मजा कच्चे केले का
लेकिन अभी तो पार्टी शुरू हुयी थी और हाँ जो बॉर गर्ल्स थी उनमे से भी कुछ ने पार्टी ज्वाइन कर ली थी, क्योंकि लड़कियां पहले से कम थी और करीब चार पांच तीन बार चुद के हार मान चुकी थीं, कुछ लड़के भी थक गए थे,मैं भी तीन से चुद चुकी थी, जावेद, बंटू और उस्मान और दो का पिछवाड़े ले चुकी थी, जावेद और मुन्ना, तो कुल पांच, लेकिन चार बार चुद चुकी लौंडिया भी कई थीं, मैं कनखियों से लड़कियों की जाँघे देख रही थी, बताया तो था। परमानेंट मार्कर, गुलाबी आगे, बुर रानी के लिए और काला क्रास पीछे चूतड़ पे, पिछवाड़े के लिए। दो तीन लड़कियों के गुलाबी दरवाजे पे चार गुलाबी मार्कर के निशान थे, साजिदा मेरी कोचिंग की डीपी ( डबल पेलाई) क्वीन के चार निशान थे, दो आगे दो पीछे, मतलब दो बार डीपी हुयी थी।
लेकिन प्रीति मुझसे अभी भी आगे थी, अगवाड़े उसके चार और पिछवाड़े दो निशान थे। लड़को की भी यही हालत थी, दो दर्जन आये थे, करीब एकदम पस्त हो गए थे, दो तीन राउंड के बाद, कुछ मुश्किल से एक दो राउंड के लिए रेडी थे लेकिन वो भी अभी सुस्ता रहे थे, हाँ आठ दस लौंडे अभी भी गरमाये थे, खूंटा खड़ा, और वो सब मेरे चक्कर में,
लें एक तो आधे घंटे बाद बार और फ़ूड स्टाल बंद होने वाले थे और दूसरे आधे घंटे का ब्रेक अनाउंस हो गया था, मतलब चोदा चोदी नहीं हो सकती, न अगवाड़े न पिछवाड़े, हाँ चुम्मा चाटी पर कोई रोक नहीं, और चुम्मा चाटी में चुसवाना चूसना भी शामिल था।
बार और स्टाल इसलिए भी बंद होने थे की बार बालाएं और बाउंसर भी भी मस्ती की पाठशाला ज्वाइन करने वाली थी, वरना बेचारे लड़के और उनके मूसल बिल ढूंढते रहते,
लेकिन वो बस वाली बाउंसर, उसने मेरे कंधे पे छुआ और एक लौंडे की ओर इशारा किया,
" स्साला चिकना, ये वो वही है, जिसकी आज पहली पार्टी है और बस में हम लोगों के साथ था, हाईस्कूल पास कर के जस्ट ज्वॉयन किया है २ साल वाले कोर्स में, लगता है दूध के दांत भी नहीं टूटे और शार्ट उसकी अभी नहीं उतरी, ऐसे टांग पे टांग चढ़ा के बैठा है जैसे कोई उसकी ले लेगा " मैं उस बाउंसर से बुदबुदायी, और खिखिलाते हुए वो बोली,
" एकदम स्साला भी तक बचा है और इस पार्टी में आके भी भी कोई बिना नथ उतरवाए चला जाए, ये तो तेरी भी बेइज्जती है और पार्टी की भी अब पटा ले इसे, ये पार्टी का चैलेन्ज है, खा ले कच्चा केला " हँसते हुए वो बाउंसर बोली, अब वो भी अपना लबादा उतार के छोटी सी ब्रा पैंटी में थी।
और मैंनेभी तय कर लिया था की कच्चे केले को गटके बिना छोडूंगी नहीं, कच्चे केले का मजा है अलग है, जैसे लौंडे कच्ची अमीया, कच्ची कली के दीवाने होते हैं वैसे ही लड़कियां भी, कच्चे केले के लिए,
और मैं सीधे से जाके उसके गोद में बैठ गयी, चुन्नू के (उसका घर का नाम भी मुझे रानी ने बता दिया था ।
सच में चैलेन्ज की बात ही थी,
और अपने चूतड़ को उसके शार्ट के ऊपर रगड़ते मैं बैठ गयी, और मुस्करा के उसकी ओर देखा, और वो भी मुस्करा दिया, लेकिन सबसे ज्यादा अच्छी बात थी, उसके शार्ट में जो पहलवान था वो भी ख़ुशी से उछल गया, कुछ तो रानी ने बताया,कुछ अब मैंने अंदाज लगा लिया, और ये साफ़ था इस बच्चे का बच्चा इत्ता छोटा भी नहीं था, हाँ मेरे भतार ( या भाई ) ऐसा नहीं था तो वैसा तो किसी का भी नहीं है। ६ इंच से ज्यादा ही रहा होगा, मोटा भी ठीक ठाक और वैसे भी मैंने तय कर लिया था की अब मुझे लम्बी रेस का घोडा नहीं चाहिए, रानी की लिस्ट से तीन का मैं घोंट चुकी थी,
तब तक एक सिगरेट बाला गुजरी, और उसने खुद मुझे एक सिगरेट पास भी कर दी और सुलगा भी दी, मैं समझ गयी ये पेसल वाली है जो अजय जीजू मुझे पिला चुके थे,
" हे मैं सिगरेट नहीं पीता" वो बालक जोर से चिल्लाया, जिसकी गोद में मैं बैठी थी, और जिस स्साले की नथ उतारनी थी, और main मुस्कराके आँख मार के उसके गाल पे चपत लगा के बोली
" " अबे स्साले तुझे पिला भी कौन रहा है । "
क्या जबरदस्त सुट्टा था, स्साला एकदम बुर में आग लगा देने वाला, लंड को पागल कर देने वाला, लेकिन एक बूँद धुंआ भी मैंने अंदर नहीं घोंटा, एक बार और, फिर मेरे गाल उस नशीले धुंए से भर गए थे, आँखे लाल हो रही थीं, लेकिन मैंने एक सुट्टा और मारा, अबकी पहले से भी तगड़ा, आधी सिग्गी ख़तम, और जबतक वो छोरा समझे समझे, मेरे होंठ उसके होंठ पे, और ये चुम्मा बहुत नशीला होने वाला था। उसके दोनों मालपुआ छाप गालों को मैंने कस के दबाया, लौंडे के होंठ खुले और मेरे होंठ भी और मेरे मुंह का सारा नशीला धुँआ, उसके मुंह में। जैसे फेविकोल का जोड़ हो, मेरे होंठ चुन्नू के होंठ से चिपके थे, और जब तक सब नशे का धुँआ, मेरे मुंह से उसके मुंह में नहीं चला गया, और उसके बाद भी,। मेरे दोनों हाथ कस के उस स्साले चिकने के सर को दबोचे थे, और ज्वाइंट का नशा उसके सर में, शिराओं और धमिनियों में, उसके मन में। मैं समझ रही थी कितना जबरदस्त उबाल आ रहा होगा और पांच दस मिनट में तो उसकी सब लाज शर्म, झिझक उसके पिछवाड़े, अरे स्साला कोचिंग की पार्टी में आया है बिना लौंडिया चोदे चला जाएगा,
जब मेरे होंठ हटे, तो चुन्नू की आँखे भी लाल हो रही थीं और वो सोचने की, बोलने की हालत में नहीं था, बची हुयी सिग्गी मैंने उसके मुंह में खोंस दी और उसके शार्ट को पकड़ के उसे बार पे, ले गयी,
" नहीं नहीं, मैं ये सब नहीं लेता और यहाँ कुछ सॉफ्ट ड्रिंक्स हैं नहीं, नारियल पानी सोडा लाइम, मॉकटेल " बेचारा चुन्नू।
" अबे तू नहीं पीता लेकिन मैं तो पीती हूँ, " और मैंने बार गर्ल्स से कान में नीली वाली गोली मांगी।
वियाग्रा १०० भी थी लेकिन सामने नहीं और ऑन डिमांड दी जाती थी और सारे लौंडे एक दो राउंड के बाद तो ले ही ले ते थे
बस वो एक नीली गोली, और वोडका प्योर,
आँखे बंद मैं बोली
उसने अच्छे बच्चे की तरह आँख बंद कर ली,
मुंह खोल स्साले, मैंने हड़काया
और उसने लड्डू खाने की तरह मुंह खोल दिया और पहले तो नीली गोली, फिर एक पेग पूरा वोदका और गोली अंदर, और मैं जोर से मुस्करायी,
अब ये स्साला न सिर्फ मुझे बल्कि दो चार को और चोद के ही घर जाएगा और अब नंबरी चोदू बनेगा, मेरे होंठों ने उसके होंठ दबा रखे थे और एक हाथ चुन्नू के शार्ट के अंदर और एक झटके में चमड़ा खींच के सुपाड़ा बाहर
लेकिन मैंने शार्ट उसकी नहीं उतारी और वहीँ बगल में खाली पड़े एक सोफे पे बैठ गयी, और उसको कस के चुम्मा लेके उसका शार्ट खींच के दूर फेंक दी जहाँ एक बार बाला ने कैच कर लिया, ( नियम ये था की जो भी शार्ट या स्कर्ट कैच करेगा, अगली चुदाई उसके साथ )
और फनफनाया खूंटा पकड़ के बोली, " अबे स्साले, उतारना इसलिए था की पता करूँ की तू चुन्नू है की चुन्नी, तेरी नूनी है की लौंड़ा, अच्छा खासा औजार लेकर लौडियों की तरह शरमाता है "
" आप मुझ से बड़ी है, आप को देख के कर मेरा, " बड़ी मुश्किल से शर्माते हुए वो बेचारा चिकना बोला, और उसके गाल को काट के मैंने चिढ़ाया
" अबे स्साले, अब दीदी मत बोल देना मुझे। और बोल भी देगा तो मैं पक्की भाईचोद हूँ, और तुझे बहनचोद बना के रहूंगी । और तेरी कोई बहन वहन है की नहीं पेलने लायक, "
" है, लेकिन अभी छोटी है, बस चौदह , " वो अब कुछ खुलते खुलते बोला, लेकिन मैंने उसकी बात बीच में काट के कस के मुठियाते हुए, छेड़ा
" अबे, आगे मत बोल, मतलब पक्की चोदने लायक है ये बोल चूँचिया कैसी हैं स्साली की, नाम क्या है "
" चुन्नी, अभी छोटी हैं, समझिये टिकोरों की तरह" वो मुस्करा के बोला।
" अरे फिर तो एकदम पेलने के लिए तैयार है, अबकी कोचिंग में फिर मिलूंगी न तो उसके पहले उसकी फाड़ देना, वरना मैं खुद उसके ऊपर कोचिंग के दस लौंडे चढ़वा दूंगी " हँसते हुए मैंने उकसाया, लेकिन फिर मेरी बोलती बंद हो गयी, इत्ता मस्त खूंटा खड़ा था, चोद सकती नहीं थी अभी ब्रेक चल रहा था, लेकिन चूसने पर कोई पाबंदी नहीं थी, तो झुक के लालपाती जीभ से मैंने पहले तो उस स्साले के सुपाड़े को सलाम किया, उसके पेशाब के छेद को चाटा और वो चुन्नी का भाई गिनगीना गया,
'गप्प' लीची ऐसा मीठा रसीला सुपाड़ा मेरे मुंह में और मैं आराम से चुभलाने लगी। और चुन्नू का हाथ खींच के अपने जोबन पे, इस स्साले को सीखने में टाइम नहीं लगेगा, अब मेरे बाद वो बार बाला जिसने उसकी नेकर कैच की थी और साजिदा दोनों आँख गड़ाए बैठीं थी, बिना इसका पानी पिए जाने नहीं देंगी।
चुन्नू मेरी चूँची दबा रहा था, और मैं चूस भी रही थी, मुठिया भी रही थी, कभी लम्बे नाखुनो से उसके बॉल्स को छेड़ देती ततो वो सिसक पड़ता
और उसी समय ब्रेक ख़तम होने का सिंग्नल बजा और चुन्नू सोफे पे और गुड्डी उसके ऊपर, और बिना चोर सिपहिया के पूरी ताकत से उसका पहले तो मैंने खूंटा राजदुलारी के मुंह में सटाया और सट्ट से अंदर, एक बार में आधे से ज्यादा। जैसे किसी कच्ची कली को कोई तगड़ा मरद जबरदस्ती पेलता है, उसी तरह उसके ऊपर चढ़ के मैं उसे कचर रही थी, कचकचा के उसके होंठ काट रही थी, अपनी दोनों चूँचियाँ उसके सीने पे रगड़ रही थी, और गरिया रही थी,
" स्साले अगर अगले दस दिन में तूने उस चुन्नी को अपनी बहिनिया को अपना लंड नहीं घोटाया तो मुट्ठी से तेरी गाँड़ मार लूंगी"
वो हलके से मुस्कराया, मतलब स्साला बहन चोदने के लिए एक अच्छे आदर्श भाई की तरह तैयार हो गया। बस मारे ख़ुशी के उसके दोनों कंधो को पकड़ के वो जबरदस्त धक्का मारा की बाकी खूंटा भी मेरे अंदर, और अब बिना धक्के के मैं सिर्फ पूरे घुसे लंड को निचोड़ के कभी छोड़ के उसे पागल कर रही थी, साजिदा मुझे देख रही थी और कुछ इशारा कर रही थी,
उसका यार हामिद मुझे देख के पगला रहा था, और साजिदा उसी की सिफारिश कर रही थी, और साजिदा का मन मेरे वाले कच्चे केले पर भी आ गया था।
पास से एक होस्टेस ड्रग्स की ट्रे गले में टाँगे गुजारी और मैंने इशारा किया और मुंह खोल दिया, कच्चे केले को चुदते देख के वो भी मुस्करा रही थी, बस उसने मेरे खुले मुंह में बजाय एक के इ की दो गोलियां,
और वो घुलें उसके पहले मेरी चुम्मी चुन्नू के साथ और एक गोली उसके मुंह में और हामिद को इशारे से बुला के डीप फ्रेंच किस और इ की दूसरी गोली भी हम दोनों के मुंह में घुल गयी, और उसके साथ ही हामिद का खूंटा मेरे मुंह में और मैंने कस कस के नीचे लेते चुन्नू को धक्के मारने शरू कर दिए, मेरा एक जोबन चुन्नू के हाथ में और दूसरा हामिद के पास, अब चुन्नू भी उतना अनाड़ी नहीं था, वो भी धक्को का जवाब धक्के से दे रहा था,
लेकिन असली चुदवैया बनने के लिए उसका ऊपर आना जरूरी था, एक पल के लिए मैंने हामिद को हटाया और ऐसी पलटी मारी की चुन्नू ऊपर मैं नीचे,
कुछ वियाग्रा का असर कुछ एक्स्टसी का, और कुछ इत्ती देर से दर्जनों राउंड चुदाई को देखने का, अब वो भी हचक हहक के पेल रहा था ुर मैंने भी नीचे से चूतड़ उठा उठा के धक्के मार रही थी, लेकिन साथ ही हामिद का खूंटा कही सहला के कभी चूस के अगले राउंड के लिए तयारी कर रही थी,
वो बार बाला जिसने चुन्नू का नेकर कैच किया था और साजिदा दोनों अपनी बारी का इन्तजार कर रही थीं।
जैसे ही चुन्नू झड़ने लगा, मैंने कस के उसे अपनी टांगों के बीच भींच लिया और मैं भी साथ में झड़ रही थी। लेकिन वो बेचारा गिरने के बाद सुस्ता भी नहीं पाया की वो बारबाला और साजिदा ने उसे कैच कर लिया, वो दोनों सोफे पर और मैं हामिद को लिए जगह ढूंढ रही थी,
कोई जगह खाली नहीं थी, बस एक बार की टेबल थी और मैं वही पकड़ के निहुर गयी, अपनी दोनों टांगो को फैला लिया और समझदार को इशारा काफी,
वैसे भी तगड़े मर्दों को डॉगी पीजे बहुत पसंद है तो बस पीछे से हामिद चढ़ गया और मैं समझ गयी साजिदा क्यों मरती है उस स्साले पे
क्या धक्का मारा स्साले ने बंद कमरे में तारे दिख गए। स्साला हामिद, क्या ताकत थी उस की कमर में, जैसे मशीन लगी हो, किसी इंजन का पिस्टन हो, गपागप गपागप, चार पांच धक्के धीमे धीमे उसके बाद बाद पांच मिनट तक तूफ़ान मेल मात उस स्साले के पेलमपेल में, और सिर्फ चुदाई नहीं, बहुत लोग डॉगी स्टाइल में लड़की की कमर पकड़ के धक्के मारते हैं, लेकिन वो मादर एक हाथ से तो मेरी छोटी छोटी चूँची दबा नहीं रहा था एकदम निचोड़ रहा था और दूसरा कभी मेरी पतली कटीली कमरिया पे तो कभी चटाक से चूतड़ पे, और कभी दोनों हाथों से दोनों चूँची मसलते धक्का मार रहा था, हर तीसरा धक्का सीधे बच्चेदानी पे, और उसके धक्कों से बचने के लिए मैंने जाँघे खूब फैला रखी थीं,
लेकिन उसकी बदमाशी देखते मुझे भी बदमाशी सूझी, मैंने अपनी टाँगे चिपका ली, जाँघे सटा के जैसे ही हामिद का खूंटा पूरा घुसा, मैंने कस के चूत सिकोड़ के लंड को निचोड़ना शुरू कर दिया, मुझे मालूम था की इससे लंड जल्दी झड़ जाता है और मैं चाहती भी थी, एक तो मैं गर्मायी थी, दूसरे अगले ब्रेक के पहले मैं किसी एक ओर अपने आशिक का फायदा करवाना चाहती थी भले ही वो टी २० टाइप हो।
लेकिन हामिद कम हरामी नहीं था, उसने कस के अपने दांत मेरी चूँची पे गड़ाए, मेरी चीख निकल गयी और पकड़ धीमी पड़ गयी, और उसने खूंटा बाहर निकाल के दूनी ताकत से ठोंक दिया, और बोला, " स्साली इत्ती लौंडिया पेली, लेकिन तेरे ऐसा गरम माल आज तक नहीं देखा”
और इत्ती मस्त तारीफ़ का जवाब संगीता न दे तो फिर कौन देगा, और मैंने जैसे ही उसने अपना आठ इंची का खूंटा बाहर निकाला, बस सुपाड़ा फंसा था, मैंने खुद पीछे से धक्का मार के गपक लिया, फिर तो एक धक्का वो और दूसरा धक्का मेरा। डॉगी में अगर खाली मरद पेले और २० मिनट में झड़ने वाला हो तो दोनों ओर के धक्को के बाद २० का १० नहीं तो १२-१४ हो ही जाता है लेकिन मजा भी दूना होता है। कभी मैं निचोड़ लेती थी, कभी वो लंड हाथ में पकड़ के गोल गोल बुर में घुमाता जिससे साड़ी अंदर की दीवारे छिल जातीं, वो तो गनीमत थी की बुर में चार चार की मलाई थी, जावेद, बंटू, उस्मान और चुन्नू।
मैंने कनखियों से चुन्नू की ओर देखा, बुरी हालत थी बेचारे की। थोड़ी देर पहले साजिदा और वो बार बाला मिल के उसका क्रीम रोल चूस रही थीं चाट रही थीं , एक के मुंह में गन्ना तो दूसरे के मुंह में रसगुल्ले, कभी दोनों साथ साथ एक एक साइड से चाटतीं तो कभी बारी बारी से, लेकिन अब बार बाला उसके ऊपर चढ़ी थी, चुन्नू का लंड उसकी बुर में और साजिदा भी खाली नहीं बैठी, वो चुन्नू के ऊपर और उसको अपनी चुदी चूत चूसा रही थी, जिसमे हामिद, उस्मान और न जाने किसकी किसकी मलाई भरी पड़ी थी।
हामिद ने धक्को की रफ़्तार बढ़ाई तो मैं समझ गयी, अब वो किनारे पे आ रहा है, मैंने भी घोड़े को एड लगायी, जोर जोर से धक्के ल लगाने शुरू किये और कुछ देर बाद हम दोनों साथ साथ झड़े।
जब मैं अलग हुयी तो मैंने चुन्नू को देखा, पार्टनर बदल गए थे अब वो अपने नीचे दबी साजिदा को चोद रहा था और बार बाला चुन्नू को उसीकी मलाई चटा रही थी, अपनी बुर से।
अभी भी कई लड़के मेरे आस पास चक्कर काट रहे थे और मेरी निगाह रवि पर पड़ी, दो चार बार गन्ने के स्टाल पे मेरा पैसा दे चूका था और ललचायी निगाह से मुझे देख रहा था, लेकिन कई लड़कियों ने मुझे कहा टू मिनट नूडल है ये
पर मैं भी थक गयी थी और टाइम भी जयादा नहीं था और मैं उसे देख के मुस्करा दी, एक सोफा खाली था, रवि ऊपर मैंने नीचे
और अब सब काम मैंने उसे ही करने दिया, दो मिनट तो नहीं लेकिन पांच छ मिनट में वो झडा और उसी समय ब्रेक अनाउंस हुआ
मैंने तीन स्कोर कर लिया था, और मैंने प्रीति की ओर देखा उसकी जांघ पे भी मेरी तरह ६ गुलाबी निशान, और पिछवाड़े दो काले क्रास यानी मुकाबला बराबर का रहा लेकिन अभी असली मुकाबला बाकी था।