पापा और मौसा अंदर आ कर उन रंडियों की हरकते देखने लगे। मम्मी और मीनाक्षी मामी मौसी की चुचिया चूसने लगी, और सुमित्रा मामी मौसी की चूत चाटने लगी। मौसी कि बस आआआआ हहहहह की आवाजें आ रही थी,
ये देख मेरा लन्ड बहुत टाइट हो गया, यू लगने लगा कि अभी फट जाएगा, तभी देव नीचे बैठ कर मेरा लन्ड चूसने लगा।
तभी मौसी की नज़र पापा और मौसा पर पड़ी, तो मौसी डरी नही, बल्कि उन्हें चुप रहने का इशारा कर उनके सामने ही मज़े लेने लगी।
मौसी- चुसो रंडियों मुझे अच्छी तरह से, आआहा हहहहह।
फिर मौसी ने अपने हाथ नीचे ले जाकर एक हाथ की उंगली मम्मी की चूत में और दूसरे हाथ की उंगली मामी की चूत में डाल कर हिलाने लगी। उधर पापा और मौसा को इशारा किया कि लन्ड बाहर निकालो, मौसी मौसा और पापा के इशारों से लग रहा था जैसे तीनो ग्रुप सेक्स कर चुके है कई बार, बाद में पता चला कि बहुत बार आपनी बीवियां बदल कर भी कि चोद चुके है।
पापा और मौसा ने अपने लन्ड बाहर निकाल लिए। पापा का लन्ड भी 9 इंच का था, और मौसा का लन्ड 7 इंच का।
तभी मौसी बोलने लगी कि काश मुझे अभी कोई लन्ड मिल जाये तो कहा जाऊ उसको
मीनाक्षी मामी- हेमा मन तो मेरा भी बहुत कर रहा है।
सुमित्रा- लन्ड चूसने को ही मिल जाये मुझे तो लन्ड का पानी पीना है।
मम्मी- चलो जल्दी करो, लेट हो रहे है।
मौसी- चुप साली रंडी, जब देखो जल्दी में रहती है, किसी दिन तुझे 10 लन्ड से एक साथ चुदवाऊंगी तो सारी जल्दी निकल जायेगी तेरी।
उधर पापा और मौसा मौसी को इशारा कर रहे थे, चोदने के लिए। मौसी उन्हें आंखों से रुकने का इशारा कर रही थी।
मौसी- चलो रंडियों बहुत चूस लिया तुम तीनो ने मुझे, अब मैं एक साथ तुम त्तीनो को चूस कर दिखती हूँ।
ये सुन कर त्तीनो एक साथ बोली कैसे?
मौसी- वो तुम मुझ पर छोड़ दो, बस तुम त्तीनो आंखें बंद कर के लेट जाओ, फिर देखना मेरा कमाल।
फिर वो तीनो आंखें बंद कर के लेट गयी, तो मौसी ने पापा ओर मौसाको इशारा किया आने का, तो वो दोनोआ गए पास, और मौसी ने धीरे से उनको कहा कि तीनो एक साथ चुत चाटना शुरू करेंगे।
तो पापा सुमित्रा मामी की चूत के पास, मौसा मीनाक्षी मामी की चूत के पास और मौसी मम्मी की चूत के पास अपना मुह ले गयी, फिर तीनो ने एक साथ चुतों पर अपनी जीभ लगाई और तीनो रंडियों के मुह से aaaaaahhhhhhhhh निकलने लगी। फिर पापा ने मामी की चूत में अपनी जीभ घुमा घुमा कर चाटने लगे, जिस से मामी तड़पने लगी और बोलने लगी, आआहा और जोर से रंडी पूरी जीभ घुसा दे मेरी चुत में, ओर डाल रंडी।
मामी की आवाज़ें सुन कर मम्मी और मीनाक्षी मामी ने आंखें खोल कर देखा तो वो हैरान रह गयी देख कर की पापा और मौसा भी वहीं चुत चाट रहे है। मेरी मम्मी खड़ी होती हुई कहने लगी कि आप लोग यहां क्या कर रहे है, आप लोगो को शर्म नही आती।
पापा - चुप रंडी, तू शर्म की बात करती है, ये तीनो मुझसे ना जाने कितनी बार चुद चुकी है।
मम्मी- पर ये गलत है।
मौसा- साली जी, गलत क्या है, जब हम सेक्स कर सकते है, मीनाक्षी तो मुझसे भी चूदी है, अब सुमित्रा को भी आज छोड़ दूंगा मैं।
मौसी- जैसे मैं और मधु तुम दोनों की रंडियां बन कर रहती है, बदल बदल कर चुदती है, वैसे ही अब से दोनों भाभियाँ भी हमारे साथ शामिल हो जायेंगी अब से।
पापा(लन्ड हिलाते हुए)- वाह! अब से चार रंडियां एक साथ।
मौसा- मजा आएगा।
मम्मी - नही ये गलत है आप ऐसा नही कर सकते।
मीनाक्षी मामी- जीजाजी मैं तो तैयार हूँ आप दोनों की रंडी बन ने के लिए। और फिर मामी ने पापा की लिप किस किया और मौसा मामी की बड़ी सांवली चुचियाँ दबाने लगे।
इतने में सुमित्रा मामी बोली
सुमित्रा - मैं भी तैयार हूँ।
ये सुनते ही सुमित्रा मामी मौसा की तरफ आकर उन्हें किस करने लगी।
मम्मी- ये क्या कर रहे हो, शर्म करो।
पापा- चुप साली रण्डी।
मम्मी धीरे धीरे रोने लगी और मौसी नीचे झुक कर पापा का लन्ड चूसने लगी।
इधर मेरा लन्ड भी देव के मुह में था, वो धीरे धीरे चूस रहा था।
इतने में बाहर से मामा की आवाज आई कि कितना टाइम लगेगा नहाने में, तो मौसी बोली बस 10 मिनट और।
फिर पापा ने अब मीनाक्षी को झुका दिया और उसकी चुत में झटके से लन्ड डाला, उसकी तो चीख निकलने वाली थी कि मौसी ने उसके मुह में अपना मम्मा डाल दिया।
मौसा ने भी सुमित्रा को कोडी कर दिया और लन्ड डाल कर चोदने लगे। 10 मिनट की चुदाई के बाद मौसा और मामी एक साथ चूत में ही झड़ गए। इतने में मीनाक्षी मामी भी आआआआ हहहहहहहह करटी हुई झड़ गयी, फिर भी पापा मामी की चूत पेलते रहे, फिर 2 मिनट बाद पापा का भी पानी निकलने वाला था, तो पापा ने लन्ड बाहर निकाला तो मौसी लन्ड के पास बैठ गयी, पापा उनके मुह पर झड़ने लगे। मम्मी ये सब देख रही थी, और धीरे धीरे रो रही रही थी।
मौसी फिर पापा का लन्ड चूसने लगी।
ये सब देख कर अब मेरा भी पानी निकालने को हुआ तो मैं देव का सर पकड़ कर उसका मुह चोदने लगा, और जैसे ही मेरा पानी निकला, तो मेरे मुँह से आआआआआआ हहहहहहह की आवाज़ आयी जो मेरी मम्मी ने सुन ली, ओर उसको पता चल गया कि मैं वहां हूँ।
फिर मम्मी ने सबको कहा कि जल्दी करो लेट रहा है। मौसी बोली नही रुक अभी, पर मम्मी नही मानी और कपड़े पहन कर गेट खोलने जाने लगी, तो मौसी मानी ऒर पापा का लन्ड छोड़ा। फिर पापा और मौसा कपड़े पहन कर दूसरे गेट से बाहर निकल गए।
अब सभी लेडीज कपड़े पहन चुकी थी, ओर फिर गेट खोल कर तैयार होने लगी।
मैं और देव भी मौका देख कर चुपके से निकल कर बाहर आ गए। किसी को पता नही चला की हम अंदर थे।