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Incest चुदक्कड परिवार की चोदो यात्रा | Chudakkad Parivar Ki Chodo Yatra

Joy Gupta

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सुबह के 5 बज चुके थे। मेरा मन मम्मी की गाँड़ मारने का भी था, पर अब मैं भी काफी थक चुका था। मम्मी थोड़ी देर ऐसे ही मेरे ऊपर लेती रही, फिर मम्मी उठ कर अपनी वाली साइड चली गयी।

अब मम्मी, दीदी और मैं हम तीनों नंगे ही लेटे हुए थे। दीदी मेरे साथ लेटी हुई थी। मम्मी के चेहरे पर संतुष्टि और खुशी दोनो साफ दिख रही थी।

दीदी फिर से मेरा लन्ड पकड़ कर लेट गई तो मम्मी बोली।

मम्मी- क्या हुआ दीपिका, मन नही भरा

दीदी- मम्मी मेरा तो दिल कर रहा है कि मैं सारी जिंदगी राज के लन्ड से चुदती रहूँ।

मम्मी- सच मे राज का लन्ड तो कमाल का है।

दीदी- हाँ मम्मी, राज मेरा सगा भाई ने होता तो मैं अभी राज से शादी कर लेती। फिर मेरे दो पति होते।

मम्मी- हट बेशर्म

दीदी- अच्छा मैं बेशर्म हूँ, और आप जो अभी अपने बेटे पर उछल उछल कर चुदवा रही थी।

मम्मी(शर्मीली हँसी से)- चल सो जा अभी सुबह हो गई।

दीदी- ठीक है।

फिर दीदी ने मुझे अपनी बाहों में लपेट लिया और मुझे लिप किस किया।

दीदी- आई लव यू राज, मेरे भाई।

मैं(दीदी को अपनी बाहों में कसते हुए)- आई लव यू टू दीदी।

और फिर मैं और दीदी ऐसे ही एक दूसरे की बाहों में सो गए।

सुबह 9 बजे

मम्मी(मुझे और दीदी को उठाते हुए)- राज, दीपिका उठो। दीपिका मुन्ना रो रहा है। उसको भूख लगी होगी।

मम्मी हमको हिला हिला कर उठाने लगी।

तभी हमारी आंख खुली तो मम्मी हमारे सामने बिल्कुल नंगी खड़ी थी और मुन्ने के रोने की आवाज़ आ रही थी।

दीदी तुरंत उठी और मुन्ने को उठाया और मुन्ने को अपना दूध पिलाने लगी।

मम्मी- राज तू भी उठ जा जल्दी से और कपड़े पहन लें। तेरे पापा और जीजाजी कभी भी आते होंगे। बाकी सभी भी उठ गए होंगे ओर हरिद्वार जाने के लिए तैयार हो रहे होंगे।

मैं- ठीक है मम्मी अभी उठता हूँ।

मम्मी- दीपिका तू भी मुन्ने को दूध पिला कर कपड़े पहन लें।

दीदी- ठीक है।

मम्मी- मैं नहा कर आती हुँ।

मम्मी वाशरूम में घुस गई।

मैं दीदी को देखने लगा और सोचने लगा कि दीदी और मम्मी के साथ जो मजा आया, वो टीना दीदी और हेमा मौसी के साथ नही आया था। खास करके सबसे ज्यादा मजा मुझे दीपिका दीदी के साथ आया।

दीदी- क्या देख रहा है।

मैं- दीदी एक बार फिर से हो जाये, आपकी चुचिया देख कर वापिस दिल कर रहा है।

दीदी- आजा मेरे भाई, पहले दूध तो पी ले।

मैं दीदी के पास गया, दीदी के एक मुम्मे से मुन्ना दूध पी रहा था, दूसरा मुम्मा मैंने अपने मुह में ले लिया और दीदी का दूध पीने लगा। क्या मस्त स्वाद था दीदी के दूध का।

10 मिनट मैं और मुन्ना हम दोनों दीदी का दूध पीते रहे। फिर मुन्ने का पेट भर गया तो उसने दूध पीना बन्द कर दिया। दीदी ने मुन्ने को साइड में लेता दिया और मेरा लन्ड पकड़ कर हिलाने लगी।

मैंने दीदी का दूध पीकर एक मुम्मा खाली कर दिया था, अब मैं दीदी के दूसरे मुम्मे से दूध पीने लगा, जिसमे से मुन्ने ने दूध आया था, उसमे अभी दूध था, मुन्ने ने पूरा नही पिया था।

फिर 5 मिनट में मैंने दीदी का दूसरा मुम्मा भी खाली कर दिया, तो दीदी उठी और मेरी टांगो की ओर जाकर बैठ गयी।

फिर दीदी झुकी मेरा लन्ड अपने दोनों मुम्मों में दबा कर हिलाने लगी। बीच बीच मे दीदी मेरे लन्ड पर जीभ भी फेर रही थी।

फिर दीदी मेरा लन्ड चूसने लगी। सच मे दोस्तो मेरी दीदी इतना मस्त लन्ड चूसती है, की मुझे लगता है मैं जन्नत में हूँ।

दीपिका दीदी मेरा लन्ड चूस रही थी, तभी मम्मी नहा कर वाशरूम से बाहर नंगी ही आ गयी।

मम्मी- अब बस करो दोनो। दीपिका जब देखो तू शुरू हो जाती है, रण्डी कहीं की।

मम्मी हमको देखती देखती अपने कपड़े पहनने लगी।

लेकिन हमने मम्मी को कोई जवाब नही दिया और दीदी मेरा लन्ड चूसती रही।

मम्मी ने सलवार सूट पहना और आईने के सामने खड़ी होकर अपने बाल सवारने लगी। सूट में मम्मी कमाल लग रही थी। इतने में दरवाजे पर किसी ने खटखटाया तो दीदी फटाफट अपना तौलिया और नाइटी उठा कर वाशरूम में घुस गई और मैंने भी जल्दी से अपनी निक्कर और टी शर्ट पहन ली और मैं मुन्ने के साथ खेलने लगा।

मम्मी ने दरवाजा खोला तो जीजाजी और पापा खड़े थे बाहर। वो अंदर आये और बोले जल्दी से सब तैयार हो जाओ, हमें हरिद्वार के लिए निकलना है।

मम्मी बोली- मैं तो बस 10 मिनट में तैयार हूं, दीपिका अभी अभी नहाने गयी है, उसके बाद आप सब भी नहा लेना।

पापा- ठीक है।

जीजाजी- दीपिका नहाने में बहुत टाइम लगाती है। हम दूसरे रूम मे जाकर नहा लेते है। आप हमारे बैग से हमारे कपड़े निकाल दीजिए।

मम्मी बैग से पापा और जीजाजी के कपड़े निकलने लगी।

ये सुनते ही मैं खुश हो गया कि पापा और जीजाजी दूसरे रूम में जाये तो मैं दीदी के साथ नहाऊंगा।

मम्मी ने पापा और जीजाजी के कपड़े निकाल कर उन्हें दे दिए और वो दूसरे रूम में जाने लगे।

पापा- राज तू भी चल हमारे साथ वहाँ 2 रूम्स है, तू भी वहीं तैयार हो जाना, हमें लेट नही होना।

मैं(उदास होता हुआ)- ठीक है पापा।

मम्मी ने मेरे कपड़े भी बैग से निकाल कर मुझे दे दिए और मुझे देख कर चिढ़ाने वाली स्माइल दी।

मैं सोचने लगा साला सुबह सुबह ही खड़े लन्ड पर धोखा हो गया।

फिर हम दूसरे रूम में चले गए, तो 1 रूम के वाशरूम में जीजाजी ओर दूसरे रूम के वाशरूम में मैं घुस गया।

पहला मैं फ्रेश हुआ, फिर नहाने लगा तो मेरा लन्ड खड़ा हो गया, तो मैने अपना लन्ड पकड़ा और दीदी को सोचतें हुए लन्ड हिलाने लगा। मैं ये भी सोच रहा था कि हरिद्वार जा कर पाँच चूते है मेरे पास, रण्डी हेमा मौसी, उसकी बेटी टीना दीदी, मीनाक्षी मामी, मेरी मम्मी और मेरी जान दीपिका दीदी। मैं इनको सोच कर लन्ड हिलाने लगा की हरिद्वार में इन पाँचों को चोद चोद कर पागल कर दूंगा और मेरा पानी निकल गया। फिर मैं नहाने लग गया और नहा कर बाहर आया और कपड़े पहनने लगा।

फिर मैं साथ वाले रूम में गया तो देखा पापा और जीजाजी भी नहा कर तैयार हो चुके थे।

फिर हम तीनों अपने रूम की तरफ गए। जब हम रूम में पहुँचे तो मम्मी तैयार हो चुकी थी, क्या मस्त पटाखा लग रही थी मम्मी।

इतने में दीदी नहा कर दीदी तौलिया बांध कर रूम से बाहर आई। दीदी ने तौलिया ऐसे बांधा हुआ था, जिससे दीदी के बूब्स और चुत दोनो ढके हुए थे।

दीदी का आधा ढका हुआ जिस्म ऊपर से गीले बाल, गोरा मांसल बदन, क्या क़यामत लग रही थी दीदी। मेरा लन्ड दीदी को देखते ही सलामी देने लगा।

पापा और जीजाजी भी दीदी को ही देख रहे थे, जिन्हें मम्मी ने भी देख लिया था।

मम्मी- दीपिका क्या हुआ, कपड़े तो पहन कर आती। ऐसे क्यों आ गयी।

दीदी(मुन्ने को उठाती हुई)- मैंने सोचा मुन्ने को भी नहला दूँ, फिर कपड़े पहनूँगी, नही तो सारे कपड़े फिर से गीले हो जाएंगे।

दीदी मुन्ने को उठा कर बाथरूम में चली गयी।

10 मिनट बाद दीदी मुन्ने को नहला कर बाहर आई और मुन्ने को बेड पर लेटा कर अंदर चली गयी।
 
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Joy Gupta

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मम्मी मुन्ने को तैयार करने लगी। दीदी भी अब कपड़े पहन कर बाहर आ गयी।

दीदी ने टाइट जीन्स और एक स्लीवलेस टीशर्ट पहनी हुई थी। दीदी की मस्त मोटी गाँड़ पूरी बाहर निकले दिख रही थी और दीदी के बड़े बड़े भारी बूब्स को कहर ढा रहे थे। मेरा तो दिल कर रहा था कि दीदी को अभी पकड़ कर चूम लूँ।

अब हम सब तैयार होकर बाहर नाश्ता करने के लिए गए।

होटल के रेस्टॉरेंट में सब आ चुके थे। हम भी पहुँच गए और उनके साथ नाश्ता करने लगें।

मैं दीपिका दीदी के साथ वाली कुर्सी पर बैठ था।

टीना दीदी मुझे देख कर मुस्कुरा रही थी।

मैं भी टीना दीदी को देख कर सोच रहा था कि इसकी गाँड़ मारनी अभी बाकी है। हरिद्वार जा कर इसकी गाँड़ का उद्घाटन करूँगा।

मैं फिर नाश्ता करने लगा।

लगभग आधे घण्टे तक सबने नाश्ता कर लिया और वहीं बैठे आगे की प्लानिंग कर रहे थे कि कितने बजे निकलना है हरिद्वार के लिए।

तो डिसाइड हुआ कि 2 बजे लगभग 2 घंटे बाद सभी बस के पास तैयार मिलना।

तभी लता मौसी बोली।

लता मौसी- आप सब हरिद्वार जाओ, मैं अभी यहीं रुकूँगी।

हम सब उनकी तरफ हैरानी से देखने लगे।

सूरी मौसा- क्या हुआ लता? तुम क्यों नही जा रही।

मौसी - आपको पता है ना कि मेरी सहेली आशा के पति की तबियत सही नही है, तो मैं उसे अकेला छोड़ कर नही जाना चाहती।

मौसा- ठीक है, मैं भी तुम्हारे साथ रुकता हूँ।

मौसी- नही आप जाइये, आपका सबके साथ जाना जरूरी है।

मौसा- जान, ऐसे मैं तुम्हे अकेली छोडकर नही जाऊंगा। किसी को तो तुम्हारे साथ रुकना चाहिये।

फिर सभी ने मौसाजी की हाँ में हाँ मिलाई और किसी एक को मौसी के साथ रुकने के लिए कहा।

मैंने सोचा मौसी अपनी बेटे-बेटियों या बहुओं में से किसी एक को रोकेगी।

लता मौसी- ठीक है, आप सब कहते हो तो राजवीर मेरे साथ यहाँ रह जायेगा और फिर बाद में हम दोनों आ जाएँगे।

ये सुनते ही मुझे तो जैसे बिजली का झटका लगा हो, मैं वैसे सुन्न ही रह गया, क्योंकि मेरे हरिद्वार में होने वाले मजें पर पानी फिर गया। कहाँ मैं सोच रहा था कि हरिद्वार में रण्डी हेमा मौसी, टीना दीदी, मीनाक्षी मामी, सोना दीदी, मेरी सेक्सी मम्मी और मेरी गंडास बहन दीपिका दीदी की चुदाई कर कर के मजें करूँगा, और अब कहाँ इन बुढ्ढीयों के साथ रहना पड़ेगा।

फिर सब लेडीज अपने अपने रूम में चली गयी पैकिंग करने।

लता मौसी - राज तू अपना सामान मेरे रूम में ले आना। आज तो मेरी फ्रेंड डॉ हेमलता सोलंकी हॉस्पिटल में आशा नागपाल के साथ रुकेगी। हम कल हम मेरी फ्रेंड डॉ हेमलता सोलंकी के घर रुकेंगे, उसके बाद जब आशा के पति को हॉस्पिटल से छुट्टी मिल जाएगी, फिर 2 दिन उसके पास रुक कर हम हरिद्वार जाएंगे।

मैं- ठीक है मौसी।

मैं उदास मन से उठकर अपने रूम में आना सामान लेने जाने लगा। मैं सोचने लगा कि ये मेरे साथ क्या हो रहा है कभी तो खड़े लन्ड पर चोट हो जाती है।

जैसे ही मैं अपने रूम में गया तो देखा मम्मी और दीदी पैकिंग कर रही थी। मैं उन्हें देख कर उदास था, तो दीदी मेरे पास आई और

बोली- भाई, क्या हुआ उदास क्यों है?

मैं कुछ नही बोला।

मेरे चेहरे के हावभाव देख कर समझ गई। दीपिका दीदी गेट की तरफ गयी और कमरे को अंदर से लॉक कर दिया। ओर वापस मेरे पास आ गई। मैं दीदी को देख रहा था।

तभी उसने मेरे कान में कहा कि सोच तू भी हमारे साथ हरिद्वार जाता तो तू मेरे साथ क्या करेगा। ओर ये सुनते ही मैने दीदी को किस्स करना शुरू कर दिया। साथ ही वह भी मुझे स्पोर्ट करने लगी और मुझे बेड पर धक्का दे दिया और मेरे ऊपर बैठ गई।

हम दोनों एक दूसरे को पागलों की तरह किस्स कर रहे थे।

मम्मी- बस कर दीपिका, तुझमे सब्र नही है क्या, जब देखो राज से चुदवाने लग जाती है।

दीदी- चुप कर रण्डी, तुझे क्या है।

मम्मी- हाँ मैं रण्डी तो तुम दोनों रण्डी के बच्चे ही हुए।

दीदी - हाँ हम रण्डी के बच्चे ही है।

तभी दीदी ने अपनी टीशर्ट उतार दिया। ओर बूब्स को मेरे मुंह पे रगड़ने लगी।

मैं भी अपना मुँह दीदी के मुम्मों में दबाने लगा।

दीदी- (मम्मी को देखते हुए) राज हम इस रण्डी के बच्चे है ना।

मैं दीदी के बूब्स पर काटने लगा और बोला- हाँ

हम दोनों ही बहुत मूड में आ गए।

दीदी ने मेरी शॉर्ट को नीचे की ओर खींचा। मेरा लंड पूरी तरह से पत्थर जैसे तन गया। मैने उसे बिस्तर पर लेटा दिया और मेरा टीशर्ट उतार के, मैं उसके सामने पूरा नंगा हो गया था।

मैने दीदी की जीन्स और पैंटी को झट से उतार दिया।

उनकी चूत पूरी गीली थी।

बाहर तक उनकी चूत से पानी टपक रहा था मैने अपनी दो उंगलियां उसकी चूत की गहराई में उतर दी। धीरे से अन्दर बाहर करने लगा। मेरी उंगलियां उसके रस से पूरी भीग गई। फिर दीदी खड़ी हुई और मेरी टी शर्ट उतार दी और मुझे पूरा नंगा कर दिया। अब दीदी और मैं दोनो पूरे नंगे थे। मम्मी हमें देख रही थी और पैकिंग करने में व्यस्त थी। दीदी मेरे ऊपर लेट गयी और मेरी छाती पर जीभ से चाटने लगी, फिर मेरे पेट को चाटते हुए उसने मेरा लन्ड को पकड़ा और हिलाने लगी।

फिर दीदी थोड़ी नीचे हुई और मेरे लन्ड पर अपनी जीभ लगा कर जीभ फेरने लगी। फिर धीरे धीरे दीदी ने मेरा पूरा लन्ड आने मुँह में भर लिया और चूसने लगी। 10 मिनट लन्ड चूसने के बाद दीदी खड़ी हुई और मेरा लन्ड अपनी चुत के बाहर रगड़ने लगी। मैने भी लंड को उसकी चूत पे सेट करके उसकी चूत में धक्का दिया मेरा लंड उसकी चूत में फिसलते हुए उसकी चूत में उतार दिया।

दीदी करहाने लगी- आ आहआह आराम से भाई आह आह मम्मी मर गई आह।

दीदी ने दोनों हाथो से मुझे टाइट गले लगा दिया। मैं धीरे धीरे से झटके देने लगा। हम दोनों की सांसे तेज होने लगी। वह मेरी पीठ पर हाथ फेरने लगी। ओर मेरे गले पे हल्के-हल्के किस्स देने लगी।

मैं ओर कामुक होने लगा ओर मैने तेज झटके देने लगा। जिस से दीदी जोर जोर से कराहने लगी।

दीपिका दीदी- आ आ आ आ आ आ ह ह ह ह ह ह ह भाई तेज और तेज कर भाई या आ आ आ आ ह ह ह ह

मैं- हाँ मेरी रण्डी ले और तेज, फिर मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी।

दीपिका- आ आ आ बहनचोद, मादरचोद आ आ आ मार डाला चोद आ आ आ आ ह्म्म्म ऊऊआ ऐसे ही चो चो द आ आ आ ह ह ह

15 मिनट ऐसे ही दीदी को छोड़ने के बाद मैं दीदी की चुत में झड़ गया।

दीदी बहुत हांफ रही थी, मैं फिर बेड पर लेट गया।

10 मिनट मैं ओर दीदी ऐसे नंगे ही लेते रहे।

फिर दीदी खड़ी हुई और अपने कपड़े पहन कर वाशरूम में चली गयी।

टैब तक मम्मी ने ऊनी पैकिंग कर ली थी तो मेरी मम्मी मेरे करीब पहुंची और मेरे लन्ड को अपने हाथ में ले लिया। मेरी मम्मी आगे की ओर झुक गई। उन्होंने होंठो को अलग किया और मेरे बैठे हुए लंड के टॉपे को अपने मुँह में ले लिया। "अरे, यह बहुत अच्छा लगा।" मम्मी मेरे लंड को ऊपर- नीचे करने लगी। मम्मी मेरे लन्ड को मुँह में पूरा अंदर तक ले जाने लगी। मेरा लन्ड कुछ पल में ही पूरा खड़ा हो गया। मम्मी तेजी से चूसने लगी।

फिर दीदी वाशरूम से बाहर आई और मम्मी को देख कर बोली।
 
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दीपिका दीदी- रण्डी मम्मी क्या हुआ, आपको भी राज का लन्ड देख कर मूड बन गया।

मम्मी(लन्ड को मुँह से बाहर निकाल कर)- मेरी पैकिंग हो गई, तो मैंने सोचा जब तक तू पैकिंग करेगी तब तक मैं भी मजे ले लूँ।

दीदी मम्मी के पास आई और मम्मी के बाल पकड़ कर मम्मी का सिर मेरे लन्ड पर पूरा दबाने लगी और बोली- साली रण्डी मुझे बहुत बोल रही थी, ले रण्डी चूस अपने बेटे का लन्ड।

मेरा लन्ड पूरा मम्मी के गले तक पहुंच गया। मम्मी गूं गूं करने लगी तो दीदी ने मम्मी का सिर छोड़ा।

मम्मी ने मेरा लन्ड मुँह से निकल और खांसने लगी।

दीदी- ठीक है रण्डी अब आप मजे लो। मैं पैकिंग करती हूँ।

और मम्मी 2 मिनट बाद खड़ी हुई और अपने कपड़े उतार दिए और मुझे बेड पर लेटा कर मेरे ऊपर बैठी और मेरा लन्ड अपनी चुत पर सेट कर के लन्ड चुत में लेने लगी।

जब पूरा लन्ड चुत में चला गया तो मम्मी उछलने लगी और मैं भी नीचे से धक्के देने लगा

मैं इसे पल को बर्बाद नहीं करना चाहता था। मम्मी के बूब्स बहुत उछल रहे थे तो मेरा हाथ मम्मी के बूब्स के पास पहुंच गया। मैं उसकी ब्रा से स्तन आज़ाद कर दिया और मम्मी के बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा।

मैंने मम्मी के बूब्स पकड़ कर अपनी तरफ खींचा और मम्मी के बूब्स चूसने लगा।

मम्मी झुकी हुई एक तरफ मुझे अपने बूब्स चुसाने लगी दूसरी तरफ अपनी गाँड़ उछाल ऊपर नीचे कर मेरा लन्ड ले रही थी। मैं भी नीचे से लन्ड पूरा मम्मी की चुत में डालने की कोशिश कर रहा था।

तभी दीदी मम्मी के पीछे जाकर मम्मी की गाँड़ पर थप्पड़ मारने लगी।

मम्मी- आ आ आ

दीपिका दीदी- साली रण्डी हमे बहुत नसीहत दे रही थी, अब खुद चुद रही है, तेरी गाँड़ तो आज मैं थप्पड़ मार मार के लाल कर दूंगी, राज तू भी इस रण्डी की आज चुत फाड़ दे।

फिर दीदी मम्मी की गाँड़ पर जोर जोर से थप्पड़ मारने लगी।

मैं- साली कुतिया रण्डी ले पूरा लन्ड।

मैंने मम्मी को अपने लंड की लंबाई उसके अंदर महसूस कराने लगा।

मम्मी- "ओह माय गॉड, मुझे जोर से चोदो!" रण्डी के बच्चे। दीपिका साली कुतिया राँड़ बस कर अब थप्पड़ मारने आ आ।

मैं जितना हो सकता था मम्मी की चुत में लन्ड को उतना गहरा डालने लगा। हैरानी की बात है कि रात को मुझसे चुदने के बाद अब भी मुझे मेरी मम्मी की चूत दीपिका दीदी की चूत की तरह तंग महसूस हो रही थी। उनकी चूत की मांसपेशिया मजबूती से मेरे लन्ड को दबा रही थी। मुझे पता था कि मम्मी और दीदी की चूत को अच्छे से चुदाई की जरूरत है। मुझसे जितना हो सकता था उतना कठिन और गहरा जाने लगा।

दीदी ने मम्मी के थप्पड़ मार मार के गाँड़ पूरी लाल कर दी थी। मम्मी की गाँड़ पर दीदी के थप्पड़ के निशान दिख रहे थे।

मम्मी- आ आ आ आ मादरचोद मार दिया। रण्डी समझा है क्या।

दीपिका दीदी- साली तू रण्डी ही है, तभी अपने बेटे से चुद रही है।

मम्मी- साली कुतिया तू भी तो अपने भाई से चुदी है रण्डी।

मैं- साली तू मेरी रण्डी ही है। मैं लन्ड को मम्मी के जितना हो सकता उतना अंदर करने लगा। AC में भी हम दोनों के पसीने छूट रहे थे। मैं मम्मी के मोटे मोटे मुम्मे लगातर चूस रहा था। उनकी निप्पल पर काट रहा था।शायद 20 मिनट बीत गए और मेरा लंड मिल्क छोड़ने के करीब था। मैं उन को यह बताने के लायक नहीं था कि मॉम मैं झड़ने वाला हूं। इस बीच मम्मी का एक बार मिल्क निकल चुका था। मैं अपने मिल्क को बाहर नहीं निकालना चाहता था। मैं कुछ और बार गहरा गया और फिर मैं अंदर ही सारा रस छोड़ दिया। मेरे साथ ही मम्मी एक बार फिर से झड़ गयी। मेरी मलाई बाहर आ गई और यह मेरी माँ की चूत के बाहर बहने लगी। मेरी माँ और मैंने दोनों को नीचे देखा।

मेरी सफ़ेद क्रीम उसकी चूत से रिस रही थी। मम्मी ने अंगुलियों को चूत की गहरी में उतार दिया। उन्होंने मेरी क्रीम को उंगलियों
में लिया और होठो पर लगा के चखने लगी।

इतने में पापा ने गेट खटखटाया। तो मम्मी बोली -"मैं वाशरूम में जा कर अपने आपको साफ कर लेती हूं। " उन्होंने मुझसे कहा। और मुझसे कहा कि तू फटाफट कपड़े पहन।

दीदी गेट खोलने गयी तो मैंने फटाफट कपड़े पहन लिए।

गेट खोलते ही पापा अंदर आये और पूछा- पैकिंग हो गई

दीदी- हाँ पापा हो गयी।

पापा ने कपड़ो के पैक बैग उठाये और दीदी को बोले की मैं ये बैग लेकर बस में जा रहा हूँ। तुम भी जल्दी आ जायो, सब इन्तजार कर रहे है।

पापा जैसे ही बाहर गए तो मैं भी अपना बैग पैक करने लगा, 2 मिनट बाद मम्मी भी वाशरूम से बाहर आ गई। फिर मम्मी ने दीदी और खुद का हैंडबैग उठाया और दीदी ने मुन्ने को उठाया।

मैंने भी अपना बैग उठा लिया और हम रूम से बाहर निकल आये, मम्मी ओर दीदी मेरे आगे चल रही थी। 3 रूम्स छोड़ कर लता मौसी का रूम था, मैंने वहाँ अपना बैग रखा और दीदी के पीछे चलने लगा।

दीदी की जीन्स में गाँड़ क्या मस्त लग रही थी। होटल के कार्मिक और दूसरे गेस्ट जो होटल में थे, सबकी नजर दीदी की मस्त मोटी सेक्सी गाँड़ पर थी।

फिर हम बाहर बस के पास पहुंचे तो सभी बस में बैठ चुके थे।

फिर मम्मी और दीपिका दीदी भी बस में चढ़ गए।

मैंने देखा की टीना दीदी बस की 2 सेट पीछे खिड़की वाली साइड बैठी मुझे ही देख रही थी, और वो भी उदास थी।

फिर बस स्टार्ट हुई, सभी बस में बैठ गए, मैं और लता मौसी सब को बाए करने लगे। फिर बस चल पड़ी और वो सब चले गए।

मैं अब उदास सा वहाँ खड़ा था, तो लता मौसी बोली- राज बेटा, चल अंदर चले।

मैं- मौसी आप चलो मैं आता हूँ।

मौसी चली गयी।

मैंने टाइम देखा तो दोपहर के 2 बज चुके थे।

मैंने 1 सिगरेट पी और मौसी के रूम में चल गया।

मैं रूम में गया तो मौसी बेड पर लेटी हुई थी।

लता मौसी- राज आज बेटा, मेरे पास लेट जा।

मैं भी मौसी के साथ लेट गया।

लता मौसी- (मुझे गले लगाते हुए) आजा राज बेटा मेरे साथ सोजा। मेरी वजह से तुझे रुकने पड़ गया।

मैं कुछ नही बोला और मौसी ने मुझे अपने साथ चिपका लिया जिस से मेरे मुँह मौसी के बड़े बड़े मुममों में दब गया। मौसी के मुम्मे मुह पर लगने से मेरा लन्ड खड़ा होने लग गया, पर लता मौसी से मुझे बहुत डर लगता था, इसलिए मेरी कुछ करने की हिम्मत नही हुई।

मौसी मुझे ऐसे ही पकड़ कर सो गई।

मैं भी दीपिका दीदी की गाँड़ याद करता रहा और सोचते सोचते मुझे भी नींद आ गयी।

शाम को मुझे लता मौसी की आवाज़ आयी राज ओ राज बेटा उठ जा।

मेरी आँख खुली तो देखा मौसी मुझे उठा रही है।

मैंने टाइम देखा तो शाम के 7 बज गए थे।

मैं उठा फिर मौसी ने चाय आर्डर की। हम चाय पी कर थोड़ा फ्रेश हुए।

फिर मौसी फ़ोन पर अपनी डॉ फ्रेंड हेमलता और आशा से बात करने लगी। मैं टीवी देखने लगा।मैंने 9 बजे तक टीवी देखा, फिर मेर बियर पीने का मन करने लगा।

इतने में मौसी बोली- बेटा राज, कल हमें हेमलता के घर जाना है। कल होटल में नही रहना हमने।

मैं- ठीक है मौसी

लता मौसी का भी पीने का मन था। तो उसने बोला कि राज तू कहीं घूम आ जाना है तो, क्योंकि मुझे पीनी है।

मैं(अंदर से खुश होते हुए)- ठीक है मौसी।

फिर मैं बियर बार की तरफ निकल गया।

बियर बार मे जाकर मैंने 2 बीयर पी फिर 11 बजे मैं वापिस होटल पहुंच गया।

जैसे ही मैं कमरे में गया तो मौसी अभी पी रही थी। मौसी ने नाइटी पहनी हुई थी।

मैं जाकर बेड पर बैठ गया।

मौसी- आ गया बेटा, मैं तेरा ही इंतज़ार कर रही थी। ये मेरा लास्ट पेग है, चल मैं खाना आर्डर कर देती हूँ।

मौसी ने खाना आर्डर कर दिया और मैं टीवी देखने लगा।

मैं सोचने लगा कि लता मौसी तो हमेशा गुस्से में रहती है, आज ये मेरे साथ इतने आराम से कैसे पेश आ रही है।

15 मिनट बाद खाना आया, हम दोनों ने खाना खा लिया और लेट गए।

लता मौसी- राज बेटा, तू अपनी मौसी से नाराज तो नही है ना की मैंने तुझे रोक लिया।

मैं -नही मौसी, मैं आपसे कभी नाराज़ हो सकता हूँ क्या।

लता मौसी(मेरे पास खिसक कर आई और मुझे गले लगा लिया)- मेरे अच्छा बेटा, कितना कहना मानता है अपनी मौसी का।

मेरा सिर मौसी के बड़े बड़े मुममों में दब रहा था।

मौसी ने 10 मिनट मुझे ऐसे ही अपने सीने से चिपकाए रखा। फिर मेरे मुह की ओर देखकर बोली।

मौसी- बेटा, तुझे मैंने इसलिए रोका, क्योंकि तू मेरा समझदार बेटा है। तू फिक्र मत कर, तुझे मैं अपने साथ हरिद्वार देहरदून मसूरी सब जगह घूमा कर लाऊंगी।

मैं - ठीक है मौसी।

जैसे ही मैं बोला मौसी ने मुझे घूर कर देखा, फिर थोड़ा गुस्से में बोली।

मोसी बोली- क्या बात है राज? तुम शराब भी पीने लगे!

उन्होंने मेरे मुंह से आ रही महक से समझ लिया था कि मैंने बियर पी रखी है।

मैं- सॉरी मौसी, मुझे नशे की आदत नहीं है, वो तो मैं आज अकेला फील कर रहा था तो थोड़ी सी पी ली थी। कभी-कभार पार्टी में ही पीता हूं। मगर प्लीज आप पापा से इस बारे में कुछ मत कहना।

हंसते हुए मोसी बोली- अरे नहीं पगले, मैं कुछ नहीं कहूंगी। इस उम्र में तो यह सब नॉर्मल सी बात है। मैं सब समझती हूँ। वैसे भी तू मेरा अच्छा बेटा है।

मौसी ने मुझे फिर से गले लगा लिया।
 
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Joy Gupta

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फिर बाहर अचानक से बहुत तेज बारिश होने लगी, और ओले भी गिरने लगे, जिस से मौसम बहुत ठंडा हो गया।

फिर मौसी ने कहा कि ठंड लग रही है, उनका कॉफ़ी पीने का मन है तो मैने 2 कॉफ़ी आर्डर कर दी। 10 मिनट बाद कॉफ़ी आयी हम कॉफ़ी पीने लगे।

मौसी की नाइटी के ऊपर के 2 बटन खुले थे जिस में से मुझे मौसी की नाइटी में से उनके चूचे दिखाई दे गये।

मौसी की चूचियों का साइज 40 D के करीब है। मुझे थोड़ी ठंड लग रही थी, एक तो बाहर बारिश ऊपर से बियर पी हुई, फिर रूम का AC भी चल रहा था। मैंने कॉफ़ी पी ओर ब्लैंकेट ले करअपने ऊपर डाल कर लेट गया।

फिर मौसी ने भी कॉफ़ी पी ली, तो मौसी कप रखने के लिए झुकी तो उनकी नाइटी के ऊपर के दो खुले बटन में से उनकी चुच्चिया दिखने लगी।

मैं उनकी चूचियों को घूरने लगा। इससे पहले कि मेरी नजर हटती मौसी की नजर मुझ पर पड़ गई और वो समझ गई कि मैं उनकी चूचियों को घूर रहा हूं। मौसी ने मुझे घूरा तो मेरी तो गाँड़ ही फट गई कि अब ये मारेगी मुझे।

पर मौसी ने मेरे सिर पर हाथ रख और मेरे बालों को सहलाते हुए मोसी बोली- क्या बात है राज, तुम तो ज्यादा ही बड़े हो गये हो. तुमने कोई गर्लफ्रेंड बनाई है या नहीं?

मैंने कहा- नहीं मौसी जी।

शराब का नशा मुझ पर और मौसी पर भी चढ़ा हुआ था और ऊपर से ठंड हो रही थी। मैं कुछ समझ नहीं पा रहा था, बस बहक रहा था।

फिर मौसी ने कप को नीचे रखते हुए कहा कि बहुत ठंड हो रही है। इतना बोल कर वो भी मेरे साथ कम्बल में मेरे पास लेट गयी और टीवी चालू कर दिया।

टी वी में मौसी ने करिश्मा कपूर की राजा हिंदुस्तानी मूवी लगा रखी थी।

मेरे पैर उनके पैरों से सटे थे और मुझ पर बियर और सेक्स का सुरूर चढ़ने लगा था।

मैंने उनसे पूछा- मौसी आप इतनी गर्म कैसे लग रही हो।

मौसी बोली- बस ऐसे ही बेटा, लगता है ठंड लग गयी, बुखार है थोड़ा सा।

मैं- मौसी दवाई ले आऊँ मैं आपके लिए।

मौसी नही बेटा कंबल डाल लिया अब सही हो जाएगा, कह कर मेरे साथ ओर चिपक गयी।

मैं- ठीक है मौसी।

तभी मूवी में एक पेड़ के नीचे किसिंग सीन आया, जिसे देख मौसी थोड़ी गर्म हो गयी।

मौसी की सांसें तेज होने लगी थीं। उन्होंने अपना पैर मेरी कमर पर चढ़ा दिया। अब मैं भी मौसी की इस हरकत से गर्म होने लगा।

मैंने भी उनके बदन को पकड़ कर अपने आप को उनके जिस्म के और ज्यादा करीब कर लिया।

मौसी(मेरे सीने पर हाथ फेरने लगी और बोली)- बेटा, तुम्हारी कोई गर्लफ्रैंड है या नही।

मैं- नही मौसी।

मौसी- सच सच बता, मैं किसी को नही बताऊंगी।

मैं- नही मौसी, सच मे नही है।

मौसी- तुमने अभी तक गर्लफ्रेंड क्यों नहीं बनाई है?

मैंने लड़खड़ाती जुबान से कहा- मौसी, अभी तक कोई मिली ही नहीं।

मेरा लंड अब तनाव में आने लगा था।

मौसी हंसते हुए बोली- इतने हट्टे कट्टे हो गये हो। अभी तक हाथ से ही काम चला रहे हो क्या?

मौसी ने ऐसा कहते हुए आंखें बंद कर ली। मैं समझ गया था कि मौसी भी सेक्स की आग में जल रही है।

मैं(हिम्मत कर के बोल)- मौसी आप ही बन जाओ मेरी गर्लफ्रैंड।

मौसी- बेटा मुझे गर्लफ्रैंड बना कर क्या करेगा, मैं तो बुढ्ढी हो गयी हूँ।

मैं- नही मौसी, आप तो अभी सोना दीदी की बड़ी बहन लगी हो।

मौसी(शर्माते हुए)- अच्छा, मैं तुझे इतनी जवान लगती हूँ।

मैं- जी मौसी।

मौसी- ठीक है फिर, आज से मैं तेरी गर्लफ्रैंड हूँ, खुश।

मैंने मौसी को कस के गले लगा लिया और बोला- लव यू मौसी

मौसी- लव यू टू बेटा।

अब मुझसे रुका न गया और मैंने मौसी के होंठों पर अपने होंठों को रख दिया। मैं मौसी के होंठों को चूसने लगा और मेरे हाथ मौसी की गांड पर चले गये। मौसी भी मेरा पूरा साथ देने लगी। मैं मौसी की गांड को दबाने लगा और उनके होंठों को चूसने लगा।

अब मौसी भी गर्म होते हुए मेरे होंठों को चूस कर मेरा साथ देने लगी और आपनी जीभ मेरे मुँह में डालने लगी। उनके हाथ मेरी पीठ में आकर कस गये थे। वो जोर से मेरे होंठों को पीने लगी थी जैसे मेरे होंठों को खा ही जायेगी। मेरे हाथ अब मौसी की चूचियों को दबाने लगे।

कुछ देर तक हम ऐसे ही लिपटम-लिपटा होते रहे। फिर मैंने एक हाथ को नीचे ले जाकर मौसी की पैंटी के ऊपर से उनकी चूत को सहलाना शुरू कर दिया। उसके बाद मैंने उनकी नाइटी को उठा कर उनकी कमर तक कर दिया।

फिर मौसी उठी और मौसी ने अपनी नाइटी उतार दी थी। वो केवल ब्रा और पैंटी में मेरी तरफ ओईथ कर के लेट गई।

मेरा 9 इंच का लंड अब फूल कर 10 इंच का हो गया था। मैंने अपनी जांघों में फंसी हुई निक्कर को जल्दी से निकाल दिया और मौसी के पीछे से चिपक गया। मेरे अंडरवियर में मेरा लंड तना हुआ था और वो मौसी की गांड से सट गया था।

मैंने मौसी से चिपक कर कहा- मौसी, क्या हुआ आप उधर मुँह करके क्यो लेटी हो?

यह कहते हुए मैं मौसी की ब्रा के ऊपर से ही उनके मम्मों को दबाने लगा था। फिर मैंने मौसी की ब्रा को पीछे से खोल दिया। ब्रा को अलग कर दिया और मौसी की चूचियां आजाद हो गईं।

चूचियों को मैंने अपने हाथों में भरा तो पता चला कि वो एकदम से टाइट हो चुकी थी। मौसी की बड़ी बड़ी चुचियाँ मेरे हाथों में पूरी तरह से समा भी नहीं रही थी। मैं उनकी चूचियों को जोर से दबाने लगा और वो आहिस्ता से सिसकारने लगी।

मौसी- आ आ आ आ आ ह ह ह ह ह द बेटा आराम से दबा।

मैं मौसी की चुचियाँ आराम से दबाने लगा, उनकी चुचियाँ के निप्पल भी पूरे तने हुए थे, 63 साल की उम्र में भी मौसी की चुचियाँ में थोड़ी कसावट थी।

मैं मौसी को ओर कस के पकड़कर पीछे से चिपक गया, जिस से मेरा लन्ड मौसी की मोटी गाँड़ पर पर दबाने लगा।

उसके बाद मौसी ने अपना हाथ पीछे किया और मेरे अंडरवियर में हाथ डाल कर मेरे लंड को बाहर निकाल लिया। मौसी मेरे लंड को हाथ में लेकर सहलाने लगी। उसको दबाने लगी। अब मेरा हाल और भी ज्यादा बुरा हो चला था।

मौसी को मैंने सीधा लेटा दिया और उनकी चूचियों पर टूट पड़ा। मैं उनकी चूचियों को अपने मुंह में लेकर चूसने लगा और उनकी मोटी- मोटी चूचियों को पीने लगा। मेरा लंड एकदम फटने को हो रहा था। इधर मौसी भी अब जोर से सिसकारियां भर रही थी और मेरे मुंह को अपनी चूचियों में दबा रहा थी।

उनके मुंह से कुछ ऐसी आवाजें आ रही थीं- आह्ह राज, और जोर से … आह्ह बेटा, चूसो इनको बेटा,आ आ हहहह बहुत मजा आ रहा है. इस्स आहह आह्ह … राज, उफ्फ पी आहहह पी मेरी चूचियों को।

मैं मौसी के सीत्कारों से और ज्यादा कामोत्तेजित हो गया था और उनके निप्पलों को काटने लगा था।

फिर मैं उनकी चुचियाँ को जीभ से चाटने लगा और चाटते चाटते धीरे धीरे दाँतों से काटने भी लगा।

मौसी के हाथ मेरे बालों में घूम रहे थे।

फिर जैसे ही मैंने उनके निप्पल पर काटा तो मौसी के मुह से जोर की आह निकल गई।

अब उन्होंने मेरे लंड को नीचे हाथ ले जाकर पकड़ लिया और उसको जोर से दबाने लगी। फिर मुझे साइड में धकेल कर मेरे ऊपर आ गयी।अब मैं नीचे और मौसी मेरे ऊपर थी। मौसी की बड़ी बड़ी चूचियां मेरी आंखों के सामने लटक रही थी। वो बहुत ज्यादा गर्म हो चुकी थी।

मैंने लता मौसी का हमेशा गुस्से वाला रूप ही देख था, आज पहली बार उनका ये सेक्सी रूप में सामने था, वो इस सेक्सी रूप में बहुत ही ज्यादा कामुक लग रही थी। वो बिल्कुल किरण खैर की तरह लग रही थी।

उनके बाल खुले हुए थे। मौसी पूरी किरण खैर की तरह सेक्सी लग रही थी और उनको देख कर ऐसा लग रहा था कि वो लंड की बहुत प्यासी है। मौसी की गांड मेरे लंड पर टिकी हुई थी। मैं पागल हुआ जा रहा था। जिस औरत से मैं सबसे ज्यादा डरता था, आज वही औरत मेरे लंड पर बैठी है और मेरी रंडी बन कर मुझसे चुदने के लिए तैयार थी।

मौसी ने एकदम से अपनी गांड उठाई और पीछे हो गई और मेरे लंड पर झुक कर मेरे लंड पर अपनी जीभ फेरने लगी। फिर जीभ फेरते फेरत मौसी ने मेरे टट्टे को अपने मुंह में लेकर चूसने लगी और मेरे लन्ड को दबाने लगी। फिर लता मौसी ने मेरे टट्टे मुँह से निकाल कर मेरे लन्ड को अपने मुँह में ले लिया। मेरा तो आनंद का ठिकाना न रहा। मेरी आंखें बंद हो गईं। मौसी के गर्म मुंह में लंड का सुपाड़ा देकर इतना मजा आ रहा था कि क्या बताऊं।

वो मेरे पूरे लंड को अपने मुंह में अंदर तक भर रही थी। उसकी जीभ मेरे लंड के टोपे को सहलाते हुए चूस रही थी। अब मेरे मुंह से जोर जोर से आवाजें निकलने लगी थीं. उम्म्ह… अहह… हय… याह… उफ्फ … आईस्सस … आह्हह … मौसी चूसो, मेरी किरण खैर मेरी जान चुसो, बहुत मजा आ रहा है.

मेरे हाथ मौसी के चूचों को जोर से दबा रहे थे। मेरा लंड मौसी के गले तक जाकर लग रहा था। ऐसा लग रहा था कि मैं चूत को ही चोद रहा हूं। 10 मिनट तक मौसी मेरे लंड को चूसती रही। फिर मेरा पानी निकलने वाला था तो मैं मौसी के बालों को पकड़ कर अपने लन्ड पर उसका सिर दबाने लगा। मैंने नियंत्रण खो दिया और मौसी के मुंह में ही झड़ गया। मौसी मेरा सारा माल पी गयी।

अभी भी मौसी मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर जीभ से सहला रही थी। स्खलित होने के बाद अब मेरे लंड में गुदगुदी होने लगी थी। अब मैंने मौसी को अपनी टांगों के ऊपर से उठने के लिए कहा।

मैंने मौसी को नीचे लिटाया और उनकी पैंटी को उतार कर उनकी चूत को नंगी कर दिया। अब मैं मौसी की चूत में उंगली करने लगा। मैंने पाया कि मौसी चूत पानी छोड़ कर गीली हो चुकी थी। मैंने फिर मौसी की चूत पर अपने होंठों को रख दिया और चूत में जीभ डालकर चूसने लगा। मौसी उछल सी गई। वो अपनी गांड को उठा कर मेरे मुंह की तरफ धकेलने लगी।

मौसी पागल सी हो गई।

लता मौसी के मुँह से आवाज़े आने लगी- आआआआ बेटा राज आआ चाट आआआआ ह ह ह हहहहह ऐसे ही येस ऐसे ही आ आ आ आ मौसी मेरे बालो में हाथ फेर रही थी।

15 मिनट तक मैंने मौसी की चूत को चाटा और मौसी की चुत का पानी मेरे मुँह में ही निकल गया। मैं मौसी की चुत का सारा पानी चाट गया। अब मेरा लन्ड भी वापिस पूरा तन गया था।

मौसी ने मेरा लन्ड देखा और मेरे लंड को सहलाया और कहने लगी- बेटा ये तो मेरी चुत का बैंड बजा देगा। अब मेरी चूत की प्यास भी शांत कर दे राज बेटा।

मैं तो खुद मौसी की चूत चोदने के लिए मरा जा रहा था। मैंने उनकी टांगों को फैलाया और अपने लंड को उनकी चूत पर सेट कर दिया। मैंने एक धक्का दिया और मौसी की चिकनी और गीली चूत में लंड हल्का सा अंदर चला गया।

मौसी के मुंह से दर्द भरी आह्ह सी निकली। मगर मैंने तभी दूसरा झटका दिया और मेरा आधा लंड मौसी की चिकनी चूत में उतर गया।

वो कराहते हुए बोली- आआ आआ आराम से कर बेटा, मैं रात भर तेरी ही हूँ। इतनी जल्दबाजी मत कर, दर्द हो रहा है।

मैंने झुक कर मौसी के होंठों को चूसना शुरू किया और फिर तीसरे झटके में पूरा लंड मौसी की चूत में उतार दिया।
मौसी के मुँह से जोर की आह निकली।

मौसी- आ आ आ आ आ ह ह ह ह ह बेटा आराम से कर, आ आ आ ह ह ह मौसी मुझसे लिपटने लगी। दो मिनट के बाद ही मौसी ने अपनी गांड को उठाते हुए मेरे लंड की तरफ धकेलना शुरू कर दिया और मेरी कमर को सहलाने लगी।

अब मौसी को आराम हो गया था। मैंने भी अब मौसी की चूत को चोदना शुरू कर दिया। मैं मौसी की चुत में धक्के लगाने लगा।

वो अब सिसकारते हुए कहने लगी- आह्ह बेटा, चोद दे मुझे, आज मुझे अपनी रंडी बना ले। मैं तेरे लंड को लेकर अपनी चूत की प्यास बुझाना चाहती हूं। मैंने मौसी की चुत में तेज तेज धक्के मारने शुरू कर दिए।

लता मौसी - राज, बहुत मस्त चोदता है रे तू तो।

मैं- मौसी, आप इस उम्र में भी।कितनी सेक्सी हो, बिल्कुल किरण खैर की तरह। आ आ आ ह ह ह ह मौसी मेरी जान, लव यू।

कुछ देर तक मैंने मौसी को इसी पोज में चोदा। फिर मैंने उनको ऊपर आने का इशारा किया। वो उठ कर मेरे ऊपर आ गई। अब वो खुद ही मेरे लंड पर उछल-उछल कर मेरे लंड को अपनी चूत में लेने लगी। उनके चूचे मेरे सामने ऊपर नीचे झूल रहे थे।

मैंने मौसी की उछलती हुई चूचियों को दबाना शुरू कर दिया। वो तेजी से मेरे लंड अपनी चूत में लेती हुई कूदती रही और बड़बड़ाती रही गालियां देती रही।

मौसी- आ आ आ ह ह ह ह , आज बहुत दिनों बाद मजा आ रहा है। आ बेटा चोद ओर जोर से आ आ आ बहनचोद मुझे अपनी रण्डी बना ले।

मौसी की बातों से मुझे और जोश चढ़ रहा था और मैं पूरी ताकत के साथ उसकी चूत में लंड को धकेल रहा था।

मेरे मुंह से भी गाली निकलने लगी- साली रंडी, बहुत गर्मी चढ़ी है तेरी चूत में। आज तेरी चूत की सारी गर्मी निकाल दूंगा। साली कुतिया, तूने कितनो से चूत चुदवा रखी है। मुझे सब पता है। साली बहुत रौब झाड़ती है ना सब पर, आज तेरी चुत फाड़ कर तेरा सारा रौब निकाल दूँगा।

मौसी - हाँ कुत्ते चोद मुझे आ आ आ ह ह ह ह

मैं- हाँ मेरी रण्डी कुत्तिया, तेरी तो मैं चुत फाड़ दूँगा आज।

मौसी- आ आ आ आ आ ह ह ह ह ह, रण्डी के बेटे चोद मुझे आ आ आ आ मैं तो गई।

ऐसा कहते हुए मौसी की चुत से पानी निकाल गया, पर मेरा पानी नही निकला था तो मैं फिर मौसी को चोदता रहा।

इस तरह से मजे लेते हुए मैंने मौसी को चोदा, काफी देर तक हम चुदाई में खोये रहे और फिर मैंने एकदम से मौसी की चूत में अपना वीर्य छोड़ दिया। मेरा वीर्य मौसी की चूत में भर गया। इसी के साथ मौसी भी एक बार दुबारा झड़ गयी। हम दोनों थक कर एक साथ वहीं पर नंगे ही लेट गये और मौसी मेरे ऊपर लेट गयी और हम ऐसे काफी देर लेटे रहे।
 
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Joy Gupta

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फिर मौसी मेरे छाती पर चूमने लगी, चाटने लगी, जिस से मेरा लन्ड फिर से खड़ा हो गया तो मौसी अपनी गाँड़ मेरे लन्ड पर रगड़ने लगी।

मौसी ने फिर आपनी गाँड़ ऊपर की ओर गाँड़ का मोरा मेरे लन्ड पर सैट कर के धीरे धीरे ऊपर बैठने लगी। मेरा लन्ड धीरे धीरे मौसी की गाँड़ में घुसने लगा। मैंने मौसी को कमर से कस कर पकड़ा और नीचे से जोर की एक झटका मारा जिस से मेरा आधे से ज्यादा लन्ड मौसी की गाँड़ में घुस गया।

मौसी के मुँह से जोरदार चीख निकली।

मैंने एक ओर झटके मारा तो मेरा पूरा लन्ड मौसी की चुत में घुस गया और मौसी बहुत जोर से चीखी।

मौसी- साले हरामजादे आराम से डाल।

मैं- साली कुतिया तू अभी भी बहुत रौब झाड़ रही है। तुझे तो रण्डी की तरह ही चोदूँगा।

फिर मैं नीचे से तेज तेज धक्के मारने लगा, मौसी के मुह से जोर जोर की सिसकिया निकलने लगी।

मौसी- हाय आ आ आ आ मर गई आ आ।

हाय मार दिया या आ आ आ ह ह ह साले आ आराम से आ आ आ

मैं- साली रण्डी ले पूरा लन्ड तेरी गाँड़ फाड़ दूँगा, तेरी माँ को चोदू, तेरी बहन को चोदू, तेरी बेटी को चोदू, साली रण्डी।

लता मौसी- हाँ साले चोद मेरी बहन, बेटी, भाँजी। आ आ ह ह मेरी बहन तेरी माँ मधु ही तो है, आ आ आ मेरी भाँजी तेरी बहन दीपिका ही तो है।

मैंने मौसी की गाँड़ में जोरदार धक्का मारा।

मैं- ले साली रण्डी, तेरे सारे खानदान को चोदूगा।

मौसी- आ आ आ ह ह छोड़ साले।

मैं- कितनो से चुदी है तू आज तक रण्डी।

मौसी- बहुत लोगों से।

मैं- किस किस से।

मौसी- बड़े बड़े मंत्रियों, नेताओं, अधिकारियों से, आ आ आ ह ह ह ह पर अब साला कोई चोदता ही नही।

ऐसे मौसी को चोदते चोदते 20 मिनट बाद मैं मौसी की गाँड़ में झड़ गया। उसके बाद मौसी मेरे ऊपर लेट गई।

अब मैं और मौसी बहुत थक गए थे। फिर मैं और मौसी एक दूसरे को लिप किस करने लगे और ऐसे ही किस करते करते हम सो गए।

सुबह के करीब 5 बजे मौसी के मोबाइल की घंटी बजी, तो हमारी नींद खुली। मौसी ने देखा तो मौसा जी का फ़ोन था यह बताने के लिये की वो सब हरिद्वार पहुंच गए है।

फिर मौसी मेरे किस करने लगी मेरी छाती चाटने लगी, मैं भी मौसी के मुम्मे दबाने लगा और ऐसे ही चुदाई का एक और राउंड हुआ। उसके बाद हम दोनों सो गए।

सुबह 10 बजे किसी ने हमारा गेट खटखटाया तो हम नींद से जागे। मौसी ने आवाज़ लगा कर पूछा कौन है तो बाहर मौसी की फ्रेंड डा. हेमलता सोलंकी थी। तो मौसी ने जल्दी से कपड़े पहने और मौसी ने मुझे डांटते हुए उठाया। मैं फ्रेश होने वाशरूम में घुस गया।

अभी मैं वाशरूम में ही था कि मौसी की आवाज़ आयी

मौसी ने कहा- राज बेटा, हेमलता हमे लेने आई है, जल्दी से नहा कर आ।

फिर मैं जल्दी से नहा कर आया तो हेमलता आँटी आई हुई थी। मैंने सिर्फ टॉवल बांधा हुआ था। मेरे बाहर आते ही मौसी नहाने के लिए बाथरूम में चली गई।

मैंने हेमलता आँटी को नमस्ते की और उनके पैर छुए।

हेमलता आँटी ने मुझे अपने गले लगा लिया।

हेमलता आँटी ने पजामा टी शर्ट पहन रखी थी। जब उन्होंने मुझे गले लगाया तो उनके मोटे मोटे मुम्मे मेरे सीने में दबने लगी, जो मुझे पूरे फील हो रहे थे।

हेमलता आँटी मुझे गले लगा कर मेरी नंगी पीठ पर हाथ फेरने लगी।

आँटी ऐसे ही मुझे 5 मिनट गले लगा कर खुद से अलग किया।

मेरा लन्ड पूरा खड़ा हो गया था। जो टॉवल में तंबू बना दिख रहा था।

मैं फिर अपने कपड़े पहनने के लिए बैग से निकलने लगा, तो मेरा टॉवल एक दम से खुल गया और नीचे गिर गया। हेमलता आँटी की मुझे ही देख रही थी।

जैसे ही मेरा टॉवल नीचे गिरा तो मेरा लन्ड बिल्कुल सीधा खड़ा था। हेमलता आँटी मेरे लन्ड को देखने लगी। मैंने जल्दी से अपना टॉवल उठाया और बांध लिया, फिर अपने कपड़े निकाल कर पहन लिए ओर तैयार हो गया। फिर मैंने अपना बैग पैक किया। इतने में मौसी भी नहा कर आ गयी और तैयार होकर अपना सामान पैक करने लगी।

हेमलता आँटी मुझे देख देख कर मुस्कुरा रही थी, में भी उन्हें देख कर बस हल्का सा मुस्कुरा देता।

फिर मौसी ने अपना सामान पैक किया और हमने होटल से चेक आउट किया और हेमलता आँटी की गाड़ी में आकर बैठ गए। आगे उनका ड्राइवर, उसके साथ वाली सीट पर मैं और पीछे मौसी और डा. हेमलता आँटी बैठ गए। फिर हम उनके घर पहुंचे। उनका घर बहुत बड़ा था।

उनके घर मे डॉ आँटी, उनके पति, जो डॉ. थे और किसी काम से अपने बेटे के पास पटियाला गए हुए थे। उनकी 1 बेटी डॉ. नेहा 37 साल की थी, नेहा ने शादी नही की थी। डॉ. नेहा का खुद का एक बड़ा क्लिनिक है। हेमलता आँटी का बेटा और बहू भी डॉ. है, उनका पटियाला में हॉस्पिटल है। 1 नौकरानी 35 साल की जो वहीं रहती थी और नौकरानी का पति उनका चौकीदार और इनके 2 बच्चे।

घर पर उन्होंने मौसी और मेरा सामान अलग अलग रूम में रखवाया तो मौसी बोली- हेमलता राज का सामान मेरे साथ ही रखवा दे। हम एक ही रूम में रुकेंगे। राज अभी बच्चा है, वो अकेला रूम में नही रुक पायेगा, तो उन्होंने मेरा सामान भी मौसी वाले रूम में रखवा दिया।

मैं खुश था कि चलो रात को मौसी को फिर से बजाऊंगा।

डॉ. हेमलता आँटी 2 रात से हॉस्पिटल में आशा आँटी के साथ रुक रही थी, वो आज भी हॉस्पिटल से सीधा हमें लेने आई थी। इसलिए वो अभी तक नहाई नही थी।

उनकी नौकरानी हमारे लिए चाय लेकर आई, हम तीनो ने चाय पी। हेमलता आँटी नहाने चली गयी।

लता मौसी भी चाय पीकर रूम में चली गयी। मैं भी मौसी के पीछे रूम में गया तो मौसी अपने बैग से कुछ निकाल रही थी।

मैंने रूम का गेट बंद किया और मौसी को पीछे से पकड़ लिया।

मैंने मौसी की गर्दन पर किस करना शुरू किया, और मेरा लन्ड मौसी की मोटी गाँड़ पर रगड़ कहा रहा था, जिससे मैं और उत्तेजित हो रहा था।

फिर मौसी पलटी और उन्होंने मुझे दीवार से सटा कर मुझे किस करना शुरू कर दिया। मैंने मौसी की गांड को पकड़ लिया और उनके होंठों को चूसने लगा।

मैंने होंठों को चूसते हुए कहा- लता डार्लिंग, आज दिन में सो जाना, आज पूरी रात तुम्हे सोने नही दूँगा।

वो बोली- कमीने, अब मैं तेरी ही हूँ। जब भी तेरा मन करे मेरे पास आ जाना।

उसके बाद हम दोनों ने एक जोरदार किस किया और एक दूसरे को आई लव यू कहा।

फिर हम रूम से बाहर आ गए।
 

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चुदक्कड परिवार की चोदो यात्रा | Chudakkad Parivar Ki Chodo Yatra

मै राजवीर राजस्थान से हूँ।

मेरे परिवार में बहुत सी चूते है।

मैंने बहुत चूते मारी है, लेकिन सबसे पहली चुत मैंने मेरी मौसी की मारी थी।

अब मैं सबका आपसे परिचय करवा देता हूं।

सबसे पहले मेरी बड़ी मामी नाम- मीनाक्षी उम्र- 55 साल विधवा, फिगर 40c-38 42, रंग- सांवला।

अब मेरी बड़ी मामी की लड़की प्राची उम्र- 30 साल शादीशुदा, फिगर 36b-34 40, रंग- सांवला।

बड़ी मामी की बहू आकांशा उम्र- 33 साल शादीशुदा, फिगर 32b-30 34, रंग- गौरा।

अब छोटी मामी सुमित्रा उम्र- 53 साल शादीशुदा, फिगर 34b-33 36, रंग- गौरा।

छोटी मामी की लड़की ग़ज़ल उम्र- 31 साल शादीशुदा, फिगर 38b-34 40, रंग- गौरा।

अब मेरी बड़ी मौसी जय उम्र- 58 साल विधवा, फिगर 34b-32 36, रंग- सांवला।

छोटी मौसी हेमा उम्र- 54 साल शादीशुदा, फिगर 42d-36 46, रंग- गौरा, कद छोटा, शक्ल बिल्कुल विद्या बालन जैसी और पूरे खानदान में सबसे मोटे मुममे और गाँड़।

छोटी मौसी की बहू नाविका- उम्र- 28 साल शादीशुदा, फिगर 34b-32 38, रंग- गौरा।

अब मेरी मम्मी मधुबाला उम्र-56 साल, शादीशुदा, फिगर 38c-36 38, रंग- गौरा।

अब मेरी दीदी दीपिका उम्र- 35 साल, शादीशुदा, फिगर 34c-36 40, रंग- गौरा बड़ी गाँड़।

बाकी और भी आती रहेंगी कहानी में।
Nayi kahani ki dheron bhadhaai.
 
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5 मिनट में हम मामा के घर पहुंच गए, तो अभी कोई तैयार नही हुआ था, सब चाय पी रहे थे। मेरी मम्मी, छोटी मौसी ओर दोनो मामीयां किचन में सबके लिए रास्ते के लिए खाना बना रही थी, देव और मैं किचन में गए तो मेरी मम्मी पुरिया तल रही थी, छोटी मामी पैक कर रही थी, मेरी छोटी मौसी और बड़ी मामी दोनो नीचे बैठ कर पुरिया बेल रही थी, जिस से उनके बड़े बड़े मुम्मे हिल रहे थे, बड़ी मामी ने नाइटी पहनी थी, जिसमे मुम्मे बहुत ज्यादा हिल रहे थे, मैंने इस बात पर ध्यान नही दिया पर देव ने मुझे इशारा कर के वहां देखने को कहा, तो मामी को देखते हुए मेरा ध्यान मौसी पर भी गया, तो उसके मुम्मे सबसे बड़े थे, वो भी हिल रहे थे, पर मामी से कम, फिर मैंने देखा कि देव मेरी मम्मी के मुम्मे घूर रहा है, ये देख कर मुझे गुस्सा आया। फिर मैंने देखा कि मम्मी के मुम्मे भी बड़े है।

फिर हम वहां से बाहर आये तो

देव- कैसे लगे मामी के मुम्मे,

राज- मस्त है, पर वो अपनी मामी है

देव- सब रिश्ते चुदाई के होते है, चुदाई कभी रिश्ता नही देखती, मैं भी तो तेरा भाई हु, फिर भी तेरा लन्ड चूसा।

राज- पर भाई ये सब गलत है, हमे ये सब नही सोचना चाहिए।

देव- ऐसे कुछ नही होता, मैंने तो मेरी मम्मी मौसी के मुम्मे भी देखे, मम्मी के मुम्मे कैसे हिल रहे थे, और मौसी का पसीना उनके गले से होता हुआ उनके मुममों में जा रहा था।

राज- ये क्या बकवास कर रहा है तू, अपनी माँ और मौसी के बारे में।

देव- चुप कर, तू भी तो मेरी माँ के हिलते मुम्मे देख रहा था।

राज- सॉरी देव, पर ये गलत है

इतने में मौसी की आवाज आई कि राज जरा इधर आना बेटा, तो मैं किचन में गया और देव भी मेरे साथ था। किचन मे ऊपर से एक डिब्बा उतारना था। उसके लिए मुझे बुलाया था, क्योकि घर मे सबसे ज्यादा हाइट मेरी है, 6 फ़ीट ओर देव 5.5 । वो डिब्बा काफी ऊंचा था इसलिए मुझे भी स्टूल पर चढ़ना पड़ा उसे उतारने के लिए, जब मैं स्टूल पर चढ़ा तो छोटी मामी मेरे पास खड़ी थी डिब्बा लेने के लिए क्योकि उनको डिब्बा चाहिए था, जब मैं डिब्बा उतारने के लिए ऊपर चढ़ने लगा तो मेरी नज़र बड़ी मामी और मौसी के हिलते मुममों पर गयी, जिस से मेरा लन्ड पाजामे में टाइट हो गया और थोड़ा उभार दिखने लगा। जब मैं डिब्बा उतार रहा था मुझे लगा कि मेरे लन्ड पर कुछ लगा है, नीचे देख की मेरा लन्ड छोटी मामी के मुह पर लग रहा है और सभी औरते ये देख कर स्माइल कर रही है।

देव भी किचन के बाहर से सब देख रहा था, फिर मैंने डिब्बा उतार कर मामी को दिया और जाने लगा तो मौसी पुरिया बेल चुकी थी और मुझसे बोली कि आज मेरे बेटे ने मुझे गले तो लगाया ही नही और मुझे गले लगा लिया, जिस से मेरा खड़ा लन्ड उनके पेट पर लगने लगा, तो उन्होंने मुझे ओर जोर से गले लगाया, और होठों के बिल्कुल पास किस कर दिया। फिर मैं किचन से बाहर आ गया।
Nice update.
 
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