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Incest जीजा जी की चाहत (incest)

neeRaj@RR

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नमस्कार मित्रों मैं नया सदस्य हूँ इस फोरम का यहां कुछ अच्छी कहानियां पढ़ने को मिली हैं ,​
मैंने भी कुछ कहनियां लिखी हैं दूसरी साइट पर पोस्ट की थीं पर वहां अच्छा सहयोग नही मिला पढ़ने वालों का तो अधूरी रह गयी पर ये मंच ठीक लग रहा है अगर आप सब सहयोग दें तो वो कहनियां यहां पूरी की जाएं .....? और मुझे यहाँ पोस्ट करने का तकीनीकी ज्ञान भी नही है अगर कोई सहयोग कर सके तो अच्छा होगा ।



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neeRaj@RR

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नमस्कार दोस्तो मेरा नाम विकास पटेल है और ये मेरे जीवन की घटना है कोई कहानी नही। मेरे परिवार में 4 लोग हैं। मैं विकास उम्र 19 साल मम्मी शालिनी पटेल उम्र 39 साल पापा राजेश पटेल उम्र 42 साल और मेरी दीदी निकिता जो कि अभी अभी 21 की हुई हैं और वो एक मस्त बेहद गोरी दुबली लंबी किसी मॉडल जैसी खूबसूरत हैं ।

हम इलाहाबाद में रहते हैं वैसे तो हमारा परिवार एक सामान्य परिवार है पापा जल निगम में इंजीनियर हैं मम्मी हाउसवाइफ और हम भाई बहन स्टूडेंट सब अपने अपने कामो में लगे हुए थे लाइफ नार्मल चल रही थी।

ये कहानी तब से शुरू होती है जब मैं 11th में पढ़ रहा था और निकिता दीदी कॉलेज में सेकेंड ईयर में एक दिन पापा किसी काम से अचानक ऑफिस से घर लौट रहे थे दोपहर के समय तो उन्होंने क्या देखा कि निकिता दीदी एक बाइक पर किसी लड़के के साथ बहुत चिपक कर बैठी हुई कहीं जा रही थींं वो लड़का हमारे ही मुहल्ले का विनय सिंह था जो कि काफी बदनाम था अपनी बुरी आदतों के चलते शराब पीना सट्टा खेलना नई नई लड़कियों को घुमाना जैसे सारे ऐब थे उस लड़के में, ये देख कर पापा का पारा चढ़ गया उन्होंने फौरन घर आ कर मम्मी को ये सब बताया उस समय मैं भी घर पर था और विनय को अच्छी तरह से जानता था तो मुझे भी बुरा लगा कि मेरी दीदी जो कि एक अच्छी पढ़ने वाली लड़की है वो ऐसे गलत इंसान के चक्कर मे कैसे फंस गई ।

सारी बात सुनने के बाद मम्मी ने कहा आप अभी अपना गुस्सा शान्त करो मैं बात करती हूँ निकिता से पर पापा नही माने उन्होंने तुरंत ही दीदी को कॉल की ।
दीदी ने कॉल रिसीव की और पापा ने लहजा सामान्य रखते हुए पूछा निकिता बेटा कहाँ हो तुम ??
दीदी ने बताया कि वो कॉलेज में है। वो साफ झूठ बोल रही थी जबकि अभी 10 मिनट पहले ही पापा ने उसे विनय के साथ घूमते देखा था ।

फिर भी पापा ने खुद पर संयम रखते हुए कहा कि बेटा ऐसा है मेरी तबियत कुछ खराब है तुम्हे फौरन घर आना होगा मैं विकास को तुम्हारे कॉलेज भेज रहा हूँ तुम जितनी जल्दी हो सके घर आ जाओ।
ये सुन कर दीदी कुछ हड़बड़ा सी गयी और बोली नही पापा आप किसी को मत भेजो मैं आ जाती हूँ ना जल्दी से ।

पापा ने एक गहरी सांस ली और बोले ठीक है आ जाओ। फिर उन्होंने फोन काट दिया और मुझे बुला कर कहा विकास कल से तुम दो तीन दिन अपना स्कूल छोड़ कर सुबह और शाम में अपनी दीदी पर नजर रखोगे सुबह जब वो कॉलेज जाती है और जब उसकी छुट्टी होती है उस टाइम वो किस के साथ आती जाती है । कॉलेज बंक कर के किस के साथ जाती है सारी इन्फॉर्मेशन मुझे चाहिए मैं अपनी बेटी को गलत हाथों में नही जाने दे सकता ।

मैंने कहा ठीक है पापा मैं दीदी पर नजर रखूंगा फिर हम सब दीदी का इंतजार करने लगे और कोई आधे घंटे बाद वो आयी घंटी बजते ही मम्मी ने दरवाजा खोला दीदी अंदर और हम सब को ड्राइंग रूम में बैठा देख कर वो थोड़ी चिंतित हो गयी ।
पापा ने दीदी को बैठने को बोला वो बैठ गयी फिर पापा ने गंभीरता से कहा निकिता आज सुबह से तुम कॉलेज में थी?
दीदी- ह ह हां और कहाँ होउंगी कॉलेज में ही थी पापा ....
पापा- पर मैंने तो तुम्हे चन्द्रलोक पैलेस के पास वाले चौराहे पर देखा था किसी लड़के के साथ उसकी बुलेट पर .....
दीदी का चेहरा एकदम उतर गया वो चुपचाप सर झुका कर बैठ गईं उन्होंने कोई जवाब नही दिया
पापा- चुप क्यों हो निकिता जवाब दो तुम किस के साथ और क्यों थी वहां ?
मम्मी ने भी वो सवाल दोहरा दिया थोड़ा सख्त लहजे में।
दीदी ने सर झुकाए हुए मरी मरी हुई आवाज़ में कहा वो मेरा एक दोस्त है उसी के साथ मूवी देखने जा रही थी ।
ये सुनते ही पापा एकदम से दहाड़ते हुए बोले दोस्त कैसा दोस्त उस लड़के को जानती हो तुम एक नंबर का आवारा और बदचलन लड़का है वो हर रोज नई लड़की को ले कर घूमता है उस से तुम्हारी दोस्ती हुई कैसे कहाँ मिला वो तुम्हे ??

दीदी ने फिर बताना शुरू किया वो पिछले कुछ दिनों से रोज उनके कॉलेज आने जाने के समय उनका पीछा किया करता था और एक दो रास्ते मे उनसे बात करने की भी कोशिश की शुरू में दीदी ने उस पर ध्यान ना देते हुए इग्नोर किया पर फिर एक दिन उसके बहोत अनुरोध करने पर वो उसके साथ कॉफी पीने चली गयी और उसी दिन से उनकी दोस्ती की शुरुवात हो गयी दीदी ने बताया कि वो सिर्फ उसके साथ तीन चार बार रेस्तरां गयी हैं और दो बार मूवी देखने ।

ये सुन कर पापा को तसल्ली हुई कि शायद अभी तक दीदी के साथ कुछ गलत नही किया विनय ने पर वो अभी सच से अनजान थे । उन्होंने गहरी सांस लेते हुए कहा निकिता आज के बाद तुम उस लड़के से कभी नही मिलोगी ना ही कोई बात करोगी किसी भी तरह का कोई भी सम्बन्ध दोस्ती कुछ भी नही रखना है तुम्हे उस आवारा लड़के के साथ ये मेरी पहली और आखिरी चेतावनी है इसके बाद मैंने कभी कुछ गलत देखा या सुना तो मुझसे बुरा कोई नही होगा।

दीदी ये सुन कर सहम सी गयीं और पापा उठ कर चले गए उनके जाने के बाद मम्मी ने क्लास लगाई मैं उठ कर अपने रूम में आ गया पर मेरे कान मम्मी और दीदी की बातों पर ही लगे हुए थे ।

मम्मी दीदी से कुरेद कुरेद कर पूछ रही थी कि उनकी विनय सिर्फ दोस्ती है या उसके आगे भी कुछ है आखिर मम्मी ने दीदी को ये भरोसा दिलाया कि वो पापा से कुछ नही कहेंगी पर वो उन्हें सब सच सच बता दें तब जा कर दीदी ने हिचकते हुए बताया कि वो दोनो एक दूसरे से प्यार करते हैं और विनय ने उनके साथ कई बार शारीरिक संबंध भी बनाये हैं ।
ये सुन कर मम्मी भी शॉक हो गईं और दीदी को बुरी तरह से डांटने लगी घर का माहौल काफी खराब हो गया ।

और ये सुन कर मुझे भी बेहद गुस्सा आ रहा था उस विनय पर लेकिन मैं उसका कुछ कर नही सकता था क्योंकि मैं लड़ाई झगड़े से दूर रहने वाला लड़का था और अगर मैं कुछ करता और पापा मम्मी को पता चलता तो वो भी मुझे सुनाते खैर मैं उठ कर बाहर निकल गया और अपने दोस्त संजय के यहां चला आया उस के साथ थोड़ा समय बिताने के बाद मेरा मूड कुछ ठीक हुआ तब तक पापा का कॉल आ गया उन्होंने पूछा कहाँ हो मैंने बताया कि संजय के यहां हूँ उन्होंने फौरन घर आने का हुक्म दिया मुझे लगा फिर से कुछ गड़बड़ हुई है और मैं फौरन घर चला आया ।

घर आ कर देखा तो मम्मी पापा ड्राइंग रूम में बैठे हुए गहन विचार विमर्श में लगे हुए थे मुझे देख कर दोनो चुप हो गए पर मुझे तो सब मालूम था कि दीदी के विनय के साथ बने शारीरिक संबंधों की वजह से ही सारा बखेड़ा हुआ है ।

मैं जा कर चुपचाप बैठ गया पापा ने थोड़ा सोच कर बोलना शुरू किया । बेटा विकास तुम्हारी दीदी उस कमबख्त विनय के चक्कर मे पड़ गयी है पता नही कैसे हांलाकि मैंने उसे अच्छी तरह से समझा दिया है और डांट भी लगाई है पर ये उम्र ऐसी है कि बच्चों को ज्यादा समझ नही आता इसलिए मैंने उसका फोन भी उस से ले लिया है और कल से तुम रोज उसे कॉलेज छोड़ने और लेने जाओगे और हां इसके अलावा भी उसे कहीं जाना हो तुम उसके साथ जाओगे मैं उसकी पढ़ाई डिस्टर्ब नही करना चाहता वरना मन तो कर रहा कि बस घर मे ही बंद कर के रखूं जैसे कर्म किये हैं इसने ......

पापा इस समय बेहद तनाव और गुस्से में थे मैंने पापा के हाथ पर हाथ रख कर कहा पापा आप निश्चिन्त रहो अब से मैं हर टाइम दीदी के साथ रहूंगा घर से बाहर पापा ने मेरी आँखों मे देखते हुए कहा बेटा ये जिम्मेवारी का काम है घर की इज्जत का सवाल है किसी तरह की कोई लापरवाही मत करना मैंने कहा नही पापा ऐसा कुछ नही होगा आप परेशान मत हो ।

फिर पापा ने अपनी बाइक की चाभी मुझे देते हुए कहा अब से तू साइकिल से स्कूल नही जाएगा ये पकड़ बाइक की चाभी कल से निकिता को कॉलेज छोड़ने और लाने की जिम्मेवारी तेरी और फिर वो उठ कर अपने रूम में चले गए ।

किसी तरह रात बीती और सुबह मैं साढ़े आठ बजे स्कूल के लिए तैयार हो गया निकिता दीदी सुबह से एक भी बार नजर नही आई थी वो अपने ही रूम में थी जब मैं नाश्ता करने लगा तो मैने मम्मी से पूछा भी की दीदी कहाँ है वो कॉलेज नही जा रही क्या तो मम्मी ने कहा सुबह उठा तो दिया था पर तब से वो कमरे से बाहर निकली ही नही मैं जा कर देखती हूँ और मम्मी उनके कमरे में गयीं तो दीदी अपने कमरे में तैयार बैठी थी पर वो शायद सबको फेस करने में हिचक रही थीं तो चुपचाप अपने कमरे में बैठी थीं मम्मी ने उन्हें बताया कि विकास तैयार है जाने के लिए चल बाहर तो वो बाहर आईं मम्मी ने उन्हें भी नाश्ता दिया और वो चुपचाप नाश्ता करने लगीं आज वो एकदम चुप थीं एक भी शब्द बोले बिना उन्होनें नाश्ता किया और फिर बैग ले कर बाहर आ गयी मैं भी उनके पीछे बाहर आ गया।

बाहर आ कर मैंने बाइक निकाली स्टार्ट की तो चुपचाप बैठ गईं मम्मी दरवाजे तक आईं और उन्होंने मुझे चेताया कि सीधा इसजे कॉलेज गेट पर ड्राप करना और जब से अंदर चली जाए तो सीधे अपने स्कूल जाना और शाम को इसे कॉलेज से ले कर सीधा घर आना ..... मैंने सर हिलाते हुए उन्हें आश्वस्त किया कि मैं पूरा ख्याल रखूंगा और फिर हम चल पड़े दीदी के कॉलेज की ओर।

घर से थोड़ी दूर आ कर मैंने बाइक चलाते हुए कहा दीदी एक बात कहूँ दीदी ने सिर्फ हूँ बोल कर उत्तर दिया मैंने कहा दीदी देखो वो विनय सच मे अच्छा लड़का नही है आप प्लीज उस से दूर ही रहना अब वरना पापा शायद आपकी पढ़ाई भी छुड़वा दें दीदी ने गहरी सांस ले कर कहा अब तू भी लेक्चर देगा मुझे मैंने नही एकदम नही दीदी मैं आपको लेक्चर नही दे रहा हूँ बस बता रहा हूँ कि अगर आप ने पापा की बातों को नही माना तो ऐसा भी हो सकता है इतना कह कर मैंने साइड मिरर से दीदी को ओर देखा हमारी आंखे मिली और वो थोड़ा सा मुस्कुराई तभी अगले चौराहे पर मेरी नजर विनय पर पड़ी वो अपनी काली बुलेट पर बैठा हुआ था और दीदी के मेरे साथ बाइक पर देख कर उसने बुरा से मुह बनाया रेड सिग्नल की वजह से मुझे बाइक रोकनी पड़ी मैंने मिरर में देखा दीदी उसी की ओर देख रही थीं तभी विनय अपनी बाइक स्टैंड पर लगा कर हमारी ओर आने लगा दीदी ने उसे चुपके से ना आने का इशारा किया जिसे मैंने देख लिया विनय ने इसे कॉल करने का इशारा किया पर दीदी ने उसे ना में सर हिलाते हुए एक कागज का पुर्जा सड़क पर गिरा दिया और उसकी ओर देख कर हाथ जोड़ते हुए उसे पास ना आने का इशारा किया मैं ये सब गौर से देख रहा था ।

तभी सिग्नल ग्रीन हुआ और मैंने बाइक बढ़ा दी थोड़ा आगे जा कर मैंने फिर से देखा कि विनय अपनी बुलेट से हमारा पीछा का रहा था ये देख कर मुझे गुस्सा आया और मैंने एकदम से एक्सीलेटर खींच कर स्पीड बढ़ा दी और दीदी को झटका लगा तो उन्होंने एकदम से मेरी कमर को कस के पकड़ लिया और बोली क्या कर रहा है विक्की गिरायेगा क्या ।
मैंने थोड़ा गुस्से में कहा .... वो हरामजादा विनय हमारा पीछा कर रहा है आपको दिखा नही क्या ये सुन कर दीदी चुप हो गयी और फिर कुछ देर बाद वो बोली विक्की प्लीज घर पर कुछ मत बताना नही तो फिर से वही सब शुरू हो जाएगा मैंने कहा क्या मतलब है आपका की मैं पापा से झूठ बोलूं अभी चौराहे पर वो और आप इशारों इशारों में बात कर रहे थे जबकि पापा ने मना किया है आपको उस से किसी भी तरह का संपर्क रखने से और अब आप चाहती हो कि मैं ये सब देख कर भी चुप रहूं या झूठ बोलूं दीदी ने कहा देखो विक्की मुझे भी पापा की बात समझ आयी है पर आखिर मुझे भी तो उसे ये सब बता कर उस से पीछा छुड़ाना पड़ेगा ना उसे क्या पता कल क्या हुआ घर पर वो तो रोज की तरह मुझसे मिलने के लिए आया है बातें करना चाहता है पर उसे बताए बिना वो कैसे जानेगा की मेरा और उसका रिश्ता मेरे घर वालों को पता लग गया है और अब आगे मैं उस से नही मिल सकती कोई संबंध नही रख सकती यही बताने के लिए मैंने उसे वो लेटर लिख कर दिया है हांलाकि मैं तुझसे छिपा कर उसे वो देना चाहती थी पर मुझे नही पता था तेरी नजर इतनी तेज है।

दीदी की बात सुन कर मुझे भी लगा कि वो सही कह रही हैं जब कल तक उन दोनों की अच्छी खासी दोस्ती चल रही थी वो साथ घूम रहे थे मूवी जा रहे थे तो एकदम से दीदी उस से मुह कैसे मोड़ लें आखिर उसे भी तो उनकी हालत पता चले हो सकता है सब मालूम होने के बाद वो खुद ही दीदी से किनारा कर ले ये सोचते हुए हम दीदी के कॉलेज पहुंच गए मैन दखा की विनय भी थोड़ी दूर पर अपनी बुलेट के साथ खड़ा हुआ दीदी को ही घूर रहा है ।

दीदी बाइक से उतरी उनके चेहरे पर चिंता और उदासी छाई हुई थी वो मुड़ कर अंदर जाने लगी मैंने उन्हें आवाज़ दी .... दीदी सुनो उन्होंने मुड़ कर मेरी ओर देखा मैंने कहा दीदी ऐसा है आपकी बात मुझे सही लग रही है बेहतर होगा आप एक बार विनय से इस मामले में साफ बात कर लो कि अब आप उस से आगे कोई संबंध नही रख सकती और वो इस तरह से आपका पीछा करना या आपसे मिलने और बात करनेके प्रयास करना छोड़ दे इसी में सबकी भलाई है ।

दीदी ने आश्चर्य से मेरी ओर देखते हुए पूछा और पापा को पता चला तो मैंने थोड़ा संजीदा होते हुए कहा मैं पापा से कुछ नही बताऊंगा पर ये आखिरी बार आपकी उस से बात होगी इसके बाद कभी नही दीदी ने थोड़ा सोचते हुए कहा ठीक है तो मैं अभी उस से मिल कर बात कर लूं मैंने कहा ठीक है कर लो दीदी कुछ सेकेंड्स मुझे देखते रही फिर मेरा हाथ पकड़ कर बोली थैंक्स विक्की तुमने मेरी परेशानी को समझा और मेरा साथ दिया वो जरा सा मुस्कुराई और फिर विनय की ओर बढ़ गईं ।

विनय के पास पहुंच कर वो कुछ देर उस से बात करती रहीं विनय के चेहरे के भाव देख कर मुझे लगा कि वो इतनी आसानी से दीदी का पीछा नही छोड़ने वाला वो कई बार ग़ुस्से में मेरी ओर देखता और फिर दीदी से उलझ जाता दीदी बार बार उसके हाथ जोड़ रही थीं ये देख कर मुझे गुस्सा आने लगा और मन किया कि जा कर इस विनय के बच्चे के चार हाथ लगाऊं सबके सामने पर फिलहाल मैंने खुद को शांत रखा लगभग 20 मिनट तक दीदी और विनय सड़क के किनारे खड़े बातें करते रहे फिर विनय ने ना में सर हिलाई और बाइक स्टार्ट कर के एकदम से बड़ी तेजी से मेरी बगल से निकल गया और चंद सेकेंड में ही नजरो से ओझल हो गया।

मैंने दीदी को ओर देखा वो अभी भी वही चुपचाप चिंता में डूबी हुई खड़ी थीं मैंने अपनी बाइक स्टैंड पर लगाई और दीदी के पास आया दीदी ने मुझे देखा और बोली वो नही मान रहा विक्की कह रहा है हम एक दूसरे से प्यार करते हैं और वो मुझसे ही शादी करेगा अगर किसी ने उसे मुझसे मिलने से रोका तो वो उसे जान से मार देगा ये कहते हुए दीदी रोने लगी उनकी आंखों से आंसू टपकने लगे मैं भी उनकी बात सुन कर परेशान हो गया एक ओर पापा का गुस्सा दुसरी ओर दीदी का दुख मेरी समझ नही आ रहा था क्या करूँ ........

दोस्तों ये था पहला अपडेट जल्दी ही फिर मुलाकात होगी आपसे पढ़िए और मेरा प्रयास कैसा है अपने सुझाव दीजिये।
 
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मैंने कुछ सोच कर कहा दीदी बैठो बाइक पर वो आंसू पोंछ कर थोड़ा शांत हुई फिर बोली तुम्हे स्कूल नही जाना क्या। मैंने कहा नही पहले इस प्रॉब्लम का कोई सॉल्यूशन निकालने दो बाकी सब उसके बाद दीदी चुपचाप बाइक पर बैठ गईं तभी पापा का कॉल आ गया वो पूछ रहे थे मैं कहाँ हूँ मैंने झूठ बोलते हुए कहा कि मैं दीदी को कॉलेज छोड़ कर अब अपने स्कूल जा रहा हूँ फिर मैंने बाइक बढ़ा दी पर समझ नही आ रहा था जाना कहाँ है ।

काफी देर सड़कों पर उधर उधर घूमने के बाद मुझे अचानक मिंटो पार्क का गेट दिखा और मैंने बाइक किनारे लगा दी दीदी को उतरने को बोला और फिर बाइक स्टैंड पर लगा कर मैंने कहा आओ दीदी कुछ बात करनी है फिर हम पार्क के अंदर आ गए दोपहर के 11 बज रहे थे पार्क में सन्नाटा था इक्का दुक्का लोग और कुछ लवर कपल ही नजर आ रहे थे ।
मैं दीदी के साथ एक पेड़ के नीचे बैठ गया यहां आसपास कोई नही था कोई हमे देखता तो प्रेमी प्रेमिका ही समझता ।
दीदी चुपचाप बगल में बैठ गईं मैंने चुप्पी तोड़ते हुए कहा दीदी देखो आप ने जरा सी गलती कर के हम सब को कितनी बड़ी परेशानी में डाल दिया दीदी घुटनो में सर झुकाए बैठी थीं उनके चेहरे पर चिंता और परेशानी स्पष्ट नजर आ रही थी मैंने कहा कुछ बोलोगी भी वो मेरी ओर सवालिया नजरो से देख कर बोली मेरी कुछ समझ नही आ रहा विकी मैं क्या बोलूं मैंने पूछा क्या आप सच मे उस गलत इंसान से प्यार करती हो जो किसी भी तरह से आपके लायक नही ?
दीदी ने थोड़ा रुक कर कहा पता नही मैं कह नही सकती मुझे उस से प्यार है या नही पर वो मुझे अच्छा लगा था हैंडसम है स्मार्ट है शुरू में कुछ दिन उसे इग्नोर किया फिर वो अच्छा लगने लगा तो हमारी बातचीत शुरु हो गयी और फिर बात बढ़ती गयी इतना कह कर वो चुप हो गईं।
मैंने बात का सिलसिला बढ़ाते हुए कहा और अब जब कि आप उस से कोई मतलब नही रखना चाहती हो वो आपको धमकी दे रहा है परेशान कर रहा है दीदी ने जवाब में बस हूँ कहा ......
मैंने कहा दीदी अब आप ने क्या सोचा है क्या करोगी दीदी ने कहा मुझे तो कुछ समझ नही आ रहा है विकी वो अभी जाते हुए कह कर गया है कि कल सुबह वो मुझे कॉलेज के बाहर मिलेगा और मुझे कही ले जाएगा घुमाने और उसने ये धमकी भी दी है अगर कल मैं तुम्हारे साथ आई तो वो तुम्हे ...... इतना बोल कर दीदी चुप हो गईं और फिर से रोने लगी मैंने उनकी पीठ पर हाथ रख कर कहा दीदी घबराओ मत उसने जो भी कहा है मुझे बताओ ताकि मैं कुछ कर सकूं हमारी सुरक्षा के लिए दीदी ने सुबकते हुए बताया कि विनय ने कहा है अगर वो कल मेरे साथ कॉलेज आयी तो वो मेरे हाथ पैर तुड़वा देगा अपने लड़को से और फिर दीदी को अकेले कॉलेज आना पड़ेगा ये सुनकर मेरी झांट सुलग गयी कि इस भोसड़ी वाले कि इतनी हिम्मत हो गयी खैर मैंने अपने भावों पर काबू किया और बोला दीदी आप चिंता ना करो मैं भी देखता हूँ इस साले ने कितना दूध पिया है कल या तो तो वो मेरे हाथ पैर तोड़ेगा या मैं उसके ...... मेरी बात सुन कर दीदी फिर से सुबकने लगी और बोली विकी मेरे भाई मैं ऐसा कुछ नही देखना चाहती तुम दोनों को सही सलामत देखना चाहती हूं मैं मुझे अब दीदी पर थोड़ा गुस्सा आ रहा था कि इतने पर भी उन्हें विनय की फिक्र हो रही थी ।
पर गुस्से में बात और बिगड़ती मैं फिर चुपचाप बैठा सोचता रहा और काफी देर बाद मेरे दिमाग मे एक आईडिया आया संजय मेरा बचपन का भाई जैसा दोस्त उसकी मेरी खूब पटती थी और एक वो ही मेरा खास दोस्त है जिस से अपनी हर परेशानी शेयर कर लेता था कुछ देर तक सोचने एक बाद मैंने कहा दीदी आप यही बैठो मैं जरा अपने एक दोस्त से बात कर लूं दीदी ने कहा मैं अकेली यहां बैठूं मैंने कहा मैं कही जा नही रहा बस जरा प्राइवेट बात है तो यहीं पास में ही जा कर बात कर के आता हूँ वैसे भी अब ना आप कॉलेज जा सकती हो ना मैं स्कूल तो कोशिश करता हूँ इस प्रॉब्लम का कुछ तो हल निकले दीदी ने सर हिला दिया और मैं वही थोड़ी दूर जा कर संजय को कॉल करने लगा ।
घंटी जा रही थी पर दो घण्टी के बाद ही उधर से कॉल काट दिया गया और फौरन ही संजय का मैसेज आया "अबे गांडू स्कूल में हूँ कॉल क्यों कर रहा साले फोन छीन लिया जाएगा अगर किसी ने देख लिया तो" मैसेज पढ़ कर मेरे चेहरे पर थोड़ी सी मुस्कुराहट आई हमारा बात करने का यही अंदाज़ था ।
मैने उसे रिप्लाई किया "अबे साले अर्जेंट काम है इसलिए कॉल किया वरना मुझे भी पता है स्कूल में फ़ोन allow नही है"
एक मिनट में ही संजय का रिप्लाई आया "मौका मिलते ही कॉल करता हूँ इंतजार कर"
फिर मैं दीदी के पास आ कर बैठ गया दीदी ने कहा क्या हुआ कुछ सोचा कल क्या करना है मैंने गहरी सांस लेते हुए कहा देखता हूँ अगर कुछ सॉल्यूशन नही निकला तो पापा को सब साफ साफ बताना पड़ेगा फिर वो ही हैंडल करेंगे दीदी ये सुन कर थोड़ा सा डर गयीं उन्हें लगा पापा को पता चला तो बात बढ़ेगी और विनय की वो धमकी...... दीदी नही चाहती थीं कि मुझे या पापा को किसी तरह का कोई नुकसान हो।
कोई 10 मिनट बाद संजय का कॉल आया और मैं कॉल रिसीव करते हुए दीदी से थोड़ा दूर चला आया ।
संजय- हां भाई अब बोल क्या हुआ क्या अर्जेंट काम आ गया तुझे?
मैं- यार एक बड़ा मैटर है समझ नही आ रहा कैसे बताऊं
संजय-भोसड़ी के मुह से बता और कैसे बताएगा चूतिये
मैं- यार संजय वो ऐसा ही कि निकिता दीदी विनय सिंह के चक्कर मे फंस गई हैं और ...... फिर मैं उसे सारी कहानी सुना गया सिवा इसके की दीदी ने उसके साथ सेक्स भी किया
सारी बार सुन कर वो चुप ही रहा मैंने पूछा क्या हुआ बे कुछ बोलेगा भी वो बोला कि मैं थोड़ी देर में फिर से कॉल करूंगा और कॉल काट दी मुझे बड़ा अजीब सा लगा पर फिर मुझे लगा होगी कोई बात शायद कोई आ गया हो या कोई और वजह हो मैं फिर से दीदी के पास आ कर बैठ गया दीदी ने मेरी ओर देखा मैंने कहा आप ज्यादा परेशान मत हो दीदी कुछ तो करूंगा ही मैं आपके लिए ।
दीदी ने कहा विकी मेरी वजह से सब कितनी परेशानी में पड़ गए मैंने कहा दीदी ये सब आपको पहले सोचना था ना अब तो समस्या हो ही गयी है दीदी ने कहा मुझे सच मे विनय के बारे में कुछ नही मालूम था वो बस उन्हें अच्छा लगा और ......
तभी फिर से संजय का कॉल आया और मैंने जल्दी से दूर जाकर कॉल रिसीव की संजय बोला सुन विकी मैंने अपने चाचा से बात की है (संजय के चाचा जो को पुलिस डिपार्टमेंट में हैं और इस समय दारागंज चौकी में तैनात हैं) उनका कहना है कि अगर लड़की एक कंप्लेन दे दे लिखकर तो वो 10 मिनट की सारी हेकड़ी निकाल देंगे और वो कभी हमे परेशान नही करेगा।
मैंने उसकी बात सुन कर चौंकते हुए कहा अबे पूरी बात तो सुन लिया कर पहले साले तूने अपने चाचा को सब बता दिया क्या?
संजय ने कहा बिना मर्ज बताए कहीं दवा मिलती है क्या वो तो बताना ही पड़ेगा अब तू किसी तरह अपनी दीदी से एक लिखित शिकायत ले ले तो इस विनय के घोड़े की गांड़ फाड़ दी जाए मैंने कहा ठीक है मैं कोशिश करता हूँ फिर मैंने कॉल काटी और दीदी के पास आ कर उन्हें सारी बात बताई पर पुलिस कंप्लेन के नाम पर दीदी मना करने लगी वो बोली कि वो विनय के कजिलाफ़ शिकायत नही करेंगी चाहे जो हो ।
ये सुनकर मैंने भी थोड़ा गुस्से में कहा कि ठीक है फिर मैं पापा को सब कुछ बता देता हूँ और ये भी कह देता हूँ कि वो आपका कॉलेज जाना बंद करवा दें ये सुन कर दीदी और चिंता में डूब गयीं और बोली तुम मेरे भाई हो या दुश्मन मैंने कहा हूँ तो भाई ही पर आप मुझे अपना दुश्मन और उस हरामजादे को अपना दोस्त मान बैठी जो जिस इंसान ने आपके भाई के हाथ पैर तोड़ने की धमकी दी उसके खिलाफ आप एक कंप्लेन नही दे सकती हो दीदी धीरे से बोली मैं प्यार करती हूं उस से ये सुन कर मैं चौंक गया और गुस्से से भर गया मैंने हाथ पटकते हुए कहा ठीक है आप उठो घर चलते हैं दीदी उठ खड़ी हुई पर घड़ी देखते हुए बोली अभी तो सिर्फ 12 बजे हैं और छुट्टी 3 बजे होती है अभी घर गए तो मम्मी कितने सवाल पूछेंगी मैंने कहा फिर कहाँ जाएं आप ही बता दो दीदी बोली मैं क्या बताऊँ जहां चाहो चलो ।
मैंने बाइक स्टार्ट की और फिर इधर उधर घूमने लगा लंच टाइम हो रहा था तो मैंने बाइक एक रेस्तरां में रोकी और दीदी के साथ अंदर आ गया मैंने दो डोसे आर्डर किये और फिर हमने डोसे खाये और एक एक कोल्ड ड्रिंक पी किसी तरह एक बजे तक हम वहीं बैठ टाइम बिताते रहे अब हमारे बीच बातचीत ना के बराबर ही हो रही थी तभी दीदी ने कहा विकी अपना फोन दो मुझे एक कॉल करनी है मैंने कहा किस से बात करनी है वो बोली विनय से बात करनी है एक बार और उसे समझाने की कोशिश करती हूं ।
मैंने कहा आपको लगता है वो समझ जाएगा आपके समझाने से दीदी ने कहा कोशिश करने में क्या जाता है मैंने कुछ सोच कर फ़ोन दे दिया दीदी को दीदी ने विनय को कॉल की ।
दीदी- हेलो विनय मैं निकिता मेरी बात सुनो प्लीज अब मैं तुमसे नही मिल सकती तुम्हारे साथ कहीं नही जा सकती और अब से तुम मेरा पीछा मत करना मैं तुम्हारे हाथ जोड़ती हूँ ......
उधर से विनय ने जो भी कहा हो वो सुन कर दीदी का चेहरा पीला पड़ गया वो रुआँसी हो गयी और भरे गले से बोली प्लीज विनय मेरी बात समझने की कोशिश करो अगर पापा को ये सब पता चला वो मेरी पढ़ाई छुड़वा देंगे मैं पढ़ना चाहती हूं तुमसे दोस्ती करना मेरी भूल थी अब जो हुआ उसकी इतनी सज़ा मत दो मुझे प्लीज मुझे भूल जाओ और मेरा पीछा छोड़ दो ये कहते हुए दीदी सिसक सिसक कर रोने लगी ......
दीदी को यूँ रोते देख मुझे उन पर तरस आने लगा और मैंने मन मे निर्णय कर लिया कि जैसे भी हो दीदी की इस प्रॉब्लम को मुझे सॉल्व करना ही होगा पहला इनके दिल से विनय के लिए प्यार खत्म करना दूसरा विनय को इनकी जिंदगी से दूर करना ..... अब ये दोनों काम कैसे होंगे मुझे भी नही पता था इनमें से दूसरा काम तो फिर भी कुछ आसान था पर पहला काम ज्यादा ही मुश्किल था दीदी के दिल से विनय के लिये फीलिंग्स खत्म करना ......
मेरे दिमाग मे बहुत सारे सवाल और उलझने थी पर किसी का भी कोई जवाब नही था किसी तरह इधर उधर भटकते हुए ढाई बजे का समय बिताने के बाद हम घर की ओर चल पड़े मैंने रास्ते मे दीदी से कहा अभी आज पापा या मम्मी से कुछ नही बताना है कल कुछ इंतजाम करता हूँ मैं 3बजे घर पहुंच कर हमने अपने अपने रूम में जा कर चेंज किया तभी पापा का कॉल आया मेरे पास उन्होंने पूछा कि घर आ गए दोनो मैंने उन्हें बताया कि हां हम घर पर ही हैं उन्होंने फिर पूछा कि सब ठीक है मैंने कह दिया हां सब ठीक है पर कुछ भी तो ठीक नही था।
थोड़ा सा खाना खा कर मैंने बाइक उठाई और संजय के घर निकल गया उसके घर पहुंच कर पता चला कि वो घर पर नही है मैंने उसे कॉल की तो उसने बताया वो कॉपी और कुछ सामान लेने मार्केट आया हुआ है मैंने उसे उधर ही मिलने को बोला उर मार्केट कि ओर चल पड़ा वो रास्ते मे मिल गया फिर उसे बाइक पर ले कर मैं अपने अड्डे वाली बीयर शॉप पर आया और उसे दो बीयर लाने को बोला संजय बीयर लेने चला गया...... मेरे दिमाग मे बड़ी उथल पुथल थी और मैं उसे शांत करना चाहता था हम दोनों दोस्त कभी कभी बीयर पी लेते थे ऐसे ही मस्ती के लिए पर आज मुझे पहली बार टेंशन की वजह से बीयर पीनी पड़ रही थी।
मैं अपने ख्यालों में गुम बाइक पर ही बैठा था तभी बुलेट की आवाज़ से मेरा ध्यान भंग हुआ मैंने देखा कि विनय ने अपनी बुलेट मेरी बाइक के पास ही रोकी मैं हेलमेट लगाए हुए था इसलिये उसने मेरी ओर कोई ध्यान नही दिया तब तक संजय बीयर के कैन ले कर पास आया मैंने उसे चुप रहने का इशारा किया वो हैरानी से मेरी ओर देखने लगा मैंने उसे धीरे से बताया कि यही विनय है उसने भी धीरे से मेरे कान में कहा यहीं पेल दें क्या साले को । मैंने उसे शान्त रहने का इशारा किया।

तभी विनय ने बाइक पर बैठे हुए ही बीयर शॉप वाले को आवाज़ दी उसकी आवाज़ सुनते ही वो लौंडा दांत निकाल कर जी भैया कहते हुए एक बीयर ले कर उसकी ओर दौड़ा और उसे बीयर दे कर बोला और कुछ लाऊं भैया जी विनय ने उसे सिगरेट लाने को कहा और मैंने चुपचाप मोबाइल निकाल कर उसकी वीडियो बनानी शुरू कर दी ये सब मैं बड़ी सावधानी से कर रहा था कि विनय को जरा भी शक ना हो मैंने संजय को धीरे से बोला कि वो थोड़ी देर इधर उधर घूम कर आये दो लोगों की वजह जे विनय का ध्यान हमारी ओर जा सकता था संजय ने एक कैन खोली और पीते हुए आगे बढ़ गया मैंने भी अपनी कैन खोल ली और धीरे धीरे पीने लगा .....
उधर विनय ने भी अपनी कैन ओपन की और पीने लगा पर उसने दो घूंट में ही कैन खाली कर के फिर से लड़के को इशारा किया और वो दूसरी कैन और एक सिगरेट उसे दे गया विनय ने दूसरी कैन भी खोली और धीरे धीरे घूंट भरने लगा फिर उसने सिगरेट भी सुलगा ली तभी उसका फ़ोन रिंग हुआ उसने फ़ोन निकाल कर कॉल रिसीव की और हंस हंस कर किसी से बात करने लगा मैंने गौर से सुनने की कोशिश की वो अपनी किसी सेटिंग से बात कर रहा था और उसे आज शाम को मिलने को कह रहा था उनकी बात चीत दो मिनिट तक चली और आखिर में उसने कहा ok जान आज शाम ठीक 6 बजे उसी जगह पर मिलते हैं जहां पिछली बार मिले थे और खूब मज़े करेंगे इसके बाद उसने कॉल काट कर किसी और को कॉल की मैं थोड़ा सा घूम कर और पास चला गया उसके मैं उसकी पीठ की ओर था इसलिए उसने ज्यादा ध्यान नही दिया और वो फोन कान पर लगाए बीयर के घूंट आए सिगरेट के कश लगाते हुए खड़ा रहा फिर उसने बात शुरू की
विनय- हां बे चूतिये मैं तो बीयर शॉप पर हूँ तू कहाँ है साले......
उधर की बातें मैं नही सुन पा रहा था पर समझ सकता है कि ये उसका कोई चेले चपाटे जैसा दोस्त होगा।
विनय- हां बे आज शाम को रानी के साथ जुगाड़ लग गया है उसी से काम चलाना पड़ेगा और वो साली निकिता आज भाई के साथ कॉलेज आयी थी कह रही थी उसके गांडू बाप को पता चल गया है हमारे अफेयर के बारे में और अब वो मुझसे नही मिल सकती ......
ये सुन के मेरा खून खौल गया मैंने एक झटके से बची हुई बीयर खत्म की और ग़ुस्से में खाली कैन को ही विनय की गर्दन समझ कर दबाने लगा।
विनय- अरे कहा यार अभी तो बस दो बार ही पेला है साली को पर है एकदम कड़क बहित मज़ेदार है मैं सोच रहा था 4-6 महीने से अच्छे से रगड़ लूं फिर तेरा भी जुगाड़ करा दूंगा लेकिन अभी तो मेरा पत्ता काट रही वो लेकिन मैं इतनी आसानी से उसका पीछा नही छोडूंगा मानी तो ठीक वरना उसकी nude pic हैं मेरे पास ब्लैकमैल करूंगा साली को हहहहह उसकी हंसी मेरे कानों में तेज़ाब बन कर उतर रही थी।
पर तभी मेरे दिमाग ने मुझे सुझाया की थोड़ा ठंड रख भाई ये वीडियो जो तू रिकार्ड कर रहा है ये तेरी सारी प्रॉब्लम सॉल्व करेगा एक ही झटके में और ये समझ आते ही मेरा गुस्सा शांत हो गया।
विनय- चल ठीक है तू शाम को 6 बजे वहीं मिल अपने अड्डे पर आज तुझे भी रानी का स्वाद चखा देता हूँ तू भी क्या याद करेगा और फिर उसने कॉल काट कर फ़ोन जेब मे डाल लिया और सिगरेट फूंकते हुए उसने मुड़ कर मेरी ओर देखा मैन लापरवाही से सर दूसरी ओर घुमा लिया और खाली कैन कूड़ेदान कि ओर उछाल कर बाइक स्टार्ट की और आगे बढ़ गया ।
थोड़ा आगे जाने पर संजय मिला उसने पूछा क्या हुआ मैंने उसे सारी बात बताई वो भी सुन कर खुश हो गया और बोला बस ये वीडियो मुझे भी दे दियो अब निकिता दीदी इसकी कंप्लेन ना भी करे तो इसे जेल भेजने लायक इंतजाम है इस वीडियो में और मैंने वो वीडियो उसे फॉरवर्ड कर दिया ।
पर अभी एक और चिंता थी मेरी उसके फ़ोन में निकिता दीदी के nude pic थे जिनके जरिये वो उन्हें बदनाम तो कर ही सकता था मैंने संजय से नजरें चुराते हुए उस से ये बात कही तो उसने भी थोड़ा नजरें चुरा कर कहा पता नही दीदी ने ऐसी गलती कैसे कर दे मैंने कहा अब ये सोचने का समय नही है यार अब कैसे भी उस गलती को सुधारना है वो pic कही आगे नही जानी चाहिए बस डिलीट होनी चाहिए उसने कुछ सोचते हुए कहा मैं चाचा से बात करता हूँ इस बारे में बात करता हूँ मैंने कहा यार संजय तू बात की गंभीरता को समझ रहा है ना ये सब बातें किसी को पता नही चलनी चाहिए वो बोला विकी तू मुझ पर भरोसा करता है या नही मैंने उसे गले लगाते हुए कहा साले भाई से बढ़ कर है तू मेरे लिए उसने कहा फिर क्यों फिक्र कर रहा है मैं सब हैंडल कर लूंगा तू ज्यादा टेंशन ना ले ।
तभी मैंने देखा विनय हमारी ओर ही आ रहा है मैंने झट से हेलमेट लगा लिया और संजय से कहा यार मैं इसके पीछे जा रहा हूँ शायद कुछ और हाथ लगे इसके खिलाफ संजय जल्दी से पीछे बैठते हुए बोला साले अकेला नही जाने दूंगा तुझे तू जानता नही ये बहोत हरामी इंसान है ।
विनय हमारे बगल के निकला और मैंने अपनी बाइक उसके पीछे डाल दी कोई आधे घण्टे हम उसकी बाइक के पीछे लगे रहे आखिर में उसने एक घर के सामने बाइक रोकी और किसी को कॉल करने लगा मैंने उस से काफी दूर बाइक रोकी और मैं भी फोन निकाल कर किसी के बात करने का दिखावा करने लगा फिर लगभग 10 मिनट बाद एक स्कूटी पर एक लड़की जो दिखने में ठीक ठाक थी वो विनय के पास पहुंची स्कूटी बंद कर के उसने विनय को सड़क पर ही हग किया और फिर विनय ने उस घर का गेट जेब से चाभी निकाल कर खोला और दोनो ने अपनी अपनी बाइक और स्कूटी अंदर करी और अंदर से गेट बंद हो गया ......
 

neeRaj@RR

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कहानी की शुरुआत तो बहुत ही जबरदस्त ढंग से हुई है । आगे देखते है
धन्यवाद मित्र
 

neeRaj@RR

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मैंने अपनी बाइक उस घर से थोड़ी दूर पर ही रोक दी थी फिर मैं संजय को वहीं रुकने को बोला और टहलते हुए उस घर के सामने से गुजरा मैंने सरसरी नजरें घुमाते हुए अच्छे से मुआयना किया गेट बंद था और गेट के बगल में 5 फ़ीट की बॉण्डरी थी बॉण्डरी के अंदर कुछ पेड़ पौधे लगे हुए थे उसके आगे बरामदा था और फिर घर का मुख्य दरवाजा ,एक गैलेरी उस दरवाजे के बगल से हो कर पीछे तक जा रही थी उस गैलेरी में कमरों की खिड़कियां खुलती थीं और फिर गैलेरी के अंत मे एक और दरवाजा था जो कि शायद पिछले कमरे में खुलता होगा और उसी के बगल से छत पर जाने की सीढ़ियां भी बनी हुई थीं मैं एक चक्कर काट कर संजय के पास आया वो मेरी ओर गौर से देख रहा था। मैंने कहा देख संजय मैं सोच रहा हूँ एक बार अंदर जा के देखूं शायद इसके कुकर्मो का कुछ और सबूत मिल जाये संजय ने कहा पर इसमे बहोत रिस्क है। ऐसे किसी के घर मे घुसना किसी ने देख लिया तो मैंने कहा यार मैं सड़क के उस ओर तक हो आया हूँ सभी घरों के गेट बंद हैं वैसे भी 7 बज रहे हैं अँधेरा हो चुका है अपनी बहन के लिए मैं इतना रिस्क उठाने को तैयार हूं ।​
कैसे भी मैं बस दीदी को इस विनय के चंगुल से निकलना चाहता था और इस टाइम बीयर का नशा भी मेरी हिम्मत को बढ़ाने में मदद कर रहा था ये सब सोच कर ही मुझे थोड़ा एडवेंचर महसूस हो रहा था और मेरा दिमाग भी अच्छे से चल रहा था मैंने अपना फोन निकाल कर साइलेंट पर डाला और वाइब्रेशन भी ऑफ कर दिया फिर मैंने कहा संजय मैं जा रहा हूँ बॉण्डरी फांद कर अंदर जाऊंगा अगर कोई और उस घर के आसपास फटके तो मुझे कॉल कर के अलर्ट कर देना मैं फोन हाथ मे ही रखूंगा और सावधान हो जाऊंगा संजय ने कहा ठीक है पर बहोत देर मत लगाना जल्दी आ जाना मैंने कहा ok ।
और मैं एक बार फिर से उस घर की ओर चल पड़ा घर के सामने पहुंच कर मैंने चारो ओर नजर मारी पर दूसरी ओर के 3 घर आगे चौथे घर की बालकनी में एक 16-17 साल की लड़की मुझे ही देख रही थी ।
और वो देखती भी किसे उस सड़क पर एक मात्र मैं ही था मैंने चाल धीमी कर ली पर वो फिर भी मुझे देखती रही मैंने दो तीन बार उसकी ओर देखा हर बार उसकी नजर मुझ पर ही जमी दिखी आखिर मुझे उसे वहां से हटाए बिना उस घर मे दाखिल होना मुश्किल दिखने लगा तो मैंने उसके घर के सामने पहुंच कर सड़क के किनारे लगे हुए एक पेड़ के पीछे बनी हुई नाली के पास खड़े हो कर पैंट की ज़िप खोली और लौड़ा निकाल कर मूतने लगा मैंने जानबूझ कर ऐसा एंगल लिया कि मेरा लंड उसे दिखता और जैसे ही उसकी नजर मेरे लंड पर पड़ी वो वहां से भाग कर अंदर चली गयी फिर भी तसल्ली कर लेने के लिए मैंने सच मे पेशाब किया और फिर ज़िप बंद कर के एक बार फिर अच्छे से चारो ओर का जायजा लिया किसी को मौजूद न देख कर मैंने फुर्ती से उस घर की ओर रुख किया और बॉण्डरी पर हाथ जमा कर उछल कर ऊपर चढ़ गया और धीरे से अंदर कूद गया।
कुछ सेकेंड्स तक वही चुपचाप बैठे रहने के बाद मैं झुके हुए साइड वाली गैलेरी में आया एक के बाद एक तीन कमरे बने हुए थे और पहला कमरा पार कर के दूसरे कमरे के सामने पहुंचते ही मुझे अंदर से कुछ आहट आयी मैंने खिड़की के पास नीचे बैठ गया और धीरे से खिड़की चेक की खिड़की पर ग्लास लगा हुआ था अंदर लाइट्स जल रही थीं पर इस गैलेरी की लाइट्स ऑफ थीं तो बाहर अंधेरा था मैंने सर उठा कर कोने से अंदर देखा तो अंदर विनय एक सोफे पर पसरा हुआ सा पड़ा था और वो लड़की रानी उसके सामने वाले सोफे पर बैठी हुई थी वो कुछ बात कर रहे थे पर वो मुझे स्पष्ट नही सुनाई दे रही थी। मैं चुपचाप देखने लगा कुछ देर बाद विनय ने अपना फोन निकाला और किसी से बात करने लगा तभी मेरे नंबर पर संजय का कॉल आने लगा मैंने खिड़की से कुछ दूर जा कर कॉल रिसीव की तो संजय बोला यार एक लौंडा उधर ही आ रहा है मैंने कहा ठीक है आने दो और कॉल काट दी मैं आगे जा कर आखिर में बनी हुई सीढ़ियों पर छुप गया और गर्दन निकाल कर झांकने लगा मेरा आईडिया सही निकला तभी विनय गेट के पास नजर आया उसने गेट खोला और एक लड़का अंदर आया वो कोई 22-23 साल का बड़े बड़े बिखरे वालों वाला शक्ल से ही लफंगा सा दिखने वाला लौंडा था उसके अंदर आने पर विनय ने गेट बंद किया और फिर वो दोनो अंदर चले गए।
उनके अंदर जाते ही मैं एक बार फिर उस खिड़की पर आ कर जम गया मैंने देखा कि वो दोनो उस कमरे में आये और विनय ने रानी और उस लड़के का इंट्रो कराया फिर उस लड़के ने अपनी शर्ट में छुपा कर पैंट में फंसा रखी शराब की बोतल निकाली और वो बोतल रख कर वो उठ कर सामने नजर आ रहे दरवाजे के उस पार चला गया जब वो वापस आया तो उसके हाथों में 3 ग्लास और पानी की बोतल थी ।
ये सब देख कर फोन का कैमरा ऑन किया और अंदर की रिकार्डिंग करने लगा ।
उस लौंडे ने बोतल खोल कर तीनो ग्लास में शराब डाली और फिर पानी से भर दिए उसने एक ग्लास उठा कर विनय को दिया दूसरा रानी को और तीसरा खुद ले कर एक सोफे पर बैठ गया वो तीनो बातें करते हुए शराब पी रहे थे अपना अपना गिलास खाली कर के विनय उठा और रानी के पास आ कर उसके गले मे पड़ा दुपट्टा हटा दिया अब मैंने गौर से उस लड़की को देखा वो ठीक थी साधारण शक्ल सूरत की पर हल्का मेकअप कर के उसने को खुद खूबसूरत दिखाने की कोशिश की हुई थी जिसमे वो कुछ हद तक सफल भी थी उसने पीले कलर का सलवार सूट पहन रखा था विनय ने उसके कुर्ते के ऊपर से ही उसके सीने पर हाथ फिराना शुरु कर दिया था मेरी नजरे भी उसके सीने के मुआयना करने लगी उसके हृष्ट पुष्ट चूचे कसी हुई कुर्ती में नजर आ रहे थे उन पर हाथ लगते ही वो नशीली आंखों से विनय को देखने लगी देखते ही देखते विनय ने उसकी कुर्ती पकड़ कर ऊपर खींचते हुए निकाल दी और अब वो सिर्फ ब्रा में बैठी हुई थी ब्रा में कसे उसके सुडौल वक्ष देख कर मेरा भी लंड हरकत में आने लगा जीवन मे पहली बार किसी लड़की को सामने से इस तरह से देख रहा था।
पोर्न देखी थी कई बार पर वास्तविकता में और स्क्रीन पर देखने मे कुछ तो अंतर होता है और वो मुझे स्पष्ट महसूस हो रहा था दीदी की प्रॉब्लम विनय का हरामीपन सब मेरे दिमाग से निकल चुका था अभी बस मुझे अंदर के गरम दृश्य उत्तेजित कर रहे थे ।
उधर विनय के हाथ अब रानी के ब्रा के कप्स के अंदर घूम घूम कर उसकी चुचियो को मसल रहे थे रानी के चेहरे के भाव साफ चुगली कर रहे थे कि वो कितना एन्जॉय कर रही है फिर रानी ने विनय की पैंट की ज़िप और बटन खोलने शुरू कर दिए और विनय की पैंट खोल कर घुटनो तक सरका दी और और उसकी अंडरवियर के उपर से उसके लंड पर हाथ फिराने लगी उधर विनय ने रानी की ब्रा के हुक खोलते हुए उसे जल्दी से उसके जिस्म से निकाल फेंका और रानी की नंगी चुचियाँ देख कर विनय के साथ साथ मेरा लंड भी एकदम कड़क हो गया मैं एक हाथ से फ़ोन सम्हाले हुए अंदर के दृश्यों को अपने फोन में कैद करते हुए दूसरे हाथ से अपनी ज़िप खोल के अपने ऐंठे हुए लंड को बाहर निकालने की कोशिश करने लगा।
जल्दी ही मुझे सफलता मिल गयी और अब मेरा अकड़ा हुआ लंड मेरी मुट्ठी में था जिसे मसलते हुए मैं अंदर के गरमा गरम दृश्य का आनंद लेने लगा विनय अब रानी के भूरे कड़े निप्पल अपनी उंगलियों में दबा दबा कर मसल रहा था और रानी ने भी देर ना करते हुए विनय के लंड को अंडरवियर की कैद से आज़ाद कर दिया उसे हाथों से सहलाते हुए ललचाई नजरो से देखने लगी विनय लंड था भी जबरदस्त लगभग 8 इंच लंबा और अच्छा खासा मोटा वो एकदम सख्त हो कर झटके ले रहा रहा और रानी अपने गोरे नाजुक हाथों से उसकी मुठ मार रही थी.....
तभी विनय ने एक हाथ रानी के सर पर रखा और उसे अपने लंड पर झुकाने लगा उसकी मंशा समझते ही रानी ने खुद की अपने होंठ विनय के फूले हुए सुपाड़े पर चिपका दिए और आंखे मूंद के उसका स्वाद लेने लगी धीरे धीरे वो अपने सर को हरकत देते हुए लंड को और अंदर लेते हुए जोर लगा कर चूसने लगी और विनय आंखे बंद कर के उसकी जीभ और होंठो के स्पर्श का सुख महसूस करने लगा .....
अपना लंड मुठियाते हुए एक पल को मेरे मन मे आया काश मैं विनय की जगह होता और ये लौंडिया मेरा लौड़ा चूस रही होती ..... पर ये महज एक ख्याल ही था कुछ देर में एक और ख्याल मेरे दिमाग आया कि दीदी के साथ भी ये सेक्स कर चुका है तो क्या मेरी निकिता दीदी भी इसी तरह विनय का लंड चूसी होंगी और ये सोचते ही मेरे बीयर के नशे में डूबे दिमाग ने एक काल्पनिक छवि बना दी जिसमे मेरी निकिता दीदी रानी की तरह ही नंगी हो कर विनय का मोटा लंड चूस रही थीं और वो छवि खयालों में देखते ही मेरे लंड से वीर्य की एक तेज बौछार निकलने लगी लगातार एक के बाद एक तेज पिचकारियां मारने के बाद मेरे लंड का तनाव जरूर कम हुआ पर सामने की दीवार और जमीन मेरे गाढ़े बीर्य से तर ब तर हो गयी मैंने खुद को सम्हाला और अंदर ध्यान दिया ......
रानी सोफे पर कुतिया बनी हुई थी और उसकी पैंटी फर्श पर पड़ी थी और विनय पीछे से उसके चूतड़ पकड़ कर तेज तेज धक्के लगाते हुए उसे ठोंक रहा था और वो दूसरा लौंडा रानी की मुह की पास घुटनो पर खड़ा हुआ था और रानी उसका लंड तल्लीनता से चूसते हुए अपनी चूत विनय के मूसल जैसे लंड से कुटवा रही थी .....
ये देख कर मेरे दिमाग मे फिर से विचार आने लगा क्या दीदी भी ऐसे ही विनय से ..... उफ्फ मेरे दिमाग मे गुस्सा भरने लगा और नफरत भी विनय के प्रति, कोई 7-8 मिनट तक अच्छे से रानी को ठोकने के बाद विनय उसकी चूत में ही झड़ गया और लंड निकाल कर सोफे पर पसर कर एक सिगरेट सुलगा ली और कश लेने लगा उधर वो लौंडा अब विनय की जगह आ गया उसने रानी की पैंटी से उसकी चूत पोंछि और अपना 5 इंच का छोटा सा लंड उसकी चूत में डाल कर उछलने लगा पर दो मिनिट में ही वो खल्लास हो गया और वो भी आ कर एक सोफे पर बैठ गया रानी भी सोफे पर बैठ कर सुस्ताने लगी मैंने ये रिकार्डिंग सेव की अब यहां रुकना बेकार भी था और खतरनाक भी मैंने खिड़की से थोड़ा दूर जा कर संजय को कॉल लगाई उसने झट से रिसीव की और बोला सो गया क्या उधर ही मैंने कहा मैं बाहर आ रहा हूँ उधर सब क्लियर है ना वो बोला हां सड़क पर कोई नही है आजा मैं जल्दी से बॉण्डरी फांद कर बाहर आ गया और तेजी से चलता हुआ संजय के पास पहुंचा उसने बाइक स्टार्ट कर रखी थी मैं पीछे बैठा और हम निकल गए वहां से ।
थोड़ी दूर आने पर उसने पूछा कुछ फायदा हुआ इतना रिस्क लेने का या नही ....? मैंने कहा अबे फायदा छोड़ खजाना मिल गया समझ ले अब तो विनय हमारे इशारे पर नाचेगा और नाक रगड़ेगा हमारे सामने वो आश्चर्य से बोला ऐसा क्या हो गया बे मैंने कहा बाइक रोक तो दिखाऊँ उसने एक खाली जगह पर बाइक रोकी मैं नीचे उतरा और फोन निकाल कर वो वीडियो प्ले कर के फ़ोन उसे दे दिया संजय ने पूरी 20-22 मिनट की वीडियो गौर से देखी और खुशी से उछलता हुआ बोला मान गया यार तू तो बड़ी कमीनी चीज है साले विनय को एक झटके में ही चित कर दिया वो बोला ये वीडियो मुझे भी दे दे मैं चाचा को सेंड कर देता हूँ कल ही इस साले को थाने बुला कर इसकी गांड़ में डंडा दिलवाता हूँ मैंने वो वीडियो सेंड की और तभी पापा का कॉल आ गया 8 बजने वाले थे और मैं इतनी रात को कभी घर से बाहर नही होता तो वो थोड़ा गुस्से से बोले कहाँ आवारागर्दी हो रही है ये कोई वक़्त है बाहर रहने का ?
मैंने कहा पापा वो संजय के साथ एक गाइड लेने आया था वो कहीं मिल नही रही थी इसलिए चौक मार्केट की एक दुकान तक आना पड़ा ये बड़ी दुकान है यहां मिल सकती है पर रास्ते मे बाइक पंचर हो गयी वही बनवाने में टाइम लगा गया बस मैं घर पहुंच ही रहा हूँ .....
मेरे जवाब से थोड़ा संतुष्ट होते हुए बोले एक कॉल कर ये बात घर मे किसी को बता भी सकते थे तुम हम सब को फिक्र हो रही है तुम्हारी और सब से निकिता फिक्रमंद हो रही है तुम्हारे लिए मुझे ऐसा लग रहा है आज कुछ हुआ जो तुम दोनों छिपा रहे हो मुझसे जल्दी घर आओ मुझे बात करनी है तुमसे ....
मैं बात बदलते हुए बोला ऐसा कुछ नही पापा कोई बात नही हुई सब ठीक है मैं बस आ ही गया मैंने संजय को किक मारने का इशारा करते हुए फ़ोन काटा और संजय को उसके घर ड्राप कर के मैं घर आ गया मम्मी ने दरवाजा खोला और धीरे से बोली पापा गुस्से में हैं ज्यादा बहस मत करना उनसे मैं धीरे से सर हिलाते हुए अंदर घुसा और पापा के सामने आ कर बैठ गया अपना आत्मविश्वास समेट कर।
पापा ने फौरन पहला सवाल दागा आज कॉलेज के रास्ते में कहीं कोई मिला था क्या ये निकिता कुछ घबराई सी लग रही है
मैंने थूक निगलते हुए बड़ी सफाई से झूठ बोला ऐसे कोई मिला तो नही पर मैं तो बाइक चला रहा था शायद निकिता दीदी को कोई मेरा मतलब है वो विनय दिखा हो या कोई बात हो बाकी मैं तो आराम से उन्हें उनके कॉलेज ड्राप कर के उनके कॉलेज के अंदर जाने के बाद अपने स्कूल चला गया था पापा ने मेरी आँखों मे देखा घूर कर पर मैं वैसे ही उन्हें देखता रहा फिर वो सर हिलाते हुए बोले बेटा कोई बात हो तो मुझसे मत छुपाना मैं उस विनय से डरता नही हूँ साले की पुलिस में शिकायत करूंगा दिमाग सही करवा दूंगा उसका (अब मैं उन्हें क्या बताता की यहां मैं पहले ही उसके क्रियाकर्म का सारा इंतजाम किए बैठा हूँ) पर मैंने सर हिला कर अच्छे बच्चे की तरह उन्हें जवाब दिया ठीक है पापा और वो उठ कर अपने रूम में चले गए।
मैं भी उठा और सीधा दीदी के रूम मे गया वो लेटी हुई थी कुछ गुमसुम सी मुझे देख कर उठ कर बैठ गईं और पूछने लगी कहाँ गायब थे इतनी देर मुझे बड़ी फिक्र हो रही थी तेरी?
मैं उनके पास ही बैठ गया बेड पर और मुस्कुरा कर बोला बस आपकी समस्या का हल ढूंढ रहा था और मिल भी गया ..... आपने दोपहर में कहा था ना आप प्यार करती हो विनय से अच्छी बात है पर वो आपके बारे में क्या सोचता है पता है आपको ?
दीदी हैरानी से मेरा मुह देखने लगी और बोली वो मुझसे बहोत प्यार करता है मेरा चेहरा थोड़ा गुस्से से तमतमाने लगा मैंने फोन निकाल कर बीयर शॉप के बाहर रिकार्ड हुआ वीडियो प्ले कर के फोन दीदी के हाथ मे थमाया और गुस्से से कहा देख लो उस कुत्ते का अपने प्रति प्यार और फिर भी अक्ल ना आये तो कल चली जाना उसके पास वो हमारे पापा को गाली दे रहा मुझे मारने की धमकी दे रहा है यहां तक कि तुम्हारे बारे में कितनी शर्मनाक बातें बोल रहा है अपने दोस्तों से और तुम्हारे सर पर उसके प्यार का भूत सवार है इतना बोल कर मैं चुपचाप उनके रूम से निकल कर अपने रूम में आ गया .......
मुझे पता था वो वीडियो खत्म होते ही अगली वीडियो प्ले हो जाएगी रानी विनय और उस लौंडे की सामूहिक चुदाई की और मैं नही चाहता था कि दीदी मेरे सामने वो गंदी वीडियो देख कर शर्मिंदा हों पर ये भी चाहता था कि दीदी वो देखें और विनय के बारे में उनकी सोच बदल उसका असली चेहरा उनके सामने आ जाये और उनके दिल से उस कमीने के लिए प्यार खत्म हो जाये और वो उस से नफरत करने लगें ......
यही सब सोचते हुए मैंने चेंज किया और बिस्तर पर लेट गया तभी मम्मी ने खाने के लिए आवाज़ दी और मैं उठ कर डाइनिंग टेबल पर आ गया पापा पहले से वहां थे मम्मी ने दीदी को दो आवाज़ें दी तो वो भी आ गईं पर उनका चेहरा फक्क था वो बहुत टेन्स थीं उनकी हालत की वजह सिर्फ मुझे पता थी फिर हमने खाना खाया दीदी ने भी जैसे तैसे एक दो रोटियां निगल ली और तबियत सही ना होने का बहाना कर जल्दी ही अपने रूम में चली गईं।
मैं भी खाना खत्म कर के अपने रूम में आ गया और लेट कर सोचने लगा कि कल के दिन में संजय के चाचा से मिल कर ये झंझट खत्म करवा दूँ और मेरे परिवार की खुशियां वापस आ जाएं।
मैं लगभग सो ही गया था ये सब सोचते हुए तभी मुझे लगा कोई मुझे हिला रहा है आंख खोल कर देखा तो दीदी मुझ पर झुकी हुई मुझे जगा रही थीं मैं फौरन उठ बैठा पर उनके यूँ झुकने से मेरी नजर सीधा उनकी नाइटी के अंदर झूल रहे गोरे सुडौल चूचो पर पड़ी और मेरे लंड में जरा सी हरकत हुई पर मैने अपनी नजर हटाते हुए उनकी आंखों में देखा और आंखों ही आंखों में सवाल किया कि क्या हुआ?
दीदी मेरे पास में बैठ कर मेरा फोन वही बिस्तर पर रख दीं और बोली विकी तुम सही कह रहे थे ये विनय तो एक नम्बर का गिरा हुआ नीच इंसान है मुझसे कितनी कितनी प्यारी बातें कर के मुझे फंसा लिया पर इसकी सोच और बातें कितनी घटिया हैं।
इतना कह कर वो चुप हो गयी और मेरी ओर देखने लगी ।
मैंने कहा मैं और पापा जब आपको समझा रहे थे तब तो आपको हम सब गलत और वो हरामी सही लग रहा था इसलिए मुझे कितने खतरे उठा कर ये वीडिओज़ हासिल करनी पड़ी अगर विनय जान जाता तो मुझे जान से मार देता (ये बात मैंने सिर्फ खुद को तीस मार खान साबित करने के लिए कही थी) पर मेरी बात सुन कर दीदी की आंखों से आंसू टपकने लगी और उन्हें मुझे अपनी बाहों में भरते हुए कस के सीने से लगा लिया और बोली मैं उस विनय का खून ना कर देती अगर वो मेरे भाई को हाथ भी लगाता ..... ये सुन कर मेरे होंठो पर मुस्कान आ गयी दीदी का ये प्यार मुझे अंदर तक गुदगुदा गयी और उधर उनकी मोटी मोटी चुचियाँ मेरे सीने में घुसी हुई थी उनकी गर्माहट मुझे महसूस हो रही थी ।
मैंने भी दीदी को बाहों में जोर से कस लिया और बोला ओह दीदी इतना प्यार करती हो तुम मुझसे वो बोली बस एक तू ही इकलौता भाई है मेरा और मेरी बातों को समझता है तुझसे नही तो किस से प्यार करूँ मैं उन्हें चिढ़ाते हुए बोला क्यों विनय से प्यार खत्म हो गया क्या ......? उसका नाम सुन कर वो झटके से मुझसे अलग हुई और नाम मत लो उस कुत्ते का मेरे सामने साले ने मुझे खराब कर दिया और वो फूट फूट कर रोने लगी मैंने उन्हें सांत्वना देते हुए कहा.... दीदी प्लीज अब रो मत उस से कुछ नही होगा जो होना था हो चुका अब बस ये सोचो कि आगे कैसे निपटा जाए उस से दीदी ने सिसकते हुए कहा उस कमीने के पास मेरे pic हैं कहीं उसने उन्हें वायरल कर दिया तो पापा मुझे जान से मार देंगे मैंने कुछ सोचते हुए कहा ऐसा कुछ नही होने दूंगा दीदी मैं आप मुझ पर यकीन करो चाहे जो करना पड़े पर अब आपके साथ कुछ और बुरा नही होने दूंगा दीदी मेरी आँखों मे देखने लगी और विश्वास के साथ बोली ठीक है विकी तुम जो कहोगे मैं करूंगी तुम्हारा साथ दूंगी पर अब इस मुसीबत से मुझे निकालो मैंने कहा अब तो विनय के खिलाफ कंप्लेन दोगी ना वो बोली पर मेरे pic मैंने उनकी बात काटते हुए कहा आप भूल रही हो उसके पास pic हैं तो मेरे पास वीडियो वो भी एकदम hd क्वालिटी में ये सुन कर दीदी के गाल लाल हो गए मैं समझ गया दीदी वो वीडियो देख चुकी हैं
तभी संजय का कॉल आया मैंने कॉल रिसीव की तो उसने बताया कि चाचा से बात हो गयी उन्हें वो वीडियो भी सेंड कर दिया है चाचा कह रहे थे कल उसे थाने बुला कर ऐसी माँ चोदेगे उसकी वो सारी जिंदगी याद रखेगा .....
मैंने कहा दीदी भी उसके खिलाफ लिखित शिकायत दे देंगी वो खुश हो कर बोला फिर तो पक्का उसका पुलंदा बांध देंगे चाचा मैंने कहा थैंक्स मेरे भाई उसने एक मोटी सी गाली दे कर कहा भोसड़ी के अपना थैंक्स अपनी गांड़ में डाल लें बस ये सब निपट जाए तो एक बीयर पिला दियो मैंने कहा एक नही बे जी भर के पी लियो फिर मैने कॉल काट के दीदी को सब बताया और सब सुनने का बाद दीदी कुछ निश्चिंत हुई फिर मैंने कहा दीदी अब आप जा कर आराम से सो जाओ हो कल सब ठीक हो जाएगा ।
दीदी ने मुस्कुरा कर मेरी ओर देखा उनके चेहरे पर शुक्रिया अदा करने के भाव थे मैंने उनकी खूबसूरत आंखों में देखते हुए उनके नरम नरम हाथ पकड़ कर दबा दिए और फिर वो उठ खड़ी हुई और अपने कमरे में चली गयी और मैं भी पता नही कब नींद के आगोश में चला गया .....।
 
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