Riky007
उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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नाइस ट्विस्टआज सूरज की जिंदगी फिर चौराहे पर आकार रुक गयी थीं यहा एक तरफ खुशी सूरज का इंतजार कर रही थी वहां दुख भी सूरज के इंतजार में थे अंधकार सूरज की जिंदगी में छाने लगा था सूरज सोच रहा था क्या वो पीछे मूड जाए जा सभी कुछ भूल कर आगे एक तरफ उसके बच्चे की खुशी थीं दूसरी तरफ सूरज की खुसी
सुबह हुई तो आज सूरज काफी लेट हुया रात सोचते हुए काफी देर तक सोया था जब सूरज नहीं तो तो सूरज को जगाने के समीर आय़ा था
समीर ने सूरज को उठा दिया और तबीयत के बारे मे पूछा
सूरज मैं ठीक हू और यादा बात नहीं की
सभी ने नास्ता किया लेकिन आज सूरज के चेहरे पर उदासी की झलक साफ देखाई ਦੇ रही थी बचो के पूछने पर भी सूरज ने कोई खास जवाब नहीं दिया
बच्चे अपने स्कूल को निकाल जाते है तो वही सूरज अपने ऑफिस में आज रुबीना से hi हैलो हुआ यादा बात नहीं की लेकिन ना चाहते हुए भी सूरज का ध्यान रुबीना पर रहता
ऐसे ही चार पांच दिन निकले सूरज जब भी office से घर आता तो यादा अपने रूम में रहने लगा बच्चे परेशान हो इस लिए उन्हें बोल दिया office में काम यादा होने के कारण वो थक जाता है
रुबीना ने भी बहुत बार कोशिश की लेकिन सूरज ने उसे कुछ नहीं बिताया था
वही माधव और पूनम भी सूरज.से फोन बात करते उसे बच्चों को सच्चाई बता देने के लिए कहते
सूरज परेशान रहने लगा अब वो शराब का सहारा तो ले नहीं सकता था उसने अपनी गुड़िया से जो वादा किया था सूरज का साथ अब उसे वफा के बदले मिले धोखा प्यार के बदले मिली नफरत सूरज अपने पिछले दिनों के बारे सोच अकेले में रोने लगता उसका दर्द तो सिर्फ वही जान सकता था
यहा सूरज दर्द में तड़प रहा था वही रुबीना के जिस्म पर चोटों के निशाँ भड़ रहे थे जो सूरज को अंदर से खोखला करने के लिए काफी थे वही दोनों की हमदर्द होने रिसता अपना नया रूप सामने आने वाला था रुबीना की खूबसूरती सूरज को कुछ पल खुसी तो देती जब लेकिन ज़ख्मी के निशान देखता तो उसका दिल खून के अंशु रोने लगता रुबीना के बदन की महक सूरज को कुछ पल उसका बिता हुआ कल भूल जाने के लिए मजबूर कर देती सूरज के ख्याल जब वापिस आए तो फिर मायूस हो जाता
ऐसे ही 15 दिन बीत गए माधव और पूनम भी अब चले गए थे रह गया सूरज फिर से अकेला आज सूरज office से जल्दी घर आया तनु ने पूछा तो सूरज ने जवाब दिया आज उसकी तबीयत ठीक नहीं कुछ उसे आराम करना है सूरज अपने रूम में चला गया बैड पर बैठ अपनी किस्मत को कोष रहा सूरज अपनी पिछली यादों मे में लौट ने लगा
चलते है कुछ साल पीछे
सूरज अपने दोस्तों के साथ कालेज की कैन्टीन में बैठा लंच कर कहा यहा उसके दोस्त लडक़ियों से मस्ती मज़ाक कर रहे थे वही सूरज शांत बैठा हुया उनकी बाते सुन थोड़ा मुस्करा देता था सूरज अभी बीस साल का ही तो था
सूरज की आदत थी के कभी कुछ गलती नहीं उसकी कोई gf नहीं थी जबकि उसके दोस्त अपनी gf के साथ घूमते रहते
सूरज सब टीचर को इज्जत देता हर किसी से प्यार बात करना उसके संस्कार थे सूरज अपने माता पिता की इकलौता बेटा था सूरज के माता पिता उसे बहुत प्यार करते थे सूरज भी उनको बहुत प्यार कर्ता था सूरज पढ़ाई में बहुत अच्छा था दूसरे स्टूडेंट्स नहीं की पढ़ने में हेल्प किया कर्ता था इसी कारण सूरज की चर्च अक्सर कहीं ना कहीं होती सूरज को अभी यहा दो साल हुए थे
वहीं दूसरी तरफ ल़डकियों में में भी एक लड़की सभी की चर्च में रहती लड़के तो उसके दीवाने थे उसकी खूबसूरत जिसम लड़कों को दीवाना बना देता था हर कोई लड़का चाहता था वो उसकी दोस्त हो उसकी gf हो वो हर लड़के की धड़कन बन चुकी थी
लड़कों को अपनी अदा से घायल करना उसे आता था इसकी आदत अपने अमीर माँ बाप की इकलौती बेटी थी रेणुका अभी 18 साल की ही तो थी जिसे कभी दोलत की कमी नहीं पानी की तरह पैसा खर्च करना नए कपड़े नयी गाड़ियां बदलना इसके इसके लिए रोज का काम था माँ बाप की लाडली होने के कारण इसे कोई रोक नहीं थी इसकी हर जिंद पूरी की जाती जो इसे पसंद हो वो इसका होना तेह था लड़कों से अपना काम निकलवाना इसके लिए कोई बड़ी बात नहीं थी लड़कों के साथ अक्सर मस्ती करती लेकिन कभी किसी को bf नहीं बनाया था कपड़े तो इसके जिसम पर इतने छोटे होते जो किसी का भी पानी निकाल देते
सुनीता नाम की लड़की बोलती हुए यार रेणु कब कातिल करने का इरादा है उसे
रेणु सुनीता की तरफ घूर कर देखती है पास में और भी लड़किया बैठी थी
सुनीता यार मेरे कहने का मतलब कब प्रपोज कर रही हो कर दो कहीं य़ह ना हो कोई और उसके दिल मे उतार जाए तुमने अभी तक रोका है नहीं तो मैं कब कर कर देती
रेणु सुनीता के मुहै पर थापर मारते हुए अगर ऐसा दुबारा बोला ना तो जान से मार दूंगी वो मेरा है मेरा प्यार कोई और उसके करीब भी आया तो बर्बाद कर दूंगी उसे
सुनीता अपनी गाल पर हाथ रखते हुए sorry मेरा य़ह मतलब नहीं था लेकिन तुम खुद भी उसे नहीं कह रहीं ना किसी ल़डकि को उसके पास जाने देती हो
रेणु के आने से पहले सब सही चल रहा था कालेज में लेकिन जब रेणु आयी तो धीरे धीरे सब बदल गया यहा पहले लड़किया सूरज से बात करती दिल मे उसे चाहती थी धीरे धीरे सभी सूरज से दूर होती गई यहा तक कि अब सूरज भी किसी ल़डकि बात करने की कोशिश कर्ता तो लड़की बहाना बना निकल जाते वहां से य़ह सब के पीछे अपने माँ बाप के पैसे से बिगड़ी हुई लड़की रेणु की वज़ह से हुआ था अब सूरज के दोस्त लड़के ही होते थे
सूरज को पता भी चला तो उसने रेणु से बात भी की लेकिन रेणु ने कुछ नहीं बटाया जिसके कारण दोनों में काफी झगड़ा हुआ फिर सूरज ने कभी रेणु की तरफ देखा भी नहीं था
य़ह सब सुरु हुआ जब रेणु को आए 6 महीने हुए थे एक दिन विकी नाम का लड़के ने रेणु जा ज़बर्दस्ती हाथ पकडा था और रेणु को प्रपोज किया लेकिन रेणु ने उसे थापर मार दिया जिससे विकी ने अपनी बेजती महसूस की ओर दिल मे रेणु से बदला लेने की सोची थी
विकी बिगड़ा हुआ लड़का था जिसे नयी नयी लड़की के जिसम का शौक लगा वही उसकी नजरिए मे रेणु भी थी
एक बार रेणु रात के वक़्त पार्टी से घर जा रही होती है तभी उसकी गाड़ी के आगे 3 लड़के आ जाते रेणु गाड़ी रोकते हुए बाहर निकल गाली देने लगती हैं जब सामने खाडे विकी को देख चौंकने लगे विकी रेणु की तरफ बड़ने लगा उसके चेहरे पर घिनौनी हसी देख रेणु डर जाती है विकी आज जितना गाली देना है दे दो कल से तू मेरी गुलाम होंगी गाली देना वाला सिर्फ मैं तेरे थापर का हिसाब आज पूरा करने आया हू
रेणु डरते हुए क्या चाहते हो तुम अगर मुझे हाथ भी लगाया तो जान से मार दूंगी तुम सबको
विकी मैं क्या चाहता हू बताता हू मुझे उस थापर का बदला चाहिए उसकी कीमत तुम्हारा य़ह जिसम
विकी और उसके साथी रेणु को पकड़ कार मे ले जाने लगे लेकिन तबी तीनों की पीठ पर किसी लात पढ़ने पर गिर जाते है
विकी और उसके साथी खाडे होते हैं और मरने वाले को देख तुम यहा य़ह सूरज था जिसने विकी को मारा
सूरज हाँ मैं अब तुम यहा से निकलो और यादा नहीं बोलता
विकी देख सूरज य़ह हम लोगों के बीच का मसला तुम ज्यों यहा से नहीं तो अच्छा नहीं होगा सूरज और विकी के बीच युद्ध सुरु होता है विकी और उसके दोस्त वहां से भागने लगे सूरज भी रेणु को बिना कुछ देखे निकाल जाता है जिससे रेणु के दिल मे सूरज बस गया उसकी जिंद सूरज को अपना बना लेना जिसके कारण रेणु ने हर लड़कियों को सूरज से दूर किया जो उसके बात भी किया करती थी
अब आगे
रेणु कुछ सोचते खाड़ी होती है और किसी की परवाह किए बिना सूरज की ओर बढ़ने लगी रेणु सूरज की शार्ट का कलर पकड़ उसे खड़ा कर देती है
सूरज को अभी समझता कुछ तब तक रेणु के कोमल होंठ सूरज के होंठो से मिल जाते है रेणु और सूरज को देख सब शक्क होते वही रेणु के दीवानों के दिल के टुकड़े होने लगे
रेणु किस तोड़ सूरज मैं तुमसे प्यार करती हू और तुमसे शादी करना चाहती हू अभी रेणु इस से आगे कुछ बोलती
सूरज थापर मारते हुए कहता नफरत है मुझे तुमसे कैसे सोचा के मैं तुम जैसी लड़की से शादी करूगा य़ह बोलते सूरज वहां से निकल जाता है
रेणु अपनी गाल पर हाथ रखे मुस्कराने लगी जहा सूरज क्लास मे गया वही रेणु अपने घर
कालेज खत्म होने पर जब सूरज घर पहुँचा तो सामने रेणु और उसके माता बैठे थे साथ मे उसके माता पिता
सूरज हिरानी से देखता हुआ अपने रूम की तरफ जाने लगा वही सूरज के पिता उसे रोक लेते है
सूरज अपने पापा के पास जाता हैं तो उसे रेणु के माता पिता से मिलवाया यहा सूरज ने उनको प्रणाम किया
सूरज के पापा बोलते हुए बेटे य़ह रेणु तुम्हारे ही कालेज मे है य़ह तुम्हें पसंद करती है तुमसे शादी के लिए रेणु के माता पिता आए है
सूरज अपने पिता के आगे कुछ बोल नहीं सका कुछ दिनों बाद सूरज और रेणु की शादी हुयी दोनों कालेज भी जाते और बिजनैस भी देखने लगे 9 महीने बाद रेणु ने बेटी को जन्म दिया जिसका नाम प्रिया रखा गया साल बाद फिर रेणु को बेटी हुयी इस बार उसका नाम साक्षी रखा तब तक एक्सीडेंट मे सूरज के माता पिता मारे गए अब सूरज घर पर बच्चों का खयाल रखा वही रेणु बिजनेस देखती फिर साल बाद बेटा पैदा हुआ जिसका नाम समीर रखा
रेणु का बिजनैस के सिलसिले मे मर्दों से मिलना यादा होता घर पर भी कभी कभी कोई ना कोई आया रहता लेकिन सूरज ने कभी कोई शक नहीं किया एक बार सूरज कुछ दिन के लिए बाहर गया था जब वापिस आया तो लड़कियों सो रही थी लेकिन उसका बेटा बेटा रोये जा रहा था सूरज समीर की उठा रेणु को देखने लगा जब वो बैडरूम के पास पहुँचा तो की किसी मर्द की आवाज आयी यहा रेणु की भी सूरज ने दरवाजा खोला तो वो आदमी रेणु के उपर झुका हुआ गालों पर किस किए जारहा था
दरवाजे की आवाज सुन दोनों देखते है तो सामने सूरज था वो आदमी सूरज को देखते निकाल जाता यहा रेणु ने सूरज को सफ़ाई देनी चाहि तो सूरज उसे थापर मार देता दोनों मे काफी झगड़ा होता य़ह अब सूरज के सामने होने लगा जिस से सूरज रेणुका पर हाथ उठा देता फिर एक दिन रेणु ने सूरज से तलाक ले लिया दोनों ल़डकियों को साथ ले गयी लेकिन समीर को सूरज ने अपने पास रखा कुछ दिन बाद सूरज से पूजा मिली जिसका कोई नहीं था दुनिया मे माधव और पूनम के कहने पर सूरज से समीर ने शादी की पूजा को दो बेटी हुई तनु और कोमल पूजा ने समीर को माँ का प्यार दिया अपना बेटा माना फिर वो भी एक्सीडेंट मे खो गई एक बार जब सूरज को पता चला उसके ससुर और ससु की किसी एक्सीडेंट मे मौत हो गयी तो सूरज गया था यहा रेणु किसी आदमी के साथ मिली सूरज ने कोशिश की लेकिन वो नहीं मानी थी सूरज ने वहां भी रेणु को मारा उस वक़्त प्रिया और साक्षी भी वहा थी जो जो सूरज को अपनी माँ को मारते हुए देख रोने लगी और bad अंकल कहने लगी
अब आगे
सूरज अपने पिछली जिंदगी के बारे मे सोच रहा था तनु की आवाज ने उसे वापिस ल्या तनु सूरज को खाने के लिए बुलाने आयी तो सूरज को पता नहीं चला कब से वो पिछली जिंदगी मे खोया हुआ था फिर सभी साथ मे खाना खाया सूरज तो बस आज बैठा रहा उसका खाने का मन नहीं बस बचों के लिए एक रोटी खाया
मतलब रेणु की झलक दिखाई आपने।
पर पूजा की लाश का ना मिलना भी कोई राज ही है जो आगे खुलेगा।
वैसे रेणु का हाथ भी हो सकता है इसके पीछे।