2 दिन बाद सबने मिलने का तय किया था आज सभी श्रद्धा के घर इकट्ठे हुए यहां पर सबसे पहले अमृता आई श्रद्धा ने अमृता से कहा देखो हम दोनों तो समझते हैं की हमारे शरीर की जरूरत क्या है हमने इस बारे में परसों बात की थी अब देखना यह है की यह दोनों सुनिधि और आरती इस बारे में क्या सोचती है क्योंकि पिछली बार जब हम मिले थे तब यह दोनों इस पर राजी नहीं थी वह नहीं चाहती है की वह किसी प्रकार का संबंध बाहर बनाएं अब मैं चाहती हूं कि हम दोनों मिलकर इन दोनों को राजी करें या इन दोनों को प्रमोट करें की हमारे अपनी भी कुछ जरूरत है जो पूरी होनी चाहिए लेकिन इसके पहले हम सब यह जानना चाहेंगे की सबके पतियों की क्या विचारधारा है इन दोनों को तैयार करने के लिए मेरा यह सुझाव है की तुम सुनिधि को समझो और मैं आरती को समझती हूं लेकिन इसके लिए हमको खुलकर साथ में आना पड़ेगा और उनके साथ शारीरिक संबंध बनाना पड़ेंगे ताकि वह भी खुल सके और हम इस सब में चारों एक साथ हो जाए थोड़ी देर के बाद आरती और सुनिधि दोनों आ जाती है तब श्रद्धा बोलती है क्या आप सब लोगों की अपने-अपने पतियों से बात हो चुकी है और उन लोगों ने इस बारे में क्या कहा है इस पर आरती ने कहा मुझे तो पूछने की जरूरत ही नहीं थी क्योंकि ऑलरेडी सुधीर ने यह कह दिया था कि वह दूसरी औरत के साथ सोना चाहता है इसलिए उसका पॉइंट ऑफ व्यू तो बिल्कुल क्लियर है अब बाकी लोगों के साथ क्या हुआ वह सब बताओ अब अमृता बोलते हैं कि मेरे पति शैलेश से जब मैं इस बारे में बात की तो उसने बताया वैसा तो नहीं सोचता है लेकिन मेरे ज्यादा कुरेदने पर उसने यह कहा कि उसका भी मन तो करता है दूसरी औरतों से बात करने का मिलने का फिर जब मैं ज्यादा उससे पूछा तो उसने कहा हां अगर मुझे कोई आपत्ति नहीं हो तो वह दूसरी औरत के साथ जरूर सोना चाहेगा तब मैंने पूछा तुम्हें किस तरह की औरत पसंद है वह बोला मुझे ऐसी औरत पसंद है जिसके हिप्स यानी गांड बहुत बड़ी हो

मुझे वह पीछे से लचकती हुई जब चलती है तब मुझे बहुत अच्छी लगती है और मुझे उसमें बहुत मजा आता है सामने से तो सुंदर होना ही चाहिए जैसे कि उसके बूब्स और उसकी आंखें और बहुत कामुक देखनी चाहिए।
अब सुनिधि बोली मैंने अपने पति हिमेश से बात की है पहले तो थोड़ा शर्मया थोड़ा नाटक किया लेकिन तुम जानती हो की सब मर्द एक जैसे होते हैं उसने भी आखिर मान ही लिया कि उसके मन में भी एक खूबसूरत सी औरत की ख्वाहिश रखी हुई है जब मैं उसकी पसंद पूछी तो उसने बताया कि उसको बहुत बड़े-बड़े बूब्स वाली औरत पसंद है

और जो चंचल हो और बहुत ज्यादा सेक्सी हो और बहुत सारी बातें करती हो।
अब श्रद्धा बोली कि मेरी बात जब हुई तो उसने सीधा-सीधा मान लिया कि मुझे यह बहुत पसंद है लेकिन मैंने कभी आज तक तुमसे कहा नहीं क्योंकि मैं जानता था कि तुम्हें शायद पसंद नहीं आएगा और कोई भी काम बिना तुम्हारी मर्जी है और बिना तुम्हारे राजा बंदी की नहीं करना चाहता इसलिए मैं आज तक कभी तुमसे बताया नहीं जब मैं उससे उसकी पसंद के बारे में पूछा तो उसने बताया उसे एक सीधी साधी भोली भाली शर्मीली सी औरत पसंद है

जो मुश्किल से हाथ आए और जो एक बार मुझसे जुड़ जाए तो फिर किसी और की तरफ ना देखें इसका मतलब यह नहीं कि मैं उसके साथ संबंध बनाकर तुमको भूल जाऊं लेकिन जो मेरी हो वह तुम्हारे साथ भी हो तुम्हारी मर्जी से हो और तुम्हारी बहन की तरह हो।
अंत में आरती ने कहा मुझे तो पता ही था कि वह क्या चाहता है फिर मैंने उससे ठीक से बात की उससे माफी मांगी कि मैं रात को उससे नाराज हो गई थी और उसे ठीक से बात नहीं की लेकिन मैं जानना चाहती हूं की क्या तुम वाकई में ऐसा चाहते हो उसने कहा अगर तुम को यह पसंद है अगर तुम किसी और के साथ सोने में कंफर्टेबल तो मुझे बहुत अच्छा लगेगा लेकिन मैं किसी प्रकार की जोर जबरदस्ती तुम्हारे साथ नहीं करना चाहता हूं यदि तुम्हें यह पसंद नहीं है तो मैं इसके बाद यह टॉपिक कभी नहीं निकलेगा और नहीं कभी तुम्हें इस बारे में परेशान करूंगा मैं नहीं चाहता हूं कि मेरे कारण तुम्हें किसी प्रकार की परेशानी हो या मेंटल टेंशन हो जो कुछ भी करना चाहता हूं तुम्हारी खुशी से और तुम्हारी मर्जी से। अगर हाँ तो में तुम्हारे साथ हूं वरना मैं ऐसा कभी नहीं चाहूंगा। उसकी यह बातें सुनकर मेरे मन को बहुत तसल्ली मिली कि मुझसे कितना प्यार करता है उसको मेरी कितनी परवाह है मेरे बारे में कितना सोचता है और वैसा कुछ नहीं करना चाहता जो मैं नहीं चाहती हूं मैंने अभी इस बारे में उसे कुछ बताया नहीं है लेकिन फिर भी मैंने उससे आगे पूछा तुम्हें किस तरह की औरत पसंद है तो जानते हो उसने क्या कहा मेरे लिए सुनना भी बहुत आश्यर्च की बात थी।
सब ने एक साथ पूछा आखिर क्या कहा उसने।
तब आरती बोली उसने सीधा-सीधा एक नाम लिया कि मुझे यही और ऐसी ही औरत पसंद है जानते हो उसने किसका नाम लिया।
सब ने बेसब्री से पूछा किसका।
आरती बोली श्रद्धा,,,,,,,,
सब लोग आश्चर्यचकित रह गए पहला इंसान इन चारों में जिसने साफ-साफ किसी का नाम लिया है अब इस पर तीनों ने श्रद्धा से पूछा तुम क्या कहती हो इस बारे में श्रद्धा सोचने लगी अरे ईसने तो सीधा मेरा नाम लिया है लेकिन मुझे भी वो पसंद तो है अच्छा है स्मार्ट है और शायद मेरे दिल की पसंद भी है मैं भी ऐसा ही मर्द चाहती हूं।
आरती ने पूछा क्या सोच रही है बता ना क्या बात है क्या तुझे पसंद है मेरा आदमी सुधीर।
तब श्रद्धा ने शर्माते हुए कहा हूं शायद मुझे पसंद है इस पर सब ने मिलकर तालियां बजाई चलो एक जोड़ी तो बनी।
अब अब सब ने मिलकर जब बाकी पतियों की बातों पर गौर किया तो पाया की जैसी जैसी उनकी पसंद है उसके हिसाब से
अमृता की जोड़ी हिमेश के साथ
सुनिधि की जोड़ी आशीष के साथ और
आरती की जोड़ी शैलेश के साथ
जमती है सब ने इस बात पर तालियां बजाई मगर इन सबसे अलग
सुनिधि ने कहा मुझे मंजूर नहीं है मैं किसी के साथ ऐसा नहीं कर सकती मुझे शर्म आती है मैं एक सीधी साधी औरत हूं मे यह सब नहीं करना चाहती।
तब श्रद्धा बोली देखा सब लोगों ने एकदम करेक्ट चॉइस आशीष की उसको सुनीधी जैसे ही औरत चाहिए लेकिन अब इसको मनाएगा कौन?
तब बाकी औरतों ने कहा जिसके पति की यह चॉइस है उसे ही इसको मनाना पड़ेगा और वह देखे इसको कैसे मनाना है।