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मैं पार्क में बैठ कर कुछ सोच रहा था । तभी मेरी पत्नी कुछ नमकीन बिस्कुट लेकर कर आई और कहा क्या हुआ आज किस खोज में हो । मेने कहा सोच रहा हु कुछ दिनों की छुट्टी ले लू और आराम करू, मेरी पत्नी मुस्कुराई और कहने लगी क्या हुआ ऑफिस में काम ज्यादा है क्या ।
मेने कहा नहीं ऐसी कोई बात नही है ।
मेरी उम्र 45 की हो गई थी
और मेरी बीवी 40 के आस पास थी
ऑफिस में मेने अपने साथ काम करने वाली महिला से कहा "जिंदगी भी अजीब है" । उसने कहा क्या ? मेने कहा कुछ नहीं और अपने काम में लग गया । उस दिन ऑफिस में काम कुछ ज्यादा ही था और मैं हमेशा की तरह काम को खत्म कर के घर वापिस आ गया था ।
घर आते ही मेने देखा घर का मौसम ही कुछ और था आज। हमेशा की तरह मैं बाथरूम में नहाने चला गया लेकिन मेरे दिमाग में ये बात घूम रही थी आज घर को क्या हुआ है ये महक क्यों रहा है ।
कुछ देर में मेरी पत्नी खाना ले कर डाइनिंग टेबल पर रखने लगी मैं वैसे ही सोच रहा था जरूर घर में कोई आया और डाइनिंग टेबल पर खाने की इतनी सारी अलग अलग चीज रखी थी । अब मेने पूछ ही लिया "कोई आया था क्या"
मेरी पत्नी ने तेजी से बज रही फोन की रिंगटोंग को साइलेंट करते हुए कहा " हा आपकी दोस्त आई थी, आज पहली बार कोई आपके ऑफिस से आया यहां उसने मुझे ऑफिस की सारी कहानी सुनाई अभी कुछ देर पहले ही निकली यहां से " और मेरी पत्नी बोलती ही जा रही थी मैं उसके चेहरे पर मौजूद खुशी को देख कर थोड़ा हैरान जरूर था । और ये सोच कर हैरान जरूर था ऐसी कौनी सी महिला है ऑफिस में जिसको देख कर मेरी पत्नी इतनी खुश थी फिर ये सोच कर की मेरी पत्नी पहली बार किसी वर्किंग वुमन से मिली है इसीलिए इतनी खुश है ।
अपनी पत्नी की खुशी में मैं ये पूछना ही भूल गया की जो भी आई वो किस काम से आई ।
आज डाइनिंग टेबल पर मुझे पूरे ऑफिस की दज्जिया उद्दानी पड़ी और एक एक आदमी और औरत की बाते अपनी पत्नी को बतानी पड़ी हम खाना तो कुछ खा नही रहे थे सिर्फ कभी मुस्कुराते तो कभी एक दम से हस पड़ते, रात होती जा रही थी लेकिन खाने की टेबल से आज कोई उठने को तैयार नहीं था ना तो मैं और न मेरी पत्नी और बाते आगे से आगे चलती जा रही थी ।
20 साल हो गए थे इस इंडस्ट्री में काम करते हुए तो ऐसी कोई बात थी ही नहीं जो मैं न जानता हु । हम इसी तरह पूरी 20 साल की हिस्ट्री निकल निकल कर बाते किए जा रहे थे । मैं देख रहा था मेरी पत्नी को ऑफिस के काम से जुड़े कोई भी शब्द समझ नही आ रहे थे लेकिन वो सब कुछ सुनती जा रही थी और बीच बीच में मुझे उसे शब्दों को किस लिए यूज करते है भी समझना पड़ रहा था लेकिन हम दोनो की हंसी रुकने का नाम नही ले रही थी ।
कुछ देर में रुक कर मैने पूछ ही लिया आज घर में ये हल्की महक किस चीज की है । मेरी पत्नी ने कहा वो आपकी दोस्त ने दी है कुछ अजीब सी चीज इससे घर में खुशबू फैलती है । मेने कहा अच्छा कोई फ्रेग्नेस है मेरी पत्नी ने कहा वो क्या होता है । मेने कहा रहने दो मच्छर मारने की दवाई जैसा कुछ है, मेरी पत्नी ने कहा " हा मुझे भी यही लगा था ""अच्छा हुआ मेने पूछा नही की क्या है " । आपकी दोस्त ने खुद ही बता दिया ऑफिस में खुशबू फैलने के काम आता है ।
मैने कहा क्या खाक खुशबू करता है पूरा ऑफिस तो मच्छरों से भरा हुआ है साले कान में भिन्नभिन्नते रहते है हमेशा काटने से भी डरते है ऐसे मच्छर है हमारे ऑफिस के।
और हम दोनो हस्ते हस्ते एक दूसरे की तरफ देखते हुए भूल ही गए की खाने की टेबल पर कितने सारे व्यंजन रखे हुए है
कही टेबल पर रखा स्वादिष्ट पौष्टिक खाना हमारी बाते सुन कर नाराज न हो जाए ये कह कर मैने खाने की प्लेट अपनी तरफ रखी और कुछ स्वादिष्ट सा देख कर अपनी प्लेट में रखा और खाने लगा । ये देख कर की मेरी मेरी पत्नी कुछ खा नहीं रही थी एक पल के लिए मैं रुका और चुप चाप दोबारा अपने खाने पर ध्यान केंद्रित किया ।
मैने देख लिया था मेरी पत्नी और कुछ भी खाना नही चाहती थी ।
कुछ ही दिनों में मेने छुट्टी ले ली मुझे पता था कई दिनों से मेरी बीवी किसी महिला से मिल रही थी लेकिन वो कौन है ये पूछने की जरूरत मुझे महसूस नहीं हुई इसीलिए मेने पूछा नही की कौन है ।
आचनक मुझे किसी का कॉल आया उसने कहा फ्रेंडशिप ग्रुप है नई नई औरतों से दोस्ती करनी है क्या ।
मैं इन सारी बातों को अच्छी तरह जानता था की ये फ्रेंडशिप ग्रुप क्या है । इससे पहले की मैं कुछ कहूं उसने कहा मैं कॉल ट्रांसफर कर रहा हु ये आपसे मिलना चाहती है, कुछ ही पलों में एक आवाज सुनाई दी एक महिला बोल रही थी प्लीज आज आप इस होटल में आ सकते है इस टाइम पर और फोन कॉल रुक गई ।
रात हो गई थी और मुझे लगा जिंदगी है देख ही लेते है क्या है ये फ्रेंडशिप ग्रुप । और तेज़ी से अपनी कार ले कर होटल की ओर चल दिया । मैं तेजी से कार ड्राइव कर रहा था और रात का समय था इसीलिए ट्रैफिक भी नही था कुछ ही मिनिट्स में मैं होटल आ गया ।
रेसिपेशन पर ही किसी ने मुझे देखते ही कहा आपके लिए एक प्राइवेट रूम बुक हुआ है ड्रेस से में समझ नही पाया की ये मेल है या फीमेल । मैं तेजी से सीडियां चढ़ता हुआ रूम नंबर तक जा पोहचा रूम का दरवाजा खुला था मैं भी सीधे अंदर गया और पसीने की वजह से भीगी हुई शर्ट को उतार कर एक तरफ रख दिया । कुछ ही देर में कुछ खूबसूरत महिलाए मेरे रूम में आ गई इनकी उम्र भी 25 26 से ज्यादा नहीं थी और इन्होंने न के बराबर कपड़े पहने थे इनके जवान जिस्म को देख कर मेरा लुंड खड़ा हो गया मैने कहा और कोई भी बुलाया है आज या मैं ही हूं । उनमें से एक लड़की मेरी पास आई और धीरे से नीचे बैठ गई और दूसरी लड़की ने मुझे धीरे से धक्का दे कर बेड पर गिरा दिया । मैं दोनो लड़कियों के जवान जिस्म को महसूस कर पा रहा था, नीचे बैठी लड़की ने धीरे धीरे मेरी पैंट खोल दी और एक हाथ से मेरा खड़ा लंड पकड़ लिया दूसरी लड़की मेरे साइड में बैठ गई और अपने हाथो से मेरी चेस्ट से पेट तक सहलाने लगी । दूसरी लड़की खड़े लंड के साथ खेल रही थी और मेरी नजर भी उसी लड़की पर थी , अचानक एक तीसरी औरत रूम में एंटर हुई । तेजी से उठ रही काम अग्नि जैसे रुक गई और धीरे धीरे वापस जाने लगी जहा से आई थी । ये तीसरी औरत दिखने में इतनी खूबसूरत थी जैसे पहले कभी न देखी हो इसका जिस्म ऐसा था जैसे कोई पानी से भरी हुई झील या नदी हो इसके जिस्म को छू कर आ रही ठंडी हवा मेरे शरीर में उठ रही काम अग्नि को फिर से बेकाबू होने से रोक रही थी मेरा लुंड धीरे धीरे ढीला होने लगा । मेरे साइड में बैठी लड़की ने लंड को पकड़ा और इस तरह हिलाया की लंड एक बार फिर से खड़ा होने लगा काम आग्नि एक बार फिर से भड़कने लगी । औरत वही खड़े हो कर ये सब देख रही थी मैं भी उसकी ओर ही देख रहा था ऐसा लगा जैसे उसकी खुशी का ठिकाना न रहा हो उसकी आंखे उसका जिस्म सब कुछ मुझसे कुछ कह रहा था । मैने भी काम अग्नि को आजाद किया और साइड में बैठी लड़की के बाल पक्कड़ कर उसके होठों को सीधे अपने लंड के पास ले गया ।
कहानी की मुख्य तीन बाते
—>पहली बार एक घर पर रहने वाली औरत ऐसी औरत से मिलती है जो घर के बाहर भी काम करती है ।
—>पहली बार पति अपनी पत्नी को अपने कामकाज से जुड़ी बाते बताता है
—>पहली बार पत्नी अपने पति को काल करती है
"मेरी कहानी आपको कैसी लगी जरूर बताएं"
मैं इन सभी बातों को एक खेल समझता हू और मेरी कल्पनाओं में ये खेल स्पेशल है जो पति पत्नी के बीच खेला जा रहा है ।
एक जोड़ी पति पत्नी की है
एक जोड़ी प्रेमी प्रेमिका की है
एक जोड़ी खेल के रेफरी की है
मेने कहा नहीं ऐसी कोई बात नही है ।
मेरी उम्र 45 की हो गई थी
और मेरी बीवी 40 के आस पास थी
ऑफिस में मेने अपने साथ काम करने वाली महिला से कहा "जिंदगी भी अजीब है" । उसने कहा क्या ? मेने कहा कुछ नहीं और अपने काम में लग गया । उस दिन ऑफिस में काम कुछ ज्यादा ही था और मैं हमेशा की तरह काम को खत्म कर के घर वापिस आ गया था ।
घर आते ही मेने देखा घर का मौसम ही कुछ और था आज। हमेशा की तरह मैं बाथरूम में नहाने चला गया लेकिन मेरे दिमाग में ये बात घूम रही थी आज घर को क्या हुआ है ये महक क्यों रहा है ।
कुछ देर में मेरी पत्नी खाना ले कर डाइनिंग टेबल पर रखने लगी मैं वैसे ही सोच रहा था जरूर घर में कोई आया और डाइनिंग टेबल पर खाने की इतनी सारी अलग अलग चीज रखी थी । अब मेने पूछ ही लिया "कोई आया था क्या"
मेरी पत्नी ने तेजी से बज रही फोन की रिंगटोंग को साइलेंट करते हुए कहा " हा आपकी दोस्त आई थी, आज पहली बार कोई आपके ऑफिस से आया यहां उसने मुझे ऑफिस की सारी कहानी सुनाई अभी कुछ देर पहले ही निकली यहां से " और मेरी पत्नी बोलती ही जा रही थी मैं उसके चेहरे पर मौजूद खुशी को देख कर थोड़ा हैरान जरूर था । और ये सोच कर हैरान जरूर था ऐसी कौनी सी महिला है ऑफिस में जिसको देख कर मेरी पत्नी इतनी खुश थी फिर ये सोच कर की मेरी पत्नी पहली बार किसी वर्किंग वुमन से मिली है इसीलिए इतनी खुश है ।
अपनी पत्नी की खुशी में मैं ये पूछना ही भूल गया की जो भी आई वो किस काम से आई ।
आज डाइनिंग टेबल पर मुझे पूरे ऑफिस की दज्जिया उद्दानी पड़ी और एक एक आदमी और औरत की बाते अपनी पत्नी को बतानी पड़ी हम खाना तो कुछ खा नही रहे थे सिर्फ कभी मुस्कुराते तो कभी एक दम से हस पड़ते, रात होती जा रही थी लेकिन खाने की टेबल से आज कोई उठने को तैयार नहीं था ना तो मैं और न मेरी पत्नी और बाते आगे से आगे चलती जा रही थी ।
20 साल हो गए थे इस इंडस्ट्री में काम करते हुए तो ऐसी कोई बात थी ही नहीं जो मैं न जानता हु । हम इसी तरह पूरी 20 साल की हिस्ट्री निकल निकल कर बाते किए जा रहे थे । मैं देख रहा था मेरी पत्नी को ऑफिस के काम से जुड़े कोई भी शब्द समझ नही आ रहे थे लेकिन वो सब कुछ सुनती जा रही थी और बीच बीच में मुझे उसे शब्दों को किस लिए यूज करते है भी समझना पड़ रहा था लेकिन हम दोनो की हंसी रुकने का नाम नही ले रही थी ।
कुछ देर में रुक कर मैने पूछ ही लिया आज घर में ये हल्की महक किस चीज की है । मेरी पत्नी ने कहा वो आपकी दोस्त ने दी है कुछ अजीब सी चीज इससे घर में खुशबू फैलती है । मेने कहा अच्छा कोई फ्रेग्नेस है मेरी पत्नी ने कहा वो क्या होता है । मेने कहा रहने दो मच्छर मारने की दवाई जैसा कुछ है, मेरी पत्नी ने कहा " हा मुझे भी यही लगा था ""अच्छा हुआ मेने पूछा नही की क्या है " । आपकी दोस्त ने खुद ही बता दिया ऑफिस में खुशबू फैलने के काम आता है ।
मैने कहा क्या खाक खुशबू करता है पूरा ऑफिस तो मच्छरों से भरा हुआ है साले कान में भिन्नभिन्नते रहते है हमेशा काटने से भी डरते है ऐसे मच्छर है हमारे ऑफिस के।
और हम दोनो हस्ते हस्ते एक दूसरे की तरफ देखते हुए भूल ही गए की खाने की टेबल पर कितने सारे व्यंजन रखे हुए है
कही टेबल पर रखा स्वादिष्ट पौष्टिक खाना हमारी बाते सुन कर नाराज न हो जाए ये कह कर मैने खाने की प्लेट अपनी तरफ रखी और कुछ स्वादिष्ट सा देख कर अपनी प्लेट में रखा और खाने लगा । ये देख कर की मेरी मेरी पत्नी कुछ खा नहीं रही थी एक पल के लिए मैं रुका और चुप चाप दोबारा अपने खाने पर ध्यान केंद्रित किया ।
मैने देख लिया था मेरी पत्नी और कुछ भी खाना नही चाहती थी ।
कुछ ही दिनों में मेने छुट्टी ले ली मुझे पता था कई दिनों से मेरी बीवी किसी महिला से मिल रही थी लेकिन वो कौन है ये पूछने की जरूरत मुझे महसूस नहीं हुई इसीलिए मेने पूछा नही की कौन है ।
आचनक मुझे किसी का कॉल आया उसने कहा फ्रेंडशिप ग्रुप है नई नई औरतों से दोस्ती करनी है क्या ।
मैं इन सारी बातों को अच्छी तरह जानता था की ये फ्रेंडशिप ग्रुप क्या है । इससे पहले की मैं कुछ कहूं उसने कहा मैं कॉल ट्रांसफर कर रहा हु ये आपसे मिलना चाहती है, कुछ ही पलों में एक आवाज सुनाई दी एक महिला बोल रही थी प्लीज आज आप इस होटल में आ सकते है इस टाइम पर और फोन कॉल रुक गई ।
रात हो गई थी और मुझे लगा जिंदगी है देख ही लेते है क्या है ये फ्रेंडशिप ग्रुप । और तेज़ी से अपनी कार ले कर होटल की ओर चल दिया । मैं तेजी से कार ड्राइव कर रहा था और रात का समय था इसीलिए ट्रैफिक भी नही था कुछ ही मिनिट्स में मैं होटल आ गया ।
रेसिपेशन पर ही किसी ने मुझे देखते ही कहा आपके लिए एक प्राइवेट रूम बुक हुआ है ड्रेस से में समझ नही पाया की ये मेल है या फीमेल । मैं तेजी से सीडियां चढ़ता हुआ रूम नंबर तक जा पोहचा रूम का दरवाजा खुला था मैं भी सीधे अंदर गया और पसीने की वजह से भीगी हुई शर्ट को उतार कर एक तरफ रख दिया । कुछ ही देर में कुछ खूबसूरत महिलाए मेरे रूम में आ गई इनकी उम्र भी 25 26 से ज्यादा नहीं थी और इन्होंने न के बराबर कपड़े पहने थे इनके जवान जिस्म को देख कर मेरा लुंड खड़ा हो गया मैने कहा और कोई भी बुलाया है आज या मैं ही हूं । उनमें से एक लड़की मेरी पास आई और धीरे से नीचे बैठ गई और दूसरी लड़की ने मुझे धीरे से धक्का दे कर बेड पर गिरा दिया । मैं दोनो लड़कियों के जवान जिस्म को महसूस कर पा रहा था, नीचे बैठी लड़की ने धीरे धीरे मेरी पैंट खोल दी और एक हाथ से मेरा खड़ा लंड पकड़ लिया दूसरी लड़की मेरे साइड में बैठ गई और अपने हाथो से मेरी चेस्ट से पेट तक सहलाने लगी । दूसरी लड़की खड़े लंड के साथ खेल रही थी और मेरी नजर भी उसी लड़की पर थी , अचानक एक तीसरी औरत रूम में एंटर हुई । तेजी से उठ रही काम अग्नि जैसे रुक गई और धीरे धीरे वापस जाने लगी जहा से आई थी । ये तीसरी औरत दिखने में इतनी खूबसूरत थी जैसे पहले कभी न देखी हो इसका जिस्म ऐसा था जैसे कोई पानी से भरी हुई झील या नदी हो इसके जिस्म को छू कर आ रही ठंडी हवा मेरे शरीर में उठ रही काम अग्नि को फिर से बेकाबू होने से रोक रही थी मेरा लुंड धीरे धीरे ढीला होने लगा । मेरे साइड में बैठी लड़की ने लंड को पकड़ा और इस तरह हिलाया की लंड एक बार फिर से खड़ा होने लगा काम आग्नि एक बार फिर से भड़कने लगी । औरत वही खड़े हो कर ये सब देख रही थी मैं भी उसकी ओर ही देख रहा था ऐसा लगा जैसे उसकी खुशी का ठिकाना न रहा हो उसकी आंखे उसका जिस्म सब कुछ मुझसे कुछ कह रहा था । मैने भी काम अग्नि को आजाद किया और साइड में बैठी लड़की के बाल पक्कड़ कर उसके होठों को सीधे अपने लंड के पास ले गया ।
कहानी की मुख्य तीन बाते
—>पहली बार एक घर पर रहने वाली औरत ऐसी औरत से मिलती है जो घर के बाहर भी काम करती है ।
—>पहली बार पति अपनी पत्नी को अपने कामकाज से जुड़ी बाते बताता है
—>पहली बार पत्नी अपने पति को काल करती है
"मेरी कहानी आपको कैसी लगी जरूर बताएं"
मैं इन सभी बातों को एक खेल समझता हू और मेरी कल्पनाओं में ये खेल स्पेशल है जो पति पत्नी के बीच खेला जा रहा है ।
एक जोड़ी पति पत्नी की है
एक जोड़ी प्रेमी प्रेमिका की है
एक जोड़ी खेल के रेफरी की है