Sushilnkt
Well-Known Member
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Nice
Chalo aaj kuch mod or start hone ki ummid jagi hai
Chalo aaj kuch mod or start hone ki ummid jagi hai
Nice and superb update......Update 14
वीर खाना पीना खा कर जमीदार के यहां काम करने चला जाता है और कार से फिर दोपहर को आता है।
वीर - ये बेटी चोद इंसान है या लन्ड बहन चोद बस भोसड़ा मैं खोया रहता है ।
तभी वीर ऊपर कार को तबेले के पास खड़ा कर के जब जाने लगता है तो उसे कुछ आवाज आती है
वीर देखता है
निधि - आआआहहह हट जाइए वरना अच्छा नहीं होगा, आआआआहह्हह मम्मी छोड़ दीजिए उई मां रात को चोदने में क्या दिक्कत रहता है आपको अभी कोई आ जाएगा तो क्या रह जायेगा
निधि - निकल गया ना अब हटो , कुत्ता कही का रोज रोज का यही हो गया है।
वीर इन दोनो की चूदाई देख कर तेज से सास लेता हुआ भाग गया।
वीर - आज एक बात तो समझ गया ना मैं भी हा होती है और सभी पत्नी की गाली खाते है , लेने के लिए।
तभी वीर ऊपर चला जाता हैं तो उसको दीवाल के पास बैठी हुई काव्या दिखती है।
और अंदर तीनो पत्नियां बैठ कर कुछ कर रही थी।
जैसे ही वीर काव्या को ले कर रूम में आता है तो देखता है तीनो उसको देखने लगती है
तभी काव्या बोलती है मम्मी चलो ना घूमने चलते है बाहर।
तभी तनु वीर को देखती है और मन मैं कहती है फिर कुछ दिमाग लगा कर आया है
साक्षी - हा बेटा हम सब चलेंगे परेशान मत हो।
तभी साक्षी और अनु काव्या को तैयार करने लगती है, और वीर बाहर आता है तभी उसको तनु बाहर दिखती है, जो दीवाल पर चढ़ के बैठी थी।
वीर - चलो ना घूमने तुम भी
तनु - वो दोनो जा रही है ना, काव्या को ले कर जाओ ना, आराम से।
वीर - नही मैने तो तुम्हारे लिया सब किया, चलो ना मैं तुमको पसन्द करता हूं।
तनु वही दीवाल पर टेक लगा कर वीर को देखती है।
और कहती है मुझे सब पता है तुम्हे क्यो पसन्द आ रही हूं मैं, हट जाओ वर्ना कूट दूंगी हटो जरा साक्षी को बताने दो मुझे ये मेरे लिया है ना रुको।
तनु की इतनी बात सुन कर वीर की गांड़ फट जाती है और वो तनु को पकड़ लेटा है, अरे प्लीज़ मत बताओ ना।
ये सुन कर तनु कुछ नहीं कहती है वीर को हटने का इशारा करती है, लेकिन वीर फिर से जज्बातों मैं बह गया था। और तनु की खोपड़ी अब हिल गई थी।
तनु - बार बार आ कर छूना जरूरी है बिना छुए बात नहीं हो सकती तुम्हारी।
और वीर को थोड़ा धकेल देती है और आगे बड़ जाती है
वीर - मेरी ही गलती है पता नही इसको देख कर क्या हो जाता है कंट्रोल खो क्यो देता हूं।
तभी तनु गुस्से में नीचे जाती है और उसने ध्यान नहीं दिया की सीढ़ी के बगल ऊपर साइड गरम पानी है और वीर जस्ट उसके पीछे होता है।
तभी तनु की हाथ उस बर्तन पर लग जाता है, जिसमें गर्म पानी था और वो गर्म पानी तनु के ऊपर गिरने लगता है।
तभी वीर तनु को अपनी बाहों में दबोच लेता है, और सीढ़ी पर ही उसके ऊपर लेट जाता हा, जिससे गर्म पानी उसके ऊपर गिर पड़ता है और तनु बिल्कुल सेफ रहती है।
तभी वीर का ध्यान आता है, की उसके एक हाथ तनु की मुलायम चुचियों पर होते है , जिसके अहसास से ही वीर का दिल खुश हो जाता है, लेकिन तभी वीर की आंखों में आसू आ जाते है।
जब शरीर पर पूरा गरम पानी गिरता है ना तो सारी आशिकी गांड़ के रास्ते निकल जाती है और वही वीर के साथ हुआ।
उसकी पूरी पीठ जल गई और इस आवाज़ से हर कोई आ गया।
काव्या - ही ही ही ही पापा क्या हुआ गिर पड़े, मम्मी के ऊपर।
वही वीर काव्या की आवाज़ सुन कर जल्दी से अपना हाथ तनु के ऊपर से हटा लेता है और खड़ा हो जाता है।
साक्षी - क्या हुआ वीर, तनु, तुम दोनो ठीक हो ना।
अनु - कैसे गिर पड़े दिखाई नहीं देता क्या, अंधे हो जरा देख लिया करो, बेटी है तुम्हारी कुछ तो शर्म कर लिया करो।
तभी ये शोर सुन कर राज और उसका चाचा सूर्य और उदय दोनो खड़े थे।
उदय - दिमाग़ सही नहीं रहता क्या तेरा, तीन तीन बीवी मिलने से पागल हो गया है तू।
सूर्य - कैसे गिर पड़े , ये तुझे परेशान कर रहा था क्या बिटिया।
मधु - अरे आप दोनो कहा बच्चो के बीच आ गए है।
उदय - अरे ये तो इंसान ही गिरा हुआ है, पता नहीं कहा मेरी बिटिया फस गई इस करमजले के चक्कर में, कल को मेरी बेटी गिर पड़ती, चोट लग जाती तो , आज बच गई आगे क्या होगा भगवान जाने।
मधु - कुछ नहीं होगा वो दोनो खुश है।
तभी तनु चिल्लाती है , अरे इतनी ही फिकर है तो बर्तन किसने रखा था , वीर की गलती नहीं है समझे अपनी हरकतें देखे।
तभी तनु कुछ और बोलती उसके पहले वीर ने उसको इशारे से मना कर दिया।
और ऊपर जाने लगा और काव्या को देख कर बोला परेशान मत हो बेटा हम सब घूमने चलेंगे।
तनु ये सुनती है तो उसकी आंखें नम हो जाती हैं , और तनु का गुस्सा देख कर सब सटक लेते है और सब को पता चल गया था गलती वीर की नहीं थी।
वीर ऊपर आता है और तनु उसके पीछे रहती है।
साक्षी - ठीक हो तुम दोनो, बर्तन में पानी था इसलिए चोट लगी।
तभी तनु कुछ बोलती उसके पहले वीर बोलता है हा बाबा मैं बिल्कुल ठीक हूं आप टेंशन मत लो अब चलो वर्ना काव्या रो देगी।
तभी वो दोनो और काव्या नीचे जाने लगती है।
तनु - बताने क्यो नहीं दिया।
वीर - काव्या बहुत खुश है अगर तुम बता देती तो साक्षी कभी जाने नहीं देती, और मैं काव्या को उदास नहीं देख पाता।
तनु कुछ और कहती तभी वीर कहता है माफ करना मैने तुम्हे छुआ, अब से नही टच करूंगा।
तनु - क्यो बचाया मुझे , में तुम्हे दिन भर मारती रहती हूं फिर भी मुझे बचाया।
वीर - प्यार करता हूं , तुमसे अपनी आंखों के सामने ऐसे जलता नहीं देख सका, तो सोचा दुनिया भर की गाली सुन सकता हूं, तुम्हे बचा कर तो किया।
तनु अपनी आंखों को पोछती है और कहती है शर्ट उतारो, कमरे में चल कर।
वीर - अरे ठीक है
तभी तनु अपनी चप्पल उतार लेती है।
वीर- उतार दिया मैने आओ।
तनु - बिना डाट खाए दिमाग चलता नहीं तुम्हारा।
फिर वो वीर के पीठ पर क्रीम लगती है और धीरे धीरे पोछती है फिर शर्ट पहने को बोल देती है।
वीर जाने लगता है और कहता तुम भी चलो।
तनु - एक शर्त है
वीर - कैसी
तनु - तुमने कहा था तुम अब से मुझे टच नहीं करोगे।
वीर - हा तो
तनु - वैसे मैने तो रोका नहीं, इसीलिए अगर तुम उस बात के लिया सॉरी बोलो तो मैं चलूंगी।
वीर - ठीक है सॉरी, अब चलो।
तनु - ही ही ही तुमने मुझसे एक सवाल पूछा था ना, कल रात को।
वीर - हा , यही की तुम सजती क्यो नहीं, सवारती क्यो नहीं , बेकार सी सकल क्यों बनाए रहती हों, और मेरे प्यार झूठा है क्या, यही पूछा था।
तनु - एक औरत, तब सजती है जब उसको अपने पति को लुबाना हो, उसके लिया ही औरत सजती है , और तुमने कहा था ना बहुत प्यार करते हो मुझसे।
वीर - हा
तनु - तुमको तुम्हारी तनु को सजती हुई देखना था, वादा रहा अब से तुम्हारी तनु तुमको हमेशा सजी हुई मिलेगी, तुम्हारे लिए , अब जाओ पागल।
वीर आगे आता है और तनु भाग जाती है पीछे
तनु - ओह हेलो, मिस्टर बेताब मैने सजने को बोला की तुम्हारे लिए सजूँगी, सज नहीं गई, और वैसे भी मैने इज़हार नही किया।
वीर उदास हो कर जाने लगता है , तभी तनु कहती है लेकिन क्या पता तुम्हारा हस्ता चहरा देख कर कर दूं,
वीर हस्ते हुआ चला जाता है,
और तनु स्माइल करती है और कहती है बेरूपिए ने मेरा दिल तो जीत लियाऔर ये कहते हुए उसके गाल लाल हो जाते है।
तनु - आज तुमको पागल ना कर दिया तो मेरा नाम भी तनु नहीं, पागल लड़का कुछ भी कर देता है बताओ, बंदर कहता है तुम तो मेरी हो ही ही ही ही।
राखी - तुम्हे खुश देख कर अच्छा लगा बेटी।
तनु - मां बहुत खुश हूं मैं, बहुत प्यार करने वाला मिला, अब जो भी हो ये मुझे अपनाया है इसने अब मेरी पारी इसे दिखाने की, की इसकी तनु कोई गांव की ऐसी वैसी नहीं है।
राखी - पागल
इधर तनु तैयार होना शुरू कर देती है, और दूसरी तरफ कार में साक्षी और अनु और काव्या बोर हो जाती है।
काव्या - पापा मम्मी कहा है , कब आएगी वो, मैं बोर हो गई।
अनु - यार दीदी बुलाओ ना, बड़ी दीदी को।
साक्षी - मेरे मैं इतनी हिम्मत नहीं , जिसको दात खाना हो बुलाओ।
वीर पहले सोचता है तनु को बुलाने जाए लेकिन फिर वो कहता है आज दात खाना का मन नही तनु कभी भी गुस्सा हो जाती है।
तभी 1.5 घंटे बाद तनु नीचे आती है, और उसको देख कर वीर की सास अटक आती है वो जल्दी से पानी पीने लगता है।
वही सूरज ढल चुका था और हल्का हल्का चांद निकला था, ऊपर से तनु ने ग्रीन साड़ी पहनी थी जिस पर स्ट्रीट लाइट की रोशनी तनु की कमर पर पड़ती है, खुले खुले बाल, होठ मैं हल्की लिपस्टिक, और हवा में उसके बाल लहरा रहे था, और तनु के बाल उसकी आंखों में लग रहे था इसलिए उसने अपनी आंखें बंद कर ली ।
और तनु का ये रूप देख कर वीर का रोम रोम हिल गया, उसे अपनी सास कंट्रोल करने मैं दिक्कत होने लगी, उसे ये समझ नहीं आ रहा था की सुबह वाली तनु कही कोई दूसरी तो नही थी ये तो पूरी चेंज हो गई।
वीर - तो ये है तनु जिसने पूरा गांव में अपना सिक्का चला रखा था
वीर खुद अब किसी तरह अपने लन्ड और सास को बैठने की कोशिश कर रहा था।
और वही तनु का ऐसा रूप देख कर राज और उसके चाचा और पापा सब तनु को घूर रहे था।
काव्या - हाए मेरी मम्मी।
साक्षी हल्की स्माइल के साथ तनु को देखती है और कार का डोर खोल कर सबसे पहले तनु को अंदर बैठने देती है।
काव्या - मम्मी मुझे चिपका लो।
उसकी ये बात सुन कर तनु को हसी आ जाती है और उसने काव्या को अपनी गोद मैं बैठा लिया और वीर को हल्की स्माइल के साथ देखने लगी।
साक्षी आगे बैठी थी वो खांसती है और कहती है चले।
अनु बस चुपके चुपके तनु को घूर रही थी वो भी लड़की थी उसे भी पता था एक लड़की कब सजती है।
अनु मन में सोचती है दीदी ने सजना शुरू कर दिया मतलब.
साक्षी - इतना टाइम कैसे लग गया।
तनु - पानी भरी नहाई, और फिर तैयार हुई, और थोड़ा हेयर रिमूवर की।
साक्षी भी अब तनु को तिरछी नज़र से देख रही थी या ये कहे उसको भी जलन हो रही थी की तनु इतना सज कर आई है।
तनु मन मैं कहती है वीर तुम्हारी सास तो तेज है अभी ही, इज़हार करूंगी तो पागल हो जाओगे,
तनु को मन ही मन हसी आ रही थी क्युकी उसको पता था , वीर को इज़हार के बाद भी बहुत प्रोब्लम होगी, उसकी 2 वाइफ और भी है।
तनु - अभी तो पार्टी शुरू हुई है वीर
नेक्स्ट सीन
"हा भाई वीर का गेम बजा डाल" ऊपर से ऑर्डर है रमेश भाई ने बोला है।
लेकिन उन्हें क्या पता था उनकी ये कॉल अंजली बैठी सुन रही थी।
अंजलि - now game start ramesh
..
.
..
.
To be continued.... Next scene bahut romantic hoga..i know update chota hai lekin ab bahut jald chudai hone walai haiaur next scene main aap shyad anjali se bhi mile
i dont know lekin romance toh bahut gajab wala hoga....dekho yaha tak aaye ho toh like kar hi doge
Wow wow Ye Tannu to ek dum se change ho gayi. But acha laga ye update.Update 14
वीर खाना पीना खा कर जमीदार के यहां काम करने चला जाता है और कार से फिर दोपहर को आता है।
वीर - ये बेटी चोद इंसान है या लन्ड बहन चोद बस भोसड़ा मैं खोया रहता है ।
तभी वीर ऊपर कार को तबेले के पास खड़ा कर के जब जाने लगता है तो उसे कुछ आवाज आती है
वीर देखता है
निधि - आआआहहह हट जाइए वरना अच्छा नहीं होगा, आआआआहह्हह मम्मी छोड़ दीजिए उई मां रात को चोदने में क्या दिक्कत रहता है आपको अभी कोई आ जाएगा तो क्या रह जायेगा
निधि - निकल गया ना अब हटो , कुत्ता कही का रोज रोज का यही हो गया है।
वीर इन दोनो की चूदाई देख कर तेज से सास लेता हुआ भाग गया।
वीर - आज एक बात तो समझ गया ना मैं भी हा होती है और सभी पत्नी की गाली खाते है , लेने के लिए।
तभी वीर ऊपर चला जाता हैं तो उसको दीवाल के पास बैठी हुई काव्या दिखती है।
और अंदर तीनो पत्नियां बैठ कर कुछ कर रही थी।
जैसे ही वीर काव्या को ले कर रूम में आता है तो देखता है तीनो उसको देखने लगती है
तभी काव्या बोलती है मम्मी चलो ना घूमने चलते है बाहर।
तभी तनु वीर को देखती है और मन मैं कहती है फिर कुछ दिमाग लगा कर आया है
साक्षी - हा बेटा हम सब चलेंगे परेशान मत हो।
तभी साक्षी और अनु काव्या को तैयार करने लगती है, और वीर बाहर आता है तभी उसको तनु बाहर दिखती है, जो दीवाल पर चढ़ के बैठी थी।
वीर - चलो ना घूमने तुम भी
तनु - वो दोनो जा रही है ना, काव्या को ले कर जाओ ना, आराम से।
वीर - नही मैने तो तुम्हारे लिया सब किया, चलो ना मैं तुमको पसन्द करता हूं।
तनु वही दीवाल पर टेक लगा कर वीर को देखती है।
और कहती है मुझे सब पता है तुम्हे क्यो पसन्द आ रही हूं मैं, हट जाओ वर्ना कूट दूंगी हटो जरा साक्षी को बताने दो मुझे ये मेरे लिया है ना रुको।
तनु की इतनी बात सुन कर वीर की गांड़ फट जाती है और वो तनु को पकड़ लेटा है, अरे प्लीज़ मत बताओ ना।
ये सुन कर तनु कुछ नहीं कहती है वीर को हटने का इशारा करती है, लेकिन वीर फिर से जज्बातों मैं बह गया था। और तनु की खोपड़ी अब हिल गई थी।
तनु - बार बार आ कर छूना जरूरी है बिना छुए बात नहीं हो सकती तुम्हारी।
और वीर को थोड़ा धकेल देती है और आगे बड़ जाती है
वीर - मेरी ही गलती है पता नही इसको देख कर क्या हो जाता है कंट्रोल खो क्यो देता हूं।
तभी तनु गुस्से में नीचे जाती है और उसने ध्यान नहीं दिया की सीढ़ी के बगल ऊपर साइड गरम पानी है और वीर जस्ट उसके पीछे होता है।
तभी तनु की हाथ उस बर्तन पर लग जाता है, जिसमें गर्म पानी था और वो गर्म पानी तनु के ऊपर गिरने लगता है।
तभी वीर तनु को अपनी बाहों में दबोच लेता है, और सीढ़ी पर ही उसके ऊपर लेट जाता हा, जिससे गर्म पानी उसके ऊपर गिर पड़ता है और तनु बिल्कुल सेफ रहती है।
तभी वीर का ध्यान आता है, की उसके एक हाथ तनु की मुलायम चुचियों पर होते है , जिसके अहसास से ही वीर का दिल खुश हो जाता है, लेकिन तभी वीर की आंखों में आसू आ जाते है।
जब शरीर पर पूरा गरम पानी गिरता है ना तो सारी आशिकी गांड़ के रास्ते निकल जाती है और वही वीर के साथ हुआ।
उसकी पूरी पीठ जल गई और इस आवाज़ से हर कोई आ गया।
काव्या - ही ही ही ही पापा क्या हुआ गिर पड़े, मम्मी के ऊपर।
वही वीर काव्या की आवाज़ सुन कर जल्दी से अपना हाथ तनु के ऊपर से हटा लेता है और खड़ा हो जाता है।
साक्षी - क्या हुआ वीर, तनु, तुम दोनो ठीक हो ना।
अनु - कैसे गिर पड़े दिखाई नहीं देता क्या, अंधे हो जरा देख लिया करो, बेटी है तुम्हारी कुछ तो शर्म कर लिया करो।
तभी ये शोर सुन कर राज और उसका चाचा सूर्य और उदय दोनो खड़े थे।
उदय - दिमाग़ सही नहीं रहता क्या तेरा, तीन तीन बीवी मिलने से पागल हो गया है तू।
सूर्य - कैसे गिर पड़े , ये तुझे परेशान कर रहा था क्या बिटिया।
मधु - अरे आप दोनो कहा बच्चो के बीच आ गए है।
उदय - अरे ये तो इंसान ही गिरा हुआ है, पता नहीं कहा मेरी बिटिया फस गई इस करमजले के चक्कर में, कल को मेरी बेटी गिर पड़ती, चोट लग जाती तो , आज बच गई आगे क्या होगा भगवान जाने।
मधु - कुछ नहीं होगा वो दोनो खुश है।
तभी तनु चिल्लाती है , अरे इतनी ही फिकर है तो बर्तन किसने रखा था , वीर की गलती नहीं है समझे अपनी हरकतें देखे।
तभी तनु कुछ और बोलती उसके पहले वीर ने उसको इशारे से मना कर दिया।
और ऊपर जाने लगा और काव्या को देख कर बोला परेशान मत हो बेटा हम सब घूमने चलेंगे।
तनु ये सुनती है तो उसकी आंखें नम हो जाती हैं , और तनु का गुस्सा देख कर सब सटक लेते है और सब को पता चल गया था गलती वीर की नहीं थी।
वीर ऊपर आता है और तनु उसके पीछे रहती है।
साक्षी - ठीक हो तुम दोनो, बर्तन में पानी था इसलिए चोट लगी।
तभी तनु कुछ बोलती उसके पहले वीर बोलता है हा बाबा मैं बिल्कुल ठीक हूं आप टेंशन मत लो अब चलो वर्ना काव्या रो देगी।
तभी वो दोनो और काव्या नीचे जाने लगती है।
तनु - बताने क्यो नहीं दिया।
वीर - काव्या बहुत खुश है अगर तुम बता देती तो साक्षी कभी जाने नहीं देती, और मैं काव्या को उदास नहीं देख पाता।
तनु कुछ और कहती तभी वीर कहता है माफ करना मैने तुम्हे छुआ, अब से नही टच करूंगा।
तनु - क्यो बचाया मुझे , में तुम्हे दिन भर मारती रहती हूं फिर भी मुझे बचाया।
वीर - प्यार करता हूं , तुमसे अपनी आंखों के सामने ऐसे जलता नहीं देख सका, तो सोचा दुनिया भर की गाली सुन सकता हूं, तुम्हे बचा कर तो किया।
तनु अपनी आंखों को पोछती है और कहती है शर्ट उतारो, कमरे में चल कर।
वीर - अरे ठीक है
तभी तनु अपनी चप्पल उतार लेती है।
वीर- उतार दिया मैने आओ।
तनु - बिना डाट खाए दिमाग चलता नहीं तुम्हारा।
फिर वो वीर के पीठ पर क्रीम लगती है और धीरे धीरे पोछती है फिर शर्ट पहने को बोल देती है।
वीर जाने लगता है और कहता तुम भी चलो।
तनु - एक शर्त है
वीर - कैसी
तनु - तुमने कहा था तुम अब से मुझे टच नहीं करोगे।
वीर - हा तो
तनु - वैसे मैने तो रोका नहीं, इसीलिए अगर तुम उस बात के लिया सॉरी बोलो तो मैं चलूंगी।
वीर - ठीक है सॉरी, अब चलो।
तनु - ही ही ही तुमने मुझसे एक सवाल पूछा था ना, कल रात को।
वीर - हा , यही की तुम सजती क्यो नहीं, सवारती क्यो नहीं , बेकार सी सकल क्यों बनाए रहती हों, और मेरे प्यार झूठा है क्या, यही पूछा था।
तनु - एक औरत, तब सजती है जब उसको अपने पति को लुबाना हो, उसके लिया ही औरत सजती है , और तुमने कहा था ना बहुत प्यार करते हो मुझसे।
वीर - हा
तनु - तुमको तुम्हारी तनु को सजती हुई देखना था, वादा रहा अब से तुम्हारी तनु तुमको हमेशा सजी हुई मिलेगी, तुम्हारे लिए , अब जाओ पागल।
वीर आगे आता है और तनु भाग जाती है पीछे
तनु - ओह हेलो, मिस्टर बेताब मैने सजने को बोला की तुम्हारे लिए सजूँगी, सज नहीं गई, और वैसे भी मैने इज़हार नही किया।
वीर उदास हो कर जाने लगता है , तभी तनु कहती है लेकिन क्या पता तुम्हारा हस्ता चहरा देख कर कर दूं,
वीर हस्ते हुआ चला जाता है,
और तनु स्माइल करती है और कहती है बेरूपिए ने मेरा दिल तो जीत लियाऔर ये कहते हुए उसके गाल लाल हो जाते है।
तनु - आज तुमको पागल ना कर दिया तो मेरा नाम भी तनु नहीं, पागल लड़का कुछ भी कर देता है बताओ, बंदर कहता है तुम तो मेरी हो ही ही ही ही।
राखी - तुम्हे खुश देख कर अच्छा लगा बेटी।
तनु - मां बहुत खुश हूं मैं, बहुत प्यार करने वाला मिला, अब जो भी हो ये मुझे अपनाया है इसने अब मेरी पारी इसे दिखाने की, की इसकी तनु कोई गांव की ऐसी वैसी नहीं है।
राखी - पागल
इधर तनु तैयार होना शुरू कर देती है, और दूसरी तरफ कार में साक्षी और अनु और काव्या बोर हो जाती है।
काव्या - पापा मम्मी कहा है , कब आएगी वो, मैं बोर हो गई।
अनु - यार दीदी बुलाओ ना, बड़ी दीदी को।
साक्षी - मेरे मैं इतनी हिम्मत नहीं , जिसको दात खाना हो बुलाओ।
वीर पहले सोचता है तनु को बुलाने जाए लेकिन फिर वो कहता है आज दात खाना का मन नही तनु कभी भी गुस्सा हो जाती है।
तभी 1.5 घंटे बाद तनु नीचे आती है, और उसको देख कर वीर की सास अटक आती है वो जल्दी से पानी पीने लगता है।
वही सूरज ढल चुका था और हल्का हल्का चांद निकला था, ऊपर से तनु ने ग्रीन साड़ी पहनी थी जिस पर स्ट्रीट लाइट की रोशनी तनु की कमर पर पड़ती है, खुले खुले बाल, होठ मैं हल्की लिपस्टिक, और हवा में उसके बाल लहरा रहे था, और तनु के बाल उसकी आंखों में लग रहे था इसलिए उसने अपनी आंखें बंद कर ली ।
और तनु का ये रूप देख कर वीर का रोम रोम हिल गया, उसे अपनी सास कंट्रोल करने मैं दिक्कत होने लगी, उसे ये समझ नहीं आ रहा था की सुबह वाली तनु कही कोई दूसरी तो नही थी ये तो पूरी चेंज हो गई।
वीर - तो ये है तनु जिसने पूरा गांव में अपना सिक्का चला रखा था
वीर खुद अब किसी तरह अपने लन्ड और सास को बैठने की कोशिश कर रहा था।
और वही तनु का ऐसा रूप देख कर राज और उसके चाचा और पापा सब तनु को घूर रहे था।
काव्या - हाए मेरी मम्मी।
साक्षी हल्की स्माइल के साथ तनु को देखती है और कार का डोर खोल कर सबसे पहले तनु को अंदर बैठने देती है।
काव्या - मम्मी मुझे चिपका लो।
उसकी ये बात सुन कर तनु को हसी आ जाती है और उसने काव्या को अपनी गोद मैं बैठा लिया और वीर को हल्की स्माइल के साथ देखने लगी।
साक्षी आगे बैठी थी वो खांसती है और कहती है चले।
अनु बस चुपके चुपके तनु को घूर रही थी वो भी लड़की थी उसे भी पता था एक लड़की कब सजती है।
अनु मन में सोचती है दीदी ने सजना शुरू कर दिया मतलब.
साक्षी - इतना टाइम कैसे लग गया।
तनु - पानी भरी नहाई, और फिर तैयार हुई, और थोड़ा हेयर रिमूवर की।
साक्षी भी अब तनु को तिरछी नज़र से देख रही थी या ये कहे उसको भी जलन हो रही थी की तनु इतना सज कर आई है।
तनु मन मैं कहती है वीर तुम्हारी सास तो तेज है अभी ही, इज़हार करूंगी तो पागल हो जाओगे,
तनु को मन ही मन हसी आ रही थी क्युकी उसको पता था , वीर को इज़हार के बाद भी बहुत प्रोब्लम होगी, उसकी 2 वाइफ और भी है।
तनु - अभी तो पार्टी शुरू हुई है वीर
नेक्स्ट सीन
"हा भाई वीर का गेम बजा डाल" ऊपर से ऑर्डर है रमेश भाई ने बोला है।
लेकिन उन्हें क्या पता था उनकी ये कॉल अंजली बैठी सुन रही थी।
अंजलि - now game start ramesh
..
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To be continued.... Next scene bahut romantic hoga..i know update chota hai lekin ab bahut jald chudai hone walai haiaur next scene main aap shyad anjali se bhi mile
i dont know lekin romance toh bahut gajab wala hoga....dekho yaha tak aaye ho toh like kar hi doge
Bahut hi shaandar update diya hai Ghost Rider ❣️ bhai....Update 14
वीर खाना पीना खा कर जमीदार के यहां काम करने चला जाता है और कार से फिर दोपहर को आता है।
वीर - ये बेटी चोद इंसान है या लन्ड बहन चोद बस भोसड़ा मैं खोया रहता है ।
तभी वीर ऊपर कार को तबेले के पास खड़ा कर के जब जाने लगता है तो उसे कुछ आवाज आती है
वीर देखता है
निधि - आआआहहह हट जाइए वरना अच्छा नहीं होगा, आआआआहह्हह मम्मी छोड़ दीजिए उई मां रात को चोदने में क्या दिक्कत रहता है आपको अभी कोई आ जाएगा तो क्या रह जायेगा
निधि - निकल गया ना अब हटो , कुत्ता कही का रोज रोज का यही हो गया है।
वीर इन दोनो की चूदाई देख कर तेज से सास लेता हुआ भाग गया।
वीर - आज एक बात तो समझ गया ना मैं भी हा होती है और सभी पत्नी की गाली खाते है , लेने के लिए।
तभी वीर ऊपर चला जाता हैं तो उसको दीवाल के पास बैठी हुई काव्या दिखती है।
और अंदर तीनो पत्नियां बैठ कर कुछ कर रही थी।
जैसे ही वीर काव्या को ले कर रूम में आता है तो देखता है तीनो उसको देखने लगती है
तभी काव्या बोलती है मम्मी चलो ना घूमने चलते है बाहर।
तभी तनु वीर को देखती है और मन मैं कहती है फिर कुछ दिमाग लगा कर आया है
साक्षी - हा बेटा हम सब चलेंगे परेशान मत हो।
तभी साक्षी और अनु काव्या को तैयार करने लगती है, और वीर बाहर आता है तभी उसको तनु बाहर दिखती है, जो दीवाल पर चढ़ के बैठी थी।
वीर - चलो ना घूमने तुम भी
तनु - वो दोनो जा रही है ना, काव्या को ले कर जाओ ना, आराम से।
वीर - नही मैने तो तुम्हारे लिया सब किया, चलो ना मैं तुमको पसन्द करता हूं।
तनु वही दीवाल पर टेक लगा कर वीर को देखती है।
और कहती है मुझे सब पता है तुम्हे क्यो पसन्द आ रही हूं मैं, हट जाओ वर्ना कूट दूंगी हटो जरा साक्षी को बताने दो मुझे ये मेरे लिया है ना रुको।
तनु की इतनी बात सुन कर वीर की गांड़ फट जाती है और वो तनु को पकड़ लेटा है, अरे प्लीज़ मत बताओ ना।
ये सुन कर तनु कुछ नहीं कहती है वीर को हटने का इशारा करती है, लेकिन वीर फिर से जज्बातों मैं बह गया था। और तनु की खोपड़ी अब हिल गई थी।
तनु - बार बार आ कर छूना जरूरी है बिना छुए बात नहीं हो सकती तुम्हारी।
और वीर को थोड़ा धकेल देती है और आगे बड़ जाती है
वीर - मेरी ही गलती है पता नही इसको देख कर क्या हो जाता है कंट्रोल खो क्यो देता हूं।
तभी तनु गुस्से में नीचे जाती है और उसने ध्यान नहीं दिया की सीढ़ी के बगल ऊपर साइड गरम पानी है और वीर जस्ट उसके पीछे होता है।
तभी तनु की हाथ उस बर्तन पर लग जाता है, जिसमें गर्म पानी था और वो गर्म पानी तनु के ऊपर गिरने लगता है।
तभी वीर तनु को अपनी बाहों में दबोच लेता है, और सीढ़ी पर ही उसके ऊपर लेट जाता हा, जिससे गर्म पानी उसके ऊपर गिर पड़ता है और तनु बिल्कुल सेफ रहती है।
तभी वीर का ध्यान आता है, की उसके एक हाथ तनु की मुलायम चुचियों पर होते है , जिसके अहसास से ही वीर का दिल खुश हो जाता है, लेकिन तभी वीर की आंखों में आसू आ जाते है।
जब शरीर पर पूरा गरम पानी गिरता है ना तो सारी आशिकी गांड़ के रास्ते निकल जाती है और वही वीर के साथ हुआ।
उसकी पूरी पीठ जल गई और इस आवाज़ से हर कोई आ गया।
काव्या - ही ही ही ही पापा क्या हुआ गिर पड़े, मम्मी के ऊपर।
वही वीर काव्या की आवाज़ सुन कर जल्दी से अपना हाथ तनु के ऊपर से हटा लेता है और खड़ा हो जाता है।
साक्षी - क्या हुआ वीर, तनु, तुम दोनो ठीक हो ना।
अनु - कैसे गिर पड़े दिखाई नहीं देता क्या, अंधे हो जरा देख लिया करो, बेटी है तुम्हारी कुछ तो शर्म कर लिया करो।
तभी ये शोर सुन कर राज और उसका चाचा सूर्य और उदय दोनो खड़े थे।
उदय - दिमाग़ सही नहीं रहता क्या तेरा, तीन तीन बीवी मिलने से पागल हो गया है तू।
सूर्य - कैसे गिर पड़े , ये तुझे परेशान कर रहा था क्या बिटिया।
मधु - अरे आप दोनो कहा बच्चो के बीच आ गए है।
उदय - अरे ये तो इंसान ही गिरा हुआ है, पता नहीं कहा मेरी बिटिया फस गई इस करमजले के चक्कर में, कल को मेरी बेटी गिर पड़ती, चोट लग जाती तो , आज बच गई आगे क्या होगा भगवान जाने।
मधु - कुछ नहीं होगा वो दोनो खुश है।
तभी तनु चिल्लाती है , अरे इतनी ही फिकर है तो बर्तन किसने रखा था , वीर की गलती नहीं है समझे अपनी हरकतें देखे।
तभी तनु कुछ और बोलती उसके पहले वीर ने उसको इशारे से मना कर दिया।
और ऊपर जाने लगा और काव्या को देख कर बोला परेशान मत हो बेटा हम सब घूमने चलेंगे।
तनु ये सुनती है तो उसकी आंखें नम हो जाती हैं , और तनु का गुस्सा देख कर सब सटक लेते है और सब को पता चल गया था गलती वीर की नहीं थी।
वीर ऊपर आता है और तनु उसके पीछे रहती है।
साक्षी - ठीक हो तुम दोनो, बर्तन में पानी था इसलिए चोट लगी।
तभी तनु कुछ बोलती उसके पहले वीर बोलता है हा बाबा मैं बिल्कुल ठीक हूं आप टेंशन मत लो अब चलो वर्ना काव्या रो देगी।
तभी वो दोनो और काव्या नीचे जाने लगती है।
तनु - बताने क्यो नहीं दिया।
वीर - काव्या बहुत खुश है अगर तुम बता देती तो साक्षी कभी जाने नहीं देती, और मैं काव्या को उदास नहीं देख पाता।
तनु कुछ और कहती तभी वीर कहता है माफ करना मैने तुम्हे छुआ, अब से नही टच करूंगा।
तनु - क्यो बचाया मुझे , में तुम्हे दिन भर मारती रहती हूं फिर भी मुझे बचाया।
वीर - प्यार करता हूं , तुमसे अपनी आंखों के सामने ऐसे जलता नहीं देख सका, तो सोचा दुनिया भर की गाली सुन सकता हूं, तुम्हे बचा कर तो किया।
तनु अपनी आंखों को पोछती है और कहती है शर्ट उतारो, कमरे में चल कर।
वीर - अरे ठीक है
तभी तनु अपनी चप्पल उतार लेती है।
वीर- उतार दिया मैने आओ।
तनु - बिना डाट खाए दिमाग चलता नहीं तुम्हारा।
फिर वो वीर के पीठ पर क्रीम लगती है और धीरे धीरे पोछती है फिर शर्ट पहने को बोल देती है।
वीर जाने लगता है और कहता तुम भी चलो।
तनु - एक शर्त है
वीर - कैसी
तनु - तुमने कहा था तुम अब से मुझे टच नहीं करोगे।
वीर - हा तो
तनु - वैसे मैने तो रोका नहीं, इसीलिए अगर तुम उस बात के लिया सॉरी बोलो तो मैं चलूंगी।
वीर - ठीक है सॉरी, अब चलो।
तनु - ही ही ही तुमने मुझसे एक सवाल पूछा था ना, कल रात को।
वीर - हा , यही की तुम सजती क्यो नहीं, सवारती क्यो नहीं , बेकार सी सकल क्यों बनाए रहती हों, और मेरे प्यार झूठा है क्या, यही पूछा था।
तनु - एक औरत, तब सजती है जब उसको अपने पति को लुबाना हो, उसके लिया ही औरत सजती है , और तुमने कहा था ना बहुत प्यार करते हो मुझसे।
वीर - हा
तनु - तुमको तुम्हारी तनु को सजती हुई देखना था, वादा रहा अब से तुम्हारी तनु तुमको हमेशा सजी हुई मिलेगी, तुम्हारे लिए , अब जाओ पागल।
वीर आगे आता है और तनु भाग जाती है पीछे
तनु - ओह हेलो, मिस्टर बेताब मैने सजने को बोला की तुम्हारे लिए सजूँगी, सज नहीं गई, और वैसे भी मैने इज़हार नही किया।
वीर उदास हो कर जाने लगता है , तभी तनु कहती है लेकिन क्या पता तुम्हारा हस्ता चहरा देख कर कर दूं,
वीर हस्ते हुआ चला जाता है,
और तनु स्माइल करती है और कहती है बेरूपिए ने मेरा दिल तो जीत लियाऔर ये कहते हुए उसके गाल लाल हो जाते है।
तनु - आज तुमको पागल ना कर दिया तो मेरा नाम भी तनु नहीं, पागल लड़का कुछ भी कर देता है बताओ, बंदर कहता है तुम तो मेरी हो ही ही ही ही।
राखी - तुम्हे खुश देख कर अच्छा लगा बेटी।
तनु - मां बहुत खुश हूं मैं, बहुत प्यार करने वाला मिला, अब जो भी हो ये मुझे अपनाया है इसने अब मेरी पारी इसे दिखाने की, की इसकी तनु कोई गांव की ऐसी वैसी नहीं है।
राखी - पागल
इधर तनु तैयार होना शुरू कर देती है, और दूसरी तरफ कार में साक्षी और अनु और काव्या बोर हो जाती है।
काव्या - पापा मम्मी कहा है , कब आएगी वो, मैं बोर हो गई।
अनु - यार दीदी बुलाओ ना, बड़ी दीदी को।
साक्षी - मेरे मैं इतनी हिम्मत नहीं , जिसको दात खाना हो बुलाओ।
वीर पहले सोचता है तनु को बुलाने जाए लेकिन फिर वो कहता है आज दात खाना का मन नही तनु कभी भी गुस्सा हो जाती है।
तभी 1.5 घंटे बाद तनु नीचे आती है, और उसको देख कर वीर की सास अटक आती है वो जल्दी से पानी पीने लगता है।
वही सूरज ढल चुका था और हल्का हल्का चांद निकला था, ऊपर से तनु ने ग्रीन साड़ी पहनी थी जिस पर स्ट्रीट लाइट की रोशनी तनु की कमर पर पड़ती है, खुले खुले बाल, होठ मैं हल्की लिपस्टिक, और हवा में उसके बाल लहरा रहे था, और तनु के बाल उसकी आंखों में लग रहे था इसलिए उसने अपनी आंखें बंद कर ली ।
और तनु का ये रूप देख कर वीर का रोम रोम हिल गया, उसे अपनी सास कंट्रोल करने मैं दिक्कत होने लगी, उसे ये समझ नहीं आ रहा था की सुबह वाली तनु कही कोई दूसरी तो नही थी ये तो पूरी चेंज हो गई।
वीर - तो ये है तनु जिसने पूरा गांव में अपना सिक्का चला रखा था
वीर खुद अब किसी तरह अपने लन्ड और सास को बैठने की कोशिश कर रहा था।
और वही तनु का ऐसा रूप देख कर राज और उसके चाचा और पापा सब तनु को घूर रहे था।
काव्या - हाए मेरी मम्मी।
साक्षी हल्की स्माइल के साथ तनु को देखती है और कार का डोर खोल कर सबसे पहले तनु को अंदर बैठने देती है।
काव्या - मम्मी मुझे चिपका लो।
उसकी ये बात सुन कर तनु को हसी आ जाती है और उसने काव्या को अपनी गोद मैं बैठा लिया और वीर को हल्की स्माइल के साथ देखने लगी।
साक्षी आगे बैठी थी वो खांसती है और कहती है चले।
अनु बस चुपके चुपके तनु को घूर रही थी वो भी लड़की थी उसे भी पता था एक लड़की कब सजती है।
अनु मन में सोचती है दीदी ने सजना शुरू कर दिया मतलब.
साक्षी - इतना टाइम कैसे लग गया।
तनु - पानी भरी नहाई, और फिर तैयार हुई, और थोड़ा हेयर रिमूवर की।
साक्षी भी अब तनु को तिरछी नज़र से देख रही थी या ये कहे उसको भी जलन हो रही थी की तनु इतना सज कर आई है।
तनु मन मैं कहती है वीर तुम्हारी सास तो तेज है अभी ही, इज़हार करूंगी तो पागल हो जाओगे,
तनु को मन ही मन हसी आ रही थी क्युकी उसको पता था , वीर को इज़हार के बाद भी बहुत प्रोब्लम होगी, उसकी 2 वाइफ और भी है।
तनु - अभी तो पार्टी शुरू हुई है वीर
नेक्स्ट सीन
"हा भाई वीर का गेम बजा डाल" ऊपर से ऑर्डर है रमेश भाई ने बोला है।
लेकिन उन्हें क्या पता था उनकी ये कॉल अंजली बैठी सुन रही थी।
अंजलि - now game start ramesh
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To be continued.... Next scene bahut romantic hoga..i know update chota hai lekin ab bahut jald chudai hone walai haiaur next scene main aap shyad anjali se bhi mile
i dont know lekin romance toh bahut gajab wala hoga....dekho yaha tak aaye ho toh like kar hi doge
Update 14
वीर खाना पीना खा कर जमीदार के यहां काम करने चला जाता है और कार से फिर दोपहर को आता है।
वीर - ये बेटी चोद इंसान है या लन्ड बहन चोद बस भोसड़ा मैं खोया रहता है ।
तभी वीर ऊपर कार को तबेले के पास खड़ा कर के जब जाने लगता है तो उसे कुछ आवाज आती है
वीर देखता है
निधि - आआआहहह हट जाइए वरना अच्छा नहीं होगा, आआआआहह्हह मम्मी छोड़ दीजिए उई मां रात को चोदने में क्या दिक्कत रहता है आपको अभी कोई आ जाएगा तो क्या रह जायेगा
निधि - निकल गया ना अब हटो , कुत्ता कही का रोज रोज का यही हो गया है।
वीर इन दोनो की चूदाई देख कर तेज से सास लेता हुआ भाग गया।
वीर - आज एक बात तो समझ गया ना मैं भी हा होती है और सभी पत्नी की गाली खाते है , लेने के लिए।
तभी वीर ऊपर चला जाता हैं तो उसको दीवाल के पास बैठी हुई काव्या दिखती है।
और अंदर तीनो पत्नियां बैठ कर कुछ कर रही थी।
जैसे ही वीर काव्या को ले कर रूम में आता है तो देखता है तीनो उसको देखने लगती है
तभी काव्या बोलती है मम्मी चलो ना घूमने चलते है बाहर।
तभी तनु वीर को देखती है और मन मैं कहती है फिर कुछ दिमाग लगा कर आया है
साक्षी - हा बेटा हम सब चलेंगे परेशान मत हो।
तभी साक्षी और अनु काव्या को तैयार करने लगती है, और वीर बाहर आता है तभी उसको तनु बाहर दिखती है, जो दीवाल पर चढ़ के बैठी थी।
वीर - चलो ना घूमने तुम भी
तनु - वो दोनो जा रही है ना, काव्या को ले कर जाओ ना, आराम से।
वीर - नही मैने तो तुम्हारे लिया सब किया, चलो ना मैं तुमको पसन्द करता हूं।
तनु वही दीवाल पर टेक लगा कर वीर को देखती है।
और कहती है मुझे सब पता है तुम्हे क्यो पसन्द आ रही हूं मैं, हट जाओ वर्ना कूट दूंगी हटो जरा साक्षी को बताने दो मुझे ये मेरे लिया है ना रुको।
तनु की इतनी बात सुन कर वीर की गांड़ फट जाती है और वो तनु को पकड़ लेटा है, अरे प्लीज़ मत बताओ ना।
ये सुन कर तनु कुछ नहीं कहती है वीर को हटने का इशारा करती है, लेकिन वीर फिर से जज्बातों मैं बह गया था। और तनु की खोपड़ी अब हिल गई थी।
तनु - बार बार आ कर छूना जरूरी है बिना छुए बात नहीं हो सकती तुम्हारी।
और वीर को थोड़ा धकेल देती है और आगे बड़ जाती है
वीर - मेरी ही गलती है पता नही इसको देख कर क्या हो जाता है कंट्रोल खो क्यो देता हूं।
तभी तनु गुस्से में नीचे जाती है और उसने ध्यान नहीं दिया की सीढ़ी के बगल ऊपर साइड गरम पानी है और वीर जस्ट उसके पीछे होता है।
तभी तनु की हाथ उस बर्तन पर लग जाता है, जिसमें गर्म पानी था और वो गर्म पानी तनु के ऊपर गिरने लगता है।
तभी वीर तनु को अपनी बाहों में दबोच लेता है, और सीढ़ी पर ही उसके ऊपर लेट जाता हा, जिससे गर्म पानी उसके ऊपर गिर पड़ता है और तनु बिल्कुल सेफ रहती है।
तभी वीर का ध्यान आता है, की उसके एक हाथ तनु की मुलायम चुचियों पर होते है , जिसके अहसास से ही वीर का दिल खुश हो जाता है, लेकिन तभी वीर की आंखों में आसू आ जाते है।
जब शरीर पर पूरा गरम पानी गिरता है ना तो सारी आशिकी गांड़ के रास्ते निकल जाती है और वही वीर के साथ हुआ।
उसकी पूरी पीठ जल गई और इस आवाज़ से हर कोई आ गया।
काव्या - ही ही ही ही पापा क्या हुआ गिर पड़े, मम्मी के ऊपर।
वही वीर काव्या की आवाज़ सुन कर जल्दी से अपना हाथ तनु के ऊपर से हटा लेता है और खड़ा हो जाता है।
साक्षी - क्या हुआ वीर, तनु, तुम दोनो ठीक हो ना।
अनु - कैसे गिर पड़े दिखाई नहीं देता क्या, अंधे हो जरा देख लिया करो, बेटी है तुम्हारी कुछ तो शर्म कर लिया करो।
तभी ये शोर सुन कर राज और उसका चाचा सूर्य और उदय दोनो खड़े थे।
उदय - दिमाग़ सही नहीं रहता क्या तेरा, तीन तीन बीवी मिलने से पागल हो गया है तू।
सूर्य - कैसे गिर पड़े , ये तुझे परेशान कर रहा था क्या बिटिया।
मधु - अरे आप दोनो कहा बच्चो के बीच आ गए है।
उदय - अरे ये तो इंसान ही गिरा हुआ है, पता नहीं कहा मेरी बिटिया फस गई इस करमजले के चक्कर में, कल को मेरी बेटी गिर पड़ती, चोट लग जाती तो , आज बच गई आगे क्या होगा भगवान जाने।
मधु - कुछ नहीं होगा वो दोनो खुश है।
तभी तनु चिल्लाती है , अरे इतनी ही फिकर है तो बर्तन किसने रखा था , वीर की गलती नहीं है समझे अपनी हरकतें देखे।
तभी तनु कुछ और बोलती उसके पहले वीर ने उसको इशारे से मना कर दिया।
और ऊपर जाने लगा और काव्या को देख कर बोला परेशान मत हो बेटा हम सब घूमने चलेंगे।
तनु ये सुनती है तो उसकी आंखें नम हो जाती हैं , और तनु का गुस्सा देख कर सब सटक लेते है और सब को पता चल गया था गलती वीर की नहीं थी।
वीर ऊपर आता है और तनु उसके पीछे रहती है।
साक्षी - ठीक हो तुम दोनो, बर्तन में पानी था इसलिए चोट लगी।
तभी तनु कुछ बोलती उसके पहले वीर बोलता है हा बाबा मैं बिल्कुल ठीक हूं आप टेंशन मत लो अब चलो वर्ना काव्या रो देगी।
तभी वो दोनो और काव्या नीचे जाने लगती है।
तनु - बताने क्यो नहीं दिया।
वीर - काव्या बहुत खुश है अगर तुम बता देती तो साक्षी कभी जाने नहीं देती, और मैं काव्या को उदास नहीं देख पाता।
तनु कुछ और कहती तभी वीर कहता है माफ करना मैने तुम्हे छुआ, अब से नही टच करूंगा।
तनु - क्यो बचाया मुझे , में तुम्हे दिन भर मारती रहती हूं फिर भी मुझे बचाया।
वीर - प्यार करता हूं , तुमसे अपनी आंखों के सामने ऐसे जलता नहीं देख सका, तो सोचा दुनिया भर की गाली सुन सकता हूं, तुम्हे बचा कर तो किया।
तनु अपनी आंखों को पोछती है और कहती है शर्ट उतारो, कमरे में चल कर।
वीर - अरे ठीक है
तभी तनु अपनी चप्पल उतार लेती है।
वीर- उतार दिया मैने आओ।
तनु - बिना डाट खाए दिमाग चलता नहीं तुम्हारा।
फिर वो वीर के पीठ पर क्रीम लगती है और धीरे धीरे पोछती है फिर शर्ट पहने को बोल देती है।
वीर जाने लगता है और कहता तुम भी चलो।
तनु - एक शर्त है
वीर - कैसी
तनु - तुमने कहा था तुम अब से मुझे टच नहीं करोगे।
वीर - हा तो
तनु - वैसे मैने तो रोका नहीं, इसीलिए अगर तुम उस बात के लिया सॉरी बोलो तो मैं चलूंगी।
वीर - ठीक है सॉरी, अब चलो।
तनु - ही ही ही तुमने मुझसे एक सवाल पूछा था ना, कल रात को।
वीर - हा , यही की तुम सजती क्यो नहीं, सवारती क्यो नहीं , बेकार सी सकल क्यों बनाए रहती हों, और मेरे प्यार झूठा है क्या, यही पूछा था।
तनु - एक औरत, तब सजती है जब उसको अपने पति को लुबाना हो, उसके लिया ही औरत सजती है , और तुमने कहा था ना बहुत प्यार करते हो मुझसे।
वीर - हा
तनु - तुमको तुम्हारी तनु को सजती हुई देखना था, वादा रहा अब से तुम्हारी तनु तुमको हमेशा सजी हुई मिलेगी, तुम्हारे लिए , अब जाओ पागल।
वीर आगे आता है और तनु भाग जाती है पीछे
तनु - ओह हेलो, मिस्टर बेताब मैने सजने को बोला की तुम्हारे लिए सजूँगी, सज नहीं गई, और वैसे भी मैने इज़हार नही किया।
वीर उदास हो कर जाने लगता है , तभी तनु कहती है लेकिन क्या पता तुम्हारा हस्ता चहरा देख कर कर दूं,
वीर हस्ते हुआ चला जाता है,
और तनु स्माइल करती है और कहती है बेरूपिए ने मेरा दिल तो जीत लियाऔर ये कहते हुए उसके गाल लाल हो जाते है।
तनु - आज तुमको पागल ना कर दिया तो मेरा नाम भी तनु नहीं, पागल लड़का कुछ भी कर देता है बताओ, बंदर कहता है तुम तो मेरी हो ही ही ही ही।
राखी - तुम्हे खुश देख कर अच्छा लगा बेटी।
तनु - मां बहुत खुश हूं मैं, बहुत प्यार करने वाला मिला, अब जो भी हो ये मुझे अपनाया है इसने अब मेरी पारी इसे दिखाने की, की इसकी तनु कोई गांव की ऐसी वैसी नहीं है।
राखी - पागल
इधर तनु तैयार होना शुरू कर देती है, और दूसरी तरफ कार में साक्षी और अनु और काव्या बोर हो जाती है।
काव्या - पापा मम्मी कहा है , कब आएगी वो, मैं बोर हो गई।
अनु - यार दीदी बुलाओ ना, बड़ी दीदी को।
साक्षी - मेरे मैं इतनी हिम्मत नहीं , जिसको दात खाना हो बुलाओ।
वीर पहले सोचता है तनु को बुलाने जाए लेकिन फिर वो कहता है आज दात खाना का मन नही तनु कभी भी गुस्सा हो जाती है।
तभी 1.5 घंटे बाद तनु नीचे आती है, और उसको देख कर वीर की सास अटक आती है वो जल्दी से पानी पीने लगता है।
वही सूरज ढल चुका था और हल्का हल्का चांद निकला था, ऊपर से तनु ने ग्रीन साड़ी पहनी थी जिस पर स्ट्रीट लाइट की रोशनी तनु की कमर पर पड़ती है, खुले खुले बाल, होठ मैं हल्की लिपस्टिक, और हवा में उसके बाल लहरा रहे था, और तनु के बाल उसकी आंखों में लग रहे था इसलिए उसने अपनी आंखें बंद कर ली ।
और तनु का ये रूप देख कर वीर का रोम रोम हिल गया, उसे अपनी सास कंट्रोल करने मैं दिक्कत होने लगी, उसे ये समझ नहीं आ रहा था की सुबह वाली तनु कही कोई दूसरी तो नही थी ये तो पूरी चेंज हो गई।
वीर - तो ये है तनु जिसने पूरा गांव में अपना सिक्का चला रखा था
वीर खुद अब किसी तरह अपने लन्ड और सास को बैठने की कोशिश कर रहा था।
और वही तनु का ऐसा रूप देख कर राज और उसके चाचा और पापा सब तनु को घूर रहे था।
काव्या - हाए मेरी मम्मी।
साक्षी हल्की स्माइल के साथ तनु को देखती है और कार का डोर खोल कर सबसे पहले तनु को अंदर बैठने देती है।
काव्या - मम्मी मुझे चिपका लो।
उसकी ये बात सुन कर तनु को हसी आ जाती है और उसने काव्या को अपनी गोद मैं बैठा लिया और वीर को हल्की स्माइल के साथ देखने लगी।
साक्षी आगे बैठी थी वो खांसती है और कहती है चले।
अनु बस चुपके चुपके तनु को घूर रही थी वो भी लड़की थी उसे भी पता था एक लड़की कब सजती है।
अनु मन में सोचती है दीदी ने सजना शुरू कर दिया मतलब.
साक्षी - इतना टाइम कैसे लग गया।
तनु - पानी भरी नहाई, और फिर तैयार हुई, और थोड़ा हेयर रिमूवर की।
साक्षी भी अब तनु को तिरछी नज़र से देख रही थी या ये कहे उसको भी जलन हो रही थी की तनु इतना सज कर आई है।
तनु मन मैं कहती है वीर तुम्हारी सास तो तेज है अभी ही, इज़हार करूंगी तो पागल हो जाओगे,
तनु को मन ही मन हसी आ रही थी क्युकी उसको पता था , वीर को इज़हार के बाद भी बहुत प्रोब्लम होगी, उसकी 2 वाइफ और भी है।
तनु - अभी तो पार्टी शुरू हुई है वीर
नेक्स्ट सीन
"हा भाई वीर का गेम बजा डाल" ऊपर से ऑर्डर है रमेश भाई ने बोला है।
लेकिन उन्हें क्या पता था उनकी ये कॉल अंजली बैठी सुन रही थी।
अंजलि - now game start ramesh
..
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To be continued.... Next scene bahut romantic hoga..i know update chota hai lekin ab bahut jald chudai hone walai haiaur next scene main aap shyad anjali se bhi mile
i dont know lekin romance toh bahut gajab wala hoga....dekho yaha tak aaye ho toh like kar hi doge
Jarur sir dekte haiBahut hi behatreen update he Ghost Rider ❣️ Bhai
Dheere Dheere hi sahi Vir apni tino biwio ka dil jitne me kamyab ho gaya he.......... ab Tanu ke sath bahut hi jabardast wala pyar hoga
Ye vir ko marne ki palaning kaun bana raha he.......Anjali shayad in logo ko kamyab na hone de
Keep posting Bhai