एक रात को 1 बजे मैं अपने कमरे में लेटा हुआ मोबाइल पे गन्दी गन्दी चुदाई की कहानियां पढ़ रहा था. मुझे ध्यान नहीं रहा की दरवाज़ा पूरी तरह से बंद नहीं है. मैं माँ बेटे की चुदाई वाली कहानीयों पढने में मुझे बहुत मजा आता है और मैं आज भी ऐसी ही एक कहानी को रस लेकर पढ़ रहा था. मेरा लवड़ा पत्थर की तरह टाईट हो गया था और मैं उसे हाथ में लेकर हिला रहा था. बाप रिश्तेदार के यहाँ बाहर गए था इसलिए माँ सो रही थी और मैं उसे ही याद करते हुए सेक्सी इन्सेस्ट कहानीपढ़ रहा था. मुझे मेरी माँ बहुत सेक्सीलगती है, उसके बड़े बड़े पांच पांच किलोके मम्मे और और उनपे तीर की तरह तने पांच इंच के चूचक चूसने का मेरा बड़ा मन करता है. 48 इंच की उसकी कमर है जिसके कारन उसके चूतड बहुत बड़े हैं. मुझे लगता है वो गांड बहुत मरवाती होगी. उसकी बड़ी सी तोंद निकली हुयी है, जो मुझे अक्सर दिखती रहती है. खाना खाने के बाद वो साडी उतर देती हैफिर अपनी मोती तोंद में मेरे सामने ही हाथ फेरते हुए कहती - मेरे मुन्ने यहीं मैंने तुझे पूरे नौ महीने रख के पाला है. फिर वो अपने मोटे मम्मो को दोनों हाथो में भर लेती जो हाथो में आनहीं पाते. तब उसके लो कट स्लीवलेस ब्लाउज से आधे से ज्यादा गोरे गोरे मम्मे बाहर झाँकने लगते. वो मुझे दिखाते हुए कहती - इन्ही से मैंने तुझे पांच साल तक दूध पिलाया है. ऐसा सुनते ही मेरा लवड़ा निक्कर में खड़ा हो जाता. वो अपनी बगलों के बाल साफ़ नहीं करती थी, इसलिए वहां 10 इंच लम्बे बालों का जंगल उगा हुआ था. जिन्हें वो मेरे सामने ही कंघी करती, मेरा मन करता की वहां मैं अपनी जीभ सेकंघी कर दूँ. पर वो मुझे ऐसा कोई मौका नहीं देती इसलिए मुझे मन मार कर कामुक कहानिया पढ़ कर मुठ मारना पड़ता. आज भी मैं जोर जोर से लवड़ा हिला रहा था तभी मेरी माँ कमरे में घुस आई