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Adultery छोटी-छोटी चुदाई कि कहानी ( Hindi, Hindi English)

king of darkness0411

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प्रेषक : आदि

दोस्तो, मैं आदि, मेरी उम्र २० साल है और मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ। मेरा लण्ड छः इंच का है, मैं 6'1" लम्बा हूँ।

बात आज से लगभग एक साल पहले की है, मेरी मम्मी की तबीयत ख़राब होने के कारण हम लोगों ने एक आंटी को खाना पकाने के लिए रखा। वैसे वो काम वाली नहीं थी पर उनके घर की खराब हालत की वजह से वो हमारे घर काम करने आई।

वो बिलकुल गोरी चिट्टी थी, बड़े-बड़े मम्मे और मोटी गांड एक दम कातिल बदन था उनका। उनके घर में आते ही मुझे मस्ती चढ़ जाती थी। मैं उन दिनों छुट्टियों की वजह से घर पर ही रहता था और मेरे घर वाले सुबह ही काम पर चले जाते थे, मम्मी दो बजे से पहले नहीं आती थी।

तो अब बात पर आते हैं असली बात पर !

आंटी मुझे वासना की निगाह से देखती है, यह मुझे पता नहीं था। लेकिन वो दिन का खाना बनाने आधा घंटे पहले ही आ जाती थी। तो मुझे कुछ कुछ महसूस हुआ क्योंकि वो मुझे कुछ-कुछ काम बताती रहती थी और उसी बहाने मैं उसे छू लिया करता था। उसे छूते ही मेरे बदन में करंट सा दौड़ने लगता था। मन करता था उसे वहीं दबोच लूँ पर हिम्मत कभी नहीं होती थी।

धीरे धीरे हमारी दोस्ती बढ़ी और मैं उन्हें किसी न किसी बहाने से छू लिया करता था और वो भी कभी ऐतराज़ नहीं करती थी। आग दोनों तरफ बराबर लगी थी। मेरा लौड़ा तो उसे देखते ही खड़ा हो जाता था, वो भी उसे देखती रहती और नीचे झुक कर अपनी चूचियों के दर्शन कराती थी।

एक दिन अंजू ने मुझसे कहा- आदि, तू मुझे उठा सकता है क्या ?

मैंने कहा- आराम से।

वो बोली- नहीं उठा सकता !

मैंने कहा- तो आओ, उठा कर दिखता हूँ।

और वो घड़ी आ गई जिसका मुझे और अंजू दोनों को इंतज़ार था। मेरा लौड़ा तो पहले से ही खड़ा था। मैंने अंजू को उठाया, मेरा एक हाथ उसकी चूची के ऊपर था और उसके चेहरा बिल्कुल मेरे करीब था। मैंने हिम्मत करके अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए, उसने भी मेरा साथ दिया।

फिर मैंने उसे बेड पर लिटा दिया। मैं उसका कुरता उतारने लगा तो बोली- अपनी अंकल की जगह पर मत जा !

मैंने कहा- सब जगह अब मेरी है !

और मैंने जोर से उसके होंठ चूम लिये। वो गर्म हो गई थी। मैंने उसका कुरता उतार दिया और सलवार भी। अब वो किसी परी से कम नहीं लग रही थी। मैं उसके ऊपर लेट गया और उसकी चूचियाँ मसलने लगा। वो आआ आआअहहहहह ऊ ऊऊ उहह्ह्ह्हह्ह की आवाजें निकालने लगी। उन सिसकारियों ने मुझे और ज्यादा उत्तेजित कर दिया और मैं उसकी चूचियाँ बहुत बुरी तरह चूसने लगा और चूसते-चूसते मैंने उसकी पैंटी उतार दी।

अब वो पूरी नंगी थी। फिर उसने पहले मेरी शर्ट उतारी और मुझे चूमने लगी। फिर उसने मेरी पैंट उतारकर मेरा लौड़ा चूसने लगी। क्या लंड चूसा उसने, वो मज़ा आ गया।

मैंने भी उसके मुँह में ही धक्के मारने शुरू कर दिये। करीब 15 मिनट बाद वो मेरा सारा माल पी गई।

फिर वो मेरे ऊपर चढ़ गई और मुझे पागलों की तरह चूमने लगी। मैंने उसके बाल पकड़ कर उसके होंठ दुबारा चूमे और मैं क्या देखता हूँ- मेरा लण्ड दुबारा खड़ा हो गया है।

मैंने उसकी टाँगें फैलाई और एक झटके में उसकी चूत में घुसेड़ दिया। वो तड़प उठी और मुझे अपनी बाहों में जकड़ लिया। मैं पूरे जोश में था और सच बताऊँ दोस्तो, मुझसे कण्ट्रोल भी नहीं हो रहा था। मैं बहुत तगड़े-तगड़े धक्के मारने लगा, वो बोली- धीरे धीरे मार ! फाड़नी है क्या मेरी चूत तुझे?

मैंने कहा- आंटी, आज मत रोको ! आज बस भोंसडा बना दूंगा तेरी चूत का।

जैसे-जैसे मैंने जोर से धक्के मारे, वो बोलती- आआ आ आ आअह्हह्ह आदि, धीरे ! मर जाउंगी ! आह आ.....आआ......हय मर गई मैं ! आ......अह।

थोड़ी देर में वो अपनी गांड उठा-उठा कर चुदने लगी। वो एक बार झड़ चुकी थी। मेरा माल निकलने वाला था, मैंने धक्के और तेज़ कर दिए। पूरे कमरे में कच कच और सिसकारियों की आवाजें गूंजने लगी।

वो बोली- आदि, आ आअह्ह्ह ह्ह्ह् ! और जोर से फाड़ दे आह आ अह आह आअह आह आह आह ऊह।

मेरा भी निकलने वाला था, हम दोनों पसीने पसीने हो गये थे और तभी आंटी फ़िर झड़ गई और उसके मुँह से संतुष्टि भरी आवाज़ निकली अअआआ.........आआह्ह्ह ह्ह्ह

तभी मैं भी झड़ गया।

थोड़ी देर तो हम ऐसे ही लेटे रहे और फिर हम अलग हो गए।

 

Stone cold

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king of darkness0411

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रोज की तरह सुबह-सुबह आज भी शालिनी जल्दी मे थी। साढे आठ बज चुके थे। उसके पति गौतम के ऑफिस जाने का टाइम हो चुका था। शलिनी ने जल्दी-जल्दी टिफिन पैक कर गौतम को थमाया। गौतम ने टिफिन ले के शालिनी को किस कर लिया। "हटो जी, बीस साल हो गये शादी के अभीतक बदमाशी नही गई" शालिनी शरमा गई। "ओके डार्लिंग, बाय" कह गौतम ऑफिस चला गया। शालिनी ने मुस्कुरा के दरवाजा बंद किया और बाकी कामों मे लग गई।

शालिनी, ४६ साल की एक खूबसूरत दूधिया गोरे, ५ फीट ३ इंच लंबे, कसे और सुडौल बदन की स्वामिनी। उसकी शादी २६ साल की उम्र मे गौतम से हुई थी। उनका १९ साल का बेटा राजीव बंगलोर मे इमजिनियरिंग की पढाई करता था और अभी वही था। शालिनी ने खुद के फिगर को कभी बिगडने नही दिया। वो रोज जिम जाती थी।उसके बाल इस उम्र मे भी बेहद घने और काले थे। उसके बूब्स बड़े-बड़े और तने थे। उसकी गाँड़ भी बड़ी और मस्त थी। उसके चलते समय उसकी गाँड़ बड़ी मस्ती से झूमती थी।

आज गौतम के ऑफिस जाने के बाद शालिनी ने बचा काम निपटाया और नहाने की तैयारी करने लगी।

"भोला, मै नहाने जा रही हूँ। तुम घर मे पोछा लगा देना" उसने अपने घरेलू नौकर भोला से कहा। भोला, शालिनी के यहाँ दो साल से काम कर रहा था। उसकी उम्र १८ साल थी। वो दूर किसी गाँव का रहनेवाला था। उसका कद ५ फीट और रंग काला था। लेकिन शरीर से बेहद तगडा और मजबूत था।

"जी मेमसाब" भोला तुरंत काम मे लग गया।

शालिनी बाथरूम मे गई और नहाने की तैयारी करने लगी। बाथरूम के दरवाजे की कुंडी कुछ दिनो से खराब थी। दरवाजा बंद नही हो पा रहा था। सो उसने दरवाजे को सिर्फ चौखट से सटा दिया और अपना काम करने लगी। उसने पहले रखे हुए कपडो को धोया फिर अपने भी सारे कपडे उतार के उन्हे धोया, फिर झरना चला के नहाने लगी। पहले उसने बालो मे शैम्पू किया, फिर अपने सारे शरीर पे मँहगा खुशबूदार साबुन लगाया। फिर जब वो झरने के नीचे खडी अपने बदन को धो चुकी तो उसने जैसे ही तौलिया लेने के लिए हाथ बढाया तो उसकी नजर अचानक दरवाजे पे गई। वहाँ का नजारा देख वो काँप उठी। दरवाजा खुला था और भोला वहाँ अपने एक हमउम्र दोस्त के साथ खडा उसके नंगे, भीगे बदन को भूखे कुत्ते की तरह निहार रहा था। शालिनी अपने कपडो की ओर लपकी लेकिन उनदोनो ने अंदर आ के उसे पकड लिया और उसी स्थिति में बाहर खीचने लगे।

शालिनी चिल्लाई "भोला, तुम्हारी ये हिम्मत, छोडो मुझे। मै अभी पुलिस को फोन करती हूँ"

भोला शलिनी के भीगे बूब्स मसलता हुआ गुर्राया " साली, रोज तुझे देख के लंड खडा होता है, बडी गाँड़ मटकाती चलती है, आज सारी गरमी निकाल देगे मादरचोद"

शालिनी सन्न रह गई। उसके बेटे से भी उम्र मे छोटा भोला उससे ऐसे बात कर रहा था। वो छूटने के लिए छटपटाने लगी। लेकिन दोनो लडके नौजवान और मजबूत थे। उनकी पकड टाइट थी। वो खीचते हुए शालिनी को उसके बेडरूम मे ले आये।

"साली, अपने मर्द से इसी बिस्तर पे गाँड़ खोलके चुदाती है ना, रोज खिडकी से देखता हूँ साली के नंगे बदन को। खूब मजे से चुदती है रंडिया। आज इसी बिस्तर पे अपनी रसीली गाँड हमे भी चटा दे" भोला बडी बेशर्मी से बोला।

शालिनी की आँखो से आँसू बह निकले। वो चिल्लाने लगी "बचाओ, बचाओ"

"हाँ हाँ चिल्ला बेटीचोदवाली, देखते है तेरी चूत बचाने कौन आता है साली गरम रंडी। कलुआ, पकड साली को, मै अपने कपडे उतारता हूँ" भोला पागल हो चुका था। कलुआ ने शालिनी को अपनी मजबूत बाँहो मे जकडा और देखते-देखते भोला नंगा हो गया। फिर भोला ने शालिनि को दबोचा और कलुआ नंगा हो गया। शालिनी तो पहले से ही नंगी और पूरी गीली थी। उनदोनो ने शालिनी को बिस्तर पे पटका और उसे भंभोडने लगे।

"आआआअहहहहहहहअअअअअहहहहहहहहहह" शालिनी चीखने लगी। उसकी चीखो को सुनके दोनो और मस्ती मे आ गये। कलुआ जो कि आवारा लडका था, उठा और कमरे मे पडी नाइलॉन की रस्सी उठा लाया। दोनो ने शालिनी के दोनो हाथो और पैरो को फैला के पलंग के चारो कोनो से बाँध दिया। अब शालिनी का नंगा, भीगा बदन अंग्रेजी के X आकार मे पलंग से बँधा था। वो लगातार रोये जा रही थी और छोड देने की विनती किये जा रही थी।

"भोला, तुम मेरे बेटे से भी छोटे हो, देखो मुझे छोड दो, मै तुम्हे माफ कर दूँगी भोला। मुझे गंदा मत करो। ये पाप है। मै बर्बाद हो जाऊँगी" शालिनी रोते हुए गिडगिडा रही थी।

"चुप मस्त गाँड़वाली, पूरा लंड खड़ा करा के कहती है कि छोड दो। फट जाएगा मेरा लंड कि नही और हाँ मुझे अपने बेटे से मत मिला। मै मादरचोद भी हूँ, साली चूतवाली गुंडी" भोला आज पूरा बेशर्म हो चुका था।

दोनो ने शलिनी के सुंदर जिस्म को चूमना, चाटना, सहलाना, नोचना शुरु कर दिया। शलिनी "नही नही" चिल्लाए जा रही थी लेकिन वो नही रुके। भोला ने अपना तना बडा लंड शालिनी की चूत पे रखा और उसके बुब्स पकड के एक जोर का धक्का मारा। "आआआआआहहहहहहहहहह" शालिनी चीखी।

"साली रंडी, पूरा लौंडा जन्म गया चूत से, अभी आह उह बाकी ही है बेटीचोदवाली, और ले" कहके भोला ने और जोर से धक्का मारा और उसका लंड आधा अंदर चला गया। भोला का लंड सचमुच काफी बडा था, लगभग १० इंच लंबा और ३ इंच मोटा। शालिनी के पति का लंड ६ इंच ही लंबा और डेढ-दो इंच ही मोटा था। इसलिए शालिनी को काफी तकलीफ हो रही थी। भोला जोश मे धक्के मारे जा रहा था, मारे जा रहा था। शालिनी दर्द से तडप रही थी। उधर कलुआ उसके चेहरे को मसले जा रहा था। वो कभी उसके बाल खीचता, कभी गाल नोचता, कभी नाक दबा देता, कभी आँखो को मलता। शालिनी को बहुत तकलीफ हो रही थी। नीचे भोला के धक्के और उपर कलुआ की मनमानी, शालिनी बेबसी और दर्द से रोए जा रही थी। तभी भोला ने शालिनी की चूत लेते-लेते अपने दोनो हाथ शालिनी के गोरे, सुंदर पेटपर रखे और अपना सारा वजन दे-दे के उसके पेट को दबाने लगा।

"आआआआहहहहहहहहहह क्या कर रहा है भोला" शालिनी तेज दर्द मे भी भोला को गाली नही दे रही थी क्योकि वो संभ्रांत घर से थी और उसे गालियो की आदत ही नही थी। लेकिन भोला नही रुका। वो उसी तरह शालिनी के पेट को मसलता गया, मसलता गया और अचानक ही शालिनी के मुँह से आवाज आई "औऔऔऔओओओओ" और वो उल्टी करने लगी। शालिनी ने घंटेभर पहले ही नाश्ता किया था जो कि उसके पेटपर पडनेवाले लगातार हमले सह न सका और उल्टी के रूप मे बाहर आ गया। उल्टी शालिनी के चेहरे और बिस्तर-तकिए सब पे फैल गयी। कलुआ ने देखा तो जल्दी से झुक के शालिनी के चेहरे पे फैली उल्टी को चाटने लगा और पलभर मे सारा चाट गया। शालिनी की हालत अब खराब हो रही थी। नीचे भोला अब झडनेवाला था। उसने अचानक अपनी दो उँगलियाँ शलिनी की नाभि मे डाली और पूरा वजन दे के दबाया।

"आआआआआआहहहहहहहहहह" शालिनी दर्द से बिलबिला उठी।

"आआआहहहहहहहह मै आ गया रे रंडिया" कह के भोला भी शालिनी की चूत मे झडते हुए फच फच धक्के मारने लगा।

"नही नही नही आँआँहाहाहाहा हा हा आँआँहाहाहाहा हा हा" शालिनी अपना सिर हिलाते हुए फूट-फूट के रोने लगी। भोला हाँफते हुए शालिनी पे लेट गया और अपनी साँसे सँभालते हुए शालिनी के बालों मे लगी उल्टी को चाटने लगा। थोडी देर बाद वो उठा तो कलुआ ने उसकी जगह ले ली। उसने पहले शालिनी की चूत मे उँगली डाल के भोला का थोडा सा वीर्य लिया और शालिनी के रोते मुँह में चटाया।

"ले चाट साली, अपने जवान यार का रस हा हा हा हा" कलुआ बोला।

शालिनी का मन घिन से भर गया। उसने कभी सोचा भी नही था कि गंदे, काले भोला का वीर्य उसके मुँह मे जाएगा। उसे फिर उल्टी आ गई "औऔऔऔऔऔओओओओ"। भोला और कलुआ ने इसबार भी सब चाट लिया। कलुआ ने बेबस, बँधी शालिनी के भोला से बलत्कृत जिस्म से खेलना शुरु कर दिया।

"अब तो छोड दो। जो करना था वो तो कर चुके आहाहाहाहा हा हा" शालिनी फिर फूट-फूट के रोने लगी।

"लो, अभी से ये हाल है, रे भोला, तूने तो कहा था कि तेरी मालकिन बडी चुदासी है। ये साली तो अभी से ना ना के टमटम पे बैठ गई" कलुआ शालिनी की चूत मसलते हुए बोला।

"अरे साली बडी कंजूस है यार। इसे हम गरीबो को कुछ देने का मन ही नही करता हा हा हा हा। इससे छीनना पडेगा" भोला शालिनी की गोरी बाँहो को सहलाता हुआ बोला।

"छीनेगे तो ऐसा कि जिदगी भर के लिए कंगाल हो जाएगी गोरी चमडीवाली रंडी" कहके भोला ने शालिनी की जाँघो पे कस के चिकोटी काटी।

"आआआआआहहहहहहहहहह" शालिनी चीख पडी।

अब कलुआ से रहा नही गया। वो शालिनी पर लेटा और उसे प्यार करते हुए उसकी चूत मे अपना १२ इंच का लंड एक झटके मे पेल दिया।

"आआआआआहहहहहहहहह" शालिनी को कलुआ का लंड अपनी बच्चेदानी से टकराता प्रतीत हुआ।

"अरे भोला, साली की बच्चेदानी को ठोक दिया रे मैने" कलुआ को भी इस बात का एहसास हो गया। "इस साली के लौंडे के कमरे मे एक बार चला गया था तो साला कहता था कि गंदा कर दिया, ले मादरचोद तू जहाँ पैदा होने से पहले रहता था मै वहाँ भी पहुँच गया रे" कलुआ बोले जा रहा था। उसके बदसूरत काले चेहरे पे विजयी भाव थे। उसने शालिनी के पूरे बदन को अपने आगोश मे लिया और उसे ठोकने लगा। शालिनी को उसका हर धक्का अपनी बच्चेदानी पे महसूस हो रहा था। वो दर्द और अपमान से बिलख रही थी। कलुआ उसके रोने की आवाजो से और मजे मे आ रहा था। उसने शालिनी के गले को पागलो की तरह चूमना शुरु कर दिया। उसका शरीर शालिनी के पूरे शरीर को मसल रहा था। कलुआ लंबाई मे शालिनी से ४ इंच छोटा था सो उसका सिर शालिनी के गले तक ही आ पा रहा था। कलुआ ने शालिनी की काँखो से सारा पसीना चाटा, वहाँ से कई बाल भी तोडे जिससे शालिनी का दर्द दूना-चौगुना हो गया। उसकी चीखे और दर्दनाक हो गई। कलुआ ने शालिनी के सारे सीने और पेट को चाट-चाट के अपने थूक से गीला कर दिया। नीचे उसके धक्के अब वहशियाना होते जा रहे थे। उसकी शालिनी के बेटे से जो एकबार कहासुनी हो गई थी उसका सारा बदला वो आज उसकी माँ के जिस्म से ले रहा था। उसकी चुदाई भोला से भी ज्यादा तेज और बेशर्म थी। अचानक कलुआ ने हाथ नीचे किया और शालिनी की क्लाइटोरिस को मसलना शुरु कर दिया।

"आआआआआ सी सी सी सी सी सी सी सी सी" शालिनी सिहरने लगी।

"साली, तुझे आज मेरे लिए झडना पडेगा वरना तेरे चेहरे पे तेजाब डाल दूँगा अभी" कलुआ उस ठोकता हुआ बोला। शालिनी ये सुन के अंदर तक काँप गई। एक गली का आवारा लडका को उम्र मे उसके बेटे से भी छोटा था, उसे उसके लिए झडना पडेगा। वो और बिलखने लगी "देखो, तुमलोग मेरे साथ पूरी मनमानी कर रहे हो। मुझे और जलील मत करो"।

"साली आज तेरा चेहरा लगता है जलेगा तेजाब से, भोला निकाल वो शीशी" कलुआ भोला से बोला। भोला पूरी तैयारी से आया था। उसने अपनी जमीन पे पडी निकर उठाई और उसमे से तेजाब की शीशी निकाली। शालिनी का कलेजा मुँह को आ गया। वो चिल्लाई "रुक जाओ, रुक जाओ, मै वही करुँगी जो तुम कहोगे" कह के वो अपनी दोनो आँखे बंद करके रोने लगी।

"अब चल साली, मजे ले चुदाई के" कलुआ उसे चोदते हुए बोला। बेचारी मजबूर शालिनी ने अपना ध्यान अपने बलात्कार से हटा के अपनी चूत मे दौडते लंड पे लगाया। कलुआ के लंड ने शालिनी की चूत मे बवाम मचा रखा था। अचानक उसने फिर से शालिनी की क्लाइटोरिस को मसलना शुरु कर दिया। शालिनी को फिर सिहरन होने लगी और उसने अपना पूरा ध्यान उस सिहरन पे लगा लिया। अचानक २-३ मिनटो मे ही शालिनी को चूत मे थरथराहट महसूस हुई और उसकी चूत ने कलुआ के लंड को कई झटको मे अपने रस से नहला दिया।

"आआआआहहहहहहह नही नही नही" शालिनी अंदर से टूट चुकी थी। एक आवारा लडके के लंड पे उसका रस गिरेगा ये उसने सपने मे भी नही सोचा था। उसकी रुलाई मे अब दद कम दुख ज्यादा था। वही कलुआ ने तो जैसे जंग जीत ली। वो मजे से बौरा गया। झड गयी मादरचोदे राजीव की माँ मेरे लंड पे याहाहाहाहाहाहा" उसका वहशीपन और बढ गया। उसके धक्के बेतहाशा हो गये। शालिनी समझ गई कि अब कलुआ झडेगा। उसने आँखे बंद करली और उसके पानी का इंतजार करने लगी।

"आँखे खोल के हँसते हुए मेरा पानी ले रंडिया वरना मै बार-बार नही छोडूगा" कलुआ पागलो की तरह चिल्लाया। बेचारी शालिनी ने अपने दुख से भरे चेहरे पे बडी मुश्किल से नकली मुस्कान थोपी और कलुआ को देखने लगी।

"आआआआआहहहहहहहहहहहहहहहह ले रे राजीव तेरे जनम से पहले के कमरे मे मेरा पानी गया रे रंडीबाज आआआआआआआआआ" कहते हुए कलुआ का लंड भयानक धक्को से अपना पानी शालिनी की बच्चेदानी मे भरने लगा। हर बूँद अंदर ही निचोड के कलुआ शालिनी के थके जिस्म पे ढेर हो गया। शालिनी बिलख-बिलख के रोने लगी "गौतम आँआँहाहाहाहाहा मै बर्बाद हो गई आँआँहाहाहाहाहा, मै अब जीना नही चाहती, मै अब तुम्हारे लायक नही रही जान आआहाहाहाहाहा, बेटा राजीव तेरी माँ गईईईईईईईई अब आँआँहाहाहाहाहा"। वो मानसिक रूप से पूरा टूट चुकी थी। शालिनी के दुख से बेपरवाह कलुआ अपनी साँसे सँभाल के उसपे से उठा और बाथरूम मे मूतने चला गया। पीछे से भोला भी बाथरूम की ओर बढ गया। इधर शालिनी बिस्तर पे बँधी पडी अपने और उनदोनो आवारा लडको के पसीने और उनके वीर्य से लथपथ लगातार रो रही थी।

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Thanks
CG

 
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Dosto agr in story ke writer ka nam pata ho to muje jarur bata de main story Mae unka nam dal dunga
 

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By sexy king

बात थोड़ी पुरानी हो चुकी है लेकिन लगता है जैसे कल की ही बात है। मै अपने मम्मी पापा व दादी के साथ रहता हूँ , एक बार मेरे मम्मी पापा को मेरे मामा की बेटी की शादी में लुधियाना जाना पड़ा , उनके एक ही बेटी है इसलिए शादी भी बड़ी धूम धाम से हो रही थी। दिक्कत यह थी कि मेरे बी टेक के एग्जाम चल रहे थे इसलिए मै जा नहीं सकता था और मेरी दादी बहुत बुजुर्ग होने के कारण नहीं जा सकती थी वह सारा दिन या तो पूजा करती रहती है या बेड पर लेटी खर्राटे मारती है । अतः यह तय हुआ कि एक हफ्ते के लिए मेरे ताऊ जी की छोटी बहू जिनकी शादी अभी पिछले महीने ही हुई थी , को बुला दिया जाय। पापा ने ताऊ जी को फोन करके सारी बात बतादी व छोटी भाभी को भेजने को कह दिया। दूसरे दिन छोटे भैय्या भाभी को लेकर आ गए तो मम्मी पापा शादी में चले गए , भैय्या भी भाभी को छोड़ कर शाम की ट्रेन से गाँव चले गए। इस तरह मै , भाभी और दादी ही अब घर में थे।
भाभी ५ बहनों में सबसे छोटी है व उस वक्त सिर्फ १८ साल की थी जबकि मेरे भैय्या ३५ साल के थे , इस बेमेल शादी का कारण भाभी के पिता का न होना व बहुत ही गरीब होना था इधर बेरोजगार व नशेडी होने के कारण भैय्या की भी शादी नहीं हो रही थी किन्तु ताऊ जी पुलिस में इंस्पेक्टर थे अतः उन्होंने किसी तरह चक्कर चला कर यह शादी करवा ली। भाभी क्या थी बिलकुल अप्सरा , इतनी खूबसूरत कि छू दो तो मैली हो जाये। लेकिन मेरे मन में उनके लिए कोई भी गलत विचार नहीं था। उस दिन जब मै भैय्या को स्टेशन छोड़ कर घर आया तो मैंने भाभी की कमर में हाथ डाल कर कहा , " और सुनाओ भाभी , कैसी रही सुहागरात और कैसे कटा पिछ्ला महीना " भाभी ने कोई ज़बाब नहीं दिया चुपचाप किचिन में जाकर खाना बनाने लगी। मैंने भी कोई ध्यान नहीं दिया। रात को मम्मी पापा थे नहीं सो मै जाकर एक क्वाटर व्हिस्की का चुपचाप ला कर पी गया और भाभी से बोला ," भाभी जल्दी खाना लगा दो , मुझे नींद आ रही है " भाभी बोली ," नींद आ रही है या दारू चढ़ गयी है " मैने धीरे से उनसे चुप रहने की रिक्वेस्ट की और जल्दी से कमरे में जाकर लेट गया। लेकिन मै स्टोर से भाभी के लिए बिस्तर निकालना भूल गया। रात में जब मेने करवट ली तो मुझे लगा कि कोई मेरे बगल में लेटा है , मैंने उठ कर लाइट जला कर देखा तो भाभी मेरे बेड पर ही लेटी थी। सोते में उनके सीने से पल्लू हट गया था व नीचे से भी साडी घुटनों से ऊपर आ चुकी थी। उनकी मस्त चूची व चिकनी दूधिया जांघो को देखकर मेरा सारा नशा हिरन हो गया। भाभी कही जग ना जाये इसलिए मैंने तुरन्त ही लाइट बंद कर दी लेकिन वह चूची और जांघो का सीन मेरी हालत पतली कर रहा था। मै धीरे से भाभी के बगल में आकर लेट गया लेकिन मेरी नींद उड़ चुकी थी। मैंने धीरे से अपनी लुंगी उतार कर फ़ेंक दी व केवल अंडरवियर में लेट गया फिर धीरे से मैंने एक हाथ भाभी के नंगे पेट पर और एक टांग उनकी चिकनी जाँघ पर रख ली , जब मैंने देखा भाभी ने कोई नोटिस नहीं लिया तो मैंने धीरे से अपनी टांग ऊपर खिसका कर अपना हाथ उनकी मस्त चूची पर रख लिया। मेरा घुटना अब उनकी चूत को टच कर रहा था। ये पता चलने पर कि उन्होंने चड्डी नहीं पहन रक्खी है , मेरा लंड टाइट होने लगा और मुझ पर मस्ती छाने लगी मैंने धीरे से फिर अपना घुटना उनकी रोंयेदार चूत पर रख कर उनकी चूची को हलके से दबाना शुरू कर दिया। अब मेरा मस्ती से बुरा हाल था व मेरा लंड बुरी तरह फनफना रहा था। मैंने धीरे से अपना अंडरवीयर भी उतार दिया , अब मेरा लंड फनफना कर खड़ा था। मैंने धीरे से अपना हाथ उनकी चूत पर रख दिया। उनकी चूत पर हलके हलके रोंये से महसूस हो रहे थे , मस्ती में गलती से मेरा हाथ ने चूत को रगड़ दिया , भाभी ने कुनमुना कर मेरी तरफ करवट लेकर एक टांग मेरे ऊपर रख कर मेरे गले में एक बांह डाल ली , तब मेरी समझ में आया कि वो शायद मुझे भैय्या समझ रही थी अतः अब मेरी हिम्मत और बढ़ गयी। अब मेरा लंड उनकी चूत से टकरा रहा था मैंने धीरे से उनके ब्लाउज के हुक खोल दिए व फिर पीछे से धीरे से उनकी ब्रा का हुक भी खोल दिया , अब उनकी चूचियों को मैंने धीरे धीरे सहलाना शुरू कर दिया। आप लोग शायद यकीन नहीं करेंगे लेकिन उस वक्त मुझे जन्नत का मजा आ रहा था। अचानक भाभी ने कुनमुना कर मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली ," मान जाओ जी ! आपसे होता हवाता तो कुछ है नहीं बस अपना लंड मेरी चूत से रगड़ कर पानी निकाल कर मुझे जलता छोड़ कर सो जाओगे" तब मुझे असलियत पता चली कि भैय्या अभी तक भाभी को चोद नहीं पाए है , वो नशा इतना ज्यादा करते है कि उनका लंड फिर खड़ा ही नहीं होता था। अब तो यह जान कर कि भाभी अभी तक कुंवारी है , मेरा लंड बिल्कुल रॉड की तरह सीधा तन गया। मैंने धीरे से कमर आगे करके लंड का दबाब उनकी चूत पर डाल कर उन्हें अपनी बांहों में ले लिया। जैसे ही मेरे लंड को उन्होंने महसूस किया वैसे ही वह चौंक कर बोली ," अरे भैय्याजी आप ! हे भगवान , मै इनको समझ रही थी , भैय्याजी ये सब गलत है , किसी को पता चल गया तो" मैंने भाभी को और कस कर बांहों में दबोच कर अपने लंड का दबाब बढ़ाते हुए बोला ," क्या भाभी ! घर में कोई नहीं है , मेरे और तुम्हारे सिवा यह बात किसे पता चलेगी" भाभी पर भी धीरे धीरे मस्ती छा रही थी सो वो बोली ," ठीक है भैय्या ! जैसा तुम ठीक समझो" यह सुनकर अब मै निश्चिन्त हो गया , मैंने भाभी से कहा ," भाभी ! प्लीज जरा ये कपडे उतार दो , नगे होकर अगर चुदाई कराओगी तो बहुत मजा आयेगा" भाभी दोनों हाथो से अपना चेहरा ढँक कर बोली ," मुझे शरम आती है ," तब मैंने खुद ही उठ कर उनकी साड़ी उतार कर सारे कपडे उतार दिए व नाईट बल्ब बंद करके ट्यूब लाइट जला दी। भाभी का नंगा शरीर देख कर मेरा लंड काले नाग की तरह फुंफकारने लगा , भाभी की नारंगी जैसी दूधिया चुचियाँ मस्त टाइट हो रही थी , उनके गुलाबी निप्पल सीधे तने मुझे ललकार रहे थे। जैसे ही मैंने लाइट जलाई , भाभी बोली , " हाय भैय्या ! प्लीज लाइट बंद कर दो ना , मुझे बहुत शरम आ रही है" "क्या भाभी ! रोशनी में चोदने और चुदवाने का अलग ही मजा होता है" मै उनके बगल में लेटता हुआ बोला। "बड़े बेशरम हो भैय्याजी"
अब मै बिना किसी डर के बेख़ौफ़ भाभी के होंठो को चूस रहा था और मेरे हाथ उनकी मस्त नारंगी जैसी चूचियो को मसल रहे थे साथ ही साथ मै धीरे धीरे कमर को आगे पीछे करते हुए अपना लंड उनकी मस्त छोटे छोटे रोंयेदार चूत पर रगड़ रहा था। भाभी भी अब फुल मस्ती में आ चुकी थी लेकिन मुझे पता था कि उनकी चूत में अभी तक लंड पेला नहीं गया है इसलिए मै बहुत तसल्ली से काम ले रहा था। मैंने अपने फनफनाते हुए लंड को धीरे से उनके हाथ में थमा दिया , " ये डंडा सा क्या पकड़ा दिया भैय्या ........... हाय मैय्या ! इतना बड़ा और मोटा लंड ??????? ये मेरी चूत में कैसे जायेगा , मेरी तो चूत की धज्जियाँ उड़ जाएंगी , ना भैय्या ना , प्लीज इससे तुम मुझे मत चोदना" भाभी गिडगिडाते हुए बोली। " तुम पागल हो क्या भाभी ! चूत की भी कभी धज्जियाँ उडी है ? चूत तो बिल्कुल रबड़ जैसी होती है , उसमे जैसा भी लंड पेलो वो उसी के साइज़ में फैल जाती है" मै भाभी को समझाते हुए बोला। " सच्ची भैय्या ! देखो अपनी भाभी की चूत का ख्याल रखना" " तुम बिल्कुल चिंता मत करो , बस थोडा सा जब पहली बार लंड तुम्हारी चूत में जाकर अपनी जगह बनाएगा तो दर्द होगा बस फिर दो चार बार अन्दर बाहर होते ही जगह बन जाएगी और फिर मौजा ही मौजा होगी मेरी भाभी जानेमन"
मैंने कस कर लंड को भाभी की कमसिन कुंवारी चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया , भाभी भी अब सिसकारियाँ लेने लगीं थी। उनकी चूत पनीली हो चुकी थी। " हाय हाय ! बहुत मजा आ रहा है भैय्याजी , इतना मजा तो मुझे आज तक नहीं मिला , ऒऒऒओह भैय्या ....... आआआआआह मेरी जान , अब अपने इस लंड को मेरी चूत में पेलो ना ...... ओ भैय्या ...... तुम बस चोदो अब ..... ज्यादा से ज्यादा मेरी चूत की धज्जियाँ ही तो उडेंगी तो उड़ जाने दो बस अब तुम मेरी चूत को आज ढंग से चोद दो मेरे राजा" भाभी को इस तरह बडबड़ाते देख कर मै समझ गया कि भाभी अब पूरी तरह से मस्ती में आ चुकी है , मैंने उनके दोनों कंधो को कस कर पकड़ कर एक झटके में अपना आधा लंड उनकी चूत में ठांस दिया। " हाआआआय भैय्या ! मर गयी ........ प्लीज अपने लंड को बाहर निकाल लो , मै तुम्हारे पाँव पड़ती हूँ " बस बस मेरी जान थोडा सा सबर करो , मैंने तुम्हे समझाया था ना ...... बस थोडा सा और उसके बाद फिर जन्नत है मेरी जान " यह कह कर मैंने चुचियों को रगड़ते हुए बाकी का लंड भी भाभी की चूत में पेल दिया। " हाय हाय निर्दयी ! तेरे दिल में बिलकुल भी रहम नहीं ....... छोड़ दे मुझे कमीने" भाभी ने अब दर्द से छटपट़ाते हुए गलियाँ बकनी शुरू कर दी लेकिन मैंने बिना उन्हें छोड़े लंड को एक बार बाहर निकाल कर एक झटके में पूरा ठांस दिया , लंड भाभी की चूत को चीरता हुआ जड़ तक पेवश्त हो गया " ओ मर गयी कमीने ! तूने मेरी चूत फाड डाली ........ भगवान करे तेरी बहन को गधे के लंड जैसा खसम चोदे और उसकी चूत फाड के रख दे ........ अब तो छोड़ दे कमीने " कहती हुई भाभी जोर जोर से रोने लगी। मैंने भाभी को पुचकारते हुए उन्हें समझाया " मेरी जान , लंड को तुम्हारी चूत में जो जगह बनानी थी वो बना चुका , अब जब मजे की बारी आई तो तुम चिल्ला रही हो , मैंने तुम्हे क्या कहा था ?" " सच्ची कह रहे हो भैय्याजी " " बिलकुल सच्ची मेरी जान" यह कह कर मैंने भाभी की टांगे ऊपर की तरफ उठा कर फैला दी जिससे चूत भी थोड़ी फैल गयी और लंड को आराम से पूरी आने जाने को जगह भी मिल गयी। अब मैंने बिना रुके अपने लंड की राजधानी एक्सप्रेस भाभी की चूत की पटरी पर फुल स्पीड से दौड़ा दी। हाय हाय करने वाली भाभी अब कमर उचका उचका कर चुदवाने में सहयोग कर रही थी। " हाय भैय्याजी ! तुम सही कह रहे थे , वाकई अब तो जन्नत का सा मजा आ रहा है ........ आआआह और चोदो मेरे राजा ......... पूरा लंड अब ठांस दो मेरी चूत में , और चोदो आआआआह आआआआआह ओ मेरे राजा आआआआआआआआअह ऒऒओह बाआआआआस" यह कह कर भाभी मुझसे कस कर चिपक गयी। मुझे अपने लंड पर गरम गरम लावा सा बहता महसूस हुआ , भाभी पूरी तरह से मस्त होकर झड चुकी थी , मेरी गाड़ी भी अब स्टेशन के नजदीक थी , मैंने फुल स्पीड में भाभी को चोदना शुरू कर दिया , थोड़ी देर में मेरे लंड ने भी भाभी की चूत में फव्वारा छोड़ दिया , काफी देर तक हम दोनों ऐसे ही पड़े रहे और एक दूसरे की बांहों में नंगे ही सो गए ... रात में एक बार जब आँख खुली तो देखा लंड फिर खड़ा था मैंने भाभी की चूत में डाल के फिर एक बार कस कर भाभी को चोदा , इस बार भाभी ने भी कमर नचा नचा कर चुदाई का पूरा मजा लिया फिर हम लोग नंगे ही सो गए , कपडे पहनने की अब हम दोनों में से किशी को जरूरत नहीं थी।
 
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Story NO:2
YE KYA HOGAYA..
Hi dosto . yeh sab story kitni sach aur kitni jhoot hai nahi janta.
Meri aap beeti me sab sach hai sirf naam fake hai mera naam jamil hai my age 24. Student fine arts.i
belongs middle class family.parents.mujh se bade 2 sis 1 bhai hai, badi sis name uzma ki shadi dubai me
hui hai . unke husband dubai ke kise maal me seleman hai so unnhone mere bade bhai ko bhi dubai bula
liya ghar me parent , me aur my badi sis uzma hai . uzma baji ki age 27 hai. Wo ek school me teacher hai.
Wo well educated aur beautiful hai magar unke layak koi rishta nahi
Milta so my mother baht pareshan rehti hai . my
Father bahut mazhabi hai so wo kaam ke sath out
Of station jyada rehte hai.unko ghar ki koi fikar bhi nahi rehti hai. Paise ki koi firk nahi hai. So main bhi
masti se ji raha hu.
Bhai dubai se paise bhejte hai.uzma baji ki bhi acchi payment hai.kabhi kabhi unse bhi pocket money mil
jati hai . magar wo bahut strick hai unse darta bhi hu. Uzma baji hamesha burka me hi school jati hai.kai
baar unki bus miss ho jane per maine unko bike per chor deta hu kyoki mujhe unki ek saheli se love ho
gaya hai. Jo uzma baji ke sath hi school me teacher hai . jiska naam parveen hai. Jo sex bomb hai. O bina
burke aati hai.wo age me mujh se badi hai magar phir bhi
Line marta hu.kise na kise bahane se baat karne ki koshish karta hu.jo uzma baji ko pasand nahi hai
Kyoki kai baar bol chuki hai . wo acchi ladki nahi
Hai.kai baar koi na koi bahana karke parveen ke
Ghar bhi ho aata hu.ek din school me kise baat per uzma baji aur parveen me koi dispute ho gaya.usi din
main parveen ke ghar chala gaya.
Sabke samne main parveen ko bhi baji bolta tha . magar unke naam ki muth marta tha wo bahut gusse
me thi wo mere samne uzma baji ko kuch bhi kehne lagi.even yeh tak bol gai wo ghar ke servent se sex
karti hai.
Yeh baat sunkar mushe bahut gussa aaya magar chup chap wappas aa gaya.phir us raat parveen ki wo
baat yaad aati jisme wo uzma baji aur sarvent ki baat ki. Kyoki hamare ghar me jo rashid bhai kaam
karne aate hai , wo bahut hi simple person hai. Baji unko respect karti hai magar
Bar baar yeh shaq usne baji ke sath uska naam kyo liya
Rashid bhai ki age about 30 hai. Wo bacpan se
Mere family me aate hai . my mother to unko beta
Manti hai.wo bahut hi fool type ke person hai so
Sab unka mazaq bhi banate hai ki tumari shadi kise actress se karege.dil me shaq aa gaya so maine ab
rashid bhai per nazar rakhna shuru kiya.
Kuch din tak koi hint nahi mila to I feel guilty maine apni baji per shaq kiya ek din achanak mom ko
mamu ke ghar jana tha. So main mom ko lekar mamu ke jane laga .ghar ki key pados ki aunty ko dekar
baji ko school phone ka diya .key pados se le.aur wo bhi raat ki bus se mamu ke ghar aa jaye.jab mom n
me bus stand gaye to my relative mil gai to mom boli’main inke sath ja rahi hu. Tum raat ki bus se uzma
ko lekar aa jana. So I agree.return ghar.
Magar rashte me shaitan ne behka diya . agar baji aur rashid bhai me kuch hai too aaj kuch hoga kyo ki
ghar me koi nahi hai.mere dil me plan aaya ghar jakar pados ki aunty se key li aur bola ek saman bhool
gaye hai so use nikalna hai.phir ghar me aakar behind ki window open karke wapas lock karke aunty ko
key dekar chori se ghar me enter ho gaya umeed thi baji ke baad rashid bhai aayege.aur jo sach hoga
malum ho jayega. Ek baat sach bol doon. Maine kabhi baji ko sex ki nazar se nahi dekha aur na us waqt
koi irada tha.magar shaq buri baat hai is wazah se chori se baji ke room ke paas ke store room me hide
ho gaya. Jahan se sab dekh sakta tha.
Continue……. . . .
About one hour baad uzma bazi aayi. Wo
Burka utarke bed per led gai.unke 15 minute baad doorbell ki awaz aayi. Rashid bhai aaye aur unnone
milk ki pocket baji ko dekar chale gaye. Baji ne door band kar diya. Store room me I feel guilty yeh sab
maine karke apni baji per shaq kiya aur store room se bahar nikle ki soch raha tha phir doorbell ki awaz
aayi.baji gai to mere chote chacha khalid aaye.
Unki aur baji ki baat ki awaz aa rahi thi. Wo baji se
10 saal bade hoge so baji se mazaq bhi karte hai
Khalid-bhabhi jaan kaha gai
Uzma baji-mamu ko attack hogaya . waha gai hai
Khalid- aur jamil
Uzma baji-unke sath gaya.. mjhe bhi jana hai.
Khalid-oh . main chor du. Apni bike se
Uzma baji- thanks. Aap ki bike se dar lagta hai
Khalid- bike se ya mush se
Uzma baji-dono se… aaareey plzz yeh mazaq nahi
Kare … plz agar aap nahi sudhre to ammi se bol
Dugi. Plz koi aa jayega.. mujhe accha nahi lagta.
Yeh baat sunkar I feel kuch galat baat ho rahi hai magar dekh nahi raha tha. Mere sage chacha hai
Aur bahut romantic type hai. I confused store room se bahar nikla to baji ki nazar me gir jauga. Agar
chipa raha to yeh baji se koi harkat na kar de.is beech kiss ki awaz bhi aayi.magar mjhe nazar kuch nahi
aa raha tha.jab baji apne room me aayi aur unke peeche khalid chacha bhi the to I saw clear both person
baji ne school se aakar cloth change naahi kiye the wohi yallow salwar kurte me thi.khalid chacha to
shirt and jean me the aur room me aate hue jab t shirt utar rahe the to I feel wo kuch galat irada hai
umeed thi baji unko ek slap maregi magar kuch nahi hua..
Uzma baji ko peeche se hug karte hue unke breast masalne lage .aur baji kuch bhi nahi boli.chacha ne
unka kurta bhi uper kar diya.kuch hi minut me dono fully nange the. Aur baji ki chudai aise kar rahe the
jaise pehle bhi dono me sex ho chuka hai.meri halat yeh sab dekh kar kya hogi yh aap jaan sakte hai. Sex
ke baad dono nange bed per led gaye aur jo baat hui wo mere liye
Surprise thi
Baji- mujhe jana hai warna bus miss hojayegi
Khalid- jamil ko phone kar do . bus miss ho
Gai . phir aaj raat 2 round aur ho jayege
Uzma- aur chachi aur ammi ko bhi shaq ho jayega. Agar malum ho gaya aap yaha aaye the
Khalid- to kya hua.. ghar ki izzat ki baat hai dono sabr ka rlegi.magar mjhe sabr nahi hoga.kyoki tumari
gand aaj tak touch nahi ki
 

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Uzma- na baba na.Suna hai bahut pain hota hai…yeh style aap chachi per hi karna.
Khalid- tumari chachi ki gand ab tight nahi rahi. Uski gand to bhabhi se jyada loose hai
Uzma-ek baat sach bolna aapne ammi ko kaise
Pataya tha.
Khalid-maine naahi tumari ammi ne mera account open kiya. Us waqt bahut modern thi wo to hamare
molvi bhai ne kadr nahi ki.warna wo
Apne time ki hema malini thi.
Uzma- aapne khandan ki kise bhi female ko nahi chora.aap bahut badmash hai,
Khalid- uzma teri jaise jawani koi nahi hai. Tumne kise aur se kiya
Uzma- main aapki tarah besharam nahi. Har kise ko…sirf aap se
Khalid- aur rashid se bhi
Uzma- kai baar try mari thi . magar us me dum nahi hai..bekafuf bhi hai
Dono baat kar rahe the achanak doorbell ki awaz se dono fastly wear cloth. Jaise hi dono door ki taraf
gaye.main fasty window se ghar ke bahar aa gaya. Andhre ho chuka tha. Mein aisa feel kr rha tha jaise
koi dirty dream dekha.phir maine mamu ke ghar phone kiya.bus mis ho gai hum nahi aayege. Aur ghar
ke door per aaya . I think chacha ander hoge. But wo chale gaye the.uzma baji ne door khola kuch
surprise hui I reason bol diya.ab mjhe wo cloth me bhi nangi dekh rahi thi.ghar me jakar dekha kahi
chacha to chipe nahi hai. Baji bholi bankar mamu ke ghar jane ki tayyari kar rahi thi.
Main- baji ek baat bolo.

Uzma- bolo
Main- aap bilkul amisha patel lagti hai
Uzma- accha
Main- aur aapka badan bhi
Uzma-shut up, how dare you
Main-yeh baat aapne chacha se kyo nahi boli. Yeh sunkar baji ki rangat badal gai us din se wo sex ko
agree hai . kai baar change bhi mile magar I feel guilty . kuch daar hai ya koi aur baat. Magar sochta hu
magar himmat nahi ki kbhe.



End
 

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Kal dark king Mae update ke sath yaha bhi story update
 

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काश मैं उसका पति होता !

प्रेषक : मयंक पोद्दार

जिस औरत की मैं बात कर रहा हूँ वो मेरी पड़ोसन शिल्पा है। दरअसल मेरी और मेरे सामने वाले घर में रहने वाले लड़के की शादी करीब करीब एक साथ ही हुई थी। मेरी बीवी और वो दोनों नई दुल्हन थी तो दोनों सहेलियाँ बन गई। वो लड़की गज़ब की चीज़ है। मेरी बीवी भी कम खूबसूरत नहीं है मगर उस लड़की की फिगर और आँखें बहुत नशीली हैं। वो काफी आधुनिक घर की है इसलिए हमेशा जींस और टॉप वगैरह पहनती है जिसमें उसकी फिगर शादी के बाद भी बड़ी मादक लगती है। उसको देखते ही मैं अपनी बीवी को भूल जाता हूँ और मन करता है उसको रगड़ दूं !

काफी समय से यह इच्छा थी, मगर मौका ही नहीं मिल रहा था।

एक बार मेरी बीवी अपने मायके गई थी और मेरे माँ-बाप भी शहर से बाहर गए थे। मैं रात की नौकरी करता हूँ इसलिए सुबह घर पर आता हूँ। जिस वक्त मैं घर आ रहा था उस वक्त शिल्पा अपने पति से बाय-बाय कर रही थी क्योंकि वो अपनी दुकान जा रहा था। मुझे देख के उसने प्यारी सी मुस्कराहट दी और मैंने भी वापस मुस्कुरा दिया और उसके पति से हाथ मिलाया। फिर वो अपनी गाड़ी में दुकान चला गया और मैं भी अपने फ्लैट की तरफ मुड़ा।

तभी पीछे से आवाज़ आई- भैया !

मैंने पीछे घूम के देखा तो शिल्पा मुझे पुकार रही थी। मैंने कहा- हाँ भाभी ?

उसने कहा- मेरे कंप्यूटर में कुछ खराबी आ गई है और मैंने एक जरूरी इमेल करनी है। क्या मैं आपका लैपटॉप प्रयोग कर सकती हूँ?

मैंने कहा- हाँ हाँ ! क्यों नहीं !

और वो मेरे पीछे पीछे मेरे घर चली आई।मेरा लैपटॉप मेरे बेडरूम में था तो हम सीधा बेडरूम में चले आये। मेरी पत्नी घर पर नहीं थी इसलिए कमरा थोड़ा फैला हुआ था। शराब को बोतल ऐसे ही पड़ी थी और मेरे लैपटॉप पर कुछ अश्लील वेब साइट्स खुली हुई थी।

मैंने कहा- भाभी, आप बैठिये, मैं लैपटॉप देता हूँ !

मैंने ऐसे ही लैपटॉप पकड़ा दिया। जैसे ही उन्होंने लैपटॉप देखा तो शिल्पा का चेहरा लाल हो गया, उसने झिझकते हुए कहा- भैया, आप ही वेब साईट खोल कर दीजिये।

मैंने लैपटॉप लिया तो देखा कि नंगी वेब साइट्स खुली हुई थी। मैं घबरा गया और बोला- सॉरी भाभी, यह लीजिये ! अब सब ठीक है !

शिल्पा बोली- भाभी नहीं है तो खूब ऐश हो रही है?

मैंने कहा- मन तो बहुत करता है मगर कुछ भी नहीं कर पाता, सिर्फ इन्टरनेट का ही सहारा है !

उसने कहा- क्या आप मुझे इन वेब साइट्स के लिंक लिख कर दे सकते हैं?

मैं हैरान रह गया ! मैंने कहा- क्या भाभी ?

वो बोली- हाँ ! वो असल में मनीष को दिखानी हैं, शायद ये देख कर वो थोड़ा रोमांटिक हो जायें !

मैंने पूछा- क्यों ? क्या वो अभी रोमांटिक नहीं है?

तो शिल्पा बोली- रोमांटिक का र भी नहीं आता उनको ! बाद रात को आएगा दुकान से, दो पेग पिएगा और मेरे हाथों में अपने छोटे से लंड को देकर कहेगा- हिला दो !

मैं उसे झरवा देती हूँ और फिर वो सो जाता है। मेरे अरमान और बदन की गर्मी वहीं की वहीं रह जाती है। मैंने कई बार कोशिश की, मगर वो समझता ही नहीं ! कहता है कि बहुत थक गया हूँ।

शादी से लेकर आज तक बस आठ या दस बार ही हमने सेक्स किया है जिसमें वो पूरा अन्दर तक भी नहीं जा सका।

वो बोली- भैया, ये मेरी बहुत व्यक्तिगत बातें हैं, किसी को नहीं बताना !

मैंने कहा- आप चिंता मत करो !

मैं समझ गया था कि लोहा गर्म है, हथौड़ा मारने की देर है।

फिर वो बोली- मेरा काम हो गया है, मैं चलती हूँ।

पता नहीं मुझे क्या हुआ, मैंने कहा- बस एक चीज दिखानी है आपको !

और कह के अपनी जींस नीचे कर दी। मेरा आठ इंच का लंड खड़ा हुआ फुफकार रहा था। वो पलटी और उसकी आँखें फटी की फटी रह गई, पसीना उसके गाल से बहने लगा और चेहरा लाल हो गया। वो मेरे पास आई, मेरी आँखों में गुस्से से देखा और मुझे जोरदार थप्पड़ मार दिया। मैं बहुत घबरा गया, शायद मैंने उसकी बातों से गलत समझ लिया था कि वो मेरे साथ अपनी प्यास बुझा लेगी। मुझे लगा कि अब मेरी बदनामी कर देगी ये !

मगर वो बोली- दो साल से मैं आपके घर आ रही हूँ, मगर आज पहली बार बेडरूम तक आई हूँ फिर भी तुमने इतनी देर लगा दी इस चीज़ को दिखाने में ??

मेरी सांस में सांस आई और जान में जान, गिरता हुआ लंड फिर से तन गया और शिल्पा को मैंने बिना कुछ और सोचे समझे अपनी बाहों में भर लिया। मेरे बदन की जैसे बरसों की प्यास बुझ रही थी। मैंने अपना लंड उसके हाथ में दिया, अपने होंठ उसके होंठ पर रख दिए और जोर जोर से चूसने लगा। मेरा हाथ उसके टॉप में घुसे और उसकी ब्रा का हुक ढूंढने लगे। मैंने बिना देर किये हुक खोला और पपीते जैसे दो मम्मे मेरे हाथों में आ गए।

उसकी साँसें गरम हो गई, मैं बता नहीं सकता कि उसके जिस्म से आग निकल रही थी, वो पागलों की तरह मेरे लंड से खेल रही थी और मुझे चुम्मे दे रही थी। एकदम जवान नई दुल्हन की तरह तड़प रही थी। मैंने उसका टॉप और ब्रा उतार कर फेंक दी और अपनी टी-शर्ट और बनियान भी उतार दिया। मैंने उसको दीवार के साथ खड़ा किया और अपनी छाती से उसके मम्मे दबा दिए, उसके माथे से लेकर छाती तक हज़ारों चुम्मियाँ ली और कई जगह तो लाल निशान भी बना दिए।

वो भी भूखी शेरनी की तरह मेरे बदन से खेल रही थी और मेरे होंठों को, गालों को, और छाती को चाट रही थी। उसके मुँह से बस आऽऽह…ऽऽ आऽऽऽऽ ऊऽऽऽ … म्म्मऽऽऽ आऽऽऽ लव यू जान, मेरे असली मर्द....म्म्मम्म्म्मम्म......आआआअ.......यही आवाजें निकल रही थी।

मैंने पंद्रह मिनट तक उसके दोनों मम्मे चूसे और वो तब पागल सी हो है थी। मेरे लंड को रबड़ का खिलौना समझ कर खेल रही थी और अपनी चूत पर पायज़ामे के ऊपर से ही रगड़ रही थी। लेकिन मैं भी कम नहीं था, मैंने और भड़काया, उसके हाथों से लंड खींच लिया और उसका सर नीचे की ओर दबाकर इशारा किया कि मुँह में ले !

वो तो जैसे तैयार थी, पूरा लंड मुँह में लेकर लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी, जैसे रेगिस्तान की गर्मी में किसी को पानी मिल जाए !

बीस मिनट बाद मैंने उसे उठाया और बिस्तर पर लिटाया। मैंने अपनी जीभ से उसकी नाभि चाटी और और उसकी पैंटी को दांतों में लेकर नीचे किया।

वो बोली- क्या बात है आपमें ! कमाल की कला है बिस्तर में औरत के साथ खेलने की ! मैं कबसे इस सपने के साथ जी रही थी, जो आज पूरा होने जा रहा है।

मैंने कहा- मैं भी इसी सपने को आज तक देख रहा था !

अब वो पूरी नंगी थी, चूत बिल्कुल साफ़ और पूरी गीली ! मैंने उसकी टांगें थोड़ा फैलाई और चूत का पानी चाट कर साफ़ किया। वो छटपटाई और मेरे बालों को जोर से खींचा। मैंने उसकी चूत को खोला तो वो पूरी लाल थी, मैंने अपनी जीभ से चाटना शुरू किया और उसका चिल्लाना और तड़पना !

मैं कैसे बताऊँ कि जितनी देर तक चाटा, वो पानी छोड़ती रही जैसे की महीनों से उसने पानी न झारा हो।

तवा पूरा गर्म था, मैंने फटाफट कंडोम निकाला और लंड पर चढ़ा कर उसकी गांड के नीचे तकिया रखा और दोनों हाथों से उसके हाथ पकड़ कर लण्ड चूत पर रख दिया उसकी ! मुझे पता था कि वो बहुत चिल्लाएगी इसलिए अपने होठों से उसके होंठ बंद कर दिए और एक झटके में थोड़ा सा घुस गया। उसकी चूत वाकई काफी कसी हुई थी, लगभग अनचुदी !

अभी लंड आधा ही गया था कि वो दर्द से कराह उठी, अन्दर ही अन्दर चिल्ला रही थी और पैरों को जोर जोर से पटकने लगी। मैंने एक मिनट बाद दोबारा धक्का मारा और पूरा लंड अन्दर घुसा दिया। उसने मेरा मुँह अपने मुँह से हटाया और जोर से चिल्लाई- यह क्या किया ? मैं मर गई, उई माँ ! मैं मर गई ! निकालो इसे.............

मैंने बिना कुछ सुने धक्के मारने शुरू किये, धीरे धीरे उसे मज़ा आने लगा और वो मेरी कमर में नाखून मारने लगी। मैंने भी उसे खूब चाटा, करीब पंद्रह मिनट तक उसे चोदने के बाद मैंने अपनी पूरी पिचकारी अन्दर छोड़ दी। तब तक वो 1-2 बार झड़ चुकी थी। वो मेरे शरीर को कस के पकड़े हुए थी और चाट रही थी।

मैं थक कर उसके मम्मों पर गिर गया और वो मेरे बालों में प्यार से हाथ फेरने लगी। दो मिनट के बाद मैं उठा और अपना लंड उसकी चूत से निकाला, उसने बड़े प्यार से मेरा कंडोम उतारा और उसके अन्दर का सारा वीर्य अपने मम्मों पर उड़ेल कर मल लिया।

वो बोली- यह मेरा प्रसाद है जो मैं अपने जिस्म पे लगा रही हूँ !

मैंने प्यार से उसे खूब सारे और चुम्मे दिए। उसकी चूत से थोड़ा सा खून छलक आया था जो मैंने रुमाल से साफ़ कर दिया। वो बहुत खुश थी, इस चुदाई के बाद जैसे उसका मन और बदन का हर अंग खिल उठ था। वो इतनी खुश थी कि उसकी आँखों से आंसू छलकने लगे और वो मुझसे काफ़ी देर तक चिपकी रही जैसे मन ही मन वो चाह रही हो कि काश मैं उसका पति होता !

मेरी भी तमन्ना पूरी हो गई थी। वो मेरे बाथरूम में और कपडे पहन कर चली गई।

"ये पल मैं कभी नहीं भूल सकती"......बस यही बोली और मेरे लंड को चूम कर चली गई।

अग्ले दिन वो मुझे मार्केट में मिली और बोली- क्या मेरी याद नहीं आई?

मैंने कहा- क्या कह रही हो, याद तो हर पल आती है !

वो बोली- मैं कल अपने मायके जा रही हूँ !
 
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