था और उसकी आंखों में सुमन का यह मनमोहक और मनभावन रूप सुमन के प्रति उसकी काम भावनाओं को और भी प्रबल कर रहा था. गौतम एक प्रेमी की नजरों से आज पहली बार अपनी मां सुमन को देख रहा था सुमन के हिलते हुए उरोज और बाहर निकले हुए नितंब के साथ साथ साड़ी से साफ-साफ दिखाई देती है उसकी चिकनी कमर और उसके चेहरे की हंसी मुस्कुराहट के साथ लहराते उसकी जुल्फे गौतम के दिल पर छुरिया चल रही थी.
गौतम का मन अभी सुमन को अपना बना लेने का हो रहा था मगर इस माहौल में सुमन से अपने प्यार का इजहार करना और उसे अपने दिल की बात बताना गौतम के लिए असंभव था. गौतम अब तक सुमन को अपनी मां के रूप में ही देखता आया था मगर अब वह सुमन को अपनी बीवी या अपनी होने वाली दुल्हन के रूप में देख रहा था. वह खिड़की के बाहर खड़ा-खड़ा अंदर झाँककर सुमन को देखते हुए सोच रहा था कि वह सुमन को अपना बना कर रहेगा और इसके लिए उसे जो भी करना पड़े वह करेगा.
गौतम तब तक सुमन को खिड़की के बाहर खड़ा होकर देखता रहा जब तक कि वह अंदर ढोलक की ताल पर अपनी गांड और चूची हिलाते हुए नाचती रही. नाचने के बाद जब सुमन थक्कर चूर हो गई हो तो नीचे गद्दे पर बैठ गई और पानी पीते हुए अपनी मां गायत्री और भाभी कोमल के साथ ढोलक की ताल पर गीत गाने लगी और बीच में नाचती हुई महिलाओं का उत्साह बढ़ाने लगी.
गौतम अब भी अपनी मां को ही देखे जा रहा था जैसे उसकी नजरों को कुछ और देखने की चाह ही नहीं बची थी. कुछ देर बाद जब सुमन उठकर बाथरूम के लिए जाने लगी तब गौतम भी उसके पीछे-पीछे बाथरुम की ओर चल दिया और सुमन के साथ होटल के कोने में बने लेडिस बाथरूम में घुसते हुए गौतम ने सुमन को पकड़ कर बाथरूम का दरवाजा बंद कर लिया.
सुमन अचानक हुए इस हमले को देखकर चौंक गई थी मगर जैसे ही उसकी आंखों के सामने गौतम का चेहरा आया उसकी आंखों ने राहत की सांस ली और वह गौतम के गाल सहलाकर उसे डांटते हुए बोली..
सुमन - कोई देख लेगा ग़ुगु.. पागल हो गया है क्या तू..
गौतम - पागल तो आपने कर दिया है माँ.. इस तरह अपने चुचे औऱ चुत्तड़ हिला के नाचोगी तो कैसे खुदको कंट्रोल कर पाऊंगा..
सुमन हसते हुए - चल अब तंग मत कर.. बहुत जोर की सुसु आई है.. करने दे..
गौतम साडी के ऊपर सुमन की चुत सहलाते हुए - सुसु क्या होती है माँ? खुलकर बोलो ना मूतना है आपको..
सुमन गोतम का हाथ पकड़ते हुए - ग़ुगु छोड़.. क्या कर रहा है.. कोई भी आ सकता है यहां.. जा यहां से जल्दी.. मुझे जोर की आई है..
गौतम - मेरे साथ ट्रुथ एंड डेयर खेलना पड़ेगा एक बार..
सुमन - रात को जितना खेलना हो खेलना ग़ुगु अभी जा तू यहां से..
गौतम - सिर्फ एक बार माँ..
सुमन आँख मिलाते हुए - ठीक जल्दी खेल..
गौतम और सुमन अपनी नज़रे मिलाकर खेलने लगते हैं जिसमें गौतम जीत जाता है और सुमन फिर से हार जाती है..
सुमन - अच्छा अब बोलो जल्दी.. क्या करना है..
गौतम सुमन की साडी उठाते हुए - कुछ नहीं माँ.. प्यास लगी है बस आपका मूत पीला दो..
इतना कहकर गौतम अपने घुटनों पर बैठ जाता है और सुमन की साड़ी के अंदर घुस जाता है गौतम सुमन की चड्डी नीचे सरकाकर उसकी जांघों के जोड़ पर अपना मुंह लगा देता है और अपनी जीभ से सुमन के नारीत्व को चूसने चाटने लगता है..
गौतम ने सब इतना जल्दी किया था कि सुमन को उसे रोकने का समय ही नहीं मिल पाया और सुमन गौतम के इशारों पर नाचने के लिए तैयार हो चुकी थी सुमन में इतनी हिम्मत नहीं थी कि वह गौतम को हटा सके या उसे मना कर सके..
गौतम लगातार सुमन की चुत को चाट रहा था जिससे सुमन के सब्र का बांध टूट गया औऱ और वह अपनी चुत से मूतने लगी.. गौतम ने सुमन की चुत से मूत की पहली बूंद आते ही सुमन के जांघो के जोड़ पर अपना मुंह चिपका दिया और अपनी माँ मूत पिने लगा..
सुमन भी अपने काम भावनाओं को दबाने में सफल नहीं रही और उसकी काम इच्छा गौतम के सामने उजागर हो गई. सुमन गौतम के बाल पड़कर उसके मुंह में ऐसे मूतने लगी जैसे वो बाथरूम में मूत रही हो.
गौतम अपनी मां सुमन की चुत से निकलता हुआ उसका मूत ऐसे पी रहा था जैसे उसे अमृत मिल गया और वह उसकी एक बूंद भी जाया नहीं करना चाहता हूं.. सुमन का सारा मूत पीने के बाद भी गौतम ने उसकी चुत से अपना मुंह नहीं हटाया और वैसे ही उसकी चुत चाटने और चूसने लगा.
सुमन ने भी गौतम को अपनी चुत से तब तक नहीं हटाया जब तक सुमन अपने बेटे गौतम के मुंह में झड़ नहीं गई..
गौतम अपनी मां का मूत पीने के बाद अब सुमन के झड़ने पर उसका नारीत्वपान भी कर चूका था..
गौतम यह सब पीकर अपने घुटनों पर से खड़ा हो गया और अपने सामने शर्म से लाल होकर खड़ी अपनी माँ सुमन को देखकर बोला..
गौतम - आई लव यू सुमन..
सुमन अपनेआप को सही करते हुए - अब जा गौतम.. कोई देख लेगा तो हंगामा हो जाएगा..
गौतम बाहर जाते हुए - जा रहा हूँ माँ.. पर शाम पांच बजे आप होटल की छत पर आकर मिलना.. मुझे कुछ बात करनी है आपसे..
सुमन - आ जाउंगी.. तू जा अब.. बाहर देखकर निकलना.. कोई देख ना ले..
गौतम - कोई नहीं है बाहर आप चिंता मत करो..
गौतम बाथरूम से बाहर निकाल कर वेडिंग लॉन की तरफ आ जाता है और उसके पीछे सुमन कुछ देर बाद बाथरूम से निकालकर उस हाल वापस बैठ जाती है जहां लेडिस का नाच गाना चल रहा था.. सुमन का मन न जाने किस मीठी खुशी का शिकार हो गया था उसे बार-बार गौतम का चेहरा नजर आने लगा था और जो आज गौतम ने उसके साथ किया था वह एक अनोखी घटना थी जिसे याद करके सुमन गौतम की यादों में खोई हुई सोचने लगी थी कि गौतम ने आखिर ऐसी गंदी हरकत उसके साथ क्यों की.. हालांकि उसकी इस गंदी हरकत में सुमन को भरपूर मजा मिला था औऱ वो चाहती थी कि ऐसा मज़ा उसे वापस मिले..
गौतम ने अपनी मां की काम इच्छा तो जगा कर ठंडी पूरी कर दी थी मगर उसके मन में जो काम की आग जगी थी उसे अभी तक पानी नहीं मिल पाया था.. गौतम अपने खड़े हुए लंड को लेकर वेडिंग होटल से लेकर वेडिंग लोन तक इधर से उधर घूम रहा था और किसी ऐसे शिकार की तलाश कर रहा था जिसके साथ वह अपनीहवस औऱ काम इच्छा शांत कर सके..
गौतम ने वेडिंग होटल की दूसरी मज़िल पर कोमल को अपने रूम जाते देखा था वो भी उसके पीछे उसके रूम में चला गया औऱ दरवाजा बंद करते हुए कोमल को बाहों में भरके बिस्तर पर गिर गया..
गौतम ने कोमल साड़ी उठाते हुए उसकी चुत में अपना लंड डाल दिया औऱ चोदने लगा.. कोमल इस हाल में थी कि उससे ना कुछ बोला जा रहा था ना ही गौतम को रोका जा रहा था वह बस किसी खिलौने की तरह गौतम की बाहों में खेल रही थी. गौतम ने सुबह कोमल कसके चोदा था और ऐसा रगड़ा था कि उसे चला नहीं जा रहा था और अब भी उसे किसी रंडी जैसे अपने नीचे लेटा कर वो रगड़ रहा था. कोमल तीसरी बार चुद रही थी उसे जैसे मज़ा और सजा एक साथ मिल रही थी..
कोमल - कमीने क्यों मेरे पीछे पड़ा है.. मुझसे क्या दुश्मनी है?
गौतम - तुझसे नहीं मामी मुझे तो तेरी चुत से दुश्मनी है.. जब इसे चोद चोद कर भोसड़ा नहीं बना दूंगा मुझे चैन नहीं मिलने वाला..
कोमल - मैंने कब मना किया है तुझे चोदने के लिए ग़ुगु.. पर प्यार से बेटा ऐसे मत रगड़ मुझे.. सुबह से चला भी नहीं जा रहा अब तो लगता है ठीक से उठ भी नहीं पाउंगी..
गौतम - मामी दोदो बच्चे निकलने के बाद भी ऐसी चुत है आपकी जैसे अभी तक बच्चा नहीं हुआ हो.. लगता है मामा दूकान के चक्कर में आपको भूल गए है..
कोमल - तेरे मामा में दम नहीं है बेटा.. तभी तो तेरे आगे घोड़ी बनके झुकी हुई हूँ..
गौतम कमल को जमके रगड़ता है और आधे घंटे बाद उसके कमरे से निकल जाता है इस बार भी कोमल ने अपने आगे के साथ पिछवाड़ा भी गौतम को सौंप दिया था जिसके साथ गौतम ने अभी-अभी बहुत मजे किए थे. कोमल की हालत इस तरह थी जिस तरह सुहागरात के बाद कुंवारी दुल्हन की होती है.. उसकी बिगड़ी हुई चाल औऱ बिगड़ चुकी थी अब उसके लंगड़ेपन में औऱ लचक आ गई थी.. उसने सबको ये ही बताया था की उसे मोच आई थी..