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Erotica दोस्त की मम्मी

arushi_dayal

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मैंने अपने कॉलेज के पहले साल में बनाया एक नया यार

नाम था उसका दीपक और था पढने में काफ़ी होशियार

यू एस मैं बस गए थे पिता जी पिछले कोई दस साल से

और यहाँ माँ बेटे को छोड़ दिया जीने को उनके हाल पे

मम्मी उसकी सरकारी दफ्तर में कुछ लगी थी करने जाब

पढ़ लिख कर कुछ बन जाउ दीपक का था अब ये ख्वाब

शुरू में कॉलेज में दीपक संग मेरी यारी मेरी थी मजबूरी

हर साल परीक्षा में पास होना में मेरे लिए था बहुत जरूरी

आये दिन कोई नई चूत ढूंढता हूँ मुझमें थी ये बड़ी ख़राबी

कॉलेज की कन्या हो वो कोई या हो कोई गदराई भाभी

IMG-2222 IMG-2108
ब्याही हुई औरत को चोदने में मुझे मिलता था बड़ा सुरूर

लपक लपक के लौड़ा लेती बिस्तर पर मजा देती भरपूर

वही आजकल की ये नई लौंडिया तो शोर मचाती ज्यादा

जोर जोर से वो चिल्लाये जबकी अभी लंड गया हो आधा

IMG-2204 IMG-2097

कई बार दीपक को मैंने ऐसे मौके पर चाहा साथ ले जाना

लेकिन हर बार वो मुझे मना कर देता कर के कोई बहाना

फ़िर धीरे धीरे कॉलेज मैं हम दोनों की गहरी हो गई यारी

पढाई के साथ अब काई विषयों पर होती थी बात हमारी

परीक्षा के दिन पास आ गए तो मेरी चिंता लगी थी बढ़ने

एक दिन अपनी किताब उठा मैं उसके घर जा पहुंचा पढ़ने

उसके कमरे में बैठ कर के हम दोनो फिर करने लगे पढाई

कुछ समय में उसकी मम्मी हाल जानने उस कमरे में आई

मेरे दिल की तो धड़कन रुक गई और आंखें मेरी पथराई

पलक झपकना ही भूल गया मैं जो मुझकोदिया दिखायी

IMG-2161 IMG-1536

गोरा रंग गहरी आंखें और माथे पर एक छोटी सी बिंदिया

देख के रूप का ऐसा सागर कोई भी खो बैठेगा निंदिया

हर एक अंग से टपकता योवन और गांड थी अच्छी चौड़ी

और लाल चोली के पीछे छुपीहुई थी गोरे चूचो की जोड़ी

IMG-2210

देख ऐसा माल करारा मेरा लन अपना सर था लगा उठाने

रख एक तकिया अपनी गोद में अपने लन को लगा दबाने

दे हमको चाय नाश्ता वो मुड़ कर वापस लगी अब जाने

दरवाज़े पर रुक देखा मुझको और धीरे से लगी मुस्काने

घर वापस आकर मैं तो बस दीपक की मम्मी में था खोया

रात बिस्तर पर दो बार मुठ मार कर मैं उस रात को सोया

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vakharia

Supreme
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मैंने अपने कॉलेज के पहले साल में बनाया एक नया यार

नाम था उसका दीपक और था पढने में काफ़ी होशियार

यू एस मैं बस गए थे पिता जी पिछले कोई दस साल से

और यहाँ माँ बेटे को छोड़ दिया जीने को उनके हाल पे

मम्मी उसकी सरकारी दफ्तर में कुछ लगी थी करने जाब

पढ़ लिख कर कुछ बन जाउ दीपक का था अब ये ख्वाब

शुरू में कॉलेज में दीपक संग मेरी यारी मेरी थी मजबूरी

हर साल परीक्षा में पास होना में मेरे लिए था बहुत जरूरी

आये दिन कोई नई चूत ढूंढता हूँ मुझमें थी ये बड़ी ख़राबी

कॉलेज की कन्या हो वो कोई या हो कोई गदराई भाभी

IMG-2222 IMG-2108
ब्याही हुई औरत को चोदने में मुझे मिलता था बड़ा सुरूर

लपक लपक के लौड़ा लेती बिस्तर पर मजा देती भरपूर

वही आजकल की ये नई लौंडिया तो शोर मचाती ज्यादा

जोर जोर से वो चिल्लाये जबकी अभी लंड गया हो आधा

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कई बार दीपक को मैंने ऐसे मौके पर चाहा साथ ले जाना

लेकिन हर बार वो मुझे मना कर देता कर के कोई बहाना

फ़िर धीरे धीरे कॉलेज मैं हम दोनों की गहरी हो गई यारी

पढाई के साथ अब काई विषयों पर होती थी बात हमारी

परीक्षा के दिन पास आ गए तो मेरी चिंता लगी थी बढ़ने

एक दिन अपनी किताब उठा मैं उसके घर जा पहुंचा पढ़ने

उसके कमरे में बैठ कर के हम दोनो फिर करने लगे पढाई

कुछ समय में उसकी मम्मी हाल जानने उस कमरे में आई

मेरे दिल की तो धड़कन रुक गई और आंखें मेरी पथराई

पलक झपकना ही भूल गया मैं जो मुझकोदिया दिखायी

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गोरा रंग गहरी आंखें और माथे पर एक छोटी सी बिंदिया

देख के रूप का ऐसा सागर कोई भी खो बैठेगा निंदिया

हर एक अंग से टपकता योवन और गांड थी अच्छी चौड़ी

और लाल चोली के पीछे छुपीहुई थी गोरे चूचो की जोड़ी

IMG-2210

देख ऐसा माल करारा मेरा लन अपना सर था लगा उठाने

रख एक तकिया अपनी गोद में अपने लन को लगा दबाने

दे हमको चाय नाश्ता वो मुड़ कर वापस लगी अब जाने

दरवाज़े पर रुक देखा मुझको और धीरे से लगी मुस्काने

घर वापस आकर मैं तो बस दीपक की मम्मी में था खोया

रात बिस्तर पर दो बार मुठ मार कर मैं उस रात को सोया

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arushi_dayal

आपकी लेखनी की जादूगरी ने हमेशा की तरह, फिर से मंत्रमुग्ध कर दिया है.. यह अद्भुत कविता, जो गद्य के सूक्ष्म ताने-बाने में बुनी हुई है, सिर्फ शब्दों का संग्रह नहीं, बल्कि एक ऐसी कहानी है जो हृदय को छू जाती है.. आपकी शब्दों की चयन क्षमता अद्वितीय है, और तुकबंदी तो इतनी सहज और निर्दोष है कि लगता है जैसे शब्द स्वयं आपकी कलम से फूट रहे हों.. आपकी रचनाएँ सिर्फ कविता नहीं, बल्कि एक अनुभव हैं, एक ऐसी यात्रा जो पाठक को अपने साथ बहा ले जाती है..!! शब्दों के साथ साथ चित्रों का उत्तम प्रवरण, मतलब सोने पर सुहागा..!!

आप के जैसी प्रतिभा की रचनाएं पढ़ने का अवसर मिलना ही एक सौभाग्य है.. आपकी कलम से निकला हर शब्द मुझे यह एहसास दिलाता है कि काम-साहित्य के विश्व में, आप एक वरदान से कम नहीं है..!!

आपकी लेखनी के प्रति मेरा सम्मान और प्रशंसा अतुलनीय है.. ऐसे ही लिखते रहिए और हमें अपने शब्दों के जादू से सराबोर करते रहिए..!!

सादर,

वखारिया
 

arushi_dayal

Active Member
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arushi_dayal

आपकी लेखनी की जादूगरी ने हमेशा की तरह, फिर से मंत्रमुग्ध कर दिया है.. यह अद्भुत कविता, जो गद्य के सूक्ष्म ताने-बाने में बुनी हुई है, सिर्फ शब्दों का संग्रह नहीं, बल्कि एक ऐसी कहानी है जो हृदय को छू जाती है.. आपकी शब्दों की चयन क्षमता अद्वितीय है, और तुकबंदी तो इतनी सहज और निर्दोष है कि लगता है जैसे शब्द स्वयं आपकी कलम से फूट रहे हों.. आपकी रचनाएँ सिर्फ कविता नहीं, बल्कि एक अनुभव हैं, एक ऐसी यात्रा जो पाठक को अपने साथ बहा ले जाती है..!! शब्दों के साथ साथ चित्रों का उत्तम प्रवरण, मतलब सोने पर सुहागा..!!

आप के जैसी प्रतिभा की रचनाएं पढ़ने का अवसर मिलना ही एक सौभाग्य है.. आपकी कलम से निकला हर शब्द मुझे यह एहसास दिलाता है कि काम-साहित्य के विश्व में, आप एक वरदान से कम नहीं है..!!

आपकी लेखनी के प्रति मेरा सम्मान और प्रशंसा अतुलनीय है.. ऐसे ही लिखते रहिए और हमें अपने शब्दों के जादू से सराबोर करते रहिए..!!

सादर,

वखारिया
🙏🙏
 

Aliyaa3467

🌹🌹💕💕💕🥰🥰💕💕💕🌹🌹
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Very nice awesome
 

sunoanuj

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Bhaut hi umda lekhan …
 

Ajju Landwalia

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मैंने अपने कॉलेज के पहले साल में बनाया एक नया यार

नाम था उसका दीपक और था पढने में काफ़ी होशियार

यू एस मैं बस गए थे पिता जी पिछले कोई दस साल से

और यहाँ माँ बेटे को छोड़ दिया जीने को उनके हाल पे

मम्मी उसकी सरकारी दफ्तर में कुछ लगी थी करने जाब

पढ़ लिख कर कुछ बन जाउ दीपक का था अब ये ख्वाब

शुरू में कॉलेज में दीपक संग मेरी यारी मेरी थी मजबूरी

हर साल परीक्षा में पास होना में मेरे लिए था बहुत जरूरी

आये दिन कोई नई चूत ढूंढता हूँ मुझमें थी ये बड़ी ख़राबी

कॉलेज की कन्या हो वो कोई या हो कोई गदराई भाभी

IMG-2222 IMG-2108
ब्याही हुई औरत को चोदने में मुझे मिलता था बड़ा सुरूर

लपक लपक के लौड़ा लेती बिस्तर पर मजा देती भरपूर

वही आजकल की ये नई लौंडिया तो शोर मचाती ज्यादा

जोर जोर से वो चिल्लाये जबकी अभी लंड गया हो आधा

IMG-2204 IMG-2097

कई बार दीपक को मैंने ऐसे मौके पर चाहा साथ ले जाना

लेकिन हर बार वो मुझे मना कर देता कर के कोई बहाना

फ़िर धीरे धीरे कॉलेज मैं हम दोनों की गहरी हो गई यारी

पढाई के साथ अब काई विषयों पर होती थी बात हमारी

परीक्षा के दिन पास आ गए तो मेरी चिंता लगी थी बढ़ने

एक दिन अपनी किताब उठा मैं उसके घर जा पहुंचा पढ़ने

उसके कमरे में बैठ कर के हम दोनो फिर करने लगे पढाई

कुछ समय में उसकी मम्मी हाल जानने उस कमरे में आई

मेरे दिल की तो धड़कन रुक गई और आंखें मेरी पथराई

पलक झपकना ही भूल गया मैं जो मुझकोदिया दिखायी

IMG-2161 IMG-1536

गोरा रंग गहरी आंखें और माथे पर एक छोटी सी बिंदिया

देख के रूप का ऐसा सागर कोई भी खो बैठेगा निंदिया

हर एक अंग से टपकता योवन और गांड थी अच्छी चौड़ी

और लाल चोली के पीछे छुपीहुई थी गोरे चूचो की जोड़ी

IMG-2210

देख ऐसा माल करारा मेरा लन अपना सर था लगा उठाने

रख एक तकिया अपनी गोद में अपने लन को लगा दबाने

दे हमको चाय नाश्ता वो मुड़ कर वापस लगी अब जाने

दरवाज़े पर रुक देखा मुझको और धीरे से लगी मुस्काने

घर वापस आकर मैं तो बस दीपक की मम्मी में था खोया

रात बिस्तर पर दो बार मुठ मार कर मैं उस रात को सोया

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arushi_dayal Ji

Bahut umda lekhan he aapka...........

Kavita ka ye rup to badi hi mushkil se dekhne ko milta he.........

Keep rocking
 
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Reactions: kamdev99008

rhyme_boy

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Behad khubsurat..
Aap jesi lekhni kavita ki shakal mein yahaan kisi aur ki nahi milti...

Abhi to kahani bas deepak ki mom (#myfriendshotmom 😜 ) ka chehra aur gand dikhayi tak pohochi hai..

aagey ka intezar..
 
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