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नेहा
नेहा बाथरूम से निकली और तेज कदमों से अलमारी के पास जाकर कपाट खोल कर उसने एक गहरे नीले रंग का स्कर्ट निकाला और पहन लिया। फिर एक सफेद रंग का शर्ट निकाला और वह भी पहन लिया। आईने के सामने जाकर उसने घूम घूम कर अपने सुंदर, सुडौल, सेक्सी बदन को निहारा और अपनी सुंदरता पर, अपने कामुकता पर फ़िदा होकर मुस्कुराने लगी। बाल बना कर, होठों पर हल्की सी लिपस्टिक लगाकर उसने जल्दी-जल्दी अपना बैकपैक उठाया और स्कूल जाने के लिए बस स्टैंड की ओर दौड़ पड़ी। उसके बस स्टैंड पर पहुंचते ही वहां के लड़कों में हलचल सी मच गई। सब लड़के और मर्दों की नजरें उसकी ओर मुड़ गई और उनकी आंखों ने उसके शरीर का कोई भी अंग नहीं छोड़ा। खासकर सबकी नजरें नेहा के भरे पूरे जवान वक्ष और सुडौल गांड पर पड़ ही जाती। उसका स्कर्ट घुटने से काफी ऊपर ही रुक गया था इसीलिए उसकी सुडौल, गोरी-गोरी जांघें सबकी नजरें झुका देती। कुछ ही देर में स्कूल की बड़ी-सी बस स्टैंड पर आई और सब के साथ नेहा भी बस पर चढ़ गई। उसे एक सीट खाली दिखी और उस पर जाकर बैठ गई। नेहा के बैठते ही उसके पीछे खड़े होने के लिए लड़कों में भगदड़ सी मच गई। लड़के उसके ठीक पीछे खड़े होकर उसके टाईट टॉप के ऊपर की खुली हुई बटन से दिखने वाले क्लीवेज को देखने के लिए बेताब लग रहे थे। नेहा की जवान छातियां और उसका क्लीवेज भी उतना ही कामुक और आकर्षक और लड़कों को बेताब करने वाला था। पीछे खड़े लड़कों के लंड भी खड़े थे। स्कूल आया और सबके साथ नेहा भी उतरी और उसके क्लास में चली गई। 'हाय नेहा' सुनील ने शर्माते हुए नेहा को कहा । नेहा ने भी शरमाते हुए 'हाय सुनील' कहा। नेहा हर लड़के को भाव देती और उसकी यही बात लड़कों को बहुत पसंद आती। नेहा सेंट जेवियर स्कूल के 12वीं कक्षा की छात्रा थी। 12वीं कक्षा में 5 सेक्शन थे और नेहा बी सेक्शन में थी। स्कूल में नेहा नाम की कुछ और लड़कियां भी थी इसीलिए इस नेहा को 'नेहा 12वीं बी' ऐसा कहा जाता।
'नेहा 12वीं बी' सुनते हैं लड़कों के कान और लंड खड़े हो जाते क्योंकि सभी नेहाओं में यह नेहा सबसे सेक्सी थी । बल्कि स्कूल की सभी लड़कियों में से गिनी चुनी लड़कियां ही नेहा के मुकाबले की थी जहां तक सेक्सी होने का सवाल है। स्कूल का यूनिफार्म भी गहरा नीला टाइट स्कर्ट और सफेद रंग का टाइट ब्लाउज था। स्कर्ट का घुटने के ऊपर रखना आवश्यक था क्योंकि सेंट जेवियर स्कूल क्रिश्चियन अंग्रेजी मीडियम का स्कूल था। और इसीलिए सभी लड़कियों के स्कर्ट टाइट और छोटे-छोटे थे और इसीलिए सभी लड़कियां बहुत ही सेक्सी लगती और उन सभी सेक्सी लड़कियों में नेहा लाजवाब! 'नेहा, आज शाम को क्या कर रही हो?' सुनील ने नेहा से केमिस्ट्री लैब में पूछा। नेहा उस वक्त केमिस्ट्री के केमिकल के प्रयोग कर रही थी और उसके हाथ में बहुत हीं ज्वलनशील एसिड था। 'अभी तो मैं केमिस्ट्री के प्रयोग कर रही हूं शाम का सोचा नहीं' नेहा के इस दो टूक जवाब से सुनील थोड़ा हताश हुआ लेकिन उसने हिम्मत नहीं छोड़ी। कुछ देर रुक कर उसने फिर हिम्मत जुटाई और कहा 'अगर कुछ नहीं कर रही हो तो चलो आज 'कॉफी हाउस' में मैंगो जूस पिएंगे'। 'ठीक है सर को पूछ कर बताती हूं' नेहा का यह जवाब सुनकर सुनील दबे पांव वहां से दौड़ कर अपने स्थान चला गया। कुछ देर में उसके केमिस्ट्री सर मिश्रा जी उसके पास आकर खड़े हो गए और पूछा 'नेहा सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा है ना हाथ बचाकर, एसिड से हाथ जल जाएगा' 'जी सर मैं पूरी सावधानी से प्रयोग कर रही हूं अपने हाथ बचाकर' 'ऐसा नहीं इसे इस तरह से पकड़ो' यह कहते हुए मिश्रा जी ने नेहा का हाथ पकड़ लिया और उसे टेस्ट ट्यूब पकड़ने का सही तरीका बताने लगे। केमिस्ट्री के मिश्रा जी कि नहीं बल्कि लगभग सभी विषयों के सर नेहा पर विशेष ध्यान रखते थे और उसकी आवश्यकता ना होने पर भी उसे सहायता करने के लिए उत्सुक रहते। नेहा को बैडमिंटन में बहुत इंटरेस्ट। और इसीलिए उसने स्पोर्ट्स ज्वाइन किया और स्पोर्ट्स टीचर थॉमस हो नेहा में बहुत इंटरेस्ट आने लगा। थॉमस सर ऊंचे तगड़े खिलाड़ी रहे हुए, और बॉक्सर नेहा को पीछे से पकड़ कर बैडमिंटन रैकेट के स्टॉक्स सिखाते। और ऐसा करते वक्त उनका लंड अक्षर नेहा के गांड को छू जाता। नेहा मुस्कुरा देती। नेहा की यही बात स्पोर्ट्स टीचर थॉमस को बहुत पसंद हाथी।
नेहा बाथरूम से निकली और तेज कदमों से अलमारी के पास जाकर कपाट खोल कर उसने एक गहरे नीले रंग का स्कर्ट निकाला और पहन लिया। फिर एक सफेद रंग का शर्ट निकाला और वह भी पहन लिया। आईने के सामने जाकर उसने घूम घूम कर अपने सुंदर, सुडौल, सेक्सी बदन को निहारा और अपनी सुंदरता पर, अपने कामुकता पर फ़िदा होकर मुस्कुराने लगी। बाल बना कर, होठों पर हल्की सी लिपस्टिक लगाकर उसने जल्दी-जल्दी अपना बैकपैक उठाया और स्कूल जाने के लिए बस स्टैंड की ओर दौड़ पड़ी। उसके बस स्टैंड पर पहुंचते ही वहां के लड़कों में हलचल सी मच गई। सब लड़के और मर्दों की नजरें उसकी ओर मुड़ गई और उनकी आंखों ने उसके शरीर का कोई भी अंग नहीं छोड़ा। खासकर सबकी नजरें नेहा के भरे पूरे जवान वक्ष और सुडौल गांड पर पड़ ही जाती। उसका स्कर्ट घुटने से काफी ऊपर ही रुक गया था इसीलिए उसकी सुडौल, गोरी-गोरी जांघें सबकी नजरें झुका देती। कुछ ही देर में स्कूल की बड़ी-सी बस स्टैंड पर आई और सब के साथ नेहा भी बस पर चढ़ गई। उसे एक सीट खाली दिखी और उस पर जाकर बैठ गई। नेहा के बैठते ही उसके पीछे खड़े होने के लिए लड़कों में भगदड़ सी मच गई। लड़के उसके ठीक पीछे खड़े होकर उसके टाईट टॉप के ऊपर की खुली हुई बटन से दिखने वाले क्लीवेज को देखने के लिए बेताब लग रहे थे। नेहा की जवान छातियां और उसका क्लीवेज भी उतना ही कामुक और आकर्षक और लड़कों को बेताब करने वाला था। पीछे खड़े लड़कों के लंड भी खड़े थे। स्कूल आया और सबके साथ नेहा भी उतरी और उसके क्लास में चली गई। 'हाय नेहा' सुनील ने शर्माते हुए नेहा को कहा । नेहा ने भी शरमाते हुए 'हाय सुनील' कहा। नेहा हर लड़के को भाव देती और उसकी यही बात लड़कों को बहुत पसंद आती। नेहा सेंट जेवियर स्कूल के 12वीं कक्षा की छात्रा थी। 12वीं कक्षा में 5 सेक्शन थे और नेहा बी सेक्शन में थी। स्कूल में नेहा नाम की कुछ और लड़कियां भी थी इसीलिए इस नेहा को 'नेहा 12वीं बी' ऐसा कहा जाता।
'नेहा 12वीं बी' सुनते हैं लड़कों के कान और लंड खड़े हो जाते क्योंकि सभी नेहाओं में यह नेहा सबसे सेक्सी थी । बल्कि स्कूल की सभी लड़कियों में से गिनी चुनी लड़कियां ही नेहा के मुकाबले की थी जहां तक सेक्सी होने का सवाल है। स्कूल का यूनिफार्म भी गहरा नीला टाइट स्कर्ट और सफेद रंग का टाइट ब्लाउज था। स्कर्ट का घुटने के ऊपर रखना आवश्यक था क्योंकि सेंट जेवियर स्कूल क्रिश्चियन अंग्रेजी मीडियम का स्कूल था। और इसीलिए सभी लड़कियों के स्कर्ट टाइट और छोटे-छोटे थे और इसीलिए सभी लड़कियां बहुत ही सेक्सी लगती और उन सभी सेक्सी लड़कियों में नेहा लाजवाब! 'नेहा, आज शाम को क्या कर रही हो?' सुनील ने नेहा से केमिस्ट्री लैब में पूछा। नेहा उस वक्त केमिस्ट्री के केमिकल के प्रयोग कर रही थी और उसके हाथ में बहुत हीं ज्वलनशील एसिड था। 'अभी तो मैं केमिस्ट्री के प्रयोग कर रही हूं शाम का सोचा नहीं' नेहा के इस दो टूक जवाब से सुनील थोड़ा हताश हुआ लेकिन उसने हिम्मत नहीं छोड़ी। कुछ देर रुक कर उसने फिर हिम्मत जुटाई और कहा 'अगर कुछ नहीं कर रही हो तो चलो आज 'कॉफी हाउस' में मैंगो जूस पिएंगे'। 'ठीक है सर को पूछ कर बताती हूं' नेहा का यह जवाब सुनकर सुनील दबे पांव वहां से दौड़ कर अपने स्थान चला गया। कुछ देर में उसके केमिस्ट्री सर मिश्रा जी उसके पास आकर खड़े हो गए और पूछा 'नेहा सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा है ना हाथ बचाकर, एसिड से हाथ जल जाएगा' 'जी सर मैं पूरी सावधानी से प्रयोग कर रही हूं अपने हाथ बचाकर' 'ऐसा नहीं इसे इस तरह से पकड़ो' यह कहते हुए मिश्रा जी ने नेहा का हाथ पकड़ लिया और उसे टेस्ट ट्यूब पकड़ने का सही तरीका बताने लगे। केमिस्ट्री के मिश्रा जी कि नहीं बल्कि लगभग सभी विषयों के सर नेहा पर विशेष ध्यान रखते थे और उसकी आवश्यकता ना होने पर भी उसे सहायता करने के लिए उत्सुक रहते। नेहा को बैडमिंटन में बहुत इंटरेस्ट। और इसीलिए उसने स्पोर्ट्स ज्वाइन किया और स्पोर्ट्स टीचर थॉमस हो नेहा में बहुत इंटरेस्ट आने लगा। थॉमस सर ऊंचे तगड़े खिलाड़ी रहे हुए, और बॉक्सर नेहा को पीछे से पकड़ कर बैडमिंटन रैकेट के स्टॉक्स सिखाते। और ऐसा करते वक्त उनका लंड अक्षर नेहा के गांड को छू जाता। नेहा मुस्कुरा देती। नेहा की यही बात स्पोर्ट्स टीचर थॉमस को बहुत पसंद हाथी।
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