Jabarjast storyअजय ने अपनी मां को बेड पर लिटा कर और नंगी पड़ी हुई अंजलि की चूचियां एक लयबद्ध तरीके से उछल उछल पड़ रही थी क्योंकि उसकी सांसे अभी तक उखड़ी हुई थी। अजय उसकी चुचियों को पहली बार देख रहा था और उसे एहसास हुआ कि उसकी मां की चूचियां कड़क होने के साथ काफी बड़ी भी हैं जिससे उसकी आंखे लालच से चौड़ी हो गई और अंजलि अपने बेटे की आंखो की चमक देखकर मन ही मन मुस्कुरा पड़ी और बोली:"
" ऐसे क्या घूर घूर कर देख रहा है मुझे ! शर्म नही आती क्या ?
अजय बिना कुछ बोले आगे बढ़ा और उसके पास बेड पर बैठ कर उसकी चूचियों को अपनी हथेलियों में कस लिया और मसलते हुए बोला:"
" नही आती बिलकुल नही आती मुझे शर्म, शर्म आती तो मादर चोद कैसे बनता भला!!
अंजलि अपनी चुचियों पर उसके कड़क मर्दाना हाथो का स्पर्श होते ही फिर से पिघलने लगी और पूरी बेशर्मी दिखाते हुए सिसकी
" आउच थोड़ा प्यार से मेरे लाल, मैं तो तुझसे चुदने ही आई तेरे रूम में रात को तो तू कैसे मादर चोद नही बनता !!
अजय की बात सुनकर अजय ने उसके होंठो को झुक कर चूम लिया और बोला:"
" ओह मम्मी!! तुम कितनी सेक्सी हो मेरी जान!!
इतना कहकर उसने जोर से उसकी चूचियां मसल डाली और अंजलि सिसक उठी और उसे अपने ऊपर खींच लिया और उसके होंठ चूसने लगीं। देखते ही देखते अजय की जीभ अंजलि के मुंह में घुस गई और अंजलि उसकी जीभ मजे से चूसने लगीं और अपनी टांगो को पूरा फैला दिया जिससे एक बार फिर से अजय का मोटा लंड उसकी चूत के होंठो से चिपक गया और अंजलि पागलों की तरह उससे चिपक गई और अजय ने लंड को उसकी चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया और अंजलि जोर जोर से उसकी जीभ को चूसने लगी। जैसे ही दोनो की किस खत्म हुई तो अजय उसकी गर्दन चूसते हुए नीचे की तरफ बढ़ा और अंजलि की चूचियां अपने आप उछल पड़ी मानो अपने बेटे के मुंह में जाने के लिए मरी जा रही हो और अजय ने भी उन्हें निराश नहीं किया और अपना पूरा मुंह खोलकर ज्यादा से ज्यादा चुचियों को अपने मुंह में भर लिया और अंजलि का रहा सहा सब्र भी जवाब दे गया और उसने पूरी ताकत से अजय को पलट दिया और उसके ऊपर चढ़ कर एक झटके के साथ लंड पर अपनी चूत रखकर उस पर बैठती चली गई और अजय का मोटा तगड़ा लंड उसकी चूत को चीरते हुए फिर से जड़ तक समा गया और अंजलि एक बार फिर से दर्द और मस्ती से कराह उठी और बिना देर किए लंड पर उछलने लगी। दोनो की आंखे मिल गई और अजय ने हाथ आगे बढ़ा कर उसकी चूचियों को हाथ लिया और जोर जोर से मसलने लगा मानो अपनी मां की चूचियो से उसकी कोई दुश्मनी हो और अंजलि दर्द से कराहती हुई सिसकती रही। अंजली अपनी पूरी ताकत से उसके लंड पर उछल उछल कर लंड को अपनी चूत में घुसा रही थी और कुछ ही मिनटों में उसका धैर्य जवाब दे गया और अंजलि की चूत झड़ने के कगार पर आ गई और वो बार पूरी ऊपर उठी और फिर जोर से आह्ह भरते हुए लंड पर पूरी ताकत से बैठ गई और उसकी चूत ने अपनी रस छोड़ दिया और अपनी अजय की छाती पर गिर पड़ी और उसके होंठो को चूसने लगी। जैसे ही उसका चूत का स्खलन रुका तो उसने अजय की आंखो मे देखा और मुस्कुरा कर फिर से उसके होंठो को चूस लिया। अजय ने अब अंजलि को एक झटके के साथ अपने नीचे ले लिया और बिना देर किए लंड के धक्के उसकी चूत में मारने लगा और अंजलि का मुंह दर्द और मस्ती से खुल पड़ा
" आह्ह्ह् नहीईईई उफ्फ थोड़ा प्यार से मेरे बच्चे!!
लेकिन अजय के सिर पर मानो भूत सवार हो गया और उसने उसके दोनो कंधो को अपने हाथो से बेड पर टिका दिया और किसी पागल जंगली कुत्ते की तरफ उसकी चुदाई करने लगा और अंजली दर्द में राहत उठी और अपने हाथो पैरो को उधर उधर पटक रही थी। अजय का धक्का पहले से तेज पड़ने लगा और अंजली जोर से सिसक उठी
" अअह्ह्ह्ह हाय मार डाला, बस कर अजय! !! उफ्फ आह्ह्ह्हह्ह नहीईईईई सीईईईईई
अजय उसकी दर्द भरी सिसकियां सुनकर पूरे जोश मे आ गया और उसने अब एक हाथ को उसकी गर्दन में लपेट कर उसे अपने से चिपका लिया और उसकी चूत में दे दना दन लंड पेलने लगा और अंजलि ने दर्द से राहत कर उसकी पीठ पर अपने नाखून गड़ा दिए और अजय ने अपने दर्द का बदला अपने लंड से लिया और कस कस कर पूरी ताकत से धक्के लगाए तो अंजली अपना गला फाड़कर तड़प उठी। लंड के घुसने की स्पीड से उसे देखा ऐसा लग रहा था मानो लंड उसकी कमर को फाड़ते हुए बाहर निकल जायेगा और अंजलि की हालत पूरी तरह से खराब हो गई। तभी अजय के मुंह से आह्ह्ह्ह्ह निकलने लगी जो इस बात का इशारा थी कि उसके लंड में भी उबाल आ रहा है और अब उसके धक्के अपनी गति की अधिकतम सीमा पर थे और अंजलि को अपनी चूत की धज्जियां उड़ती हुई महसूस हुई उसकी चूचियां ऐसे जोर जोर से उछल रही थी मानो कोई उन्हे पूरी ताकत से पकड़ कर बाहर की तरफ खींच रहा था। अजय ने एक जोर की हुंकार सी भरते हुए लंड को पूरा बाहर निकाला और एक आखिरी जोरदार धक्का लगाया और अंजलि की बच्चेदानी का मुंह खुला और लंड उसमे घुस कर उसकी वीर्य की बारिश करने लगा और दोनो के होंठ एक दूसरे से फिर से जुड़ गए।
अजय ने उस रात अंजली को पूरी रात चोदा, उठा कर चोदा, झुका कर चोदा, पटक कर चोदा, उल्टी करके चोदा, हर उस तरह से चोदा जैसे हो चोद सकता था। अंजली भी दर्द से कराहती रही, तड़पती रही लेकिन चुदाती रही। उस दिन के बाद दोनो के लिए चुदाई का नया रास्ता खुल गया और उसकी जिंदगी में खुशियां भर गई।
समाप्त
Position | Benifits |
---|---|
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1st Runner-Up | 1500 Rupees + ![]() |
2nd Runner-UP | 1000 Rupees + 2000 Likes + 7 Days Sticky Thread (Stories) |
3rd Runner-UP | 750 Rupees + 1000 Likes |
Best Supporting Reader | 750 Rupees + ![]() |
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Jअजय ने अपनी मां को बेड पर लिटा कर और नंगी पड़ी हुई अंजलि की चूचियां एक लयबद्ध तरीके से उछल उछल पड़ रही थी क्योंकि उसकी सांसे अभी तक उखड़ी हुई थी। अजय उसकी चुचियों को पहली बार देख रहा था और उसे एहसास हुआ कि उसकी मां की चूचियां कड़क होने के साथ काफी बड़ी भी हैं जिससे उसकी आंखे लालच से चौड़ी हो गई और अंजलि अपने बेटे की आंखो की चमक देखकर मन ही मन मुस्कुरा पड़ी और बोली:"
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अजय बिना कुछ बोले आगे बढ़ा और उसके पास बेड पर बैठ कर उसकी चूचियों को अपनी हथेलियों में कस लिया और मसलते हुए बोला:"
" नही आती बिलकुल नही आती मुझे शर्म, शर्म आती तो मादर चोद कैसे बनता भला!!
अंजलि अपनी चुचियों पर उसके कड़क मर्दाना हाथो का स्पर्श होते ही फिर से पिघलने लगी और पूरी बेशर्मी दिखाते हुए सिसकी
" आउच थोड़ा प्यार से मेरे लाल, मैं तो तुझसे चुदने ही आई तेरे रूम में रात को तो तू कैसे मादर चोद नही बनता !!
अजय की बात सुनकर अजय ने उसके होंठो को झुक कर चूम लिया और बोला:"
" ओह मम्मी!! तुम कितनी सेक्सी हो मेरी जान!!
इतना कहकर उसने जोर से उसकी चूचियां मसल डाली और अंजलि सिसक उठी और उसे अपने ऊपर खींच लिया और उसके होंठ चूसने लगीं। देखते ही देखते अजय की जीभ अंजलि के मुंह में घुस गई और अंजलि उसकी जीभ मजे से चूसने लगीं और अपनी टांगो को पूरा फैला दिया जिससे एक बार फिर से अजय का मोटा लंड उसकी चूत के होंठो से चिपक गया और अंजलि पागलों की तरह उससे चिपक गई और अजय ने लंड को उसकी चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया और अंजलि जोर जोर से उसकी जीभ को चूसने लगी। जैसे ही दोनो की किस खत्म हुई तो अजय उसकी गर्दन चूसते हुए नीचे की तरफ बढ़ा और अंजलि की चूचियां अपने आप उछल पड़ी मानो अपने बेटे के मुंह में जाने के लिए मरी जा रही हो और अजय ने भी उन्हें निराश नहीं किया और अपना पूरा मुंह खोलकर ज्यादा से ज्यादा चुचियों को अपने मुंह में भर लिया और अंजलि का रहा सहा सब्र भी जवाब दे गया और उसने पूरी ताकत से अजय को पलट दिया और उसके ऊपर चढ़ कर एक झटके के साथ लंड पर अपनी चूत रखकर उस पर बैठती चली गई और अजय का मोटा तगड़ा लंड उसकी चूत को चीरते हुए फिर से जड़ तक समा गया और अंजलि एक बार फिर से दर्द और मस्ती से कराह उठी और बिना देर किए लंड पर उछलने लगी। दोनो की आंखे मिल गई और अजय ने हाथ आगे बढ़ा कर उसकी चूचियों को हाथ लिया और जोर जोर से मसलने लगा मानो अपनी मां की चूचियो से उसकी कोई दुश्मनी हो और अंजलि दर्द से कराहती हुई सिसकती रही। अंजली अपनी पूरी ताकत से उसके लंड पर उछल उछल कर लंड को अपनी चूत में घुसा रही थी और कुछ ही मिनटों में उसका धैर्य जवाब दे गया और अंजलि की चूत झड़ने के कगार पर आ गई और वो बार पूरी ऊपर उठी और फिर जोर से आह्ह भरते हुए लंड पर पूरी ताकत से बैठ गई और उसकी चूत ने अपनी रस छोड़ दिया और अपनी अजय की छाती पर गिर पड़ी और उसके होंठो को चूसने लगी। जैसे ही उसका चूत का स्खलन रुका तो उसने अजय की आंखो मे देखा और मुस्कुरा कर फिर से उसके होंठो को चूस लिया। अजय ने अब अंजलि को एक झटके के साथ अपने नीचे ले लिया और बिना देर किए लंड के धक्के उसकी चूत में मारने लगा और अंजलि का मुंह दर्द और मस्ती से खुल पड़ा
" आह्ह्ह् नहीईईई उफ्फ थोड़ा प्यार से मेरे बच्चे!!
लेकिन अजय के सिर पर मानो भूत सवार हो गया और उसने उसके दोनो कंधो को अपने हाथो से बेड पर टिका दिया और किसी पागल जंगली कुत्ते की तरफ उसकी चुदाई करने लगा और अंजली दर्द में राहत उठी और अपने हाथो पैरो को उधर उधर पटक रही थी। अजय का धक्का पहले से तेज पड़ने लगा और अंजली जोर से सिसक उठी
" अअह्ह्ह्ह हाय मार डाला, बस कर अजय! !! उफ्फ आह्ह्ह्हह्ह नहीईईईई सीईईईईई
अजय उसकी दर्द भरी सिसकियां सुनकर पूरे जोश मे आ गया और उसने अब एक हाथ को उसकी गर्दन में लपेट कर उसे अपने से चिपका लिया और उसकी चूत में दे दना दन लंड पेलने लगा और अंजलि ने दर्द से राहत कर उसकी पीठ पर अपने नाखून गड़ा दिए और अजय ने अपने दर्द का बदला अपने लंड से लिया और कस कस कर पूरी ताकत से धक्के लगाए तो अंजली अपना गला फाड़कर तड़प उठी। लंड के घुसने की स्पीड से उसे देखा ऐसा लग रहा था मानो लंड उसकी कमर को फाड़ते हुए बाहर निकल जायेगा और अंजलि की हालत पूरी तरह से खराब हो गई। तभी अजय के मुंह से आह्ह्ह्ह्ह निकलने लगी जो इस बात का इशारा थी कि उसके लंड में भी उबाल आ रहा है और अब उसके धक्के अपनी गति की अधिकतम सीमा पर थे और अंजलि को अपनी चूत की धज्जियां उड़ती हुई महसूस हुई उसकी चूचियां ऐसे जोर जोर से उछल रही थी मानो कोई उन्हे पूरी ताकत से पकड़ कर बाहर की तरफ खींच रहा था। अजय ने एक जोर की हुंकार सी भरते हुए लंड को पूरा बाहर निकाला और एक आखिरी जोरदार धक्का लगाया और अंजलि की बच्चेदानी का मुंह खुला और लंड उसमे घुस कर उसकी वीर्य की बारिश करने लगा और दोनो के होंठ एक दूसरे से फिर से जुड़ गए।
अजय ने उस रात अंजली को पूरी रात चोदा, उठा कर चोदा, झुका कर चोदा, पटक कर चोदा, उल्टी करके चोदा, हर उस तरह से चोदा जैसे हो चोद सकता था। अंजली भी दर्द से कराहती रही, तड़पती रही लेकिन चुदाती रही। उस दिन के बाद दोनो के लिए चुदाई का नया रास्ता खुल गया और उसकी जिंदगी में खुशियां भर गई।
समाप्त