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सुबह के 5 बज चुके थे। मेरा मन मम्मी की गाँड़ मारने का भी था, पर अब मैं भी काफी थक चुका था। मम्मी थोड़ी देर ऐसे ही मेरे ऊपर लेती रही, फिर मम्मी उठ कर अपनी वाली साइड चली गयी।
अब मम्मी, दीदी और मैं हम तीनों नंगे ही लेटे हुए थे। दीदी मेरे साथ लेटी हुई थी। मम्मी के चेहरे पर संतुष्टि और खुशी दोनो साफ दिख रही थी।
दीदी फिर से मेरा लन्ड पकड़ कर लेट गई तो मम्मी बोली।
मम्मी- क्या हुआ दीपिका, मन नही भरा
दीदी- मम्मी मेरा तो दिल कर रहा है कि मैं सारी जिंदगी राज के लन्ड से चुदती रहूँ।
मम्मी- सच मे राज का लन्ड तो कमाल का है।
दीदी- हाँ मम्मी, राज मेरा सगा भाई ने होता तो मैं अभी राज से शादी कर लेती। फिर मेरे दो पति होते।
मम्मी- हट बेशर्म
दीदी- अच्छा मैं बेशर्म हूँ, और आप जो अभी अपने बेटे पर उछल उछल कर चुदवा रही थी।
मम्मी(शर्मीली हँसी से)- चल सो जा अभी सुबह हो गई।
दीदी- ठीक है।
फिर दीदी ने मुझे अपनी बाहों में लपेट लिया और मुझे लिप किस किया।
दीदी- आई लव यू राज, मेरे भाई।
मैं(दीदी को अपनी बाहों में कसते हुए)- आई लव यू टू दीदी।
और फिर मैं और दीदी ऐसे ही एक दूसरे की बाहों में सो गए।
सुबह 9 बजे
मम्मी(मुझे और दीदी को उठाते हुए)- राज, दीपिका उठो। दीपिका मुन्ना रो रहा है। उसको भूख लगी होगी।
मम्मी हमको हिला हिला कर उठाने लगी।
तभी हमारी आंख खुली तो मम्मी हमारे सामने बिल्कुल नंगी खड़ी थी और मुन्ने के रोने की आवाज़ आ रही थी।
दीदी तुरंत उठी और मुन्ने को उठाया और मुन्ने को अपना दूध पिलाने लगी।
मम्मी- राज तू भी उठ जा जल्दी से और कपड़े पहन लें। तेरे पापा और जीजाजी कभी भी आते होंगे। बाकी सभी भी उठ गए होंगे ओर हरिद्वार जाने के लिए तैयार हो रहे होंगे।
मैं- ठीक है मम्मी अभी उठता हूँ।
मम्मी- दीपिका तू भी मुन्ने को दूध पिला कर कपड़े पहन लें।
दीदी- ठीक है।
मम्मी- मैं नहा कर आती हुँ।
मम्मी वाशरूम में घुस गई।
मैं दीदी को देखने लगा और सोचने लगा कि दीदी और मम्मी के साथ जो मजा आया, वो टीना दीदी और हेमा मौसी के साथ नही आया था। खास करके सबसे ज्यादा मजा मुझे दीपिका दीदी के साथ आया।
दीदी- क्या देख रहा है।
मैं- दीदी एक बार फिर से हो जाये, आपकी चुचिया देख कर वापिस दिल कर रहा है।
दीदी- आजा मेरे भाई, पहले दूध तो पी ले।
मैं दीदी के पास गया, दीदी के एक मुम्मे से मुन्ना दूध पी रहा था, दूसरा मुम्मा मैंने अपने मुह में ले लिया और दीदी का दूध पीने लगा। क्या मस्त स्वाद था दीदी के दूध का।
10 मिनट मैं और मुन्ना हम दोनों दीदी का दूध पीते रहे। फिर मुन्ने का पेट भर गया तो उसने दूध पीना बन्द कर दिया। दीदी ने मुन्ने को साइड में लेता दिया और मेरा लन्ड पकड़ कर हिलाने लगी।
मैंने दीदी का दूध पीकर एक मुम्मा खाली कर दिया था, अब मैं दीदी के दूसरे मुम्मे से दूध पीने लगा, जिसमे से मुन्ने ने दूध आया था, उसमे अभी दूध था, मुन्ने ने पूरा नही पिया था।
फिर 5 मिनट में मैंने दीदी का दूसरा मुम्मा भी खाली कर दिया, तो दीदी उठी और मेरी टांगो की ओर जाकर बैठ गयी।
फिर दीदी झुकी मेरा लन्ड अपने दोनों मुम्मों में दबा कर हिलाने लगी। बीच बीच मे दीदी मेरे लन्ड पर जीभ भी फेर रही थी।
फिर दीदी मेरा लन्ड चूसने लगी। सच मे दोस्तो मेरी दीदी इतना मस्त लन्ड चूसती है, की मुझे लगता है मैं जन्नत में हूँ।
दीपिका दीदी मेरा लन्ड चूस रही थी, तभी मम्मी नहा कर वाशरूम से बाहर नंगी ही आ गयी।
मम्मी- अब बस करो दोनो। दीपिका जब देखो तू शुरू हो जाती है, रण्डी कहीं की।
मम्मी हमको देखती देखती अपने कपड़े पहनने लगी।
लेकिन हमने मम्मी को कोई जवाब नही दिया और दीदी मेरा लन्ड चूसती रही।
मम्मी ने सलवार सूट पहना और आईने के सामने खड़ी होकर अपने बाल सवारने लगी। सूट में मम्मी कमाल लग रही थी। इतने में दरवाजे पर किसी ने खटखटाया तो दीदी फटाफट अपना तौलिया और नाइटी उठा कर वाशरूम में घुस गई और मैंने भी जल्दी से अपनी निक्कर और टी शर्ट पहन ली और मैं मुन्ने के साथ खेलने लगा।
मम्मी ने दरवाजा खोला तो जीजाजी और पापा खड़े थे बाहर। वो अंदर आये और बोले जल्दी से सब तैयार हो जाओ, हमें हरिद्वार के लिए निकलना है।
मम्मी बोली- मैं तो बस 10 मिनट में तैयार हूं, दीपिका अभी अभी नहाने गयी है, उसके बाद आप सब भी नहा लेना।
पापा- ठीक है।
जीजाजी- दीपिका नहाने में बहुत टाइम लगाती है। हम दूसरे रूम मे जाकर नहा लेते है। आप हमारे बैग से हमारे कपड़े निकाल दीजिए।
मम्मी बैग से पापा और जीजाजी के कपड़े निकलने लगी।
ये सुनते ही मैं खुश हो गया कि पापा और जीजाजी दूसरे रूम में जाये तो मैं दीदी के साथ नहाऊंगा।
मम्मी ने पापा और जीजाजी के कपड़े निकाल कर उन्हें दे दिए और वो दूसरे रूम में जाने लगे।
पापा- राज तू भी चल हमारे साथ वहाँ 2 रूम्स है, तू भी वहीं तैयार हो जाना, हमें लेट नही होना।
मैं(उदास होता हुआ)- ठीक है पापा।
मम्मी ने मेरे कपड़े भी बैग से निकाल कर मुझे दे दिए और मुझे देख कर चिढ़ाने वाली स्माइल दी।
मैं सोचने लगा साला सुबह सुबह ही खड़े लन्ड पर धोखा हो गया।
फिर हम दूसरे रूम में चले गए, तो 1 रूम के वाशरूम में जीजाजी ओर दूसरे रूम के वाशरूम में मैं घुस गया।
पहला मैं फ्रेश हुआ, फिर नहाने लगा तो मेरा लन्ड खड़ा हो गया, तो मैने अपना लन्ड पकड़ा और दीदी को सोचतें हुए लन्ड हिलाने लगा। मैं ये भी सोच रहा था कि हरिद्वार जा कर पाँच चूते है मेरे पास, रण्डी हेमा मौसी, उसकी बेटी टीना दीदी, मीनाक्षी मामी, मेरी मम्मी और मेरी जान दीपिका दीदी। मैं इनको सोच कर लन्ड हिलाने लगा की हरिद्वार में इन पाँचों को चोद चोद कर पागल कर दूंगा और मेरा पानी निकल गया। फिर मैं नहाने लग गया और नहा कर बाहर आया और कपड़े पहनने लगा।
फिर मैं साथ वाले रूम में गया तो देखा पापा और जीजाजी भी नहा कर तैयार हो चुके थे।
फिर हम तीनों अपने रूम की तरफ गए। जब हम रूम में पहुँचे तो मम्मी तैयार हो चुकी थी, क्या मस्त पटाखा लग रही थी मम्मी।
इतने में दीदी नहा कर दीदी तौलिया बांध कर रूम से बाहर आई। दीदी ने तौलिया ऐसे बांधा हुआ था, जिससे दीदी के बूब्स और चुत दोनो ढके हुए थे।
दीदी का आधा ढका हुआ जिस्म ऊपर से गीले बाल, गोरा मांसल बदन, क्या क़यामत लग रही थी दीदी। मेरा लन्ड दीदी को देखते ही सलामी देने लगा।
पापा और जीजाजी भी दीदी को ही देख रहे थे, जिन्हें मम्मी ने भी देख लिया था।
मम्मी- दीपिका क्या हुआ, कपड़े तो पहन कर आती। ऐसे क्यों आ गयी।
दीदी(मुन्ने को उठाती हुई)- मैंने सोचा मुन्ने को भी नहला दूँ, फिर कपड़े पहनूँगी, नही तो सारे कपड़े फिर से गीले हो जाएंगे।
दीदी मुन्ने को उठा कर बाथरूम में चली गयी।
10 मिनट बाद दीदी मुन्ने को नहला कर बाहर आई और मुन्ने को बेड पर लेटा कर अंदर चली गयी।
अब मम्मी, दीदी और मैं हम तीनों नंगे ही लेटे हुए थे। दीदी मेरे साथ लेटी हुई थी। मम्मी के चेहरे पर संतुष्टि और खुशी दोनो साफ दिख रही थी।
दीदी फिर से मेरा लन्ड पकड़ कर लेट गई तो मम्मी बोली।
मम्मी- क्या हुआ दीपिका, मन नही भरा
दीदी- मम्मी मेरा तो दिल कर रहा है कि मैं सारी जिंदगी राज के लन्ड से चुदती रहूँ।
मम्मी- सच मे राज का लन्ड तो कमाल का है।
दीदी- हाँ मम्मी, राज मेरा सगा भाई ने होता तो मैं अभी राज से शादी कर लेती। फिर मेरे दो पति होते।
मम्मी- हट बेशर्म
दीदी- अच्छा मैं बेशर्म हूँ, और आप जो अभी अपने बेटे पर उछल उछल कर चुदवा रही थी।
मम्मी(शर्मीली हँसी से)- चल सो जा अभी सुबह हो गई।
दीदी- ठीक है।
फिर दीदी ने मुझे अपनी बाहों में लपेट लिया और मुझे लिप किस किया।
दीदी- आई लव यू राज, मेरे भाई।
मैं(दीदी को अपनी बाहों में कसते हुए)- आई लव यू टू दीदी।
और फिर मैं और दीदी ऐसे ही एक दूसरे की बाहों में सो गए।
सुबह 9 बजे
मम्मी(मुझे और दीदी को उठाते हुए)- राज, दीपिका उठो। दीपिका मुन्ना रो रहा है। उसको भूख लगी होगी।
मम्मी हमको हिला हिला कर उठाने लगी।
तभी हमारी आंख खुली तो मम्मी हमारे सामने बिल्कुल नंगी खड़ी थी और मुन्ने के रोने की आवाज़ आ रही थी।
दीदी तुरंत उठी और मुन्ने को उठाया और मुन्ने को अपना दूध पिलाने लगी।
मम्मी- राज तू भी उठ जा जल्दी से और कपड़े पहन लें। तेरे पापा और जीजाजी कभी भी आते होंगे। बाकी सभी भी उठ गए होंगे ओर हरिद्वार जाने के लिए तैयार हो रहे होंगे।
मैं- ठीक है मम्मी अभी उठता हूँ।
मम्मी- दीपिका तू भी मुन्ने को दूध पिला कर कपड़े पहन लें।
दीदी- ठीक है।
मम्मी- मैं नहा कर आती हुँ।
मम्मी वाशरूम में घुस गई।
मैं दीदी को देखने लगा और सोचने लगा कि दीदी और मम्मी के साथ जो मजा आया, वो टीना दीदी और हेमा मौसी के साथ नही आया था। खास करके सबसे ज्यादा मजा मुझे दीपिका दीदी के साथ आया।
दीदी- क्या देख रहा है।
मैं- दीदी एक बार फिर से हो जाये, आपकी चुचिया देख कर वापिस दिल कर रहा है।
दीदी- आजा मेरे भाई, पहले दूध तो पी ले।
मैं दीदी के पास गया, दीदी के एक मुम्मे से मुन्ना दूध पी रहा था, दूसरा मुम्मा मैंने अपने मुह में ले लिया और दीदी का दूध पीने लगा। क्या मस्त स्वाद था दीदी के दूध का।
10 मिनट मैं और मुन्ना हम दोनों दीदी का दूध पीते रहे। फिर मुन्ने का पेट भर गया तो उसने दूध पीना बन्द कर दिया। दीदी ने मुन्ने को साइड में लेता दिया और मेरा लन्ड पकड़ कर हिलाने लगी।
मैंने दीदी का दूध पीकर एक मुम्मा खाली कर दिया था, अब मैं दीदी के दूसरे मुम्मे से दूध पीने लगा, जिसमे से मुन्ने ने दूध आया था, उसमे अभी दूध था, मुन्ने ने पूरा नही पिया था।
फिर 5 मिनट में मैंने दीदी का दूसरा मुम्मा भी खाली कर दिया, तो दीदी उठी और मेरी टांगो की ओर जाकर बैठ गयी।
फिर दीदी झुकी मेरा लन्ड अपने दोनों मुम्मों में दबा कर हिलाने लगी। बीच बीच मे दीदी मेरे लन्ड पर जीभ भी फेर रही थी।
फिर दीदी मेरा लन्ड चूसने लगी। सच मे दोस्तो मेरी दीदी इतना मस्त लन्ड चूसती है, की मुझे लगता है मैं जन्नत में हूँ।
दीपिका दीदी मेरा लन्ड चूस रही थी, तभी मम्मी नहा कर वाशरूम से बाहर नंगी ही आ गयी।
मम्मी- अब बस करो दोनो। दीपिका जब देखो तू शुरू हो जाती है, रण्डी कहीं की।
मम्मी हमको देखती देखती अपने कपड़े पहनने लगी।
लेकिन हमने मम्मी को कोई जवाब नही दिया और दीदी मेरा लन्ड चूसती रही।
मम्मी ने सलवार सूट पहना और आईने के सामने खड़ी होकर अपने बाल सवारने लगी। सूट में मम्मी कमाल लग रही थी। इतने में दरवाजे पर किसी ने खटखटाया तो दीदी फटाफट अपना तौलिया और नाइटी उठा कर वाशरूम में घुस गई और मैंने भी जल्दी से अपनी निक्कर और टी शर्ट पहन ली और मैं मुन्ने के साथ खेलने लगा।
मम्मी ने दरवाजा खोला तो जीजाजी और पापा खड़े थे बाहर। वो अंदर आये और बोले जल्दी से सब तैयार हो जाओ, हमें हरिद्वार के लिए निकलना है।
मम्मी बोली- मैं तो बस 10 मिनट में तैयार हूं, दीपिका अभी अभी नहाने गयी है, उसके बाद आप सब भी नहा लेना।
पापा- ठीक है।
जीजाजी- दीपिका नहाने में बहुत टाइम लगाती है। हम दूसरे रूम मे जाकर नहा लेते है। आप हमारे बैग से हमारे कपड़े निकाल दीजिए।
मम्मी बैग से पापा और जीजाजी के कपड़े निकलने लगी।
ये सुनते ही मैं खुश हो गया कि पापा और जीजाजी दूसरे रूम में जाये तो मैं दीदी के साथ नहाऊंगा।
मम्मी ने पापा और जीजाजी के कपड़े निकाल कर उन्हें दे दिए और वो दूसरे रूम में जाने लगे।
पापा- राज तू भी चल हमारे साथ वहाँ 2 रूम्स है, तू भी वहीं तैयार हो जाना, हमें लेट नही होना।
मैं(उदास होता हुआ)- ठीक है पापा।
मम्मी ने मेरे कपड़े भी बैग से निकाल कर मुझे दे दिए और मुझे देख कर चिढ़ाने वाली स्माइल दी।
मैं सोचने लगा साला सुबह सुबह ही खड़े लन्ड पर धोखा हो गया।
फिर हम दूसरे रूम में चले गए, तो 1 रूम के वाशरूम में जीजाजी ओर दूसरे रूम के वाशरूम में मैं घुस गया।
पहला मैं फ्रेश हुआ, फिर नहाने लगा तो मेरा लन्ड खड़ा हो गया, तो मैने अपना लन्ड पकड़ा और दीदी को सोचतें हुए लन्ड हिलाने लगा। मैं ये भी सोच रहा था कि हरिद्वार जा कर पाँच चूते है मेरे पास, रण्डी हेमा मौसी, उसकी बेटी टीना दीदी, मीनाक्षी मामी, मेरी मम्मी और मेरी जान दीपिका दीदी। मैं इनको सोच कर लन्ड हिलाने लगा की हरिद्वार में इन पाँचों को चोद चोद कर पागल कर दूंगा और मेरा पानी निकल गया। फिर मैं नहाने लग गया और नहा कर बाहर आया और कपड़े पहनने लगा।
फिर मैं साथ वाले रूम में गया तो देखा पापा और जीजाजी भी नहा कर तैयार हो चुके थे।
फिर हम तीनों अपने रूम की तरफ गए। जब हम रूम में पहुँचे तो मम्मी तैयार हो चुकी थी, क्या मस्त पटाखा लग रही थी मम्मी।
इतने में दीदी नहा कर दीदी तौलिया बांध कर रूम से बाहर आई। दीदी ने तौलिया ऐसे बांधा हुआ था, जिससे दीदी के बूब्स और चुत दोनो ढके हुए थे।
दीदी का आधा ढका हुआ जिस्म ऊपर से गीले बाल, गोरा मांसल बदन, क्या क़यामत लग रही थी दीदी। मेरा लन्ड दीदी को देखते ही सलामी देने लगा।
पापा और जीजाजी भी दीदी को ही देख रहे थे, जिन्हें मम्मी ने भी देख लिया था।
मम्मी- दीपिका क्या हुआ, कपड़े तो पहन कर आती। ऐसे क्यों आ गयी।
दीदी(मुन्ने को उठाती हुई)- मैंने सोचा मुन्ने को भी नहला दूँ, फिर कपड़े पहनूँगी, नही तो सारे कपड़े फिर से गीले हो जाएंगे।
दीदी मुन्ने को उठा कर बाथरूम में चली गयी।
10 मिनट बाद दीदी मुन्ने को नहला कर बाहर आई और मुन्ने को बेड पर लेटा कर अंदर चली गयी।